सोमवार, 19 अगस्त 2013

महिला को पुलिस अफसर कर रहा एसएमएस

कोलकाता। एक पुलिस अधिकारी "बार-बार एसएमएस भेजता है और बुरे परिणाम भुगतने की धमकी देता है। बंगले पर बुलाने पर नहीं गई तो मेरे पुरूष मित्र को एक मामले में फंसा दिया। ये शिकायत पश्चिम बंगाल की एक तलाकशुदा महिला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मानवाधिकार संगठनों को भेजकर आरोप लगाया है कि "अवांछित प्रस्ताव" ठुकराए जाने के बाद एक पुलिस अधिकारी ने उसका भयादोहन किया है।
महिला को पुलिस अफसर कर रहा एसएमएस
यह महिला मुर्शिदाबाद जिले के जियागंज की निवासी है। बनर्जी के साथ-साथ राज्य मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग को की गई अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी उसे बार-बार एसएमएस सेंड करता है और बात न मानने पर बुरे परिणाम भुगतने की धमकी देता है। शिकायत में जिस अधिकारी का नाम बताया गया है उसने आरोप को बेबुनियाद बताया है। शिकायतकर्ता ने एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर उसके पुरूष मित्र को सोच समझकर झूठे आरोप में गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है।

महिला ने कहा कि इस अधिकारी ने तलाक लेने में पहले मेरी मदद की थी। बाद में उसने एसएमएस भेजना और फोन करना शुरू किया। उसने मुझे अपने बंगले पर आने का न्योता दिया। जब मैंने इनकार किया तो उसने मुझे धमकाना और भयादोहन करना शुरू कर दिया। उसके सहायकों ने शनिवार को मेरे मित्र को झूठे आरोपों में गिरफ्तार कर लिया। उसने आरोप लगाया कि गिरफ्तार करने आए पुलिसकर्मियों ने उसे और उसके मित्र के साथ मारपीट की।

इन अरोपों को खारिज करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिस आदमी को गिरफ्तार किया गया है वह वाहन चोरी के एक पुराने मामले में नामजद था। अधिकारी ने कहा कि मैंने उसे कोई एसएमएस नहीं भेजा है और न ही कोई फोन किया है। जहां तक गिरफ्तारी का संबंध है तो उस आदमी को वाहन चोरी के एक पुराने लंबित मामले में गिरफ्तार किया गया है और उस मामले में यह महिला भी नामजद है।

बिहार: राजरानी एक्सप्रेस से कटकर 20 लोगों की मौत की आशंका, भीड़ ने ट्रेन को लगाई आग

बिहार: राजरानी एक्सप्रेस से कटकर 20 लोगों की मौत की आशंका, भीड़ ने ट्रेन को लगाई आग

बिहार के बदलाघाट में ट्रेन से कटकर 20 लोगों की मौत हो गई. हादसा सोमवार सुबह को धमाड़ा स्टेशन पर हुआ जब सहरसा से पटना राजरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से कांवड़ियों की कटकर मौत हो गई. इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों ने ट्रेन की एक एयरकंडीशन बोगी को आग के हवाले कर दिया. स्थिति काफी तनावपूर्ण बताई जा रही है.ट्रेन हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार की सुबह राजरानी एक्सप्रेस ट्रेन (ट्रेन नंबर 12567) सहरसा से पटना जा रही थी. यह घटना घमाड़ा स्टेशन के पास हुई. यहां मां कात्यायिनी का एक मंदिर है, जहां पूजा के लिए लोग जमा थे. यहां स्टेशन पर किसी को भी ट्रेन के आने की जानकारी नहीं दी गई. अचानक ट्रेन के आ जाने से पटरी पर खड़े लोग इसकी चपेट में आ गए.

घटना के बाद वहां मौजूद अन्य लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने ट्रेन की कुछ बोगियों में आग लगा दी और रेल के ड्राइवर को पकड़कर पीटा गया. सुबह रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया. वहां अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बताई जा रही है.


 

बाड़मेर सीमा पर पाक नागरिक की सेवा कर मानवता का परिचय दिया भारतियों ने


फिर भी दिल हें हिंदुस्तानी। ।घर में आये दुश्मन को भी पनाह 

पाक नागरिक की सेवा कर मानवता का परिचय दिया भारतियों ने
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर सीमा पर आये दिन भले ही पाकिस्तान अपनी घटिया हरकतों से बाज़ नहीं आये और वो भारत के जवानो को बेदर्दी से मारता हो लेकिन भारत की और से पाकिस्तान के नागरिको को मानवीयता के नाते हर तकलीफ से साथ रह कर उन्हें सहूलियत देने का प्रयास कर रहा हैं. भारत की दयालुता का उदाहरण देखने को मिला। आप यकीन मानिए कि अब्दुल वाहिद का कहना है कि इस तकलीफ की घड़ी में जो भारत के अधिकारिए ने मेरी जो खिदमत और ख्याल रखा है उसे में अब पूरी जिन्दगी नहीं भूल सकता हु

इस वक्त सीमा पर तनाव है दोनों मुल्क के रिश्ते दिनों ब दिन बिगड़ते जा रहे है लेकिन जो कुछ रविवार को मुनाबाव अंतराष्टीय स्टेशन पर हुआ उसे सुनकर और देखकर शायद पाकिस्तान को अपने आप पर शर्म आ जाए वो सेनिको के सर काटने जेसी घटनाओ को दुबारा न करे भारत पाक सीमा पर स्थित मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर थार एक्सप्रेस से भारत आ रहे एक पाकिस्तानी नागरिक की तबियत बेहद खराब हो गई और उसको सीने में जबरदस्त दर्द के चलते मानवीयता के नाते भारत सरकार ने मुनाबाव से बाड़मेर अस्पताल भिजवाया जबकि नियम के मुताबिक थार एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले हर नागरिक को जोधपुर जाना पड़ता हैं और वो बीच में कहीं पर भी नहीं उतर सकता। पाकिस्तान के इस नागरिक को बाड़मेर अस्पताल में आईसीयू वार्ड में गम्भीर अवस्था के चलते भर्ती करवाया गया हैं. 

