सोमवार, 30 सितंबर 2013

कोर्ट परिसर में किन्नरों की शर्मनाक हरकत, देखने वालों ने फेरी आंखें!

इंदौर। जिला अदालत में गुरुवार को वारंट पर हाजिर हुए किन्नरों के आपसी विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि अदालत परिसर में एक घंटे तक अराजकता फैली रही। किन्नरों में आपसी मारपीट और संघर्ष होता रहा। नारेबाजी और ताली ठोंकने की आवाज से परिसर गूंजता रहा। बाद में अदालत के आदेश पर पुलिस ने 27 किन्नरों को गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में जेल भेज दिया गया। बार एसोसिएशन ने अदालत परिसर की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है। संयोगितागंज इलाके में कुछ माह पहले किन्नरों में विवाद हुआ था। विवाद के बाद दो पक्षों के चार-चार आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने केस कायम किया था।

PICS : कोर्ट परिसर में किन्नरों की शर्मनाक हरकत, देखने वालों ने फेरी आंखें!

मामला यह है कि संयोगितागंज इलाके में कुछ माह पहले किन्नरों में विवाद हुआ था। इस पर दोनों पक्षों के चार-चार आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने केस कायम किया था। फरार होने पर कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया था। गुरुवार को दोनों पक्षों के चार चार किन्नर मुख्य दंडाधिकारी विवेकसिंह रघुवंशी की अदालत में हाजिर हुए थे। दोनों पक्षों के साथ उनके सौ-सौ किन्नर समर्थक भी थे।
PICS : कोर्ट परिसर में किन्नरों की शर्मनाक हरकत, देखने वालों ने फेरी आंखें!

जोधपुर में बिग बी को डी-लिट की उपाधि आज

जोधपुर।बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सोमवार को जोधपुर आएंगे। दोपहर बजे के बाद बिग बी विशेष चार्टर प्लेन से जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचेगे। अमिताभ बच्चन को जोधपुर में एक निजी विवि की ओर से डी-लिट की उपाधि दी जाएगी। बिग बी ने टि्वटर पर खुद यह जानकारी दी। जोधपुर में बिग बी को डी-लिट की उपाधि आज

उन्होंने टि्वट किया कि "मैं रविवार को जयपुर में और अगले दिन जोधपुर में रहूंगा। वहां यूनिवर्सिटी मुझे सम्मानित करने जा रही है।" सूत्रों ने बताया कि बच्चन को यह उपाधि जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में दी जाएगी। हालांकि विवि ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है। उल्लेखनीय है विवि ने पहले दीक्षांत समारोह में पाश्र्वगायिका आशा भोसले को डी-लिट की उपाधि प्रदान की गई थी।

सद्गुणों को जीवन में उतारना ही संस्कार : रोलसाहबसर

सद्गुणों को जीवन में उतारना ही संस्कार : रोलसाहबसर 

बाड़मेर



क्षत्रिय युवक संघ सद्भावना प्रकोष्ठ के तत्वावधान में राणी रुपादे संस्थान सरदारपुरा प्रांगण में एक दिवसीय संघ के प्रति सद्भावना रखने वाले क्षत्रिय बंधुओं का स्नेह मिलन समारोह आयोजित हुआ। जिसमें संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने कहा कि आजादी से पहले समाज की पीड़ा को तनसिंह जी ने अनुभव किया। इस पीड़ा को मिटाने के लिए एक रास्ता खोज निकाला 22 दिसंबर 1946 को क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की गई। संघ की स्थापना के समय उनके साथ 19 व्यक्ति थे। उनमें से भी अधिकांश ने उनके जीवित रहते संघ का व उनका साथ छोड़ दिया। लेकिन तनसिंह अपने कर्म में रत रहे जिसका परिणाम है यह विशाल संघ। यह उनकी तपस्या व समाज के प्रति सद्भाव का प्रतिफल है। उन्होंने कभी ऐसे स्नेह मिलन व सद्भावना प्रकोष्ठों की स्थापना नहीं की। वे अपने कर्म में विश्वास रखते थे। दिन में 18 घंटे संघ के निमित सोचना, लिखना, चिंतन करना व समाजहित में कर्मरत रहना उनकी दिनचर्या थी।

उन्होंने कहा कि जो सद्गुण हमारे जीवन में नहीं है, उन सद्गुणों को जीवन में उतारना ही संस्कार है। यही कार्य क्षत्रिय युवक संघ 1946 से नियमित कर रहा है। कमलसिंह चुली इस कार्यक्रम की नींव के पत्थर है। इन्होंने संघ और छात्रावास दोनों को अपनी जीवन की दिनचर्या बना दी। वर्तमान युग में क्षत्रिय धर्म का पालन अनिवार्य है। संघ यही सिखाता है। इस दौरान शेरसिंह भुरटिया, पृथ्वीसिंह आगोर, कर्नल मानवेंद्रसिंह, छगनसिंह शिवकर, खमाणसिंह सुवाला, महावीरसिंह चूली , रेवंतसिंह राणासर, रुपसिंह चौहटन, कुशलसिंह गडरारोड, मलसिंह उंडखा, नरेन्द्रसिंह भाखरपुरा, राजेन्द्रसिंह भियाड़, नथूसिंह थुम्बली व स्वरूप सिंह खारा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में विक्रमसिंह इंद्रोई ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

