मेजबान उदासीन मेहमानों का टोटा
बाड़मेर। पिछले एक माह से थार महोत्सव का इंतजार कर रहे थारवासियों को इसके आगाज से ही निराशा हाथ लगी। प्रतियोगिताओं को लेकर आमजन की भागीदारी कम रही। स्थिति यह थी कि थार सुंदरी को लेकर तो लग रहा था मानो कोई प्रतिभागी आएगा ही नहीं। वहीं दम्पती दौड़, दादा-पोता दौड़ में भी कम लोगों की भागीदारी रही।
स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर जिस स्टेडियम में लोगों का हुजूम दिखता है, उस स्टेडियम की अधिकांश दर्शक दीर्घाएं खाली थी। कार्यक्रम मे प्रशासनिक कार्मिक व उनके परिजन भी कम ही शामिल हुए। थार सुंदरी प्रतियोगिता को इस महोत्सव की मुख्य प्रतियोगिता मानी जाती है जिसमें मात्र दो प्रतिभागी शामिल हुई। दादा-पोता और दम्पती दौड़ में गिनने लायक चार जोड़ों ने ही भागीदारी दिखाई। अन्य प्रतियोगिता में भी उम्मीद से कम प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
घोड़ी नृत्य आकर्षण का केन्द्र
पूरी प्रतियोगिता में घोड़ी नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। छह-सात घोडियों ने उनके मालिकों के साथ ढोल की थाप पर ठूमके लगाए तो दर्शकों ने ताली बजा कर अभिनंदन किया।
आकर्षक रही हस्तकला की स्टाल
आदर्श स्टेडियम में बाड़मेर हस्तकला को लेकर विभिन्न स्टाले लगाई गई थी। यहां पर बाड़मेर प्रिंट की चद्दरे, कपड़ों पर बनी कलाकृतियां और लकड़ी की नक्काशी की सामग्री रखी हुई थी। जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने इसको लेकर विशेष रूचि दिखाई।
विदेशी मेहमान, मेजबान उदासीन
महोत्सव को लेकर मेजबान शहर के वाशिंदों ने भी उदासीनता दिखाई। बाड़मेर के आसपास थल सेना और वायु सेना के स्टेशन होने व वहां बड़ी तादाद अधिकारियों व सैनिकों के परिवार समेत रहने के बावजूद इनकी भागीदारी कम दिखाई दी। विदेशी मेहमानों के नाम पर दो पर्यटक ही दिखे। गैस,तेल, लिग्नाइट पॉवर प्रोजेक्ट में भी काफी तादाद में विदेशी लगे हुए है,लेकिन इनकी भागीदारी भी कम रही।
बाड़मेर। पिछले एक माह से थार महोत्सव का इंतजार कर रहे थारवासियों को इसके आगाज से ही निराशा हाथ लगी। प्रतियोगिताओं को लेकर आमजन की भागीदारी कम रही। स्थिति यह थी कि थार सुंदरी को लेकर तो लग रहा था मानो कोई प्रतिभागी आएगा ही नहीं। वहीं दम्पती दौड़, दादा-पोता दौड़ में भी कम लोगों की भागीदारी रही।
स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर जिस स्टेडियम में लोगों का हुजूम दिखता है, उस स्टेडियम की अधिकांश दर्शक दीर्घाएं खाली थी। कार्यक्रम मे प्रशासनिक कार्मिक व उनके परिजन भी कम ही शामिल हुए। थार सुंदरी प्रतियोगिता को इस महोत्सव की मुख्य प्रतियोगिता मानी जाती है जिसमें मात्र दो प्रतिभागी शामिल हुई। दादा-पोता और दम्पती दौड़ में गिनने लायक चार जोड़ों ने ही भागीदारी दिखाई। अन्य प्रतियोगिता में भी उम्मीद से कम प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
घोड़ी नृत्य आकर्षण का केन्द्र
पूरी प्रतियोगिता में घोड़ी नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। छह-सात घोडियों ने उनके मालिकों के साथ ढोल की थाप पर ठूमके लगाए तो दर्शकों ने ताली बजा कर अभिनंदन किया।
आकर्षक रही हस्तकला की स्टाल
आदर्श स्टेडियम में बाड़मेर हस्तकला को लेकर विभिन्न स्टाले लगाई गई थी। यहां पर बाड़मेर प्रिंट की चद्दरे, कपड़ों पर बनी कलाकृतियां और लकड़ी की नक्काशी की सामग्री रखी हुई थी। जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने इसको लेकर विशेष रूचि दिखाई।
विदेशी मेहमान, मेजबान उदासीन
महोत्सव को लेकर मेजबान शहर के वाशिंदों ने भी उदासीनता दिखाई। बाड़मेर के आसपास थल सेना और वायु सेना के स्टेशन होने व वहां बड़ी तादाद अधिकारियों व सैनिकों के परिवार समेत रहने के बावजूद इनकी भागीदारी कम दिखाई दी। विदेशी मेहमानों के नाम पर दो पर्यटक ही दिखे। गैस,तेल, लिग्नाइट पॉवर प्रोजेक्ट में भी काफी तादाद में विदेशी लगे हुए है,लेकिन इनकी भागीदारी भी कम रही।
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