रविवार, 13 मार्च 2011

desert area commentatore rabbu khan

बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई परमेश्वरी ने मुझे ससुराल मत भेजो में तो पढुगी


बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई परमेश्वरी ने

मुझे ससुराल मत भेजो में तो पढुगी

बाड़मेर साहब ,मेरे बाबा व समाज के पच मुझे ससुराल भेजना चाहते है ,लेकिन तो अभी 14 साल की नाबालिग हु और आठवी में पढ़ रही हु मेरी शादी आठ साल पहले हो गई थी साहब आप उनसे कहो की मुझे  ससुराल नहीं भजे में तो पढुगी यह कहानी है राजस्थाने बाड़मेर जिले के धनाऊ गाव में रहने वाली चौदह वर्षीय छात्रा परमेश्वरी  की जिसने पुलिस अधीक्षक  से गुहार की है कि में पढना चाहती हु लेकिन घर वाले मुझे ससुराल भेजना चाहते है .राजस्थान  कुछ इलाको में में छोटे से बच्चे के पैदा होते शादी करवा दी जाता है फिर जब वो 14 या 15  साल कि होती है तो उसका गोणा या मोकलावा कर दिया जाता है लड़की को ससुराल भेज दिया जाता है  और यह परम्परा कई दशको राजस्थान के कुछ गावो में चली आ रही है लेकिन राजस्थाने के बाड़मेर में पहली बार एक लड़की ने अपने घर वालो और शादी के खिलाफ आवाज उठाई है कि मुझे ससुराल मत भेजो  ... दरसल बाड़मेर के चोह्टन इलाके के घोनिया गाँव की परमेश्वरी नामक इस चोदह वर्षीय लड़की की पुरानी परम्पराओं के अनुसार बचपन में ही पास है गाव के रहने वाले चिमनाराम से  विवाह कर दिया था उस वक्त  परमेश्वरी  की उम्र  मात्र पाच साल थी अब परमेश्वरी सीकर के स्कूल आठवी  में पढाई कर रही हैं परमेश्वरी  पढाई में बहुत हुसियार है और आगे पढना चाहती  है  लेकिन कुछ दिनों से उसके पिता और पंच उसे पढाई छोड़ कर  उसका गोणा कर ससुराल जाने पर दबाव डाल रहे हैं परमेश्वरी के अनुसार  मेरी शादी बचपन में हो गई थी  अब घर वाले मेरा मोकलावा करना चाहते है  लेकिन में  ससुराल नहीं जाना चाहती हु में तो  आगे पढना चाहती हु  इसी लिए मैंने  अपने परिजनों और पंचो के खिलाफ आवाज उठाई है में चाहती कि    पुलिस मेरे घर वालो और पचो को समझावे की मुझ पढने दे 
परमेश्वरी छात्रा निवासी बाड़मेर के अनुसार मेरी शादी बचपन में हो गई थी
  अब घर वाले मेरा मोकलावा करना चाहते है  लेकिन में  ससुराल नहीं जाना चाहती हु में तो  आगे पढना चाहती हु  इसी लिए मैंने  अपने परिजनों और पंचो के खिलाफ आवाज उठाई है में चाहती कि    पुलिस मेरे घर वालो और पचो को समझावे की मुझ पढने दे )

राजस्थाने के बाड़मेर के ग्रमीण इलाको की स्कूल में पढने वाले ज्यादातर बच्चे शादी शुदा होते है इन बच्चो की शादी छोटी सी उम्र  में ही कर दी जाती है पशे से वकील और समाजिक कार्यकर्ता सुनीता चोधरी के अनुसार हमारे  इन इलाको में घर में किसी के मरने  पर छोटे से बच्चो की शादी कर जाती है फिर उनका गोणा किया जाता है जब लड़की 14 या 15 की  होती तब........... हमारे इलाको में आज भी बाल विवाह होते है  बाल विवाह को रोकने के लिए हम सब को  आगे आना होगा 

इस पुर  को गंभीरता से लेते हुए  बाड़मेर के जिला पुलिस अधीक्षक संतोष चालके  ने तुरत  परमेश्वरी के  पिता भेराराम  और पचो को पाबद कर दिया है  ........चालके   के अनुसार परमेश्वरी कि उम्र अभी तक 14 साल है इस लिए उसके घर वालो उसे ससुराल नहीं भेज सकते है हमने परमेश्वरी को होसला दिया है कि वो आगे


परमेश्वरी ने जो हिमत दिखाई है  वो यकिन काबिले तारीफ है क्योकि आम तोर पर राजस्थान के ग्रमीण इलको  लडकिया पढना भी चाहती है लेकिन घर वाले उनका गोणा या शादी 18 साल से पहले  कर देते है तो वो अपनी पढाई चुप चाप छोड़ कर ससुराल चली जाती है और शिक्षा से वंचित रह जाती  है

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अवैध शराब से भरा टर्बो जब्त, दो गिरफ्तार
सिरसा (हरियाणा) से सांचौर की ओर जा रहा था शराब से लदा ट्रक, आबकारी दल बालोतरा की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

बाड़मेर.आबकारी पुलिस दल बालोतरा ने मेगा स्टेट हाई-वे पर नेवाई सरहद में हनुमान मंदिर के पास नाकाबंदी के दौरान अवैध शराब से भरा टर्बो ट्रक जब्त कर उसमें भरे 905 कार्टन बरामद किए। ट्रक के चालक व खलासी को गिरफ्तार कर रिमांड के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। हरियाणा निर्मित जब्त अवैध शराब की बाजार कीमत करीब 25 से 30 लाख रुपए आंकी जा रही है।