ओवरब्रिज उद्घाटन के 7 दिन में ही उखड़ गई सड़क


ओवरब्रिज उद्घाटन के 7 दिन में ही उखड़ गई सड़क 

शाम होने के साथ ही अंधेरे के साये में ओवरब्रिज, हर समय रहती है हादसे की आशंका 




बाड़मेर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित ओवरब्रिज के उद्घाटन को महज सात ही दिन हुए है कि बारिश ने कार्यों की पोल खोलकर रख दी है। नेहरू नगर की तरफ से ओवरब्रिज पर चढऩे के दौरान बिछाया गया डामर बरसात के साथ बह जाने से अब केवल कंकरीट ही शेष रही है। ऐसे में बारिश के बाद कार्यों की पोल खुलने से ओवरब्रिज निर्माण कार्य पर सवाल उठने लगे हैं। 

23 सितंबर 2013 को ओवरब्रिज का उद्घाटन राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कर आमजनता के खोला था। जिसके बाद पिछले दो दिन तक हुई बारिश से ओवरब्रिज के निर्माण कार्य की पोल खुल गई। ओवरब्रिज पर बिछाई गई सड़क का डामरीकरण पानी के साथ बह जाने के बाद अब केवल कंकरीट ही शेष रही है। ऐसे में निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। सवाल ये भी है कि क्या ठेकेदार की ओर सड़क बनाने में लापरवाही बरती गई है? अगर लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारी कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे है।
पांच साल की गारंटी में है ओवरब्रिज 

नियमानुसार ओवरब्रिज के निर्माण के बाद पांच साल तक सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने या फिर ओवरब्रिज के निर्माण कार्यों में लापरवाही होने की स्थिति में संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी रहेगी। इसके लिए ठेकेदार को पेचवर्क सहित अन्य काम करवाने होते हैं। लेकिन पिछले दो दिनों से ओवरब्रिज की टूटी सड़क को लेकर संबंधित ठेकेदार की ओर से सुध नहीं ली गई है। 



रिपेयर करवाई जाएगी 

॥पांच साल के लिए ओवरब्रिज का निर्माण गारंटी में है। बारिश की वजह से सड़क क्षतिग्रस्त हुई होगी। एक-दो माह तक ट्रायल के रूप में सड़क टूटने की संभावना रहती है। फिर भी ठेकेदार को पाबंद कर रिपेयर करवाया जाएगा। रोड लाइट्स में फॉल्ट आया हुआ है ठेकेदार को सुधारने के लिए कहा था।  
अमृत देवपाल, नोडल अधिकारी आरओबी 
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.इधर, ठेकेदार की सफाई 

॥ओवरब्रिज पर बनाई गई सड़क का काम अधूरा है, उद्घाटन कर दिया था। बारिश के कारण सड़क पूरी नहीं कर पाए थे। अब सोमवार को ही रिपेयर करवा दी जाएगी।  भरत भाई पटेल, ठेकेदार, आरओबी 

शाम होते ही अंधेरे में ओवरब्रिज 

भले ही ओवरब्रिज का उद्घाटन कर वाह-वाही लूटी जा रही हो, लेकिन ओवरब्रिज उद्घाटन के दिन से ही अंधेरे में है। एक-दो दिन बाद जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के निर्देश पर रात्रि में रोड लाइट्स जरूर नजर आई, लेकिन इसके बाद पिछले पांच दिनों से ओवरब्रिज पर अंधेरे का सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसी स्थिति में एक तरफ वाहनों का आवागमन और दूसरी तरफ ओवरब्रिज पर पसरा अंधेरा हादसों को न्योता दे रहा है। करीब तीस फीट तक की ऊंचाई के इस ओवरब्रिज पर रात्रि के समय रोड लाइट्स का होना बेहद जरूरी है। ऐसी स्थिति में भी अगर लापरवाही बरती जाती है तो शायद संबंधित अधिकारी कोई बड़े हादसे का इंतजार हो रहा है। जबकि ओवरब्रिज को रोशन करने के लिए लाखों रुपए का टेंडर जारी कर संबंधित ठेकेदार को ठेका दिया गया। 



