होली का आगाज आज, पाट बैठेंगे घुंघराले भैरुजी बालोतरा होली के देवता घुंघराले भैरुजी के विवाह को लेकर पाट बिठाने की रस्म के साथ ही रविवार सुबह 10 बजे पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होली का आगाज होगा। श्रद्धालु मगराज जिंदल ने बताया कि पाट मुहूर्त के समय भैरुजी का शृंगार करने के साथ फूल बंगला, धूप व अगरबत्ती पूजन के साथ श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया जाएगा। पाट बिठाने की रस्म अदायगी के साथ होली पर्व का आगाज किया जाएगा। इसके तहत रविवार से होली तक प्रतिदिन धूप, आरती व प्रसादी का वितरण कार्यक्रम होगा। प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 5.30 तथा रात 9 से 12.30 बजे तक नृत्य कलाकारों की ओर से होली फाग के गीतों के साथ रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। सात मार्च की रात 8.30 बजे भैरु बाजार से बैंड बाजों की धुन पर घुंघराला भैरुजी की बारात रवाना होगी। बारात जूनाकोट, श्रीमालियों का चौक होते हुए लोहाणा चौक पहुंचेगी। यहां पर नृत्य कलाकार फाग गाएंगे। बारात लोहाणों का चौक से संभवनाथ चौक, श्री नृसिंह मंदिर, श्री केसरियानाथ मंदिर व सायर थाना होकर बलदेवजी की पोल में शाह हस्तीमल मदनलाल हीरालाल श्रीश्रीमाल के यहां जाएगी। तोरण व मिलनी की रस्म के बाद बाराती भैरु बाजार जानीवासा में विश्राम करेंगे। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर मनोज कांकरिया, गौतमचंद गोलेच्छा, रमेश कोठारी, सोहनलाल कंदोई, महावीर सालेचा व जिनेश सालेचा सहित कई कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं। |
रविवार, 4 मार्च 2012
होली का आगाज आज, पाट बैठेंगे घुंघराले भैरुजी
जैसलमेर. पुस्तक का लोकार्पण करते अतिथि।
जैसलमेर. पुस्तक का लोकार्पण करते अतिथि।
शोध का अपना एक दर्शन होता है
जैसलमेर. एसबीके राजकीय महाविद्यालय में शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में आधुनिक शोध प्रविधियां एवं प्रक्रियाएं विषय पर बोलते हुए मुख्य अतिथि प्राचार्य डा. जेके पुरोहित ने कहा कि शोध का अपना एक दर्शन होता है। अनुसंधान की प्रेरणा से लेकर परिणति तक शोधार्थी को प्रविधि एवं प्रक्रियाओं को आत्मसात करना होता है। विशिष्ट अतिथि उपपंजीयक बाड़मेर बद्रीनारायण बिश्नोई ने कहा कि सामाजिक अनुसंधान समाज के विद्वानों को नई दिशा देता है। सेमिनार संयोजक डा. उम्मेदसिंह इंदा ने कहा कि आधुनिक शोध सुनियोजित, सुनिश्चित कार्य विधि, विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किए जा रहे है। मॉडल कॉलेज प्रभारी एमआर सोऊ ने सेमिनार की विषय वस्तु एवं मॉडल कॉलेज की जानकारी दी। इस अवसर पर डा. स्नेहलता की पुस्तक गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री की भूमिका का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर डा. अरुण जाखड़, भंवरीदेवी, सुनीता शर्मा, विरेन्द्रसिंह, अमित कुमार, पीआर चौधरी, विजय कुमार कांटीवाल, अनिल मीणा, रविशंकर सैनी, डा. मुरलीधर कटारिया, डा. चित्रा छीपा, डा. नवीन जोशी, तेजस हिरानी आदि ने शोधपत्र का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अशोक तंवर ने किया अंत में संयोजक डा. इंदा ने आभार प्रकट किया।
शोध का अपना एक दर्शन होता है
जैसलमेर. एसबीके राजकीय महाविद्यालय में शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में आधुनिक शोध प्रविधियां एवं प्रक्रियाएं विषय पर बोलते हुए मुख्य अतिथि प्राचार्य डा. जेके पुरोहित ने कहा कि शोध का अपना एक दर्शन होता है। अनुसंधान की प्रेरणा से लेकर परिणति तक शोधार्थी को प्रविधि एवं प्रक्रियाओं को आत्मसात करना होता है। विशिष्ट अतिथि उपपंजीयक बाड़मेर बद्रीनारायण बिश्नोई ने कहा कि सामाजिक अनुसंधान समाज के विद्वानों को नई दिशा देता है। सेमिनार संयोजक डा. उम्मेदसिंह इंदा ने कहा कि आधुनिक शोध सुनियोजित, सुनिश्चित कार्य विधि, विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किए जा रहे है। मॉडल कॉलेज प्रभारी एमआर सोऊ ने सेमिनार की विषय वस्तु एवं मॉडल कॉलेज की जानकारी दी। इस अवसर पर डा. स्नेहलता की पुस्तक गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री की भूमिका का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर डा. अरुण जाखड़, भंवरीदेवी, सुनीता शर्मा, विरेन्द्रसिंह, अमित कुमार, पीआर चौधरी, विजय कुमार कांटीवाल, अनिल मीणा, रविशंकर सैनी, डा. मुरलीधर कटारिया, डा. चित्रा छीपा, डा. नवीन जोशी, तेजस हिरानी आदि ने शोधपत्र का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अशोक तंवर ने किया अंत में संयोजक डा. इंदा ने आभार प्रकट किया।
स्वर्णनगरी में होली के दिन बादशाह व जिंदा-ङ्क्षजदी के स्वांग रचने की चली आ रही है परंपरा होली के दिन दुर्ग के व्यासा पाड़ा में सजेगा दरबार तो चैनपुरा में बनेंगे जिंदा-जिंदी
एक तरफ सजता है बादशाह का दरबार तो दूसरी तरफ जिंदा-जिंदी के स्वांग
स्वर्णनगरी में होली के दिन बादशाह व जिंदा-ङ्क्षजदी के स्वांग रचने की चली आ रही है परंपरा
होली के दिन दुर्ग के व्यासा पाड़ा में सजेगा दरबार तो चैनपुरा में बनेंगे जिंदा-जिंदी
जैसलमेर
स्वर्णनगरी जैसलमेर में होली का त्यौहार अपनी अनूठी परंपराओं के चलते काफी लोकप्रिय है। स्वर्णनगरी में होली की धूम फाल्गुन शुक्ला एकम से चैत्र कृष्ण एकम तक चलती है। गेरियों की ग्यारस से निकलने वाली गेरों की धूम तथा नगर अराध्य लक्ष्मीनाथ में फाग की धूम के साथ ही धूलंडी के दिन दो निराली परंपराओं का निर्वाह अभी भी हो रहा है। एक तरफ भगवान शंकर और पार्वती का स्वांग तो दूसरी तरफ दुर्ग के व्यासा पाड़ा में सजता है बादशाह का दरबार।
दुर्ग में सजता है दरबार:होली पर बादशाह का दरबार सजाने की एक दिलचस्प परंपरा है। सोनार दुर्ग के व्यासा पाड़ा में व्यास जाति के पुष्करणा ब्राह्मण ही होली पर बादशाह बनते है। इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा बताते है कि इस संबंध में प्रचलित कथा के अनुसार महारावल लक्ष्मण के काल में पंजाब का एक ब्राह्मण रामरक्ष दिल्ली से भागकर जैसलमेर राज्य में शरण मांगता है। व्यास जाति का वह ब्राह्मण पेशे से वैद्य था। उसने दिल्ली के तत्कालीन बादशाह के साध्य रोग का इलाज किया था। इससे प्रसन्न होकर बादशाह अपनी पुत्री की शादी उससे करना चाहता था। इस शर्त पर रामरक्ष राजी न था और वहां से भाग निकला। जैसलमेर के महारावल से उसे सम्मान देकर यहां के कुल पुरोहित की पुत्री से शादी भी करवा दी। जब यह संदेश बादशाह तक पहुंचा तो रामरक्ष को पकडऩे के लिए जैसलमेर में सैनिक भेजे। संयोग से उस दिन धूलंडी थी। महारावल को विवाद टालने का बहाना मिल गया। उसे होली के स्वांग के रूप में बादशाह बनाकर बिठा दिया गया। जिससे संतुष्ट होकर सैनिक वहां से चले गए। रामरक्ष के एक पुत्र भी था उसे शहजादा बना दिया गया था। उसी दिन से होली के अगले दिन बादशाह का दरबार सजाने की परंपरा चल पड़ी।
