मंगलवार, 7 जून 2016

झालावाड़ जिला शिक्षा अधिकारी ने छुट्टी के दिन वापस लिया बेतुका फरमान, शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों की फोटो वाट्सअप पर डालने की बाध्यता हटाई

झालावाड़ जिला शिक्षा अधिकारी ने छुट्टी के दिन वापस लिया बेतुका फरमान, शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों की फोटो वाट्सअप पर डालने की बाध्यता हटाई




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(प्रतीकात्मक चित्र)


शिक्षकों को अब खुले में शौच करने वालों की फोटो वाट्सअप पर डालने की अनिवार्यता हटाई:

— झालावाड़ जिला शिक्षा अधिकारी ने रविवार को छृट्टी के दिन जारी किए संशोधित आदेश
— संशोधित आदेशों में कहा, वाट्सअप पर फोटो डालने के आदेश गलती से जारी हो गए
— 3 जून के आदेश में कहा था, शिक्षक हर दिन सुबह पांच बजे ड्यूटी पर आएं, खुले में शौच करने वालों के फोटो अनिवार्य रूप से वाट्सअप पर डालें
— अब संशोधित आदेशसों में आदेश की भाषा में आई नरमी, कहा, शिक्षक अभिभावक—छात्रों के संपक में रहते हैं, लिहाजा समझाएं
— सप्ताह में केवल दो—तीन दिन ही तहसीलदार पटवारी के साथ रहना है, सभी पंचायतों में नहीं चुनिंदा पंचायतों में ही निगरानी करनी है



जयपुर। शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों की रोज सुबह पांच बजे से निगरानी करने और वाट्सअप पर फोटो डालने का बेतुका फरमान झालावाड़ के जिला शिक्षा अधिकारी ने वापस ले लिया है। बेतुके फरमान की खबर चलने और शिक्षकों में रोष के बाद रविवार को छुट्टी के दिन ही झालावाड़ के जिला शिक्षा अधिकारी ने संशोधित आदेश जारी किए। संशोधित आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों के फोटो वाट्सअप पर डालने के आदेश गलती से जारी हो गए हैं।



(डीईओ द्वारा जारी किए गए अजीबों गरीब आदेश की कॉपी)


आदेशों मेें कहा गया है कि खुले में शौच करने से रोकने की की निगरानी तहसीलदार, एसडीएम के साथ करनी है, अकेले शिक्षकों को निगरानी नहीं करनी है। यह काम रोज नहीं करके सप्ताह में दो तीन दिन ही करना है और इसमें तहसीलदार, पटवारी साथ रहेंगे, शिक्षकों को तो उनका केवल सहयोग करना हे। साथ ही खुले में शौच करने वालों को समझाइश का काम चुनिंदा पंचायतों में ही करना है।






(इस संशोधित आदेश में डीईओ ने कहा कि वाट्सअप पर फोटो डालने के आदेश गलती से जारी हो गए)
3 जून को जारी आदेश की भाषा और रविवार 5 जून को जारी संशोधित आदेश की भाषा में फर्क साफ देखा जा सकता है। 3 जून को जारी आदेशों में तो शिक्षकों को साफ आदेश दिए गए थे कि वे सुबह पांच बजे ड्यूटी पर आ जाएं, और खुले में शौच करने वालों की फोटो वाट्सअप ग्रुप पर अनिवार्य रूप से डालें। अब जारी संशोधित आदेश में तो पूरी भाषा ही बदल गई है। संशोधित आदेशों में कहा गया है कि शिक्षक छात्र और अभिभावकों से ज्यादा संपर्क में रहते हैं इसलिए वे खुले में शौच नहीं करने के लिए बेहतर तरीके से समझज्ञइश कर सकते हैं।

नागौर |जमीनी विवाद के चलते चार लोगों पर एसिड अटैक

नागौर |जमीनी विवाद के चलते चार लोगों पर एसिड अटैक


नागौर | नागौर जिले के कुचामन में एक ही परिवार के चार लोगों पर तेजाब डालने का मममला सामने आया हैं| पीड़ितों को उपचार के लिए राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया| पीड़ितों में से ललित मेघवाल की हालत नाज़ुक बताई जा रही थी, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर रेफर कर दिया गया| जानकारी के अनुसार, ये हमला जमीनी विवाद के पैसों के लेन-देन को लेकर हुआ था।

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कुचामन शहर के खारिया रोड स्थित शिव मंदिर के पास एक दुकान पर बैठे चारों लोगों पर फारूक नाम का युवक ने एसिड फेंककर फरार हो गया। सुचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना का जायजा लिया| जांच अधिकारी छोटू लाल और उनकी टीम ने आधे घण्टे के अंतराल में आरोपी फारूक को उसके ससुराल से गिरफ्तार कर लिया|

राजस्थान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत ने राजनीति से लिया संन्यास

राजस्थान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत ने राजनीति से लिया संन्यास



जयपुर | कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री गुरुदास कामत ने सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हैं| समझा जा रहा है कि कामत पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को महाराष्ट्र से राज्यसभा में भेजने से नाराज थे| वहीं कुछ अनुमान ये भी हैं कि ये फैसला उन्होंने राहुल गांधी से हुई अनबन के चलते लिया है| आपको बता दे कि उन्होंने 10 दिन पहले कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की थी और पार्टी से इस्तीफा देने की बात भी कही थी|


