सोमवार, 21 जनवरी 2013

जागरूकता कार्यक्रम चलाने में एनजीओ की सहभागिता जरूरी - श्रीमती दीपक कालरा


स्वयंसेवी संस्थाओं से बालश्रम  रोकथाम में आगे आने का आह्वान
जागरूकता कार्यक्रम चलाने में एनजीओ की सहभागिता जरूरी - श्रीमती दीपक कालरा
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षों ने ली जैसलमेर में बैठक
       

जैसलमेर, 21 जनवरी/ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती दीपक कालरा  ने जैसलमेर सर्किट हाउस में स्वयं सेवी संगठनों के साथ बैठक लेकर बालसंरक्षणशिक्षा का अधिकारकुपोषित बच्चों को पोषण का अधिकार के साथ ही संरक्षण आयोग द्वारा किये जा रहे कार्यो के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य कार्य सरकार द्वारा संचालित नीतियों की प्रभावी मॉनिटरिंग करना है।
       आयोग की अध्यक्ष कालरा ने स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों से कहा कि वे बाल श्रम रोकथाम के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने में पूरा सहयोग दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार लागू होने के बाद जो बच्चे अभी भी शिक्षा से वंचित हैं या निजी विद्यालयों में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है उसके बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अवगत कराएं।
       उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्राें पर बच्चों को दिये जा रहे पौष्टिक आहार के बारे में भी उनसे जानकारी प्राप्त की एवं कहा कि जिले में जहां भी कुपोषित या अतिकुपोषित बच्चे पाए जाए तो उनकी भी सूचना आयोग को दें। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठनाें को भी बालश्रम रोकथामबाल कुपोषण को कम करनेबालश्रम पुनर्वास के संबंध में भी विशेष कार्य करने की जरूरत है तभी हम इस क्षेत्र में सुधार ला सकते हैं।  
       आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि बालश्रम रोकथाम के लिए बाल कल्याण समिति को काफी अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संस्थाओं को भी इस काम के लिए बाल कल्याण समिति को पूरा सहयोग करना चाहिए।
       बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अशोक मोदीसहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने बाल कुपोषण को रोकनेबाल श्रम रोकथाम एवं उनके संरक्षणविशेष योग्य जनाें को शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के संबंध में अपनी ओर से सारगर्भित सुझाव पेश किए।
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स्वर लहरियों का माधुर्य बिखरते हैं जैसाण के सुर साधक