बादशाही बरकरार-शहजादा सलामत: धूलंडी के दिन व्यासा पाड़ा में समस्त लोग एकत्र होकर सर्व सम्मति से बादशाह व शहजादे का चुनाव करते है। जिसके बाद व्यासा पाड़ा में बादशाह का दरबार सजाया जाता है। दरबार सजने के बाद बादशाह व शहजादे को पालकी पर बिठा कर व्यासा पाड़ा से जैन मंदिर, कुंड पाड़ा होते हुए सवारी निकाली जाती है। रास्ते में लोगों द्वारा बादशाह का स्वागत किया जाता है। इस दौरान बादशाह पर कोई भी गुलाल नहीं छिड़कता है। साथ ही बादशाही बरकरार व शहजादा सलामत का जयघोष किया जाता है। कालांतर में इसके साथ बादशाह बनने वाले को पूरी जाति को गोठ(पार्टी) देने की परंपरा जुड़ गई लेकिन वह आवश्यक नहीं है।
जिंदा-जिंदी का करते है पूजन
एक तरफ दुर्ग में बादशाह का दरबार सजता है वहीं दूसरी तरफ नगर के चैनपुरा मौहल्ला में जिंदा जिंदी का स्वांग रचाया जाता है। गिरधर लाल पुरोहित ने बताया कि धूलंडी के दिन दो युवकों को जिंदा-जिंदी बनाया जाता है। जिन्हें शिव व पार्वती का रूप माना जाता है। जिंदा-जिंदी के साथ ही चैनपुरे की गैर निकलती है जो पहले पूरे मौहल्ले में घुमती है। हर परिवार द्वारा उनका पूजन किया जाता है तथा गैरियों द्वारा हालरा(खुशी व उल्लास के गीत) गाए जाते है। साथ ही गोठ के लिए सहयोग राशि भी एकत्र की जाती है। शेष त्नपज १५
चैनपुरे की गैर दुर्ग से आने वाली लक्खूबीरे की गेर के साथ मिलकर महारावल के निवास पहुंचती है। वहां से चैनपुरे व लक्खूबीरे की गेर दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर जाती है जहां लक्ष्मीनाथजी के हालरा गाने के बाद गैर समाप्ति की घोषणा होती है। इसी के साथ धूलंडी का त्यौहार भी खत्म होता है।
मानसिक विकास के लिए पढ़ें अच्छी पुस्तकें : कर्नल
मानसिक विकास के लिए पढ़ें अच्छी पुस्तकें : कर्नल
वार्षिकोत्सव आयोजित
. भियाड़ मातेश्वरी विद्या मंदिर भियाड़ में शनिवार को वार्षिकोत्सव व विदाई समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर परेऊ मठ के महंत औंकार भारती ने कहा कि बच्चे की प्रथम गुरु मां व शिक्षक होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का मन कोमल होता है। बचपन में सिखाई बातें उनके भविष्य को प्रभावित करती है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बच्चों से कोई भी नशीली चीज नहीं मंगवाएं।
पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्रसिंह ने कार्यक्रम में देर से पहुंचने पर माफी मांगते हुए बच्चों से कहा कि ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़ें, जिससे मानसिक विकास होता है। पढ़ाई के साथ खेलकूद पर भी ध्यान दें। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक गोरधन लाल पंजाबी ने कहा कि आज के युग में गुणात्मक शिक्षा जरुरी है। हमें संस्कारवान बनकर प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर आगे बढऩा है। समाजसेवी नवलकिशोर गोदारा ने कहा कि हमें गांव के विकास के लिए शिक्षा केंद्रों की स्थापना सुदृढ़ करनी चाहिए। इस अवसर पर आजादसिंह राठौड़, बालसिंह मारुड़ी व स्वरूपसिंह चाडी ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। प्रबंधक राजेंद्रसिंह भियाड़ ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस मौके नवलकिशोर गोदारा ने इक्कीस हजार व मोहनलाल सोनी ने पांच रुपए विद्यालय को देने की घोषणा की। कार्यक्रम का संचालन रघुवीरसिंह तामलोर ने किया।
शूटिंग चैम्पियनशिप में गुजरात फ्रंटियर ने जीती रैना ट्रॉफी
शूटिंग चैम्पियनशिप में गुजरात फ्रंटियर ने जीती रैना ट्रॉफी
बाड़मेर अखिल भारतीय इंटर फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल शूटिंग चैम्पियनशिप सीएसड्ब्ल्यूटी इंदौर में आयोजित हुई। प्रतियोगिता में 123 अंक प्राप्त कर गुजरात फ्रंटियर की शूटिंग टीम ने बेहतर प्रदर्शन करने के साथ जनरल रैना ट्रॉफी पर कब्जा किया।
24 से 29 फरवरी तक चली प्रतियोगिता में सीमा सुरक्षा बल के सभी फ्रंटियर की टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में 107 अंक के साथ उत्तर बंगाल फ्रंटियर की टीम दूसरे स्थान पर रही, वहीं तीसरे स्थान पर 89 अंक प्राप्त करने वाली राजस्थान फ्रंटियर की टीम रही। टीम को पुरस्कार वितरण सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक यू.के बंसल भापुसे ने किया।गत वर्ष गुजरात फ्रंटियर की टीम आठवें स्थान पर रही। लेकिन इस बार कमांडेंट वीरेंद्र सिंह शेखावत के प्रशिक्षण व कोच एच.के हनीफ खान, सहायक कमांडेंट के निर्देशन में प्रतियोगियों ने कठिन परिश्रम व लगन के साथ इस बार पहला स्थान हासिल किया।प्रतियोगिता का सबसे अहम मैच जिसमें पूरा सेक्शन भाग लेता है उसमें 78 बटालियन जालीपा की टीम चैम्पियन रही।ओवरऑल जनरल रैना ट्रॉफी के अतिरिक्त मशीन कार्बाइन चैलेंज कप, कॉम्बेट ट्रॉफी व प्लाटून वेपन ट्रॉफी भी गुजरात फ्रंटियर की टीम ने जीती।
सेक्शन टीम के कप्तान शैलेंद्र सिंह यादव, सहायक कमांडेंट, कोच व फ्रंटियर के प्रतियोगियों को उनके आगमन पर 78 बटालियन जालीपा के प्रांगण में समादेष्टा वीरेंद्र सिंह शेखावत व सभी कार्मिकों का फूल मालाओं से स्वागत किया। यह पहला अवसर है जब गुजरात फ्रंटियर ने अखिल भारतीय स्तर की शूटिंग प्रतियोगिता जीती है। 78 बटालियन में प्रशिक्षित गुजरात फ्रंटियर की वालीबॉल टीम भी अंतर फ्रंटियर वालीबॉल चैंपियनशिप में हाल ही में विजेता रही। महानिरीक्षक गुजरात फ्रंटियर ए.के सिन्हा ने समादेष्टा 78 बटालियन को बधाई दी।
बाड़मेर अखिल भारतीय इंटर फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल शूटिंग चैम्पियनशिप सीएसड्ब्ल्यूटी इंदौर में आयोजित हुई। प्रतियोगिता में 123 अंक प्राप्त कर गुजरात फ्रंटियर की शूटिंग टीम ने बेहतर प्रदर्शन करने के साथ जनरल रैना ट्रॉफी पर कब्जा किया।
24 से 29 फरवरी तक चली प्रतियोगिता में सीमा सुरक्षा बल के सभी फ्रंटियर की टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में 107 अंक के साथ उत्तर बंगाल फ्रंटियर की टीम दूसरे स्थान पर रही, वहीं तीसरे स्थान पर 89 अंक प्राप्त करने वाली राजस्थान फ्रंटियर की टीम रही। टीम को पुरस्कार वितरण सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक यू.के बंसल भापुसे ने किया।गत वर्ष गुजरात फ्रंटियर की टीम आठवें स्थान पर रही। लेकिन इस बार कमांडेंट वीरेंद्र सिंह शेखावत के प्रशिक्षण व कोच एच.के हनीफ खान, सहायक कमांडेंट के निर्देशन में प्रतियोगियों ने कठिन परिश्रम व लगन के साथ इस बार पहला स्थान हासिल किया।प्रतियोगिता का सबसे अहम मैच जिसमें पूरा सेक्शन भाग लेता है उसमें 78 बटालियन जालीपा की टीम चैम्पियन रही।ओवरऑल जनरल रैना ट्रॉफी के अतिरिक्त मशीन कार्बाइन चैलेंज कप, कॉम्बेट ट्रॉफी व प्लाटून वेपन ट्रॉफी भी गुजरात फ्रंटियर की टीम ने जीती।
सेक्शन टीम के कप्तान शैलेंद्र सिंह यादव, सहायक कमांडेंट, कोच व फ्रंटियर के प्रतियोगियों को उनके आगमन पर 78 बटालियन जालीपा के प्रांगण में समादेष्टा वीरेंद्र सिंह शेखावत व सभी कार्मिकों का फूल मालाओं से स्वागत किया। यह पहला अवसर है जब गुजरात फ्रंटियर ने अखिल भारतीय स्तर की शूटिंग प्रतियोगिता जीती है। 78 बटालियन में प्रशिक्षित गुजरात फ्रंटियर की वालीबॉल टीम भी अंतर फ्रंटियर वालीबॉल चैंपियनशिप में हाल ही में विजेता रही। महानिरीक्षक गुजरात फ्रंटियर ए.के सिन्हा ने समादेष्टा 78 बटालियन को बधाई दी।
फिर तो हवलदार करेंगे थानेदारी?
फिर तो हवलदार करेंगे थानेदारी?
