"कटारिया बेदाग,सोहराबुद्दीन था आतंकी"
भोपाल। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में नाम आने के बाद राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री और अब नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा था कि वह आर के मार्बल के मालिक पाटनी को नहीं जानते हैं,न ही उनको इस बात की जानकारी थी की सोहराबुद्दीन मार्बल व्यपारियों से रंगदारी वसूल करता था।
वहीं,भोपाल स्थित आरएसएस से जुड़े संगठन विश्व संवाद केंद्र ने अपने साप्ताहिक लेख में गुलाब चंद कटारिया का बचाव करते हुए कहा है कि सोहराबुद्दीन शेख को आतंकी माना है।
"सोहराबुद्दीन संत नहीं था" शीर्षक से छपे लेख में कहा गया है कि उसे एक ऎसे ही मरना था। अगर पुलिस ने उसे नहीं मारा होता तो महात्मा या धर्मात्मा के रूप में कोई आम आदमी उसे मार डालता ।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में कटारिया की संभावित गिरफ्तारी से पहले छपे इस लेख में राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री को आदर्शवादी व्यक्ति कहने के साथ ही राजनीति में नैतिकता
का उदहारण बताया है। आगे कहा गया है कि सोहराबुद्दीन आतंकी था जिस पर 56 मामले
चल रहे थे और वह गुजरात के मुख्मंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की फिराक में था।
कटारिया जैसे बेगुनाह और बेदाग व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले सोहराबुद्दीन जैसे आतंकी के अपराधों को दुनिया के सामने लाना चाहिए। लोगों को यह बताने कोशिश की
गई है कि सोहराबुद्दीन एक आम आदमी था।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ को गुजरात और राजस्थान पुलिस का संयुक्त कार्य बताने से पहले लेख में कहा गया है कि कांग्रेस के नेताओं के लिए वह एक साधारण चोर था। लेख में आरोप लगाया गया है कि सोहराबुद्दीन राजस्थान और गुजरात के मार्बल व्यपारियों से पैसों की उगाही करता था।
साथ ही कहा गया है कि वह एक ट्रक ड्राइवर जो दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने वाले दो अन्य ड्राइवरो के संपर्क में आने के बाद वह रंगदारी वसूलने जैसे मामलों में शामिल हो गया।
लेख में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के शहर कराची के दो सिम कार्ड बरामद हुए थे,जिससे यह साबित होता है कि वह दाऊद और लशकर-ए-तयैबा के संपर्क में था। यही नहीं,1998 में कोयंबटूर में हुए बम धमाकों सहित वह आतंक के कई मामलों में शामिल था।
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