रविवार, 19 मई 2013

शिक्षित बेटी ही समर्थ बेटी – लक्ष्‍मी

शिक्षित बेटी ही समर्थ बेटी – लक्ष्‍मी

चौहटन। भारत-पाक सीमा पर बसे केलनोर गांव में क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय के द्वारा सर्वशिक्षा एवं राष्‍ट्रीय एकता व सांप्रदायिक सदभाव जागरूकता अभियान कार्यक्रम के दौरान केलनोर सरपंच श्रीमती लक्ष्‍मीदेवी ने शिक्षा का महत्‍व बताते हुए बेटे और बेटी को समान रूप से शिक्षित करने की बात कही। लक्ष्मी ने कहा कि शिक्षित बेटी ही समर्थ बेटी बन सकती है। इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नरेन्‍द्र तनसुखानी, नरेगा में आईइसी मैनेजर मदन बारूपाल, श्‍योर कार्यकर्ता धीरज शर्मा, सीताराम, मोहम्‍मद येदी सहित कई लोग मौजुद रहे और शिक्षा एंव राष्‍ट्रीय एकता विषयक जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान भारी संख्‍या में महिलाएं उपस्थित रही। आईइसी मैनेजर मदन बारूपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने महात्‍मा गांधी रोजगार गांरटी योजना की जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षित बनकर आप ना केवल अपने अधिकारों का उपयोग कर सकते है वरन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी शिक्षित होना जरूरी है। सामाजिक कार्यकर्ता धीरज शर्मा ने कहा कि पढ़ी-लिखी बेटी दो घरों को सुधारती है। शर्मा ने कहा सर्वशिक्षा अभियान में शिक्षा संबधी मिलने वाली सुविधाओं की विस्‍तृत जानकारी प्रदान की।


इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय द्वारा एक प्रश्‍नोत्‍तरी प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें विजेता आठ प्रतिभागियों को पारितोषित वि‍तरित किए गए। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों द्वारा प्रतिभा‍गियों को शिक्षा एवं राष्‍ट्रीय एकता व सांप्रदायिक सदभाव की शपथ दिलायी गयी।

नगलातुला में भीषण आग,50 घर स्वाहा

नगलातुला में भीषण आग,50 घर स्वाहा
जयपुर। भरतपुर जिले के रूदावल थाना क्षेत्र के नगलातुला गांव में रविवार को भीषण आग की चपेट में आने से करीब 50 से अधिक कच्चे-पक्के घर खाक हो गए हैं। आग इतनी भयानक थी कि जिला प्रशासन को सेना की मदद लेनी पड़ी है। पांच दमकलों की सहायता से पिछले पांच घंटे से अधिक की मशक्कत के बाद शाम को आग पर आंशिक रूप से काबू पा लिया गया।

हालांकि इलाके में स्थित कई कच्चे घर अब भी सुलग रहे हैं। प्राथमिक तौर पर आग के कारण और इससे हुए जान-माल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। भरतपुर जिला प्रशासन ने नुकसान के सर्वे की कार्यवाही शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार सुबह करीब 10.30 बजे इलाके में कच्चे-पक्के मकानों की एक बस्ती में यह आग लगी।

देखते ही देखते आग ने करीब 50 छोटे-बड़े घरों को चपेट में ले लिया। कच्चे मकानों में रखे लकड़ी और ईधन के तौर पर काम आने वाले छाणों के भंडार के कारण यह आग और भयानक हो गई। भरतपुर एडीएम सत्तार खान के अनुसार घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन की तीन दमकलें मौके पर रवाना की गई। इससे काम नहीं चलने पर भरतपुर स्थित सेना के आयुध डिपो की मदद मांगी गई। फिलहाल एक प्रशिक्षु आईएएस और पुलिस के आला अधिकारी घटना स्थल पर कैंप किए हुए हैं।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आग में कुछ मवेशियां जल गई जबकि एक बच्चा झुलसा है,जिसे प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

दो दमकलों के साथ भेजे जवान
सेना प्रवक्ता कर्नल एस.डी.गोस्वामी के अनुसार जिला प्रशासन के आग्रह पर सेना के आयुध डिपो से सेना का एक कॉलम (तकरीबन 30-35 जवान) और दो दमकलें तत्काल मौके पर भेजी गई। सेना की ओर से यहां आग बुझाने के साथ बचाव कार्य किया गया।

