रविवार, 11 मार्च 2012

रेत माफिया: हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, ठेके रद्द

छतरपुर। मुरैना में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या के बाद शनिवार को पन्ना में रेत माफिया की गोलीबारी के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार हरकत में आई। सरकार ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी हिस्ट्रीशीटर कुबेर को गिरफ्तार करते हुए प्रदेश में रेत खनन के सभी ठेके निरस्त कर दिए।  
उल्लेखनीय है कि मुरैना में आईपीएस की हत्या के बाद शनिवार को एक बार फिर शासन-प्रशासन को खुली चुनौती दी थी। पन्ना में रेत माफिया ने अजयगढ़ एसडीएम नाथूराम गौंड़, एसडीओपी जगन्नाथ मरकाम व थाना प्रभारी मो. असलम खान पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हमले में तीनों बाल-बाल बचे थे।

खनन माफिया ने छतरपुर के बंशिया व पन्ना के अजयगढ़ थाना क्षेत्र के बीच से निकल रही केन नदी से रेत के अवैध कारोबार के लिए अवैध पुल बना रखा है। चांदी पाटी रेत खदान के पास बने इस पुल को ढहाने के लिए पुलिस-प्रशासन का अमला वहां पहुंचा था। इसी दौरान हमला हुआ।

डेढ़ घंटे तक गोलीबारी
जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इससे हमलावर भाग खड़े हुए। दोनों ओर से करीब डेढ़ घंटे तक 25-30 राउंड फायरिंग हुई। घटना के बाद पन्ना एसपी अनिल माहेश्वरी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

तीन नाम सामने आए
प्रारंभिक जांच में हमले में छतरपुर के हिस्ट्रीशीटर कुबेर, रामसिंह और कल्लू द्विवेदी का नाम सामने आया है। तीनों शातिर बदमाश हैं। इनमें कुबेर पूर्व डकैत बताया जाता है। उस पर हत्या जैसे गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। वह हाल ही में जमानत पर छूटा है।

अवैध करोबार का गढ़
पुलिस के मुताबिक केन नदी से बड़ी मात्रा में अवैध रूप से रेत का कारोबार होता है। वाहनों को नदी पार कराने के लिए यहां खनन माफिया ने अवैध रूप से पुल (रपटा) बनवा रखा है। माफिया वाहन चालकों से अवैध वसूली भी करते है।

-हम लोग पुलिया तुड़वाने पहुंचे थे, इसी दौरान हमला हुआ। लगभग एक-डेढ़ घंटे तक फायरिंग चली।
-नाथूराम गौड़, एसडीएम पन्ना

अब तक आगे नहीं बढ़ी न्यायिक जांच की गाड़ी
भोपाल. आईपीएस नरेंद्र कुमार की हत्या की न्यायिक जांच की मुख्यमंत्री की घोषणा के चौबीस घंटे के बाद भी इस दिशा में कोई कागजी कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। सीएम ने शुक्रवार की सुबह न्यायिक जांच कराने का एलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शुक्रवार को इस दिशा में कोई कागजी कार्यवाही नहीं की गई और न ही गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जांच के बिंदु तय किए गए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय को अधिकृत तौर पर न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अनुरोध भी नहीं किया गया है।

एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शनिवार, रविवार और सोमवार को छुट्टी की वजह से कार्यवाही मंगलवार को ही होगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार और उसके नुमाइंदे नरेंद्र कुमार की हत्या की न्यायिक जांच को लेकर कितने गंभीर हैं। शनिवार को अवकाश होने के बावजूद दो आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया गया, जबकि इतने अहम मामले में कागजी कार्यवाही नहीं किया जाना अफसोसजनक है।

छुटि्टयों बाद शुरू करेंगे

जांच के लिए हाईकोर्ट से जज की नियुक्ति होगी। यह काम छुियों के बाद किया जाएगा। मामले में गृह विभाग समन्वय कर रहा है।
-अवनि वैश्य, मुख्य सचिव

न्यायिक जांच के मामले में प्रशासकीय अनुमोदन के बाद हाईकोर्ट से जजों का पैनल मांगा जाएगा। पैनल में से ही जज की नियुक्ति होगी। इसके बाद जांच शुरू होगी।
-अशोक दास, अपर मुख्य सचिव गृह


सीएम के परिजन भी अवैध खनन में शामिल: अजय

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि अवैध खनन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भाई, परिजन और सत्ता व भाजपा से जुड़े प्रभावी लोग भी शामिल हैं। उन्होंने प्रदेशभर में अवैध उत्खनन की सीबीआई जांच की मांग दोहराई। सिंह शनिवार को बामनौर पहुंचे, जहां आईपीएस अफसर नरेंद्र की हत्या हुई थी।


सिंह ने इससे पूर्व ग्वालियर में नरेंद्र कुमार की श्रद्धांजलि सभा में भी शिरकत की। नेता प्रतिपक्ष ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में खनिज माफिया को खुला संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रमाण सहित नामजद उठाए गए थे। इसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों से जुड़े मामले थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने जवाब में अवैध उत्खनन सहित भ्रष्टाचार के सभी मुद्दों से कन्नी काटी। सिंह ने कहा कि उसी समय सरकार ने कांग्र्रेस की सीबीआई की जांच मान ली होती तो एक होनहार पुलिस अफसर को जान न गंवानी पड़ती।

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