जोन जोधपुर के आबकारी अधिकारी नरेंद्रसिंह महेचा ने बताया कि आबकारी पुलिस को मुखबिर से इत्तला मिली थी कि अवैध शराब से भरा ट्रक सांचौर की ओर जा रहा है। इस सूचना पर सहायक आबकारी अधिकारी बाड़मेर नरेंद्रसिंह शेखावत, सहायक निदेशक आबकारी बालोतरा किशनसिंह चौहान, भोमाराम, किरताराम, वीरसिंह, रंगनाथ तिवारी सहित जाब्ते ने मेगा स्टेट हाई-वे पर नेवाई सरहद में हनुमान मंदिर के पास नाकाबंदी की। दल ने शुक्रवार देर शाम शेरगढ़ की ओर से आ रहे टर्बो ट्रक नं. जीजे-12 एटी 8013 को घेराबंदी कर रुकवाकर चालक-खलासी से पूछताछ की तो वे हड़बड़ा गए। ट्रक में जांच की तो अंदर 905 कार्टन अवैध अंगेे्रजी शराब के भरे मिले। इस पर ट्रक चालक किशनलाल पुत्र जेताराम विश्नोई निवासी डेडवा (सांचौर) व खलासी समर्थसिंह पुत्र अजीत सिंह निवासी मुड़तरा थाना आहोर (जालोर) को गिरफ्तार किया गया।


विवाहिता ने घर में फं दा लगा आत्महत्या की
 बाड़मेर.
रामसर थाना क्षेत्र के सुरा गांव में एक विवाहिता ने फांसी लगा आत्म हत्या कर ली।

पुलिस के अनुसार आशा देवी (24) पत्नी पेमाराम सुथार निवासी सुरा ने सुबह 10 बजे अपने रहवासी मकान की छत पर लगे पंखे के हुक से फंदा लगा आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच शव का पोस्टमार्टम करवाया। इधर, मृतका के पीहर पक्ष वालों की ओर से आपत्ति दर्ज करवाने पर एसडीएम की मौजूदगी में मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मृतका की चार साल पहले ही शादी हुई थी।






मालाणी एक्सप्रेस से कटने पर युवक की मौत
बाड़मेर जिले के ढूंढा कवास में शनिवार शाम सात बजे एक युवक की मालाणी एक्सप्रेस के आगे कटने से मौत हो गई। इस हादसे से मालाणी एक्सप्रेस करीब एक घंटा देरी से रवाना हुई। एएसआई शंकर लाल ने बताया कि बीस वर्षीय भाडखा निवासी मुलाराम जाट की मालाणी एक्सप्रेस गाड़ी नंबर 2404 के आगे कट जाने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक की जेब से 560 रुपए मिले। हादसे की सूचना जीआरपी कंट्रोल नागाणा एवं सदर थाना बाड़मेर को दी। मौके पर अधिकारी के नहीं पहुंचने से शव को रेल कर्मचारियों ने मालाणी एक्सप्रेस के यार्ड में डाल शव को स्टेशन मास्टर कवास के सुपुर्द कर ट्रेन को रवाना किया।



रेगिस्तान से निकला अजूबा अनपढ़ कमेन्टर रब्बु खान





रेगिस्तान से निकला अजूबा अनपढ़ कमेन्टर रब्बु खान 


बाड़मेर भारत में लोग क्रिकेट के प्रति कितने दीवाने होते है ये तो सब जानते है लेकिन रेगिस्तान के एक सक्ष ने तो क्रिकेट को अपना धर्म है बना लिया है और ये वो सक्ष है जो अपनी जन्दगी में कभी भी स्कूल की चोकठ तक नहीं देखि फिर भी यह सक्ष अग्रेजी सहित चार भाशाओं हिन्दी,,उद,अंग्रेजी और सिन्धि में फर्राटेदार कोमेटरी करता है जिसे सुन कर आप यक़ीनन चोक जाओगे


रेगिस्तान के इस अजूबे का नाम है राबू खान और इसकी उम्र 27 साल और यह रहने वाला है राजस्थान के बाड़मेर जिले सावा गाव का यह सक्ष अपनी 27 साल की जिन्दगी में कभी भी स्कूल नहीं गया है और यह अपने परिवार का गुजरा चलने के लिए ऊठ गाडा चलता है राबू खान को सन 1991 से क्रिकेट का शोक चढ़ा तो फिर कबी उतरा है नहीं जब राबू खान 10 साल की उम्र में बकरिया चराने जाता था तो अपने साथ रेडियो ले जाता था और रेडियो पर आकाशवाणी पर राबू खान पहले तो हिंदी में कोमेटरी सुनता था फिर अग्रेजी कोमेटरी सुनता था और एसे है यह सक्ष अग्रेजी में कोमेटरी करना सीख गया अब रवि शास्त्री और संजय मंजलेगर की तरह अग्रेजी में फटाफट कोमेटरी करता है राबू खान शरू में अपने गाव में कोमेटरी करता था लेकिन फिर उसने बाड़मेर में होने वाले मैच की कोमेटरी की फिर वो रेगिस्तान में माहूर हो गया अब बाड़मेर कोई भी टूनामेंट होता है तो राबू खान को कोमेटरी के लिए बुलाया जाता है राबू खान के मुताबिक अब क्रिकेट उसका धर्म बना दिया है और राबू चाहता है कि एक बार मुझे भारत के मैच की लाइव कोमेटरी करने का मोका मिले है


