बुधवार, 9 अक्टूबर 2013

पटवारी आठ हजार की घूस लेते गिरफ्तार

जोधपुर।भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जमीन का फौतदगी (मृत्यु उपरांत) म्युटेशन भरने की एवज में आठ हजार रूपए की रिश्वत लेते जोधपुर जिले में सेवकी कला के पटवारी को मंगलवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उसके दो मकानों की तलाशी भी शुरू की गई है।
पटवारी आठ हजार की घूस लेते गिरफ्तार
बयूरो के उप महानिरीक्षक संजीब कुमार नार्जारी के अनुसार सुरपुरा कला निवासी अन्नराज पुत्र जस्सूराम गौड़ ने गत तीन अक्टूबर को यहां ब्यूरो चौकी प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत पेश की। उसका आरोप है कि उनकी भूमि का फौतदगी म्युटेशन भरने की एवज में सेवकी कला का पटवारी (अतिरिक्त प्रभारी सुरपुरा कला तहसील बावड़ी) भंवरलाल विश्Aोई दस हजार रूपए मांग रहा है। शिकायत का गोपनीय सत्यापन करवाए जाने पर पटवारी द्वारा आठ हजार रूपए मांगने की पुष्टि हुई।


इस पर ब्यूरो के दल ने मंगलवार को परिवादी अन्नराज गौड़ को रिश्वत राशि देने के लिए गंगाणी स्थित पटवारघर भेजा, जहां उसने पटवारी लूनी थानान्तर्गत भगतासनी गांव निवासी भंवरलाल पुत्र खम्मुराम विश्Aोई को दिए।


तभी उपाधीक्षक नरपतसिंह की अगुवाई में एसीबी दल ने दबिश देकर भंवरलाल को पकड़ लिया। इस दौरान उसने रिश्वत राशि वहां खड़े एक अन्य गंगाणी निवासी घेवरचंद माली को दे दी। ब्यूरो ने दोनों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ब्यूरो की दो टीमों ने भंवरलाल के भगतासनी स्थित पैतृक गांव तथा सारण नगर स्थित दोनों मकानों की तलाशी का कार्य शुरू किया है।

नागौर में दिनदहाड़े फायरिग दो युवकों को मारी तीन गोलियां


नागौर में दिनदहाड़े फायरिग दो युवकों को मारी तीन गोलियां 

एसपी पहुंचे कोतवाली, ली घटनाक्रम की जानकारी 

तीन युवकों के हाथ में पिस्तौल, 12 राउंड फायरिंग 

नागौर



आदर्श आचार संहिता के बावजूद मंगलवार को नागौर शहर में खुलेआम फायरिंग और जान लेवा हमले की घटना ने शहर में दहशत पैदा कर दी। जमीन विवाद के चलते दो दर्जन हमलावरों ने तलवारों व लाठियों से हमला किया व दिनदहाड़े गोलियां चलाई। घटना में दो युवकों के तीन गोलियां लगी जबकि पांच छह गोलियां स्कार्पियो कार पर लगी। घटना के बाद आरोपी तो भाग गए। शहर में दहशत के चलते पुलिस का पहरा रहा। दोनों घायलों का फिलहाल जोधपुर में उपचार चल रहा है।

थानाधिकारी नगाराम चौधरी ने बताया कि शहर के वाटर वक्र्स चौराहे के पास मंगलवार सुबह करीब सवा ग्यारह बजे प्लॉट के विवाद को लेकर तीन कारों में आए हमलावरों ने पहले से वहां खड़े लोगों पर हमला कर फायरिंग कर दी। एक गुट के युवकों द्वारा पिस्टल से की फायरिंग में खेण गांव के पोकरराम उर्फ रामू राम फौजी व कुम्हारी दरवाजा निवासी अल्ताफ पुत्र हनीफ खां को गोलियां लगी। हमलावर यहां वाटर वक्र्स चौराहे के पास दोनों पर माउजर व देशी कट्टों से गोलियां बरसाते हुए भाग गए। इस दौरान उन्होंने उस स्कार्पियो पर भी गोलियां चलाई जो हमले का शिकार लोगों के पास थी। चौराहे पर एक बारगी अफरा तफरी मच गई। लोगों ने दुकानों के शटर गिरा दिए। भागते हमलावरों को रोकने की किसी ने हिम्मत नहीं जुटाई।

घायलों को उनके साथी सी स्कार्पियो कार में लेकर अस्पताल पहुंचे जिस पर हमलावरों ने गोलियां चलाई थी। नागौर अस्पताल में डॉक्टरों ने अल्ताफ के पेट में लगी गोली को निकाला और तत्काल जोधपुर रेफर कर दिया। फौजी पोकरराम के दो गोली लगी। एक गोली उसके पैर में व दूसरी गोली कमर में लगी। यहां डॉक्टरों ने पैर में लगी गोली को निकाल लिया। कमर में लगी गोली नहीं निकाली जा सकी। उसे भी जोधपुर रेफर कर दिया।

वहां दोनों को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया। थानाधिकारी नगाराम चौधरी ने बताया कि देर शाम तक पुलिस ने चैनार, ताऊसर, कंवलीसर सहित कई जगह दबिश भी दी। देर रात तक कोई आरोपी पकड़ा नहीं गया। देर रात को सूचना मिली कि पोकरराम के रीढ़ की हड्डी में गोली फंसी है। बुधवार को ऑपरेशन कर गोली निकाली जाएगी। वहीं देर रात में अल्ताफ को अहमदाबाद रेफर किया।
क्यों 
जमीन विवाद के चलते दो पक्षों में चल रहा था विवाद 

कहां 

वाटर वक्र्स चौराहे की घटना। 

क्या 

तीन गाडिय़ों में आए दो दर्जन हमलावरों ने दो युवकों को तीन गोलियां मारी। स्कार्पियो के शीशे फोड़े। कई गोलियां स्कार्पियो पर भी लगी। 

चुनावों के समय हुई इस संगीन वारदात को देखते हुए एसपी ओमप्रकाश शर्मा भी कोतवाली पहुंचे। उन्होंने घटनाक्रम की जानकारी ली और सीओ राकेश पुरी व थानाधिकारी नगाराम चौधरी को आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के आदेश दिए। शहर में शांति व्यवस्था कायम रखने के भी निर्देश दिए। 
  
दोनों युवक जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती। आरोपी नामजद, तीन हिरासत में, अल्ताफ अहमदाबाद रेफर। पोकरराम की रीड की हड्डी में धंसी गोली, आज होगा ऑपरेशन 