बाड़मेर। यदि यही हाल रहा तो फिर हवलदार थानों में थानेदारी करते नजर आएंगे। पुलिस उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) के रिक्त पदों के चलते पुलिस महकमे को अनुसंधान अधिकारियों की कमी खल रही है और हवलदारों के कंधों पर थानेदारी आ गई है। हालत यह है कि पुलिस उप निरीक्षकों के करीब पचास फीसदी पद खाली चल रहे हैं।
पुलिस महकमे की महत्वपूर्ण कड़ी पुलिस उप निरीक्षक है। थानों में दर्ज होने वाले अधिसंख्य मामलों की जांच पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों द्वारा की जाती है। राज्य में सब-इंस्पेक्टर की भर्ती अंतिम बार 2005 में हुई थी। वर्ष 2009 में निकली सब-इंस्पेक्टर की भर्ती अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि यह भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद विभाग को 500 सब-इंस्पेक्टर मिल जाएंगे, लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि पुलिस महकमा गहरे संकट से जूझ रहा है।
यह है जोधपुर रेंज का हाल
जोधपुर रेंज में सब-इंस्पेक्टर के करीब एक सौ पद रिक्त चल रहे हैं। प्रत्येक रेंज में रिक्त पदों की संख्या का आंकड़ा एक सौ से अधिक ही है। जोधपुर रेंज में बाड़मेर जिले में सब-इंस्पेक्टर के 23, जैसलमेर में 14, सिरोही में 10, जालौर में 7, जोधपुर ग्रामीण में 12 व पाली में 20 पद रिक्त है। ये रिक्त पद पूरे महकमे के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।
अब हवलदारों का सहारा
पुलिस उप निरीक्षक के अधिकारियों की कमी होने के कारण मामलों की जांच की भार हवलदारों के जिम्मे आ गया है। ए एस आई स्तर के अधिकारियों की अधिक उम्र व अन्वेषण में विशेषज्ञता नहीं होने के चलते ऎसी हकीकत बनी है। यदि यही हाल रहा तो कुछ थानों में हवलदारों को थानाधिकारी का दायित्व भी संभालना पड़ सकता है।
न्याय में देरी
पुलिस मुख्यालय के निर्देश है कि बकाया मामलों का आंकड़ा पांच प्रतिशत से अधिक नहीं रहना चाहिए, लेकिन सब-इंस्पेक्टर के रिक्त पदों के चलते यह आंकड़ा करीब पंद्रह प्रतिशत पर चल रहा है। इस हालत में पुलिस के स्तर पर ही न्याय में देरी हो रही है।
गंभीर समस्या है
रिक्त पदों की समस्या सब जगह है। बाड़मेर जिले में सब-इंस्पेक्टर के करीब पचास फीसदी पद रिक्त है। पुलिस महकमे के लिए यह गंभीर समस्या है। सब-इंस्पेक्टर भर्ती पूर्ण होने के बाद राहत मिलेगी।
-संतोष चालके, पुुलिस अधीक्षक, बाड़मेर
बाड़मेर। यदि यही हाल रहा तो फिर हवलदार थानों में थानेदारी करते नजर आएंगे। पुलिस उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) के रिक्त पदों के चलते पुलिस महकमे को अनुसंधान अधिकारियों की कमी खल रही है और हवलदारों के कंधों पर थानेदारी आ गई है। हालत यह है कि पुलिस उप निरीक्षकों के करीब पचास फीसदी पद खाली चल रहे हैं।
पुलिस महकमे की महत्वपूर्ण कड़ी पुलिस उप निरीक्षक है। थानों में दर्ज होने वाले अधिसंख्य मामलों की जांच पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों द्वारा की जाती है। राज्य में सब-इंस्पेक्टर की भर्ती अंतिम बार 2005 में हुई थी। वर्ष 2009 में निकली सब-इंस्पेक्टर की भर्ती अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि यह भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद विभाग को 500 सब-इंस्पेक्टर मिल जाएंगे, लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि पुलिस महकमा गहरे संकट से जूझ रहा है।
यह है जोधपुर रेंज का हाल
जोधपुर रेंज में सब-इंस्पेक्टर के करीब एक सौ पद रिक्त चल रहे हैं। प्रत्येक रेंज में रिक्त पदों की संख्या का आंकड़ा एक सौ से अधिक ही है। जोधपुर रेंज में बाड़मेर जिले में सब-इंस्पेक्टर के 23, जैसलमेर में 14, सिरोही में 10, जालौर में 7, जोधपुर ग्रामीण में 12 व पाली में 20 पद रिक्त है। ये रिक्त पद पूरे महकमे के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।
अब हवलदारों का सहारा
पुलिस उप निरीक्षक के अधिकारियों की कमी होने के कारण मामलों की जांच की भार हवलदारों के जिम्मे आ गया है। ए एस आई स्तर के अधिकारियों की अधिक उम्र व अन्वेषण में विशेषज्ञता नहीं होने के चलते ऎसी हकीकत बनी है। यदि यही हाल रहा तो कुछ थानों में हवलदारों को थानाधिकारी का दायित्व भी संभालना पड़ सकता है।
न्याय में देरी
पुलिस मुख्यालय के निर्देश है कि बकाया मामलों का आंकड़ा पांच प्रतिशत से अधिक नहीं रहना चाहिए, लेकिन सब-इंस्पेक्टर के रिक्त पदों के चलते यह आंकड़ा करीब पंद्रह प्रतिशत पर चल रहा है। इस हालत में पुलिस के स्तर पर ही न्याय में देरी हो रही है।
गंभीर समस्या है
रिक्त पदों की समस्या सब जगह है। बाड़मेर जिले में सब-इंस्पेक्टर के करीब पचास फीसदी पद रिक्त है। पुलिस महकमे के लिए यह गंभीर समस्या है। सब-इंस्पेक्टर भर्ती पूर्ण होने के बाद राहत मिलेगी।
-संतोष चालके, पुुलिस अधीक्षक, बाड़मेर
एक दिन की "बेटी"....
एक दिन की "बेटी"....
बाड़मेर। निर्दयता व निर्ममता शब्द भी छोटा लगता है। जिसको नौ महीने तक कोख में पाला और जैसे ही पता चला कि वह "बेटी" है, जंगल में फैंक दिया, लेकिन कहते है मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। रात भर यह नन्हीं जान गड्ढे मे पड़ी सांसे लेती रही और जीवन के लिए संघर्ष करती रही। सुबह इसकी आवाज किसी दूसरी बालिका ने सुनी वह दौड़ी दौड़ी घर गई। ढाणी के लोगों ने पुलिस को सुपुर्द किया और अब यह जिंदगी की जंग लड़ रही है।
सिणधरी क्षेत्र के गोलिया जीवराज गांव में शनिवार की सुबह एक बालिका को किलकारी सुनाई दी। उसने देखा तो एक नन्हीं बच्ची तड़प रही है। इसने अपने परिवार के लोगों को जानकारी दी। ग्रामीणों ने सिणधरी पुलिस को सूचना दी। एएसआई डूंगरसिंह और कांस्टेबल ताजाराम मौके पर पहुंचे। बच्ची को देखते ही तत्परता दिखाते हुए सिणधरी अस्पताल लाए। यहां सुविधा नहीं होने पर बालोतरा रेफर किया गया। बालोतरा के डॉ. एन एल गुप्ता बताते हंै कि उपचार प्रारंभ कर दिया है। बच्ची रात भर खुले में रहने से गंभीर है। उसे वेन्टीलेटर पर रखने की जरूरत है, इसलिए जोधपुर या जयपुर भेजना पड़ेगा।
पुलिस का अच्छा प्रयास
एएसआई डूंगरसिंह और ताजाराम ने न केवल इस बच्ची को अस्पताल मे दाखिल करवाया बल्कि वे तुरंत ऎसी संस्थान की तलाश में जुट गए जो बच्चों को पालती है। चाइल्ड लाइन बाड़मेर से जुड़े धारा संस्थान के महेश पनपालिया से मुलाकात की। पनपालिया के अनुसार अब इस बच्ची को चाइल्ड लाइन की देखरेख में लेकर जयपुर उपचार के लिए शीघ्र रेफर कर देंगे। हरसंभव कोेशिश कर इस नन्हीं जान को बचाया जाएगा।
व्यवस्थाओं की पोल खुली
सिणधरी और बालोतरा में वेन्टीलेटर की सुविधा नहीं होेने से नवजात शिशुओं को कई बार बचाना मुश्किल हो जाता है। इन बच्चों को जोधपुर जयपुर भेजना पड़ता है। वेन्टीलेटर मोबाइल वेन भी नहीं है। ऎसे में ये पूरी "रिस्क" में ये लंबा सफर तय करते है।
मामला दर्ज
पुलिस थाना सिणधरी में अणदा भारती पुत्र जीवा भरती की ओर से मिली इत्तिला के आधार पर मामला भी दर्ज किया गया है।
बाड़मेर। निर्दयता व निर्ममता शब्द भी छोटा लगता है। जिसको नौ महीने तक कोख में पाला और जैसे ही पता चला कि वह "बेटी" है, जंगल में फैंक दिया, लेकिन कहते है मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। रात भर यह नन्हीं जान गड्ढे मे पड़ी सांसे लेती रही और जीवन के लिए संघर्ष करती रही। सुबह इसकी आवाज किसी दूसरी बालिका ने सुनी वह दौड़ी दौड़ी घर गई। ढाणी के लोगों ने पुलिस को सुपुर्द किया और अब यह जिंदगी की जंग लड़ रही है।
सिणधरी क्षेत्र के गोलिया जीवराज गांव में शनिवार की सुबह एक बालिका को किलकारी सुनाई दी। उसने देखा तो एक नन्हीं बच्ची तड़प रही है। इसने अपने परिवार के लोगों को जानकारी दी। ग्रामीणों ने सिणधरी पुलिस को सूचना दी। एएसआई डूंगरसिंह और कांस्टेबल ताजाराम मौके पर पहुंचे। बच्ची को देखते ही तत्परता दिखाते हुए सिणधरी अस्पताल लाए। यहां सुविधा नहीं होने पर बालोतरा रेफर किया गया। बालोतरा के डॉ. एन एल गुप्ता बताते हंै कि उपचार प्रारंभ कर दिया है। बच्ची रात भर खुले में रहने से गंभीर है। उसे वेन्टीलेटर पर रखने की जरूरत है, इसलिए जोधपुर या जयपुर भेजना पड़ेगा।
पुलिस का अच्छा प्रयास
एएसआई डूंगरसिंह और ताजाराम ने न केवल इस बच्ची को अस्पताल मे दाखिल करवाया बल्कि वे तुरंत ऎसी संस्थान की तलाश में जुट गए जो बच्चों को पालती है। चाइल्ड लाइन बाड़मेर से जुड़े धारा संस्थान के महेश पनपालिया से मुलाकात की। पनपालिया के अनुसार अब इस बच्ची को चाइल्ड लाइन की देखरेख में लेकर जयपुर उपचार के लिए शीघ्र रेफर कर देंगे। हरसंभव कोेशिश कर इस नन्हीं जान को बचाया जाएगा।
व्यवस्थाओं की पोल खुली
सिणधरी और बालोतरा में वेन्टीलेटर की सुविधा नहीं होेने से नवजात शिशुओं को कई बार बचाना मुश्किल हो जाता है। इन बच्चों को जोधपुर जयपुर भेजना पड़ता है। वेन्टीलेटर मोबाइल वेन भी नहीं है। ऎसे में ये पूरी "रिस्क" में ये लंबा सफर तय करते है।
मामला दर्ज
पुलिस थाना सिणधरी में अणदा भारती पुत्र जीवा भरती की ओर से मिली इत्तिला के आधार पर मामला भी दर्ज किया गया है।
पाक में लड़की के प्रेम विवाह का बदला लड़के के घर की महिलाओं से लिया