स्वर लहरियों का माधुर्य बिखरते हैं
जैसाण के सुर साधक
                                                डॉ. दीपक आचार्य
                                                           9413306077
       जैसलमेर की लोक लहरियों के प्रवाह को अक्षुण्ण बनाए रखने में जैसाण के लोक कलाकारों और गायकों का कोई मुकाबला नहीं।
       जैसलमेर की माटी में ही जाने कैसी असीम ऊर्जा और गंध समायी है कि यहाँ प्राचीनकाल से लेकर अब तक जर्रा-जर्रा लोक लहरियों का जयगान करता नहीं अघाता। लोकवाद्योंस्वरों और गायन पर थिरकता यह मरु अँचल न केवल भारतवर्ष अपितु पूरी दुनिया में अनूठा है जहाँ की हवाओं में भी सांगीतिक ताजगी महसूस होती है।
       मरुभूमि जैसलमेर के हर क्षेत्र में सुर साधकों की व्यापक परम्परा है। इनमें जैसलमेर के प्रेमशंकर व्यासमहेश गोयल और अशोक शर्मा उन कलाकारों में शामिल हैं जिन्हें धर्म-संस्कृति से जुड़े विभिन्न आयोजनों में पूरी मस्ती के साथ अपने फन का जादू बिखेरते हुए देखा जा सकता है।
       पं. प्रेमशंकर व्यास
       जैसलमेर मूल के प्रेमशंकर व्यास पुष्टिमार्गीय धार्मिक संस्कारों से ओत-प्रोत व्यक्तित्व हैं जो बचपन से ही भजन गायगीझाँझमँंजीरा व करतालवादन करते हुए आज इन विधाओं में जबर्दस्त प्रावीण्य सम्पन्न हैं।
       जैसलमेर के तलोटीव्यासपाड़ा में रहने वाले 58 पार प्रेमशंकर व्यास का जन्म 5 मई 1955 को हुआ। शैशव का उनका संगीत शौक बाद में इतना परवान चढ़ा कि इस रुचि ने उन्हें शोहरत के शिखर का आस्वादन कराया। भजन में कोरस देने के साथ ही वाद्यों की सुर-ताल से सधी हुई उनकी संगत बेहद लाजवाब होती है। प्राच्यविद्याओं को जीवन निर्वाह का माध्यम बनाने वाले पं. प्रेमशंकर व्यास कर्मकाण्ड में भी दक्ष हैं।
       महेश गोयल
       जैसलमेर की धरा पर 16 सितम्बर 1982 को जन्म लेने वालेदर्जी पाड़ा निवासी महेश गोयल हारमोनियम व की-बोर्ड वादन में अच्छी ख़ासी महारत रखते हैं। इसके साथ ही वे बेहतरीन संगत कलाकार भी हैं। सिलाई कार्य को अपनी आजीविका निर्वाह का माध्यम बनाने वाले महेश गोयल पिछले एक दशक से लोक सांस्कृतिक आयोजनोंमेलों-उत्सवों में शिरकत करते आ रहे हैं।
       तबला वादक अशोक शर्मा
       दैवाराधन और मंदिर में सेवा कार्यो में रत अशोक शर्मा का जन्म 27 जनवरी 1988 को हुआ। मंदिर में सेवा-पूजा करते हुए प्रभु भक्ति में स्वर-आराधन की दिली इच्छा हुई तो तीन-चार वर्ष में तबला व झींझा वादन सीखा और उसमें दक्षता पायी।
       मंदिर में भक्ति संगीत का कोई सा उत्सव हो अथवा कोई सांस्कृतिक कार्यक्रमअशोक शर्मा का तबलावादन आकर्षण जगाने के साथ ही रसिकों को गहरे तक आनंद की अनुभूति कराने वाला है।
       इन तीनों ही लोक कलाकारों और भजन गायकों को जैसलमेर के विभिन्न सांस्कृतिक मंचों पर अपने हुनर के रंग बिखेरते हुए देखा जा सकता है। वर्तमान पीढ़ी के इन नायाब कलाकारों पर जैसाण को गर्व है।

शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

संघर्ष समिति ने सोनिया गांधी को लिखा ख़त, कहा- चिंतन शिविर में राजस्थानी हो प्रमुख मुद्दा, सरकार का वक्तव्य दिलाया याद

राजस्थानी को मिले मान्यता
संघर्ष समिति ने सोनिया गांधी को लिखा ख़त, कहा- चिंतन शिविर में राजस्थानी हो प्रमुख मुद्दा, सरकार का वक्तव्य दिलाया याद


जयपुर. अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माध्यम से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पत्र भेजकर राजस्थानी भाषा को शीघ्र संवैधानिक मान्यता देने की मांग की है।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष के.सी. मालू व महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ ने सरकार को राज्य विधानसभा के 25 अगस्त 2003 के सर्व सम्मत संकल्प के साथ-साथ लोकसभा में 17 दिसंबर 2006 को तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का वह वक्तव्य भी याद दिलाया है जिसमें सांसद गिरधारीलाल भार्गव, रासासिंह रावत व डॉ. कर्णसिंह यादव के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि बजट सत्र 2007 में राजस्थानी एवं भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता हेतु सरकार कृत संकल्प है।
समिति ने चिंतन शिविर में राजस्थानी के सवाल को राज्य का प्रमुख मुद्दा बनाने की मांग करते हुए कहा है कि राजस्थान के बालकों को अपनी मातृभाषा में पढऩे का अधिकार, राज्य के युवाओं को देश के अन्य प्रदेशों यथा यूपी, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र आदि की भांति आईएएस, रेलवे, केन्द्रीय सेवा, टेट, राज्य प्रशासनिक सेवाओं, एडीजे व अन्य राज्य सेवाओं में अपनी मातृभाषा के प्रश्र पत्र व माध्यम का अधिकार, राज्य के प्रतिनिधियों को संसद व राज्य विधानसभा में अपनी मातृभाषा राजस्थानी में शपथ लेने व भाषण देने का अधिकार, राजस्थान वासियों को अपनी भाषा में राज करने व सरकारी योजनाओं की जानकारी हासिल करने के अधिकार तथा राजस्थानी लोक कलाकारों, फिल्मकारों, साहित्यकारों आदि को संरक्षण दिए जाने से ही जयपुर में चिंतन शिविर करने की सार्थकता सिद्ध होगी।
प्रेषक- डॉ. सत्यनारायण सोनी, प्रदेश मंत्री, अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति

