जैसलमेर ,आकांक्षी जिला योजना समग्र प्रयासों से विकास के कीर्तिमान सम्भव-पंत
जैसलमेर 4 सितम्बर। भारत सरकार के द्वारा जैसलमेर जिले को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है जिसके सन्दर्भ में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव तथा जिले के प्रभारी सचिव सुधांष पंत की अध्यक्षता में नीति आयोग के द्वारा प्राप्त संकेतकों के अन्तर्गत छह प्रमुख क्षेत्रों में विकास पर विस्तृत विचार विमर्ष किया गया।
इस मौके पर पंत ने कहा कि आंकाक्षी जिले के रूप में जैसलमेर ने उत्कृष्ट कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है तथा इसे निरन्तर जारी रखने की आवष्यकता है। उन्हांेने कहा कि पिछली अवधि में कौषल विकास में जैसलमेर जिला सम्पूर्ण देष में प्रथम स्थान पर रहा था एवं पारितोषिक के रूप में नीति आयोग ने जिले को 3 करोड का पुरूस्कार दिया। यह साबित करता है कि विषाल भू-भाग एवं विकट परिस्थिति वाले इस जिले में भी दृढ निष्चय हो तो विकास के कीर्तिमान स्थापित करना सम्भव है। उन्हांेने जिला कलक्टर समेत पूरी टीम जैसलमेर को बधाई देते हुए निर्धारित मानकों में और अधिक कार्य करने तथा अन्य संकेतकों मंे भी देष में प्रथम स्थान पर रहने को कहा।
पंत ने कहा कि विषेष रूप से स्वास्थ्य एवं पोषण, षिक्षा, कृषि एवं सम्बद्व, वित्तीय समावेषन एवं कौषल विकास तथा आधारभूत संरचनाओं के साथ ही धरातल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार से कार्य योजना बनाकर कार्य करें कि जिले की रेकिंग बढती रहें। उन्होंनंे आषा जताई कि सभी अधिकारी टीम भावना से काम करेगें तो इस जिले को विजन -2022 के तहत अवष्य विकसित जिलों में शामिल किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण, षिक्षा, कृषि एवं सम्बद्व, वित्तीय समावेषन एवं कौषल विकास, आधारभूत संरचना के संबंध में जो अंक निर्धारित किए गए है उसी पैरामीटर अनुरूप इन क्षेत्रों में विकास को ध्यान में रखते हुए कार्य करेगें तो उसमें अच्छी उपलब्धि हासिल होगी। उन्होंने से स्वास्थ्य एवं पोषण तथा षिक्षा के क्षेत्र में अधिकारियों को निर्धारित किए गए इंडिगेटर में विषेष मेहनत कर अच्छी उपलब्धि अर्जित करने के निर्देष दिए। उन्होंने जिला कलक्टर के निर्देषन में सभी संबंधित अधिकारियों को जिले के विकास के लिए विषेष कार्य करने पर जोर दिया।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव पंत ने बताया कि जैसलमेर जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल विषालतम है तथा यह केरल राज्य के समान है लेकिन इतनी अधिक भूमि होने के बावजूद जिला कृषि क्षेत्र में पिछडा है। जमीन के अनुपात में उपज का उत्पादन नहीं होने से कृषि क्षेत्र में अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। उन्होंने नीति आयोग के आषा के अनुरूप कृषि क्षेत्र में तीव्र विकास के लिए कृषि विभाग व इसके सहयोगी संस्था आई.टी.सी को विस्तृत योजना बनाकर कार्य आरम्भ करने के निर्देष दिए।
उन्होंने अधिकतम किसानों को वित्तीय सुविधाओं के लिए बैंकों से जोडने को कहा। सभी किसानों को कृषि बीमा योजना से लाभान्वित करने के साथ-साथ उन्होंने कृषि भूमि के विकास व विस्तार के लिए वृहद स्तर पर जागरूकता के साथ-साथ इसे वास्तविकता में परिणीत करने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग व विकसित कृषि सुविधाओं का लाभ दिलाने के निर्देष दिए। इसके लिए कृषक प्रषिक्षण व कृषि उत्पादों के प्रदर्षन जैसे कार्यो को अमलीजामा पहनाने को कहा। पंत ने जिले के ग्रामीणाॅंचलों में स्कूली षिक्षा के प्रति बालक-बालिकाओं को षिक्षा से अधिकाधिक संख्या में जोड़ने के लिए नामांकन कार्य को बढावा दिये जाने पर संवेदनषील होकर निर्धारित समय सीमा में प्रयास करने की हिदायत दी। उन्होंने षिक्षा के प्रति में लोगों को आगे लाने के लिए सकारात्मक सोच को बदलने की आवष्यकता प्रतिपादित की। बैठक में षिक्षा के विविध पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस मौके पर जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि मस्थलीय जिले में षिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिषा में गुणवतापूर्ण षिक्षा के लिए बेहतर ढंग से कार्य कर इसमें सुधार लाने की जरुरत है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को इस दिषा में सफलतापूर्वक कार्य करने की दृष्टि से टीम की भावना के साथ कार्य करने के निर्देष दिए। मुख्य आयोजना अधिकारी डाॅ. बी.एल. मीना ने एजेण्डा पेष किया एवं बिन्दुवार समीक्षा करते हुए जिले के समस्त जिला अधिकारियों को कारगर प्रयास करने की आवष्यकता जताई। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ विष्नोई, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद ओमप्रकाष, नगर परिषद आयुक्त सुखराम खोखर समेत संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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