लाहौर.पाकिस्तान के लाहौर में दिल दहला देने वाली घटना के तहत एक लड़की के प्रेम विवाह करने से नाराज उसके 100 से ज्यादा सम्बन्धियों ने उसके पति के घर पर हमला कर दिया और बदले में उसकी 50 वर्षीय मामी को अर्धनग्न कर उसे गलियों में घुमाया तथा अन्य महिलाओं को अपमानित किया और एक का अपहरण तक कर लिया।
पुलिस ने बताया कि यह घटना मुज्जफरगढ की बस्ती शेरवाली इलाके की है जहां अदरा नाम की इस लडकी ने कुछ दिनों पूर्व नादिर के साथ प्रेम विवाह कर लिया।
लड़की की इस हिमाकत से आग बबूला उसके गांव के 100 से ज्यादा लोगों ने आज लड़के के घर पर हमला बोल दिया। उन्होंने उसकी 50 वर्षीय मामी को अपमानित किया और अन्य महिलाओं को प्रताड़ित किया तथा एक का अपहरण भी कर लिया।
घटना की सूचना मिलने के बाद कुंडई पुलिस ने 61 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
पुलिस ने बताया कि यह घटना मुज्जफरगढ की बस्ती शेरवाली इलाके की है जहां अदरा नाम की इस लडकी ने कुछ दिनों पूर्व नादिर के साथ प्रेम विवाह कर लिया।
लड़की की इस हिमाकत से आग बबूला उसके गांव के 100 से ज्यादा लोगों ने आज लड़के के घर पर हमला बोल दिया। उन्होंने उसकी 50 वर्षीय मामी को अपमानित किया और अन्य महिलाओं को प्रताड़ित किया तथा एक का अपहरण भी कर लिया।
घटना की सूचना मिलने के बाद कुंडई पुलिस ने 61 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
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बाइक बोर्ड से टकराई, चालक की मौत
सिवाना. बालोतरा रोड स्थित पादरड़ी तिराहे पर शुक्रवार रात एक मोटरसाइकिल सांकेतिक बोर्ड से टकरा गई, इससे बाइक चालक की मौत हो गई। हेड कांस्टेबल अमराराम ने बताया कि रात करीब 9.30 बजे पादरड़ी तिराहे पर गाय को बचाने के चक्कर में बाइक फिसलते हुए सांकेतिक बोर्ड से टकरा गई। दुर्घटना में मोटरसाइकिल सवार ओमसिंह पुत्र कालूसिंह (23) रावणा राजपूत निवासी सिवाना की मौत हो गई। मृतक स्थानीय डिस्कॉम कार्यालय में हेल्पर के पद पर कार्यरत था। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को राजकीय अस्पताल पहुंचाया। शनिवार को मृतक का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द किया गया।
ढाणी जलाने का मामला दर्ज
बालोतरा. मंडली थानांतर्गत खेत में बनी ढाणी जलाने का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार घीसाराम पुत्र मंगलाराम जाट निवासी वरलियावासजी थाना लूणी ने इस्तगासा पेश कर बताया कि नागाणा गांव सरहद में स्थित उसकी ढाणी में सूजाराम पुत्र पांचाराम मेघवाल निवासी रामदेवपुरा नागाणा वगैरह 4 ने मिलकर आग लगा दी।
बावड़ी कला सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज
बाड़मेर.चौहटन थानातंर्गत बावड़ी कला सरपंच के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर चुनाव लडऩे का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि कमल सिंह निवासी बावड़ी कला ने न्यायालय से इस्तगासे के जरिए मामला दर्ज करवाया कि बावड़ी कला सरपंच गोगी देवी ने सरपंच चुनाव के दौरान उम्मीदवार के तौर पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। जबकि उसका वास्तविक नाम जोगी देवी है। वहीं उम्र संबंधी दस्तावेज भी झूठे प्रस्तुत किए । पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।
वाहन भिड़ंत में एक घायल
गुड़ामालानी. मालियों की ढाणी में मेगा हाइवे पर एक ट्रक व बोलेरो के बीच भिड़ंत हो गई जिसमें एक जना घायल हो गया। लुणू खुर्द निवासी गणपत सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि सड़क हादसे में बोलेरो चालक बांदरा निवासी खुमाण सिंह पुत्र प्राग सिंह घायल हो गया जिसे इलाज के लिए सामुदायिक अस्पताल गुड़ामालानी लाया गया।
दहेज के लिए प्रताडि़त कर गहने हड़पने का आरोप
विवाहिता ने पति समेत तीन जनों के खिलाफ दर्ज करवाया दहेज प्रताडऩा का मामला
बाड़मेर
रामसर थानातंर्गत एक विवाहिता को दहेज के लिए प्रताडि़त करने का मामला न्यायालय के इस्तगासे के जरिए दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि सांजटा हाल भंवरलाई निवासी महिला ने न्यायालय में इस्तगासे के जरिए थाने में मामला दर्ज करवाया कि उसका पति पूनमाराम पुत्र गोरधनराम, जेठानी चंपा पत्नी भेराराम व मूलाराम पुत्र उदाराम ने उसे दहेज के लिए प्रताडि़त किया। बाद में गहने हड़पकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया।
जब इस मशहूर एक्ट्रेस ने कुबूल ली थी वेश्यावृत्ति करने की बात!
सत्तर के दशक के शुरुआती दौर की बात है। उस समय धीरेंद्र किशन इंडस्ट्री के मशहूर फोटोग्राफर हुआ करते थे। उनका इतना ज्य़ादा नाम था कि इंडस्ट्री में न्यू एंट्री पाने वाला हर एक्टर धीरेंद्र जी से ही फोटोशूट करवाता था। उन्होंने माला सिन्हा, साधना, आशा पारेख, शर्मिला टैगोर, राखी, नंदा आदि उस दौर की फेमस अभिनेत्रियों के फोटोशूट किए थे। मैं जब मुंबई में नया-नया आया था तो धीरेंद्र जी ने मेरी काफी मदद की थी।
यहां तक कि मैं सांताक्रुज़ स्थित रंग महल गेस्ट हाउस में उनके साथ ही ठहरता था। मैं उनका थोड़ा-बहुत काम भी कर दिया करता था। $खैर, धीरेंद्र जी ने पहले कभी माला सिन्हा की फोटोशूट की थी, जिसके ७०० रुपए बाकी थे। उन्होंने मुझे बिल देकर माला जी के घर से रुपए लाने को कहा। मैं जब माला जी के घर पहुंचा तो वहां पर पहले से काफी भीड़ लगी थी।
माला जी तो मिलीं नहीं, लेकिन उनके पिता अल्बर्ट सिन्हा घर पर ही थे। मैंने उनके वाचमैन से मिलने का आग्रह किया तो उसने बोला कि साहब बिज़ी हैं, बाद में आना। जब वाचमैन से बात नहीं बनी तो मैंने वहां पर मौजूद उनके ड्राइवर से बात की। उनके ड्राइवर ने मेरा मैसेज़ अल्बर्ट तक पहुंचाया और वापस आकर बोला कि साहब फिल्म की स्क्रिप्ट में बिज़ी हैं, फिर किसी और दिन आना।
असल में अल्बर्ट जी किसी का बकाया पैसे देने में बहुत ना-नुकुर करते थे। खैर, मैंने परेशान होकर वहीं से धीरेंद्र जी को फोन किया और वहां की स्थिति से वाकिफ़ कराया तो धीरेंद्र जी ने कहा- 'वापस चले आओ, उनके यहां पर इन्कम टैक्स का छापा पड़ा है।' मैं वहां से वापस लौट आया। हैरत की बात तो यह है कि माला सिन्हा के घर में इन्कम टैक्स वालों ने उनके बाथरूम की एक दीवार से १२ लाख रुपए नकद बरामद किए थे।
उस दौर में इतनी रकम बहुत मायने रखती थी। अल्बर्ट जी उन रुपयों को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट ने उनसे पूछा कि आपके घर इतनी बड़ी रकम कहां से आई...? जवाब मेें अल्बर्ट जी ने कहा- 'ये रुपए मेरी बेटी माला सिन्हा द्वारा फिल्मों से कमाए हुए हैं।'
कोर्ट ने माला सिन्हा से कहा- 'इन रुपयों की वापसी एक ही कंडीशन में हो सकती है। अगर तुम लिखित में यह स्वीकार करो कि यह रकम तुमने व्यक्तिगत तरीके (वेश्यावृत्ति) से कमाई है...!' उस दौर की इतनी बड़ी स्टार के लिए यह स्वीकार करना काफी मुश्किल था, लेकिन माला जी को भी अपने पिता की तरह रुपयों का बेहद मोह था। इसलिए माला जी ने कोर्ट की बात मान ली। इसके बाद उनके रुपए वापस कर दिए गए। इससे तो आपको अंदाजा लग ही गया होगा कि माला सिन्हा को पैसों से कितना प्यार रहा है!
यहां तक कि मैं सांताक्रुज़ स्थित रंग महल गेस्ट हाउस में उनके साथ ही ठहरता था। मैं उनका थोड़ा-बहुत काम भी कर दिया करता था। $खैर, धीरेंद्र जी ने पहले कभी माला सिन्हा की फोटोशूट की थी, जिसके ७०० रुपए बाकी थे। उन्होंने मुझे बिल देकर माला जी के घर से रुपए लाने को कहा। मैं जब माला जी के घर पहुंचा तो वहां पर पहले से काफी भीड़ लगी थी।
माला जी तो मिलीं नहीं, लेकिन उनके पिता अल्बर्ट सिन्हा घर पर ही थे। मैंने उनके वाचमैन से मिलने का आग्रह किया तो उसने बोला कि साहब बिज़ी हैं, बाद में आना। जब वाचमैन से बात नहीं बनी तो मैंने वहां पर मौजूद उनके ड्राइवर से बात की। उनके ड्राइवर ने मेरा मैसेज़ अल्बर्ट तक पहुंचाया और वापस आकर बोला कि साहब फिल्म की स्क्रिप्ट में बिज़ी हैं, फिर किसी और दिन आना।
असल में अल्बर्ट जी किसी का बकाया पैसे देने में बहुत ना-नुकुर करते थे। खैर, मैंने परेशान होकर वहीं से धीरेंद्र जी को फोन किया और वहां की स्थिति से वाकिफ़ कराया तो धीरेंद्र जी ने कहा- 'वापस चले आओ, उनके यहां पर इन्कम टैक्स का छापा पड़ा है।' मैं वहां से वापस लौट आया। हैरत की बात तो यह है कि माला सिन्हा के घर में इन्कम टैक्स वालों ने उनके बाथरूम की एक दीवार से १२ लाख रुपए नकद बरामद किए थे।
उस दौर में इतनी रकम बहुत मायने रखती थी। अल्बर्ट जी उन रुपयों को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट ने उनसे पूछा कि आपके घर इतनी बड़ी रकम कहां से आई...? जवाब मेें अल्बर्ट जी ने कहा- 'ये रुपए मेरी बेटी माला सिन्हा द्वारा फिल्मों से कमाए हुए हैं।'
कोर्ट ने माला सिन्हा से कहा- 'इन रुपयों की वापसी एक ही कंडीशन में हो सकती है। अगर तुम लिखित में यह स्वीकार करो कि यह रकम तुमने व्यक्तिगत तरीके (वेश्यावृत्ति) से कमाई है...!' उस दौर की इतनी बड़ी स्टार के लिए यह स्वीकार करना काफी मुश्किल था, लेकिन माला जी को भी अपने पिता की तरह रुपयों का बेहद मोह था। इसलिए माला जी ने कोर्ट की बात मान ली। इसके बाद उनके रुपए वापस कर दिए गए। इससे तो आपको अंदाजा लग ही गया होगा कि माला सिन्हा को पैसों से कितना प्यार रहा है!