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इस्तीफा देने के बाद कामत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम एक भावुक चिट्ठी भी लिखी है| उन्होंने लिखा हैं, 'मैं अपने इस्तीफे के संदर्भ में 10 दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिला था| बाद में मैंने दोनों नेताओं को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा देकर राजनीति छोडऩे के लिए पत्र लिखा, लेकिन मेरे पत्र का कोई जवाब नहीं आया हैं|' उन्होंने कांग्रेस काय्रकर्ताओं से कहा कि पिछले 44 सालों से वह कांग्रेस के लिए काम करते रहे हैं| इस दौरान जो सहयोग मिला है उसके लिए वह सबका धन्यवाद करते हैं|

पीपाड़सिटी/जोधपुर धूप में खड़ा रख जातीय पंचों ने सिर पर उठवाए जूते



पीपाड़सिटी/जोधपुर धूप में खड़ा रख जातीय पंचों ने सिर पर उठवाए जूते
धूप में खड़ा रख जातीय पंचों ने सिर पर उठवाए जूते

पुलिस ने पंचायत समिति क्षेत्र के पीपाड़ रोड गांव में जाट समाज की ओर से एक परिवार के सामाजिक बहिष्कार के मामले में आरोपी जातीय पंचों के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है।

पुलिस थाना अधिकारी किशनलाल विश्नोई ने बताया कि तीन माह पूर्व पीपाड़ रोड के तेजा मंदिर में जाट समाज की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। वीर तेजा मंदिर में जाट समाज के बक्साराम सांई की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पीडि़त पोकरराम को बुलवाया गया।

बैठक में पोकरराम पर उसके पुत्र पर समाज की ही एक बहु को भगा ले जाने का आरोप लगाते हुए जाट समाज पीपाड़ रोड़ से बहिष्कृत कर दिया। पीडि़त ने आरोपी जातीय पंचों पर धूप में खड़ा रखने के साथ पंचों के जूते सिर पर उठाने का भी संगीन आरोप लगाया है।

पीडि़त के अनुसार जाट समाज के पंचों ने इस बैठक में समाज के किसी भी आयोजन में उसे या उसके परिवार को नहीं बुलाने का फरमान जारी करने के साथ सार्वजनिक नल से पानी नहीं भरने व मंदिर में नहीं घुसने देने की भी घोषणा की है। पीडि़त पोकरराम ने बताया कि समाज की मीटिंग की बैठक से उसे धक्के देकर बाहर निकाल दिया।

इसके साथ आरोपी जातीय पंच समाज की कुड़ी गांव में आयोजित चौरासी पट्टी की बैठक में भी मुर्गा बनाकर दण्डित करने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में बक्साराम, भंवरलाल जाट, मांगीलाल छार, दयाराम गोदारा, भीयांराम छार,अपाराम, देवाराम, श्यामलाल, दिलीप, दिनेश, प्रेमचंद सांई, मांगीलाल थोरी सहित पीपाड़ रोड जाट समाज के जातीय पंचों के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर सहायक उपनिरीक्षक घासीलाल मीणा को जांच सौंपी है।

उदयपुर.हल्दीघाटी में नहीं हुई थी प्रताप की पराजय , अकबर ने खफा होकर लगाई थी मानसिंह पर पाबंदी



उदयपुर.हल्दीघाटी में नहीं हुई थी प्रताप की पराजय , अकबर ने खफा होकर लगाई थी मानसिंह पर पाबंदी


18 जून 1576 में हकीम सूर के नेतृत्व में महाराणा प्रताप का हरावल हल्दीघाटी के उत्तर-पूर्वी मुहाने से बाहर निकला। उसके पीछे प्रताप के नेतृत्व में सेना का मुख्य दस्ता बाहर आया। हरावल ने पूर्ण प्रचण्डता से शत्रु सेना की अग्रिम पंक्ति पर धावा बोला। आक्रमण इतना भीषण था कि मुगल सैनिक युद्ध मैदान से भाग खडे़ हुए।

हल्दीघाटी में नहीं हुई थी प्रताप की पराजय , अकबर ने खफा होकर लगाई थी मानसिंह पर पाबंदी




इतिहास के इस महान युद्ध की गाथा जब भी कोई सुनता है तो प्रताप और उनकी सेना पर गर्व की अनुभूति करता है। हल्दीघाटी संग्राम का यह वर्णन किया है डॉ. आशीर्वादलाल श्रीवास्तव ने। उन्होंने बताया कि युद्ध के प्रत्यक्षदर्शी बदायूंनी ने कहीं भी प्रताप की पराजय का जिक्र नहीं किया है। कई इतिहासकारों का भी दावा है कि हल्दीघाटी युद्ध का परिणाम प्रताप के पक्ष में रहा था।

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मुगल इतिहासकार अबुल फजल लिखते हैं कि युद्ध के परिणाम से नाखुश अकबर ने तीन महीने तक मानसिंह व आसिफ खां के मुगल दरबार में आने पर पाबंदी लगा दी थी। युद्ध में जान सस्ती और इज्जत महंगी हो गई थी।




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बदायूंनी लिखते हैं कि प्रताप के आक्रमण से मुगल सैनिकों ने 10-15 किलोमीटर तक भाग कर जान बचाई। बाद में प्रताप की सेना के दोनों भाग एक हुए और वे पहाड़ों की ओर चले गए। मुगल सेना ने उनका पीछा करने का साहस नहीं किया। इसके तीन कारण गिनाए जाते हैं। पहला गर्मी बहुत थी, दूसरा सैनिक बुरी तरह थक चुके थे एवं तीसरा मुगल सेना को डर था कि मेवाड़ की सेना घात लगाकर बैठी होगी, अचानक आक्रमण हुआ तो पूरी मुगल सेना समाप्त हो जाएगी।