युवक की मौत पर फूटा आक्रोश

युवक की मौत पर फूटा आक्रोश

जैसलमेर। जैसलमेर जिले मे एक युवक की संदिग्ध मौत के मामले ने बुधवार को तूल पकड़ लिया। गुस्साए लोगो ने सड़क पर पत्थर लगाकर युवक का शव लेकर आ रही एंबुलेस "108" का रास्ता रोक दिया और एंबुलेस से शव लेने से इनकार कर दिया। लोगो ने आरोप लगाया कि युवक की मौत एक सुनियोजित हत्या का मामला है, लेकिन उसे हादसा बताने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ ही देर मे एंबुलेस के पास भीड़ जमा हो गई और गुस्साए लोगों ने शहर कोतवाली के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया। लोगों ने रास्ता भी जाम किया और दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही नहीं होने दी गई। इस दौरान सड़क के दोनो ओर वाहनो की कतार लग गई।

ऎहतियात के तौर पर कोतवाली के आगे पुलिस जाब्ता मंगाया गया। मौके पर पुलिस उपाधीक्षक शायरसिंह व शहर कोतवाल वीरेन्द्रसिंह जोधा भी मौजूद थे। उन्होने समझाइश की कि इस संबंध मे रिपोर्ट पेश करें, कार्रवाई जरूर होगी। इससे पूर्व बइया क्षेत्र के युवक सुन्दरराम को गंभीर हालत मे जैसलमेर के जवाहर अस्पताल लाया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए एंबुलेंस 108 से जोधपुर रैफर किया गया, लेकिन मार्ग मे ही उसकी मौत हो गई।

पीडित पक्ष के लोगो का आरोप है कि संुदराराम की सोची-समझी साजिश के तहत हत्या की गई है, लेकिन कहानी यह बनाई जा रही है कि वह शिकार के लिए कुछ लोगो के साथ गाड़ी मे गया और वहां दुर्भाग्यवश बंदूक का ट्रेगर दबने से उसे गोली लग गई। उन्होने आरोप लगाया कि यह सब कहानी मामले से ध्यान हटाने के लिए बनाई जा रही है। उन्होने मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की।

हत्या का मामला दर्ज
मामले को लेकर मचे बवाल के बाद सम पुलिस थाना मे हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार गैनाराम पुत्र रामराम राणा राजपूत निवासी खुहड़ी ने रिपोर्ट पेश कर आरोप लगाया कि मंगलवार रात्रि करीब साढ़े बारह बजे सम हल्का के चानणे की बस्ती के पास उसका भानजा सुन्दरराम पुत्र रूपाराम निवासी बईया स्कार्पियो वाहन में जा रहा था। गाड़ी में सवार सोभारे खां, दिलबर खां, नवाब खां, अल्ले खां, शौकत खां निवासी सगरों की बस्ती ने गोली मार दी।

जानकारी मिलने पर जब वह जैसलमेर पहुंचा तो रात्रि में करीब 2 बजे जवाहर अस्पताल में भांजे को बेहोशी हालत में देखा। उसके बांये कंधे के पास गोली लगने से उसकी हालत नाजुक होने से उसे जैसलमेर से जोधपुर रैफर किया गया। बालेसर के पास उसके भांजे सुन्दरराम की मृत्यु हो गई। रिपोर्ट पर पुलिस थाना सम में हत्या का मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच खुहड़ी थानाधिकारी किशोरसिंह को सुपुर्द की गई है।

