मंगलवार, 13 मार्च 2012

भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच संयुक्त युद्घाभ्यास









एक्सरसाइज युद्घाभ्यास 


एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास 2005 से भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच संयुक्त युद्घाभ्यास क्रम का एक हिस्सा है। इसे भारतअमेरिकी रक्षा संबंधों में आपसी सहमति के अंतर्गत नए ांचे के अन्तर्गत शुरू किया गया है। यह युद्ध अभ्यास प्लाटून स्तर से शुरू होकर एक श्रेणीबद्ध रूप में कमांड पोस्ट ;सी पी एक्सद्ध तथा फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज ;एफ टी एक्सद्ध तक की जाएगी। 

युद्ध अभ्यास का 7वां संस्करण दक्षिण पिश्चम कमान के तत्वाधान में 05 मार्च 12 से दो जगहों में शुरू किया गया है। अमेरिकी सैनिक टुकड़ी यू.एस. आर्मी पैसिफिक का एक हिस्सा है। सी पी एक्स में एक इंजीनियर ब्रिगेड हैडक्वार्टर है जिसमें दोनों तरफ के योजनाकार हैं। एफ टी एक्स में 25वीं इंफेन्ट्री डिवीजन हवाई की 14वीं यू एस कैवलरी की सेकेन्ड स्क्वाड्र्न के साथ स्ट्रइकर्स की एक प्लाटून तथा समान आकर की भारतीय मैकेनाइज्ड इंफेन्ट्री सैनिक टुकड़ी है। यह युद्ध अभ्यास काफी रोचक है क्योंकि इसमें दोनों देशों की सेनाओं की ओर से अनेक चौकसी उपस्कर, संचार साधन, आई ई डी खोजक तथा निष्प्रभावीकरण तकनीकियों का उपयोग किया जा रहा है। 

13 मार्च 12 को दोनों तरफ से संदिग्ध घुसपैठियों को निष्प्रभावी करने, संयुक्त घेराबंदी और खोजक अभ्यास किया गया। इस अभ्यास को डिजर्ट लार्क कोड नाम दिया गया। भारतअमेरिकी सैनिकों से रात में अपने युद्ध वाहनों की सहायता से घेराबंदी करके संदिग्ध घुसपैठियों को पकड़ने का अभ्यास किया। इस अभ्यास में थ्री डाइमेन्सन का भी उपयोग किया गया। 

भठिंडा में सी वी एक्स ;सर्वदा सेवियर्सद्ध ने आई ई डी के खतरों से निपटने तथा सैनिकों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने का विशोष अभ्यास किया। इसके अलावा दूरगम्य क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता करने का भी अभ्यास किया गया। इस युद्घाभ्यास में दोनों तरफ की सैनिकों को इंजीनियर ब्रिगेडों की कार्यप्रणाली को समझने का शानदार मौका मिला। 

डिजर्ट लार्क और सर्वदा सेवियर्स में भारत और अमेरिकी सेना का प्रतिनिधिमंडल उपस्थित था, जिसकी अगुवानी जीओसीइन-सी दक्षिण पिश्चम कमान तथा यू एस आर्मी पैसिफिक के कमाण्डर लेफि्टनेन्ट जनरल फ्रांसिस ॔॔फ्रैन्क’’ विरसिनिस्की द्वारा की गई। इसमें ई एस जी के सह अध्यक्ष भी उपस्थित थे। इसके साथसाथ भारतीय सेना के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें उपस्थित थे जिन्होंने महाजन तथा भठिंडा में युद्ध अभ्यास में शामिल सैनिकों से विचारविमशर भी किया। 

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