पत्नी के गुप्तांग पर लॉक,10 साल सजा
इंदौर। क्रूरता की सभी हदें पार करने वाले एक पति को अपने जीवनसाथी के गुप्तांग पर ताला लगाने के जुर्म में जिला न्यायालय सोहन लाल को 10 साल के सश्रम कारावास और 1,000 रूपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश अवनींद्र कुमार सिंह ने बहुचर्चित मामले में 38 वर्षीय सोहनलाल को भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धारा के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।
अदालत ने कहा सोहनलाल के खिलाफ यह आरोप सिद्ध हो चुका है कि उसने अपनी पत्नी के गुप्तांग पर एक नुकीले औजार से छेद करके ताला लगाकर उसे गंभीर चोटें पहुंचाई हैं। उसके चरित्र पर शक करके उसे मानसिक रूप से प्रताडित किया है।
इधर अभियोजन पक्ष की वकील ज्योति तोमर ने बताया कि जीवनसाथी की क्रूरता की शिकार हुई महिला अपने पति के खिलाफ लगाए गए संगीन आरोपों से इंकार करते हुए खुद के पुराने बयानों से अदालत में पलट गई थी, लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और गवाहों बयानों के आधार पर अभियोजन पक्ष अदालत के सामने यह साबित करने में सफल रहा कि पेशे से ऑटो मैकेनिक सोहन लाल ने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक के चलते कम से कम चार साल तक उसके गुप्तांग पर ताला लगाकर रखा। ताले को समय-समय पर वह खोलता और बंद करता रहा।
इस मामले का खुलासा 16 जुलाई 2012 को तब हुआ जब लम्बे वक्त से अपने पति की क्रूरता झेल रही महिला ने चूहे मारने वाली दवा पीकर आत्म हत्या करने का प्रयास किया और उसे शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा मौजेस ने अदालत में गवाही देते हुए कहा16 जुलाई 2012 को अस्पताल में इस महिला के इलाज के दौरान पेशाब की नली लगाते समय देखा कि उसके गुप्तांग पर ताला जड़ा हुआ है।
डॉक्टर ने अदालत में बताया कि इस ताले के बारे में जब पीडिता से पूछा गया तो उसने बताया कि उसका पति चार साल पहले गांजा पिलाकर उसे बेहोश कर दिया था। इसके बाद एक नुकीले औजार से छेद करके उसके गुप्तांग पर ताला लगा दिया गया। पुलिस के मुताबिक सोहनलाल रोज सुबह काम पर जाने से पहले अपनी पत्नी के गुप्तांग पर ताला लगा देता था और रात को जब काम से लौटता तो ताला खोल देता था। ताले की चाबी भी सोहन लाल अपने पास ही रखता था।
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