इस पाक नागरिक का नाम अब्दुल वाहिद पुत्र जहूर अहमद निवासी गुल बहार कराची हैं. इसके साथ उसकी पत्नी हुस्ना बानो , पुत्र मुहम्मद हसनैन, मुहम्मद कुनैन साथ थे जिनमे उसकी पत्नी को जोधपुर भिजवाया गया हैं जबकि दोनों पुत्रो को बाड़मेर साथ ले आया गया हैं. मुनाबाव में इसको प्राथमिक उपचार दे दिया गया था लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. ऐसे में इस पाकिस्तानी नागरिक को बाड़मेर लाया गया.मुनाबाव में ही इस पाकिस्तानी नागरिक को एम्बुलैंस की सुविधा मय चिकित्सक उपलब्द्ध करवाई गई.इस पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल वाहिद के अनुसार जब वो पकिस्तान से बेठे तो सब ठीक था लेकिन गर्मी की वजह से अचनाक ही मुनाबाव ने हार्ड दर्द करने लग गया जब मेने मुनाबाव में भारत के अधिकारियो को बताया तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को बाड़मेर के बड़े अस्पताल में मेरा इलाज शरू कराया अब मेरी तबियत एक दम सही है में जयपुर में अपने रिस्तेदारे से मिलने परिवार के साथ आया हु मेरी इन अधिकारियो ने जो खिदमत की है वो यकीनन काबिले तारीफ है इस बात को कभी भूल नहीं पाउगा बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं भारत की और से दी गई हैं और निशुल्क एम्बुलैंस उसको जोधपुर तक छोड़ कर आएगी ये भी वो नहीं भूल सकता।
 
 अचनाक ही मुनाबाव ने हार्ड दर्द करने लग गया जब मेने मुनाबाव में भारत के अधिकारियो को बताया तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को बाड़मेर के बड़े अस्पताल में मेरा इलाज शरू कराया अब मेरी तबियत एक दम सही है में जयपुर में अपने रिस्तेदारे से मिलने परिवार के साथ आया हु मेरी इन अधिकारियो ने जो खिदमत की है वो यकीनन काबिले तारीफ है इस बात को कभी भूल नहीं पाउगा
भारत के कई अधिकारी और जवान पूरी रात इस पाकिस्तानी नागरिक को अच्छी चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए अस्पताल में बैठे रहे. सीआईडी सीबी के सब इन्स्पेटर दलपत सिंह चौधरी के अनुसार उन्होंने मानवीयता के नाते हर सुविधा पाकिस्तानी नागरिक को उपलब्ध करवाई हैं और इस नागरिक के स्वास्थ्य में काफी सुधर हुआ हैं.अब इससे जोधपुर इलाज के लिए भेजा जा रहा है जिसके लिए नि :शुल्क एम्बुलैंस में जोधपुर भेजा जा रहा है

उन्होंने मानवीयता के नाते हर सुविधा पाकिस्तानी नागरिक को उपलब्ध करवाई हैं और इस नागरिक के स्वास्थ्य में काफी सुधर हुआ हैं.अब इससे जोधपुर इलाज के लिए भेजा जा रहा है जिसके लिए नि :शुल्क एम्बुलैंस में जोधपुर भेजा जा रहा है

शायद यह मानवीयता है जो भारत को पकिस्तान को जुदा बनाती है एक तरफ तो हम मानवीयता के नाते इंसान कोई फर्क नहीं समझते है और तकलीफ में हम पाकिस्तानी नागरिक की भी नियमो के विरुद्ध जाकर मदद करते है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है जो कि मानवीयता की सारी हदे पार कर हमारे जाबाज जवानो के सर काट कर ले जाता है और शर्म तक नहीं आती पाकिस्तान को बहरहाल जो भी हो शायद इसलिए कहते है इट्स हैपन ओनली इन इंडिया

पश्चिमी सीमा के सामने सीमापार पाक रेंजरो की हलचल बढी



पश्चिमी सीमा के सामने सीमापार पाक रेंजरो की हलचल बढी


बाड़मेर भारत पाकिस्तान के बीच हल ही बढे तनाव के बाद पाकिस्तान की और पंद्रह अगस्त के बाद सरहद पर हलचल काफी बढ़ गयी हें। बाड़मेर जिले के मुनाबाव के गाजी चौकी ,मिये का तला ,बी के डी ,नवातला ,मिठादाऊ चंदे का पार गाँवों के सामने स्थित पाकिस्तानी सरहद पर पाक रेंजरो की आवाजाही एकाएक बढ़ जाने से सीमा सुरक्षा बल सतर्क हो गया हें। बल ने अपनी नफरी बढ़ा दी। पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के हेलारियो पीर ,दिपलो ,उमरकोट , टंडो ,सांगड़ ,झोल ,पेरूमल ,नौकट ,कोट गुलाम मोहम्मद ,रावतसर ,छापर ,घरिनाघरो ,मीठाडियो चारण ,खींपरो सहित सरहदी गाँवो में पाकिस्तानी रेंजरो की वर्दी में पाक सेना के जवानों की उपस्थिति शुरू हो गयी हें। वही चार पहिया वाहन भी पाकिस्तान के धोरो में दोदने लह्गे हें ,सूत्रानुसार भारत-पाक की ताजा तनातनी भले ही ‘डील’ के बाद कुछ वक्‍त के लिए ठंडी पड़ गई हो, लेकिन पाकिस्‍तान भारत के लिए नई मुसीबत पैदा कर सकता है। पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के दबाव मद्देनजर राजस्‍थान से सटी सीमा पार पाकिस्तान की चौकियों में रेंजर्स की संख्या में इजाफा हुआ है। पहले जहां चार से पांच ही जवान थे, अब वहां दर्जन भर से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है। नफरी बढ़ाने तथा कड़ी चौकसी के लिए गत सप्ताह ही रेंजर्स की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं।पश्चिमी राजस्थान व गुजरात के कच्छ से लगती पाकिस्तान सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) विशेष सतर्कता बारात रही हें । गुजरात सीमांत भी कच्छ के दलदली इलाकों से लेकर बाड़मेर तक सीमा पर विशेष चौकसी बरतेगी। पाकिस्तान सेना ने अपने पुराने ठिकानो को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया हें।

भद्रा के फेर में रक्षाबंधन, राखी 20 या 21 को?


