मंगलवार, 13 मार्च 2012

थार महोत्सव मेजबान उदासीन मेहमानों का टोटा

मेजबान उदासीन मेहमानों का टोटा

बाड़मेर। पिछले एक माह से थार महोत्सव का इंतजार कर रहे थारवासियों को इसके आगाज से ही निराशा हाथ लगी। प्रतियोगिताओं को लेकर आमजन की भागीदारी कम रही। स्थिति यह थी कि थार सुंदरी को लेकर तो लग रहा था मानो कोई प्रतिभागी आएगा ही नहीं। वहीं दम्पती दौड़, दादा-पोता दौड़ में भी कम लोगों की भागीदारी रही।

स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर जिस स्टेडियम में लोगों का हुजूम दिखता है, उस स्टेडियम की अधिकांश दर्शक दीर्घाएं खाली थी। कार्यक्रम मे प्रशासनिक कार्मिक व उनके परिजन भी कम ही शामिल हुए। थार सुंदरी प्रतियोगिता को इस महोत्सव की मुख्य प्रतियोगिता मानी जाती है जिसमें मात्र दो प्रतिभागी शामिल हुई। दादा-पोता और दम्पती दौड़ में गिनने लायक चार जोड़ों ने ही भागीदारी दिखाई। अन्य प्रतियोगिता में भी उम्मीद से कम प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

घोड़ी नृत्य आकर्षण का केन्द्र
पूरी प्रतियोगिता में घोड़ी नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। छह-सात घोडियों ने उनके मालिकों के साथ ढोल की थाप पर ठूमके लगाए तो दर्शकों ने ताली बजा कर अभिनंदन किया।

आकर्षक रही हस्तकला की स्टाल
आदर्श स्टेडियम में बाड़मेर हस्तकला को लेकर विभिन्न स्टाले लगाई गई थी। यहां पर बाड़मेर प्रिंट की चद्दरे, कपड़ों पर बनी कलाकृतियां और लकड़ी की नक्काशी की सामग्री रखी हुई थी। जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने इसको लेकर विशेष रूचि दिखाई।

विदेशी मेहमान, मेजबान उदासीन
महोत्सव को लेकर मेजबान शहर के वाशिंदों ने भी उदासीनता दिखाई। बाड़मेर के आसपास थल सेना और वायु सेना के स्टेशन होने व वहां बड़ी तादाद अधिकारियों व सैनिकों के परिवार समेत रहने के बावजूद इनकी भागीदारी कम दिखाई दी। विदेशी मेहमानों के नाम पर दो पर्यटक ही दिखे। गैस,तेल, लिग्नाइट पॉवर प्रोजेक्ट में भी काफी तादाद में विदेशी लगे हुए है,लेकिन इनकी भागीदारी भी कम रही।

जैसलमेर के किले को भूकंप से खतरा!

जैसलमेर के किले को भूकंप से खतरा!

जयपुर। राजस्थान का थार क्षेत्र भूकंप की जद में है। विशेष्ाज्ञों की मानें तो भूकंप के कुछ झटके थार क्षेत्र को हिला सकते हैं, जिससे बड़े और पुराने भवनों को नुकसान संभव है। गौरतलब है कि ऎतिहासिक और विश्वविख्यात जैसलमेर का किला भी इसी इलाके में आता है। इसके अलावा सांभर लेक लाइन के नीचे की ओर वॉयब्रेशन होने के कारण भूकंप के मामूली झटके भी नुकसान कर सकते हैं।

थार के इलाके में बढ़ी सक्रियता

राजस्थान विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग के प्रोफसर एमके पंडित की मानें, तो राजस्थान से होकर गुजरने वाली अरावली पर्वत श्रृंखला में लाखों साल पहले धरती से कुछ दूरी पर जमी प्लेट्सों में काफी हलचत हुआ करती थी। यही कारण था कि उन दिनों अरावली पर्वत के आसपास के इलाकों को इसका खामियाजा ठीक उसी तरह भुगतना होता था जिस तरह आज जापान के हालात हैं।

जापान की धरती के नीचे प्रशांत महासागर के अति सक्रिय होने के कारण वहां भूकंप की स्थिति बनी रहती है लेकिन अब अरावली पर्वत के नीचे मामूली सा वॉयबे्रशन ही है। लेकिन इसके कारण कई बार दिल्ली और गुजरात इलाकों की धरती डोल जाती है। राजस्थान की बात की जाए, तो राजस्थान के थार इलाके के जैसलमेर, सिरोही, पाली, जैसे कुछ जिलों और इनके आसपास के स्थानों से होकर गुजरने वाली अरावली पर्वत माला में हल्का वायब्रेशन होने के कारण धरती डोल सकती है और पुराने और बड़े भवनों को कुछ नुकसान संभव है।

अच्छे हैं छोटे भूकंप

प्रोफेसरों की मानें तो छोटे-छोटे भूकंप अच्छे ही हैं,क्योंकि पृथ्वी की सतह के नीचे मामूली सी उथल-पुथल होते ही ऊपर की धरती हिलने लगती है। अगर ये उथल-पुथल ऊपर तक नहीं आए और नीचे ही दबी रह जाए, तो ऎसा होते रहने से किसी न किसी दिन बड़े भूकंप के खतरे सामने आ सकते हैं, जिसकी विनाशक क्षमता रिक्टर पैमान पर पांच से आठ तक संभव हो सकती है।

जैसलमेर युवक की हत्या कर शव झाडिय़ों में फेंका


युवक की हत्या कर शव झाडिय़ों में फेंका
देवीकोट व छोड़ के बीच मिले शव के हाथ पांव बंधे हुए थे

जैसलमेर/फतेहगढ़ उपखंड की ग्राम पंचायत देवीकोट व छोड़ की सरहद के बीच रविवार रात पुलिस को एक युवक का अज्ञात शव मिला। मृतक के हाथ व पांव रस्सी से बंधे हुए थे और मुंह खून से सना था। आशंका जताई जा रही है कि यह हत्या का मामला भी हो सकता है। किसी ने इस युवक की हत्या कर लाश को सुनसान इलाके में फैंक दिया। मृतक की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है।

देवीकोट चौकी प्रभारी गिरधरसिंह ने बताया कि रविवार रात्रि में क्षेत्र की गश्त करते समय देवीकोट व छोड़ की सरहद के बीच झाडिय़ों के नजदीक एक युवक की लाश मिली। उन्होंने बताया कि संभवतया किसी गाड़ी का ड्राइवर या खलासी हो सकता है। उसे देखने पर ऐसा लग रहा था कि किसी ने युवक के हाथ पांव बांधकर उसकी हत्या कर शव को इस इलाके में फैंक दिया है। मृतक की उम्र 28 वर्ष है। तलाशी लेने पर उसके कपड़ों से कुछ नहीं मिला।

घटना की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपतलाल व सांगड़ थानाधिकारी ओमप्रकाश गोदारा मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। गोदारा ने बताया कि शव को मुर्दाघर में पहचान के लिए रखवा दिया गया है। बुधवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस ने धारा 302 व 201 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।



आपसी रंजिश के चलते दुकान में आग लगाई

जैसलमेरआपसी रंजिश के चलते बडोड़ा गांव के एक व्यापारी की दुकान में दो लोगों ने आग लगा दी। आगजनी में लाखों रुपए का सामान जल कर खाक हो गया। अनोपसिंह पुत्र तेजसिंह निवासी बडोड़ा गांव ने पुलिस थाना जैसलमेर में रिर्पोट पेश कर बताया कि 10 मार्च को दुकान व आटा चक्की बंद करने के बाद जब वह घर गया तो अचानक ही शोर शराबे की आवाजें आई। जिस पर वह बाहर आया तो देखा कि चतुरसिंह पुत्र आसूसिंह का मकान जल रहा था। तभी अचानक जालम सिंह व नेपालसिंह पुत्र पदमसिंह दौड़ते हुए आए तथा सरियों से चक्की का दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस गए तथा उसमें आग लगाकर वहां से भाग गए। हमने आग पर काबू पाने का प्रयास किया तथा जिला मुख्यालय पर फायरब्रिगेड को भी सूचित किया । लेकिन जब तक आग पर काबू पाते उतनी देर में डीजल चक्की, बिजली से चलने वाली चक्की, डीजल से भरा टीन, लगभग पांच क्विंटल अनाज सहित अन्य सामान जल कर खाक हो गया। पुलिस ने धारा 436, 427 के तहत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की।