लव, सेक्स और धोखा, भांजे संग भागी मामी
कुरुक्षेत्र-समाना. पिहोवा से भांजे संग भागी तीन बच्चों की मां को समाना सिटी पुलिस ने राजपूत बस्ती से काबू कर लिया है। दोनों को पिहोवा पुलिस के हवाले कर दिया गया। पिहोवा सदर थाने के एसएचओ चौधरी फूल सिंह ने बताया कि पिहोवा के शिंदर सिंह ने अपनी पत्नी के 28 फरवरी से लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई हुई थी।
शनिवार सुबह समाना पुलिस ने महिला को प्रेमी संग काबू कर लिया। महिला का यमुनानगर निवासी अपने भांजे गुरप्रीत सिंह के साथ कई साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। बताया जाता है कि वह दोनों 5 दिन पहले घर से भाग गए थे
शनिवार सुबह समाना पुलिस ने महिला को प्रेमी संग काबू कर लिया। महिला का यमुनानगर निवासी अपने भांजे गुरप्रीत सिंह के साथ कई साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। बताया जाता है कि वह दोनों 5 दिन पहले घर से भाग गए थे
पाकिस्तान विकसित कर रहा है हिंदू तीर्थ
पाकिस्तान विकसित कर रहा है हिंदू तीर्थ
वास्तुकला-नक्काशी का बेहतरीन नमूना
१६ किलोमीटर लंबी साल्ट वैली के शुरुआत में ही पहाड़ के बीचोंबीच कटासराज के मंदिर हैं। यहां अभी भी सात मंदिर सही-सलामत हैं। कटासराज के मंदिरों में वास्तुकला व नक्काशी का अदभुत नमूना मिलता है।
कटासराज (पाकिस्तान)
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद तीन हजार साल पुराने कटासराज मंदिरों में 65 साल बाद भगवान विराजेंगे। 1947 में हुए बंटवारे के दौरान पलायन करते हिंदुओं ने मंदिर को खतरे में जानकर यहां की मूर्तियों को कुओं में फेंक दिया था। पाकिस्तान सरकार अब उन्हीं मूर्तियों को दोबारा मंदिर में स्थापित कराने जा रही है। ये कोशिश है कटासराज को हिंदू तीर्थ के रूप में विकसित करने की। बताया तो यह भी जा रहा है कि इससे दुनिया में देश की कट्टर छवि भी बदलेगी।
मंदिरों को उनका पुराना स्वरूप दिलाने के लिए ११ करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। यहां हरिद्वार की तर्ज पर घाट बनवाने और मंदिरों के रखरखाव का मॉडल तैयार किया गया। इस पर काम भी शुरू हो चुका है। ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ पाकिस्तान के चीफ कंजरवेटर नसीब शहजाद के मुताबिक आजादी के बाद जब इस क्षेत्र की खुदाई कराई गई तो कुएं से मूर्तियां मिलीं। ये मूर्तियां फिलहाल लाहौर के म्यूजियम में रखी हंै। मंदिरों का काम पूरा होते ही म्यूजियम में रखी मूर्तियों की यहां पुन: स्थापना कर दी जाएगी। यहां एक विश्राम गृह भी बनाया जाएगा।
कटासराज की यात्रा पर आए सनातन धर्मसभा, उत्तर भारत के अध्यक्ष शिव प्रताप बजाज बताते हैं कि पाकिस्तान सरकार के इस कदम से हिंदू सभ्यता और संस्कृति को एक बार फिर से संरक्षित किया जा सकेगा।
ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ पाकिस्तान के अधिकारी यूं तो कहते हैं कि वे यहां के हेरिटेज को बचाना चाहते हैं। लेकिन दबी जुबान से वे स्वीकार करते हैं कि कटासराज की दशा सुधरने से यहां रहने वाले हिंदुओं में पाक सरकार के प्रति नया विश्वास व भरोसा कायम होगा। पाकिस्तान एवेक्यू बोर्ड के डिप्टी चीफ अजहर नजीर सल्लेहरी कहते भी हैं, 'भारत से ननकाना साहिब के लिए सिख तो खूब आते हैं। कटासराज की दशा सुधरने से हिंदू तीर्थ यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी।'
वास्तुकला-नक्काशी का बेहतरीन नमूना
१६ किलोमीटर लंबी साल्ट वैली के शुरुआत में ही पहाड़ के बीचोंबीच कटासराज के मंदिर हैं। यहां अभी भी सात मंदिर सही-सलामत हैं। कटासराज के मंदिरों में वास्तुकला व नक्काशी का अदभुत नमूना मिलता है।
कटासराज (पाकिस्तान)
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद तीन हजार साल पुराने कटासराज मंदिरों में 65 साल बाद भगवान विराजेंगे। 1947 में हुए बंटवारे के दौरान पलायन करते हिंदुओं ने मंदिर को खतरे में जानकर यहां की मूर्तियों को कुओं में फेंक दिया था। पाकिस्तान सरकार अब उन्हीं मूर्तियों को दोबारा मंदिर में स्थापित कराने जा रही है। ये कोशिश है कटासराज को हिंदू तीर्थ के रूप में विकसित करने की। बताया तो यह भी जा रहा है कि इससे दुनिया में देश की कट्टर छवि भी बदलेगी।
मंदिरों को उनका पुराना स्वरूप दिलाने के लिए ११ करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। यहां हरिद्वार की तर्ज पर घाट बनवाने और मंदिरों के रखरखाव का मॉडल तैयार किया गया। इस पर काम भी शुरू हो चुका है। ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ पाकिस्तान के चीफ कंजरवेटर नसीब शहजाद के मुताबिक आजादी के बाद जब इस क्षेत्र की खुदाई कराई गई तो कुएं से मूर्तियां मिलीं। ये मूर्तियां फिलहाल लाहौर के म्यूजियम में रखी हंै। मंदिरों का काम पूरा होते ही म्यूजियम में रखी मूर्तियों की यहां पुन: स्थापना कर दी जाएगी। यहां एक विश्राम गृह भी बनाया जाएगा।
कटासराज की यात्रा पर आए सनातन धर्मसभा, उत्तर भारत के अध्यक्ष शिव प्रताप बजाज बताते हैं कि पाकिस्तान सरकार के इस कदम से हिंदू सभ्यता और संस्कृति को एक बार फिर से संरक्षित किया जा सकेगा।
ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ पाकिस्तान के अधिकारी यूं तो कहते हैं कि वे यहां के हेरिटेज को बचाना चाहते हैं। लेकिन दबी जुबान से वे स्वीकार करते हैं कि कटासराज की दशा सुधरने से यहां रहने वाले हिंदुओं में पाक सरकार के प्रति नया विश्वास व भरोसा कायम होगा। पाकिस्तान एवेक्यू बोर्ड के डिप्टी चीफ अजहर नजीर सल्लेहरी कहते भी हैं, 'भारत से ननकाना साहिब के लिए सिख तो खूब आते हैं। कटासराज की दशा सुधरने से हिंदू तीर्थ यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी।'
नाइट क्लब बंद करने से नहीं होंगे रेप?
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बलात्कार जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सुझाव दिया है कि शहरों के नाइट क्लबों को बंद कर दिया जाए। एक फायर ब्रांड राजनीतिक नेता मानी जाने वाली ममता से ऐसी प्रतिक्रिया मिलना बंगाल ही नहीं पूरे देश के लिए दुखद है। कोलकाता को वैसे भी देश के उन शहरों में माना जाता रहा है जो अपने पूरे रवैये में बहुत सुसंस्कृत और प्रगतिशील है।
यही वो शहर है जहाँ सबसे पहले नाइट क्लबों की शुरुआत हुई। नाइट क्लबों को यहाँ केवल सेक्स और ऐश का केंद्र नहीं माना जा सकता। उषा उत्थुप जैसे कुछ प्रतिष्ठित पॉप सिंगर्स ने यहाँ आधुनिक भारतीय संगीत को संवर्धित भी किया है। और अगर ऐसा ना भी हुआ होता, तो बलात्कार की समस्या से निपटने का ये कौन सा तरीका हुआ। यह तो लगभग ऐसा ही है कि शिकारी को आता देख कर कबूतर खुद अपनी आँखें बंद कर ले।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने भी डांस बारों पर रोक लगा कर कुछ ऐसा ही करना चाहा था। विडम्बना ये है कि ममता ने तो स्त्री होकर ऐसा स्त्री विरोधी सुझाव दिया है। ऐसी मोरल पोलिसिंग का सटीक जवाब मिला था प्रमोद मुथालिक को, जिनके घर में महिलाओं ने पिंक पेंटीज भेज कर वेलेंटाइन डे पर कपल्स की पिटाई करने पर विरोध जताया था। पहले बलात्कार को ओपोज़िशन की साज़िश बताना और फिर उसके हल के रूप में इस तरह के प्रतिबंधों का सुझाव देना ना केवल ये बताता है कि मुख्य मंत्री जी राजनीतिक हवस में स्त्री-पुरुष व समाज के सरोकारों से ऊपर उठ कर महज़ एक राजनीतिक प्राणी बन गयी हैं बल्कि सांस्कृतिक तथा बौद्धिक तौर पर दिवालिया भी हो गयी हैं।
एक तरफ तो हम बात करते हैं बाज़ार और समाज को खोलने की, वैश्वीकरण की, जिसमे सभी तरह का खुलापन शामिल है, दूसरी तरफ हम अपने समाज पर इस तरह के अतार्किक प्रतिबन्ध लगा कर बलात्कार जैसी समस्या के सुलझने की आशा करें - ये अब दुखद होने की सीमा को लांघ कर हास्यास्पद हो गया है। फिर हमारे 'उदार' समाज और दुनिया के रुढ़िवादी समाजों में क्या फर्क रहा जहाँ महिलाओं को अंग्रेजी साहित्य भी गुपचुप पढने के लिए बाध्य होना पड़ता है।
एक समाज की स्थिति को इस बात से आँका जाता है कि उसकी स्त्रियों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा है। हमारे यहाँ मामला और भी जटिल हो गया है। हम अब हर सामाजिक समस्या को सीधे तौर पर राजनीति से जोड़ने लगे हैं जो गलत है। हर बात का ठीकरा राजनीति पर नहीं फोड़ा जा सकता। अगर समाज में बलात्कार हत्या जैसे अपराध बढ़ रहे हैं तो उनका उपचार स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाना नहीं बल्कि उसे एक स्वस्थ वातावरण देना है। स्त्रियाँ अगर दिखाई नहीं देंगी तो बलात्कार कि समस्या ख़त्म हो जायेगी- यह मानना तो अपने आप में ही मूर्खतापूर्ण है। जिन समाजों में स्त्री को घर के अन्दर ही रखा जाता है और जो 'होलिएर देन दाऊ' का रवैया रखते हैं, वहां महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं, बस आपको सुनाई नहीं देते क्योकि महिलाओं को अपनी आवाज़ पर ही अधिकार नहीं।