बारिश से बही सड़कें, खेतों में फसलें बर्बाद बारिश से चौपट हुई फसलें





बारिश से बही सड़कें, खेतों में फसलें बर्बाद बारिश से चौपट हुई फसलें

कच्चे मकान ढहे, पेड़ उखड़े बारिश से उखड़ी सड़कें, हर डगर पर गड्ढ़े 


बाड़मेर



जिलेभर में दो दिन तक हुई लगातार बारिश ने शहर की तस्वीर बदल दी है। हर तरफ बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है। जहां सड़कें पानी के साथ बह गई है तो किसानों की पक्की-पकाई फसलें नष्ट होने से भूमि पुत्र बर्बाद हो गए। वहीं बारिश के दूसरे दिन भी बाड़मेर शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न हुई नजर आई। बरसाती पानी से घिरे घरों से बाहर निकल पाना हर किसी के लिए चुनौती बना रहा है। हालात ये है कि अगर घर से बाहर भी निकल लें तो सड़कों पर चल पाना मुश्किल है। क्योंकि बरसात के बाद सड़कें पानी में बह गई, जगह-जगह गहरे गड्ढ़े बने होने से दुपहिया सहित राहगीरों का पैदल चल पाना भी मुश्किल हो चुका है। हर तरफ पानी और कीचड़ के बीच लोगों को भारी परेशानी भरा सफर तय करना पड़ रहा है। दो दिन तक चली बरसात ने नगर परिषद के दावों की परते खोल दी है।

हर तरफ फसल खराबे के मुआवजे की मांग: बाड़मेर जैसलमेर सांसद हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बाड़मेर जिले में हुए अतिवृष्टि से फसल खराबे का मुआवजा दिलवाने की मांग की है। सांसद चौधरी ने बताया कि हाल ही हुई लगातार बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हुआ है


बाड़मेर शहर में दो दिन तक हुई 30 घंटे तक लगातार बारिश के बाद रविवार को भी शहर की कई कॉलोनियां पानी से जलमग्न हुई नजर आई। बलदेव नगर, महावीर नगर, कृषि उपज मंडी, गांधी नगर सहित कई कॉलोनियों में दूसरे दिन भी बरसाती पानी भरा रहने से लोगों का घर से बाहर तक निकल पाना मुश्किल रहा। हर तरफ भरे पानी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया। महावीर नगर में तो बरसाती पानी से कई मकान घिरे होने से लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। मोहल्ले में करीब एक से डेढ़ फीट तक पानी भरा रहा। इसी तरह बलदेव नगर डूंगर विद्यापीठ के पीछे के इलाके में करीब चालीस सेअधिक कच्चे व पक्के घर पानी से घिरे हुए हंै। 
गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से यह पानी बलदेव नगर इलाके के कई घरों में घुस गया। जिससे कई लोग तो घरों को छोड़ गांव तक चले गए। महावीरनगर इलाके में बच्चों के खेलने-कूदने के लिए बनाया पार्क पानी में डूबा हुआ है। जहां झूले व फिसलन पट्टी सहित पूरा मैदान पानी में है। 

कॉलोनियां जलमग्न, सीवरेज फेल 


शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न, घर से बाहर निकलना मुश्किल,किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी, कहीं कच्चे मकान ढहे तो कही पेड़ हुए धराशायी 

बारिश से जहां फसलें तो बर्बाद हुई है साथ ही कच्चे मकान व पेड़ भी धराशायी हो गई। कच्ची बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों के कच्चे मकान बारिश के साथ ही ढह जाने से अब आसमान तले बसेरा करने को मजबूर है। हालात ये है कि तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से पेड़ों को भी भारी नुकसान हुआ है। सड़कों के किनारे सहित खेतों में खड़े पेड़ तेज हवा के साथ गिर गए। वहीं बाड़मेर शहर के नजदीक बाड़मेर आगोर भीलों की बस्ती में करीब दस से अधिक गरीब परिवारों के कच्चे मकान ढह गए। ऐसे हालात कोई एक कस्बे या गांव के नहीं है, बल्कि जिलेभर में जहां गरीब परिवारों के कच्चे गोबर से बने मकान है वो धराशायी हुए हैं। 

बारिश से बाड़मेर शहर के हर मोहल्ले व गली की सड़कें उखड़ चुकी हंै। सड़कों पर बरसाती पानी की रपट चलने से सड़कों पर गहरे गड्ढ़े बन चुके हैं। हालात ये है कि इन गड्ढों पर सफर तय करना किसी हादसे से कम नहीं है। चाहे शहर का सिणधरी चौराहा हो या कोई गली-मोहल्ला सड़केंं की बदसूरत देख विकास कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ दिन पूर्व ही निर्माण की गई सड़के एक ही बारिश के साथ बह गई। जिससे अब सड़क नहीं हर तरफ गड्ढ़े ही गड्ढ़े नजर आते हंै। बाड़मेर-सिणधरी मार्ग पर तो बरसाती पानी के तेज बहाव से आधा हाइवे ही पानी के साथ बह गया है। जिससे हर समय हादसे की आशंका बनी हुई है। 
रात्रि या तेज रफ्तार से आ रहे वाहन कभी भी इस हाइवे से हादसों का शिकार हो सकते हंै। 