मारपीट कर बंधक बनाया

मोहनगढ़पुलिस थाना मोहनगढ़ में सोमवार को तुलसाराम ने रिर्पोट पेश कर बताया कि रविवार रात्रि ओमप्रकाश बिश्नोई के साथ तीन व्यक्तियों ने उससे मारपीट की तथा उसे सात घंटे तक बंधक बनाए रखा। रिर्पोट में बताया कि लाखा गांव के पास खेती करने वाला ओमप्रकाश बिश्नोई रविवार शाम करीब 4 बजे अपने चचेरे भाई के पुत्र की सगाई में जाने के लिए मंडाऊ जाने वाली बस में चढ़ रहा था। तभी किशन सिंह, उम्मेदसिंह व एक अन्य व्यक्ति ने उसके साथ मारपीट की तथा उसपर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। मारपीट करने के बाद उसे ट्रैक्टर में डालकर अपने घर ले गए। जहां उसे बंधक बना कर रखा। रविवार रात्रि करीब 3 बजे ओमप्रकाश के रिश्तेदार जगमाल उसे छुड़ा कर लाए तथा सोमवार सुबह उसे मोहनगढ़ स्थित स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। ओमप्रकाश के सिर में गंभीर चोटें आई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की।

थार महोत्सव थाप से हुआ थार महोत्सव का आगाज










थार महोत्सव  


थाप से हुआ थार महोत्सव का आगाज


बाड़मेरविविध रंगों व कला को लेकर थार का कण-कण कुछ अलग ही बंया करता है। सोमवार को सुबह निकली शोभायात्रा में जहां कालबेलिया नृत्यांगनाएं अपनी कला से हर एक को नाचने पर मजबूर कर रही थी तो रणबांकुरों के वेष में सजे युवा मारवाड़ के गौरवशाली इतिहास की याद दिला रहे थे। ऊंट गाड़ी पर बैठे लोक कलाकारों की स्वर लहरियों फिजा में पधारो म्हारै देश की तान के साथ कानों में रस घोल रही थी।

चौहटन में डेजर्ट सिम्फनी

महोत्सव के दूसरे दिन चौहटन में वैर का माता मंदिर में आकर्षक कार्यक्रम होंगे जिसमें मालानी फूड फेस्टीवल एवं डेजर्ट सिम्फनी आकर्षण का केंद्र होगा।यहां पर शाम को आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। लोक कलाकार थार की कला एवं संस्कृति की छटा बिखेरेंगे। यहां हाल ही में पदम श्री से सम्मानित शाकर खां एवं बिस्मिल्ला खां पुरस्कार से सम्मानित फकीरा खां, लोक प्रिय अलगोजा वादक धोधे खां अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति देंगे। इस मौके एडीएम अरुण पुरोहित सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

फोटो व लेख प्रतियोगिता

इससे पूर्व थार महोत्सव के बारे में आमंत्रित आलेख एवं फोटो प्रतियोगिता के परिणाम भी इस मौके घोषित किए गए। आलेख प्रतियोगिता में कवर राव सिंह प्रथम, सोनम माहेश्वरी द्वितीय एवं दिनेश कड़वासरा तीसरे स्थान पर रहे। वहीं फोटो प्रतियोगिता में सुनिल राखेचा प्रथम, ठाकराराम मेघवाल द्वितीय एवं अमरलाल तीसरे स्थान पर रहे। आलेख एवं फोटो प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले को 2100 रुपए, द्वितीय स्थान पाने वालों को 1500 रुपए तथा तीसरे स्थान पाने वाले को 1100 रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया।
थाने घणा उड़ीक्या, बताओ अबै थाणी काईं करा मनुआर

बाड़मेर रेत से उपजी और रजवाड़ों में पली मांड गायकी, जब अल्लाह जिलाई बाई के कंठ से निकली तो पद्मश्री से नवाजी गई। इस राग में मनुहार की मिठास इतनी कि पधारो म्हारै देस का आलाप कंठ से निकलते ही मेहमान बरबस सात समंदर पार से खींचा चला आता है। कुछ ऐसा ही हुआ थार महोत्सव के आगाज के वक्त। सोमवार से शुरू हुए उत्सव के पहले दिन थार के जर्रे जर्रे में यहां की कला, संस्कृति और मनुहार भरी अपणायत का रंग मेहमानों के सिर चढ़ कर बोला।

पग -पग पर बाजे घुंघरू

गांधी चौक से लेकर आदर्श स्टेडियम तक लोक कलाकारों के पैरों में बंधे घुंघरुओं की खनक कानों में तराने घोलते रहे। हर ताल के साथ थिरकते कदमों ने कलेक्टर से लेकर आमजन तक को नाचने पर आमादा कर दिया। मीडिया वालों के कैमरों से इतने पलकें पड़े कि मानो दिन में ही तारे टिमटिमा रहे हो। हर ताल, हर चाल को मानो कैमरे में कैद करने ही होड़ मची हो।

विनर ऑफ थार
बाड़मे थार महोत्सव में सोमवार को थार श्री एवं थार सुंदरी प्रतियोगिता के प्रति दर्शकों का काफी उत्साह रहा। इस वर्ष का थार सुंदरी का खिताब ललिता शर्मा के नाम रहा जबकि संतोष कुमार थार श्री चुने गए। थार श्री एवं थार सुंदरी को जिला प्रशासन की ओर से 5100-5100 रुपए की नकद राशि का पुरस्कार दिया गया।
दीवाने हो गए लोग तेरी दीवानी पर

तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम से मर जाऊं...तेरी दीवानी गीत की पंक्तियां जब महाबार के टिब्बों पर कैलाश खेर ने गुनगुनाया तो पूरा थार मानो दीवाना हो गया। उसके बाद एक से बढ़कर एक सूफी संगीत ने लोगों को सुरों की दुनिया से सरोबार कर दिया। महाबार के टिब्बों पर दोपहर से ही लोगों का आना शुरू हो गया। शाम होते होते तो महाबार के रेतीलें धोरें लोगों की भीड़ में छुप गए। इस बार रेत के ऊंचे टिब्बों को आकर्षित करने के लिए विशेष रोशनी का इंतजाम किया गया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे जफर खान सिंधी ने सूफी शायरी व उर्दू के शेरों से खूब दाद लूटी।

सोनिया के पास 45 हजार करोड़ की संपत्ति!

नई दिल्‍ली.कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी दुनिया की चौथी सबसे दौलतमंद इंसान हैं। यह दावा किया है अमेरिका के एक मीडिया हाउस ने। इसका कहना है कि यूपीए अध्‍यक्ष के पास 10 हजार से 45 हजार करोड़ के बीच (2 से 19 अरब डॉलर) की संपत्ति है।
 

अमेरिकी वेबसाइट ' बिजनेस इनसाइडर ' ने दुनिया के सबसे रईस राजनेताओं की लिस्ट जारी की है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष को चौथे नंबर पर रखा है। इस लिस्ट में हरियाणा की विधायक और जिंदल समूह की प्रमुख सावित्री जिंदल का नाम भी है। साइट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष की संपत्ति यानी 10 हजार से 45 हजार करोड़ के बीच हो सकती है।

इससे पहले जर्मनी के अखबार 'डी वेल्ट' में भी इस बारे में खबर छपी थी। इस अखबार के वर्ल्ड्स लग्जरी गाइड सेक्शन में दुनिया के सबसे रईस 23 नेताओं की लिस्ट छापी गई थी। उसमें भी सोनिया गांधी चौथे स्थान पर हैं। 'बिजनेस इनसाइडर' ने वर्ल्ड्स लग्जरी गाइड का हवाला देते हुए लिस्‍ट छापी है। लेकिन सबसे नीचे यह भी लिखा गया है कि यह रिपोर्ट OpenSecrets.org, Forbes.com, Bloomberg.com, Wikipedia.org, Guardian.co.uk से मिली जानकारी के आधार पर तैयार की गई है।