राबू खान के साथियों की माने तो बोर्डर के गावो में क्रिकेट के बारे में लोग समझते भी नहीं थे और राबू खान ने इन गावो क्रिकेट के प्रति लोगो का उत्साह पैदा किया दलपत के अनुसार रबू जब बकरिया चराने जाता था तब रेडियो पर कोमेटरी हिंदी और अग्रेजी में सुनता रहता था और वही से रबू अग्रेजी में फटाफट कोमेटरी करना सीख गया


रेगिस्तान के इस अजूबे रबू और बाड़मेर के लोगो की अब है तमना है कि रबू को भारत के मैच का लाइव कोमेटरी करने का मोका मिले















शनिवार, 12 मार्च 2011

भव्य समारोह के साथ अर्जुन टैंक शामिल हुआ 75 आर्म्ड रेजिमेंट में,


भव्य समारोह के साथ अर्जुन टैंक शामिल हुआ 75 आर्म्ड रेजिमेंट में,
रेजिमेंट का 39 वाँ स्थापना दिवस धूमधाम से मना
ईमानदारी, वफादारी और ईज्जत जीवन की बुनियाद ले.जनरल श्री एके सिंह
जैसलमेर, 12 मार्च/75 आर्मर्ड रेजिमेंट के लिए शनिवार का दिन किसी गौरवशाली उत्सव से कम नहीं रहा जब धूमधाम से मनाए जा रहे रेजिमेंट के 39 वें स्थापना दिवस समारोह में स्वदेश में ही निर्मित अर्जुन टैंक रेजिमेंट में शामिल हुआ।
इस अवसर पर आयोजित शानदार समारोह में एम.बी.टी. अर्जुन रेजिमेंट के खेमे में सम्मिलित किया गया। इसमें साहस और शौर्य के प्रतीक रहे पुराने टैंक टी55 को विदाई दी गई। इस गरिमामय समारोह में सैन्य अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, सैन्य परिवारों, रेजिमेंट के पुराने सैनिकों और मीडियाकर्मियों आदि ने हिस्सा लिया।
रोमांच और आकर्षण बिखेरा टैंकों की परेड़ ने
समारोह का मुख्य आकर्षण एमबीटी अर्जुन तथा टी55 टैंकों द्वारा प्रस्तुत की गई परेड़ रही। परेड़ के आरंभ में इन टैंकों ने शुरू होते ही गुलाबी, हरे, पीले रंगों की जबर्दस्त बौछार करते हुए पूरे परेड़ मैदान में रंगीन बादल छितराते हुए फागुन और रंगों के त्योहार होली की याद ताजा करा दी।
टैंकों की परेड़, सलामी के तौरतरीकों आदि ने खूब आकर्षक बिखेरते हुए तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मान और आदर पाया। सैन्य बैण्ड की ओजभरी सुमधुर स्वर लहरियों के बीच विभिन्न आयोजनों ने मनभावन माहौल का अहसास कराया।
परेड़ का निरीक्षण दक्षिण कमान के जनरल आफिसर कमाण्डिंगइन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल श्री ए.के. सिंह ने किया और टैंकों की सलामी ली।
जनरल श्री ए.के. सिंह ने 75 कवचित(आर्म्ड) रेजिमेंट के गठन, गौरवशाली इतिहास और अब तक के गौरवशाली सफर का जिक्र किया और टी55 टैंक द्वारा देश के लिए की गई सेवाओं के गर्वीले पृष्ठों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अर्जुन टैंक इससे भी कहीं अधिक मजबूती और क्षमता से देश को गौरव प्रदान करेगा।
स्थापना दिवस पर दी शुभकामनाएँ
श्री सिंह ने कवचित रेजिमेंट के 39 वें स्थापना दिवस तथा अर्जुन टैंक के रेजिमेंट परिवार में शामिल होने पर रेजिमेंट के सभी सैनिकों तथा उनके परिजनों को शुभकामनाएँ दीं।
उन्होंने कहा कि देश की यह दूसरी रेजिमेंट है जिसे अर्जुन टैंक पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जरूरत के वक्त इसका अधिकतम उपयोग होगा और युद्ध की स्थिति में बेहतर साबित होगा।
श्री सिंह ने कहा कि भारतीय फौज ने देश का नाम सदैव ऊँचा रखा है और आर्मी पर पूरे देश को नाज है जो हमेशा तैयार रहते हुए कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कभी पीछे नहीं रही।
फौजी हमेशा रहता है अलर्ट
जनरल श्री ए.के. सिंह ने फौज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी आदर्शों की याद दिलायी और कहा कि सदैव तैयार रहने के साथ ही ईमानदारी, वफादारी और ईज्जत इन तीन बुनियादी सिद्घांतों का परिपालन जरूरी है और इन्हें फौजी जीवन में सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाना चाहिए। श्री सिंह ने रेजिमेंट के लिए सभी साधनसुविधाओं से सम्पन्न बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
यह है रेजिमेंट की स्थापना का इतिहास
भारतीय सेना की 75 कवचित (आर्मर्ड) रेजिमेंट अपनी तरह की बेहतरीन कवचित रेजिमेंट है जिसकी नींव 12 मार्च 1972 को तीन स्क्वाड्रनों को मिलाकर रखी गई। इन तीनों स्क्वाड्रनों ने सन 1971 के युद्ध में भाग लिया और अद्वितीय साहस का परिचय दिया। इसके लिए रेजिमेंट को राष्ट्रपति द्वारा ॔सिंध’ युद्ध सम्मान से नवाज़ा गया। रेजिमेंट ने अपनी शुरूआत से लेकर अब तक कई सैन्य अभ्यासों एवं सैन्य कार्यवाहियों में शानदार प्रदर्शन किया और जरूरत पड़ने पर देश की आंतरिक सुरक्षा और सिविल प्रशासन की ब़चढ़ कर मदद की।
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शशशश....इस थाने मे कोई हें