तेज व तूफानी बारिश से जिलेभर में किसानों की उम्मीदें व अरमानों पर पानी फिर गया है। किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ तीन माह पूर्व फसलों की बंपर बुवाई की थी कि अच्छी बारिश के बाद लिया कर्ज चुकता कर देंगे। लेकिन दो दिन तक हुई बारिश ने किसानों की पक्की-पकाई फसलों को मिट्टी में मिला दिया। कहीं फसलें पानी में बह गई तो कहीं तेज हवा के साथ ही बारिश से फसलें जमींदोज हो गई। वहीं जिन किसानों ने फसलों की कटाई कर रखी थी वो फसलें भी बरसात से खराब हो गई। 
ऐसे में धरतीपुत्रों को भारी नुकसान होने से अपनी किस्मत को कोसने लगे हंै। हर तरफ किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की जा रही है। बारिश से बाजरा, मूंग, मोठ, तिल सहित कई फसलों को 50-60 फीसदी नुकसान हुआ है। 

सरकार मुआवजा दें 

॥तुफानी हवा के साथ हुई बारिश से बाजरे की फसल जमींदोज हो गई। वहीं कटाई की गई फसल भी बरसात से खराब होने के साथ ही दाना उग आया है। किसानों को बरसात से भारी नुकसान हुआ है, जिसके लिए सरकार सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलाए। 

तगाराम चौधरी, ग्रामीण सनावड़ा 
पटवारियों को सर्वे के निर्देश दिए हैं 

॥जिलेभर में बारिश से नुकसान हुआ है, जिसके लिए सभी पटवारियों को गिरदावरी रिपोर्ट बनाने के निर्देश दे रखे हंै। सोमवार तक सभी पटवारी फसलों के नुकसान को लेकर रिपोर्ट सुपुर्द करेंगे। जिसके बाद उनके नुकसान की भरपाई के लिए रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी 

रामचंद्र पचार, तहसीलदार बाड़मेर 

रविवार, 29 सितंबर 2013

राजस्थानी के बाईस व्याख्याताओ की भर्ती निकली सरकार ने मुख्यमंत्री का आभार जताया

राजस्थानी के बाईस व्याख्याताओ की भर्ती निकली सरकार ने मुख्यमंत्री का आभार जताया 

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के बेनर तले गत माह राज्य सरकार को जिला कलेक्टर बाड़मेर के माध्यम से ज्ञापन भेज राज्य में राजस्थानी भाषा के रिक्त पड़े पचास पदों पर भर्ती की मांग की थी जिस पर राज्य सरकार ने मांगो पर सकराताक्मक कार्यव्वाही करते हुए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम में राज्य में राजस्थानी भाषा के बाईस व्याख्याताओ के रिक्त पदों पर भर्ती निकाल दी हें। संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा समिति राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता के साथ साथ राजस्थानी के विकास के लिए निरंतर अभियान चला रही हें जिसका फायदा राजस्थानी भाषा प्रेमियों को मिल रहा हें ,उन्होंने समिति की मांगो पर सरकार द्वारा सकारात्मक रुख अपना भर्तियाँ निकलने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया। 

जोधपुर में बारिश से दो की मौत, 10 घायल

जोधपुर। शहर में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है जिसके चलते अब तक 5 इंच से अधिक वर्षा हो चुकी है। लगातार हो रही इस बारिश से जोधपुर के उदय मंदिर आसन क्षेत्र में पहाड़ी का एक हिस्सा गिरने से 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई तथा 10 घायल हो गये। जोधपुर में बारिश से दो की मौत, 10 घायल
घायलों में से दो की हालत गंभीर है। सभी घायलों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार जारी है। मलबे में अभी भी और लोगों के दबे होने की आशंका है जिन्हें निकालने के लिये बचाव एवं राहत कार्य जारी है।

मनमोहन की नवाज को खरी- खरी, आतंकवाद रोके पाकिस्तान


न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाक पीएम नवाज शरीफ की मुलाकात में भारत की ओर से आतंकवाद सहित कई अहम मुद्दों को उठाया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नवाज शरीफ से कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए।



मेनन ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन ने नवाज के सामने मुंबई हमले का मुद्दा उठाया। जिस पर पाक पीएम ने मनमोहन को भरोसा दिलाया कि मुंबई हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हमले के दोषियों पर कार्रवाई होगी।



गौरतलब है कि मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान की सरजमीं से आतंकवादी गतिविधियों के संचालन का मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने अभिभाषण के दौरान उठाया था।



मेनन ने बताया कि दोनों प्रधानमंत्रियों की ओर से एक दूसरे को अपने देश में आने का न्यौता दिया गया। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।



बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज, वित्त एवं ऊर्जा मंत्री वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक तारिक फातमी मौजूर रहे। वहीं भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, विदेश सचिव सुजाता सिंह और संयुक्त सचिव जावेद अशरफ मौजूद रहे।

बाड़मेर आसाराम समर्थकों ने निकाला मौन जुलूस

बाड़मेर आसाराम समर्थकों ने निकाला मौन जुलूस
बाड़मेर.