लिस्ट में अहम नाम
1. अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज शाह, सऊदी अरब
2. हसनल बोलखेह सुल्तान, ब्रुनेई
3. माइकल ब्लूमबर्ग मेयर, न्यूयॉर्क
4. सोनिया गांधी
6. व्लादीमिर पुतिन
7. सावित्री जिंदल
19. आसिफ अली जरदारी
सोनिया गांधी से हाल ही में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने उनके आयकर रिटर्न का ब्‍यौरा मांगा था, लेकिन उन्‍होंने इसे निजी जानकारी बता कर सार्वजनिक करने से मना कर दिया था। लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अपनी कुल संपत्ति 1.38 करोड़ रुपये की बताई थी। ऐसे में अमेरिकी वेबसाइट पर दिया गया ब्‍यौरा जमीन-आसमान का अंतर दर्शाता है। इसलिए इस साइट पर कांग्रेस या सोनिया की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है और संभावना यह भी है कि सोनिया वेबसाइट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।
आखिर कितनी है सोनिया गांधी की आमदनी?
कांग्रेसियों ने की सोनिया गांधी के खिलाफ नारेबाजी

भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच संयुक्त युद्घाभ्यास









एक्सरसाइज युद्घाभ्यास 


एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास 2005 से भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच संयुक्त युद्घाभ्यास क्रम का एक हिस्सा है। इसे भारतअमेरिकी रक्षा संबंधों में आपसी सहमति के अंतर्गत नए ांचे के अन्तर्गत शुरू किया गया है। यह युद्ध अभ्यास प्लाटून स्तर से शुरू होकर एक श्रेणीबद्ध रूप में कमांड पोस्ट ;सी पी एक्सद्ध तथा फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज ;एफ टी एक्सद्ध तक की जाएगी। 

युद्ध अभ्यास का 7वां संस्करण दक्षिण पिश्चम कमान के तत्वाधान में 05 मार्च 12 से दो जगहों में शुरू किया गया है। अमेरिकी सैनिक टुकड़ी यू.एस. आर्मी पैसिफिक का एक हिस्सा है। सी पी एक्स में एक इंजीनियर ब्रिगेड हैडक्वार्टर है जिसमें दोनों तरफ के योजनाकार हैं। एफ टी एक्स में 25वीं इंफेन्ट्री डिवीजन हवाई की 14वीं यू एस कैवलरी की सेकेन्ड स्क्वाड्र्न के साथ स्ट्रइकर्स की एक प्लाटून तथा समान आकर की भारतीय मैकेनाइज्ड इंफेन्ट्री सैनिक टुकड़ी है। यह युद्ध अभ्यास काफी रोचक है क्योंकि इसमें दोनों देशों की सेनाओं की ओर से अनेक चौकसी उपस्कर, संचार साधन, आई ई डी खोजक तथा निष्प्रभावीकरण तकनीकियों का उपयोग किया जा रहा है। 

13 मार्च 12 को दोनों तरफ से संदिग्ध घुसपैठियों को निष्प्रभावी करने, संयुक्त घेराबंदी और खोजक अभ्यास किया गया। इस अभ्यास को डिजर्ट लार्क कोड नाम दिया गया। भारतअमेरिकी सैनिकों से रात में अपने युद्ध वाहनों की सहायता से घेराबंदी करके संदिग्ध घुसपैठियों को पकड़ने का अभ्यास किया। इस अभ्यास में थ्री डाइमेन्सन का भी उपयोग किया गया। 

भठिंडा में सी वी एक्स ;सर्वदा सेवियर्सद्ध ने आई ई डी के खतरों से निपटने तथा सैनिकों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने का विशोष अभ्यास किया। इसके अलावा दूरगम्य क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता करने का भी अभ्यास किया गया। इस युद्घाभ्यास में दोनों तरफ की सैनिकों को इंजीनियर ब्रिगेडों की कार्यप्रणाली को समझने का शानदार मौका मिला। 

डिजर्ट लार्क और सर्वदा सेवियर्स में भारत और अमेरिकी सेना का प्रतिनिधिमंडल उपस्थित था, जिसकी अगुवानी जीओसीइन-सी दक्षिण पिश्चम कमान तथा यू एस आर्मी पैसिफिक के कमाण्डर लेफि्टनेन्ट जनरल फ्रांसिस ॔॔फ्रैन्क’’ विरसिनिस्की द्वारा की गई। इसमें ई एस जी के सह अध्यक्ष भी उपस्थित थे। इसके साथसाथ भारतीय सेना के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें उपस्थित थे जिन्होंने महाजन तथा भठिंडा में युद्ध अभ्यास में शामिल सैनिकों से विचारविमशर भी किया। 

रविवार, 11 मार्च 2012

हम दोनों हैं, अलग-अलग

लंदन। एक जैसी वेषभूषा, एक जैसे हाव-भाव, एक जैसी कद-काठी और एक जैसी ही शक्ल। इन्हें देखकर भला कौन यकीन करेगा कि यह दोनों तस्वीरें उत्तरी कोरिया के दिवंगत तानाशाह किम जोंग इल की नहीं है। 
लेकिन असलियत यह है कि पहली तस्वीर में नजर आ रहा शख्स किम जोंग नहीं, बल्कि पश्चिमी लंदन का एक प्लंबर विलियम चियोंग (43) है, जो हूबहू किम जोंग से मिलता है और उसकी यही खूबी उसके लिए मुसीबत बन खड़ी हुई है। किम जोंग इल की तरह दिखने की वजह से विलियम की न तो अब तक शादी हो पाई है और न ही उनकी कोई गर्लफ्रेंड है।

हालांकि पिछले वर्ष दिसम्बर में जोंग इल की मौत के बाद उम्मीद जगी थी कि शायद उनकी जिंदगी में अब किसी का आगमन हो, लेकिन उन्हें फिर भी निराशा ही हाथ लगी। दिलचस्प है कि विलियम का कद (5 फीट 4 इंच) और किम जोंग इल का कद बिल्कुल समान है।

विलियम मानते हैं कि किम जोंग इल का हमशक्ल होने का आज तक सिर्फ एक ही फायदा मिला है कि उन्हें एक विज्ञापन में किम जोंग के हमशक्ल की भूमिका निभाने का मौका मिला।

आजाद हिंद फौज के जनरल थे ISI चीफ के चाचा


स्लामाबाद।। भारत सहित दुनिया भर के लिए सिरदर्द पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जहीरउल इस्लाम का बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान से ' रिश्ता ' है। इस्लाम 'इंडियन नैशनल आर्मी' के नायक शाहनवाज खान के भतीजे हैं और उन्हीं की मार्फत उनका बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान से रिश्ता है।

पाकिस्तान के रक्षा विश्लेषक इकराम सहगल ने बताया कि इस्लाम के पिता पाकिस्तानी सेना में ब्रिगेडियर थे। सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली इंडियन नैशनल आर्मी में मेजर जनरल रहे शाहनवाज खान इस्लाम के चाचा थे। उन्होंने बताया कि शाहनवाज खान के एक बेटे विभाजन के दौरान उनके साथ चले गए, जबकि दूसरे बेटे महमूद नवाज पाकिस्तान में ही रहे और कर्नल बने।
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सहगल ने बताया 'महमूद नवाज खान रिटायरमेंट के बाद भारत गए और अपने पिता से मिले, क्योंकि सर्विस में रहते हुए वह भारत नहीं जा सके थे।' शाहरुख खान की कई वेबसाइट्स में उनकी बायॉग्रफी है, जिसके मुताबिक, बॉलिवुड के इस सितारे की दिवंगत मां लतीफ फातिमा शाहनवाज खान की गोद ली हुई बेटी थीं।

इस्लाम को शनिवार को प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने देश की सर्वाधिक प्रभावशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई का नया प्रमुख नियुक्त किया है। रावलपिंडी में जन्मे इस्लाम एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि क्या इस्लाम कभी शाहनवाज खान से मिले थे। शाहनवाज खान का 1983 में देहांत हो गया था।


शाहनवाज खान का जन्म कहूटा में हुआ था और दूसरे वर्ल्ड वार के दौरान वह ब्रिटिश इंडियन आर्मी में पदस्थ थे। 1942 में जब जापानी सैनिकों ने सिंगापुर पर अतिक्रमण किया था तब वह पकड़े गए थे। बाद में वह इंडियन नैशनल आर्मी में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने जापानी फौजों की तरफ से बर्मा (अब म्यामांर) में ब्रिटिश फौजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अंग्रेजों ने शाहनवाज खान को पकड़ लिया और 1946 में इंडियन नैशनल आर्मी के अन्य अधिकारियों के साथ साथ उन पर भी मुकदमा चला। इन लोगों पर राजद्रोह के आरोप में मुकदमा चलाया गया, लेकिन बाद में जनता के भारी दबाव के चलते इन लोगों को बरी कर दिया गया।

बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। 4 बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत भी गए। आईएसआई के अध्यक्ष पद पर इस्लाम की नियुक्ति से पहले कुछ न्यूज पेपर्स में प्रकाशित खबरों में कहा गया था कि बॉलिवुड के सितारे सैफ अली खान के चाचा मेजर जनरल इस्फंदयार अली खान पटौदी का नाम इस टॉप पद के लिए विचाराधीन है। पटौदी खुफिया एजेंसी में उप महानिदेशक हैं। बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि पटौदी को आईएसआई के अध्यक्ष पद के लिए गंभीर दावेदार के तौर पर कभी नहीं देखा गया।

बॉलीवुड अभिनेत्री ने करवाया था भारत-पाक मैच फिक्स!