शशशश....इस थाने मे कोई हें

बाड़मेर.. . कोई अपराध और जुल्म का शिकार बन जाये तो उसे राहत की उम्मीद होती हें पुलिस से लेकिन अगर कही पुलिस ही आहत हो तो क्या किया जाये . राजस्थान के बाड़मेर मे एक ऐसा थाना हें जिसका नाम है मंडली


 थाना जहा किसी भी अधिकारी का जाना अभिशप्त माना जाता हें . इस बात को गलत साबित करने के लिए जो भी वहा गया खुद का अनिष्ट करवा बेठा . आज आलम यह हें की अब अधिकारियो में इतना खोफ है कि  कोई अधिकारी इस थाने के रासते तक पर कदम नही रखता . 
. बरसों से इलाके के हर पुलिस वाले के लिए खोफ का पर्याय बन चुके मण्डली थाने के पीछे की कहानी कम चोकने वाली नही हें . अंधविश्वास को दरकिनार करने वाले अब तक 3 दर्जन के करीब अधिकारी इस थाने मे कदम रखकर खुद का बुरा कर चुके हें . अब आलम यह हें की यहा के कप्तान तक इस थाने मे आने की हिम्मत नही रखते
 
अभिशप्त थाने का दर्जा अपने सर ले चुके इस थाने की कहानी भी
  बड़ी  चोकने वाली है दरसल 100  साल पहले इस थाने में परिसर में एक बाबा रहते थे जिसकी   सेवा पुलिस के सिपाही करते थे और उस बाबा का इस गाव पर विशेष  आशीर्वाद  रहता था उसी समय इस थाने में तेनात शो बाबा की सेवा करते थे उन्ही दिनों में   तेनात थानेदार की माता  का देहांत हो गया था और उसे  तत्कालीन पुलिस अधिशक ने   छुट्टी नही दी गई . इस पर उस थाना अधिकारी ऩे बाबा से गुहार की और गुस्से मे  भोले बाबा  ने इस थाने  को  ही  श्राप दे दिया था  कि  इस थाने में कोई बड़ा  अधिकारी नहीं आएगा अगर आया तो उसके साथ कुछ भी बुरा  हो जाएगा  और यही श्राप सेकड़ो बरसों बाद आज भी इस थाने के साथ लगा हें . बाड़मेर के पुलिस अधिशक संतोष चालके   के अनुसार जेसा की लोग बताते है की बाबा ने थानेदार को पुलिस अधिशक .ने छुटी नहीं दी तो बाबा ने इस  को थाने को श्राप दे दिया था कि इस थाने में कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं आ सकता है अगर ऐसा कोई आने कि हिमत करेगा तो अधिकारी  खुद का बुरा करेगा 
फिर बाबा ने इसी थाने में है जिन्दा समाधी ले ली तब से गाव वाले और पुलिस मानती है की इस थाने की खुर्शी पर और
  के कमरे में बाबा के श्राप का है असर आज भी लागु है मंडली थाना अधिकारी रेवत सिंह भाटी के अनुसार पिछले एक साल में तीन अधिकारी ने इस जाने की हिमम्त तो उनमे से एक अधिकारी तो थाने से निकलते बाड़मेर मुख्लाय  पहचने से पहले ही सस्पेंड कर दिये गया  जिनका प्रदीप मोहन दस ADD SP और पिछले साल दिसबर में ही दो  C .O  रामावतार मीणा और बालोतरा के SDM राजेश चोहान ने इस थाने में जाने की हिमत की थी जिनका तबादला 24 घंटो में ही हो गया थाने दर के अनुसार अब तक श्राप को गलत साबित करने के लिए दर्जनों पुलिस के अधिकारियो ने हिमत की तो उनका या तबादल हो गया या फिर सस्पेंड हो गए 
रेवत सिंह भाटी,थाना अधिकारी   मंडली थाना C .O  रामावतार मीणा और बालोतरा के SDM राजेश चोहान ने इस थाने में जाने की हिमत की थी जिनका तबादला 24 घंटो में ही हो गया थाने दर के अनुसार अब तक श्राप को गलत साबित करने के लिए दर्जनों पुलिस के अधिकारियो ने हिमत की तो उनका या तबादल हो गया या फिर सस्पेंड हो गए )
आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हो कि साल में बार पुलिस के कप्तान को थाने का निरक्षण करना जरुरी होता है लेकिन बाड़मेर के पुलिस कप्तान संतोष चालके की पोस्टिंग को एक साल हो गया चालके ने मण्डली थाने को छोड़ सभी थानों का निरक्षण कर दिया है संतोष चालके के मन में भी वाही खोफ है की अगर वो इस थाने गए तो उनके साथ भी कुछ बुरा हो सकता है