रक्षाबंधन कब मनाएं, 20 को या 21 को?
--भद्रा के फेर में रक्षाबंधन, राखी 20 या 21 को? 
पंडित दयानन्द शास्त्री*

लोकप्रिय त्योहार रक्षाबंधन इस बार भद्रा के फेर में फंस गया है।
श्रावणी उपाकर्म और रक्षाबंधन की तिथि पर ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कुछ विद्वान जहां 20 अगस्त को त्योहार मनाने के पक्षधर हैं, वहीं कुछ 21 तारीख को।

दोनों ही तिथियों के पक्ष में उनके अपने-अपने तर्क हैं। ऐसी स्थिति में सामान्य जन के लिए त्योहार मनाने की तारीख तय करने में मुश्किल पेश आ रही है।
पंडितों के अनुसार 20 अगस्त को 10 बजकर 22 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होगी इसके साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा के कारण रक्षाबंधन समेत अन्य शुभ कार्यों पर भी असर पड़ेगा।

ऐसे में भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए व्रत रहने वाली बहनों को पूर्णिमा के भद्रा मुक्त होने का इंतजार करना पड़ेगा। 20 तारीख की रात साढ़े आठ बजे भद्रा समाप्त हो जाएगा। इसके बाद बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। लेकिन सूर्योस्त के बाद राखी बांधना भी शास्त्रानुसार उचित नहीं है, ऐसे में बहनों के लिए उलझन है कि वो अपने भैया की कलाई पर राखी कब बांधे।
पूर्णिमा मंगलवार 20 अगस्त को दिन में नौ बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है। पूर्णिमा का आधा हिस्सा भद्रा होता है। इस प्रकार रात 8.25 तक भद्रा लगी रहेगी। भद्रा में श्रावणी और होली मनाना वर्जित है।

मंगलवार को रात 8.29 के बाद से रक्षाबंधन और श्रावणी दोनों ही मनाया जा सकता है। शास्त्र की दृष्टि से संगत होते हुए भी श्रावणी और रक्षाबंधन दोनों ही अगले दिन मनाना उचित है। राखी बांधने से पहले उपवास का विधान है। रात्रि में रक्षाबंधन होने पर दिन भर भाई-बहन को व्रत करना पड़ेगा।

इसी प्रकार श्रावणी का स्नान रात को उचित नहीं जान पड़ता है। बुधवार को सुबह 7.25 तक पूर्णिमा मिल रही है। लिहाजा सुबह दोनों ही त्योहार मनाए जा सकते हैं।

श्रावणी पूर्णिमा (रक्षाबंधन पर्व) 20 अगस्त मंगलवार को श्रवण नक्षत्र तथा सौभाग्य योग के अंतर्गत आ रही है। इस वर्ष श्रावणी पूर्णिमा रक्षाबंधन श्रवण नक्षत्र के साथ आ रही है जो शुभ संयोग है। श्री आर्य भट्ट पंचांग दिल्ली के अनुसार
सुबह 10 .25 से रात्रि 20 :47 तक भद्रा है। भद्रा में रक्षाबंधन निषेध है।
21 तारीख को तीन मुहूर्ती पूर्णिमा के न होने से शास्त्रोक्त नियमानुसार रक्षाबंधन नहीं माना जाना चाहिए। नियम तो श्रावण पूर्णिमा में ही है, जबकि 21 तारीख को पंचक के साथ कृष्ण पक्ष भाद्रपद लग जाता है इसलिए भाद्रपद कृष्ण पक्ष में रक्षाबंधन का शुभ पर्व मनाना ठीक नहीं रहेगा /
इस विषय में एक बात और है हमारे सनातन धर्म में उदया तिथि को ज्यादा मानते है जैसे जो तिथि सूर्योदय के समय है वो पुरे दिन मानी जाती है .इसलिए मानाने वाले 21 अगस्त को भी रक्षाबंधन का पर्व मना सकते है ..
यह शुभ मंत्र बोलकर राखी बांधे जिसे रक्षा सूत्र कहते हैं—
मन्त्र :-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामनु बध्नामि रक्षेमाचल मा चल।।
पंचांग के मुताबिक रक्षाबंधन का त्योहार पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है। 21 तारीख की सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए बहनों के लिए उचित होगा कि 21 तारीख की सुबह भद्रा मुक्त समय में भाईयों की कलाई पर राखी बांधे। जो लोग भगवान को राखी बांधते हैं उन्हें 21 तारीख की सुबह 7.25 तक भगवान का पूजन और रक्षासूत्र बांधना होगा।

20 तारीख को 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 28 मिनट भद्रा पुच्छ रहेगा। विशेष परिस्थिति में इस समय राखी का त्योहार मनाया जा सकता है।

जानिए भद्रा क्या है ...?

धर्मशास्त्र के अनुसार जब भी उत्सव काल त्योहार या पर्व काल पर चौघड़िए तथा पाप ग्रहों से संदर्भित काल की बेला में निर्दिष्ट निषेध समय दिया गया है, वह समय शुभ कार्य के लिए त्याज्य है।
पुरुषार्थ चिंतामणिकार ने भद्रा के दो नियम बताए हैं,
पूर्णिमा के अपरान्ह काल में भद्रा हो और दूसरे दिन पूर्णिमा मुहूर्तत्रय व्यापीनी हो तो, चाहे भद्रा अपरान्ह से पूर्व ही समाप्त हो जाय तो भी दूसरे दिन ही रक्षाबंधन मनाना चाहिए, और दूसरा नियम मे , दूसरे दिन मुहूर्तत्रय व्यापीनी नहीं हो तो इस दिन साकल्यापादित पूर्णिमा भी नहीं रहेगी अतः पहले दिन ही भद्रा पश्चात प्रदोश के उत्तरार्ध मे रक्षाबंधन मनाना चाहिए।

20 अगस्त मंगलवार को भद्रा का वास स्वर्गलोक मे है, अतः यह अशुभ नहीं रहेगी और प्रातः 10:23 पश्चात रक्षाबंधन मनाया जा सकता है।
अगर किसी को फिर भी भद्रा छोडनी ही हो तो तो श्रेष्ठ समय रात्रि 8:48 के पश्चात का भी है। अतः 20 तारीख को ही रक्षाबंधन मनाना चाहिए।

परम्परा वश अगर किसी व्यक्ति को परिस्थितिवश भद्रा-काल में ही रक्षा बंधन का कार्य करना हों, तो भद्रा मुख को छोड्कर भद्रा-पुच्छ काल में रक्षा - बंधन का कार्य करना शुभ रहता है. शास्त्रों के अनुसार में भद्रा के पुच्छ काल में कार्य करने से कार्यसिद्धि और विजय प्राप्त होती है.
भद्रा के अशुभ प्रभाव से रक्षा वैसे तो व्रत आदि के विधान बताए गए हैं, किंतु आसान उपायों में सुबह भद्रा के 12 नाम मंत्र का स्मरण कार्यसिद्धि के साथ विघ्र, रोग, भय को दूर कर ग्रहदोषों को भी शांत करने वाला माना गया है। जानते हैं भद्रा योग के दौरान बोले जाने वाला मंत्र विशेष -