लंदन. क्या पिछले साल भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ विश्व कप का सेमीफाइनल मैच फिक्स था? अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने लंदन के अखबार 'संडे टाइम्स' में छपी रिपोर्ट के बाद इस मामले की जांच करने का फैसला किया है। संडे टाइम्स में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि सट्टेबाजों ने इंग्लैंड जैसे देशों के खिलाड़ियों और बॉलीवुड हीरोइन को भी फिक्सिंग के काम में लगा रखा है।
 
अखबार की वेबसाइट पर मौजूद वीडियो में दिल्ली के सट्टेबाज विकी सेठ ने माना है, 'काउंटी क्रिकेट फिक्सिंग और सट्टेबाजी का अच्छा बाज़ार है क्योंकि ये लो प्रोफाइल के मैच होते हैं और इन पर कोई नज़र नहीं रखता है। यही वजह है कि काउंटी क्रिकेट में सट्टेबाजी के जरिए बिना किसी परेशानी के अच्छा पैसा बनाया जा सकता है।'

संडे टाइम्स ने आईसीसी को जानकारी देने का दावा किया है। अखबार ने आईसीसी के हवाले से बयान भी छापा है, जिसमें क्रिकेट परिषद ने कहा है, 'आपने जो जानकारी उपलब्ध करवाई है, उसके आधार पर हम इन गंभीर आरोपों पर जांच करवाएंगे।'
गौरतलब है कि काउंटी क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का सिलसिला लगातार सामने आ रहा है। हाल ही में एसेक्स के पूर्व गेंदबाज मर्विन वेस्टफील्ड को मैच फिक्सिंग के आरोप में जेल भेजा गया है। वेस्टफील्ड पर आरोप है कि उन्होंने डरहम के खिलाफ सितंबर, 2009 में मैच फिक्स करने के लिए पैसे लिए थे। इससे पहले पाकिस्तान के क्रिकेटर दानिश कनेरिया पर काउंटी क्रिकेट में मैच फिक्स करने का आरोप लगा था।
क्या हुआ था सेमीफाइनल में
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 9 विकेट खोकर 260 रन बनाए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान की पूरी टीम 49.5 ओवरों में 231 रनों पर आउट हो गई थी। इस तरह भारत ने मैच जीतकर विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी। इस मैच में सचिन ने 85 रन बनाए थे, लेकिन पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने 7 बार उनका कैच छोड़ा था। सेमीफाइनल मैच से पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने अपनी टीम को मैच फिक्सिंग से दूर रहने को कहा था।

हॉस्टल में केरोसिन फेंक नर्सिंग छात्रा को जलाया



जयपुर. भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर के नर्सिंग कॉलेज हॉस्टल में रविवार को कमरे में सो रही एक छात्रा पर अज्ञात महिला केरोसिन तेल फेंकने के बाद आग लगा भाग निकली। गंभीर रुप से झुलसी छात्रा को एसएमएस अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 



मामले के अनुसार चाकसू जिले में कौथून निवासी मौसमी चौधरी (20) ने गत वर्ष नवंबर माह में नर्सिंग कॉलेज में डिप्लोमा कोर्स के लिए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। वह कैंपस परिसर में बने हॉस्टल की दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 205 में रह रही थी। होली पर मौसमी के साथ रहने वाले दो अन्य छात्राएं गांव गई थी। इससे वह अकेली कमरे में थी।





पुलिस को दिए बयानों में मौसमी ने बताया कि रविवार तड़के 4:30 बजे किसी ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। तब नींद खुलने पर मौसमी ने गेट खोला। तभी एक महिला हाथ में डिब्बा लेकर अंदर घुसी। फिर मौसमी पर केरोसिन तेल छिड़ककर आग लगा भाग निकली।





मौसमी के मुताबिक वह काफी देर तक चिल्लाती रही। लेकिन, अन्य कमरों में छात्राओं के नींद में होने से किसी ने उसकी चिल्लाने की आवाज नहीं सुनी। आखिर में वह गश खाकर गिर पड़ी। इसके बाद सुबह करीब 7:30 बजे नजदीक रहने वाली एक अन्य छात्रा ने मौसमी को कमरे में झुलसी पड़ी देखकर हॉस्टल वार्डन मंजू चौधरी को घटना की जानकारी दी। तब मौसमी को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना पर उसके पति और अन्य परिजन भी अस्पताल पहुंच गए।

अब रोड़वेज बनेगी चेतना का आधार जल संरक्षण की खास पहल



अब रोड़वेज बनेगी चेतना का आधार 
जल संरक्षण की खास पहल 
राज्यभर में एक हजार से ज्यादा का चयन 
बाड़मेर 
अपनी मंजील की तरफ कदम बाने वाले मुसाफिरों की हमसफर बनने वाली रोड़वेंज अब जल्द ही चेतना का आधार बनने जा रही हैं। एक तरफ जहां जल संरक्षण के लिए इस खास पहल को राज्य भर में धरातल पर उतारा जाएगा वही इस प्रकि्रया में राजस्थान सरकार राजस्थान पथ परिवहन निगम की सहायता से उन विशोष मार्गो का चयन करेगी जिनमे यात्रा करने वालें मुसाफिरों की संख्या आम रुट से ज्यादा अवाम में फैलाने वाले रो़ड़वेज की संख्या एक हजार से अधिक होगी। 
राजस्थान राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन और राष्टिय ग्रामीण पेयजल गुणवता कार्यक्रम के तहत धरातल पर तरने वाली इस खास पहल के लिए आगामी वित वर्ष में बाड़मेर में30 के करीब रोड़वेज रुट का चयन किया जाएगा । सी.सी.डी. यू. के आईर ई. सी. कन्सलटेंर अशोक सिह ने बताया कि सरकार जहां कम वर्षा वालें ईलाकों में समूचित पेयजल प्रबंधन को रोकने के लिए आम जन मानस में जन चेतना फैलाने के कार्य को बखूबी अंजाम तक पहूचा रही है। इसी आधार के मद्वेनजर आगामी वित वर्ष में राजस्थान राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन और राष्टिय ग्रामीण पेयजल गुणवता कार्यक्रम के तहत हर जिले में मुसाफिरों को उनकी मंजील तक पहूचाने में अहम किरदार अदा करने वाली रोड़वेज की बसों का चयन चेतना दूत के रुप में किया जायेगा । राज्य भर में सबसें व्यस्ततम रुट का चयन कर वहां चलने वाली बसों पर जल संरक्षण जल अपव्यय रोकने, वर्षा जल की गुणवत्ता की बात, स्कूलों और भवनों से वर्षा जल एकत्रित करने, सार्वजनिक जलाशयों की सफाई रखनें, और पानी की एक एक बूंद की कीमत पहचानने वालें संदेशों कों विभिन्न रंगों और चित्रों के माध्यम से उकेरा जायेगा । सिंह के मुताबिक रोड़वेज की बसों से राज्य भर में हर रोज लाखों यात्री सफर करते हैं ऐसे में पानी को लेकर लोंगों में चेतना फैलाने के लिए इन बसों का उपयोग लेना ना केवल एक सार्थक पहल होगी वरन इससे संदेंश लेने वाले लोगो की तादाद हर रोज नई ओर अलग होगी जो कि सुखद परिणाम देने वाली रहेंगी। 

जिला प्रशासन राजस्थान की लोक कला और संस्कृति की बैंड बजाने पर तूला है


थार महोत्सव ...तीस साल बाद भी पहचान नहीं मिली ...