एक शहर के क्लबों, डांस बारों को बंद करके उसकी विशिष्ट संस्कृति का हम गला घोंट देते हैं, इससे अपराध ख़त्म या कम नहीं हो सकते। प्रतिबन्ध लगाने का चलन समाज में पतनशीलता का द्योतक है और उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था के हर कोने से भर्त्सना होनी चाहिए।
यही वो शहर है जहाँ सबसे पहले नाइट क्लबों की शुरुआत हुई। नाइट क्लबों को यहाँ केवल सेक्स और ऐश का केंद्र नहीं माना जा सकता। उषा उत्थुप जैसे कुछ प्रतिष्ठित पॉप सिंगर्स ने यहाँ आधुनिक भारतीय संगीत को संवर्धित भी किया है। और अगर ऐसा ना भी हुआ होता, तो बलात्कार की समस्या से निपटने का ये कौन सा तरीका हुआ। यह तो लगभग ऐसा ही है कि शिकारी को आता देख कर कबूतर खुद अपनी आँखें बंद कर ले।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने भी डांस बारों पर रोक लगा कर कुछ ऐसा ही करना चाहा था। विडम्बना ये है कि ममता ने तो स्त्री होकर ऐसा स्त्री विरोधी सुझाव दिया है। ऐसी मोरल पोलिसिंग का सटीक जवाब मिला था प्रमोद मुथालिक को, जिनके घर में महिलाओं ने पिंक पेंटीज भेज कर वेलेंटाइन डे पर कपल्स की पिटाई करने पर विरोध जताया था। पहले बलात्कार को ओपोज़िशन की साज़िश बताना और फिर उसके हल के रूप में इस तरह के प्रतिबंधों का सुझाव देना ना केवल ये बताता है कि मुख्य मंत्री जी राजनीतिक हवस में स्त्री-पुरुष व समाज के सरोकारों से ऊपर उठ कर महज़ एक राजनीतिक प्राणी बन गयी हैं बल्कि सांस्कृतिक तथा बौद्धिक तौर पर दिवालिया भी हो गयी हैं।
एक तरफ तो हम बात करते हैं बाज़ार और समाज को खोलने की, वैश्वीकरण की, जिसमे सभी तरह का खुलापन शामिल है, दूसरी तरफ हम अपने समाज पर इस तरह के अतार्किक प्रतिबन्ध लगा कर बलात्कार जैसी समस्या के सुलझने की आशा करें - ये अब दुखद होने की सीमा को लांघ कर हास्यास्पद हो गया है। फिर हमारे 'उदार' समाज और दुनिया के रुढ़िवादी समाजों में क्या फर्क रहा जहाँ महिलाओं को अंग्रेजी साहित्य भी गुपचुप पढने के लिए बाध्य होना पड़ता है।
एक समाज की स्थिति को इस बात से आँका जाता है कि उसकी स्त्रियों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा है। हमारे यहाँ मामला और भी जटिल हो गया है। हम अब हर सामाजिक समस्या को सीधे तौर पर राजनीति से जोड़ने लगे हैं जो गलत है। हर बात का ठीकरा राजनीति पर नहीं फोड़ा जा सकता। अगर समाज में बलात्कार हत्या जैसे अपराध बढ़ रहे हैं तो उनका उपचार स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाना नहीं बल्कि उसे एक स्वस्थ वातावरण देना है। स्त्रियाँ अगर दिखाई नहीं देंगी तो बलात्कार कि समस्या ख़त्म हो जायेगी- यह मानना तो अपने आप में ही मूर्खतापूर्ण है। जिन समाजों में स्त्री को घर के अन्दर ही रखा जाता है और जो 'होलिएर देन दाऊ' का रवैया रखते हैं, वहां महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं, बस आपको सुनाई नहीं देते क्योकि महिलाओं को अपनी आवाज़ पर ही अधिकार नहीं।
एक शहर के क्लबों, डांस बारों को बंद करके उसकी विशिष्ट संस्कृति का हम गला घोंट देते हैं, इससे अपराध ख़त्म या कम नहीं हो सकते। प्रतिबन्ध लगाने का चलन समाज में पतनशीलता का द्योतक है और उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था के हर कोने से भर्त्सना होनी चाहिए।
ब्रह्मोस मिसाइल का अचूक परीक्षण, दहल उठी पाक सीमा
ब्रह्मोस मिसाइल का अचूक परीक्षण, दहल उठी पाक सीमा
भारतीय सेना ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस- वर्जन 2 का रविवार को पोखरण के चांदन फायरिंग रेंज से सफल परीक्षण किया। इस दौरान मिसाइल के धमाके से पाकिस्तानी सीमा के नजदीक का इलाका थार दहल उठा।
अजासर गांव में काल्पनिक ठिकाने पर मिसाइल का अचूक निशाना भेद कर सेना ने अपनी मारक क्षमता दिखाई। लेकिन मिसाइल गिरने पर एक खेत में आग लग गई है। हालांकि इससे जान माल को हानि नहीं हुई है। गौरतलब है कि महाजन फायरिंग रेंज में यूएस आर्मी एक्सरसाइज करने पहुंच चुकी है। पाक मिसाइल हत्फ के परीक्षण के मद्देनजर ब्रह्मोस मिसाइल का पौने सात महीने में यह दूसरा परीक्षण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारतीय सेना और डीआरडीओ के उच्चाधिकारियों की मौजदूगी में रविवार सुबह 10.30 बजे चांदन फायरिंग रेंज से ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना दागा गया। तेज धमाके के साथ इस मिसाइल ने कुछ पलों में ही टारगेट भेद दिया। तेज धमाके के साथ मिसाइल के टारगेट भेदने के साथ ही वहां घास में चिंगारी से आग लग गई। कुछ पल में वहां आग फैलने पर पुलिस को सूचना दी गई। इस पर नाचना थानाधिकारी ने मौके पर पहुंच दमकल की मदद से आग बुझाई गई। जैसलमेर एसपी ममता विश्नोई ने बताया कि आग से जान और माल की हानि की कोई सूचना नहीं है।
70 किमी जमीनी दूरी पर दागा निशाना
अजासर रेंज से हवाई दूरी करीब 28 किमी है। जबकि जमीनी दूरी करीब 70 किमी है। अजासर पाकिस्तान सीमा से करीब सवा किमी दूर है। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस--2 मिसाइल का इससे पूर्व 12 अगस्त 2011 को सफल परीक्षण किया गया था। इससे पहले 4 मार्च 2007 को मिसाइल ट्रायल के दौरान निशाना चूक गई थी। बाद में 28 मार्च को इसका दुबारा परीक्षण किया गया जो सफल रहा था।
पहले चाइना सेना और अब अमेरिकी सेना
ब्रह्मोस मिसाइल का इससे पूर्व 12 अगस्त को परीक्षण किया गया था। तब सीमा पार पाकिस्तान में चाइना और पाक सेना का संयुक्त अभ्यास चल रहा था । इस बार महाजन फायरिंग में यूएस आर्मी भारतीय सेना के साथ संयुक्त अभ्यास करने पहुंची है। इधर, भारतीय सेना के साठ हजार जवान भी वहां युद्धाभ्यास की तैयारी में लगे हुए है।
फायरिंग टेस्ट का मकसद
पाकिस्तान ने अपनी एक तिहाई सेना अलकायदा के आतंकवादियों से लडऩे के लिए अफगान सीमा पर लगा रखी है। भारतीय सेना का ध्यान बंटाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने एक रणनीति के तहत रेगिस्तानी इलाके में मिसाइल हत्फ का परीक्षण किया था। बीते दिनों पाक मीडिया में इस तरह की खबरें प्रकाशित हुई थीं कि भारतीय शहरों को अपने निशाने पर लेने के लिए पाकिस्तान परमाणु शस्त्र वहन करने में सक्षम 24 मिसाइल सेना में शामिल कर रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की इन गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण कर यह संकेत देना चाहती है कि वह हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। गौरतलब है कि रेगिस्तान में कभी जंग होने की स्थिति में युद्धक टैंकों और मिसाइलों की अहम भूमिका होगी।
भारतीय सेना ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस- वर्जन 2 का रविवार को पोखरण के चांदन फायरिंग रेंज से सफल परीक्षण किया। इस दौरान मिसाइल के धमाके से पाकिस्तानी सीमा के नजदीक का इलाका थार दहल उठा।
अजासर गांव में काल्पनिक ठिकाने पर मिसाइल का अचूक निशाना भेद कर सेना ने अपनी मारक क्षमता दिखाई। लेकिन मिसाइल गिरने पर एक खेत में आग लग गई है। हालांकि इससे जान माल को हानि नहीं हुई है। गौरतलब है कि महाजन फायरिंग रेंज में यूएस आर्मी एक्सरसाइज करने पहुंच चुकी है। पाक मिसाइल हत्फ के परीक्षण के मद्देनजर ब्रह्मोस मिसाइल का पौने सात महीने में यह दूसरा परीक्षण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारतीय सेना और डीआरडीओ के उच्चाधिकारियों की मौजदूगी में रविवार सुबह 10.30 बजे चांदन फायरिंग रेंज से ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना दागा गया। तेज धमाके के साथ इस मिसाइल ने कुछ पलों में ही टारगेट भेद दिया। तेज धमाके के साथ मिसाइल के टारगेट भेदने के साथ ही वहां घास में चिंगारी से आग लग गई। कुछ पल में वहां आग फैलने पर पुलिस को सूचना दी गई। इस पर नाचना थानाधिकारी ने मौके पर पहुंच दमकल की मदद से आग बुझाई गई। जैसलमेर एसपी ममता विश्नोई ने बताया कि आग से जान और माल की हानि की कोई सूचना नहीं है।
70 किमी जमीनी दूरी पर दागा निशाना
अजासर रेंज से हवाई दूरी करीब 28 किमी है। जबकि जमीनी दूरी करीब 70 किमी है। अजासर पाकिस्तान सीमा से करीब सवा किमी दूर है। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस--2 मिसाइल का इससे पूर्व 12 अगस्त 2011 को सफल परीक्षण किया गया था। इससे पहले 4 मार्च 2007 को मिसाइल ट्रायल के दौरान निशाना चूक गई थी। बाद में 28 मार्च को इसका दुबारा परीक्षण किया गया जो सफल रहा था।
पहले चाइना सेना और अब अमेरिकी सेना
ब्रह्मोस मिसाइल का इससे पूर्व 12 अगस्त को परीक्षण किया गया था। तब सीमा पार पाकिस्तान में चाइना और पाक सेना का संयुक्त अभ्यास चल रहा था । इस बार महाजन फायरिंग में यूएस आर्मी भारतीय सेना के साथ संयुक्त अभ्यास करने पहुंची है। इधर, भारतीय सेना के साठ हजार जवान भी वहां युद्धाभ्यास की तैयारी में लगे हुए है।
फायरिंग टेस्ट का मकसद