पर्चा बयान में घायल पोकरराम जाट ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे गौतम की स्कोर्पियो में अल्ताफ, फौजी पोकर राम, उस्मान, दिनेश, गौतम व असगर मूंडवा चौराहा से मानासर जा रहे थे। उनके पीछे एक मेजर जीप, सफारी व एक अन्य गाड़ी लेकर कुछ युवकों ने पीछा किया। वाटर वक्र्स चौराहे के पास एक शो रूम के आगे जीप को स्कॉर्पियो के आड़े देकर टक्कर मारी। रिपोर्ट में बताया कि 15 से 20 युवकों ने लाठियों व सरियों से स्कोर्पियो के कांच फोड़ दिए और उनसे मारपीट शुरू कर दी। पोकर राम फौजी व अल्ताफ स्कॉर्पियो से नीचे उतर गए। दोनों के उतरते ही युवकों ने पिस्तौल से फायर कर दिया। भाग रहे पोकर राम के एक गोली पैर में और दूसरी कमर में लगी। अल्ताफ के गोली पेट में लगी। इसके बाद भी युवकों ने स्कॉर्पियो पर फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीन युवकों के हाथों में पिस्टल थी। करीब 8 से 12 राउंड फायरिंग हुई है। स्कॉर्पियो की फाटकों पर गोलियों के निशान मिले हैं। सूचना पर सीओ राकेश पुरी व थानाधिकारी नगाराम चौधरी घटनास्थल पर पहुंचे और मौका मुआयना किया। पुलिस को मौके पर लाठियां, सरिए, 9 एमएम की गोलियों के दो खोल मिले। 

पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मौलासर अस्पताल में भर्ती



पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मौलासर अस्पताल में भर्ती 
मौलासर  मौलासर कस्बे से पांच किलोमीटर दूर स्थित बावड़ी गांव में पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात सामने आई है। घिनौनी वारदात से बच्ची बेहोश हो गई। परिवार के लोग खेत से घर आए तो बच्ची घर पर नहीं मिली। आसपास पता किया तो एक खेत में बेहोश मिली। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। 

बच्ची को मौलासर अस्पताल में भर्ती कराया है। बच्ची का इलाज चल रहा है। दुष्कर्म के आरोपी का पता नहीं चल सका। थानाधिकारी घनश्याम मीणा ने बताया कि बावड़ी गांव में शाम को करीब साढ़े छह बजे एक बाइक सवार ने घर के पास खेल रही पांच साल की बच्ची को बहाने से बुला लिया। वह उसे घर से दो सौ मीटर दूर सुनसान जगह ले गया। उसके बाद बच्ची इस हालात में मिली।

वारदात के बाद आरोपी भाग गया। घटना के समय परिजन फसल कटाई करने खेत गए हुए थे। देर शाम को घर लौटे तो बच्ची घर पर नहीं मिली। तलाश की तो पांच साल की बच्ची दो सौ मीटर दूर खेत में मिली। बेहोश बच्ची को परिवार के लोग अस्पताल लेकर गए। साथ ही पुलिस को सूचना दी। सूचना पर सीओ अरविंद राम व थानाधिकारी घनश्याम मीणा मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। अभी बच्ची ने केवल इतना ही बताया कि आरोपी बाइक पर आया था। बच्ची के दहशत में होने के कारण अभी वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं है कि वह कौन था। थानाधिकारी ने बताया कि बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार होते ही आरोपी के हुलिये के आधार पर पहचान के प्रयास किए जाएंगे। आसपास के लोगों से भी बाइक सवार के बारे में पता किया जा रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व ही मौलासर थाना क्षेत्र में एक प्रौढ़ व्यक्ति ने एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घिनौनी वारदात की थी।

आचार संहिता बेक डेट लोकार्पण की जांच रिपोर्ट में देरी


आचार संहिता बेक डेट लोकार्पण की जांच रिपोर्ट में देरी 
जाखड़ो की ढाणी में स्कूल लोकार्पण का मामला, कार्रवाई में लेटलतीफी से प्रशासन की कार्यशैली पर लगा प्रश्न चिन्ह


बाड़मेर आचार संहिता लागू होने के बाद जाखड़ों की ढाणी स्कूल के लोकार्पण के मामले की जांच रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई में लेटलतीफी से प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा है। हालांकि एडीएम के निर्देशानुसार एसडीएम बाड़मेर ने जांच कर एडीएम को भी सौंपी है। लेकिन अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक लोकार्पण समारोह की जांच में एसडीएम राकेश कुमार शर्मा ने कई अहम सबूत जुटाए है। 5 अक्टूबर को एसडीएम सुबह 11 बजे जांच के लिए जाखड़ों की ढाणी ग्राम पंचायत पहुंचे थे, जहां लोकार्पण स्थल का जायजा लेने के साथ ही अनावरण पट्टिका, समारोह स्थल का जायजा लिया। इसके अलावा वहां मौजूद कुछ लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली गई। इसके बाद दूसरे दिन इस संबंध में कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों से भी पूछताछ किए जाने के बाद पूरे मामले की रिपोर्ट एडीएम को सुपुर्द कर दी है। अभी तक आचार संहिता के उल्लंघन मामले का खुलासा नहीं हुआ है। जिससे जांच पर सवाल खड़े होने लगे है। एक तरफ प्रशासन की ओर से जांच पूरी की जा चुकी है, वहीं दूसरी तरफ इस जांच के मामले में अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है। सवाल तो ये भी है कि क्या प्रशासन इस मामले में लिप्त अधिकारियों व अन्य लोगों को बचाए जाने के प्रयास कर रहा है। 

मैंने जांच रिपोर्ट सौंप दी
॥मैंने पूरे मामले की जांच कलेक्टर को सुपुर्द कर दी है। जांच में कौन-कौन दोषी है मैं नहीं बता सकता हूं। इस मामले में कलेक्टर ही फाइनल जानकारी दे सकते है।
राकेश कुमार, एसडीएम, बाड़मेर
प्रक्रिया चल रही है
॥जांच रिपोर्ट मेरे पास आ गई है, लेकिन अब तक जांच प्रक्रिया में है। बुधवार तक फाइनल रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।
अरुण पुरोहित, एडीएम बाड़मेर
एडीएम ही बता पाएंगे
॥इस मामले में एडीएम के पास फाइल है वो ही बता पाएंगे। एडीएम से पत्ता कर सकते है।
भानु प्रकाश एटुरू, कलेक्टर बाड़मेर

मंगलवार, 8 अक्टूबर 2013

सोनिया 2016 में होना चाहती हैं रिटायर'



नई दिल्ली।। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की उम्र 2016 में 70 साल की हो जाएगी और तब वह रिटायरमेंट ले लेंगी। यही वजह है कि पार्टी ने उनके बेटे राहुल गांधी को बड़ी भूमिका देने के लिए तैयार किया है। यह दावा एक किताब में किया गया है।

पत्रकार और लेखक रशीद किदवई ने अपनी किताब '24 अकबर रोड' के संशोधित इडिशन में कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी इच्छा के बारे में अपने जन्मदिन 9 दिसंबर 2012 को पार्टी के बड़े नेताओं को रू-ब-रू कराया।

