सत्तर के दशक के शुरुआती दौर की बात है। उस समय धीरेंद्र किशन इंडस्ट्री के मशहूर फोटोग्राफर हुआ करते थे। उनका इतना ज्य़ादा नाम था कि इंडस्ट्री में न्यू एंट्री पाने वाला हर एक्टर धीरेंद्र जी से ही फोटोशूट करवाता था। उन्होंने माला सिन्हा, साधना, आशा पारेख, शर्मिला टैगोर, राखी, नंदा आदि उस दौर की फेमस अभिनेत्रियों के फोटोशूट किए थे। मैं जब मुंबई में नया-नया आया था तो धीरेंद्र जी ने मेरी काफी मदद की थी।
यहां तक कि मैं सांताक्रुज़ स्थित रंग महल गेस्ट हाउस में उनके साथ ही ठहरता था। मैं उनका थोड़ा-बहुत काम भी कर दिया करता था। $खैर, धीरेंद्र जी ने पहले कभी माला सिन्हा की फोटोशूट की थी, जिसके ७०० रुपए बाकी थे। उन्होंने मुझे बिल देकर माला जी के घर से रुपए लाने को कहा। मैं जब माला जी के घर पहुंचा तो वहां पर पहले से काफी भीड़ लगी थी।
माला जी तो मिलीं नहीं, लेकिन उनके पिता अल्बर्ट सिन्हा घर पर ही थे। मैंने उनके वाचमैन से मिलने का आग्रह किया तो उसने बोला कि साहब बिज़ी हैं, बाद में आना। जब वाचमैन से बात नहीं बनी तो मैंने वहां पर मौजूद उनके ड्राइवर से बात की। उनके ड्राइवर ने मेरा मैसेज़ अल्बर्ट तक पहुंचाया और वापस आकर बोला कि साहब फिल्म की स्क्रिप्ट में बिज़ी हैं, फिर किसी और दिन आना।
असल में अल्बर्ट जी किसी का बकाया पैसे देने में बहुत ना-नुकुर करते थे। खैर, मैंने परेशान होकर वहीं से धीरेंद्र जी को फोन किया और वहां की स्थिति से वाकिफ़ कराया तो धीरेंद्र जी ने कहा- 'वापस चले आओ, उनके यहां पर इन्कम टैक्स का छापा पड़ा है।' मैं वहां से वापस लौट आया। हैरत की बात तो यह है कि माला सिन्हा के घर में इन्कम टैक्स वालों ने उनके बाथरूम की एक दीवार से १२ लाख रुपए नकद बरामद किए थे।
उस दौर में इतनी रकम बहुत मायने रखती थी। अल्बर्ट जी उन रुपयों को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट ने उनसे पूछा कि आपके घर इतनी बड़ी रकम कहां से आई...? जवाब मेें अल्बर्ट जी ने कहा- 'ये रुपए मेरी बेटी माला सिन्हा द्वारा फिल्मों से कमाए हुए हैं।'
कोर्ट ने माला सिन्हा से कहा- 'इन रुपयों की वापसी एक ही कंडीशन में हो सकती है। अगर तुम लिखित में यह स्वीकार करो कि यह रकम तुमने व्यक्तिगत तरीके (वेश्यावृत्ति) से कमाई है...!' उस दौर की इतनी बड़ी स्टार के लिए यह स्वीकार करना काफी मुश्किल था, लेकिन माला जी को भी अपने पिता की तरह रुपयों का बेहद मोह था। इसलिए माला जी ने कोर्ट की बात मान ली। इसके बाद उनके रुपए वापस कर दिए गए। इससे तो आपको अंदाजा लग ही गया होगा कि माला सिन्हा को पैसों से कितना प्यार रहा है!
यहां तक कि मैं सांताक्रुज़ स्थित रंग महल गेस्ट हाउस में उनके साथ ही ठहरता था। मैं उनका थोड़ा-बहुत काम भी कर दिया करता था। $खैर, धीरेंद्र जी ने पहले कभी माला सिन्हा की फोटोशूट की थी, जिसके ७०० रुपए बाकी थे। उन्होंने मुझे बिल देकर माला जी के घर से रुपए लाने को कहा। मैं जब माला जी के घर पहुंचा तो वहां पर पहले से काफी भीड़ लगी थी।
माला जी तो मिलीं नहीं, लेकिन उनके पिता अल्बर्ट सिन्हा घर पर ही थे। मैंने उनके वाचमैन से मिलने का आग्रह किया तो उसने बोला कि साहब बिज़ी हैं, बाद में आना। जब वाचमैन से बात नहीं बनी तो मैंने वहां पर मौजूद उनके ड्राइवर से बात की। उनके ड्राइवर ने मेरा मैसेज़ अल्बर्ट तक पहुंचाया और वापस आकर बोला कि साहब फिल्म की स्क्रिप्ट में बिज़ी हैं, फिर किसी और दिन आना।
असल में अल्बर्ट जी किसी का बकाया पैसे देने में बहुत ना-नुकुर करते थे। खैर, मैंने परेशान होकर वहीं से धीरेंद्र जी को फोन किया और वहां की स्थिति से वाकिफ़ कराया तो धीरेंद्र जी ने कहा- 'वापस चले आओ, उनके यहां पर इन्कम टैक्स का छापा पड़ा है।' मैं वहां से वापस लौट आया। हैरत की बात तो यह है कि माला सिन्हा के घर में इन्कम टैक्स वालों ने उनके बाथरूम की एक दीवार से १२ लाख रुपए नकद बरामद किए थे।
उस दौर में इतनी रकम बहुत मायने रखती थी। अल्बर्ट जी उन रुपयों को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट ने उनसे पूछा कि आपके घर इतनी बड़ी रकम कहां से आई...? जवाब मेें अल्बर्ट जी ने कहा- 'ये रुपए मेरी बेटी माला सिन्हा द्वारा फिल्मों से कमाए हुए हैं।'
कोर्ट ने माला सिन्हा से कहा- 'इन रुपयों की वापसी एक ही कंडीशन में हो सकती है। अगर तुम लिखित में यह स्वीकार करो कि यह रकम तुमने व्यक्तिगत तरीके (वेश्यावृत्ति) से कमाई है...!' उस दौर की इतनी बड़ी स्टार के लिए यह स्वीकार करना काफी मुश्किल था, लेकिन माला जी को भी अपने पिता की तरह रुपयों का बेहद मोह था। इसलिए माला जी ने कोर्ट की बात मान ली। इसके बाद उनके रुपए वापस कर दिए गए। इससे तो आपको अंदाजा लग ही गया होगा कि माला सिन्हा को पैसों से कितना प्यार रहा है!
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