पाकिस्तान ने अपनी एक तिहाई सेना अलकायदा के आतंकवादियों से लडऩे के लिए अफगान सीमा पर लगा रखी है। भारतीय सेना का ध्यान बंटाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने एक रणनीति के तहत रेगिस्तानी इलाके में मिसाइल हत्फ का परीक्षण किया था। बीते दिनों पाक मीडिया में इस तरह की खबरें प्रकाशित हुई थीं कि भारतीय शहरों को अपने निशाने पर लेने के लिए पाकिस्तान परमाणु शस्त्र वहन करने में सक्षम 24 मिसाइल सेना में शामिल कर रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की इन गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण कर यह संकेत देना चाहती है कि वह हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। गौरतलब है कि रेगिस्तान में कभी जंग होने की स्थिति में युद्धक टैंकों और मिसाइलों की अहम भूमिका होगी।
शनिवार, 3 मार्च 2012
यूपी में सपा नम्बर 1, बसपा नम्बर 2
यूपी में सपा नम्बर 1, बसपा नम्बर 2
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के अंतिम चरण के मतदान के बाद एक्जिट पोल सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है जबकि पंजाब उत्तराखंड और मणिपुर में कांग्रेस सत्ता में लौटने में कामयाब दिख रही है। टीवी चैनलों के एक्जिट पोल के नतीजों के अनुसार उत्तर प्रदेश की 403 सीटों वाली विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) सबसे बडे दल के रूप में उभर सकती है हालांकि उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है।
इसी तरह पंजाब और उत्तराखंड में भी चौकाने वाले एक्जिट पाल आ रहे हैं। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आना माना रहा है। यूपी में भाजपा को चौथे नम्बर पर बताया जा रहा है। चौकाने वाली बात यह है कि भाजपा की स्टार प्रचारक उमा भारती की सीट पर भी जीत नजर नहीं आ रही। स्टार न्यूज तो बुंदेलखंड में भाजपा का खाता भी नहीं खुलने की बात कह रहा है।
हेडलाइन्स टुडे के सर्वेक्षण के अनुसार सपा को 195 से 210 सीटें, बहुजन समाज पार्टी को 88 से 98 सीटें, भारतीय जनता पार्टी को 50 से 56 सीटें और कांग्रेस को 38 से 42 सीटें मिलने की उम्मीद है जबकि न्यूज 24 चैनल के मुताबिक सपा की झोली में 185 सीटें आने की संभावना है जबकि बसपा को 85 तथा कांग्रेस और भाजपा दोनों को 55-55 सीटें मिलने का अनुमान है। स्टार न्यूज नीलसन के सर्वे में सपा को 160 बसपा को 86 भाजपा को 80 तथा कांग्रेस एवं राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन को 70 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
इंडिया टीवी ने सपा को 141 बसपा को 126 भाजपा को 83 और कांग्रेस रालोद गठबंधन को 36 सीटे, न्यूज 24 ने सपा को 185 बसपा को 85 भाजपा को 55 एवं कांग्रेस रालोद गठबंधन को 55 सीटें हासिल होने का अनुमान व्यक्त किया है। टाइम्स नाऊ और सहारा समय के पोल के मुताबिक यूपी में सपा को 140-150 सीटें, बीएसपी को 100-110, बीजेपी को 80-90 और कांग्रेस को 60-70 सीटें मिल सकती है। इसी तरह जी न्यूज ने समाजवादी पार्टी को सबसे ज्यादा 195-210 सीटें दी हैं।
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के अंतिम चरण के मतदान के बाद एक्जिट पोल सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है जबकि पंजाब उत्तराखंड और मणिपुर में कांग्रेस सत्ता में लौटने में कामयाब दिख रही है। टीवी चैनलों के एक्जिट पोल के नतीजों के अनुसार उत्तर प्रदेश की 403 सीटों वाली विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) सबसे बडे दल के रूप में उभर सकती है हालांकि उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है।
इसी तरह पंजाब और उत्तराखंड में भी चौकाने वाले एक्जिट पाल आ रहे हैं। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आना माना रहा है। यूपी में भाजपा को चौथे नम्बर पर बताया जा रहा है। चौकाने वाली बात यह है कि भाजपा की स्टार प्रचारक उमा भारती की सीट पर भी जीत नजर नहीं आ रही। स्टार न्यूज तो बुंदेलखंड में भाजपा का खाता भी नहीं खुलने की बात कह रहा है।
हेडलाइन्स टुडे के सर्वेक्षण के अनुसार सपा को 195 से 210 सीटें, बहुजन समाज पार्टी को 88 से 98 सीटें, भारतीय जनता पार्टी को 50 से 56 सीटें और कांग्रेस को 38 से 42 सीटें मिलने की उम्मीद है जबकि न्यूज 24 चैनल के मुताबिक सपा की झोली में 185 सीटें आने की संभावना है जबकि बसपा को 85 तथा कांग्रेस और भाजपा दोनों को 55-55 सीटें मिलने का अनुमान है। स्टार न्यूज नीलसन के सर्वे में सपा को 160 बसपा को 86 भाजपा को 80 तथा कांग्रेस एवं राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन को 70 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
इंडिया टीवी ने सपा को 141 बसपा को 126 भाजपा को 83 और कांग्रेस रालोद गठबंधन को 36 सीटे, न्यूज 24 ने सपा को 185 बसपा को 85 भाजपा को 55 एवं कांग्रेस रालोद गठबंधन को 55 सीटें हासिल होने का अनुमान व्यक्त किया है। टाइम्स नाऊ और सहारा समय के पोल के मुताबिक यूपी में सपा को 140-150 सीटें, बीएसपी को 100-110, बीजेपी को 80-90 और कांग्रेस को 60-70 सीटें मिल सकती है। इसी तरह जी न्यूज ने समाजवादी पार्टी को सबसे ज्यादा 195-210 सीटें दी हैं।
अब पूनम पाण्डे पर भड़की चित्रांगदा सिंह
मुंबई। अभी सोशल नेटवर्किग साइट टि्वटर पर लेखिका तस्लीमा नसरीन और मॉडल पूनम पांडे के बीच मामला शांत हुआ ही नहीं था कि फिल्म अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह ने भी पूनम पांडे पर निशाना साधा हैं। चित्रा ने टवीट् किया है कि पूनम पांडे से कैसे आप प्रतिस्पर्धा कर सकते है जब वह कबड्डी मैच की खातिर न्यूड होने को तैयार रहती है। कहा जा रहा है कि पूनम ने इस टवीट् का जवाब नहीं दिया हैं।
कहा जा रहा है कि पूनम पांडे और चित्रांगदा सिंह के बीच झगड़ा काफी पुराना है। चित्रांगदा ने एक छोटा ही सही लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में मुकाम तो हासिल कर ही लिया है। वहीं पूनम ने अभी किसी फिल्म में काम नहीं किया फिर भी वह हॉट तस्वीरें और सनसनीखेज ट्वीट के जरिए सुर्खियों में बनी हुई है। हाल ही में पूनम ने ट्वीटर पर अपनी हॉट तस्वीरें अपलोड कर सनसनी मचाई थी।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले तस्लीमा ने पूनम पांडे पर टि्वटर पर अभ्रद टिप्पणी की थी। जिसके बाद पूनम ने भी टवीट् पर जवाब दिया था। ज्ञात है कि पूनम पांडेे विश्व कप क्रिकेट टीम में टीम इंडिया के जीत हासिल करने पर न्यूड होने की बात कह के चर्चा में आई थी।
गिरफ्तार कुशवाहा ने घोटाले में मायावती को घसीटा
नई दिल्ली.एनएचआरएम घोटाले उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारियों ने बाबू सिंह कुशवाहा को बता दिया है कि उन्हें कानूनी तौर पर हिरासत में ले लिया गया है। अब बाबू सिंह कुशवाहा को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेश किया गया। बसपा विधायक रामप्रसाद जायसवाल को भी सीबीआई ने कुशवाहा के साथ गिरफ्तार किया है।
अदालत में कुशवाहा ने कहा कि एनएचआरएम घोटाले से संबंधित फंड इस्तेमाल करने का फैसला स्वास्थ्य कमेटी ने लिया था। यूपी की मुख्यमंत्री मायावती उस कमेटी की अध्यक्ष थी जबकि मैं उपाध्यक्ष था। कुशवाहा ने अपनी सफाई में कहा कि मेरे कार्यकाल से पहले ही विभाग में घोटाले जारी थे लेकिन सारा दोष मेरे मत्थे मढ़ दिया गया है, मैं पूरी तरह निर्दोष हूं।
उत्तर प्रदेश में हुए एनएचआरएम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने आज कुशवाहा पूछताछ के लिए बुलाया था। कुशवाहा सुबह से ही सीबीआई के दफ्तर में मौजूद हैं। सीबीआई एक निजी कंपनी को ठेका दिए जाने के मामले में पूछताछ कर रही है, सूत्रों के मुताबिक बाबू सिंह कुशवाहा सीबीआई के सवाबों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे थे।
गौरतलब है कि कुशवाहा उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार में परिवार कल्याण मंत्री थे। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद मायावती ने उन्हें मंत्रीपद से हटाकर पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद कुशवाहा भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन राजनीतिक दवाब के चलते कुशवाहा की बीजेपी सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कुशवाहा की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सवाल यह है कि कुशवाहा को इतनी देर से क्यों गिरफ्तार किया गया। कुशवाहा ने खुद कहा था कि बीजेपी को परेशानी न हो इसलिए मेरी सदस्यता रद्द कर दी जाए। वो सिर्फ पिछड़ों के हक के लिए हमारे साथ थे। हम स्वीकार करते हैं कि पिछड़े और अति पिछड़े वोट मुस्लिम आरक्षण के विरोध के मुद्दे पर हमारे साथ जुड़े। कुशवाहा के कारण निश्चित तौर पर बीजेपी को चुनावों में फायदा हुआ है।
ठीक चुनाव समाप्त होते ही कुशवाहा की गिरफ्तारी बताती है कि सीबीआई का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। कुशवाहा अगर गुनाहगार हैं तो फिर उन्हें सजा दी जाए लेकिन सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया जाए यह गलत है।
एक प्रण परिवर्तन का', अभियान हुआ आगाज
सेकड़ो बच्चों ऩे लिया परिवर्तन का प्रण
होली तक विभिन्न आधारों से होगी समझाईस
बाड़मेर