किताब में कहा गया है कि इस ऐलान से पार्टी के नेता सन्न रह गए, क्योंकि भारतीय राजनीति में आज तक किसी नेता ने अवकाश नहीं लिया है। घबराए पार्टी नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि राहुल को 'चार्ज' लेने दें। किताब में आगे लिखा है कि राहुल (42) को मनाने की कोशिश तभी से शुरू हो गई, लेकिन तब कांग्रेस के महासचिव रहे राहुल नहीं माने।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राहुल को मंत्रिमंडल में आने के लिए मनाने की कोशिश की। मनमोहन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि राहुल मंत्रिमंडल में शामिल होने या पार्टी में नंबर दो की हैसियत में से किसी एक का चुनाव करें। उन्होंने संगठन को तरजीह दी।
इसी के बाद राहुल को जयपुर में आयोजित 'चेतना शिविर' में 19 जनवरी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया। किदवई का कहना है कि राहुल गांधी के उभरने के बावजूद कांग्रेस नेताओं को सोनिया गांधी के अवकाश की डेडलाइन परेशान कर रही है।

सोनिया ने रायबरेली में रेल पहिया कारखाने की बुनियाद रखी



लखनऊ: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में देश के सबसे बड़े रेल पहिया कारखाने का शिलान्यास किया और कहा कि देश और क्षेत्र के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा. अपनी पुत्री प्रियंका वाड्रा के साथ सोनिया ने रायबरेली के लालगंज में रेल पहिया कारखाने का शिलान्यास किया. इस दौरान रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

इस दौरान सोनिया ने कहा, "मुझे देश के सबसे बड़े रेल पहिया कारखाने का शिलान्यास करके बहुत खुशी हो रही है. इस कारखाने में लोगों को भी रोजगार मिलेगा. इस कारखाने के निर्माण से स्थानीय लोग भी लाभान्वित होंगे और उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा."

इस रेल पहिया कारखाने का निर्माण लालगंज रेल कोच कारखाने के परिसर में ही होगा. इसके निर्माण में रेलवे को भारतीय इस्पात निगम लिमिटेड (सेल) सहयोग करेगा. इसे पूरा होने में 36 महीने का समय लगेगा. इसमें 1100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और इसमें हर साल एक लाख रेल पहियों का निर्माण होगा.

सोनिया ने कहा कि कांग्रेस के लिए राजनीति का मतलब देश की सेवा करना है. कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों-इंदिरा और राजीव गांधी ने हमेशा देश के लिए सोचा.

इस दौरान सोनिया ने कांग्रेसनीत केंद्र सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए खाद्य सुरक्षा कानून और भूमि अधिग्रहण विधेयक को सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया.

उन्होंने कहा, "हम वादे के मुताबिक खाद्य सुरक्षा कानून लेकर आए. इसे लाने में बहुत बाधाएं भी आईं, लेकिन तमाम संघर्षो के बाद हम इस कानून को लाने में सफल रहे. इससे देश की गरीब आबादी को लाभ मिलेगा."

सोनिया ने कहा कि अभी तक उत्तर प्रदेश को 80 लाख मीट्रिक टन अनाज मिलता था और अब इस कानून के लागू होने के बाद प्रदेश को 96 लाख मीट्रिक टन अनाज मिलेगा. प्रदेश की 80 फीसदी ग्रामीण और 60 प्रतिशत गरीब शहरी आबादी को इस कानून के लागू होने से लाभ मिलेगा.

सोनिया ने कहा कि अब किसानों से उनकी जमीन जबरन नहीं ली जा सकती. कांग्रेस सरकार जो भूमि अधिग्रहण विधेयक लेकर आई है, उसमें किसान से जबरन भूमि लेने का प्रावधान नहीं है.

इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष ने रायबरेली शहर से सटे मुंशीगंज कस्बे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए भूमि पूजन किया. इस मौके पर प्रियंका वाड्रा भी उनके साथ थीं. भूमि पूजन के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया. एम्स का निर्माण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कराया जा रहा है. यह उत्तर प्रदेश का पहला एम्स अस्पताल होगा.

एम्स के लिए जमीन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई है. रायबरेली में एम्स के निर्माण का बजट लगभग 1,000 करोड़ रुपये रखा गया है.

मंगलवार सुबह रायबरेली पहुंचीं सोनिया ने शहर के कैनाल रोड पर रिसोर्स सेंटर का शिलान्यास किया. उन्होंने गंगागंज कस्बे में यूको बैंक की नई शाखा का उद्घाटन करने के साथ जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में भी शिरकत की.

थार की चुनावी धार। । सिवाना अब तक विधायक



थार की चुनावी धार। । सिवाना अब तक विधायक


जानिए सिवाना का चुनावी सच अब तक 


भाटी चन्दन सिंह 


बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के जालोर और पाली जिले से सटे सिवाना विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाती के लिए सुरक्षित विधानसभा सीट थी। सिवाना में अब तक हुए चुनावो में छह बार कांग्रेस के प्रत्यासी जीते। जबकि सात बार गैर कांग्रेसी जिसमे भाजपा तीन बार जीती। लम्बे समय बाद गत 2008 चुनावो में परिसीमन के बाद सिवाना सामान्य सीट के रूप में बहाल हुई। अब तक हुए तेरह विधानसभा चुनावो का हल चाल पेश हें 


प्रथम चुनाव 1952 

प्रथम चुनाव सिवाना में सिवाना के 27352 मतदाताओं में से 19223 मतदाताओ ने वोट डाले। इन चुनावों में राम राज्य परिषद् के मोटाराम को 14095 ,कांग्रेस के नन्द किशोर को 2762 मत मिले। राम राज्य परिषद् के मोटाराम ने 11333 मतों से सीट जीत विधायक बने। एक तरफ़ मुकाबले में राम राज्य परिषद् ने परचम लहराया। 


दूसरा चुनाव 1957 

दूसरी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के श्री रावत ने राम राज्य परिषद् के लक्शामंदास को तीन सौ तेइस मतों से हरा कर विधानसभा में प्रवेश किया। 


तीसरा चुनाव 1962 


तीसरी विधानसभा के लिए 2नवम्बर 1962 में मतदान सिवान में हुआ जिसमे 57833 मतदाताओ में से 17762 मतदाताओ ने ही मतदान में हिस्सा लिया। इन चुनावो में कांग्रेस के हरिराम को 5863 ,राम राज्य परिषद् के लक्षमण दस को 4453 ,निर्दलीय रावताराम को 4856 ,पूनमाराम को 1010 और कालू को 180 मत मिले। इन चुनावो में हरिराम धारु कांग्रेस को 1007 मतों से विजय हासिल हुई। विधायक बने 


चौथा चुनाव 1967 

चौथी विधान सभा के लिए 21 फरवरी को मतदान हुआ ,जिसमे 63858 मतदाताओ में से 29626 मतदाताओ ने भाग लिया। इन चुनावो में स्वतंत्र पार्टी के कालू को 10282 , कांग्रेस के हरिराम धारु को 7503 ,रावता राम निर्दलीय को 3232 ,सुरेन्द्र को 1798 और जेसाराम को 594 मत मिले। स्वतंत्र पार्टी के कालू ने 2779 मतों से विजयी हासिल कर विधायक बने 


