नई दिल्ली।। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा की लैंड डील का म्यूटेशन रद्द करने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने अब वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खेमका ने रविवार को एक चैनल से बातचीत में कहा कि वाड्रा ने लैंड डील से जो पैसा बनाया है, वह किसी बिजनस वेंचर से पैसा बनाने जैसा बिल्कुल नहीं है। यह एक तरह से 'हफ्ता वसूलने' जैसा है।
खेमका ने कहा, 'यह बिजनस कतई नहीं है। यह बिचौलिए का कमिशन भी नहीं है। बिचौलिया भी कुछ काम करता है। मुझे लगता है कि इसकी तुलना 'हफ्ता वसूलने' से की जा सकती है। यह इस तरह है कि आप यहां बिजनस कर रहे हैं, तो कुछ पैसे भी चुकाइए। इसमें कहीं कोई सर्विस नहीं है।'
खेमका ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज किया कि वह बीजेपी के उकसावे पर यह सब कर रहे हैं। खेमका ने कहा कि 22 साल के करियर में उनका 44 बार ट्रांसफर हुआ है। हरियाणा में सहयोगी दल के तौर पर बीजेपी के सत्ता में आने पर भी उनका ट्रांसफर हुआ। खेमका ने कहा कि जब राज्य में अगली सरकार आएगी और वह इसी तरह ईमानदारी से अपना काम करते रहेंगे, तो उन्हें कांग्रेस का एजेंट करार दिया जाएगा।
खेमका ने कहा कि राजनीति में उनकी दिलचस्पी नहीं है और वह 60 साल तक सर्विस करना चाहते हैं। खेमका ने कहा कि उनका सर्विस छोड़ना मैदान छोड़कर भागने जैसा होगा। खेमका ने कहा कि अगर उन्हें बर्खास्त किया जाता है, तो उनके पास सड़क पर आने के सिवा कोई चारा नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने अपने लिए कोई प्लान नहीं बनाया है।
खेमका ने एक बार फिर वाड्रा-डीएलएफ डील को रद्द करने के अपने फैसले को सही ठहराया। खेमका ने दावा किया कि उन्होंने बिना किसी भय के ईमानदारी से अपना काम किया था। वाड्रा के खिलाफ ऐक्शन के बाद किनारे कर दिए गए खेमका ने कहा कि वह इस मामले में महज इसलिए आंख बंद नहीं कर सकते थे, क्योंकि वाड्रा एक बड़ी पॉलिटिकल फैमिली से आते हैं।
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