धन्या दधिमुखी भद्रा महामारी खरानना। कालरात्रिर्महारुद्रा विष्टिश्च कुलपुत्रिका।
भैरवी च महाकाली असुराणां क्षयंकरी। द्वादशैव तु नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्।।
न च व्याधिर्भवेत् तस्य रोगी रोगात्प्रमुच्यते। ग्रह्य: सर्वेनुकूला: स्युर्न च विघ्रादि जायते।।

कैंसर के कारणों पर नई सफलता

कैंसर के कारणों पर नई सफलता 

लंदन। वैज्ञानिकों का कहना है कि कैंसर पर चल रहे शोध में कुछ ऎसे तथ्य सामने आए हैं जो इस बीमारी के कारणों का पता लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने ट्यूमर के Êयादातर मामलों में होने वाली 21 आनुवांशिक तब्दीलियों का पता लगाया है। अनुवांशिक कोड में अचानक हुआ बदलाव आम तौर पर होने वाले 30 प्रकार के कैंसर के लगभग 97 फीसदी मामलों में जिम्मेदार कारक होता है। इन परिवर्तनों की वजह पता लगा लिए जाने से कैंसर के नए इलाज ढूंढे जा सकेंगे। धूम्रपान इन कारणों में से एक है लेकिन ऎसे अन्य तमाम कारण हो सकते हैं जिनका पता नहीं है। कैंसर रिसर्च यूके का कहना है कि ये एक महत्वपूर्ण अध्ययन है।
कैंसर का जन्म: कैंसर जिनोम के अध्ययन के इस बड़े प्रयास में शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम कैंसर को जन्म देने वाले बदलावों को समझने की कोशिश कर रही थी। कैंसर के बहुत सारे रूप हैं लेकिन उनके कारणों का पता अब भी नहीं है। अल्ट्रा वायलेट रेडियेशन और धूम्रपान डीएनए में बदलाव पैदा करते हैं जो कैंसर का जोखिम बढ़ाता है।

इनका कहना है
ब्रिटेन के में हो रहे इस शोध के बारे में सर माइक स्ट्रैटन कहते हैं, मैं बहुत उत्साहित हूं। कैंसर जिनोम के भीतर ही वो निशान छिपे हैं जो हमें बता सकते हैं कि किस वजह से कैंसर हुआ है। कैंसर संबंधी शोध के लिए ये बहुत ही अहम उपलब्धि है। ये हमें उन क्षेत्रों तक ले जा रहा है जिनके अस्तित्व के बारे में हमें पहले से पता नहीं था।
अनसुलझे सवाल

कैंसर रिसर्च यूके में मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर निक जोन्स का कहना है, हमें पता है कि धूम्रपान और अल्ट्रा वायलट किरणें डीएनए में खराबी पैदा कर सकती हैं जो कैंसर की वजह बन सकता है लेकिन कैंसर के बहुत सारे रूप हैं जिनके बारे में ये नहीं पता है कि ये किस वजह से होते हैं।

राजा भर्तृहरि अटल न्याय पर पांव धरे' का मंचन

राजा भर्तृहरि अटल न्याय पर पांव धरे' का मंचन

रम्मत का किया मंचन, युवा कलाकारों ने भी दिखाई प्रतिभा 




जैसलमेर 
राजा भर्तृहरि के ख्याल की रम्मत का मंचन शनिवार रात को गोपा चौक में किया गया। रम्मत का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी उमड़े। पूरी रात चले इस कार्यक्रम में रम्मत प्रेमी जमे रहे। सुबह रम्मत की समाप्ति के पश्चात सभी कलाकारों ने लक्ष्मीनाथजी के दर्शन किए तथा रम्मत समाप्ति की घोषणा की। 

रम्मत में कलाकारों ने सभी पात्रों को जीवंत कर दिया। इसके साथ ही टेरियों ने भी रंग को दुगुना किया। रम्मत के स्थापित कलाकारों के साथ-साथ युवा कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। युवा कलाकारों ने भी स्थापित कलाकारों के साथ संगत की।

युवा कलाकारों ने मनमोहा

शनिवार रात को हुई रम्मत में स्थापित कलाकारों के साथ युवा कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा के जौहर दिखाए। फराश के किरदार में गिरधर पुरोहित, रानी पिंगला के किरदार में नरेन्द्र खेतपालिया ने अपनी प्रतिभा के बलबूत रम्मत का रंग जमाया।

इनके साथ ही अन्य युवा कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाई। रम्मत में राजा भर्तृहरि की रम्मत में राजा भर्तृहरि का किरदार नवल पुरोहित ने, रानी पिंगला नरेन्द्र खेतपालिया, भर्तृहरि के भाई विक्रम कमल आचार्य, गुरु गोरखनाथ रमेश बिस्सा, दीवान राणीदान सेवक, मि_ू हरिवल्लभ शर्मा, बिस्ती कमल खेतपालिया, फराश गिरधर, हलकारा तुषार, कोचवान शेखर डावाणी, दासी नरेन्द्र व्यास, ब्राह्मण महेश पुरोहित, मृग कमल खेतपालिया, मृगनियां पिंटू, पिन्नू तथा जयंत, गणिका का किरदार राजन, बेटी का किरदार हिना ने निभाया। इसके साथ ही टेरियों में प्रमुख रुप से उम्मेद आचार्य, नवल व्यास तथा उम्मेद भोपताणी द्वारा संगत दी गई।

देर रात तक जमे रहे दर्शक: तीन वर्षों बाद हुई रम्मत का शहरवासियों ने जम कर लुत्फ उठाया।

पूरे रात चलने वाले इस लोक नाट्य को देखने के लिए दर्शक पूरी रात जमे रहे तथा कलाकारों का मनोबल बढ़ाया। रात 9 बजे प्रारंभ हुई रम्मत सुबह 5 बजे तक चली। 