पांचवा चुनाव 1972 


सिवान में पांचवा चुनाव छ मार्च को हुए ,सिवान के 70458 मतदाता थे। 58 मतदान बूथ बने। इन चुनावो में कांग्रेस के जेसाराम को 21061 , स्वतंत्र पार्टी के सवाइया को 5346 चेनिया को 3949 ,रावताराम को 3914 मत मिले। कांग्रेस के जेसाराम ने 15715 मतों से विजयी हासिल कर सीट कांग्रेस की झोली में डाल विधायक बने 


छठा चुनाव 1977 


छठी विधानसभा के लिए तेरह जून को मतदान हुआ ,इन चुनावो में सिवाना में कुल वोटर 76393 थे। ९६ पोलिंग बूथ बने। चुनावो में जनता पार्टी के चैनाराम को 17868 ,कांग्रेस के जैसाराम को 16871 ,सुता को 557 मत मिले। इन चुनावो में जनता पार्टी के चैनाराम ने 997 मतों से विजयी हासिल कर कांग्रेस से सीट छीन ;ली और विधायक बने 


सातवाँ चुनाव 1980 


सातवे विधानसभा चुनावो में सिवान में 86007 मतदाता थे। 99 पोलिंग बूथ पर वोट पड़े। जिसमे कांग्रेस के धरारम को 20190 ,भाजपा के चेनाराम को 9709 ,गुमानाराम को 1302 जनता पार्टी के हमीराराम को 1229 ,बंशीलाल को 607 ,अमराराम को 529 ,सुरेन्द्र को 145 मत मिले कांग्रेस के धाराराम ने 10481 मतों से सीट जीत कांग्रेस को पुनः विजय दिला विधायक बने 


आठवा चुनाव 1985 


आठवीं विधानसभा के लिए सिवान में पांच मार्च को वोट पड़े। कुल १२९ पोलिंग बुथो पर वोट डाले गए। सिवाना में कुल वोटर संख्या 103082 थी ,इन चुनावों में कांग्रेस के मोटाराम को 21373 ,भाजपा के हुकमाराम को 15192 ,बंशीलाल को 838 ,गुमानाराम को 820 ,ओमाराम को 788 ,धराराम को 539 ,जगमाल को 365 मत मिले ,कांग्रेस के मोटाराम ने 6181 मतों से विजय हासिल कर विधानसभा में प्रवेश किया 


नवा विधानसभा चुनाव 1990 

नवीन विधानसभा के लिए हुए चुनावो में सिवान के कुल124104 वोटर थे जिसमे १३७ पोलिंग बुथो पर मत दान किया। इन चुनावो में भाजपा के हुकम को 31866 ,कांग्रेस के मोटाराम को 18044 बगता को 2311 भंवाराम को 1013 बाबूलाल को 836 .ललाराम को 691 उमेदाराम को 405 ,मांगीलाल को 403 ,डूंगर को 173 ,जगमाल को 86 मत मिले। भाजपा के हुकम ने १३८२२ मतों से जीत हासिल कर का खाता खोला। विधायक बने हुकम ने विधानसभा में प्रवेश किया 


दशवाँ चुनाव 1995 


राजस्थान की दशावी विधानसभा के लिए ग्यारह नवम्बर को चुनाव हुए जिसमे सिवाना के 136015 मतदाता थे। सिवाना में 140 बूथों पर वोट डाले गए , इन चुनावों में भाजपा के टीकमचन्द कान्त को 34442 ,कांग्रेस के गोपाराम मेघवाल को 25188 ,जनता दल के नाथूराम को 889 ,राणाराम को 260 दीगा को 241 चेतन को 592 ,बगता को 124 मत मिले। भाजपा के टीकमचन्द कान्त ने 8633 मतों से जीत हासिल कर भाजपा की सीट बरकरार राखी। 


ग्यारवाँ चुनाव 98 


ग्यारवी विधानसभा के गठन के लिए पचीस नवम्बर को मत पड़े। सिवाना में 144920 मतदाता थे कुल। १८९ बुथो पर मत पड़े। इन चुनावो में कांग्रेस के गोपाराम मेघवाल को 38515 ,भाजपा के गेनाराम को 21676 निरादालीय अरविन्द सिंह को 14573 ,जनता दल के हरिराम को 1967 ,मोटाराम को 1886 ,हडमल राम को 1315 मत मिले ,कांग्रेस के गोपाराम को 16839 मतों से विजयी हासिल हुई। कांग्रेस ने दस साल बाद जीत का स्वद्फ़ सिवान में चखा 


बारहव चुनाव 2003 


सिवाना में बारहवी विधानसभा के लिए एक जनवरी को मतदान हुआ ,सिवान में कुल 172711 मतदाता थे ,२१८ मतदान केन्द्रों पर वोट डाले गए ,इन चुनावो में कांग्रेस के गोपाराम को 30972 ,निर्दलीय भाजपा बागी टीकमचन्द कान्त को 41133 ,भाजपा के आदुराम को 22737 ,सांवलाराम को 7007 ,दुन्गाराराम को 4191 मत मिले ,भाजपा के बागी टीकमचन्द ने 16161 मतों से विजय हासिल की। 


तेहरवा चुनाव 2008 

राजस्थान की टहरावी विधान सभा के लिए हुए चुनावो में सिवाना में कुल १८६३०७ मतदाता थे ,231 बुथो पर वोट पड़े। इन चुनावों में पहली बार परिसीमन के बाद सीट अनुसूचित से सामान्य वर्ग के लिए हुई ,सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों में चुनाव लड़ने की होड़ मची ,कांग्रेस ने बालाराम को तो भाजपा ने कान सिंह कोटडी को मैदान में उतारा ,इन चुनावो में कांग्रेस के बालाराम को 28018 ,भाजपा के कण सिंह को 32040 मत ,बसपा के महेंद्र टाइगर को २८०८० मत मिले। वाही नाथूराम को 2261 ,केसर सिंह को 7048 ,विजय सिंह को 3834 ,दुन्गाराराम को 2863 ,आईदान माली को 1450 ,धनाराम को 1392 पोपत्रम को 1346 चेलाराम को 1085 मत मिले। बसपा के महेंद्र टाइगर ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया ,कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा ,भाजपा के कान सिंह ने बसपा के महेंद्र टाइगर को 3982 मतों से हराया। कान सिंह सामान्य सीट से पहली बार विधायक बने