मावठ की बौछारों से चमकी सर्दी

मावठ की बौछारों से चमकी सर्दी

बाड़मेर बाड़मेर सहित बालोतरा उपखंड क्षेत्र में गुरूवार को मावठ की हल्की बरसात ने सर्दी बढ़ गई। बुधवार देर रात के बाद शुरू हुआ रिमझिम फुहारों का दौर गुरूवार को देर शाम तक जारी रहा। कड़ाके की ठण्ड से बेहाल लोग सूरज के दर्शन को तरस गए। लोगों को दोपहर में भी अलाव तापने पड़े। बुधवार देर रात के बाद मौसम ने यकायक पलटा खाया। घटाटोप आसमान से रिमझिम बौछारें गिरने लगी। सुबह उठने पर लोगों को सारा माहौल भीगा-भीगा नजर आया। दिनभर थम-थमकर बौछारो का क्रम जारी रहा। मौसम का मिजाज देर शाम तक भी सुधर नहीं पाया।

ठिठुरन के कारण पकवानों व व्यंजनों का लोगों ने आनंद उठाया। मामूली बरसात के बाद भी पुराना बस स्टेण्ड स्थित नगरपालिका के अण्डरब्रिज में पानी का भराव हो जाने से आवागमन बंद रहा। बरसात के दौरान शाम को शहर की बिजली व्यवस्था गुल हो गई। पचपदरा, कुड़ी, सरवड़ी, कल्याणपुर, डोली, अराबा, मंडली, थोब, पाटोदी, गोपड़ी, आकड़ली, दूदवा, बागुण्डी, तिलवाड़ा, मेवानगर, सिणली, वरिया, असाड़ा, टापरा, बुड़ीवाड़ा, सराणा, आसोतरा, बिठूजा, मूंगड़ा आदि गांवों में दिनभर घटाटोप आसमान से बूंदाबांदी चलती रही।

सिवाना उपखंड क्षेत्र में भी मावठ की बरसात से ठंड बढ़ गई। गुरूवार तड़के करीब चार बजे शुरू हुआ बरसात का दौर दिनभर थम थमकर चलता रहा। कई बार परनालों से पानी बहने लगा। सड़कें तरबतर रही। समदड़ी, मोकलसर इलाके में भी मावठ की बरसात के बाद मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा।
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रेगिस्तान के बबूल के बीज से अब बनेगी कॉफी

रेगिस्तान के बबूल के बीज से अब बनेगी कॉफी
बाड़मेर। सब ठीक रहा तो कॉफी के शौकीन अब विलायती बबूल के बीज से बनी कॉफी पीते नजर आएंगे। उम्मीद है कि मार्च 2013 के बाद इस कॉफी का व्यावसायिक उपयोग होने लगेगा। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र दांता में इसका संयंत्र भी लग गया है। यहां बबूल से बनी कॉफी का उत्पादन हो रहा है। इसे बनाने में काजरी जोधपुर के वैज्ञानिकों की खास भूमिका रही है। खाद्य सुरक्षा को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट न्यूट्रीशियन हैदराबाद ने इसका परीक्षण भी किया है। इसके नतीजे भी आशानुरूप आए हैं, हालांकि अभी क्रोनिक प्रोक्सिसिटी टेस्ट के नतीजे आने हैं, लेकिन इसके भी आरम्भिक नतीजे उत्साहवर्घक हैं। ऎसे में वह दिन दूर नहीं जब बबूल के पेड़ के बीज से बनी कॉफी बाजार में बिकने लगेगी।

सीमावर्ती जिले में बहुतायत और प्राय: अनुपयोगी समझे जाने वाले विलायती बबूल से कॉफी बनेगी। काजरी में अनुसंधान के बाद आरम्भिक तौर पर जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र दांता में कॉफी उत्पादन संयंत्र लगाया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार बबूल के बीजों को पीसकर 270 सेंटीग्रेड पर गर्म किया जाता है। बाद में ठण्डा कर दिया जाता है। एक किलो कॉफी के पैकेट में सात सौ ग्राम बबूल की कॉफी, दो सौ ग्राम प्राकृतिक कॉफी और सौ ग्राम चिकरी पाउडर (कॉफी की कड़वाहट कम करने के लिए) मिला इसे तैयार करते हैं।