बेटियों की होगी ढूंढ, बजेगी थाली


बेटियों की होगी ढूंढ, बजेगी थाली 

बाड़मेर। बेटियों के प्रति लगाव बढ़ाने एवं बेटे-बेटी के फर्क को दूर करने के उद्देश्य से इस बार चिकित्सा विभाग के मार्फत जिला प्रशासन बेटियों का ढूंढ संस्कार करवाएगा। बेटी के जन्म पर प्रशासन की ओर से परिवार को बधाई दी जाएगी और यथा संभव बेटी के जन्म पर भी थाली बजाई जाएगी।
 जिला कलक्टर गौरव गोयल ने बताया कि बेटे बेटी में भेद खत्म करना और कन्याभ्रूण के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है। सीमावर्ती जिले में लिंगानुपात की स्थिति में काफी अंतर है। इसके लिए जरूरी है कि इस भेद को खत्म करने का माहौल तैयार किया जाए। इसके लिए अब इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें बेटी के जन्म की खुशियां परिवार और समाज में सामने आए। इसकी शुरूआत होली से की जाएगी।  होली पर बेटों की ढूंढ का कार्यक्रम होता है।
बेटियों के लिए यह उत्सव नहीं मनाया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अघिकारी को निर्देश दिए है कि होली पर सामूहिक ढूंढ का उत्सव रखा जाए। इसमें बाड़मेर शहर मे इस वर्ष में जन्म लेने वाली बेटियों को आमंत्रित किया जाएगा। स्वास्थ्य भवन में होने वाले इस कार्यक्रम में बेटियों की ढूंढ की रस्म की जाएगी। साथ ही संदेश दिया जाएगा कि बेटे बेटी में फर्क नहीं रखा जाए।
बधाई देने की योजना तय करेंगे
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के चिकित्सा प्रभारियों को ऎसे कार्ड दिए जाएंगे जिसमें बेटी के जन्म पर संबंघित को बधाई दी जाए। जिला कलक्टर, जिला प्रमुख, नगरपालिका अध्यक्ष सहित अन्य की तरफ से मिलने वाली इस बधाई से बेटी का जन्म होने पर भी परिवार में एक माहौल तैयार होगा।

शुक्रवार, 11 मार्च 2011

सरहद की सैन्य गतिविधियों से रूबरू होंगे राजस्थान के स्काउट्स


 सरहद की सैन्य गतिविधियों से रूबरू होंगे राजस्थान के स्काउट्स
शनिरवि को सीसुब के साथ बाँटेंगे अनुभव
जैसलमेर, देश की सीमाओं के अवलोकन और सीमा सुरक्षा बल के जवानों की जीवनशैली और कर्मयोग से रूबरू होने के लिए राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से शताधिक स्काउट्स शुक्रवार को जैसलमेर पहुंचे।
राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड के राजस्थान सहायक राज्य सचिव श्री आर. एस. कसेरा ने बताया कि भारत के स्काउट गाइड के इतिहास में अपनी तरह का यह पहला और अनूठा कार्यक्रम राज्य के मुख्य आयुक्त श्री निरंजन आर्य की पहल पर सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से हो रहा है।
देश में अपनी तरह की इस पहली बहुद्देशीय भ्रमण यात्रा के पहले दौर में इन सभी स्काउट्स ने शुक्रवार को जैसलमेर का सौन्दर्य निहारा। शनिवार और रविवार को ये सभी सरहदों पर रहेंगे। इन दोनों दिनों में ये युवा स्काउट्स शुक्रवार और शनिवार को सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ सीमाओं पर रहेंगे और भारतपाक सीमा आउट पोस्ट का आवासीय भ्रमण करेंगे।
वाह क्या खूब है जैसलमेर
शुक्रवार को इन सभी स्काउट्स ने राज्य स्तर से नियुक्त शिविर निदेशक सहायक राज्य सचिव आर. एस. कसेरा के नेतृत्व में शहर भ्रमण के अन्तर्गत स्वर्ण नगरी जैसलमेर में ऐतिहासिक एवं कलात्मक शिल्प स्थापत्य और पुरातन दर्शनीय स्थलों का अवलोकन किया। इनमें पटवा हवेली, नथमल हवेली, सोनार किला, ग़ीसर तालाब आदि के अप्रतिम कलात्मक सौन्दर्य की झलक पाकर तथा इन ऐतिहासिक धरोहरों की कीर्तिगाथाओं को सुन बेहद अभिभूत हुए। ख़ासकर स्वर्णनगरी का पीत सौन्दर्य और सूक्ष्म कला सौन्दर्य इन स्काउट्स को खूब भाया।
दल के सदस्यों को शिविरसंचालक सहायक राज्य संगठन आयुक्त जोधपुर श्री महेन्द्र सिंह राठौड़ एवं सहायक संचालक सर्कल आर्गेनाईजर (स्काउट) जैसलमेर जसवन्त सिंह राजपुरोहित तथा सहयोगियों सर्वश्री मुकेश हर्ष व चाँद मोहम्मद ने जैसलमेर की संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व और कलासाहित्य आदि के बारे में परिचित कराया।
मुख्यमंत्री ने रवाना किया स्काउट्स दलों को
जैसलमेर आए स्काउट्स दल को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने आवास से गुरुवार को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
राजस्थान भर से आए हैं स्काउट्स प्रतिनिधि
जैसलमेर भ्रमण तथा सरहदी इलाकों में जवानों के साथ दौरे के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से एक सौ दो स्काउट्स यहां आए हुए हैं। इनमें अजमेर से 14, भरतपुर से 11, बीकानेर से 15, जयपुर से 21, जोधपुर से 10, कोटा से 16 व उदयपुर से 11 स्काउट्स को मिलाकर कुल सातों सम्भागों से इनसे संबंधित जिलों के 102 सम्भागी जैसलमेर आए हैं।