अनूठा गरबा देख दुनिया रह गई दंग

अनूठा गरबा देख दुनिया रह गई दंग

अहमदाबाद। नवरात्र में गरबा की जो धूम गुजरात और खासतौर पर अहमदाबाद में होती है उससे भला कोई अनजान नहीं होगा,लेकिन इस संडे की रात यहां ऎसा अनूठा गरबा खेला गया जिसे देख दुनिया दंग रह गई। सामान्य गरबा की तरह ही इसके पार्टिसिपेंट्स ने भी पारंपरिक पोषाकें पहनी थी, म्यूजिक भी लोकगीतों और फिल्मी धुनों से सजा था लेकिन जो खास बात थी वह थे इसके 700 पार्टिसिपेंट्स। ये सभी शारीरिक विकलांग थे,लेकिन उनके जोश और गरबा के अंदाज उन्हें सामान्य से खास बना दिया था।


बड़े मंडप के रूप में सजे इस पार्टी प्लॉट में गरबा में झूमने वालों (खेलैयाओं) में से एक तिहाई थे विकलांग। इस नृत्योत्सव की परंपरागत पोषाकों में सजे युवक-युवतियों ने व्हील चेयर पर बैठकर ऎसा गरबा खेला कि बाहर से आने वाले लोग भी दांत तले उंगलिया दबाने को मजबूर दिखे। गरबा करने में न इनकी मजबूरी दिखाई दे रही थी और इन्हें कोई डर था।


सहयोग की भावना


गरबा के दौरान इन लोगों में सहयोग की भावना देखते ही बन रही थी। वडोदरा निवासी नीताबेन नामक युवती को कतई एहसास नहीं हो रहा था कि वह दोनों पैरों से विकलांग है। मां दुर्गा की उपासना के लिए जब यह युवती परिक्रमा देने पहुंची तो उनके मित्र जयेश मोती वाला ने व्हील चेयर में धक्का देना शुरू कर दिया। एक पैर से विकलांग जयेश ने उनकी पूरी परिक्रमा पूरी करवाईं। भावनगर से आए कानजी भरवाड़, मेहुल बुधेलिया और परेश गिलानी ने ग्रुप में जोरदार गरबा किया। ये तीनों जने एक-एक पैर से विकलांग थे।


दांडिया रास की भी धमाल



कहने को विकलांगों के लिए आयोजित इस पार्टी प्लॉट में युवक-युवतियों ने जमकर दांडिया रास भी किया। आमने-सामने व्हील चेयरों पर बैठकर एक दूसरे का साथ उन्होंने देर रात तक दिया। इसके अलावा कुर्सियों और जमीन पर बैठकर भी गरबा का लुत्फ उठाया। सामान्य लोगों, परिजन और दोस्तों ने यहां आए सैकड़ों विकलांगों की व्हील चेयर पर गरबा कराने में मदद की।


तिकड़ी रही आकर्षण का केन्द्र



गरबा के दौरान दोनों पैरों से विकलांग तीन युवतियां आकर्षण का केन्द्र रहीं। विविध लोक गीत और फिल्मों की धुनों पर इन्होंने जमकर गरबा किया। भले ही ये तीनों युवतियां व्हील चेयर पर थीं लेकिन इन्हें देखकर दर्शक भी मंत्रमुग्ध हो गए। पूजा पी. मेहता, शीतह शाह और केतकीबेन शाह नामक तीनों युवतियां ने गरबा और दांडिया रास किया। एक पैर से विकलांग सोलंकी राजेन्द्रकुमार ने कहा कि पिछले तीन वर्षो से हो रहे इस तरह के गरबा में विकलांग लोग सभी तरह का डर निकालकर मां भगवती की उपासना करते हैं। सामान्य लोगों के बीच गरबा करने में इन्हें सबसे बड़ा डर गिरने का होता है और दूसरा डर उपहास बनने का है। लेकिन यहां सब लोग उसी तरह के होने के कारण किसी प्रकार का डर नहीं होता। वस्त्रापुर निवासी प्रकाश बाबूलाल, भावनगर के परेश गिलानी एवं जीतेन्द्र रविया का भी यही कहना है।


ऎसे हुआ आयोजन


सामान्य लोगों के लिए गरबा करते समय विकलांगों को होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखकर पीएचए (फा) इन्टरनेशनल संस्था की ओर से यह आयोजन हुआ, जिसमें गुजरात एवं महाराष्ट्र से करीब सात सौ विकलांग युवक-युवतियों ने भाग लिया। फा की अध्यक्ष पूजा प्रकाश मेहता ने बताया कि पार्टी प्लॉट हो या शेरी, सामान्य लोगों के साथ गरबा करते समय विकलांगों को काफी परेशानी होती है। इसके अलावा ऎसे आयोजनों में जाते समय मनोबल भी कम होता है, जिससे फा संस्था ने पिछले तीन वर्षो से विशेष गरबा का आयोजन शुरू किया है।

पर्यटन नक्शे पर होगा जालोर!

पर्यटन नक्शे पर होगा जालोर!
जालोर। क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ने जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक सर्किट विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है।

जिला प्रशासन की ओर से जिले में धार्मिक पर्यटन की सम्भावनाओं वाले स्थान चिह्नित कर पर्यटन कार्यालय माउंट आबू को भेजे गए थे। उसके बाद वहां से प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा गया है। इस सम्बन्ध में स्वीकृति मिलने पर पर्यटन नक्शे पर जालोर का नाम होगा। संभवतया यह योजना अगले साल ही मूर्तरूप ले पाएगी।

ज्ञात रहे कि वर्ष 2006 से धार्मिक सर्किट का मामला विचाराधीन है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों सहित जिला प्रशासन ने कई बार राज्य सरकार से पत्र व्यवहार किया। इसी के चलते पर्यटन विभाग जयपुर की ओर से सहायक पर्यटन निदेशक माउंट आबू कार्यालय की ओर से जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक सर्किट विकसित करने को लेकर प्रस्ताव मंगवाया गया था।

इस पर जिला प्रशासन ने जिले के सुंधा माता तीर्थ, क्षेमंकरी माता मंदिर, 72 जिनालय, स्वर्णगिरि दुर्ग व भाण्डवपुर तीर्थ का नाम शामिल करके प्रस्ताव भेजा है। सहायक निदेशक कार्यालय माउण्ट आबू से मुख्यालय को भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया कि माउण्ट आबू में हर साल 22 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं, जो आसपास के धार्मिक स्थलों पर जाना चाहते हैं। लेकिन, परिवहन सुविधा के अभाव में वे इन स्थलों पर जा नहीं पाते हैं।
जिले के पांच स्थान शामिल

मुख्यालय को प्रेçष्ात प्रस्ताव में जालोर-सिरोही जिले के धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है और इसे गुजरात से जोधपुर तक जोड़ा जाएगा। इसमें माउंट आबू के देलवाड़ा जैन मंदिर, अम्बाजी, पावापुरी, भैरूतारक धाम, जीरावल, दांतराई, सुंधा माता, क्षेमंकरी माता मंदिर, 72 जिनालय, स्वर्णगिरि दुर्ग के धार्मिक स्थल, भाण्डवपुर तीर्थ, नाकोड़ा, रामदेवरा को जोड़ा जा सकता है।

