...नजर आ गया चांद और शुरू हो गया इबादत का महीना, तीस साल बाद जून में है रमजान
करीब तीस बरस बाद जून में रमजान माह आया है। पारा 45 डिग्री के आसपास है और दिन लंबे होने से रोजे की अवधि भी करीब 15 घंटे की रहेगी। हालांकि मोमिनों में इसे लेकर कोई चिंता नहीं है, बल्कि वे खुदा द्वारा अपने बंदों का इसी तरह इम्तिहान लेने की बात कह कर उत्साह से लबरेज है।
सोमवार शाम को चांद दिखने के साथ बरकत व इबादत का पाक माह रमजान मंगलवार से शुरू हो रहा है। वैसे तो सभी रोजे 15 घंटे दस से 14 मिनट के हैं। इनमें भी आठ रोजे सर्वाधिक अवधि सवा पन्द्रह घंटे वाले हैं। यह रोजे 19 से 26 जून वाले हैं। रमजान के दौरान सहरी का वक्त सुबह सवा चार बजे के आसपास व इफ्तार शाम करीब 7.25 बजे के आसपास होगा।
गौरतलब है कि करीब 30 वर्ष पहले 1985 व 86 में जून माह में रमजान आया था। जबकि 2000 से 2003 के बीच दिसंबर में रमजान आया था। सर्दी में दिनों की अवधि भी कम होती है। इस चलते उस दौरान रोजे की अवधि 12 घंटे से भी कम समय की थी।
मस्जिदों को सजाया
रमजान के चलते घरों व मस्जिदों में तैयारियां चल रही हंै। मस्जिदों का रंग-रोगन कर आकर्षक लाइटों से सजाया गया है।
कम खाएं, पानी ज्यादा पीयें
चिकित्सकों के अनुसार गर्मी में रोजे करने पर डिहाइड्रेशन से बचना प्रमुख चुनौती है। ऐसे में पानी की कमी से बचने के लिए अकीदतमंदों को रोजे के दौरान सहरी के समय कम खाना चाहिए। लेकिन पानी का सेवन अधिक करें। केले, नारियल पानी व दूध भी पर्याप्त मात्रा में लें। इसके अलावा नमक का सेवन कम करें। सुबह 10 से शाम चार तक बजे तक धूप में निकलने से बचें। लू के दौरान 11 से तीन बजे तक बाहर नहीं निकले। रोजा खोलें तो एक साथ नहीं खाकर पहले 15 मिनट तरल पदार्थ का सेवन करना फायदेमंद रहेगा।
चरम पर उत्साह
भले ही गर्मी के तेवर तीखे हों, लेकिन अकीदतमंदों में रमाजन को लेकर उत्साह चरम पर है। फिर चाहे बुर्जुग हो या फिर बच्चे, हर कोई तैयारी में जुटा हुआ है। रमजान के लिए लोगों ने खाने-पीने की वस्तुओं की खरीदारी भी शुरू कर दी है। अंजुमन इस्लामिया के जनरल सैकेट्री कलीम मोहम्मद ने बताया कि खुदा अपने बंदों का इम्तिहान लेता है। गर्मी से रोजे रखने में कोई असर नहीं पड़ेगा।
झ्धर, व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की मांग
पार्षद जाहिद एहमद सिंधी ने रमजान के दौरान बिजली-पानी की आपूर्ति तथा सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखने की मांग जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर की है। उन्होंने बताया कि इन दिनों बिजली आपूर्ति गड़बड़ाई हुई है।
तरावीह की नमाज शुरू
चांद दिखते ही मुस्लिम इलाकों में युवाओं ने आतिशबाजी की और एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। उधर, इशां की नमाज के बाद तरावीह की विशेष नमाज अदा कर कुरान की तिलावत भी शुरू हुई।
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