राजस्थान के बाड़मेर जिले में दुष्कर्म के मामले में फंसे संत आसाराम बापू के समर्थन में रविवार को सैकड़ों की संख्या में समर्थकों ने मौन जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। मौन जुलूस बाड़मेर शहर के प्रतापजी की प्रोल से रवाना हुआ। जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष साधक हाथों में बापू के बचाव को लेकर नारे लिखी तख्तीयां व बैनर लेकर चल रहे थे। मौन जुलूस में भारी संख्या में बापू के समर्थकों ने शिरकत की और बापू को निर्दोश बताते हुए उन्हें विदेशी ताकतों की ओर से फंसाए जाने का आरोप लगाया। समर्थकों का आरोप है कि बापू पर विदेशी ताकतों की ओर से भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का बड़ा षडय़ंत्र चल रहा है। जिसके तहत संस्कृति के आधारस्तभ संतों-महापुरुषों को झूठे, कलोपकल्पित, घिरौने मामलों में फंसाकर लोगों की आस्था व निष्ठा तोडऩे का कार्य किया जा रहा है, जो देशद्रोह है। संत-महापुरुषों के कार्टून बनाकर मजाक उड़ाना इत्यादि असंवैधानिक व निम्र स्तर का कार्य हो रहा है। समर्थकों ने कहा कि बापू पर साजिश रची गई है न्यायपालिका पर भरोसा है और बापू जल्द ही निर्दोश साबित होकर बाहर आएंगे।
मौन जुलूस के दौरान भारी संख्या में समर्थक हाथों में नारे लिखे पोस्टर, बैनर व तख्तीया लिए हुए चल रहे थे। कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद मौन जुलूस की रैली सभा में तब्दील हो गई। जहां साधकों ने रैली का संबोधित करते हुए वर्तान परिपेक्ष्य के बारे में बताया। रविवार को बाड़मेर ही नहीं पूरे देशभर में बापू के समर्थन में रैली का आयोजन हुआ।

सब्जी मंडी व्यापारी तीसरे दिन भी हड़ताल पर


सब्जी मंडी व्यापारी तीसरे दिन भी हड़ताल पर

बाड़मेर.
रेलवे स्टेशन के पास स्थित नई सब्जी मंडी के सैकड़ों व्यापारियों की हड़ताल रविवार को भी जारी रही। व्यापारियों की मांग है कि नई सब्जी मंडी के सामने हाई स्कूल रोड़ के क्रॉस मार्ग पर लगाए अवरोधकों को हटाए जाए ताकि सब्जी मंडी व्यापारियों का व्यापार प्रभावित ना हो। क्रॉस मार्गों को बंद कर दिए जाने से नई सब्जी मंडी तक ग्राहकों को आने के लिए करीब एक किमी. तक का सफर तय करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में सब्जी मंडी से ग्राहकों को मोह भंग हो रहा है, साथ ही ग्राहकों के नहीं आने से करीब चालीस से अधिक सब्जी विक्रेता बेरोजगार हो गए। पिछले तीन दिनों अपना सब्जी व्यापर बंद रखकर व्यापारी हड़ताल पर है और प्रशासन से बंद क्रॉस रास्तों को खोलने की मांग कर रहे है, लेकिन प्रशासन की ओर से तीन दिन बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिससे व्यापारियों में खासा आक्रोश नजर आ रहा है।
क्रॉस रास्ते बंद होने से व्यापारियों को सब्जी व्यापार चौपट हो गए, व्यापारी बेरोजगार होने के साथ ही उनके परिवार पर पालन-पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि सोमवार को जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसके बाद भी अगर बेरिकेट्स नहीं हटाए गए तो उन्हें मजबूरन हड़ताल के साथ धरना-प्रदर्शन पर उतरना पड़ेगा।

राजस्थान देश का पहला ई-अभिलेखागार बना



दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अब राजस्थान अभिलेखागार की वेबसाइट पर एक क्लिक कर 35 लाख रियासतकालीन ऐतिहासिक दस्तावेज देखे जा सकते है.
राजस्थान देश का पहला ई-अभिलेखागार बना
राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डा. महेंद्र खडगावत का दावा है कि इतनी संख्या में रियासतकालीन ऐतिहासिक एवं प्रशासनिक दस्तावेजों को आनलाइन करने वाला राजस्थान देश का पहला ई-अभिलेखागार बन गया है. बल्कि 246 आजादी के परवानों के संस्मरण भी सुने जा सकते हैं.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन दस्तावेजों को आनलाइन किया गया है. उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिबद्ध करने का कार्य सिर्फ राजस्थान राज्य अभिलेखागार ही कर रहा है. आनलाइन किये गये अभिलेखों में बीकानेर रियासत के तीस लाख, अलवर के दो लाख व जोधपुर रियासत के सात लाख पांच हजार दस्तावेज है.

आनलाइन देखे जाने वाले दस्तावेजों में बीकानेर, हनुमानगढ, चूरू व श्रीगंगानगर जिलों के करीब सवा तीन लाख जमीनों व मकानों के पट्टे भी शामिल है.