विकसित होंगी आधारभूत सुविधाएं
स्वर्णगिरि दुर्ग पर पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। दुर्ग तक जाने के लिए सड़क मार्ग या रोप-वे निर्माण होता है तो दुर्ग को देखने के लिए राज्य के साथ ही देशभर से पर्यटकों के आने की संभावना है। धार्मिक सर्किट बनने के बाद यहां पर्यटकों की तादाद में इजाफा होगा। दुर्ग पर महावीर जैन मंदिर, शिव मंदिर, मलिकशाह दातार की दरगाह, खेतलाजी मंदिर हैं, जहां मेले व उर्स में हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं। आधारभूत सुविधाएं विकसित होने के बाद इसके विकास की भी संभावना है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन विभाग से जिले में धार्मिक पर्यटन के विकास के लिहाज से सम्भावित स्थानों की सूची मांगी गई थी। जिले के पांच स्थानों के नाम भेजे गए हैं। स्वीकृति मिलती है तो जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

-राजन विशाल, जिला कलक्टर, जालोर
अगले साल स्वीकृति की उम्मीद

जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक पर्यटन विकसित करने के लिहाज से प्रस्ताव भेजा गया है। इस पर स्वीकृति अगले साल मिलने की उम्मीद है। इससे पर्यटकों का रूझान बढ़ेगा।
-भानुप्रतापसिंह, सहायक पर्यटन निदेशक, माउण्ट आबू

मिनी स्कर्ट पर पाबंदी लगाई तो हुए न्यूड

मिनी स्कर्ट पर पाबंदी लगाई तो हुए न्यूड

वुडापेस्ट। दक्षिण हंगरी की यूनिवर्सिटी ने मिनी स्कर्ट पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी। कॉलेज प्रशासन द्वारा लगाई गई ये पाबंदी से स्टूडेंट्स को इस कदर नागवार गुजरी कि उन्होंने इस के विरोध प्रदर्शन के लिए न्यूड हो गए। कॉलेज प्रशासन ने 1 अक्टूबर को छात्रों के मिनी स्कर्ट पहनने पर रोक लगा दी थी।

नया ड्रेस कोड कक्षा और परीक्षाओं के मद्देनजर दक्षिण हंगरी की कापोसवार यूनिवर्सिटी के प्रमुख फेरेंक श्वाई ने लागू किया। नियमों के विरोध में दस छात्र-छात्राएं क्लास मे टॉपलेस हो कर बैठ गई।

नए कोड के अनुसार छात्राओं को लंबे स्कर्ट या लंबे मोजों के साथ ब्लाउज और जैकेट पहनने होंगे जबकि उन्हें गहरे खुले गले के परिधानों, गहरे मेकअप और अनावश्यक फैशन सामग्रियों से बचना होगा।

बिखरे बालों और नाखूनों पर भी रोक लगा दिया गया। छात्रों ने इन रूढिवादी नियमों पर एतराज करने के साथ शिकायत की कि यूनिवर्सिटी गर्मियों के लिए नियम बनाने में नाकाम रही है। क्लास में अंडरवियर विरोध जताने से पहले इन छात्र-छात्राओं ने पूरे कपड़ों में एक ग्रुप फोटो भी खिंचाई।

जब कॉलेज से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने विरोध की बात से इंकार करते हुए कहा कि क्लास में गर्मी बहुत थी जिसके चलते छात्र-छात्राओं ने ऎसा किया। हलांकि इस विरोध को देखते हुए कॉलेज अपने फैसले पर दुबारा से विचार करने लगा है।

रेप करने घर में जा घुसा,जान गंवाई

रेप करने घर में जा घुसा,जान गंवाई

समस्तीपुर। बिहार में समस्तीपुर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जोगियामठ आधारपुर गांव में सोमवार रात दुष्कर्म की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला।

पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि जोगियामठ आधारपुर गांव के एक घर में गांव के ही केशव साह (42) ने प्रवेश कर एक महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। महिला द्वारा शोरगुल मचाए जाने के बाद ग्रामीण इकट्ठा हो गए और आरोपी को पीट-पीट कर मार डाला।

सूत्रों ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल भेज दिया है। इस सिलसिले में संबंधित थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस छानबीन कर रही है।

कुएं में गिरने से मां-बेटे की मौत

कुएं में गिरने से मां-बेटे की मौत

भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर जिले के भुसावर थाना क्षेत्र में स्थित सुमेरपुर कला गांव में मंगलवार को कुएं में गिरी महिला और उसके बेटे की मौत हो गई तथा छह वर्षीय बेटी प्रिया को बाहर निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस के अनुसार अपराह्न करीब साढे बारह बजे सुुमेरपुर कला गांव में स्थित कुएं में गिरने से बदन सिंह की पत्नी रीना तथा उसके आठ वर्षीय पुत्र प्रान्त की मौत हो गई। शोर मचने पर एकत्र हुए ग्रामीणों ने प्रिया को कुएं से निकाल लिया।

उसे महुआ के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल यह पतानही चल पाया है कि महिला अपने दोनों बच्चों के साथ आत्महत्या करने के लिए कुएं में कूदी अथवा सभी का पैर फिसल जाने के कारण वे कुएं में गिरे थे।

स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन में सभी की भागीदारी जरूरी


स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन में सभी की भागीदारी जरूरी 

बाडमेर, 8 अक्टूबर। जिला निर्वाचन अधिकारी भानुप्रकाष एटुरू ने चुनाव में स्वच्छता के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभाने का आहवान किया है। उन्होने कहा कि मीडिया पेड न्यूज के सन्दर्भ में स्वनियन्त्रण रखें।

एटूरू मंगलवार को जिला कार्यालय सिथत अपने कक्ष में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि चुनाव के दौरान प्रिन्ट मीडिया एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में प्रकाशित प्रसारित होने वाली सभी पेड न्यूज और विज्ञापनों पर पैनी नजर रखी जाएगी।

उन्होने कहा कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया में प्रसारित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापन एमसीएमसी द्वारा प्रमाणित होने चाहिए। बिना प्रमाणित प्रसारित होने वाले विज्ञापन तुरन्त प्रभाव से रोके जाएगें।

एटूरू ने कहा कि जिला स्तरीय एमसीएमसी का मुख्य कार्य राजनीतिक विज्ञापन सामग्री का प्रमाणीकरण और अखबारों में प्रकाशित खबरों की मानिटरिंग करना होगा। निर्वाचन विभाग द्वारा दी गर्इ गाइड लाइन के अलावा कमेटी के सदस्यों को पेड न्यूज के चयन में स्वविवेक का भी इस्तेमाल करना होगा।