होली बरसो से हर किसी के लिए जहा खास पर्व है । इस दिन जहा हर कोई सारे गिले शिकवे मिटा कर अपनाईयत के रंग में रंग जाता है लेकिन इस दिन रंगों के साथ होने वाले पानी के अपव्यय पर सोचना आज की सबसे बड़ी जरूरत है इस बात को आधार बना कर सीसीडीयू राजस्थान राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की ओर से शनिवार से एक प्रण परिवर्तन का अभियान शुरु किया । आगामी होली तक कई आधारों को लेकर जारी रहने वाले इस अभियान का आगाज स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विधालय से हुआ । सीसीडीयू के आईईसी कंसलटेंट अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया कि एक प्रण परिवर्तन का से अभियान के तहत आज के दोर में बदलाव का सबसे बड़ा आधार बनने वाले स्कूली विद्यार्थियों को इस बार होली पर पानी बचाने के पर्व के रूप में मनाने का प्रण दिलाने के मानस को धरातल पर उतरा गया । शनिवार को स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विधालय में सेकड़ो बच्चों को इस बात का प्रण दिलाया गया कि होली पर न तो केमिकल रंगो का उपयोग करेंगे और न ही पानी की फिजूलखर्ची करेगे । सीसीडीयू राजस्थान राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन दवारा तैयार किये गए प्रण पत्र का वाचन तथा उस पर हर बच्चे को प्रण दिलाया गया। इस मोके पर सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विधालय की प्रधान पुष्प कंवर शेखावत ऩे बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि होली का यह सतरंगी त्योंहार रंगपंचमी तक हमें चाहेअनचाहे न सिर्फ रसायन व केमिकल मिश्रीत घातक रंगों के बल्कि उत्साह के चरमोत्कर्ष के समय धूल, मिट्टी व कीचड का भी रंगों की जगह प्रयोग करने वाले उत्पातियों के सम्पर्क में रखेगा । एक ओर इन केमिकल मिश्रीत रंगों के सम्पर्क में आने से जहाँ त्वचा में जलन व खुजली जैसी समस्याओं के साथ ही स्कीन एलर्जी व मुंहासों की समस्या का जनसामान्य को बहुतायद से सामना करना पडता है वहीं इनके आंखों में चले जाने से नजरों से जुडी समस्याएँ अंधत्व की सीमा तक प्रभावित व्यक्ति को हानि पहुँचा सकती हैं । इनसे बचने के लिये प्राकृतिक रंगों के प्रयोग की यदि बात की जावे तो संभव है कि आप तो इन प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर रहे हों । इन स्थितियों में इसके घातक प्रभावों से स्वयं को यथासम्भव बचाते हुए ही इस त्यौंहार को मनाना सर्वश्रेष्ठ विकल्प हो सकता है । इस मोके पर विधालय के अर्जुनराम विश्नोई ऩे बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि होली बेशक रंगों का त्योहार है लेकिन इसमें रासायनिक रंगों के इस्तेमाल से न सिर्फ पानी का अपव्यय होता है बल्कि स्किन और आंखों के लिए भी नुकसानदायक है। इसलिए बेहतर है हम अबीरगुलाल के साथ सूखे रंगों से होली खेलें, ताकि त्योहार की उमंग भी बरकरार रहे और पानी बचाने में हम सहयोग भी दे सकें।गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। आम दिनों में जहां एक व्यक्ति को प्रतिदिन 70 से 80 लीटर पानी बमुश्किल मिल पाता है वहीं गर्मी में डिमांड 90 से 100 लीटर तक पहुंच जाती है लेकिन मिलता उतना नहीं है। होली पर सबसे ज्यादा पानी बर्बादी की जाती है, खासकर रासायनिक रंगों के प्रयोग से अपव्यय और ब़ जाता है, क्योंकि ये रंग आसानी से छूटते नहीं हैं। इस होली पर यदि हम रासायनिक रंगों का इस्तेमाल न करें और पानी की बचत व त्वचा की रक्षा के लिए अबीरगुलाल के साथ सूखी होली खेलें तो 9 करोड़ 90 लाख लीटर पानी की बचत कर सकते हैं। इस मोके पर विधालय के अध्यापक जालम सिंह , जसवंत सिंह , मीना कोडेचा ऩे भी बच्चों को होली के पर्व को सादगी और अबीर गुलाल से मनाने की बात कही । आगामी दिनों में एक प्रण परिवर्तन का, अभियान के तहत विभिन्न मोहल्लों में जाकर परिवार के सभी सदस्यों के साथ साथ बच्चों को भी सीख दी जाएगी कि वे अपने आस पड़ौस के लोगों को भी होली के पर्व पर गुब्बारों, केमिकल रंगो और त्वचा पर हानिकारक प्रभाव डालने वाले रंगों का उपयोग करने से रोके। इस अभियान का मकसद ना केवल पानी का अपव्यय रोकना है बल्कि होली जैसे पावन पर्व का पारंपरिक स्वरूप लौटाना भी है साथ ही हर बाड़मेर वासी को इस बात को समझाना है कि होली पर रोज की खपत से तीन गुना ज्यादा पानी बर्बाद होता है। सूखी होली खेलें तो काफी पानी की बचत हो सकती है। हर्बल पावडर में नेचुरल डाई होती है। सिंथेटिक डाई के मॉलीक्यूल स्किन व कपड़े में अंदर की पोर के टैक्सचर में चले जाते हैं जो मुश्किल से निकलते हैं जबकि ऑर्गेनिक में ऐसा नहीं होता। पानी की बर्बादी रोकने के लिए गुलाल से होली खेलना ही समय की जरूरत है। ।
होली मनाने के लिए घर लौटने का सिलसिला शुरू
होली मनाने के लिए घर लौटने का सिलसिला शुरू
बाड़मेर होली को अब महज चार दिन बचे हैं। गांवों में फाल्गुन गीतों की गूंज देर रात तक सुनाई देने लगी है। परदेस गए कमाऊ पूत घर लौटने के साथ गांव-ढाणी में अपने दोस्तों से गले मिल पर्व को मनाने की तैयारी में जुटे है। पर्व को लेकर शुक्रवार को बाजारों में खरीदारी भी तेज होती दिखाई दी।
जिले में होली के पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह है। होली का पर्व नजदीक आने के साथ ही दूर -दूर तक छितराई ढाणियों में शाम ढलते ही फाल्गुनी गीत गूंजने शुरू हो गए हैं। मजदूरी के लिए परदेस गए कमाऊ सपूतों के घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। पड़ोसी राज्यों से आने वाली बसों व ट्रेनों में सैकड़ों युवा घरों की ओर लौट रहे हैं। हालत यह है कि गुजरात से आने वाली बसों की छत पर भी कई युवा जैसे तैसे पर्व पर घर पहुंचने की जुगत में सफर करते नजर आए। गुजरात के कांडला से आए किशन सिंह सोढ़ा ने बताया कि चार माह तक मजदूरी करने के बाद होली के पर्व पर अपने भाइयों के साथ होली खेलूंगा। अहमदाबाद से आए हिम्मताराम ने बताया कि दो साल बाद वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ होली का पर्व मनाएगा।
गूंजने लगे फाल्गुनी गीत. चंग रौ धमिड़ो तो म्हैं मेहळा बैठी सुणियौ रे.., होली
आई रे बालमा.. सरीखे फाल्गुनी गीत, चंग की थाप पर ठुमके लगाते युवक ओर लूर पर नृत्य करती महिलाएं। यह नजारा हर गांव ढाणी में देखने को मिल रहा है।
ढूंढ की तैयारियां शुरू. होली के पर्व पर बच्चों को ढूंढने की परंपरा आज भी कायम है। महिलाओं ने बच्चों की ढूंढ के लिए सामग्री खरीदना शुरू कर दी है। ननिहाल पक्ष की ओर से बच्चों की ढूंढ़ लाने का रिवाज है। ऐसे में जिन बच्चों के जन्म के बाद पहली होली है, उन्हें ढूंढने की रस्म अदायगी की जाएगी।
कल्याणपुर मौज-मस्ती के त्यौहार होली में चार दिन बचे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के गली-मौहल्लों में फागण के गीत गूंज रहे हैं। वहीं परंपरागत होली के गीतों की कैसेट व सीडियों की भी बाजार में खूब बिक्री हो रही है। पिछले कुछ सालों से देसी गीतों पर डीजे हावी हो चुका है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी होली के गीतों का देशी पैटर्न ही पसंद किया जाता है। नाचण दे चंग पे उड़ती निंदड़ली, मामी गावे फाग न फागण आयो जी, मेहमान एडी रे ठुमके रसीलो फागण, रंग-रंगीली होली डीजे पर नाचू फागण व गाया चरावण कुण जासी सरीखे गीत लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं।
कम सुनने को मिलती है चंग की आवाजें
होली के त्यौहार का मजा चंग की थाप के बिना अधूरा माना जाता है लेकिन वर्तमान में कैसेट व सीडी में बजने वाले होली गीतों की धुनों में चंग की थाप सुनाई नहीं दे रही है।
सुप्रीम कोर्ट में होगी सोनिया के विदेशी मूल पर सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया जिसमें सवाल किया गया है कि क्या विदेशी मूल का कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक पद पर आसीन हो सकता है। न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति सी के प्रसाद ने इस मुद्दे की सुनवाई को तेजी से किये जाने का समर्थन किया जिसे एक सामाजिक राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने उठाया है।
मोर्चा ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी जिसने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। इसमें कहा गया था कि इटली मूल की होने के नाते वह किसी भी संवैधानिक पद को संभालने की हकदार नहीं हैं।
अपनी याचिका में आरएमएम ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि वर्ष 1999 में राजग सरकार द्वारा संसद में विश्वास मत खो देने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। शीर्ष न्यायालय ने इस मुद्दे पर अप्रैल 2007 में केंद्र और और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस बीच केंद्र ने अभी तक कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया है और शीर्ष अदालत से इसको अंतिम सुनवाई के लिए रखने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा था कि जो केंद्र का दृष्टिकोण होगा वहीं उनका भी दृष्टिकोण होगा।
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