टी55 टैंक की विदाई एवं एम.बी.टी. अर्जुन का आगमन होगा


जैसलमेर में 75 कवचित रेजीमेंट में शनिवार को भव्य समारोह,
टी55 टैंक की विदाई एवं एम.बी.टी. अर्जुन का आगमन होगा
जैसलमेर, 11 मार्च/रक्षा मंत्रालय की 75 कवचित रेजीमेंट में 12 मार्च, शनिवार को प्रातः 9.30 बजे भव्य समारोह का आयोजन होगा। इसमें सेना के टैंक55 की विदाई होगी तथा एम.बी.डी. अर्जुन का आगमन होगा। समारोह के मुख्य अतिथि सेना की दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल श्री ए.के. सिंह होंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारीगण एवं रेजीमेंट के पुराने सैनिक भी उपस्थित रहेंगे।
बारह मार्च को हुई थी रेजिमेंट की स्थापना
जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) जोधपुर ले. कर्नल श्री एस.डी. गोस्वामी के अनुसार सेना की 75 कवचित रेजिमेंट अपनी तरह की बेहतरीन कवचित रेजिमेंट है जिसकी नींव 12 मार्च 1972 को तीन स्क्वाड्रनों को मिलाकर रखी गई। इन तीनों स्क्वाड्रनों ने सन 1971 के युद्ध में भाग लिया और अद्वितीय साहस का परिचय दिया। इसके लिए रेजिमेंट को राष्ट्रपति द्वारा ॔सिंध’ युद्ध सम्मान से नवाज़ा गया। रेजिमेंट ने अपनी शुरूआत से लेकर अब तक कई सैन्य अभ्यासों एवं सैन्य कार्यवाहियों में शानदार प्रदर्शन किया और जरूरत पड़ने पर देश की आंतरिक सुरक्षा और सिविल प्रशासन की ब़चढ़ कर मदद की।

बाड़मेर अस्पताल से गायब हुआ ‘दलित’


बाड़मेर अस्पताल से गायब हुआ ‘दलित’
देर रात तीन बजे गायब हुआ, सिणधरी थाने में प्रताडऩा का मामला
ये है मामला
सिणधरी निवासी जबरनाथ जोगी को सिणधरी थाने में छह दिन तक पुलिस ने जबरन बंधक बना कर रखा था। इस दौरान उसकी पिटाई करने के साथ शराब और पेशाब पिलाई गई। हालत बिगडऩे के बाद उसे छोड़ दिया गया। परिवार के सदस्य उसे लेकर राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर पहुंचे। जहां जांच के बाद मेल सर्जिकल वार्ड के बेड नंबर 5 पर उसे भर्ती किया गया।
शक की सुई पुलिस पर
 
जबरनाथ को उपचार के दौरान अचानक हॉस्पीटल से गायब करने का शक पुलिस पर है। मेल सर्जिकल वार्ड में ड्यूटी कर रहे मेल नर्स धनसिंह ने बताया कि बुधवार को टिकट पर्ची संख्या ५०३ पर जबरनाथ को भर्ती किया गया। रात्रि दो बजे तक उसका उपचार चल रहा था। लेकिन रात्रि तीन बजे के बाद वो अचानक गायब हो गया।
बाड़मेर 
राजकीय अस्पताल के बेड नंबर ५ पर भर्ती एवं पुलिस यातना से पीडि़त दलित जबरनाथ कालबेलिया गुरुवार तड़के यकायक गायब हो गया। लेकिन वो कहां गया और उसे कौन ले गए इस बारे में न तो अस्पताल प्रशासन को जानकारी है और न ही पुलिस को। यहां तक की वार्ड इंचार्ज तक को उसके गायब होने की भनक नहीं लगी। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने देर रात ही थानेदार व दो कांस्टेबल को निलंबित करने के साथ पीडि़त के परिवार और जातीय पंचो से मिलकर मामले की जानकारी ली। दलित समाज के नेताओं ने घटना पर रोष जताते हुए पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है।

 मामले की जानकारी मिली है लेकिन किसने और क्यों ऐसा किया इसकी जानकारी नहीं है। कई बार मरीज स्वयं भी बिना बताए चले जाते हैं। संभवतया इस मामले में भी ऐसा हुआ है।

अ ार.के. माहेश्वरी, पीएमओ


 पुलिस और पीडि़त में राजीनामा चल रहा है। उसे पुलिस ने अस्पताल से नहीं उठाया बल्कि उनमें राजीनामा होने के बाद वह स्वयं ही चला गया होगा। मैंने सुबह जानकारी ली तो वो अस्पताल में नहीं था।’

