बाड़मेर नगर परिषद फिर बेपरवाह 49 बीघा जमीन से नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड गायब!
बाड़मेर। नगर परिषद बाड़मेर के बहुचर्चित खसरा संख्या 1468 में स्थित 49 बीघा सरकारी जमीन से नगर परिषद की सम्पत्ति लिखे हुए बोर्ड गायब हो गए हैं। अक्टूबर 2015 में भारी पुलिस जाप्ते के साथ जब यहां पर अतिक्रमण गए थे, तब नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड लगा दिए गए थे। तीन स्थानों पर लगाए बोर्ड में से फिलहाल एक भी बोर्ड यहां पर नहीं है। अज्ञात लोगों ने सभी बोर्ड हटा दिए हैं। एक बोर्ड टूटी-फूटी अवस्था में एक कोने में पड़ा हुआ है। हैरत की बात यह है कि नगर परिषद इससे अनजान है, जबकि इस जमीन की रखवाली व रख-रखाव का दायित्व नगर परिषद का है।
जारी हुए थे 11 फर्जी पट्टे
नगर परिषद के स्वामित्व वाली इसी सरकारी जमीन में नगर परिषद ने अशोक कुमार खत्री व उनके छह अन्य परिजनों के नाम वर्ष 2014 में 11 पट्टे जारी कर दिए थे, जिनका खुलासा अगस्त 2015 में हुआ। इसके बाद लाभार्थियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ। इन पट्टों से संबंधित पत्रावलियां भी गायब हो गई। तत्कालीन नगर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई सहित नगर परिषद के कई कार्मिकों के खिलाफ मामले दर्ज हो गए। अंतत: पट्टे निरस्त करने पड़े। अक्टूबर 2015 में नगर परिषद ने इस जमीन से अशोक कुमार व उनके परिजनों के अतिक्रमण हटाकर नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड लगा दिए।
किसने गायब किए बोर्ड
शहर के इंदिरा नगर में हिंगलाज मंदिर के सामने होमगार्ड की दीवार के सहारे स्थित जमीन में एक बोर्ड लगा हुआ था। वहीं एक बोर्ड उस समय खड़ी फसल में लगाया गया था। यह जमीन खत्री के मकान के पश्चिम में स्थित है। इन दो जमीनों के मध्य में स्थित जमीन पर भी बोर्ड लगाया गया था। ये सभी बोर्ड गायब है। सवाल यह है कि ये बोर्ड किसने गायब किए?
पता करवाते हैं, वापस लगाएंगे
बोर्ड गायब होने का मामला मेरे ध्यान में नहीं आया है। अभी मौके पर भेजकर पता करवाते हैं कि ऐसा कैसे हो गया है। यदि बोर्ड गायब हुए हैं तो वापस लगाए जाएंगे।
श्रवण विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद बाड़मेर
बाड़मेर। नगर परिषद बाड़मेर के बहुचर्चित खसरा संख्या 1468 में स्थित 49 बीघा सरकारी जमीन से नगर परिषद की सम्पत्ति लिखे हुए बोर्ड गायब हो गए हैं। अक्टूबर 2015 में भारी पुलिस जाप्ते के साथ जब यहां पर अतिक्रमण गए थे, तब नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड लगा दिए गए थे। तीन स्थानों पर लगाए बोर्ड में से फिलहाल एक भी बोर्ड यहां पर नहीं है। अज्ञात लोगों ने सभी बोर्ड हटा दिए हैं। एक बोर्ड टूटी-फूटी अवस्था में एक कोने में पड़ा हुआ है। हैरत की बात यह है कि नगर परिषद इससे अनजान है, जबकि इस जमीन की रखवाली व रख-रखाव का दायित्व नगर परिषद का है।
जारी हुए थे 11 फर्जी पट्टे
नगर परिषद के स्वामित्व वाली इसी सरकारी जमीन में नगर परिषद ने अशोक कुमार खत्री व उनके छह अन्य परिजनों के नाम वर्ष 2014 में 11 पट्टे जारी कर दिए थे, जिनका खुलासा अगस्त 2015 में हुआ। इसके बाद लाभार्थियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ। इन पट्टों से संबंधित पत्रावलियां भी गायब हो गई। तत्कालीन नगर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई सहित नगर परिषद के कई कार्मिकों के खिलाफ मामले दर्ज हो गए। अंतत: पट्टे निरस्त करने पड़े। अक्टूबर 2015 में नगर परिषद ने इस जमीन से अशोक कुमार व उनके परिजनों के अतिक्रमण हटाकर नगर परिषद की सम्पत्ति के बोर्ड लगा दिए।
किसने गायब किए बोर्ड
शहर के इंदिरा नगर में हिंगलाज मंदिर के सामने होमगार्ड की दीवार के सहारे स्थित जमीन में एक बोर्ड लगा हुआ था। वहीं एक बोर्ड उस समय खड़ी फसल में लगाया गया था। यह जमीन खत्री के मकान के पश्चिम में स्थित है। इन दो जमीनों के मध्य में स्थित जमीन पर भी बोर्ड लगाया गया था। ये सभी बोर्ड गायब है। सवाल यह है कि ये बोर्ड किसने गायब किए?
पता करवाते हैं, वापस लगाएंगे
बोर्ड गायब होने का मामला मेरे ध्यान में नहीं आया है। अभी मौके पर भेजकर पता करवाते हैं कि ऐसा कैसे हो गया है। यदि बोर्ड गायब हुए हैं तो वापस लगाए जाएंगे।
श्रवण विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद बाड़मेर
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