पर्यटन नक्शे पर होगा जालोर!
जालोर। क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ने जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक सर्किट विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है।
जिला प्रशासन की ओर से जिले में धार्मिक पर्यटन की सम्भावनाओं वाले स्थान चिह्नित कर पर्यटन कार्यालय माउंट आबू को भेजे गए थे। उसके बाद वहां से प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा गया है। इस सम्बन्ध में स्वीकृति मिलने पर पर्यटन नक्शे पर जालोर का नाम होगा। संभवतया यह योजना अगले साल ही मूर्तरूप ले पाएगी।
ज्ञात रहे कि वर्ष 2006 से धार्मिक सर्किट का मामला विचाराधीन है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों सहित जिला प्रशासन ने कई बार राज्य सरकार से पत्र व्यवहार किया। इसी के चलते पर्यटन विभाग जयपुर की ओर से सहायक पर्यटन निदेशक माउंट आबू कार्यालय की ओर से जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक सर्किट विकसित करने को लेकर प्रस्ताव मंगवाया गया था।
इस पर जिला प्रशासन ने जिले के सुंधा माता तीर्थ, क्षेमंकरी माता मंदिर, 72 जिनालय, स्वर्णगिरि दुर्ग व भाण्डवपुर तीर्थ का नाम शामिल करके प्रस्ताव भेजा है। सहायक निदेशक कार्यालय माउण्ट आबू से मुख्यालय को भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया कि माउण्ट आबू में हर साल 22 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं, जो आसपास के धार्मिक स्थलों पर जाना चाहते हैं। लेकिन, परिवहन सुविधा के अभाव में वे इन स्थलों पर जा नहीं पाते हैं।
जिले के पांच स्थान शामिल
मुख्यालय को प्रेçष्ात प्रस्ताव में जालोर-सिरोही जिले के धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है और इसे गुजरात से जोधपुर तक जोड़ा जाएगा। इसमें माउंट आबू के देलवाड़ा जैन मंदिर, अम्बाजी, पावापुरी, भैरूतारक धाम, जीरावल, दांतराई, सुंधा माता, क्षेमंकरी माता मंदिर, 72 जिनालय, स्वर्णगिरि दुर्ग के धार्मिक स्थल, भाण्डवपुर तीर्थ, नाकोड़ा, रामदेवरा को जोड़ा जा सकता है।
विकसित होंगी आधारभूत सुविधाएं
स्वर्णगिरि दुर्ग पर पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। दुर्ग तक जाने के लिए सड़क मार्ग या रोप-वे निर्माण होता है तो दुर्ग को देखने के लिए राज्य के साथ ही देशभर से पर्यटकों के आने की संभावना है। धार्मिक सर्किट बनने के बाद यहां पर्यटकों की तादाद में इजाफा होगा। दुर्ग पर महावीर जैन मंदिर, शिव मंदिर, मलिकशाह दातार की दरगाह, खेतलाजी मंदिर हैं, जहां मेले व उर्स में हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं। आधारभूत सुविधाएं विकसित होने के बाद इसके विकास की भी संभावना है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन विभाग से जिले में धार्मिक पर्यटन के विकास के लिहाज से सम्भावित स्थानों की सूची मांगी गई थी। जिले के पांच स्थानों के नाम भेजे गए हैं। स्वीकृति मिलती है तो जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
-राजन विशाल, जिला कलक्टर, जालोर
अगले साल स्वीकृति की उम्मीद
जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक पर्यटन विकसित करने के लिहाज से प्रस्ताव भेजा गया है। इस पर स्वीकृति अगले साल मिलने की उम्मीद है। इससे पर्यटकों का रूझान बढ़ेगा।
-भानुप्रतापसिंह, सहायक पर्यटन निदेशक, माउण्ट आबू
जालोर। क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ने जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक सर्किट विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है।
जिला प्रशासन की ओर से जिले में धार्मिक पर्यटन की सम्भावनाओं वाले स्थान चिह्नित कर पर्यटन कार्यालय माउंट आबू को भेजे गए थे। उसके बाद वहां से प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा गया है। इस सम्बन्ध में स्वीकृति मिलने पर पर्यटन नक्शे पर जालोर का नाम होगा। संभवतया यह योजना अगले साल ही मूर्तरूप ले पाएगी।
ज्ञात रहे कि वर्ष 2006 से धार्मिक सर्किट का मामला विचाराधीन है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों सहित जिला प्रशासन ने कई बार राज्य सरकार से पत्र व्यवहार किया। इसी के चलते पर्यटन विभाग जयपुर की ओर से सहायक पर्यटन निदेशक माउंट आबू कार्यालय की ओर से जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक सर्किट विकसित करने को लेकर प्रस्ताव मंगवाया गया था।
इस पर जिला प्रशासन ने जिले के सुंधा माता तीर्थ, क्षेमंकरी माता मंदिर, 72 जिनालय, स्वर्णगिरि दुर्ग व भाण्डवपुर तीर्थ का नाम शामिल करके प्रस्ताव भेजा है। सहायक निदेशक कार्यालय माउण्ट आबू से मुख्यालय को भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया कि माउण्ट आबू में हर साल 22 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं, जो आसपास के धार्मिक स्थलों पर जाना चाहते हैं। लेकिन, परिवहन सुविधा के अभाव में वे इन स्थलों पर जा नहीं पाते हैं।
जिले के पांच स्थान शामिल
मुख्यालय को प्रेçष्ात प्रस्ताव में जालोर-सिरोही जिले के धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है और इसे गुजरात से जोधपुर तक जोड़ा जाएगा। इसमें माउंट आबू के देलवाड़ा जैन मंदिर, अम्बाजी, पावापुरी, भैरूतारक धाम, जीरावल, दांतराई, सुंधा माता, क्षेमंकरी माता मंदिर, 72 जिनालय, स्वर्णगिरि दुर्ग के धार्मिक स्थल, भाण्डवपुर तीर्थ, नाकोड़ा, रामदेवरा को जोड़ा जा सकता है।
विकसित होंगी आधारभूत सुविधाएं
स्वर्णगिरि दुर्ग पर पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। दुर्ग तक जाने के लिए सड़क मार्ग या रोप-वे निर्माण होता है तो दुर्ग को देखने के लिए राज्य के साथ ही देशभर से पर्यटकों के आने की संभावना है। धार्मिक सर्किट बनने के बाद यहां पर्यटकों की तादाद में इजाफा होगा। दुर्ग पर महावीर जैन मंदिर, शिव मंदिर, मलिकशाह दातार की दरगाह, खेतलाजी मंदिर हैं, जहां मेले व उर्स में हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं। आधारभूत सुविधाएं विकसित होने के बाद इसके विकास की भी संभावना है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन विभाग से जिले में धार्मिक पर्यटन के विकास के लिहाज से सम्भावित स्थानों की सूची मांगी गई थी। जिले के पांच स्थानों के नाम भेजे गए हैं। स्वीकृति मिलती है तो जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
-राजन विशाल, जिला कलक्टर, जालोर
अगले साल स्वीकृति की उम्मीद
जालोर-सिरोही जिले में धार्मिक पर्यटन विकसित करने के लिहाज से प्रस्ताव भेजा गया है। इस पर स्वीकृति अगले साल मिलने की उम्मीद है। इससे पर्यटकों का रूझान बढ़ेगा।
-भानुप्रतापसिंह, सहायक पर्यटन निदेशक, माउण्ट आबू
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