प्रशासनिक लापरवाही बनी बाधा


बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान की लोक कला ,संस्कृति ,परम्परा लोक गीत संगीत लोक जीवन ,थार की जीवन शैली ,इतिहास से दुनिया को रूबरू करने के उद्देश्य से तीस साल पहले जिला प्रशासन ने थार महोत्सव नामक लोक मेले की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी की विदेशी पर्यटक थार की संस्कृति से जुड़े ,मगर अफ़सोस तीस साल बाद भी बाड़मेर का थार महोत्सव विदेशो की बात छोड़े आसपास के जिलो में भी अपनी पहचान नहीं बना पाया ,थार महोत्सव से देशी विदेशी पर्यटकों को जोड़ने की बजाय स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के मनोरंजन का साधन बन गया सबसे बड़ी बात की थार महोत्सव की कलेंडर तारीख आज भी तय नहीं हें जो नया कलेक्टर आया अपनी मर्जी व् सुविधा के अनुसार तारीखे तय करते हें ,थार महोत्सव के आयोजन की कमेटी में आज भी नब्बे फ़ीसदी लोग बाहरी प्रान्तों के हे जो थार की लोक कला और संस्कृति के बारे में कुछ नहीं जानते इन सदस्यों की सलाह पर थर महोत्सब्व में थार की लोक कला संस्कृति लोक गीत संगीत को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को स्थान देने की बजाय उलुल जुलूल कार्यक्रमों को इसमे शामिल कर महोत्सव के उद्देश्य को ही ख़तम कर दिया प्रशासनिक अधिकारी अपना अपना टाइम पास करने के उद्देश्य से कभी राजा हसन तो कभी कैलाश खेर को मोटी रकम देकर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बुलाते हे जिनका थार की संस्कृति से कोई लेना देना नहीं बाड़मेर जैसलमेर लोक गीत संगीत का खजाना हें यंहा लोक गायकी और संगीत से जुड़े नायब हीरे जड़े हें जिन्होंने राजस्थान की लोक कला और संस्कृति को सातवे आसमान तक और सात समुन्दर पार तक पंहुचाया यंहा के लोक कलाकारों को अपने ही महोतासवो में मौका नहीं मिलता उन्हें हमेशा ऐसे  कार्यक्रमों में नज़र अंदाज़ किया जाता रहा हें ,थार महोत्सव का आयोजन का जिम्मा उन लोगो के पास हें जिनका थार से कोई जुड़ाव नहीं एक तरफ जैसलमेर का मरू महोत्सव हें जिसने कम समय में पुरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई जिसका मूल कारण स्थानीय लोक कलाकार हें जिन्होंने अपने कला से मरू महोत्सव को नई ऊँचाइया प्रदान की वन्ही दूसरी तरफ थार महोत्सव हे जो तीस साल में अपनी कोई पहचान नहीं बना पाया जिसके जिम्मेदार प्रशासन की नासमझी हें .आखिर थार महोत्सव का  आयोजन क्यों और किसके  लिए किया जा रहा हें यह समझ से परे हें.इधर सोमवार को थार महोत्सव का आयोजन शुरू हो रहा हें मगर पुरे बाड़मेर शहर में मात्र  चार बेनर लगाए गए हें प्रचार के लिए सबसे दुखद पहलु हें की इन बेनारो में राजस्थान और थार की लोक संस्कृति को स्थान देने की बजाय कैलाश खेर को प्रमुखता दी हें थार महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य ही ख़तम होता जा रहा हें .बाड़मेर और थार की थली की लोक संस्कृति ,और परम्पराव का नाश किया जा रहा हें एक तरफ विद्यालयों में छात्रो के परिक्षाए चल रही हें ऐसे में सेलिब्रेटी के कार्यक्रम के आयोजन का कोई तुक  समझ से परे हें ऐसे में जब कार्यक्रम थार महोत्सव का हो उसमे गैर राजस्थानी संस्कृति के कलाकारों के कार्यक्रमों के आयोजनों पर उंगलिया उठना  स्वाभाविक हें .बहरहाल जिला प्रशासन राजस्थान की लोक कला और संस्कृति की बैंड बजाने पर तूला है .

दलित बालिका से होटल में दुष्कर्म

बिजयनगर। कस्बे के एक बाइक मैकेनिक ने बरल रोड स्थित एक होटल में दलित बालिका को ले जाकर उससे बलात्कार किया। शनिवार सुबह मामले का पता लगते ही लोगों में रोष फैल गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ बलात्कार और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच सहायक पुलिस अधीक्षक राहुल जैन कर रहे हैं।

पीडिता के पिता ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उसकी 13 वर्षीया पुत्री शुक्रवार को बाजार जाने की कह कर निकली। उसके बाद वह घर नहीं लौटी तो परिजन ने रातभर उसकी तलाश की। शनिवार सुबह वह बरल रोड स्थित एक होटल के बाहर रोते हुए मिली। उसकी आपबीती सुनकर परिजन का दिल बैठ गया। वे उसे लेकर थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई। पीडिता ने पुलिस को बताया कि नाड़ी मोहल्ला निवासी बाइक मैकेनिक विक्की नामक युवक उसे पिछले कुछ दिन से डरा-धमका कर अकेले मिलने के लिए मजबूर कर रहा था। शुक्रवार शाम वह उसे डरा-धमका कर होटल में ले गया। उसे रातभर कमरे में रखा और उससे बलात्कार किया।

लोगों में रोष्ा, कार्रवाई की मांग
बालिका से बलात्कार की सूचना मिलने पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं में रोष उत्पन्न हो गया। पूर्व विधायक किशनगोपाल कोगटा, संघ पदाघिकारी पदम मुणोत, विनोद नागौरी, एडवोकेट महावीर शर्मा, संजीव कोठारी आदि ने थाने में जाकर जानकारी ली तथा थानाप्रभारी से आरोपी को तुरन्त गिरफ्तार करने की मांग की।

किराएदार की पत्नी का कत्ल


state news 
अजमेर। भगवानगंज क्षेत्र में शनिवार सुबह पुरानी रंजिश के चलते मकान मालिक ने किराएदार के परिवार पर चाकू से हमला कर दिया। वारदात में किराएदार, उसकी पत्नी और पुत्री गंभीर रूप से घायल हो गए। किराएदार की पत्नी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। रामगंज थाना पुलिस ने आरोपी मकान मालिक को मौके से गिरफ्तार कर लिया।

खत्री मोहल्ला निवासी त्रिलोकचंद जाटव (43) के मकान में गत चार साल से नरेश कुमार वासवानी (42) पुत्र टहलराम किराएदार हैं। शनिवार सुबह साढ़े छह बजे त्रिलोक अचानक नरेश की पत्नी जया (35) को भला-बुरा करने लगा। इससे दोनों में कहासुनी हो गई। आवेश में आकर त्रिलोक रसोईघर से चाकू ले आया और जया पर ताबड़तोड़ वार कर दिए।

जया के हाथ, पेट और चेहरे पर गंभीर घाव हो गए। उसकी चीख सुनकर नरेश और उसकी पुत्री ऊषा (13) भी वहां आ गए। उन्होंने बीच बचाव किया तो त्रिलोक ने चाकू से उन पर भी हमला कर दिया। अन्य किराएदारों ने बीच बचाव किया और त्रिलोक को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया।

घायल नरेश, जया और ऊषा को जेएलएन अस्पताल पहुंचाया गया। यहां चिकित्सकों ने जया को मृत घोषित कर दिया। नरेश व ऊषा की हालत गंभीर बनी हुई है। इत्तला मिलने पर पहुंची पुलिस ने त्रिलोक को गिरफ्तार कर चाकू बरामद कर लिया। एफएसएल टीम ने घटनास्थल का मुआयना कर तथ्य जुटाए। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने जया का शव परिजन के सुपुर्द कर दिया।