देर से पहुंचा प्रशासन
सुबह 10.30 बजे आग लगने के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। पहले तो ग्रामीणों ने ही एकत्रित होकर आग बुझाने का काम शुरू किया। जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी गई,लेकिन करीब डेढ घंटे बाद प्रशासनिक अमला अपने साजो-सामान समेत मौके पर पहुंच पाया।

सिवाना काठाडी गाँव में में बिल्डिंग गिरी ..पांच बच्चो की मौत तीन घायल

सिवाना काठाडी गाँव में में बिल्डिंग गिरी ..पांच बच्चो की मौत तीन घायल


बाड़मेर के सिवाना के एक गाँव में बिल्डिंग गिर जाने से पांच बच्चो की मौत की खबर हें .वहीं तीन बच्चे घायल हो गए जीने नजदीकी अस्पताल उपचार के लिए ले जाया गया हें ,घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर रवाना हो गए .पुलिस सूत्रानुसार सिवाना उप खंड के काठाडी गाँव में रविवार को दोपहर बाद शैतान सिंह का रहवासी मकान अचानक भरभरा के गिर पड़ा .उस वक्त परिवार के काफी बच्चे भीषण गर्मी के कारण घर के अन्दर ही खेल रहे थे .मकान का मलबा उनके ऊपर गिर जाने से आठ बच्चे जिनमे पांच लडकियां और तीन लड़के थे दब गए .मलबे में दबने से दो ;लड़कों और तीन लड़कियों की मौके पर ही मौत हो गयी ,वहीं दो लडकियां और एक लड़का घायल हो गए .ग्रामीणों ने तत्काल मलबा हटाया तथा घायल बच्चों को अस्पताल उपचार के लिए भेजा ,जबकि पांच बच्चों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया .शैतान सिंह का मकान पंद्रह साल पहले बनाया था .आज अचानक माकन गिर जाने से बड़ा हादसा हो गया .हादसे के बाद स्थानीय पुलिस ,प्रशासन के अधिकारी मौके पर पौंच गए हें ,गाँव में इस हादसे के बाद सन्नाटा पसर गया हें घटना की विस्तृत रिपोर्ट आणि शेष हें