उन्होने कहा कि अगर कमेटी किसी भी खबर को संदिग्धता के आधार पर पेड न्यूज मानती है तो इस सन्दर्भ में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा संबंघित प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाएगा। इस सन्दर्भ में किसी भी मीडिया संस्थान को नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। यदि जिला निर्वाचन अधिकारी के नोटिस के बाद प्रत्याशी पेड न्यूज को स्वीकार करता है तो उस न्यूज को विज्ञापन मानते हुए डीपीआर द्वारा निर्घारित विज्ञापन दर पर वह खर्चा प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड दिया जाएगा।

उन्होने कहा कि पेड न्यूज आज गम्भीर बीमारी बन गर्इ है। चुनावों के दौरान इसका इस्तेमाल ज्यादा होता है। पेड न्यूज पर लगाम लगाने के लिए ही आयोग ने राज्य में पहली बार एमसीएमसी का गठन किया है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग के निर्देशानुसार आदर्श आचार संहिता के तहत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पूर्व सरकारी अथवा सार्वजनिक खर्च पर लगाये गये होर्डिंग, विज्ञापन, पोस्टर आदि जिनमें सत्ताधारी दल की उपलबिधयां प्रदर्शित हैं, को तत्काल हटाये जाने तथा चुनाव सम्पन्न होने तक इन्हें नहीं लगाये जाने के निर्देश दिए हैं।

इससे पूर्व उप जिला निर्वाचन अधिकारी अरूण पुरोहित ने बताया कि राज्य में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो चुका है तथा आदर्श आचार संहिता प्रवर्तन में आ चुकी है इसलिए इसकी जानकारी राजनैतिक दलों के साथ साथ आम जन को मिले इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार अति आवश्यक है। उन्होने मीडिया से लोकतन्त्र की मजबूती के लिए अपनी सकि्रया भागीदारी का आहवान किया। उन्होने चुनाव के दौरान प्रलोभनों तथा अवैध रूप से धन के लेन देन के संबंध में कानूनी प्रावधानों की भी जानकारी दी। बैठक में जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्रवण चौधरी तथा विभिन्न प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपसिथत थे।
 


गूगल सर्च में भी भाजपा के पीएम इन वेटिंग नमो-नमो

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी सर्च इंजन गूगल पर भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भारी पड रहे हैं। गूगल सर्च में भी भाजपा के पीएम इन वेटिंग नमो-नमो
इंटरनेट सर्च इंजन गूगल इंडिया द्वारा एक मार्च 2013 से 31 अगस्त 2013 के बीच कराए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। इसमें इंटरनेट पर सर्च किये जाने वाले 10 प्रमुख राजनेताओं में मोदी पहले पायदान पर हैं और राजनीतिक दलों में भी भारतीय जनता पार्टी अव्वल है जबकि कांग्रेस दूसरे स्थान पर है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इंटरनेट पर सर्च किये जाने वाले राजनेताओ के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एक पायदान ऊपर है, जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चौथे स्थान पर हैं। भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड फेंकने के आह्वान के साथ राजनीति में आए आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल इस मामले में पांचवें स्थान पर हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आठवें स्थान पर और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज नौंवे और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह 10वें पायदान पर हैं।

भाजपा के बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और शिवसेना का नंबर आता है। सर्च किए गए टॉप टेन नेताओं में से चार कांग्रेस और दो भाजपा के नेता शामिल हैं।


40 फीसदी शहरी वोटर्स मतदान को लेकर असमंजस में

भारत का 40 फीसदी शहरी अपने वोट के प्रयोग को लेकर असमंजस की स्थिती में है। वे कोई एक राजनीतिक पार्टी चुन नहीं पा रहे हैं। यह खुलासा भी गूगल के सर्वे में हुआ है। यह सर्वे उस वक्त आया है जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के अलावा अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।

सर्वे में ज्यादत्तर मतदाताओं का कहना है कि पार्टी की बजाय स्थानीय उम्मीदवार महत्वपूर्ण है। 11 फीसद ने माना है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मतदाताओं के फैसले को बदलने में भूमिका निभाता है। साथ ही शहरी लोगों ने स्थानीय उम्मीदवारों की इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को कम बताया।

गूगन ने चुनाव में इंटरनेट के योगदान को लकेर यह सर्व किया है। इसमें सात हजार इंटरनेट यूजर्स, 108 निर्वाच क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

थार की चुनावी धार बाड़मेर की राजनीती में महिलाओं की भागीदारी

थार की चुनावी धार बाड़मेर की राजनीती में महिलाओं की भागीदारी


एक मात्र महिला विधायक रही श्रीमती मदन कौर 

बाड़मेर।महिला सशक्तिकरण के तमाम दावों के बावजूद सीमांत जिले में आधी आबादी को चुनावी भीड़ का हिस्सा ही बनाया जा रहा है। कांग्रेस भाजपा दोनों मुख्य दलों में महिला नेतृत्व का इतिहास कमजोर रहा हैऔर वर्तमान के भी यही हाल है।


जिले में करीब चौदह लाख मतदाताओं में से साढ़े छह लाख महिलाओं के वोट है। पंचायती राज में पचास प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होने से जिले में करीब साढ़े तीन सौ महिलाएं सरपंच, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य है। वार्ड पंच मिलाए जाए तो यह संख्या ढाई हजार के करीब होगी। इस सबके बावजूद विधानसभा में महिलाओं के नेतृत्व के रूप में एकमात्र श्रीमती मदनकौर सफल रही है।


भाजपा ने पिछली बार मृदुरेखा चौधरी को अवसर दिया लेकिन वे जीतने में असफल रही। इस बार बाड़मेर और शिव विधानसभा क्षेत्र के अलावा महिलाओं की दावेदारी किसी भी जगह सशक्त रूप से सामने नहीं आई है।बाड़मेर से डॉ प्रियंका चौधरी ,मृदुरेखा चौधरी , चौधरी तो शिव में शम्मा खान ने सशक्त दावेदारी पेश की हें।