थप्पड़ का बदला

प्रारम्भिक अनुसंधान में पुलिस को पता लगा कि हत्या की वजह चार माह पूर्व हुई एक घटना है। किराएदार नरेश ने चार माह पहले त्रिलोक तथा उसकी मां को थप्पड़ मार दिया था। नरेश के परिजन ने यह कह कर माफी मांग ली थी कि नरेश पर 'ऊपरी हवा' का असर है। त्रिलोक मन ही मन नरेश से रंजिश पाले हुए था।



इनका कहना है

आरोपी त्रिलोक को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या की वजह आए दिन की छींटाकशी और ताने कसना है। अनुसंधान जारी है।

सुरेन्द्र कुमार भाटी, पुलिस उप अधीक्षक (दक्षिण)

सरहद का एक गांव, जहां खड़ी है कुंआरों की फौज

सरहद का एक गांव, जहां खड़ी है कुंआरों की फौज




बाडमेर, राजस्थान। भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसा बाड़मेर जिला, जिसके रेगिस्तानी गांव ऐसे दुरूह स्थानों पर बसे हैं कि इन गांवों तक पहुचना ही मुश्किल होता है। बाडमेर जिले की जैसलमेर से लगती सीमा पर बसा सरहदी नोडियाला गांव। खबडाला ग्राम पंचायत का राजस्व गॉव है नोडियाला। यह गांव राजपूत बाहुल्य है जहां सोा जाति कें राजपूत रहते हैं। लगभग साठ परिवार इस जाति के हैं वही कुछ परिवार राणा राजपूत तथा मेगवाल जाति के हैं। इस गॉव में पहुचना टेढ़ी खीर के समान हैं।

विकास से इस गॉव का कोई लेना देना नही। गॉव के लोग गॉव से बाहर नहीं जाते, गॉव में ही मस्त रहते हैं। इस गांव म कुंवारों की फौज खडी हैं। हर परिवार में कुंआरें हैं। कहीं के भी कोई भी परिवार अपनी लाडली बेटियों को इस गांव कें किसी परिवार में ब्याहना ही नही चाहते। इस संबंध में ग्रामीणों से बाततीच करने पर पता चला कि नोडियाला गांव में ऐसा कुछ भी नही है कि कोई अपनी बच्ची को इस गांव में ब्याह दे। गॉव में पानी की किल्लत सबसे बडी समस्या है।पानी के लिए ग्रामीणों को ग्राम पंचायत मुख्यालय खबडाला तक प्रतिदिन पानी भरने जाना पडता हें। गांव में पानी की एक होज बनी हैं जिसमें अंतिम बार पानी कब आया किसी को याद नही हैं। इस गांव में कुछ अच्छा है तो वो है पशुधन की बाहुल्यता। इस गांव में आने वाले मेहमान को दूध तो आसानी से मिल जाएगा मगर पानी की एक बूंद भी मिलना मुश्किल है।

गांव के खंगारसिह सोढ़ बताते हैं कि गॉव बाडमेर जिले में है मगर जैसलमेर जिला नजदीक लगता है जिसके कारण गॉव का सारा लेन-देन-व्यापार जैसलमेर से है। सबसे बड़ी बात कि इस गांव में न तो सरकारी कारिन्दे आते हैं न ही नेता लोग आते जिसके कारण गांव में विकास नहीं हो रहा । गांव अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा। कहने को सरकारी प्राथमिक स्कूल हैं मगर अध्यापक नही हैं। इस कारण बन्द पड़ा है। गॉव के बच्चे अनपढ़ हैं। युवा वर्ग पहले से ही अनपढ़ हैं। गॉव में किसी प्रकार का रोजगार नही हैं।

इस गॉव में कोई परिवार अपनी बालिका को ब्याहना नहीं चाहते। जिसकें कारण गॉव कें अधिकतर लोग कुंआरे हैं। सतर फीसदी घरों में बहुएं नही हैं। कुंआरे लोग अपने घर का काम खुद ही करतें हैं।सत्तर साल तक के लोग कुंवारे बैठे हैं। इस गांव के सोढ़ परिवार भारत पाकिस्तान विभाजन कें समय तथा कुछ परिवार 1971 व 1965 कें युद्ध कें दौरान पाकिस्तान से पलायन कर यहां आकर बसे हैं। गांव के गुलाबसिह नें बताया कि बहुत पहले गॉव में भोखावटी के परिवारों के साथ रिश्ते हुए थे। चार-पांच परिवारों में बहुएं भी आई थीं मगर जब गांव की स्थिति तथा वास्तविकता का पता चला गांव में रिश्तेदारिया होना बन्द हो गया। एक तरह सें शादियों पर ग्रहण सा लग गया। परिवार नही बस पा रहें हैं। मेरे पॉच भाई हैं जो आज भी कंवारें हैं उनकें रिश्ते के हर सम्भव प्रयास किए कोई फायदा नहीं हुआ।

हालाकि दूसरी जाति कें परिवारों में भी शादियां नहीं हो रही हैं। आसपास कें गांवों में लोग अपनी बेटियां देते हैं, पर इस गांव पर कोई मेहरबान होने को तैयार नहीं। जिसके कारण कुंवारों की फौज खडी हो रही है। बाडमेर जिले का अंतिम गॉव होनें कें कारण इसके विकास पर कोई सरकार ध्यान नहीं देती। इस गॉव में पहुचने के लिऐ जेसलमेर जिले कें कई गॉवो से होकर गुजरना पडता हैं।

बाड़मेर का विश्व प्रसिद्धगैर डांडिया नृत्य





बाड़मेर का विश्व प्रसिद्धगैर डांडिया नृत्य


बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान का सीमान्त जिला बाड़मेर अपनी लोक संस्कृति, सभ्यता व परम्पराओं का लोक खजाना हैं।जिले में धार्मिक सहिष्णुता का सागर लहराता हें। इस समुद्र में भाईचारे की लहरें ही नहीं उठती अपितु निष्ठा, आनन्द, मानवता, करूणा, लोकगीतसंगीत, संस्कृति व परम्परोओं के रत्न भी मिलते हैं। बाड़मेर की जनता अपनी समृद्ध कला चेतना निभा रही हैं। यह प्रसन्नता की बात हैं। जिले को गौरव प्रदान करने में गैर नृतकों ने अहम भूमिका निभाई हैं।
मालाणी पट्टी में गैर नृत्यों की होली के दिन से धूम रहती हैं। यह धूम कनाना, लाखेटा, सिलोर, सनावड़ा सहित अने क्षेत्रों में समान रूप से रहती हैं। यही गैर नृत्य बाड़मेर की समृद्ध परम्परा व लोक संस्कृति का प्रतीक हैं। प्रतिवर्ष चैत्र मास में अनेक गैर नृत्य मेले लगते हैं। इन मेलों का धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृति महत्व समान हैं। लाखेटा में किसानों का यह रंगीला मेला प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता हैं। पिछले चार सौ वर्षो से लोगो का प्रमुख धार्मिक आस्था स्थल लाखेटा हैं। जहां बाबा संतोष भारती की समाधि हैं। गैर नर्तको के सतर से अधिक दल इस मेले में भाग लेते हैं। सूय की पहली किरण के साथ गैर नृत्यों का दौर आरम्भ होता हैं। माटी की सोंधी महक, घुंघरूओं की झनक से मदमस्त कर देती हैं। किसानों का प्रमुख गैर नृत्य मेला जिसमें बाड़मेर, जोधपुर, पाली, जालोर जिलो से भी गैर नृतक शरीक होकर इस गैर नृत्य मेले को नई ऊंचाईयां प्रदान करते हैं।
गांवो से युवाबुजुर्गो के जत्थे हर्षोल्लास के साथ रंग बिरंगी वेशभूषा और लोक वाद्य यंत्रों के साथ भाग लेते हैं। मेले में युवा ग्रामीण गोलाकरअर्द्ध गोलाकार घेरे में विभिन्न मुद्राओं में ोल की ंकार, थाल टंकार पर नृत्य करते और हाथों में रखी एक मीटर की डण्डी आजू बाजू के गैरियों की डण्डियों से टकराते हैं और घेरे में घूमते हुए नृत्य करते हैं। गैरिये चालीस मीटर के घाघरे पहन हाथों में डाण्डियें, पांवो में आठआठ किलो वजनी घुंघरू पहन जब नृत्य करते हैं तो पूरा वातावरण कानो में रस घोलने लगता हैं। ोल की ंकार और थाली की टंकार पर आंगीबांगी नांगी जत्था गैर, डाण्डिया गौरों की नृत्य शैली निहारने के लिये मजबूर कर देती हैं। शौर्य तथा लोकगीतों के साथ बारीबारी से गैर दलों द्वारा नृत्य का सिलसिला सूर्यास्त तक जारी रहता हैं। 1520 समूह गैरियों के रूप में भाग लेते हैं गैर दलों की वेशभूषा के अनुरूप ही विभिन्न नृत्य शैलियां होती हैं। सफेद आंगी जो 4040 मीटर कपडे की बनी होती हैं। उस पर लाल कपडा कलंगी लगाकर जब नृत्य करते हैं तो मेले की रंगीनियां तथा मांटी की सोंधी महक श्रद्घालुओं को झूमने पर मजबूर कर देती हैं। सम्पूर्ण मेला स्थल गीतों, फागो और लोकवाद्य-यंत्रों की झंकारों, टंकारो व ंकारो से गुंजायमान हो उठता हैं। लोक संस्कृति को संरक्षण देने वाले लाखेटा, कनाना, कोटडी, सरवडी, कम्मो का वाडा, भलरों का बाडा, मिया का बाडा, खुराणी सहित आप पास के क्षेत्रों में गैर दल चंग की थाप पर गातेनाचते हैं। वहीं इसी क्षेत्र की आंगी बांगी की रंगीन वेशभूषा वाली डाण्डिया गैर नृत्य दल समां बांधने में सफल ही नहीं रहते अपितु मेले को नई ऊंचाईयां प्रदान करते हैं। वीर दुर्गादास की कर्मस्थली कनाना का मेला जो शीतलासप्तमी को लगता हैं, अपने अपन में अनूठा गैर नृत्यमेला होता हैं जो सिर्फ देखने से ताल्लुक रखता हैं। हजारों श्रद्घालु मेले में भाग लेते हैं। सनावड़ा में भी होली के दूसरे दिन का गैरियों का गैर नृत्य वातावरण को रंगीन बना देता हैं। पूरा आयोजनस्थल दिल को शुकून प्रदान करता हैं