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युद्ध में प्रताप को सफलता मिली। पहली बार राजस्थान में मुगल सेना के अजेय होने का भ्रम पूरी तरह टूट गया। राजस्थानी और फारसी स्रोतों का अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि हल्दीघाटी युद्ध में विजय प्रताप की हुई थी।

प्रो. केएस गुप्ता, इतिहासकार




युद्ध में विजय प्रताप की

हुई थी। 1577 में जारी हुए पट्टों के ताम्रपत्र इसका जीवंत प्रमाण हैं। मुगल इतिहासकारों ने एक तरफा वर्णन किया है।

डॉ. चंद्रशेखर शर्मा, इतिहासकार

सोमवार, 6 जून 2016

..नजर आ गया चांद और शुरू हो गया इबादत का महीना, तीस साल बाद जून में है रमजान

...नजर आ गया चांद और शुरू हो गया इबादत का महीना, तीस साल बाद जून में है रमजान

...नजर आ गया चांद और शुरू हो गया इबादत का महीना, तीस साल बाद जून में है रमजान

करीब तीस बरस बाद जून में रमजान माह आया है। पारा 45 डिग्री के आसपास है और दिन लंबे होने से रोजे की अवधि भी करीब 15 घंटे की रहेगी। हालांकि मोमिनों में इसे लेकर कोई चिंता नहीं है, बल्कि वे खुदा द्वारा अपने बंदों का इसी तरह इम्तिहान लेने की बात कह कर उत्साह से लबरेज है।




सोमवार शाम को चांद दिखने के साथ बरकत व इबादत का पाक माह रमजान मंगलवार से शुरू हो रहा है। वैसे तो सभी रोजे 15 घंटे दस से 14 मिनट के हैं। इनमें भी आठ रोजे सर्वाधिक अवधि सवा पन्द्रह घंटे वाले हैं। यह रोजे 19 से 26 जून वाले हैं। रमजान के दौरान सहरी का वक्त सुबह सवा चार बजे के आसपास व इफ्तार शाम करीब 7.25 बजे के आसपास होगा।




गौरतलब है कि करीब 30 वर्ष पहले 1985 व 86 में जून माह में रमजान आया था। जबकि 2000 से 2003 के बीच दिसंबर में रमजान आया था। सर्दी में दिनों की अवधि भी कम होती है। इस चलते उस दौरान रोजे की अवधि 12 घंटे से भी कम समय की थी।




मस्जिदों को सजाया




रमजान के चलते घरों व मस्जिदों में तैयारियां चल रही हंै। मस्जिदों का रंग-रोगन कर आकर्षक लाइटों से सजाया गया है।




कम खाएं, पानी ज्यादा पीयें




चिकित्सकों के अनुसार गर्मी में रोजे करने पर डिहाइड्रेशन से बचना प्रमुख चुनौती है। ऐसे में पानी की कमी से बचने के लिए अकीदतमंदों को रोजे के दौरान सहरी के समय कम खाना चाहिए। लेकिन पानी का सेवन अधिक करें। केले, नारियल पानी व दूध भी पर्याप्त मात्रा में लें। इसके अलावा नमक का सेवन कम करें। सुबह 10 से शाम चार तक बजे तक धूप में निकलने से बचें। लू के दौरान 11 से तीन बजे तक बाहर नहीं निकले। रोजा खोलें तो एक साथ नहीं खाकर पहले 15 मिनट तरल पदार्थ का सेवन करना फायदेमंद रहेगा।




चरम पर उत्साह




भले ही गर्मी के तेवर तीखे हों, लेकिन अकीदतमंदों में रमाजन को लेकर उत्साह चरम पर है। फिर चाहे बुर्जुग हो या फिर बच्चे, हर कोई तैयारी में जुटा हुआ है। रमजान के लिए लोगों ने खाने-पीने की वस्तुओं की खरीदारी भी शुरू कर दी है। अंजुमन इस्लामिया के जनरल सैकेट्री कलीम मोहम्मद ने बताया कि खुदा अपने बंदों का इम्तिहान लेता है। गर्मी से रोजे रखने में कोई असर नहीं पड़ेगा।




झ्धर, व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की मांग




पार्षद जाहिद एहमद सिंधी ने रमजान के दौरान बिजली-पानी की आपूर्ति तथा सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखने की मांग जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर की है। उन्होंने बताया कि इन दिनों बिजली आपूर्ति गड़बड़ाई हुई है।




तरावीह की नमाज शुरू




चांद दिखते ही मुस्लिम इलाकों में युवाओं ने आतिशबाजी की और एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। उधर, इशां की नमाज के बाद तरावीह की विशेष नमाज अदा कर कुरान की तिलावत भी शुरू हुई।

बाड़मेर। सरहद पर पर्यावरण सरंक्षण का सन्देश , सीमा पर जवानों ने ग्रुप फॉर पीपुल्स के साथ पोधे लगा देश को दिया सन्देश

बाड़मेर। सरहद पर पर्यावरण सरंक्षण का सन्देश , सीमा पर जवानों ने ग्रुप फॉर पीपुल्स के साथ पोधे लगा देश को दिया सन्देश






बाड़मेर विश्व पर्यावरण दिवस पर ग्रुप फॉर पीपुल्स बाड़मेर ने भारत पाकिस्तान की पश्चिमी सरहद के सबसे दुर्गम सीमा पोस्टो पर पौधरोपण कर समाज को देश की सरहद के साथ पर्यावरण सरंक्षण का सन्देश दिया ,ग्रुप फॉर पीपुल्स ने सीमा सुरक्षा बल की अग्रिम पोस्ट सुंदरा ,रोहिडी में सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो और जवानों के साथ पौधा रोपण कर रेगिस्तानी सरहद को हरी भरी करने का संकल्प लिया ,