महिला मतदाता


शिव- 101998
बाड़मेर- 90092
बायतु- 84679
पचपदरा- 85550
सिवाना- 92395
गुड़ामालानी- 87103
चौहटन- 100897
योग- 642714
इस बार दावेदारी
कांग्रेस-
- शम्माखान शिव से
-पचपदरा से शारदा चौधरी
- सिवाना से विजयलक्ष्मी राजपुरोहित
- चौहटन से गीता मेघवाल ( जैसा कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेहखां ने बताया)
भाजपा
- बाड़मेर से प्रियंका चौधरी, मृदुरेखा चौधरी और अमिता चौधरी एवं अन्यत्र से कोई नहीं(जैसा कि भाजपा जिलाध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह ने बताया)
पहली बार ऎसा-
-यह पहला अवसर है जब बाड़मेर में भाजपा में तीन महिलाएं दावेदारी में संघर्षरत है। ऎसा पहले कभी नहीं हुआ।
- कांग्रेस में मौजूदा विधायक और वक्फ मंत्री अमीनखां के सामने भी सशक्त दावेदारी में शम्माखान सामने आई है।
विधान सभा में अब तक
-1957 में बाड़मेर विधानसभा सीट से कांग्रेस की तरफ से श्रीमती रूकमणीदेवी पहली महिला ने राम राज्य परिषद के तनसिंह के सामने चुनाव लड़ा, लेकिन वे 4359 मतों से हार गई।
-1962 में पचपदरा विधानसभा की सीट पर कांग्रेस की श्रीमती मदनकौर ने निर्दलीय अमरसिंह के सामने चुनाव लड़ा और 2494 मतों से हारी।
-1967 में पचपदरा से श्रीमती मदनकौर ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जनसंघ के चम्पालाल बांठिया को 17157 मतों से पराजित किया। जिले में पहली बार महिला को प्रतिनिधित्व मिला।
- 1972 में पचपदरा विधानसभा से कांग्रेस से श्रीमती मदनकौर ने निर्दलीय तेजसिंह को 2983 मतों से हराया।
-1977 में श्रीमती मदनकौर लगातार तीसरी बार पचपदरा से जीती, उन्होंने जनता पार्टी के चम्पालाल बांठिया को 2465 मतों से पराजित किया।
-1980 के मध्यावधि चुनाव में मदनकौर पचपदरा से कांगेस अर्स की प्रत्याशी बनी, इस बार कांग्रेस से अमराराम चौधरी ने चुनाव लड़ा और वे जीत गए।
-1990 में गुड़ामालानी से श्रीमती मदनकौर ने जनता दल से चुनाव लड़ा,उन्होंने कांग्रेस इ के चैनाराम को 23527 मतों से पराजित किया।
-मदनकौर को 30 मई से 24 नवंबर 1990 तक भैरोसिंह शेखावत सरकार में वन मंत्री बनाया गया।
-1993 में मदनकौर ने पचपदरा से चुनाव लड़ा और वे हार गई।
-1998 में श्रीमती मदनकौर ने पचपदरा से चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गई।
-2003 में पचपदरा से श्रीमती मदनकौर ने चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गई।
-2003 में निर्दलीय के रूप में बाड़मेर विधानसभा से पप्पूदेवी ने चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गई
-2008 में श्रीमती मृदुरेखा चौधरी ने बाड़मेर विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन वे कांग्रेस के मेवाराम जैन से हार गई।
भीड़ के लिए महिलाएं
राजनीतिक दलों के लिए महिलाओं को तवज्जां देना भी जरूरी है।जब भी राजनीतिक सभाएं होती है महिलाओं के लिए जगह आरक्षित रहती है। इसे भरने के लिए पूरी कोशिश होती है। जैसे ही सभा खत्म महिलाओं को तमाम राजनीतिक दल भूल जाते है।
महिलाओं से जुड़े मुद्दे-
- महिला सुरक्षा,चिकित्सा एवं शिशु अस्पताल
- महिला महाविद्यालयों की स्थापना
- महिलाओं के लिए रोजगार का प्रबंध
-डेयरी और कृषि में महिलाओं को रोजगार
- महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण
जिले में क्या स्थिति-
- जिले में बाड़मेर बालोतरा के अलावा कहीं महिला रोग विशेषज्ञ नहीं
- सड़क किनारे के विद्यालयों के अलावा महिला शिक्षिकाएं नहीं
-महिला अधिकारी जिले मे बहुत कम
- महिलाओं की पुलिस में नफरी भी कम
-महिला साक्षरता व शिक्षा में पिछड़ापन
- गांवों में आठवीं और दसवीं उत्तीर्ण महिलाएं मिलना मुश्किल
जिले की स्थिति
जिला परिषद सदस्य
37 में से 18 महिलाएं
पंचायत समिति सदस्य
पं स सदस्य महिलाएं
सिवाना 25 11
धोरीमन्ना 25 16
बाड़मेर 23 14
चौहटन 23 12
सिणधरी 23 11
बालोतरा 27 16
शिव 17 09
बायतु 21 12
योग 184 101
पंस सरपंच महिला
बालोतरा 54 30
बायतु 47 23
बाड़मेर 50 29
चौहटन 51 30
सिवाना 40 21
शिव 45 26
सिणधरी 46 27
धोरीमन्ना 47 26
योग 380 212
नगरपरिषद बाड़मेर
40 में से 21
नगर परिष्ाद बालोतरा
35 महिला 10

मुश्किल है राजनीति।।मदन कौर
आप राजनीति में कैसे आई-
डॉक्टर बनना चाहती थी। मेरे पिताजी के साथ सामाजिक कार्यो से जुड़ी थी। कॉलेज के जमाने में 1954 में कांग्रेस से जुड़ गई । सामाजिक कार्य के चलते ही 1956 में बालेसर मे पंचायती राज में सदस्य बनी। इसके बाद विधानसभा और अब 78 वर्ष की हो गई हूं, इस राजनीति में।
राजनीति में महिलाएं क्यों अभी तक पीछे है- शिक्षा कमी है। मुश्किल क्षेत्र है। अनिश्चितता और संघर्ष है।पढ़ी लिखी महिलाएं भी इसमें नहीं आना चाहती।यह रूचि का क्षेत्र है।
अब महिलाओं के लिए माहौल कैसा है- अब राजनीति साफ सुथरी नहीं रही। बहुत पैसा खर्चहोता है। कई संघर्ष है।यह रूचि पर निर्भर है। मैं भी सोचती हूं अब राजनीति करना मुश्किल हो गया है।




महिलाओं का नेतृत्व करती है चित्रा सिंह
भाजपा ने वर्ष 2004 में एक नवाचार हुआ।भाजपा के सांसद प्रत्याशी मानवेन्द्रसिंह की धर्मपत्नी श्रीमती चित्रासिंह महिलाओं के वोट जुटाने के लिए प्रचार प्रसार को पहुंची।उन्होंने गांव गांव सभाएं की।मानवेन्द्र को इस चुनाव में बड़ी जीत मिली।तब से चित्रासिंह भाजपा में किसी पद पर तो नहीं हैलेकिन सक्रिय रहते हुए भाजपा में महिलाओं की अनौपचारिक कमान संभाले हुए है।
महिलाओं को नहीं जोड़ा जाता-
महिलाओं की आमतौर पर शिकायत रहती है कि उनको जोड़ने में कमी रहती है।महिला को नेतृत्व मिलना चाहिए।आधी आबादी है। उनकी अपनी समस्याएं और शिकायतें।बाड़मेर क्षेत्र में महिलाएं महिला को ही सहज रूप से अपनी बात कह पाती है।मैं तो हमेशा ठोस पैरवी करती हूं कि महिला को टिकट दिया जाए। - चित्रासिंह --



डॉ प्रियंका चौधरी पेशे से चिकित्सक डॉ प्रियंका से तालुक रखती हें। जाट नेता गंगाराम चौधरी की पोती प्रियंका समाज सेवा और बाड़मेर के विकास का जज्बा राजनीती में उतारी हें।