डोडा पोस्त के साथ एक गिरफ्तार


डोडा पोस्त के साथ एक गिरफ्तार 

कल्याणपुर   कल्याणपुर पुलिस ने रवि
वार सुबह नाकाबंदी कर एक बिना नंबरी कार में अवैध रूप से डोडा-पोस्त का परिवहन कर रहे युवक को गिरफ्तार किया। थानाधिकारी भैरूसिंह ने बताया कि मुखबिर की इत्तला पर नाकाबंदी की गई थी। इस दरम्यान पिड़ीयारों की ढाणी सरहद में एक इंडिका कार आती दिखाई दी। पुलिस दल ने गाड़ी का पीछा कर रुकवाई तो उसमें 36 किलो डोडा पोस्त बरामद हुआ। पुलिस ने आरोपी अशोक पुत्र भला राम विश्नोई निवासी रोहिचा कला (जोधपुर) को गिरफ्तार कर कार व डोडा पोस्त कब्जे में लिए। कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी, ये भी चोरी की होने की संभावना जताई जा रही है। 

'आदर्शो को अंगीकार करें'



जालोर। हमे वीर शिरोमणी दुर्गादास राठौड़ के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शो को अंगीकार करना होगा। यह बात भाजपा विधायक दल के सचेतक राजेन्द्र राठौड़ ने मलकेश्वर मठ में वीर शिरोमणी दुर्गादास राठौड़ जयंती समारोह मे बतौर मुख्य अतिथि कही।

राठौड़ ने कहा कि हमें समय के अनुसार बदलना होगा और अपनी पहचान बनानी होगी।उन्होंने सभी को आपस में ईष्र्या का भाव छोड़कर एक-दूसरे का सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि वीर दुर्गादास ने साधारण परिवार में जन्म लेकर अपनी कत्तüव्यनिष्ठा, वीरता, त्याग, स्वामीभक्ति और कर्मठता के बल पर इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर कर दिया।राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है।

उनहोंने कहा कि वर्तमान में सिर कटाने की नहीं, सिर गिनाने की जरूरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अघिकारी पीआर पंडत ने वीर दुर्गादास राठौड़ और वीर पुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा। विशिष्ठ अतिथि रामसिंह चारणीम ने जालोर को वीरों की धरती बताते हुए स्वामीभक्त दुर्गादास के आदर्शो को अपनाने व जीवन में आत्मसात करने को कहा।

कार्यक्रम में साहित्यकार हरिशंकर राजपुरोहित व कॉलेज व्याख्याता हरिसिंह राजपुरोहित ने वीर दुर्गादास राठौड़ की जीवनी पर प्रकाश डालते उनके शौर्य, वीरता, स्वामीभक्ति व मातृभक्ति समेत उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजक रवीन्द्रसिंह बालावत ने अतिथियों को स्वागत किया व कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।उन्होने पीआर पंडत के आईएएस बनने व रामसिंह चारणीम की ओर से दक्षिण भारत में वीरमदेव शिक्षण संस्थान को लेकर कार्यक्रम आयोजन करने पर शब्दों के माध्यम से उनका अभिनंदन किया।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के नाते महेन्द्रसिंह प्रभू, कर्णवीरसिंह भाद्राजून व भाजपा जिलाध्यक्ष नारायणसिंह देवल मौजूद रहे।कार्यक्रम के दौरान अतिथियों को माल्यार्पण कर, साफा पहनाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया।

कार्यक्रम में ईश्वरलाल शर्मा, राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष दलपतसिंह आर्य, संयुक्त कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष शांतिलाल दवे, कृषि मंडी के पूर्व अध्यक्ष दीपसिंह धनानी, घनश्यामसिंह राठौड़, भाजपा जिला महामंत्री चिरंजीलाल दवे, बंशीलाल सोनी, पदमाराम चौधरी, महीपालसिंह चारण, ओमप्रकाश अग्रवाल, मगनलाल परिहार, मधुसूदन व्यास, गोविंदसिंह मंडलावत, केएन भाटी, क्षत्रिय युवक संघ के प्रांत प्रमुख अर्जुनसिंह देलदरी, गणपतसिंह, श्रवणसिंह बालोत, जितेन्द्रसिंह चौरा, चैनकरणसिंह करणोत, रूपराज पुरोहित, दलपतसिंह धवला, महेन्द्रसिंह रातड़ी, सुखदेव जीनगर, उगमसिंह बालावत, दिपेश सिद्धावत समेत कई जने मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन गणपतसिंह मंडलावत ने किया। विक्रमसिंह करणोत ने सभी अतिथियों व आगन्तुकों को आभार जताया।


सांचौर. राव बल्लुजी छतरी पर राजपूत युवा बिग्रेड की ओर से वीर दुर्गादास जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में वीर दुर्गादास की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए गएप्रेमसिंह टीटोप ने प्रार्थना की प्रस्तुति दी। अध्यक्ष विजयपालसिंह दांतिया ने वीर दुर्गादास के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके आदर्शो को अपने जीवन में उतरने की बात कही।इस अवसर पर देवीसिंह, ईश्वरसिंह, महेन्द्रसिंह सहित कई लोग मौजूद थे।

रोहिणी में सेवानिवृत्त एसीपी की घर में घुसकर हत्या



नई दिल्ली रोहिणी सेक्टर-13 में अकेले रह रहे दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत एसीपी सत्यवीर सिंह दहिया की घर में घुसकर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। उनके सीने व सिर में दो गोलियों के घाव के निशान हैं। शव के पास उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर भी मिली है। लिहाजा पुलिस ने जांच के लिए रिवाल्वर को जब्त कर लिया है। गोलियां उन्हीं की रिवाल्वर से मारी गई या किसी अन्य हथियार से, जांच के बाद ही पता लग सकता है। एसीपी के फ्लैट का मुख्य दरवाजा खुला था। साथ ही उनके कमरे का दरवाजा सटा हुआ था, जिससे शंका जाहिर की जा रही है कि उनकी हत्या ही की गई है। फिलहाल इस मामले में प्रशांत विहार थाना पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
Retired ACP


डीसीपी बाहरी जिला संजय कुमार के मुताबिक पुलिस अभी हत्या के अलावा खुदकुशी करने के दृष्टिकोण से भी जांच कर रही है। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कुछ हद तक मामले का खुलासा हो सकता है। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। घर से सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। वह पिछले एक साल से अकेले रह रहे थे।