ग्रुप फॉर पीपुल्स के संयोजक चन्दन सिंह भाटी ,अध्यक्ष अक्षयदान बारहट ,मदन बारूपाल ,हितेश मूंदड़ा ,बाबू भाई देथा ,रोहिडी पूर्व सरपंच तेजमल सिंह ,दलपत सिंह सोढ़ा ने आंधियो के कारण एक माह से बंद पड़े रोहिडी सुंदरा मार्ग से सीमा सुरक्षा बल की अग्रिम चौकी सुंदरा पहुँच बल के चौकी प्रभारी योगेन्द्र सिंह यादव के नेतृत्व में नीम का पौधा लगा कर विश्व पर्यावरण दिवस पर सरहद से सरंक्षण का सन्देश दिया ,वाही भारत की अंतिम चौकी पीरऊ में प्रभारी निसार खान को पोधे वितरित कर पर्यावरण में सहयोग की अपील की ,तो रोहिडी में सीमा बल की फॉरवर्ड चौकी पर पर्यावरण दिवस पर विचार गोष्ठी अतिरिक्त कमांडेट गुलशन कुमार ,राजेंद्र कुमार यादव ,सोमेंद्र चक्रवर्ती सहित जवानों के साथ की ,




अतिरिक्त कमांडेट ने कहा की पश्चिमी सरहद के मुनाबाव से नूरे का टिब्बा तक पौधरोपण के आभाव में आज भी एक एक माह से सड़कों पर मिटटी आने से सड़क मार्ग बंद पड़े हैं ,इस दुर्गम क्षेत्र में अब सघन पौधरोपण की महत्ती आवश्यकता हैं ,पौधरोपण के अभिव में रेतीले टिब्बों का कटान हो रहा हैं ,सैंड डयूना के कारण सड़कों पर रेत के टिब्बे घर कर रहे हैं ,उन्होंने ग्रुप फॉर पीपुल से बरसात के मौसम में सरहद पर सघन पौधरोपण अभियान चलने का सुझाव दिया ,सोमेंद्र चक्रवर्ती ने बताया की बल की हर पोस्ट पर क्षमता के अनुसार पौधरोपण के जरिये प्रयास किया जा रहा हैं ,चौकियों पर लगे पोधो की होफजत देश की हिफाज़त की तर्ज पर करते हैं ,समुचित देखभाल भी ,दुर्गम स्थानों के बावजूद जवां पेड़ों के लिए अतिरिक्त पानी की व्यवस्था येनकेन प्रकार से करते हैं ,उन्होंने कहा की पर्दो के साथ मूक पक्षियों के लिए भी बल के जवां पानी की और आसियाने की व्यवस्था करते हैं ,




ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने कहा की ग्रुप सीमा सुरक्षा बल के उच्च अधिकारियो के साथ मिल मानसून समय में सरहद पर सघन पौधरोपण का अभियान चलाने पर विचार विमर्श कर योजना बनाएगा ,अध्यक्ष अक्षयदां बारहट ने सीमा सुरक्षा बल के जवानों की प्रयावरण सरंक्षण के मौजूदा प्रयासों की सराहना करते हुए ग्रुप द्वारा वरद स्तर पर पौधरोपण कर सहयोग का भरोसा दिलाया ,मदन बारूपाल ने सीमा सुरक्षा बल के साथ अपने पर्यावरण सरंक्षण के लिए किये प्रयासों को साझा किया ,



भिवाड़ी. अलवर.भिवाड़ी में सरकारी डाक्टर फ्लैट से चला रहा था सैक्स रैकेट



भिवाड़ी. अलवर.भिवाड़ी में सरकारी डाक्टर फ्लैट से चला रहा था सैक्स रैकेट


भिवाड़ी फूलबाग थाना क्षेत्र में स्थित हिल व्यू गार्डन त्रेहान सोसायटी में भिवाड़ी पुलिस उपाधीक्षक सिद्धांत शर्मा ने छापा मारकर एक फ्लैट से सरकारी चिकित्सक व दलाल सहित पश्चिम बंगाल की एक युवती को पीटा एक्ट में गिरफ्तार किया है।

डीएसपी शर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी कि थड़ा गांव के पास स्थित त्रेहान सोसायटी में कुछ लोग वैश्यावृति कराते हैं। इसके आधार पर बोगस ग्राहक भेजकर पड़ताल कराई। ग्राहक से 1500 रुपए में सौदा तय हुआ।

सूचना सही मिलने पर फ्लेट पर छापा मारा गया। यहां से दलाल कमल जांगिड़ पुत्र किशनलाल निवासी कोटकासिम व फ्लैट मालिक डाक्टर गिर्राज पुत्र रामगोपाल शर्मा निवासी हसन खां मेवाती नगर अलवर व युवती को गिरफ्तार किया गया।पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार डॉक्टर गिर्राज अलवर के हसन खां मेवाती नगर का रहने वाला है। वह नागौर जिले में राजकीय आयुर्वेद चिकित्सक के पद पर पदस्थापित है। उक्त डाक्टर के परिवार का एक फ्लैट हिल व्यू गार्डन त्रेहान सोसायटी में है। गिर्राज शर्मा यहां अक्सर आता रहता है। पूछताछ में सामने आया कि डाक्टर यहीं से अपने साथी कमल के माध्यम से युवतियों को बुलाते थे व सैक्स रैक्ट चलाते थे।