राजस्थान की लोक संस्कृति के क्या कहने -

राजस्थान की लोक संस्कृति के क्या कहने -

चन्दन सिंह भाटी





बदलाव की बयार जब सब जगह चल रही हो। दुनिया का प्रत्येक कोना बदलाव के साथ चल रहा हैं। यह बदलाव नकारात्मक अधिक और सकारात्मक कम हैं। बाड़मेर जिला भी बदलाव की बयार से अछूता नहीं हैं। सुखद पहलू यह हैं कि यह बदलाव सकारात्मक हैं। इस क्षेत्र में हुआ बदलाव विकास की नर्इ ऊंचार्इ को छू रहा हैं।
क्षेत्र में बदलाव आया जरूर मगर ग्रामीणों में आज भी अपनी संस्कृति, सभ्यता, परम्परा, रीति-रिवाज, आभूषण, खान पान के प्रति मोह कायम हैं। परिधान सदियों से समाज में सभ्यता का प्रतीक रहा हैं। सिन्ध संस्कृति से क्षेत्र का जुडा आरम्भ से रहा हैं। भारत-पाक अलग होने के बाद भी यहां व्यापक बदलाव आया। पशिचमी राजस्थान के इस मरू जिले का पहनावा सदा लोकप्रिय रहा हैं। परम्परागत परिधान तथा आभूषण चार चांद लगाते हैं। महिलाओं में परम्परागत रूप से घाघरा, कुर्ती, कांचली, ओढ़नी, पोमचा, ताहरिया, चुनरी, अंगिया पहने जाते हैं। घामरा कमर से एड़ी तक का लम्बा स्कर्ट होता था। कलियों को जोडकर या चुन्नर के द्वारा इस ऊपर संकरा और नीचे चौड़ा घेरदार बनाया जाता हैं। घघरे ऊंचे रखे जाते हैं ताकि पावों में पहने आभूषण दिखार्इ दे सके। 80 कली के घाघरे के लोकगीत बने हैं। मलमल, साटन, छींट, लटठा, गोटेदार, मगजी वाला के घाघरे आज भी शौक से पहने जाते हैं। कुर्ती कांचली क्षेत्र की सर्वाधिक लोकप्रिय परिधान हैं। राजपूती परिधान के नाम से प्रसिद्ध यह परिधान आज विदेषों में लोकप्रिय हैं। कुर्ती कांचली पहनावा आज स्टेट सिम्बल बना हैं। फिल्मी दुनिया में कुर्ती कांचली की अभी धूम हैं। शरीर के ऊपरी हिस्से में सित्रयां कुर्ती और कांचली पहनती हैं। बांहे कांचली में ही होती हैं। कुर्ती बिना बांह की होती हैं। ये दोनों मिलकर ब्लाऊज का कार्य करते हैं। अविवाहित लड़कियां कुर्ता कांचली एक ही पहनती है, जो बेल गोटा पर कढ़ार्इ या प्रिन्ट घाघरे पर होता हैं। वेसा ही कुर्ती कांचली पर होता हैं। ओंढनी शरीर के निचले हिस्से में घाघरा ऊपर कुर्ती कांचली पहनने के बाद सित्रयां ओढ़नी ओढती हैं। ओढ़नी प्राय: ढ़ार्इ से तीन मीटर लम्बी और चौडी डेढ़ से पौने दो मीटर होती हैं, जिससे घूंघट निकालने में आसानी होती हैं। ओढणी में बैल बूटे, भांत या गोटा पती होती हैं। ओढ़नी के किनारे गोटे लगाये जाते हैं। लहरिया बंधेज की ओढ़निया विशेष लोकप्रिय है। लहरिया श्रावण में तीज त्यौहार के अवसर पर सित्रयां विशेषकर पहनती हैं। पंचरंगी लहरिया शुभ माना जाता हैं। संत शिरोमणी मीरा बार्इ ने कहा था कि पंचरंग चोला पहिर सखि में झुरमर खेलन जाती। होली के अवसर पर महिलाएंं फागणियां ओढ़नी ओढती हैं। बन्धेज के परिधान इस वक्त काफी लोकप्रिय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रंगार्इ छपार्इ के वस्त्र अधिक पहने जाते हैं। स्थानीय बन्धेज की विशिष्ट शैली अजरख व मलीट हैं। अजरख में लाल एवं नीले रंग से मुसलमान, मेघवाल जाति में अजरख तथा मलीट के परिधान पहने जाते हैं। ये परिधान स्थानीय खत्री जाति के लोग तैयार करते हैं। पाकिस्तान में भी अजरख व मीट रेटा, पडा की जबरदस्त मांग रहती हैं। पुरूष का परिधान ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ बढ़कर हैं। साफा, पोतिया, टोपी, अंगरखी, चौला, पायजामा, धोती, कुर्ता आज भी ग्रामीण संस्कृति का गौरव बढ़ा रहे हैं। क्षत्रिय समाज में पुरूष तेवटा व कमीज पहनते हैं। बदलते बयार में सित्रयां जहां साडी, ब्लाऊज बालिकाएं सलवार कुर्ता, स्कर्ट तक पहुंची हैं, वहीं पुरूष का फैशन के नाम पर पेंट-शर्ट, कोट पहनते हैं। युवा वर्ग में जींस अवश्य लोकप्रिय हैं। खादी के कुर्ता पायजामा आज भी लोकप्रिय हैं। खादी के प्रति युवाओं का लगाव बढ़ता जा रहा हैं। पुरूषों में पांवो में पगरखी पहनने की परम्परा हैं।
मरूस्थली प्रदेष में सबसे रेतीले क्षेत्र में पगरखी या जूती आज भी लोकप्रिय हैं। युवा वर्ग अवश्य बूट, स्पोर्टस बूट, सैंडिल तक बदलाव में रंगा हैं। महिलाओं में भी पगरखी समान रूप से प्रचलित हैं। आज फैशन के दोर में शहरी महिलाएं भी शौक से जूती पहनती हैं। आभूषणों में सियों में आज बडा परिवर्तन आया हैं। ग्रामीण अंचलो में परम्परागत आभूषण सिर के शीषफूल, रखडी, टीका बोरिया, कान के आभूषणों में कर्णफूल, पीपल पत्र, फूल झूमका, आगोत्य पहनने का प्रचलन हैं। नाक में नथ, फीणी पहने जाते हैं। वहीं कण्ठी, निम्बोली, तमणियां, कंठसारी, कण्ठयाला, चांदल्या पन्द्रहार, हंसहारख् डुगलां गले की शोभा बढ़ाते हैं। वहीं बाजूबन्द, अणत पर कडा, कंकण, गजरा चूडी, कडा, हाथपान, वीटी, मुन्दडी, दामवा, अंगूठी कन्दौरा, पायल, पायजेब, नुपूर, झांझारिया, जोड, पगपान, तोडा, अनोटा, बिछया, पोलरा, छल्ला, बाजूबन्द, भुजबन्द आदि गहने आज भी सित्रयां बड़े चाव से पहनती हैं। वहीं पुरूष आज भी कानों में गोखरू, लोंग पहनते हैं। हंसली, कण्ठी, अगुठी, हार (चैन), कडा आदि पहनते हैं। ये आभूषण सोने एवं चांदी के बने होते हैं। शादी ब्याह तीज त्यौहार के अवसर पर अक्सर महिलायें व पुरूष आभूषणों से श्रृंगारित होकर आते हैं। जिले में खान पान की सिथति में विशेष बदलाव नहीं आया। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बाजरे के आटे की राब, गाठ के साथ झांकल (नाश्ता) बाजरी का सोगरा, काचरा मतीरा, केर, सांगरी, रायता, कडी, कुम्भट, दही की सब्जी के साथ बेपारा (दोपहर का भोजन), बयालू (रात का भोजन) करते हैं। खाने के बाद छाछ का चटकारा लेना नहीं भूलते। लहसून, मिर्ची की चटनी का अपना स्वाद हैं। विशेष अवसरो पर गेहूं की रोटी, चावल अवश्य खाये जाते हैं। शादी विवाह तीज त्यौहार के अवसर पर सूजी का हलवा, चना सब्जी, लापसी की परम्परा आज भी कायम हैं।