संत ोष चालके, जिला पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर


 ‘ यह सीधा मानवाधिकार हनन का मामला है। इस मामले में एसपी को निर्देश दिए गए है कि वे स्वयं पूरे मामले की तहकीकात करें। जहां तक सवाल मरीज के अस्पताल से गायब होने का है, निश्चित ही गंभीर मामला है। पीएमओ से इस बारे में जवाब मांगा है। रोगी को तलाशने के भी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे हकीकत सामने आ सके।

गौर व गोयल, जिला कलेक्टर, बाड़मे



गुरुवार, 10 मार्च 2011

हजारों पाकिस्तानी हिंदू खटखटा रहे हैं भारत का दरवाजा

पाकिस्‍तान में एक मंदिर का वजूद मिटने वाला है। एक निजी कंपनी ग्रेनाइट निकालने के लिए खुदाई कर रही है, जिसके लिए वह मंदिर का वजूद मिटा रही है। लोगों के तमाम विरोध के बावजूद मंदिर बचने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।यह मंदिर पाकिस्‍तान के दक्षिण में स्थित सिंध प्रांत के चोरयो में है। स्‍थानीय मीडिया ने खबर दी है कि पहाड़ी पर बसे इस मंदिर के पास खुदाई की तैयारी पूरी हो गई है।हर साल शिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में दर्शन के लिए नेपाल और भारत के हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस साल इन श्रद्धालुओं को भी निराशा हाथ लगी। स्‍थानीय लोग खुदाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर गए हैं। पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।पाकिस्तान में वैसे भी हिंदुओं की कोई सुनने वाला नहीं है। उन पर काफी अत्‍याचार होता रहा है। देश में हिंदुओं की आबादी करीब दो फीसदी है। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के साथ बहुसंख्यक अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं। कई हिंदू परिवारों को अपना पुश्तैनी घर छोड़ने और मंदिर को तोड़े जाने के फरमान जारी होते रहते हैं। पेशावर जैसे कई शहरों में ऐसे फरमान जारी हो चुके हैं। हिंदु लड़कियों का अपहरण करके उनके साथ जबर्दस्ती शादी करने और धर्म परिवर्तन की कई घटनाएं हो चुकी हैं। यही वजह है कि १९४८ में पाकिस्तान में जहां हिंदुओं की आबादी करीब १८ फीसदी थी, वही अब घटकर करीब दो फीसदी हो गई है।पाकिस्तान में तालिबानी कट्टरपंथी भी पिछले कुछ सालों से हिंदू परिवारों पर कहर बरपा रहे हैं। हिंदू परिवार की लड़कियों का अपहरण और उनका जबरन धर्म परिवर्तन अब आम बात हो गई है। सरकारी तंत्र ने भी कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक दिए हैं।हजारों हिंदू खटखटा रहे हैं भारत का दरवाजा 
एक आकलन के मुताबिक पिछले छह वर्षो में पाकिस्तान के करीब पांच हजार परिवार भारत पहुंच चुके हैं। इनमें से अधिकतर सिंध प्रांत के चावल निर्यातक हैं, जो अपना लाखों का कारोबार छोड़कर भारत पहुंचे हैं, ताकि उनके बच्चे सुरक्षित रह सकें।2006 में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। हफ्ते में एक बार चलनी वाली यह ट्रेन कराची से चलती है भारत में बाड़मेर के मुनाबाओ बॉर्डर से दाखिल होकर जोधपुर तक जाती है। पहले साल में 392 हिंदू इस ट्रेन के जरिए भारत आए। 2007 में यह आंकड़ा बढ़कर 880 हो गया। पिछले साल कुल 1240 पाकिस्तानी हिंदू भारत जबकि इस साल अगस्त तक एक हजार लोग भारत आए और वापस नहीं गए हैं। वह इस उम्मीद में यहां रह रहे हैं कि शायद उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाए, इसलिए वह लगातार अपने वीजा की मियाद बढ़ा रहे हैं।


एयरफोर्स की मोटरसाईकिल रैली अमनचैन का पैगाम लेकर निकली चार राज्यों की यात्रा पर


एयरफोर्स की मोटरसाईकिल रैली अमनचैन का पैगाम लेकर निकली चार राज्यों की यात्रा पर
जैसलमेर, /आत्मीयता, शांति और संगठन जैसे आदर्शों का पैगाम देने भारतीय वायु सेना के आठ सदस्यों की मोटरसाईकिल रैली जैसलमेर से शुरू हुई। इसका नेतृत्व सार्जेन्ट श्री ए.के. बाजपेयी कर रहे हैं।
जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन में आयोजित समारोह में वायु सेना के ग्रुप कैप्टेन श्री राजीव रंजन ने झण्डी दिखाकर इस मोटरसाईकिल रैली को रवाना किया। यह रैली तीस मार्च तक अपने बाईस दिवसीय दौरे में चार राज्यों का भ्रमण करेगी। इस दौरान यह दल इन प्रदेशों में स्कूलकॉलेजों, एनसीसी इकाइयों, सामाजिक संस्थानों और वायु सेना यूनिट्स में अपना संदेश पहुंचाएगा।

आंकड़े गलत तो मैं इस्तीफा दूं, नहीं तो कर्नल दे : हेमाराम चौधरी

सैनिकों और युद्ध शहीदों को अच्छा पैकेज दे रही है सरकार, सैनिकों के मामले में हंगामा होता देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को करना पड़ा हस्तक्षेप