बाड़मेर सरहद पर एक माह से रोहिडि सुन्दरा सड़क मार्ग बन्द।।सीमा सुरक्षा बल की चौकियों में पानी जैसलमेर से आ रहा।




बाड़मेर सरहद पर एक माह से रोहिडि सुन्दरा सड़क मार्ग बन्द।।सीमा सुरक्षा बल की चौकियों में पानी जैसलमेर से आ रहा।

बाड़मेर भारत पाकिस्तान की पश्चिमी सरहद के सबसे दुर्गम गाँवो में आंधिया एक बार फिर ग्रामीणों और सीमा सुरक्षा बल के लिए अभिशाप बन गयी।पिछले एक माह से रोहिडि सुन्दरा सड़क मार्ग पर रेत के टीले आ जाने से रास्ते बाधित हैं। जिसके चलते इन गाँवो का संपर्क अन्य गाँवो से टूट गया।कहने को ग्रेफ ने एक जे सी बी सड़क से रेत हटाने के लिए लगा रखी हैं ।मगर जे सी बी ऑपरेटर अपनी क्षमतानुरूप की करने की बजाय दिन में दो घण्टे जे सी बी चला कर रेत हटाता हे तो दूसरे दिन तक उतनी ही रेत वापस आ जाती हैं जिसके चलते एक माह से सुन्दरा गडरा रोड मार्ग बाधित हैं।सुन्दरा जो 1995 तक एशिया की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत थी के निवासीयो को अपनी दिनचर्चया और मुलभुत सामग्री तक खरिदने की दिक्कत हो रही हैं।सुन्दरा से लोग रोहिडि से एक किलोमीटर पूर्व उतार कर पेडल रोहिडि जाते हैं।रोहिडि से निजी वाहन किराए पे लेकर गडरा तक की यात्रा करते हैं ।वहीं सीमा सुरक्षा बल की पेयजल आपूर्ति पूर्ण रूप से बाधित हो गयी।सीमा सुरक्षा बल की चौकियों में पदमडा वाटर हेड से टेंकर भर कर दिन में तीन बार पेयजल आपूर्ति सीमा चौकियों पर होती थी।बल के तीन टेंकर पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में जूट हे।मगर पिछले एक माह से सड़क मार्ग बाधित होने से सीमा सुरक्षा बल के टेंकर पदमडा से पानी भर नही पा रहे तो उन्होंने जैसलमेर के म्याजलार से पानी के टेंकर भरवा कर बल की चौकियों में पेजक आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी हैं।जिसके लिए बल को हज़ारो लीटर तेल और क्षमता जाया करनी पड़ रही हैं ।सीमा सड़क संघठन के अधिकारी सड़क मार्ग को खोलने में तत्परता नही दिखा रहें जिससे ग्रामीणो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।रोहिडि के सरपंच चुतर सिंह दोहट ने बताया की पिछले एक माह से रोहिडि सुन्दरा सड़क मार्ग आंधियो के कारण रेत आने से बाधित हैं।सड़क मार्ग को खोलने के प्रयास सरकारी स्तर पर बिलकुल नही हो रहे।ग्रेफ ने एक जे सी बी लगा राखी हे जो दिन भर में मात्र दो घण्टे काम करती हैं।जितनी रेत दो घण्टो में हटाते हैं उससे अधिक दूसरे दिन वापस आ जाती हैं।सड़क मार्ग बाधित होने से दिन चर्या के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सड़क मार्ग बाधित होने से रोहिडि गडरा बाड़मेर का पांचला,मोती की बेरी,सुन्दरा,म्याजलार ,जैसलमेर का संपर्क टूट गया।।

इधर ग्रेफ के उच्च अधिकारियो ने बताया जल्द ही सड़क मार्ग खोल दिया जायेगा।।

बाड़मेर.बॉर्डर पर संतुलन बिगडऩे से पलटी निजी बस, दो की मौत , तीन रेफर ,बीस घायल



बाड़मेर.बॉर्डर पर संतुलन बिगडऩे से पलटी निजी बस, दो की मौत , तीन रेफर  ,बीस घायल 


जिला मुख्यालय से करीब सौ किमी दूर बॉर्डर की सहरद में स्थित लीलमा स्टेशन के पास सोमवार दोपहर एक निजी बस का संतुलन बिगडऩे से पलट गई। जिसमें दो जनो की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक गडरारोड़ से मुनाबाव की तरफ जा रही एक निजी बस असंतुलित होकर पलट गई।




जिसमें करीब 25 यात्री सवार थे, बस पलटी खाने से यात्री घायल हो गए, घायलों को निजी वाहनों से पीएचसी गडरारोड़ पहुंचाया, जहां से गंभीर घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद राजकीय चिकित्सालय रैफर कर दिया। हादसे में इस्लाम खान पुत्र लंगाखांन निवासी कुम्हारों का पार की मौके पर मौत हो गई।दूसरे की उपचार के दौरान मौत हो गयी 

ऑवरलोडिग वाहन रोकने में पुलिस नाकाम

बाड़मेर में ओवरलोड वाहनों के कारण साल भर में कई ऐसे हादसे सामने आते हैं लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग की निजी वाहन मालिको से सांठ-गांठ के कारण बाड़मेर शहर से बॉर्डर इलाको तक ऐसे ओवरलोड निजी बस, टेम्पो आराम से भागते हुए नजऱ आ सकते हैं। पुलिस कई बार यह कह चुकी हैं कि ओवरलोडिंग को रोकने की कोशिश होगी और अभियान चलाया जाएगा लेकिन ये हादसे सारे दावों की पोल खोलते नजऱ आ रहे हैं।

बाड़मेर। चिकित्सा महकमा ही नि:शुल्क बांट रहा नशा!

