कोरोना से बचाव को गहन रणनीतिबाहरी जिलों से लौटे शिक्षकों का होम आईसोलेशन अनिवार्य
बाड़मेर, 10 अप्रैल। जिले में एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने के पश्चात् वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए गहन रणनीति अपनाई जा रही है। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बाहरी जिलों से लौटे शिक्षकों को अनिवार्य रूप से होम आईसोलेशन में रहने के निर्देश दिए है। साथ ही चिकित्सा विभाग को जिले में लॉक डाउन घोषित होने के पश्चात बाहर से लौटे सभी लोगों की सघन स्क्रीनिंग के निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर मीणा शुक्रवार को जिले की सेड़वा तहसील के कितनोरिया में कर्फ्यू तथा सेनेटाईजेशन की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दान रतनू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींवसिंह भाटी एवं मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक मूलाराम चौधरी एवं माध्यमिक डालूराम चौधरी भी मौजूद थे। जिला कलक्टर मीणा ने बाहरी जिलों से लौट रहे अध्यापकों एवं कार्मिकों को चिन्हित कर उनको होम आईसोलेशन के लिए पाबन्द करने को कहा है। साथ ही ऐसे कार्मिकों की डयूटी पंचायत स्तरीय निगरानी समिति में लगी हुई है तो तुरन्त प्रभाव से उनकी जगह अन्य कार्मिक को नियुक्त करने के निर्देश दिए गए है।
शिक्षा विभाग में कन्ट्रोल रूम - जिला कलक्टर मीणा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन की घोषणा होते ही बाड़मेर जिले से काफी संख्या में बाहरी जिलों के अध्यापक बिना किसी की अनुमति के मुख्यालय छोडकर अपने अपने गृह जिलों के लिए निकल गए है तथा ना ही इनके द्वारा सक्षम स्तर से किसी प्रकार के अवकाश की स्वीकृति ही ली गई है। अब जब इनकी डयूटी लग रही है तो ये चुपके से बोर्डर क्रॉस कर वापिस आ रहे है तथा अपनी ट्रेवल हिस्ट्री छुपाकर चुपचाप डयूटी जॉईन कर रहे है। उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक तथा माध्यमिक दोनों को अपने कार्यालयों में कन्ट्रोल रूम खोलकर दो दिन के अन्दर जिले में कार्यरत सभी बाहरी शिक्षकों से जानकारी लेने एवं उनकी वर्तमान लोकेशन का पता करने को कहा।
होम आईसोलेशन - जिला कलक्टर ने कहा कि इस प्रकार उक्त शिक्षक या अन्य कार्मिक खुद अपना नुकसान तो कर ही रहे है साथ ही कोरोना ट्रांसपोर्टर बनकर मानव जीवन को भी खतरा पहुंचा सकते है। उन्होने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे अपने अपने क्षेत्र के ऐसे अध्यापकों को चिन्हित कर उनको होम आईसोलेशन के लिए पाबन्द करें। साथ ही उक्त प्रकार के कार्मिकों की डयूटी पंचायत स्तरीय निगरानी समिति में लगी हुई है तो तुरन्त प्रभाव से उसके स्थान पर अन्य कार्मिक की नियुक्ति करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जो शिक्षक वर्तमान में जिले से बाहर है वे लॉक डाउन खत्म होने तक वहीं रहें।
चैक पोस्ट पर मेडिकल जांच - जिला कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जिले की सभी चैक पोस्टों पर मेडिकल टीमें तैनात कर जिले में प्रवेश करने वाले लोगों की सघन स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि जिले में किसी का भी प्रवेश निषेध है। लेकिन फिर भी किसी प्रकार का वैद्य परमिट या अनुमति होने पर ऐसे लोगों को भी प्रवेश देने से पहले उनकी मेडिकल जांच कर ली जाए।
तथ्य छुपाने पर गिरफ्तारी - इस मौके पर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि संक्रमित जिलों से आने वाले अध्यापक एवं अन्य राजकीय कार्मिक स्वयं आगे आकर अपनी चिकित्सा जांच करवाएं एवं खुद हो क्वारेंटाईन रखें। उन्होने बताया कि तथ्य छुपाने वाले ऐसे कार्मिकों की बाद में मोबाईल कॉल डिटेल से लोकेशन पता कर जानकारी ली जाएगी एवं गलत जानकारी मिलने पर उनके विरूद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। जिसमें मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाएगा।
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जिला कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिसराहत सामग्री वितरण के दौरान फोटो लेना व्याख्याता को पड़ा भारीबाड़मेर, 10 अप्रैल। जिले में लोक डाउन मे जरूरतमंदों को राहत सामग्री वितरण के दौरान फोटोग्राफी करने व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने को जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने गंभीरता से लेते हुए व्याख्याता संतोष नामा को कारण बताओ नोटिस दिया है।
जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि लोक डाउन मे जरूरतमंद परिवारों को राहत सामग्री वितरण करने के लिए कार्मिकों को नियुक्त किया गया एवं उन्हें निर्देशित किया गया कि वे वितरण दौरान सोशल डिस्टेंस की पूर्ण पालना करें। उन्होंने बताया कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पंचायत समिति बाड़मेर में कार्यरत व्याख्याता संतोष नामा (आरपी) को राहत सामग्री वितरण कार्य के समय सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने व फोटोग्राफी कर फेसबुक व वाट्सएप इत्यादि पर प्रसारित करने के परिणामस्वरूप कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने राहत सामग्री वितरण कार्य में नियुक्त समस्त कार्मिकों को फोटोग्राफी नहीं करने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने की हिदायत दी।
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प्रिसिपल के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने एवं असहयोग का मुकदमा दर्जबाड़मेर, 10 अप्रैल। जिले की सेड़वा तहसील के कितनोरिया गांव में कोरोना से संकर्मित पाए गए प्रिसिपल के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने एवं असहयोग करने का मामला धोरीमन्ना पुलिस थाने में दर्ज किया गया हैं।
जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि रा.उ.मा.वि. कितनोरिया के प्रिंसिपल अब्दुल रहमान के खिलाफ कितनोरिया की ए.एन.एम एवं पटवारी द्वारा राजकार्य में बाधा पहुंचाने एवं सरकारी निर्देशों की अवहेलना तथा राजकीय कार्मिको से असहयोग करने का मामला दर्ज करवाया गया है। इस संबंध में प्रिसिपल के विरूद्ध एफआईआर न. 79/20 धोरीमन्ना पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई है।
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लोक डाउन के बावजूद जयपुर से आए प्रिसिपल समेत सभी कार्मिक होंगे निलंबितबाड़मेर, 10 अप्रैल। राजस्थान सरकार के आदेशों की अवहेलना एवं लोक डाउन के बावजूद जयपुर से बाड़मेर आए कोरोना सकर्मित प्रिसिपल समेत सभी चारो कार्मिको को निलंबित किया जाएगा।
जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि कोरोना वायरस के सक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉक डाउन घोषित किया हुआ है। इसके बावजूद बिना किसी सक्षम अनुमति के रा.उ.मा.वि. कितनोरिया के प्रिंसिपल अब्दुल रहमान, पंचायत समिति धनाऊ के सी.बी.ई.ई.ओ गंगाराम शर्मा, रा.उ.मा.वि. रामदेव मंदिर (श्रीराम वाला) पंचायत समिति धानाऊ के प्रधानाचार्य मातादीन मीणा समेत चार शिक्षकों ने अपना मुख्यालय छोड़ा। साथ ही लोक डाउन एवं सात जिलो की सीमाओं को तोड़, तथ्यों को छिपा कर यात्रा की एवं वापस आकर बिना कोई चिकित्सा जाँच के सरकार को गुमराह किया। इन सभी आरोपो को मध्यनजर रखते हुए जिला कलेक्टर ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से सभी कार्मिको को तुरन्त प्रभाव से निलंबित करने की अनुसंशा की हैं।
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शिक्षकों को निगरानी टीमों में शामिल नहीं करने के निर्देशबाड़मेर, 10 अप्रैल। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं प्रभावी अंकुश लगाने को जिले में अन्य राज्यों से आने वाले लोगों एवं होम क्वारेटाईन में रखे गए लोगों की निगरानी के लिए गठित निगरानी सतर्कता टीमों में यथासंभव संक्रमित जिलों से लौटे शिक्षकों को शामिल नहीं करने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्रों में वार्ड वार एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राजस्व ग्राम वार निगरानी टीमों का गठन किया गया है। उन्होने बताया कि निगरानी टीमों में अत्यधिक संक्रमित जिलों यथा जयपुर, जोधपुर, भीलवाडा, झुन्झुनू, टौंक, बीकानेर जिलों से हाल ही में लौटंे शिक्षकों को यथासंभव शामिल नहीं किया जाए। ताकि जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण की आंशका पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकें।