जयपुर। बाड़मेर के पारंपरिक प्रतिस्पर्धी दो कांग्रेसी जाट नेताओं सैनिक कल्याण मंत्री हेमाराम चौधरी और बायतु विधायक कर्नल सोनाराम गुरुवार को विधानसभा में गैलेंटरी अवार्ड विजेता सैनिकों और शहीदों के परिजनों को पैकेज के मामले में उलझ गए। हेमाराम चौधरी ने कर्नल को यह तक चुनौती भी दे दी कि यदि सवाल के जवाब में दिए आंकड़े गलत बताए हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे, नहीं तो कर्नल त्याग पत्र दे।

भाजपा के अशोक परनामी की ओर से राज्य के गैलेंटरी अवार्ड विजेता सैनिकों को दी जा रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी मांगी थी। इसे लेकर विपक्षी सदस्यों ने भी कई सवाल दागे। सैनिक कल्याण मंत्री इसका जवाब दे रहे थे, लेकिन इस बीच हंगामा हो गया। हंगामे के बीच ही कर्नल सोनाराम ने मंत्री के जवाब को यह कहते हुए गलत करार दिया था कि 1994 के बाद मेडल प्राप्त सैनिकों को नहर के पास जमीनें नहीं दी गई है। उन्होंने सुविधाओं को कम बताया। भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ कर्नल के समर्थन में बोलने लगे तो कर्नल को जोश आ गया और वे मंत्री के खिलाफ बार बार बोलने लगे। इस पर कांग्रेस के रघु शर्मा ने उन्हें हर बार बैठा दिया।

सैनिकों के मामले में हंगामा होता देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार सैनिकों को सुविधाओं के मामले में गंभीर है। चाहे वह मेडल प्राप्त सैनिकों का मामला हो या शहीदों का। उन्होंने कहा कि कारगिल के युद्ध में शहीदों के परिजनों को राजस्थान में आकर्षक पैकेज दिया गया है। शहीदों के नाम से स्कूलों का नामकरण किया गया है। सामाजिक परिवेश में शहीदों के माता पिताओं का भी ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि इनके बच्चों के लिए नौकरी का भी प्रावधान रखा है।

थाने मेंऔर पिटाई के साथ शराब और पेशाब पिलाया


रिश्वत नहीं दी तो थाने में दलित को बेरहमी से पीटा, तीन निलंबित

और पिटाई के साथ शराब और पेशाब पिलाया?


बाड़मेर . सिणधरी के एक कालबेलिया परिवार में पुलिस के डर से सदमे में है। इस परिवार के एक सदस्य का आरोप है कि उसे सिणधरी थाना पुलिस ने न सिर्फ बेहरमी से पीटा गया बल्कि थाने में बैठाए रखने के दौरान उससे र्दुव्‍यवहार भी किया। घटना को गंभीरता से लेते हुए बाड़मेर एसपी ने सिणधरी थानाधिकारी मूलाराम व दो कांस्टेबलों को जांच होने तक निलंबित कर दिया है।

दलित जाति के सिणधरी निवासी जबरनाथ ने बताया कि उसे 2 मार्च को चोरी का कथित आरोपी बताते हुए पुलिस ने बिना कागजों में गिरफ्तारी दिखाए थाने में छह दिन तक बंधक बनाए रखा। 8 मार्च तक उसे पुलिस के जवान थाने में बेहरमी से पीटते बाद में निदरेष मानते हुए पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पुलिस की यातनाओं से जबरनाथ की तबीयत बिगडने पर परिजन उसे सरकारी अस्पताल लेकर आए। जहां उपचार चल रहा है।

रिश्वत नहीं दी तो किया गिरफ्तार:
 

जबरनाथ ने बताया कि दो कांस्टेबलों ने 15 हजार रुपए की रिश्वत के पूरे रुपए नहीं देने पर उसे झूठे मामले में फंसाया है। मांगी। उसने पांच हजार रुपए दे दिए। शेष राशि नहीं चुकाने पर कांस्टेबल आए दिन उसे परेशान करते थे। 1 मार्च को पुलिस ने उसे झूठे मामले पकड़ कर ले गई।
सिणधरी थानाधिकारी
मूलाराम  से सवाल
क्या जबरनाथ को थाने में बंधक बना कर रखा गया?
थानाधिकारी : हां उसे चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए थाने लाए थे। बंधक नहीं बनाया।
तो फिर कागजों में इसे दर्ज क्यों नहीं किया?
थानाधिकारी : जरूरत नहीं समझी और पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
जबरनाथ पर शक करने का आधार क्या था?
थानाधिकारी : वो तो एक पागी (पैरों के निशान देखकर पहचान करने वाले) को दिखाया था। उसने उसके पैर होने की बात कही।

तो क्या पुलिस के पास पागी होते हैं और रिकॉर्ड में ये बात दर्ज होती है?

थानाधिकारी : ऐसे कोई सरकारी पागी तो नहीं होते। न ही जांच में इसे माना जाता है लेकिन ऐसे ही पैर दिखा दिए थे।

लेकिन पीड़ित का आरोप है कि उसे 6 दिन थाने में रखा और पिटाई के साथ शराब और पेशाब पिलाया?

थानाधिकारी : आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आप जरा हमारा ध्यान रखना।