बाड़मेर। चिकित्सा महकमा ही नि:शुल्क बांट रहा नशा!


बाड़मेर। राज्य सरकार की कुछ नि:शुल्क दवाएं अब नि:शुल्क नशा बनती जा रही है। डोडा-पोस्त और नशा छोडऩे वाले इसे लत के रूप में लेने लगे हैं। बाड़मेर जिले में वर्ष 2011-12 में सरकारी चिकित्सालयों में महज 66 हजार दर्दनिवारक गोलियां ही उपयोग में ली गई थीं। वहीं अब हर महीने 60 हजार की खपत हो रही है। पांच साल में दस गुणा से ज्यादा बढ़ी इन दर्द निवारक गोलियों को चिकित्सक खुले हाथ से बांट रहे हैं और लोग अब नशे की तरह इसे लेने के आदी हो चुके हैं।

चिकित्सा महकमा ही नि:शुल्क बांट रहा नशा!



इसलिए बढ़ी खपत
डोडा-पोस्त का नशा छुड़वाने के लिए राज्य सरकार ने नि:शुल्क दवा के नाम पर दर्द निवारक गोलियां देना प्रारंभ किया। दिन में अधिकतम तीन गोली ही दी जानी हैं, लेकिन लंबे समय तक अफीम और डोडा-पोस्त ले रहे नशेडि़यों के लिए तीन गोलियों से दर्द नहीं छूट रहा। एेसे में वे इसकी डोज बढ़ा रहे हैं। स्थिति यह है कि अब इन नि:शुल्क दवा की 5 से 10 गोलियां खाने वालों की संख्या बढ़ रही है। चिकित्सक इन लोगों को लगातार यह दवाइयां उपलब्ध भी करवा रहे हैं।





खतरनाक है गोलियां
दर्द निवारक गोलियों के अधिक और लगातार सेवन करने से मानसिक रोग, चिड़चिड़ापन तो बढ़ेगा ही, साथ ही किडनी पर भी इनका असर हो सकता है। चिकित्सक मानते हैं कि इसका लगातार सेवन करने वाले को लत लगने के बाद ये टेबलट्स छोडऩे के लिए भी उन्हें दूसरी दर्द निवारक ही लेनी पड़ेगी।





मनोचिकित्सक नहीं
इस तरह गोलियां लेने वाले लोग मनोरोगी हो रहे हैं। इनके लिए एक मनो चिकित्सक की जरूरत है, जो नशा छोडऩे के साथ इन्हें लगातार प्रोत्साहित करे कि उन्हें कुछ नहीं होगा, वे नशा छोड़ सकते हैं। उनकी शंकाओं का भी समाधान करें। बाड़मेर जिले में अभी मनोचिकित्सक नहीं है।





चिकित्सकों को दी हिदायत
दर्द निवारक गोलियों की खपत लगातार बढ़ रही है। इसका उपयोग नशा करने वाले लोग कर रहे हैं एेसी जानकारी है। चिकित्सकों को हिदायत दी हुई है कि अधिकतम तीन टेबलेट्स ही दी जाए।

डॉ. सुनिल कुमारसिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर




यूं बढ़ी खपत
वर्ष टेबलेट्स
2011-12 66000

2012-13 92330

2013-14 140220

2014-15 250950

2015-16 285850

2016-17 (अप्रेल व मई ) 116950

बाड़मेर। 121 ऊर्जा मित्रों को कल नहीं मिल पाएगा सम्मान!

बाड़मेर। 121 ऊर्जा मित्रों को कल नहीं मिल पाएगा सम्मान!



बाड़मेर। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा मित्र सम्मान का वितरण तैयारियों के अभाव में समय पर नहीं होगा। डिस्कॉम ने आगामी वितरण तिथि भी तय नहीं की है। ऐसे में निगम की लापरवाही से ऊर्जा मित्र सम्मान के हकदार उपभोक्तओं को और इंतजार करना पड़ेगा।





डिस्कॉम की ओर से विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बचत के प्रति प्रोत्साहन देने के लिए मंगलवार को ऊर्जा मित्र सम्मान दिया जाना तय था। अधिकारियों को सर्वे करके चयनित उपभाक्ताओं की सूची जयपुर भेजनी थी। जयपुर से कम्प्यूटर के माध्यम से प्रत्येक उपखंड से 11 उपभोक्तओं का लॉटरी से चयन किया जाना था, लेकिन कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पाया।





ये है ऊर्जा मित्र सम्मान
ऊर्जा मित्र सम्मान के लिए ऐसे उपभोक्ता हकदार होंगे, जिन्होंने वर्ष भर समय पर बिल जमा करवाया, मीटर का बेहतर रख-रखाव किया, विद्युत खपत को नियंत्रण में रखा आदि कई मापदंड के बाद उपभोक्ताओं का चयन किया जाएगा। प्रत्येक उपखंड से 11 उपभोक्ताओं को जिला स्तर पर प्रबंधक के हस्ताक्षरयुक्त ऊर्जा मित्र प्रमाण पत्र व दस ग्राम चांदी का मेडल दिया जाना है। बाड़मेर जिले में कुल 121 ऊर्जा मित्र सम्मान से सम्मानित होंगे।