स्वास्थ्यप्रद होगी
बबूल के बीज से बनने वाली कॉफी प्राकृतिक कॉफी से कहीं सस्ती और स्वास्थ्यवर्घक है। प्राकृतिक कॉफी में जहां निकोटिन की मात्रा अधिक होती है, वहीं इसमें आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस और कार्बोहाइटे्रट की मात्रा अधिक होने से नुकसानदायक नहीं है। प्राकृतिक कॉफी की बाजार कीमत करीब पन्द्रह सौ रूपए प्रतिकिलो है जबकि यह कॉफी तीन सौ रूपए किलो में तैयार हो रही है।

मार्च तक बाजार में
इसे काजरी ने खाद्य सुरक्षा को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट न्यूट्रीशियन हैदराबाद में जांच के लिए भेजा। वहां एक्यूट प्रोक्सिसिटी (प्रथम जनरेशन जांच) में इसे सही पाया गया। वर्तमान में क्रोनिक प्रोक्सिसिटी जांच (एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन पर प्रभाव) चल रही है। इसके नतीजे मार्च 2013 तक आने की उम्मीद है। इसके बाद इसका व्यावासयिक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

बन सकता है लघु उद्योग
जिले मे पांच-छह किसानों ने बबूल के बीज से कॉफी बनाने में रूचि दिखाई है। उत्पादन आरम्भ होते ही सीमावर्ती जिले में कॉफी उत्पादन लघु उद्योग के रूप में विकसित हो सकता है। इसमें घर बैठे ही रोजगार की असीम संभावनाएं रहेगी।

संयंत्र लगा है- बबूल के बीज से कॉफी उत्पादन हो रहा है। दांता में स्थापित संयंत्र से अभी तो इसे प्रायोगिक तौर पर बाजार में दिया जा रहा है।
डॉ. प्रदीप पगारिया, केन्द्र प्रभारी,कृषि विज्ञान केन्द्र दांता

मार्च के बाद उत्पादन
बबूल के बीज से कॉफी उत्पादित करने में काजरी को सफलता मिली है।
डॉ. जे सी तिवारी प्रधान वैज्ञानिक, काजरी, जोधपुर

बुधवार, 16 जनवरी 2013

सरे आम गोली मारकर की हत्या

सरे आम गोली मारकर की हत्या



पुलिस थाना सम में हत्या का मामला दर्ज

जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिले में बुधवार प्रातः एक जने को सरे आम गोली मरकर हत्या करने से सनसनी फ़ैल गई .पुलिस सूत्रानुसार जैसलमेर कोतवाली में प्रार्थी गैनाराम पुत्र रामराम जाति राणा राजपुत निवासी ,खुहडी ने रिपोर्ट पेश कि की दिनांक 15.01.2013 की रात्रि को लगभग 12.30 बजे के आसपास सम हल्खा के चानणे की बस्ती के पास मेरे भाणेज सुन्दरराम पुत्र रूपाराम जाति राणा राजपुत निवासी बईया जो स्कोरपियो में सवार सोभारेखॉ, दिलबरखॉ, नवाबखॉ, अल्लेखॉ, शोकतखॉ निवासियान सगरो की बस्ती ने गोली मारकर हत्या कर दी। मुझे जानकारी मिलने पर मैं जैसलमेर पहॅूचा। तो रात्रि में करिबन 2.00 बजे जवाहर चिकित्सालय जैसलमेर में मेरे भाणेज को बेहोशी हालत में देखा, जिसके बाये कंधे के पास गोली लगने से हालत नाजूक होने से जैसलमेर से जोधपुर रेफर किया गया। बालेसर के पास मेरे भाणेज सून्दरराम की मृत्यु हो गई। वगैरा रिपोर्ट पर पुलिस थाना सम में हत्या का मामला दर्ज कर अनुसंधान किशोरसिंह उनि थानाधिकारी पुलिस थाना खुहडी को सूपूर्द किया गया। अनुसंधान जारी है।

जैसलमेर में अजा-जजा अत्याचार निवारण विषयक कार्यशाला अजा-जजा के लोगों तक पहुंचायें कानूनी प्रावधानाें की जानकारी