ब्रेकिंग न्यूज़ ...सिवाना में बिल्डिंग गिरी ..पांच बच्चो की मौत तीन घायल



ब्रेकिंग न्यूज़ ...सिवाना में बिल्डिंग गिरी ..पांच बच्चो की मौत तीन घायल 


बाड़मेर के सिवाना के एक गाँव में बिल्डिंग गिर जाने से पांच बच्चो की मौत की खबर हें .वहीं तीन बच्चे घायल हो गए जीने नजदीकी अस्पताल उपचार के लिए ले जाया गया हें ,घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर रवाना हो गए




सैकड़ों अफसर होंगे इधर से उधर

सैकड़ों अफसर होंगे इधर से उधर

जयपुर। अगले ढाई माह में प्रदेश के सैकड़ों पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी इधर से उधर होंगे। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को गृह जिले में लगे अधिकारियों और चार साल के दौरान एक ही जिले या उपखण्ड में तीन साल तक पदस्थापित रहने वाले अधिकारियों के तत्काल तबादला करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्यवाही 31 जुलाई तक पूरी करने के लिए भी कहा है।

एक ही जिले या उपखण्ड क्षेत्र में लम्बे समय तक अधिकारियों के जमे रहने से उसके किसी एक व्यक्ति विशेष के पक्ष में प्रभावित होने या मतदाताओं को प्रभावित करने की संभावना रहती है। इसे देखते हुए ही निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को ये निर्देश दिए हैं। इस आदेश की गाज जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक से लेकर तहसीलदार और थानों में लगे पुलिस निरीक्षकों तक पर गिरेगी।

ऎसे होगी समय की गणना
स्थानांतरण के लिए 4 साल की समय सीमा की गणना 31 दिसम्बर 2013 तक मानकर की जाएगी। इस 4 साल में लगातार तीन साल तक किसी पद पर लगे अधिकारी या फिर जिले व उपखण्ड में अलग-अलग पदों पर तीन साल का सेवाकाल पूरा कर चुके अधिकारियों के तबादले होंगे। उच्चाधिकारियों को कार्य क्षेत्र जिला माना जाएगा, जबकि थानाधिकारी व अन्य छोटे अधिकारियों का कार्य क्षेत्र उपखण्ड माना जाएगा। गृह जिले वाले सभी अधिकारी भी स्थानांतरण की सूची में शामिल होंगे।

इन अधिकारियों पर पडेगा असर
प्रशासनिक अधिकारियों में जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, अतिरिक्त कलक्टर, सहायक कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (ईआरओ), अतिरिक्त निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (एईआरओ) सहित अन्य कुछ अधिकारी। पुलिस महकमे में पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वृत्ताधिकारी, थानों में लगे थाना प्रभारी। कुछ अन्य विभागों के भी सीधे जनता से जुड़े अधिकारियों का भी तबादला किया जा सकता है।

आरएएस की बेटी के शादी कार्ड पर बसपा का लोगो

आरएएस की बेटी के शादी कार्ड पर बसपा का लोगो


संगरिया (हनुमानगढ़)। आरएएस अफसर ने बेटी की शादी के कार्डो पर बसपा का प्रचार करने का कारनामा किया है। अधिकारी की बेटी की शादी 25 मई को है।