अधिकारियों को करना था सर्वे
उपभोक्तओं को निगम से जोडऩे व उनकी सहभागिता के लिए ऊर्जा मित्र सम्मान पुरस्कार योजना के तहत प्रत्येक उपखंड सहायक अभियंता प्रतिदिन 5 व खंड स्तर पर अधिशासी अभियंता प्रतिदिन 10 उपभोक्तओं का फीडबैक लेकर सूची तैयार करेंगे। समय-समय पर विद्युत चौपालों का आयोजन कर उपभोक्तओं को विद्युत के रख-रखाव के लिए प्रोत्साहन करना होता है, लेकिन यह सब कार्य समय पर नहीं होने से ऊर्जा मित्र पुरस्कार का वितरण समय पर नहीं हो पा रहा है।





प्रोत्साहन से पूर्व हतोत्साहित है निगम
डिस्कॉम की ओर से एक तरफ जहां उपभोक्ताओं को निगम से जोडऩे व विद्युत के रख-रखाव के लिए प्रोत्साहन देने के लिए जहां ऊर्जा मित्र सम्मान जैसी अनूठी योजना प्रारंभ की गई है, लेकिन दूसरी ओर समय पर तैयारियां नहीं होने से निगम स्वयं हतोत्साहित है।


news के लिए चित्र परिणाम


फिलहाल नहीं होगा कार्यक्रम
पुरस्कार देने के लिए पूर्व में 7 जून को लेकर तय किया था, लेकिन निगम में किसी कारण से यह कार्यक्रम समय पर नहीं होगा। वहीं अभी तक संभावित तिथि की कोई जानकारी नहीं है।

गोपाराम सिरवी, एसई, डिस्कॉम बाड़मेर

बाड़मेर। बाड़मेर में दुर्दशा की शिकार जैसलमेरी पत्थर की छतरियां

बाड़मेर। बाड़मेर में दुर्दशा की शिकार जैसलमेरी पत्थर की छतरियां


बाड़मेर। शहर में सौन्दर्यीकरण को बनाए रखने के लिए करीब 13 वर्ष पूर्व मुख्य डिवाइडरों पर जैसलमेरी पत्थर की कलात्मक छतरियां लगाई थी। लेकिन अब देख-रेख के अभाव में कई छतरियां धराशायी हो गई हैं। नगर परिषद ने इनकी मरम्मत की कोई योजना नहीं बनाई है।

वर्ष 2003 में तत्कालीन नगर पालिका की ओर से शहर में डिवाइडरों पर जैसलमेरी पत्थर की कलात्मक छतरियां लगाई गई। इससे रॉय कॉलोनी सहित संबंधित क्षेत्र में सुन्दरता नजर आती थी, लेकिन नगर परिषद ने इन्हें लगाने के बाद ध्यान देना बंद कर दिया। वाहनों की टक्कर से एक-एक कर छतरियां धराशायी होती गई और इनके पत्थर सड़क पर गिर गए। इसको लेकर नगर परिषद की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया।


बाड़मेर में दुर्दशा की शिकार जैसलमेरी पत्थर की छतरियां

यहां लगी थी छतरियां
रेलवे स्टेशन रोड, रॉय कॉलोनी रोड व स्नातकोत्तर महाविद्यालय रोड पर छतरियां लगाई गई थी। एक छतरी की कीमत 11 हजार रुपए थी। करीब 5.50 लाख रुपए इन छतरियों पर खर्च किए गए थे।




डिवाइडरों की होगी मरम्मत
जानकारी के अनुसार अभी नगर परिषद की ओर से शहर के टूटे डिवाइडरों की मरम्मत के लिए निविदाएं जारी की है। लगभग 8 लाख रुपए की जारी निविदाओं से शहर के विभिन्न डिवाइडरों की मरम्मत की जाएगी। छतरियों को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है।




हादसे को दे रहे न्योता
छतरियों के अवशेष डिवाइडर व सड़क पर इधर-उधर बिखर गए हैं। कई बार छतरियों के अवशेष लुड़क कर सड़क पर आ जाते हैं। इससे आवागमन के दौरान हादसे का अंदेशा बना रहता है।


योजना अनुसार करवाएंगे मरम्मत
टूटी छतरियों की जानकारी लेकर योजनानुसार मरम्मत संबंधी कार्य करवाया जाएगा।

लूणकरण बोथरा, सभापति, नगर परिषद बाड़मेर

शिव / बाड़मेर। पत्नी ने शिक्षक के साथ मिल करवाया पति का अपहरण!

 शिव / बाड़मेर।  पत्नी ने शिक्षक के साथ मिल करवाया पति का अपहरण!


शिव / बाड़मेर ।  क्षेत्र की बीसू कला ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम पुषड़ के उप स्वास्थ्य केंद्र से 30 मई को तड़के अपहृत एएनएम का पति 6 दिन बाद शनिवार शाम बाड़मेर के नजदीक सफेद आकड़ा के पास हाथ-पैर व मुंह बंधी हुई हालत में मिला। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस ने युवक को शनिवार को ही शिव पुलिस को सुपुर्द कर दिया था। पूछताछ में युवक की ओर दिए गए बयान में युवक ने आरोप लगाया कि उसका अपहरण उसकी एएनएम पत्नी रूपों देवी व पेशे से शिक्षक उंदरड़ी (गुड़ामालानी) निवासी दलाराम पुत्र मोबताराम विश्राई की मिलीभगत से ही होना प्रतीत हो रहा है।


एएनएम पत्नी ने शिक्षक के साथ मिल करवाया पति का अपहरण!

