मंगलवार, 6 मार्च 2012

एक ऐसा गॉव........जहॉ दूसरी बेगम से होती संतान


एक ऐसा गॉव........जहॉ दूसरी बेगम से होती संतान 

चन्दनसिंह भाटी की खास रिपोर्ट 

बाडमेर भारत पाकिस्तान सरहद पर बसे बाडमेर जिले के एक गाूव के साि अजीब संयोग जुडा हैं।इस गॉव में प्रत्येक परिवार में दूसरी बेगम से ही संतान होने का अजीब संयोग जुडा हेै।बाडमेर गडरा रोड सडक मार्ग पर जिला मुख्यालय से अठाइस किलोमीटर दूर स्थित देरासर ग्राम पंचायत के अल्प संख्यक बाहुल्य राजस्व गांव रामदियों की बस्ती के सतर परिवारों कें साथ यह संयोग जुडा हैं। 
बाडमेर जिला मुख्यालय से अठाइस किलोमीटर गउरा रोड सउक मार्ग पर स्थित देरासर ग्राम पंचायत के अल्पसंख्यक बाहुल्य रामदियों की बस्ती में सतर परिवार आबाद हैं।सभी परिवार रामदिया मुसलमान समुदाय से हैं।इस गावॅ के हर परिवार में हर व्यक्ति क दो दो निकाह किऐं हैं।मुसलिम परिवारों में दो निकाह कोइ्र आश्चर्य का कारण नही हैं।मगर इस गांव के लोगों द्घारा दूसरा निकाह करने के पीछे जो कारण हेंवो आचर्यजनक हैं।इस गॉव में किसी भी परिवार में पहली भादी कें बाद किसी के भी संतान नहीं हैं।मगर दूसरी भादी के बाद सभी के दूसरी बीबी से संतान हैं। 
एक दो परिवारों में ऐसा हो तो उसे संयोग मात्र कह सकते हैं।मगर हर व्यक्ति कें दूसरी भादी के बाद ही संतान होना किसी आचर्य से कम नही हैं।गांव कें बुजुर्ग पैंसठ वशीर्य आरब खान बताते हैं कि गांव कें साथ यह संयोग कई दाकों से जूडा हैं।गांव कें लाला मीठा के भादी के बाद कई सालों तक संतान नहीं हुई।परिजनों नें कई र्मतबा उस पर दूसरी निकाह के लिऐं दबाव डाला मगर मीठा नें साफ इन्कार कर दिया।लगभग पचपन साल की उम्र में उसकी पत्नी का निधन हो गया।उसके बाद परिजनों कें दबाव कें कारण मीठा नें दूसरी भादी के लिऐं अपनी रजामंदी दी।निकाह के एक साल बाद ही उसकें घर लडकी पैदा हुई।फिर तीन लडकें भी हुऐं।इसकें बाद सें तो हर परिवार में पहली भादी के बाद पहली बीबी से किसी को भी संतान नही हुइ्रं। 
दूसरी भादी करनें कें बाद दूसरी बेंगम से हर परिवार में संतानें हुई।यह परिपाटी आज भी बदस्तुर जारी हैं।इसका कारण पूदने पर आरब नें इसे खुदा की मेहर बताया।गांव में कइ्र लोगों नें आधी उम्र बीत जानें कें बाद संतान की चाह में भादीया की तों उन्हें निराा हाथ नही लगी।जिसने भी दूसरी ादी की उसकें संतानें जरूर हुई।गत माह भी तीन तनों नें दूसरी भादीया की हैं।गांव में लगभग सभी लोग आिक्षित हैं।इस गांव कें जादम खान के अनुसार उसकी पहला निकाह सत्रह साल की उम्र में हो गई थी।चार साल तक घर में बच्चा नही होनें कें कारण मेरा दूसरा निकाी सफियत कें साथ हुआ।जिससें मेरे को तीन लडकें और चार लडकिया हुर्ह। 


बहाहाल रामदियो की बस्ती नामक इस गाँव कें साथ रोचक तथ्य जुडा हें।आखिर कोइ्र वैज्ञानिक कारण हें या महज संयोग सोचने वाली बात हैं। े 





2 टिप्‍पणियां:

  1. यह अजीब संयोग की बात है। खोजी एवं उत्कृष्ट पत्रकारिता हेतु भाटी साहब को कोटि-कोटि धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  2. पत्रकार भाटी साहब इतनी गलतियाँ है की कोई भी नहीं ढग से नहीं समझेगा शादी की जगह भादी भादिया तीन जनो की जगह तनो कुछ सुधार करके लिखे ताकी पढ़ने वाले को भी लगे की दो तीन लाईन और होती तो और मजा आता

    जवाब देंहटाएं