यहां उपखंड अधिकारी रहे जगदीश चंद्र आर्य ने बेटी की शादी के जो कार्ड वितरित किए हैं उसमें नारायणा गुरू, संत रविदास, संत कबीर, तथागत बुद्ध, ज्योतिबा फुले व साहूजी के चित्रों के बीच बहुजन समाज पार्टी का लोगो छापा है। आर्य जुलाई 2012 में नगर पालिका के कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी रहते हुए कर्मचारियों को अपशब्द कहकर विवादों में आ गए थे। उधर, आरएएस अधिकारी जगदीश चंद्र आर्य का कहना है कि शादी के कार्ड पर बसपा का लोगो प्रिंटर की गलती से लगा है। कार्ड आने के बाद हमने इस पर स्टीकर लगा दिए थे। संगरिया में जो कार्ड वितरित हुए हैं, उन पर भूलवश स्टीकर लगने से रह गए होंगे। मेरे परिवार को कोई सदस्य बसपा में नहीं है।

"कटारिया बेदाग,सोहराबुद्दीन था आतंकी"

"कटारिया बेदाग,सोहराबुद्दीन था आतंकी"
भोपाल। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में नाम आने के बाद राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री और अब नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा था कि वह आर के मार्बल के मालिक पाटनी को नहीं जानते हैं,न ही उनको इस बात की जानकारी थी की सोहराबुद्दीन मार्बल व्यपारियों से रंगदारी वसूल करता था।

वहीं,भोपाल स्थित आरएसएस से जुड़े संगठन विश्व संवाद केंद्र ने अपने साप्ताहिक लेख में गुलाब चंद कटारिया का बचाव करते हुए कहा है कि सोहराबुद्दीन शेख को आतंकी माना है।

"सोहराबुद्दीन संत नहीं था" शीर्षक से छपे लेख में कहा गया है कि उसे एक ऎसे ही मरना था। अगर पुलिस ने उसे नहीं मारा होता तो महात्मा या धर्मात्मा के रूप में कोई आम आदमी उसे मार डालता ।

सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में कटारिया की संभावित गिरफ्तारी से पहले छपे इस लेख में राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री को आदर्शवादी व्यक्ति कहने के साथ ही राजनीति में नैतिकता
का उदहारण बताया है। आगे कहा गया है कि सोहराबुद्दीन आतंकी था जिस पर 56 मामले
चल रहे थे और वह गुजरात के मुख्मंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की फिराक में था।


कटारिया जैसे बेगुनाह और बेदाग व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले सोहराबुद्दीन जैसे आतंकी के अपराधों को दुनिया के सामने लाना चाहिए। लोगों को यह बताने कोशिश की
गई है कि सोहराबुद्दीन एक आम आदमी था।

सोहराबुद्दीन मुठभेड़ को गुजरात और राजस्थान पुलिस का संयुक्त कार्य बताने से पहले लेख में कहा गया है कि कांग्रेस के नेताओं के लिए वह एक साधारण चोर था। लेख में आरोप लगाया गया है कि सोहराबुद्दीन राजस्थान और गुजरात के मार्बल व्यपारियों से पैसों की उगाही करता था।

साथ ही कहा गया है कि वह एक ट्रक ड्राइवर जो दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने वाले दो अन्य ड्राइवरो के संपर्क में आने के बाद वह रंगदारी वसूलने जैसे मामलों में शामिल हो गया।

लेख में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के शहर कराची के दो सिम कार्ड बरामद हुए थे,जिससे यह साबित होता है कि वह दाऊद और लशकर-ए-तयैबा के संपर्क में था। यही नहीं,1998 में कोयंबटूर में हुए बम धमाकों सहित वह आतंक के कई मामलों में शामिल था।

रॉयल्स दर्ज कराएगी एफआईआर

रॉयल्स दर्ज कराएगी एफआईआर

नई दिल्ली। स्पॉट फिक्सिंग में फंसे तीनों क्रिकटरों का अब बचना मुश्किल है। आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स एस.श्रीसंत,अंकित चव्हाण और अजित चंदीला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगी।

तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया जाएगा। बीसीसीआई ने रविवार को चेन्नई में हुई वर्किग कमेटी की बैठक में राजस्थान रॉयल्स के मैनेजर को बुलाया था। बैठक में मैनेजर ने तीनों खिलाडियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही।

गौरतलब है कि अभी तक किसी ने तीनों क्रिकेटरों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। पुलिस ने खुद ही छापा मारकर तीनों क्रिकेटरों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 420 और 120 बी लगाई है।