खडगावत के अनुसार, आनलाइन किए गए अभिलेखों में बीकानेर महकमा खास (सचिवालय की पत्रावलियां), ऐतिहासिक बहियां, रामपुरिया रिकार्ड, परवाना बहियां, कौंसिल के हुकूम की बहियां शामिल है. जयपुर रियासत के लगभग ग्यारह लाख ऐतिहासिक अभिलेख शामिल हैं, जिनमें मुख्यत: स्याह हुजूर वकील रिपोर्ट्स, अखबारात, अर्जदाश्त, तोजी, रूक्के, परवाने, आमेर अभिलेख, दस्तूर कौमवार, मुगलकालीन ऐतिहासिक फरमान, निशान व मन्सूर, विल्स रिपोर्ट, मुगल राजपूत व राजपूत मराठा से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज शामिल है.

खडगावत ने बताया कि अभिलेखागार की साइट से जोधपुर के महत्वपूर्ण 7.5 लाख राजस्व अभिलेखों में जमीनें व मकानों के पट्टे, अलवर राज्य की महत्वपूर्ण रजिस्ट्री अभिलेख तथा ऐतिहासिक मत्स्य रिकार्ड की पत्रावलियां, सिरोही राज्य के ऐतिहासिक फरमान व अभिलेख तथा माउंट आबू स्थित रजवाडा भवनों के अभिलेख शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि राज्य अभिलेखागार में उपलब्ध प्रदेश के स्वतंत्रता आंदोलन, प्रजामण्डल आंदोलन के दस्तावेज और समाचार पत्रों की कतरनें, मुगल बादशाह जहांगीर, शाहजहां, औरंगजेब, नूरजहां, बहादुरशाह द्वारा लिखे गये ऐतिहासिक फरमान, निशान और जयपुर, जोधपुर एवं सिरोही के राजाओं को लिखे पत्र आनलाइन किए गए है.

अभिलेखागार ने मुगलकालीन भारत एवं राजपूत शासक भाग-एक व भाग-दो स्वतंत्रता आंदोलन के साक्षी कुछ संस्मरण जयपुर, जोधपुर, हाडौती, उदयपुर, अजमेर व भरतपुर संभाग की पुस्तकों के भी है.

खडगावत ने कहा कि भूतपूर्व रजवाडों के ऐतिहासिक दस्तावेजों के आनलाइन करने से आमजन पूर्व में महीनों अपनी जमीन व मकानों के पट्टे नहीं ढूंढ पाते थे अब एक मिनट में देख सकते है और जरूरत होने पर उसकी प्रति भी निकाल सकते है.

खडगावत ने बताया कि राजस्थान के गोकुल भाई भट्ट, सिद्धराज ढड्डा, रणछोडदास गट्टाणी, मथुरादास माथुर, हीरालाल शास्त्री समेत 246 स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिबद्ध कर 246 आडियो कैसेट व 303 सीडी बनायी गयी है.

इन सभी संस्मरणों को आनलाइन किया गया है ताकि देश व दुनिया आजादी की कहानी उन्हीं की जुबानी सुन सके.

खडगावत ने बताया कि अक्टूबर 2013 के दूसरे सप्ताह में महरानगढ ट्रस्ट के साथ राजस्थान सरकार की सहमति से समझौता किया जा रहा है, जिसके तहत 40 लाख रियासतकालीन दस्तावेजों को आनलाइन किया जायेगा.

अभिलेखागार की लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों सहित करीब दो सौ से अधिक रियासतों के प्रशासनिक दस्तावेज, मतगणना, 1891 ईस्वी में जाति के आधार पर हुई जनगणना व अकाल की विभिषिका की रिपोर्ट भी शामिल है.

उन्होंने बताया कि जोधपुर रियासत की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक बहियां, जैसे हकीकत बही, पट्टा बही व विवाह की बहियां भी इसमें होंगी। अक्टूबर 2013 के दूसरे सप्ताह में महरानगढ ट्रस्ट के साथ राजस्थान सरकार की सहमति से समझौता किया जा रहा है. इसके तहत 40 लाख रियासतकालीन दस्तावेजों को आनलाइन किया जायेगा.

बाड़मेर राजनितिक शख्शियत। … बाड़मेर की राजनीती के भीष्म पितामह गंगा राम चौधरी


 बाड़मेर राजनितिक शख्शियत। … बाड़मेर की राजनीती के भीष्म पितामह गंगा राम चौधरी 


बाड़मेर जिले की राजनितिक की दशा और दिशा दोनों गंगाराम तय करते  


गंगाराम चौधरी का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले की रामसर तहसील के खडीन) गाँव में 1 मार्च 1922 को मालानी के किसान क्रांति के जनक रामदान चौधरी (डऊकिया) और किस्तुरी देवी भाकर के घर हुआ. रामदान चौधरी (डऊकिया) के पांच पुत्र थे :केसरी मल, लालसिंह हाकम, गंगाराम, फ़तेह सिंह और खंगारमल.