पुलिस को रविवार सुबह करीब नौ बजे घटना के बारे में सूचना मिली। दरअसल रोज की तरह उनकी नौकरानी शीला जब सुबह साढ़े आठ बजे उनके फ्लैट पर पहुंची तो उसने देखा कि फ्लैट का मुख्य दरवाजा खुला हुआ है। अंदर जाने पर एसीपी के कमरे का दरवाजा सटा हुआ था। पहले तो उसने कई बार उन्हें आवाज लगाई। अंदर से कोई प्रतिक्रिया न आने पर जब उसने जोर से धक्का मारा तो दरवाजा खुल गया। अंदर घुसते ही उसने देखा कि एसीपी बिस्तर पर खून से लथपथ पड़े हैं। उसने तुरंत मामले की जानकारी पड़ोसियों को दी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पड़ोसियों को गोलियों की आवाज तो सुनाई दी थी, किंतु वे समझ नहीं पाए कि आवाज कहां से आई। 67 वर्षीय सतवीर सिंह दहिया रोहिणी सेक्टर-13, विजेता विहार पुलिस सोसायटी, सी-11 में 25 सालों से रह रहे थे। वह सोनीपत के रहने वाले थे। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटे हैं। एक बेटा अमेरिका व दूसरा आस्ट्रेलिया में परिवार के साथ रहता है। पत्नी एक साल से अलग रह रही हैं। वे 2007 में एसीपी से सेवानिवृत्त हुए थे।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिर्काडस में गोविंद देव मंदिर का नाम दर्ज है

जयपुर के सिटी पैलेस परिसर के सूरज महल के जय निवास बाग में चंद्रमहल और बादलमहल के बीच गोविंद देव जी का मंदिर है। भीतर प्रवेश करते ही बहुत बड़ा खुला आंगन और उद्यान दिखाई देता है। आंगन से गोविंद देव जी की झांकी की ओर चलते हैं तो दिखाई देता है भव्य सत्संग भवन, जहां हजारों भक्त एक साथ खड़े होकर गोविंद देव जी के दर्शन करते हैं।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिर्काडस में इस भव्य सत्संग भवन का नाम दर्ज है। सबसे कम खम्भों के सहारे इतने बड़े सत्संग भवन का निर्माण होने की वजह से इसे एक मिसाल के तौर पर माना गया है। सत्संग भवन की भव्यता और सुंदरता इतनी मोहक है कि जब तक चारों ओर इसे घूम कर नहीं देख लिया जाए, मन नहीं मानता।

सत्संग भवन का निरीक्षण पूरा हो जाए तो सामने दिखाई देते हैं स्वयं विराजमान गोविंद देव जी। श्याम वर्ण की राधा-गोविंद की मनमोहक मूर्ति आकर्षक शृंगार में सजी-संवरी भक्तों को बांध लेती है। जब तक पट बंद नहीं हो जाते तब तक नेत्र राधा गोविंद की आखिरी झलक पाने के लिए एकटक खुले ही रहते हैं। गोविंद देव जी की प्रतिदिन सात झांकियां सजती हैं।

1500 किलो प्रसाद
मंदिर में गोविंद देव जी की सेवा पूजा के लिए 5 मुख्य पुजारी लगे हैं। इनके अलावा 100 पुजारी और कर्मचारी अलग से अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग करते हैं। मानस गोस्वामी के अनुसार मंदिर में प्रतिदिन 1500 किलो प्रसाद बनता है जो भक्तों को सशुल्क दिया जाता है।

गोविंद देव जी को बाहरी वस्तुओं का भोग नहीं लगता, सिर्फ मंदिर में बने लड्डुओं का ही भोग लगता है। हर एकादशी पर प्रसाद की मात्रा बढ़कर 2500 किलो हो जाती है और बड़ी एकादशियों पर तो 5000 किलो तक प्रसाद बनाया जाता है। गोविंद देव जी के मंदिर में गौड़ीय संप्रदाय द्वारा ही सेवा पूजा की परम्परा है। अंजन कुमार देव गोस्वामी मुख्य पुजारी हैं। उनके बड़े पुत्र मानस कुमार गोस्वामी इस पीढ़ी के 28वें वंशज हैं।

जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह गोविंद देव जी का विग्रह वृंदावन से जयपुर लेकर आए थे। ऐसी किंवदंती है कि गोविंद देव जी की प्रतिमा का चेहरा भगवान कृष्ण के चेहरे से हू-ब-हू मिलता है। इस विग्रह को ब्रजकृति भी कहते हैं क्योंकि यह विग्रह भगवान कृष्ण के पोते ब्रजनाभ ने बनाया था। चैतन्य महाप्रभु ने ब्रज भूमि के उद्धार और वहां के विलुप्त लीला स्थलों को खोज निकालने के लिए अपने शिष्यों को वृंदावन भेजा था। गोविंद जी की मूर्ति वृंदावन गोमा टीला नामक स्थान पर भूमिगत थी, जिसे निकालकर इन शिष्यों ने सन् 1525 में प्राण प्रतिष्ठा की।

अकबर के सेनापति और आमेर के प्रतापी राजा मानसिंह ने इस मूर्ति की पूजा-अर्चना की और वृंदावन में ही सन् 1590 में लाल पत्थर का विशाल मंदिर बनाकर गोविंद देव जी को वहां स्थान दिया। गोविंद देव जी के साथ राधारानी की मूर्ति बाद में प्रतिष्ठित हुई।

यह मूर्ति उड़ीसा के प्रतापरुद्र नामक शासक लाए थे। 1669 में औरंगजेब द्वारा मंदिरों को तोड़े जाने की घटनाओं के दौरान माध्वीय गौड़ीय संप्रदाय के गोविंद देव, गोपीनाथ और मदन मोहन, राधादामोदर और विनोदी लाल ये पांचों स्वरूप जयपुर लाए गए। इनमें गोविंद देव जी पहले आमेर की घाटी के नीचे बिराजे और जयपुर बसने पर जय निवास की इस बारहदरी में प्रतिष्ठापित किए गए। जयपुर के अलावा गोविंद देव जी का मंदिर भरतपुर के कामा में और वृंदावन में भी है।
साभार —प्रीति जोशी

रविवार, 18 अगस्त 2013

गौ मातर भूमि रक्षक वीर श्री पनराज जी

जैसलमेर के स्थापना दिवस पर भाटियो की कुलदेवी माँ स्वन्गिया गुरु रतन नाथ जी की पूजा अर्चना की गयी 

! गौ मातर भूमि रक्षक वीर श्री पनराज जी की पूजा अर्चना की गयी स्थान सुंली डूंगर देवस्थान पर
! गौ मातर भूमि रक्षक वीर श्री पनराज जी !