420 धोखाधड़ी और 120 बी अपराध के लिए साजिश रचने की धारा है। धारा 420 का अभी तक कोई अर्थ नहीं था। इस धारा को तभी साबित किया जा सकता है जब धोखाधड़ी का शिकार व्यक्ति शिकायत दर्ज करवाए।

रविवार को देश के कई शहरों में छापे मारे गए। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली,मुंबई,चेन्नई और कोलकाता में छापे मारे। बुकीज की ओर से दी गई जानकारी के बाद ये छापे मारे गए हैं।

बस्तर में फिर खूनी खेल,आठ की हत्या

बस्तर में फिर खूनी खेल,आठ की हत्या
बीजापुर। गंगालूर थाने से सिर्फ छह किमी दूर ग्राम एहड़समेटा में शुक्रवार की रात सुरक्षा जवानों ने मुठभेड़ की आड़ में तीन मासूमों समेत आठ ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया। इस पूरे घटनाक्रम में कोबरा बटालियन का एक जवान भी शहीद हो गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है।

घटना के बाद गंगालूर थाने पहुंचे एड़समेटा के करीब 70 ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि वे सभी गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए शिकार के बाद एकत्र हुए थे। वहां पर सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसमें तीन बच्चों समेत आठ ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग के दौरान मची भगदड़ से 22 ग्रामीण लापता हो गए हैं। वहीं, इस घटना के बाद गांव के 22 ग्रामीण दहशत के चलते लापता बताए जा रहे हैं। सात ग्रामीणों के शव गांव में ही हंै। घटनास्थल से बरामद कथित माओवादी के शव को भी पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले किया गया।

त्योहार मना रहे ग्रामीणों को मारी गोली
गंगालूर पहुंचे ग्रामीण लच्छू कारम का कहना है कि शुक्रवार की शाम को शिकार से लौटने के बाद सभी ग्रामीण गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए एकत्र हुए थे। इसी दौरान रात को तकरीबन 10 बजे पुलिस वहां पहुंची और बैठे हुए ग्रामीणों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। इससे ग्रामीण हड़बड़ाकर भागने लगे। पुलिस की गोली से तीन नाबालिग बच्चों सहित आठ ग्रामीणों की मौत हो गई है। इनके शव गांव में पड़े हुए हैं। मारे गए ग्रामीणों मे गुड्डू कारम (10), पाण्डू कारम (45), बहादुर (12), जोगा कारम (40), तारम चोमु (52), पूनेम सोनू (40), पूनेम लखम (15) और कारम मासा (50) शामिल हैं। पुलिस ने गांव से तीन ग्रामीणों कारम आयतु, कारम लच्छु व कारम मंगु को गिरफ्तार किया है। ग्रामीण एवं गांव से आए मृतकों के परिजनों का आरोप है कि इस घटना में मारे गए ग्रामीणों का माओवादियों से कोई सरोकार नहीं है और ये सभी निर्दोष थे।

सालभर पहले मारे गए थे 17 आदिवासी
गौरतलब है कि 28 जून 2012 को सारकेगुड़ा में सीआरपीएफ की कार्रवाई के दौरान 17 आदिवासी ग्रामीण मारे गए थे। इसमे पांच नाबालिग शामिल थे। इस मामले की जांच अब तक की जा रही है।

मुठभेड़ हुई : पुलिस
बीती रात गंगालूर से कोबरा बटालियन 208 के जवान व छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त पार्टी गश्त के लिए निकली थी। डीएसपी नक्सल ऑपरेशन अशोक सिंह ने बताया कि इसी दौरान एड़समेटा में माओवादियों से जवानों की मुठभेड़ हो गई। इसमें कोबरा बटालियन का जवान बनारस (उप्र) निवासी देवप्रकाश शहीद हो गया। साथ ही कुछ माओवादियों के मारे जाने की खबर है, जिसमें से एक माओवादी का शव बरामद कर गंगालूर थाने लाया गया है। इस सम्बंध में बस्तर रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता ने फोन पर सम्पर्क करने पर कोई जवाब नहीं दिया है।