पाक को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, राजस्‍थान बॉर्डर पर ब्रह्मोस तैनात

भारतीय सेना की जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की दूसरी रेजिमेंट ऑपरेशनल हो गई है। इसे पाकिस्तान से सटे राजस्थान बॉर्डर पर पाकिस्तान के सिंध फ्रंटियर के सामने तैनात की गई है।  

‘कोल्ड स्टार्ट’ युद्ध सिद्धांत के अनुसार सेना में बदली जा रही रणनीति के तहत पाक बॉर्डर पर पहली मिसाइल रेजिमेंट की तैनातगी की जा रही है। इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। पाक बॉर्डर पर इंडो-यूएस आर्मी के संयुक्त अभ्यास के बीच मिसाइल रेजिमेंट की तैनातगी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के विशेषज्ञों ने पिछले छह महीने में ब्रह्मोस मिसाइल का पोकरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में दो बार परीक्षण कर उसकी मारक क्षमता को परखा था।







गत 4 मार्च को मिसाइल के परीक्षण के बाद सेना में ब्रह्मोसमिसाइल की दूसरी रेजिमेंट की तैनातगी शुरू कर दी गई है। पहली मिसाइल रेजिमेंट की तैनातगी चीन बॉर्डर पर की गई थी। राजस्थान बॉर्डर पर पहली बार यह मिसाइल रेजिमेंट बाड़मेर से बीकानेर सेक्टर के बीच तैनात की जाएगी।
जंग की नई रणनीति के तहत मिसाइल की तैनातगी :
सेना की दक्षिण कमान (पूना) व दक्षिण पश्चिमी कमान के अधिकारियों के 25 से 28 फरवरी के बीच हुए वार गेम में युद्ध की नई रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही सेना में किए जा रहे नए बदलाव की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही चीन के अरुणाचल में मोर्चा खोलने पर पाकिस्तान के राजस्थान बॉर्डर पर हमला बोलने की आशंका के दृष्टिगत जंग की तैयारी पर विचार विमर्श किया गया था। उस वार गेम में तय रणनीति के तहत ही ब्रह्मोस मिसाइल की दूसरी रेजिमेंट को राजस्थान बॉर्डर पर तैनात करने का फैसला लिया गया।
पाक ने भनक लगने पर किया हत्फ का परीक्षण :
ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट की राजस्थान बॉर्डर पर तैनातगी की भनक लगते ही पाकिस्तान ने 700 किमी दूरी तक मार करने वाली हत्फ मिसाइल का 5 मार्च को परीक्षण किया था। इससे पूर्व पाकिस्तान द्वारा भारत के दस शहरों को निशाने पर रख 24 परमाणु हथियार युक्त मिसाइल की तैनातगी करने की खबरें पाक मीडिया में प्रकाशित हो चुकी हैं।
ऐसे में ब्रह्मोस मिसाइल की तैनातगी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इधर पाक बॉर्डर पर यूएस-इंडो आर्मी का संयुक्त अभ्यास चल रहा है। वहीं सेना की मथुरा स्थित 1 स्ट्राइक कोर के नेतृत्व में साठ हजार सैनिकों के थार में तीन महीने के युद्धाभ्यास ‘शूरवीर’ की तैयारी भी चल रही है।

डूब रहा रेगिस्तान का जहाज

डूब रहा रेगिस्तान का जहाज

बीकानेर। संख्यात्मक रूप में एक दशक में भारत के ऊंट विश्व के ऊंटों के मुकाबले सात पायदान नीचे चले गए हैं। यानि 2001 की विश्व पशु गणना में देश का तीसरा स्थान था, अब दसवें स्थान पर पहुंच गया है। ऊंटों की देखभाल समेत उनके पोषण पर सालाना करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद इनकी घटती संख्या ने व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। रेगिस्तान के जहाज ऊंट की संख्या में निरंतर गिरावट ने पशु वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। विश्व पशु जनगणना के अनुसार वर्ष 2001 में ऊंटों की संख्या के लिहाज से भारत का सूडान व सोमालिया के बाद तीसरा स्थान आता था।

दस साल बाद हुई विश्व पशु गणना में ऊंटों के लिहाज से भारत का स्थान दसवें नम्बर पर आ टिका है। हजारों किलोमीटर क्षेत्र में फैले रेत के समंदर में आवागमन का सुगम साधन माना जाने वाले ऊंट की दो प्रजातियों की संख्या में काफी कमी आ गई है। देश में ऊंटों की कुल चार प्रजातियां हैं, जिनमें से तीन तो अकेले राजस्थान में विचरण करती हैं। एक दशक पूर्व राजस्थान में जहां मेवाड़ी, जैसलमेरी व बीकानेरी नस्ल के ऊंटों की संख्या दस लाख से अधिक थी, वह आंकड़ा अब पांच लाख के नीचे आ चुका है। चौथी प्रजाति गुजरात के कच्छी नस्ल के ऊंटों की है। एक सर्वे के मुताबिक वर्तमान में कच्छी व मेवाड़ी नस्ल के ऊंटों की संख्या कम होती जा रही है।

वर्तमान में ऊंटों की संख्या
प्रजाति संख्या
बीकानेरी 4.20 लाख
जैसलमेरी 80 हजार
मेवाड़ी 30 हजार
कच्छी 30 हजार

क्यों कम हो रही संख्या
पशु वैज्ञानिक डॉ. टीके गहलोत के मुताबिक ऊंटों की संख्या में निरंतर कमी आने का कारण उनका पालन कम होना, चारागाह व आवास स्थलों का घटना है। इसके साथ-साथ कृषि में यांत्रिकीकरण भी ऊंटों की संख्या कम होने का कारण है। इनमें बढ़ रही नित नई बीमारियों का बड़ा कारण भरपूर मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलना है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, पूर्ण पाच्य पोषक तत्वों और कैल्शियम की कमी के कारण ऊंट कमजोर तो ही जाता है साथ ही पेट सम्बन्धी बीमारियां भी हो जाती हैं। शरीर में फास्फोरस की कमी के कारण ऊंट को पायरा नामक रोग हो जाता है।