वकालत से जनसेवा

गंगाराम चौधरी ने बी.ए. एल.एल.बी. की डिग्रियां हासिल कर वकालत को अपना पैसा बनाया. इससे पूर्व आपने रेलवे में एल.डी.सी. का कार्य किया. जागीरदारी के समय किसानों पर होने वाले अत्याचारों, चौरी-डकैती, जमीन सम्बन्धी विवादों की न्यायलय में पुरजोर पैरवी की, गरीब किसानों की निशुल्क पैरवी की. सीमान्त क्षेत्र में आत्मरक्षार्थ बन्दूक लाईसेंस दिलवाया. पिताजी रामदान चौधरी के नेतृत्व में किसान सभा एवं किसान जाग्रति हेतु आपने इतने काम करवाए कि आज आप राजस्व के टोडर मल कहे जाते हैं.

राजनीती में.. आदर्श पिता रामदान चौधरी के पुत्र गंगाराम चौधरी एक मात्र विधायक हें जिन्होंने तीन विधानसभा क्षेत्रो का प्रतिनिधित्व किया। राजनीती में प्रधान से लेकर मंत्री तक का सफ़र तय कर गंगा राम चौधरी ने अपने आपको कद्दावर जाट नेता के रूप में स्थापित किया। उन्हें नाथीराम मिर्धा के समकक्ष नेता मानते थे ,बाड़मेर जिले की राजनीती गंगाराम से शुरू हो कर गंगाराम पर ख़त्म हो जाती। उनका राजनितिक कद राजनैतिक पार्टियों पर हमेशा भरी रहा कांग्रेस ,भाजपा ,जनता दल ,, और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारे ,चुनाव जीतते गए ,उनकी राजनितिक क्षमता अकूत थी जिसका यहाँ कोई सानी नहीं ,गंगा राम ,अब्दुल हादी ,श्रीमती मदन कौर लाज़वाब तिकड़ी थी। गंगाराम राज्य सरकारों में मंत्री भी रहे ,राजस्व मंत्री के रूप में वे थे ,उन्होंने किसानो को बड़ी राहत दी। बाड़मेर ,गुडा चौहटन से विधायक रहे ,जिला प्रमुख भी रहे। २००८ चुनावो में उनकी टिकट काटने के बाद राजनीती से मोह भंग हो गया ,

बाद में गंगाराम चौधरी ने राजनीती में आकर राजस्थान के विभिन्न विभागों में मंत्री रहकर जनता की सेवा की.

जनप्रतिनिधि के रूप में आपका पदार्पण धोरीमन्ना पंचायत समिति के प्रधान के रूप में 1959 में हुआ.
1962 में गुढ़ा मालानी से विधायक, 1980 तक लगातार गुढा मालानी व बाड़मेर से विधायक बन विधान सभा में प्रतिनिधित्व किया.
1967 में राजस्व उप-मंत्री बने.
1977 में कांग्रेस छोड़कर चरण सिंह के साथ कांग्रेस (अर्स) में आये.
1985 में बाड़मेर से विधायक चुने गए.
1985 -1990  बाड़मेर से लोकदल के सदस्य रहे
1990 - 1992  बाड़मेर से जनता दल के सदस्य रहे.
शेखावत सरकार में 24 नवम्बर 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक राजस्व, भूमि सुधार एवं उपनिवेश विभागों में मंत्री रहे. *1993 में निर्दलीय विधायक चुने गए और शेखावत सरकार में समर्थन देकर राजस्व एवं उपनिवेश विभागों में मंत्री रहे.
31 अगस्त 1998 को 20 वर्ष बाद कांग्रेस में आये तथा बाड़मेर जिला परिषद् के प्रमुख बने.
दिसंबर 2003 में भाजपा में आकर चोहटन विधायक बने.

आपने 30 वर्ष तक राजस्थान विधान सभा में बाड़मेर का प्रनिनिधित्व किया तथा 13 वर्ष मंत्रिमंडल के सदस्य रहे.

मनमोहन सिंह है "देहाती औरत": नवाज शरीफ

नई दिल्ली। वाशिंगटन में कल भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा पाकिस्तान को आंतकवाद की फैक्ट्री बताए जाने के बाद से दोनों पड़ौसी देशों के बीच की तल्खी कड़वाहट में बदलती नजर आ रही है और ये भी उस समय जबकि भारतीय प्रधानमंत्री पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ रविवार को आपसी संबंध सुधारने की दिशा में उपाय तलाशने के लिये बातचीत करने वाले हैं। ये मुलाकात शरीफ के पधानमंत्री चुने जाने के बाद से भारतीय प्रधानमंत्री से पहली मुलाकात होगी।मनमोहन सिंह है "देहाती औरत": नवाज शरीफ
कहा ऑफ द रेकॉर्ड बातचीत में