जैसलमेर में अजा-जजा अत्याचार निवारण विषयक कार्यशाला
अजा-जजा के लोगों तक पहुंचायें कानूनी प्रावधानाें की जानकारी
   जैसलमेर, 16 जनवरी/  जैसलमेर में बुधवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तत्वाधान में डीआरडीए सभागार में सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955एवं अनुसूचित जाति -जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1959 नियम 1995 के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में कार्यशाला आयोजित हुई।
   इस कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेव सिंह उज्जवलअतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानकाअतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगदीश गौडनगर विकास न्यास के सचिव आर. डी. बारठपंचायत समिति जैसलमेर के प्रधान मूलाराम चौधरी के साथ जिलास्तरीय अनुजा अत्याचार निवारण समिति के सदस्य सुदामाराम,  देशलाराम एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारीअधिवक्तागण एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
   शोषण को रोकने कानूनी प्रावधानों की मदद
   मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेवसिंह उज्जवल ने कहा कि समाज में हर वर्ग के लोगों को जीने का समान अधिकार है लेकिन प्राचीन कर्म व्यवस्था के कारण समाज को विभिन्न वर्गो मे बांट कर उन्हें अलग अलग रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि दलित वर्ग के साथ शोषण को रोकने के लिये बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने संविधान में कानूनी प्रावधान किये उसी का आज परिणाम है कि इन वर्गों के लोगाें को समानता से  जीने का अधिकार मिला है।
   लोक जागरुकता के लिए ठोस प्रयास जरूरी
   अतिरिक्त जिला कलक्टर धानका ने कहा कि सदियों से दलित वर्ग शोषित रहा है लेकिन जब से अजा-जजा अत्याचार अधिनियम लागू हुए हैं उसके कारण शोषण मे निरन्तर कमी आई है। उन्होंने कहा कि कानून में जो प्रावधान एवं अधिनियम लागू किये हैं उसको दलित एवं शोषित वर्ग तक पहुंचाने की जरूरत है एवं उनमें जागरूकता लानी है ताकि उन्हें भी समाज मे समान रूप से जीने का अधिकार मिले।
   गरीब तबकों तक पहुंचायें जानकारी
   उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के प्रावधानों के कारण पीड़ित परिवाराें को आर्थिक सहायता का लाभ दिया जा रहा है लेकिन अभी तक इसका सही प्रचार-प्रसार नहीं होने से दलित पीड़ित व्यक्ति इसका पूरा लाभ नहीं ले पाता है। उन्हाेंने स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियाें एवं संभागियाें से कहा कि इस अधिनियम की जानकारी समाज के गरीब व्यक्ति तक पहुंचाये तभी ऎसी कार्यशालाआें की सही उपादेयता सिद्ध होगी।
   सामूहिक प्रयासों की जरूरत
   नगर विकास न्यास सचिव आरडी बारठ ने कहा कि आधुनिक युग में वर्ग विशेष के साथ अत्याचार होना एवं चिन्तनीय विषय है वहीं यह समाज के लिये भी कलंक है। उन्होंने कहा कि समाज सुधारकाेंकानूनविदोंबुद्धिजीवियों,राजनैतिक प्रयासाें से दलित वर्ग के उत्थान के लिये अनेक कानूनी प्रावधान बनाये गये हैं जिसके परिणाम स्वरूप आज दलित वर्ग को समानता से जीने का पूरा अधिकार है।
   लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से बढ़े अधिकार
   पंचायत समिति जैसलमेर के प्रधान मूलाराम चौधरी ने कहा कि लोकतान्ति्रक व्यवस्था में अजा एवं जजा वर्ग के लिये आरक्षण का प्रावधान करने से उन्हें बहुत बड़ा अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा के प्रसार के कारण हर वर्ग को समानता से जीने का हक है। यदि कोई ऎसे वर्ग के साथ अत्याचार करता है तो कानूनी प्रावधानाें से उन्हें पूरा संरक्षण मिलता है। उन्होंने अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिये सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का गरीब व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने पर विशेष जोर दिया एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को इसमें सहयोग देने का आग्रह किया।