चार नस्लों पर अनुसंधान
बीकानेर स्थित राष्ट्रीय ऊष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में राजस्थान व गुजरात की चार नस्लों के ऊंटों पर अनुसंधान चल रहा है। केन्द्र में मेवाड़ी, जैसलमेरी, बीकानेरी के अलावा कच्छी ( गुजरात) नस्ल के तीन सौ से अधिक ऊंट हैं। मानव में होने वाली बीमारियों का इलाज ऊंटों के शरीर में पाए जाने वाले एंटीजन से किए जाने को लेकर भी केन्द्र में अनुसंधान शुरू किए हैं। (कार्यालय संवाददाता)

योजना बन गई हैं...
रेगिस्तान के जहाज" के संरक्षण के लिए अब इनके पालकों को सरकारी स्तर पर संगठित किया जाएगा। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने इसकी योजना बनाई है। जिसके तहत ऊंटों की नस्ल संवर्द्धन के लिए उनके विचरण स्थल पर ही काम होगा। ऊंटों कीनस्ल संवर्धन को लेकर रेंज स्तर पर ब्रीडिंग प्लान तैयार कर लिया गया है, इसे जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा।
डॉ. एन. वी. पाटील, निदेशक, उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र

नीदरलैंड्स : स्कूलों और अनाथालयों में बच्चों के साथ गंदा काम

कैथोलिक संस्थानों के संबंध में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 1945 से अब तक नीदरलैंड्स में हज़ारों की संख्या में बच्चों के साथ यौन शोषण हुए हैं। एक स्वतंत्र आयोग की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक़ कैथोलिक अधिकारी स्कूलों, संस्थानों और अनाथालयों में बच्चों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोकने में असफल रहे।
 

ये रिपोर्ट एक सर्वे पर आधारित है जिसमें 34,000 से ज़्यादा लोगों को शामिल किया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ कैथोलिक संस्थानों में हर पांच में से एक बच्चा दुर्व्यवहार का शिकार हुआ।



1800 मामलों का अध्ययन



नीदरलैंड्स के पूर्वी इलाक़े में एक स्कूल में यौन शोषण के मामले के तूल पकड़ने के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है। इस आयोग ने साल 2010 के अगस्त महीने में जांच शुरु की और अलग-अलग कैथोलिक संस्थानों में सामने आए ऐसे 1800 मामलों का अध्ययन किया। इन मामलों में 800 से ज़्यादा अपराधकर्ताओं के नाम सामने आए जिनमें से केवल 100 ही अब जीवित हैं।



बीबीसी संवाददाता एना होलिगन के मुताबिक़ इस अध्ययन का मक़सद इस नतीजे तक पहुंचना है कि यौन शोषण के शिकार लोगों के साथ किस तरह का न्याय किया जाए। नीदरलैंड्स में इस रिपोर्ट का लंबे समय से इंतज़ार किया जा रहा था क्योंकि देश की 29 फ़ीसदी जनता कैथोलिक है।

रेत माफिया: हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, ठेके रद्द

छतरपुर। मुरैना में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या के बाद शनिवार को पन्ना में रेत माफिया की गोलीबारी के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार हरकत में आई। सरकार ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी हिस्ट्रीशीटर कुबेर को गिरफ्तार करते हुए प्रदेश में रेत खनन के सभी ठेके निरस्त कर दिए।  
उल्लेखनीय है कि मुरैना में आईपीएस की हत्या के बाद शनिवार को एक बार फिर शासन-प्रशासन को खुली चुनौती दी थी। पन्ना में रेत माफिया ने अजयगढ़ एसडीएम नाथूराम गौंड़, एसडीओपी जगन्नाथ मरकाम व थाना प्रभारी मो. असलम खान पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हमले में तीनों बाल-बाल बचे थे।

खनन माफिया ने छतरपुर के बंशिया व पन्ना के अजयगढ़ थाना क्षेत्र के बीच से निकल रही केन नदी से रेत के अवैध कारोबार के लिए अवैध पुल बना रखा है। चांदी पाटी रेत खदान के पास बने इस पुल को ढहाने के लिए पुलिस-प्रशासन का अमला वहां पहुंचा था। इसी दौरान हमला हुआ।

डेढ़ घंटे तक गोलीबारी
जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इससे हमलावर भाग खड़े हुए। दोनों ओर से करीब डेढ़ घंटे तक 25-30 राउंड फायरिंग हुई। घटना के बाद पन्ना एसपी अनिल माहेश्वरी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

तीन नाम सामने आए
प्रारंभिक जांच में हमले में छतरपुर के हिस्ट्रीशीटर कुबेर, रामसिंह और कल्लू द्विवेदी का नाम सामने आया है। तीनों शातिर बदमाश हैं। इनमें कुबेर पूर्व डकैत बताया जाता है। उस पर हत्या जैसे गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। वह हाल ही में जमानत पर छूटा है।

अवैध करोबार का गढ़
पुलिस के मुताबिक केन नदी से बड़ी मात्रा में अवैध रूप से रेत का कारोबार होता है। वाहनों को नदी पार कराने के लिए यहां खनन माफिया ने अवैध रूप से पुल (रपटा) बनवा रखा है। माफिया वाहन चालकों से अवैध वसूली भी करते है।

-हम लोग पुलिया तुड़वाने पहुंचे थे, इसी दौरान हमला हुआ। लगभग एक-डेढ़ घंटे तक फायरिंग चली।
-नाथूराम गौड़, एसडीएम पन्ना

अब तक आगे नहीं बढ़ी न्यायिक जांच की गाड़ी
भोपाल. आईपीएस नरेंद्र कुमार की हत्या की न्यायिक जांच की मुख्यमंत्री की घोषणा के चौबीस घंटे के बाद भी इस दिशा में कोई कागजी कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। सीएम ने शुक्रवार की सुबह न्यायिक जांच कराने का एलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शुक्रवार को इस दिशा में कोई कागजी कार्यवाही नहीं की गई और न ही गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जांच के बिंदु तय किए गए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय को अधिकृत तौर पर न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अनुरोध भी नहीं किया गया है।

एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शनिवार, रविवार और सोमवार को छुट्टी की वजह से कार्यवाही मंगलवार को ही होगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार और उसके नुमाइंदे नरेंद्र कुमार की हत्या की न्यायिक जांच को लेकर कितने गंभीर हैं। शनिवार को अवकाश होने के बावजूद दो आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया गया, जबकि इतने अहम मामले में कागजी कार्यवाही नहीं किया जाना अफसोसजनक है।

छुटि्टयों बाद शुरू करेंगे

जांच के लिए हाईकोर्ट से जज की नियुक्ति होगी। यह काम छुियों के बाद किया जाएगा। मामले में गृह विभाग समन्वय कर रहा है।
-अवनि वैश्य, मुख्य सचिव

न्यायिक जांच के मामले में प्रशासकीय अनुमोदन के बाद हाईकोर्ट से जजों का पैनल मांगा जाएगा। पैनल में से ही जज की नियुक्ति होगी। इसके बाद जांच शुरू होगी।
-अशोक दास, अपर मुख्य सचिव गृह


सीएम के परिजन भी अवैध खनन में शामिल: अजय

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि अवैध खनन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भाई, परिजन और सत्ता व भाजपा से जुड़े प्रभावी लोग भी शामिल हैं। उन्होंने प्रदेशभर में अवैध उत्खनन की सीबीआई जांच की मांग दोहराई। सिंह शनिवार को बामनौर पहुंचे, जहां आईपीएस अफसर नरेंद्र की हत्या हुई थी।


सिंह ने इससे पूर्व ग्वालियर में नरेंद्र कुमार की श्रद्धांजलि सभा में भी शिरकत की। नेता प्रतिपक्ष ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में खनिज माफिया को खुला संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रमाण सहित नामजद उठाए गए थे। इसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों से जुड़े मामले थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने जवाब में अवैध उत्खनन सहित भ्रष्टाचार के सभी मुद्दों से कन्नी काटी। सिंह ने कहा कि उसी समय सरकार ने कांग्र्रेस की सीबीआई की जांच मान ली होती तो एक होनहार पुलिस अफसर को जान न गंवानी पड़ती।