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कार्मिकों को मुख्यालय नहीं छोडने के निर्देशबाड़मेर, 10 अप्रैल। जिले में कोरोना वायरस रोकथाम के लिए जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने सीमावर्ती जिलों से दैनिक आवाजाही करने वाले विभिन्न अनिवार्य सेवाओं से जुडे विभागों एवं बैंक के कार्मिकों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि लॉक डाउन अवधि के दौरान कुछ अनिवार्य सेवाओं से जुडे विभाग एवं बैंकिग कार्य नहीं रोका गया है। जिले में कई कार्मिक है जो सीमावर्ती जिलों से दैनिक आवाजाही कर कार्य संपादित करते है। उन्होने बताया कि सीमावर्ती जिलों में फैल रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दैनिक आवाजाही करने वाले कार्मिकों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए है ताकि संक्रमण के फैलने के खतरे को टाला जा सके।
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निजी चिकित्सक बिना अनुमति रेफर नहीं करेंगेबाड़मेर, 10 अप्रैल। जिले में देखा गया है कि कुछ निजी चिकित्सक आमजन को बिना किसी सीरियस स्वास्थ्य तकलीफ के एम्बुलेंस से दूसरें जिलों में रेफर कर रहें है। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने समस्त निजी चिकित्सकों को बिना सक्षम स्तर के अधिकारी की अनुमति के किसी को भी एम्बुलेंस से दूसरे जिलों में रेफर नहीं करने के निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि ध्यान में लाया गया है कि कुछ निजी चिकित्सक बिना किसी सीरियस स्वास्थ्य तकलीफ के लोगों को दूसरे जिलों में एम्बुलेंस द्वारा रेफर कर रहे है, जो कि संदेहास्पर्द प्रतित होता है। उन्होने जिले के समस्त निजी चिकित्सकों को निर्देश दिए है कि वे किसी सीरियर अस्वस्थ व्यक्ति को जिले से बाहर रेफर की अनुशंसा से पहले जिले के सक्षम चिकित्सा अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर लेवे। उन्होने बताया कि उक्त निर्देशों की पालना नहीं करने वालों के विरूद्ध कडी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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लॉक डाउन दौरान कोषालयों में ई-मेल या भौतिक रूप से प्रेषित बिल मान्य नहींबाड़मेर, 10 अप्रैल। जिले में लॉक डाउन अवधि के दौरान कोष एवं उपकोष कार्यालयों पर भौतिक रूप से बिल नहीं लिये जाएंगे। साथ ही ई-मेल द्वारा प्रेषित बिल भी स्वीकार्य नहीं होंगे।
कोषाधिकारी दिनेश बारहठ ने बताया कि वित विभाग के निर्देशानुसार वितीय वर्ष 2020-21 में लॉक डाउन अवधि के दौरान केवल डिजीटल हस्ताक्षरित या पे-मैनेजर पर अपलोड किये गए विपत्र ही कोष एवं उपकोष कार्यालयों द्वारा स्वीकार किए जाएंगे। उन्होने बताया कि आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा विपत्र ई-मेल द्वारा या भौतिक रूप से प्रेषित किए जाने पर स्वीकार नहंी किए जाएंगे।
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भामाशाह कर रहे सहयोगजिले से मुख्यमंत्री सहायता कोष में अब तक 1 करोड 77 लाख की सहायताबाड़मेर, 10 अप्रैल। कोरोना वायरस के संक्रमण की विपदा में जरूरतमंदों की मदद के लिए जिले के भागाशाहों तथा संस्थाओं के सहायता का क्रम अनवरत जारी है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि शुक्रवार एवं शुक्रवार को बालोतरा वाटर पोल्यूशन कन्ट्रोल एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा एक करोड़ रूपए की राशि का चैक मुख्यमंत्री कोविड-19 आपदा कोष हेतु उपलब्ध कराया गया है। इसी तरह पंचपति पीपा क्षत्रिय समाज समदडी द्वारा एक लाख ग्यारह हजार रूपए, श्री धनाराम चौधरी द्वारा पच्चीस हजार, रामस्नेही एंड कम्पनी द्वारा इक्कीस हजार, रामदेव किराणा स्टोर के श्री जोधाराम द्वारा इक्कीस हजार, श्री राजूराम प्रजापत द्वारा पन्द्रह हजार, एम.युसुफ इलेक्ट्रीकल बालोतरा द्वारा इक्कावन हजार, समस्त मुस्लिम समाज संस्थान बालोतरा द्वारा एक लाख ग्यारह हजार, राणा भवानी सिंह गुडामालानी द्वारा इक्कावन सौ, कांतिलाल सोनी गुडामालानी द्वारा इक्कीस हजार, महंत मोटनाथ लीलसर धाम द्वारा इक्कीस हजार, गोगाराम नेहरा धनाउ द्वारा इक्कावन सौ, मदनलाल सिंगल बाड़मेर द्वारा एक लाख राशि तथा लक्ष्मण सोलंकी चौहटन द्वारा पच्चीस हजार पांच सौ इक्कवन के चैक मुख्यमंत्री कोविड-19 आपदा कोष हेतु उपलब्ध कराए गए है।
जिला कलक्टर मीणा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम हेतु जिले में गुरूवार तक एक करोड़ सितत्तर लाख बीस हजार आठ सौ चौरानवे की सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 हेतु उपलब्ध करवाई गई है।
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