नई दिल्ली रोहिणी सेक्टर-13 में अकेले रह रहे दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत एसीपी सत्यवीर सिंह दहिया की घर में घुसकर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। उनके सीने व सिर में दो गोलियों के घाव के निशान हैं। शव के पास उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर भी मिली है। लिहाजा पुलिस ने जांच के लिए रिवाल्वर को जब्त कर लिया है। गोलियां उन्हीं की रिवाल्वर से मारी गई या किसी अन्य हथियार से, जांच के बाद ही पता लग सकता है। एसीपी के फ्लैट का मुख्य दरवाजा खुला था। साथ ही उनके कमरे का दरवाजा सटा हुआ था, जिससे शंका जाहिर की जा रही है कि उनकी हत्या ही की गई है। फिलहाल इस मामले में प्रशांत विहार थाना पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
डीसीपी बाहरी जिला संजय कुमार के मुताबिक पुलिस अभी हत्या के अलावा खुदकुशी करने के दृष्टिकोण से भी जांच कर रही है। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कुछ हद तक मामले का खुलासा हो सकता है। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। घर से सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। वह पिछले एक साल से अकेले रह रहे थे।
पुलिस को रविवार सुबह करीब नौ बजे घटना के बारे में सूचना मिली। दरअसल रोज की तरह उनकी नौकरानी शीला जब सुबह साढ़े आठ बजे उनके फ्लैट पर पहुंची तो उसने देखा कि फ्लैट का मुख्य दरवाजा खुला हुआ है। अंदर जाने पर एसीपी के कमरे का दरवाजा सटा हुआ था। पहले तो उसने कई बार उन्हें आवाज लगाई। अंदर से कोई प्रतिक्रिया न आने पर जब उसने जोर से धक्का मारा तो दरवाजा खुल गया। अंदर घुसते ही उसने देखा कि एसीपी बिस्तर पर खून से लथपथ पड़े हैं। उसने तुरंत मामले की जानकारी पड़ोसियों को दी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पड़ोसियों को गोलियों की आवाज तो सुनाई दी थी, किंतु वे समझ नहीं पाए कि आवाज कहां से आई। 67 वर्षीय सतवीर सिंह दहिया रोहिणी सेक्टर-13, विजेता विहार पुलिस सोसायटी, सी-11 में 25 सालों से रह रहे थे। वह सोनीपत के रहने वाले थे। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटे हैं। एक बेटा अमेरिका व दूसरा आस्ट्रेलिया में परिवार के साथ रहता है। पत्नी एक साल से अलग रह रही हैं। वे 2007 में एसीपी से सेवानिवृत्त हुए थे।
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