लीलूसिंह बड्डा
राहड़ भाटी



विक्रम संवत १३८२ भाद्रपद सुदी दसम का दिन था !वर्ष का लुभावना एव चित्त को आनंद से आपूरित करने वाला म्रदुल अंश चोमासा अपने योवन की दहलीज पर कदम रख चुका था !प्रक्रति विलक्षण श्रंगार से सुशोभित होकर विंहस रही है !शीतल मंद मन्दतर हल्के हवा के इठलाते झोंके सम्पूर्ण सजीव जगत में नव चेतना का संचार कर रहे थे जिनका स्पर्श पाकर कुदरत की सुरम्य गोद में प्रफुलित सप्तरंगी पुष्प अपनी अलोकिक सोरभ से समूचे वातावरण को महका रहे थे !


उन दिनों भारत पर मुसलमानों का शासन था !उनके द्वारा आये दिन भारतीय जनता पर अमानवीय अत्यातर किये जाते थे !तुर्को के क्रूरतम उपहास व कुक्र्त्यो के मध्य क्षत्रिय राजाओ के पारस्परिक वैमनस्य के परिणाम स्वरुप क्षात्र -शक्ति क्षीण होकर सिसकियाँ ले रही थी ऐसे समय में क्षात्र धर्म का पालन करना अत्यधिक दुष्कर कार्य था ! इतनी विकट प्रतिकूल परिस्थितियों के उपरांत भी क्षात्र धर्म से अनुरंजित अलबेले तो अपनी आन -बान मर्यादा पर मर मिटने के लिय सिनातान सदैव तत्पर रहते थे !
जादम कुल की भाटी शाखा की राहड़ खांप में उत्पन्न ठाकुर कंगन जी का प्राण प्यारा वीर श्री पनराज विशिष्ठ शोर्य व पराक्रम की प्रतिमूर्ति था गोव बालाणा में जिसका अंग प्रत्यंग राजपूती रक्त से अभिसिंचित था !क्षत्रियोचित संस्कारो से अलंकृत श्री पनराज बचपन से ही होनहार था !घुड़सवारी और दोंनो हाथो से तलवार चलाने का शैकीन सुरवीर योवनावस्था तक आते जाते रन कोशल में निष्णांत हो चुका था !विक्रम संवत १३७८ में महारावल गडसी जी जैसलमेर के महारावल थे ! श्री पनराज जैसलमेर के शासनकाल में तीन महत्वपूर्ण पदों पर भी अपनी भूमिका निभा रहे थे !१. सामंत २. सेनापति ३. जागीरदार !
१३७८ विक्रम संवत में मुग़ल का बड़ा आतंक था ! देश भर में जैसलमेर में भी महारावल गडसी जी को राजगद्दी पर बिठाने की विशेष भूमिका श्री पनराज की रही थी ! महारावल गडसी जी द्वारा वीर श्री पनराज को १३५ किलोमीटर की जागीरी दी तथा १३७८ में उत्तर का भार सोंपा व सुंली डूंगर पर भूर्ज दिया ! जागीरी से पहले बालाणा में रहते थे ! आप संवत १३८२ में गोव काठोड़ी में अपनी धर्म बहन ब्रह्मणी के घर थे ! इतने में किरली का ढोल बजा तब बहन ब्रह्मणी ने दरवाजा बंद कर दिया ! श्री पनराज ने सुन लिया था ! श्री पनराज ने कहा बहन से आप दरवाजा बंद मत करो ! मना करने पर दरवाजा बंद कर दिया बहन ने ! पनराज जी ने तोड़कर बाहर निकले ब्रह्मणों की हजारो गायों के पीछे मुगलों ने घोड़े दल दीये ! ब्रह्मण फुट -फुट कर रो रहे थे ! अभी मोजूदा देवस्थान यंहा पर उनका संषर्घ शुरू हुआ ! सेकड़ो मुग़ल मरे गए ! गायों छुड़ा दी ! यंहा वीरता करते हुअ इस संषर्घमें पनराज जी का सिर वर्तमान में जिस पनराज जी का देवस्थान है वही पर गिरा सिर विहीन धड से जूझते रहे पनराज जी ! घोड़े पर सवाल थे ! सिर विहीन धड्मुगलो से संषर्घ करता रहा !मुगलों द्वरा गुली कलर डालने के कारण पनराज जी का धड घोड़े सहित धरती माँ की गोद में विलीन हो गया धड पाकिस्तान के बहावलपुर में विलीन हुआ जिसके उपरांत आज भी वर्तमान में पाक में मेला लगता है मोडिया पीर के रूप में पूजे जाते है ! भाई लोगो पनराज जी के बारे जाने और देश में अत्याचार से मुक्त किया था में पूरा वर्णन नही कर पाया हु आज भी गौ मातर भूमि रक्षक वीर श्री पनराज जी को सच्चे मन से इष्ट के अनुसार चलते है ! उनका आशीर्वाद दिया हुआ खाली नही जाता है - तेजपाला बड्डा नग्गा रायमला साधना विशेष रूप से आशीर्वाद खाली नही जाता है ! राहड़ ही कहते है दुआ देते है उनके ऊपर गौ मातर भूमि रक्षक वीर श्री पनराज जी का छत्र है ! पनराज इण जग आविया गढ़ जैसाने काज दुष्टों का दल काटिया राखी गौ माता ऋ लाज जय गौ 
मातर भूमि रक्षक वीर श्री पनराज जी की
प्रेम से बोलो गौ मातर भूमि रक्षक वीर श्री पनराज जी

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सेना का करारा जवाब, पाक की 5 चौकियां नष्ट



श्रीनगर। भारतीय सेना ने पुंछ के बीजी सेक्टर में पाकिस्तान की पांच पोस्ट तबाह कर दी है। फौज ने ये कार्रवाई तब की जब पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए इस इलाके में सीजफायर का उल्लंघन किया। खराब मौसम के बीच पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में एलओसी के अलग-अलग सेक्टरों में करीब एक हफ्ते में कई बार सीजफायर तोड़ा है। पाकिस्तान ने मेंढर सेक्टर में भी गोलीबारी की है। बार-बार हो रही ये फायरिंग आतंकियों की घुसपैठ कराने की बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रही है।



पुंछ के केजी सेक्टर में शनिवार की रात 11 बजकर 5 मिनट पर पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा। पाकिस्तान ने यहां लगातार सातवें दिन भी फायरिंग की। इस बार पाकिस्तान मोर्टार जैसे भारी और मंझोले हथियारों का भी इस्तेमाल कर रहा है। यही हाल पुंछ के बीजी सेक्टर का भी है, जहां जवाबी कार्रवाई में भारतीय फौज ने पाकिस्तान की पांच पोस्ट को बरबाद कर दिया है। माना जा रहा है कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद को फिर हवा देने के लिए पाकिस्तान गोलीबारी के बहाने घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है।