   शिक्षा और जागरुकता से मिली नई दृष्टि
   जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी मोहनलाल बारूपाल ने भी संभागियाें को अजा-जजा अत्याचार निवारण अधिनियम के बारे मे लोगों को जागरूक करने की अपील की। उन्हाेंने कहा कि मानसिक बदलाव से आज सभी वर्गो में सामाजिक समरस्ता का भाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने बालिका शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इन वर्ग की बालिकाओं को शिक्षित करना भी बहुत जरूरी है।
   कार्यशाला में अधिवक्ता कंवराजसिह एवं प्रेमप्रकाश शर्मा ने संभागियों को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण नियम 1955 के प्रावधानों के बारें में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
   सहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया ने इस कार्यशाला के उद्देश्याें पर प्रकाश डाला एवं अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला के प्रारम्भ में अतिथियों ने मां सरस्वती की तस्वीर एवं संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। कार्यशाला में संभागियाें ने अजा-जजा अत्याचार निवारण के संबंध मे अपने विचार व्यक्त किये।
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जैसलमेर में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह पर रैली का आयोजन
कलक्टर एवं एसपी ने दिखाई हरी झण्डी
   जैसलमेर 16 जनवरी/जैसलमेर में 24 वें राष्ट्रीय सडक सुरक्षा सप्ताह का शुभारम्भ बुधवार सडक सुरक्षा जागरूकता रैली से किया गया। परिवहन विभाग तत्वावधान में आयोजित इस रैली को जिला कलक्टर शुचि त्यागी ,जिला पुलिस अधीक्षक ममता राहुल,नगर परिषद के सभापति अशोक तंवर ने हनुमान चौराहे से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
   इस रैली में नगर के विभिन्न विद्यालयाें के विद्यार्थियाें के साथ ही स्काउट बालचरों ने अपने हाथाें में सड़क सुरक्षा संबधित नारों की तख्तियां लिये हुए पूरे मार्ग तक उद्घोष करते हुए आमजन को सडक सुरक्षा के नियमाें का सन्देश दिया। यह रैली मुख्य बाजारगोपा चौक, आसनी रोड,गोपा सर्किलगडीसर चौराहा होती हुई सत्यदेव व्यास पार्क पहुंची।
   इस रैली से पूर्व वहां बड़ी संख्या मे उपस्थित वाहन चालकोंवाहन स्वामियों एवं आमजन को सड़क सुरक्षा के नियमाें की जानकारी दी गई। जिला परिवहन अधिकारी अनिल पण्ड्या ने बताया कि इस रैली मेें दुपहिया वाहन चलाते समय हैलमेट लगानेचार पहिया वाहन चलाते समय सीट बैलेट लगाने का भी सन्देश दिया जा रहा था।
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जैसलमेर न्यायालयों में दो स्थानीय सार्वजनिक अवकाश घोषित
   जैसलमेर 16 जनवरी/ जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोरधन लाल मीना ने एक आदेश जारी कर  जैसलमेर न्याय क्षेत्र में स्थित समस्त न्यायालयों के लिए वर्ष 2013 में दो स्थानीय सार्वजनिक अवकाश घोषित किए हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना द्वारा जारी आदेश के अनुसार अक्षय तृतीया 13 मई तथा धनतेरस नवम्बर 2013 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।
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जैसलमेर में युवा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत चित्रकला प्रतियोगिता
   जैसलमेर 16 जनवरी/ राष्ट्रीय मतदाता दिवस के कार्यक्रमों की कडी में बुधवार, 16 जनवरी को अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जैसलमेर में विद्यार्थियों की चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रधानाचार्य बंशीधर सोनी ने बताया कि यह प्रतियोगिता डॉ. घनश्याम गोस्वामी के निर्देशन में आयोजित की गई जिसमें विद्यालय के 27 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
   इस चित्रकला प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने ड्राईग शीट पर रंग-बिरगी पोशाक पहने हुए स्त्री पुरुषों को मताधिकार का प्रयोग करते हुए चित्रित किया गया। इनमें अधिकांश युवा चित्रकारों ने ग्रामीण परिवेश से संबंधित मतदान को अभिप्रेरित करते हुए चित्र बनाकर अपनी आकृतियों को रूप दिया।