पाकिस्तानी टीवी चैनल "जियो न्यूज" के मुताबिक एक "ऑफ द रेकॉर्ड" बातचीत में नवाज शरीफ ने मनमोहन सिंह को "देहाती औरत" कह डाला। पाकिस्तानी टीवी सूत्रों के मुताबिक उस समय भारतीय रिपोर्टर बरखा दत्त भी मौजूद थी।

क्यों कहा "देहाती औरत"

शरीफ ने यह बात टीवी चैनल जियो न्यूज पर चल रही एक बहस के दौरान एंकर से कही। चैनल रिपोर्टर हामिद मीर ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने मुझे और बरखा दत्त को नाश्ते पर बुलाया था। उस समय उनसे हुई बातचीत के दौरान शरीफ ने बरखा दत्त के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ऎसे लगता है कि मनमोहन सिंह किसी गांव की देहाती औरत की तरह अमरीकी राष्ट्रपति के पास मेरी शिकायतों का अंबार लेकर गये थे।

आसाराम का बेटा बनाएगा राजनीतिक पार्टी, नाम होगा 'ओजस्वी'



यौन शोषण के आरोपों में जेल की हवा खा रहे आसाराम के बेटे नारायण साई ने शनिवार को कहा है कि वो जल्द ही राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. इस पार्टी का नाम 'ओजस्वी' होगा. नारायण साई ने कहा, 'लंबे समय से हमारे साधक मांग कर रहे हैं किहम राजनीतिक पार्टी बनाएं और हम जल्द ही पार्टी लॉन्च करेंगे.'
नारायण साई
आसाराम के बेटे ने इस बात से इनकार किया है कि उनके साधक जोधपुर के डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज को धमकी दे रहे हैं. उन्होंने कहा, 'ये पूरी तरह से निराधार आरोप हैं. जो भी इन आरोपों को सिद्ध करेगा उसे पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा.'

'आसाराम के बेटे नारायण साईं ने मुझे कमरे में बुलाया और मेरे प्राइवेट पार्ट को छुआ'
इंदौर की एक महिला ने नारायण साईं पर जबरन शादी कराने और धमकाने की कोशिश के आरोप लगाए है. ये मामला अदालत पहुंच चुका है और 4 अक्टूबर को इस केस की सुनवाई है.

ये हैं महिला के सनसनीखेज आरोप
इस महिला ने नारायण साईं पर बेहद चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं. आजतक के साथ खास बातचीत में इस महिला ने साईं की सारी अश्लील हरकतों से पर्दा उठाया है. इस महिला ने इल्जाम लगाया है कि साईं ने उसे कमरे में बुलाकर उसके साथ रेप की कोशिश की.

अपना दर्द आज तक के साथ साझा करते हुए महिला ने कहा, 'आसाराम के बेटे नारायण साईं ने मुझे कमरे में बुलाया और मेरे प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाए. मुझे किस किया. मेरे साथ ओरल सेक्स करना चाहा.'

रोक के बावजूद मेरठ में महापंचायत, पुलिस-गांववालों में हिंसक झड़प



बीजेपी विधायक संगीत सोम पर रासुका लगाने के विरोध में जिला मुख्यालय के करीब 30 किलोमीटर दूर खेड़ा गांव में रविवार को आहूत महापंचायत में पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई. पत्थरबाजी के दौरान 2 लोगों के घायल होने की खबर है.
मेरठ में हिंसक झड़प
इस हिंसक झड़प के बाद लखनऊ में यूपी डीजीपी ने बैठक बुलाई है. इस बैठक में सभी बड़े पुलिस अधिकारी पहुंचे हैं. इससे पहले महापंचायत के दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की.

पंचायत स्थल पर भारी संख्या में मौजूद पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. अनाधिकृत सूत्रों के अनुसार पुलिस और भीड़ के बीच टकराव में तीन लोग घायल हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अभी तक महापंचायत स्थल और आसपास के इलाकों में भीड़ जमा है.

मेरठ के मंडल आयुक्त मंजीत सिंह ने घटना में एक व्यक्ति के घायल होने की पुष्टि करते हुए बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है. पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए.

घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार महापंचायत के दौरान हालात तब बिगड़े जब पुलिस ने महापंचायत स्थल पर पुलिस के लाठीचार्ज में कुछ महिलाओं के घायल होने की सूचना फैल गई. इस पर वहां मौजूद करीब 20 हजार लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.

इस दौरान हिंसक होती भीड़ ने मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों में भी तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी. सिंह ने बताया कि इन घटनाओं के सिलसिले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.

संगीत सोम पर रासुका लगने के बाद उनके समर्थकों ने बैठक कर 29 सितम्बर को जनता इंटर कॉलेज खेड़ा के खेल मैदान में चौबीसी की सर्वजातीय महापंचायत का ऐलान किया था. महापंचायत की सूचना पर स्थानीय प्रशासन ने तत्काल धारा 144 लागू कर दी थी. इसके बाद भी महापंचायत के आयोजक इसके आयोजन पर अडिग रहे.