दुष्कर्म के बाद की थी आत्मदाह की कोशिश

दुष्कर्म के बाद की थी आत्मदाह की कोशिश

सिवाना। गत दिनो एक किशोरी के साथ छेड़छाड़ को लेकर दर्ज मामले को दुष्कर्म में तब्दील किया गया है। सी.ओ. बालोतरा रामेश्वरलाल मेघवाल के अनुसार इस संबंध मे पीडिता किशोरी की मां की ओर से पेश सप्लीमेन्ट्री रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म के तहत प्रकरण दर्ज किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आत्मदाह की घटना से आधा घंटे पूर्व पीडिता ने बताया था कि आरोपित चैनाराम पुत्र गेबाराम, अजाराम पुत्र मूलाराम व रसाराम पुत्र मंगलाराम निवासी कांखी ने बारी-बारी से पीडिता के साथ दुष्कर्म किया और मोबाइल से वीडियो क्लीप बनाया।

पुलिस ने मामला दर्ज कर मेडिकल बोर्ड के गठन के लिए महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर को तहरीर पेश की। इस मामले में गिरफ्तार नामजद आरोपी चैनाराम पुत्र गेबाराम को न्यायालय में पेश किया। यहां से उसे दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा गया। अन्य दो आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

डॉक्टर ने लूटी महिला मरीज की इज्जत

डॉक्टर ने लूटी महिला मरीज की इज्जत
मुंबई। मुंबई में 26 साल की महिला से रेप का मामला सामने आया है। बलात्कार का आरोप एक डॉक्टर पर लगा है। महिला से रेप क्लीनिक में हुआ था। पीडिता के पति ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने उसकी पत्नी से रेप किया। आरोपी डॉक्टर ने उसे पैसे लेकर मामला रफा-दफा करने के लिए कहा। जब उसने मना कर दिया तो वह पुलिस की मदद से फरार हो गया।

घटना से गुस्साए पीडिता के परिजनों ने खार पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसी थाना इलाके में आरोपी डॉक्टर का क्लीनिक आया हुआ है। पीडिता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने केस दर्ज करने से मना कर दिया। पीडिता ने कहा कि मैं इंसाफा चाहतूी हूं। डॉक्टर को उसके किए की सजा मिलनी चाहिए। पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की। उन्होंने डॉक्टर को भागने दिया।

पीडिता के पति ने बताया कि थाने लाने की बजाय पुलिस वालों ने आरोपी डॉक्टर को उसकी कार में जाने दिया। डॉक्टर गायब हो गया है। उसने मुझे घूस देने की भी कोशिश की थी।

23 साल बाद इंटरनेट से मिले मां-बाप

23 साल बाद इंटरनेट से मिले मां-बाप
बीजिंग। इंटरनेट ने परिवार से बिछडे लोगों को फिर माता पिता से मिलाने का काम इस बार चीन में किया जहां पांच साल की उम्र में अपह्वत एक बच्चा 28 साल की उम्र में अपने मूल परिवार से मिल सका। चीनी मीडिया के अनुसार इस बच्चे का 23 साल पहले शिहुआनप्रांत से अपहरण हो गया था। चीन में बच्चों के अपहरण की घटनाएं बहुत होती हैं और अपह्वर्ता बच्चे को जरूरतमंद माता पिता को मोटी रकम पर बेच देते हैं।

इसी कडी में अपराधियों ने इस बच्चे का अपहरण किया और उसे उसके घर से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर फुजियान के एक दम्पती को बेच दिया था। बच्चे के मस्तिष्क में उसके बचपन की तस्वीरें थी और उम्र बढ़ने के साथ ही उसमें अपने घर के लिए तड़प बढ़ती गई और वह लगातार अपने जैविक माता पिता से मिलने के लिए प्रयास करता रहा। इसके लिए उसने इंटरनेट का सहारा लिया और अपने शहर की बचपन की तस्वीर गूगल मैप में ढूंढना शुरू किया।

वह अपने बचपन के शहर की यादों के जरिए गूगल के सहारे ढूंढता रहा और अंतत: वह अपने मिशन में सफल हुआ और उसे माता पिता से मिलने का अवसर मिल ही गया। एच ली नाम का यह युवक जब अपने माता पिता से मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ली की मां ने मीडिया से कहा भी है कि वह पिछले 23 साल से सिर्फ अपने बच्चे के बारे में ही सोचती रही है और आज जब अपने बेटे को 28 साल के युवा के रूप में देख रही है तो उसकी खुशी आसमान छू रही है।

इससे पहले भारत के कोलकाता में बिछडा वह भारतीय बच्चा भी खूब चर्चा में रहा जिसे आस्ट्रेलिया का एक दम्पती अपने साथ ले गया था। इंटरनेट के जरिए इस युवक ने अपने घर का पता लगाया तो वह दशकों बाद इंदौर में अपने माता पिता से मिल सका था।

बेटे ने की छेड़छाड़, बाप ने जिंदा जलाया




बेटे ने की छेड़छाड़, बाप ने जिंदा जलाया


जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर गैरतगंज थानान्तर्गत ग्राम गढी में एक व्यक्ति ने अपने लड़के के छेड़छाड़ के आरोप में जेल जाने से बौखलाकर फरियादी नाबालिग लड़की पर तेल छिड़ककर आग लगा दी. लडकी को मरणासन्न हालत में भोपाल रैफर किया गया है.

पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला ने बताया कि 16 मई की दोपहर ग्राम गढी की नाबालिग 15 वर्षीया लड़की गांव के बाहर शौच के लिये गई थी तभी गांव के ही 17 वर्षीय किशोर अशोक कुमार ने बदनीयती से उसे पकड़ लिया और उसके साथ अश्लील हरकतें की. बालिका किसी तरह उससे छूटकर घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी.

परिजनों द्वारा थाने पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पर पुलिस ने अशोक कुमार के खिलाफ धारा 354 के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भिजवा दिया गया.

उन्‍होंने बताया कि अपने लडके की बेइज्जती का बदला लेने के लिये अशोक के पिता ने लड़की के घर पहुंचकर उस पर मिट्टी का तेल छिडक दिया और आग लगा दी. लड़की की चीख पुकार सुन जब उसके परिजन पहुंचे तो लड़के का पिता वहां से भाग खड़ा हुआ.

लड़की के परिजन उसे लेकर गैरतगंज के शासकीय अस्पताल पहुंचे जहां गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे 90 प्रतिशत जली हालत में भोपाल भेज दिया गया. पुलिस लड़के के पिता को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है.

 

पत्नी के गुप्तांग पर लॉक,10 साल सजा

पत्नी के गुप्तांग पर लॉक,10 साल सजा
इंदौर। क्रूरता की सभी हदें पार करने वाले एक पति को अपने जीवनसाथी के गुप्तांग पर ताला लगाने के जुर्म में जिला न्यायालय सोहन लाल को 10 साल के सश्रम कारावास और 1,000 रूपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश अवनींद्र कुमार सिंह ने बहुचर्चित मामले में 38 वर्षीय सोहनलाल को भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धारा के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।

अदालत ने कहा सोहनलाल के खिलाफ यह आरोप सिद्ध हो चुका है कि उसने अपनी पत्नी के गुप्तांग पर एक नुकीले औजार से छेद करके ताला लगाकर उसे गंभीर चोटें पहुंचाई हैं। उसके चरित्र पर शक करके उसे मानसिक रूप से प्रताडित किया है।

इधर अभियोजन पक्ष की वकील ज्योति तोमर ने बताया कि जीवनसाथी की क्रूरता की शिकार हुई महिला अपने पति के खिलाफ लगाए गए संगीन आरोपों से इंकार करते हुए खुद के पुराने बयानों से अदालत में पलट गई थी, लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और गवाहों बयानों के आधार पर अभियोजन पक्ष अदालत के सामने यह साबित करने में सफल रहा कि पेशे से ऑटो मैकेनिक सोहन लाल ने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक के चलते कम से कम चार साल तक उसके गुप्तांग पर ताला लगाकर रखा। ताले को समय-समय पर वह खोलता और बंद करता रहा।

इस मामले का खुलासा 16 जुलाई 2012 को तब हुआ जब लम्बे वक्त से अपने पति की क्रूरता झेल रही महिला ने चूहे मारने वाली दवा पीकर आत्म हत्या करने का प्रयास किया और उसे शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा मौजेस ने अदालत में गवाही देते हुए कहा16 जुलाई 2012 को अस्पताल में इस महिला के इलाज के दौरान पेशाब की नली लगाते समय देखा कि उसके गुप्तांग पर ताला जड़ा हुआ है।

डॉक्टर ने अदालत में बताया कि इस ताले के बारे में जब पीडिता से पूछा गया तो उसने बताया कि उसका पति चार साल पहले गांजा पिलाकर उसे बेहोश कर दिया था। इसके बाद एक नुकीले औजार से छेद करके उसके गुप्तांग पर ताला लगा दिया गया। पुलिस के मुताबिक सोहनलाल रोज सुबह काम पर जाने से पहले अपनी पत्नी के गुप्तांग पर ताला लगा देता था और रात को जब काम से लौटता तो ताला खोल देता था। ताले की चाबी भी सोहन लाल अपने पास ही रखता था।