बीजी बिग्रेड के कमांडर ए सेनगुप्ता ने बताया कि हमने उनके चार पांच पोस्ट बर्बाद कर दिए हैं, उनकी जो भी कोशिश है, टैरेरिस्ट को इधर भेजने की, उनको नाकाम कर दिया है।



पिछले 10 दिन में पाकिस्तान 19 बार सीजफायर का उल्लंघन कर चुका है। भारतीय सेना पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करने के लिए मोर्चे पर डटी है। फर्ज के लिए गोलियों और मौसम की परवाह न करने वाले एलओसी पर तैनात सैनिकों का कहना है कि वो पाकिस्तान के नापाक मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे।



सूबेदार सुमेर सिंह का कहना है कि जबरदस्त मुकाबले के साथ जवाब दिया है, जब फायर करते हैं मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। जब भी पाकिस्तान इस तरह की हरकत करता है मिलिटेंट को भारत भेजने की कोशिश करता है।



कुपवाड़ा में भी घुसपैठ की कोशिश नाकाम









पाकिस्तान ने कुपवाड़ा में भी सीज फायर का उल्लंघन किया है। सेना ने दावा किया कि केरन सेक्टर में उस्ताद और मंजीत पोस्ट के पास उसने सीजफायर उल्लंघन के बहाने घुसपैठ कराने की कोशिश नाकाम कर दी है। यहां पाकिस्तान ने रात को करीब 2 बज कर 30 मिनट पर फायरिंग शुरू की जो रुक-रुक कर कई घंटे तक जारी रही। सेना के मुताबिक फायरिंग तब शुरू हुई जब कुछ आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे और एलओसी पर मौजूद सेना के जवानों ने उन्हें ललकारा। सेना का दावा है कि जवाबी कार्रवाई में कुछ घुसपैठिए भी मारे गए। हालांकि खराब मौसम की वजह से फिलहाल मौके से किसी घुसपैठिए की लाश बरामद नहीं की जा सकी।

गुजरात चुनाव में 20-25% अल्पसंख्यकों ने दिया था वोट: मोदी



गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि राज्य विधानसभा चुनाव में 20 से 25 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाताओं ने उनके पक्ष में वोट किया था और लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को मुस्लिमों समेत सभी वर्गों तक पहुंच बनानी होगी।
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भाजपा की चुनाव अभियान समिति, प्रदेश अध्यक्षों और संगठन महासचिवों के एक सम्मेलन में मोदी तथा अन्य वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं ने अगले चुनाव में बूथ स्तर पर मतदाताओं तक पहुंच बनाने की जरूरत पर जोर दिया।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा को अल्पसंख्यकों समेत सभी वर्गों तक पहुंच बनानी चाहिए। गुजरात में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और खासकर गरीब जनता के साथ संपर्क बढ़ाने के नतीजतन 20 से 25 प्रतिशत अल्पसंख्यकों ने भाजपा के लिए मतदान किया।

भाजपा चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को बताया कि कांग्रेस ने किस तरह उनके लिए कुछ नहीं किया और इस अनदेखी के कारण उनकी गरीबी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ग को अपना बनाने के लिए पार्टी को पूरे देश में इस तरह का प्रयास करना होगा।

मोदी ने अल्पसंख्यक समुदाय पर पकड़ बनाने के लिए एक रोचक विचार पेश करते हुए कहा कि मुस्लिमों में शिया, सुन्नी और अन्य कई वर्ग हैं और उनसे जुड़ी समस्याओं के समाधान का वायदा करके संवाद स्थापित किया जा सकता है।मोदी और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की जरूरत बताई

खेमका का गंभीर आरोप, 'हफ्ता वसूलते हैं रॉबर्ट वाड्रा'



नई दिल्ली।। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा की लैंड डील का म्यूटेशन रद्द करने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने अब वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खेमका ने रविवार को एक चैनल से बातचीत में कहा कि वाड्रा ने लैंड डील से जो पैसा बनाया है, वह किसी बिजनस वेंचर से पैसा बनाने जैसा बिल्कुल नहीं है। यह एक तरह से 'हफ्ता वसूलने' जैसा है।
Haryana IAS officer Ashok Khemka and Robert Vadra.
खेमका ने कहा, 'यह बिजनस कतई नहीं है। यह बिचौलिए का कमिशन भी नहीं है। बिचौलिया भी कुछ काम करता है। मुझे लगता है कि इसकी तुलना 'हफ्ता वसूलने' से की जा सकती है। यह इस तरह है कि आप यहां बिजनस कर रहे हैं, तो कुछ पैसे भी चुकाइए। इसमें कहीं कोई सर्विस नहीं है।'

खेमका ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज किया कि वह बीजेपी के उकसावे पर यह सब कर रहे हैं। खेमका ने कहा कि 22 साल के करियर में उनका 44 बार ट्रांसफर हुआ है। हरियाणा में सहयोगी दल के तौर पर बीजेपी के सत्ता में आने पर भी उनका ट्रांसफर हुआ। खेमका ने कहा कि जब राज्य में अगली सरकार आएगी और वह इसी तरह ईमानदारी से अपना काम करते रहेंगे, तो उन्हें कांग्रेस का एजेंट करार दिया जाएगा।




खेमका ने कहा कि राजनीति में उनकी दिलचस्पी नहीं है और वह 60 साल तक सर्विस करना चाहते हैं। खेमका ने कहा कि उनका सर्विस छोड़ना मैदान छोड़कर भागने जैसा होगा। खेमका ने कहा कि अगर उन्हें बर्खास्त किया जाता है, तो उनके पास सड़क पर आने के सिवा कोई चारा नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने अपने लिए कोई प्लान नहीं बनाया है।

खेमका ने एक बार फिर वाड्रा-डीएलएफ डील को रद्द करने के अपने फैसले को सही ठहराया। खेमका ने दावा किया कि उन्होंने बिना किसी भय के ईमानदारी से अपना काम किया था। वाड्रा के खिलाफ ऐक्शन के बाद किनारे कर दिए गए खेमका ने कहा कि वह इस मामले में महज इसलिए आंख बंद नहीं कर सकते थे, क्योंकि वाड्रा एक बड़ी पॉलिटिकल फैमिली से आते हैं।