भव्य समारोह के साथ अर्जुन टैंक शामिल हुआ 75 आर्म्ड रेजिमेंट में,
रेजिमेंट का 39 वाँ स्थापना दिवस धूमधाम से मना
ईमानदारी, वफादारी और ईज्जत जीवन की बुनियाद ले.जनरल श्री एके सिंह
जैसलमेर, 12 मार्च/75 आर्मर्ड रेजिमेंट के लिए शनिवार का दिन किसी गौरवशाली उत्सव से कम नहीं रहा जब धूमधाम से मनाए जा रहे रेजिमेंट के 39 वें स्थापना दिवस समारोह में स्वदेश में ही निर्मित अर्जुन टैंक रेजिमेंट में शामिल हुआ।
इस अवसर पर आयोजित शानदार समारोह में एम.बी.टी. अर्जुन रेजिमेंट के खेमे में सम्मिलित किया गया। इसमें साहस और शौर्य के प्रतीक रहे पुराने टैंक टी55 को विदाई दी गई। इस गरिमामय समारोह में सैन्य अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, सैन्य परिवारों, रेजिमेंट के पुराने सैनिकों और मीडियाकर्मियों आदि ने हिस्सा लिया।
रोमांच और आकर्षण बिखेरा टैंकों की परेड़ ने
समारोह का मुख्य आकर्षण एमबीटी अर्जुन तथा टी55 टैंकों द्वारा प्रस्तुत की गई परेड़ रही। परेड़ के आरंभ में इन टैंकों ने शुरू होते ही गुलाबी, हरे, पीले रंगों की जबर्दस्त बौछार करते हुए पूरे परेड़ मैदान में रंगीन बादल छितराते हुए फागुन और रंगों के त्योहार होली की याद ताजा करा दी।
टैंकों की परेड़, सलामी के तौरतरीकों आदि ने खूब आकर्षक बिखेरते हुए तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मान और आदर पाया। सैन्य बैण्ड की ओजभरी सुमधुर स्वर लहरियों के बीच विभिन्न आयोजनों ने मनभावन माहौल का अहसास कराया।
परेड़ का निरीक्षण दक्षिण कमान के जनरल आफिसर कमाण्डिंगइन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल श्री ए.के. सिंह ने किया और टैंकों की सलामी ली।
जनरल श्री ए.के. सिंह ने 75 कवचित(आर्म्ड) रेजिमेंट के गठन, गौरवशाली इतिहास और अब तक के गौरवशाली सफर का जिक्र किया और टी55 टैंक द्वारा देश के लिए की गई सेवाओं के गर्वीले पृष्ठों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अर्जुन टैंक इससे भी कहीं अधिक मजबूती और क्षमता से देश को गौरव प्रदान करेगा।
स्थापना दिवस पर दी शुभकामनाएँ
श्री सिंह ने कवचित रेजिमेंट के 39 वें स्थापना दिवस तथा अर्जुन टैंक के रेजिमेंट परिवार में शामिल होने पर रेजिमेंट के सभी सैनिकों तथा उनके परिजनों को शुभकामनाएँ दीं।
उन्होंने कहा कि देश की यह दूसरी रेजिमेंट है जिसे अर्जुन टैंक पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जरूरत के वक्त इसका अधिकतम उपयोग होगा और युद्ध की स्थिति में बेहतर साबित होगा।
श्री सिंह ने कहा कि भारतीय फौज ने देश का नाम सदैव ऊँचा रखा है और आर्मी पर पूरे देश को नाज है जो हमेशा तैयार रहते हुए कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कभी पीछे नहीं रही।
फौजी हमेशा रहता है अलर्ट
जनरल श्री ए.के. सिंह ने फौज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी आदर्शों की याद दिलायी और कहा कि सदैव तैयार रहने के साथ ही ईमानदारी, वफादारी और ईज्जत इन तीन बुनियादी सिद्घांतों का परिपालन जरूरी है और इन्हें फौजी जीवन में सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाना चाहिए। श्री सिंह ने रेजिमेंट के लिए सभी साधनसुविधाओं से सम्पन्न बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
यह है रेजिमेंट की स्थापना का इतिहास
भारतीय सेना की 75 कवचित (आर्मर्ड) रेजिमेंट अपनी तरह की बेहतरीन कवचित रेजिमेंट है जिसकी नींव 12 मार्च 1972 को तीन स्क्वाड्रनों को मिलाकर रखी गई। इन तीनों स्क्वाड्रनों ने सन 1971 के युद्ध में भाग लिया और अद्वितीय साहस का परिचय दिया। इसके लिए रेजिमेंट को राष्ट्रपति द्वारा ॔सिंध’ युद्ध सम्मान से नवाज़ा गया। रेजिमेंट ने अपनी शुरूआत से लेकर अब तक कई सैन्य अभ्यासों एवं सैन्य कार्यवाहियों में शानदार प्रदर्शन किया और जरूरत पड़ने पर देश की आंतरिक सुरक्षा और सिविल प्रशासन की ब़चढ़ कर मदद की।
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