छत से उठा ले गए अपहर्ता
पुलिस के अनुसार अपहृत युवक मोहनलाल विश्रोई ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसके व पत्नी के बीच अनबन चल रही थी। गत 29 मई की रात को वह अपनी पत्नी रूपोंदेवी व बेटी खुशी के साथ पुषड़ स्थित उप स्वास्थ्य कें द्र की छत पर हमेशा की तरह सो रहा था। देर रात 2 से 3 बजे के बीच अचानक तीन नकाबपोश युवक उप स्वास्थ्य केंद्र की छत पर आ गए। आते ही उन तीनों ने उसकी आंखों व मुंह को बांधकर उसे उठाकर नीचे खड़ी गाड़ी में डाल दिया और गाड़ी को लगातार 5-6 घंटे तक चलाए रखा।




कमरे में डाल दिया
आरोपितों ने उसे किसी अज्ञात स्थान पर एक कमरे में डाल दिया। उसकी आंखों की पट्टी खोली तो उसे सामने तीन युवक नजर आए। जिनके चेहरे नकाब से ढके हुए थे तथा आंखों पर चश्मे पहने हुए थे। युवक के अनुसार उनकी बोली विश्राई समुदाय से मेल खाती लग रही थी।




तीन दिन बंधक बनाकर रखा
उसने बताया कि अपहर्ताओं ने उसे कमरे में लगातार तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उसे नियमित पानी व चार बार खाना भी उपलब्ध कराया गया। उसके हाथ में पहनी सोने की अंगूठी भी आरोपितों ने निकाल ली। इसके बाद 3 जून को 10 बजे उसे एक बंद बॉडी की बोलरो गाड़ी, जिसकी पिछली सीटें निकाली हुई थी, वहां पर फिर हाथ-पैर, आंखें व मुंह बांधकर डालने के बाद गाड़ी को रवाना कर दिया। और दिन भर गाड़ी चलती रही। दिन में गाड़ी दो-तीन जगह रुकी भी, मगर उन स्थानों के बारे में उसे कोई पता नहीं चल सका।




महाबार रोड पर छोड़ा, नहीं की मारपीट
उसके बाद रात के करीब 3-4 बजे उसी हालत में उसे बाड़मेर से पहले महाबार रोड पर सफेद आकड़ा के पास गाड़ी से नीचे सड़क पर ही उतारकर आरोपित वहां से चले गए। उसने बताया कि अपहर्ताओं ने उसके साथ कोई मारपीट नहीं की। उसके बाद राह चलते किसी व्यक्ति की उस पर नजर पड़ी तो उसने सदर पुलिस को सूचित किया। जिस पर सदर पुलिस ने उसके हाथ-पैर, मुंह व आंखों पर बंधी पट्टी खोलकर उसे शिव पुलिस के हवाले किया। पुलिस ने युवक के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। गौरतलब है कि इस सबंध में अपहृत युवक के पिता रामलाल विश्रोई ने 31 मई को शिव थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी।

बाड़मेर नगर परिषद फिर बेपरवाह 49 बीघा जमीन से नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड गायब!

बाड़मेर नगर परिषद फिर बेपरवाह 49 बीघा जमीन से नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड गायब!




बाड़मेर। नगर परिषद बाड़मेर के बहुचर्चित खसरा संख्या 1468 में स्थित 49 बीघा सरकारी जमीन से नगर परिषद की सम्पत्ति लिखे हुए बोर्ड गायब हो गए हैं। अक्टूबर 2015 में भारी पुलिस जाप्ते के साथ जब यहां पर अतिक्रमण गए थे, तब नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड लगा दिए गए थे। तीन स्थानों पर लगाए बोर्ड में से फिलहाल एक भी बोर्ड यहां पर नहीं है। अज्ञात लोगों ने सभी बोर्ड हटा दिए हैं। एक बोर्ड टूटी-फूटी अवस्था में एक कोने में पड़ा हुआ है। हैरत की बात यह है कि नगर परिषद इससे अनजान है, जबकि इस जमीन की रखवाली व रख-रखाव का दायित्व नगर परिषद का है।

बाड़मेर नगर परिषद फिर बेपरवाह 49 बीघा जमीन से नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड गायब!

जारी हुए थे 11 फर्जी पट्टे
नगर परिषद के स्वामित्व वाली इसी सरकारी जमीन में नगर परिषद ने अशोक कुमार खत्री व उनके छह अन्य परिजनों के नाम वर्ष 2014 में 11 पट्टे जारी कर दिए थे, जिनका खुलासा अगस्त 2015 में हुआ। इसके बाद लाभार्थियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ। इन पट्टों से संबंधित पत्रावलियां भी गायब हो गई। तत्कालीन नगर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई सहित नगर परिषद के कई कार्मिकों के खिलाफ मामले दर्ज हो गए। अंतत: पट्टे निरस्त करने पड़े। अक्टूबर 2015 में नगर परिषद ने इस जमीन से अशोक कुमार व उनके परिजनों के अतिक्रमण हटाकर नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड लगा दिए।

किसने गायब किए बोर्ड
शहर के इंदिरा नगर में हिंगलाज मंदिर के सामने होमगार्ड की दीवार के सहारे स्थित जमीन में एक बोर्ड लगा हुआ था। वहीं एक बोर्ड उस समय खड़ी फसल में लगाया गया था। यह जमीन खत्री के मकान के पश्चिम में स्थित है। इन दो जमीनों के मध्य में स्थित जमीन पर भी बोर्ड लगाया गया था। ये सभी बोर्ड गायब है। सवाल यह है कि ये बोर्ड किसने गायब किए?

पता करवाते हैं, वापस लगाएंगे
बोर्ड गायब होने का मामला मेरे ध्यान में नहीं आया है। अभी मौके पर भेजकर पता करवाते हैं कि ऐसा कैसे हो गया है। यदि बोर्ड गायब हुए हैं तो वापस लगाए जाएंगे।

श्रवण विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद बाड़मेर