   कार्यक्रम प्रभारी प्रशांत शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर मताधिकार से ओत-प्रोत निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें विद्यार्थियाें ने भाग लेकर अपने भाषण प्रस्तुत किये। इस प्रतियोगिता में पदमाराम प्रजापत प्रथमरौनक व्यास द्वितीय एवं संतोष कंवर तृतीय स्थान पर रही।
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दुर्घटना में मृतकों  के दो परिजनों को 
मुख्यमंत्री सहायता कोष से 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता
   जैसलमेर, 16 जनवरी/ जैसलमेर जिले के दलपतपुरा से पोकरण के बीच 19 दिसम्बर को मोटर साईकिल एवं मिनी बस की टक्कर से हुई दुर्घटना में खेरदीन खां पुत्र लखु खां,रहमान खां पुत्र लखु खांनिवासी दलपत पुरा की मृत्यु होने पर तहसीलदार पोकरण की रिपोर्ट के आधार पर जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने एक आदेश जारी कर मुख्यमंत्री सहायता कोष से इन दोनों मृतकाें के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है।
   जिला कलक्टर त्यागी ने तहसीलदार पोकरण कोे निर्देश दिए कि वे मृतकाें के परिजनो को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता का भुगतान करें।
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गुरुवार को चार ग्राम पंचायतों पर लगेंगे प्रशासन गांवों के संग शिविर
   जैसलमेर, 16 जनवरी/ प्रशासन गावों के संग अभियान की कडी में चल रहे शिविर कार्यक्रमों के अन्तर्गत गुरुवार, 17 जनवरी को 4 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर शिविर लगेंगे। अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका ने बताया कि गुरुवार को ग्राम पंचायत सलखा मुख्यालय दामोदरा मेंग्राम पंचायत रामगढ़देवडा व उजला में शिविर लगेंगे। उन्होंने इस क्षेत्र के ग्रामवासियों से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में शिविर में पहुंचकर अपनी समस्याओं का निराकरण करें। उन्होंने बताया कि शुक्रवार, 18 जनवरी को ग्राम पंचायत कनोईनेहडाईचेलक व केलावा में प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर रखे गये हैं।
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जैसलमेर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रिहर्सल प्रारंभ
गांधी कॉलोनी राप्रावि में हो रहा है रिहर्सल
   जैसलमेर, 16 जनवरी/ गणतंत्र दिवस समारोह, 26 जनवरी को सायं आयोजित होने वाले जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का रिहर्सल राजकीय प्राथमिक विद्यालय गांधी कॉलोनी में प्रारम्भ हो गया है। इस सांस्कृतिक रिहर्सल में नगर में स्थित राजकीय एवं निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं सांस्कृति कार्यक्रमों के गुर सीख रही हैं।
   इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में तबला वादक उस्ताद मोहन खां के निर्देशन में छात्र छात्राएं सांस्कृतिक कार्यक्रम का रिहर्सल कर रही हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि जो स्कूल अभी तक रिहर्सल में नहीं आई है वे भी किसी भी सूरत में गुरुवार तक आ जाए अन्यथा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
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ग्राम चेलक में शुक्रवार को ऎस्केड योजना का अवेयरनेस कैम्प का होगा
   जैसलमेर, 16 जनवरी/ ऎस्केड योजना के अन्तर्गत ग्राम पंचायत चेलक में शुक्रवार, 18 जनवरी को पशु अवेयरनेस कैम्प का आयोजन रखा गया है। इस कैम्प में पशुपालको को पशु पालन विभाग की योजनाओं की जानकारी के साथ ही पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाकर पशुओ का उपचार किया जायेगा। उपनिदेशक पशुपालन डॉ. एस.के सिंह ने बताया कि इस जागरूकता कैम्प में डॉ. पवन कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी एवं जनक सिंह पशुओें का उपचार करेंगे।

- यातायात सप्ताह में समाजसेवी की अनूठी पहल


वाहनों के लगाये टेकनो रिफ्लेक्टर 
- यातायात सप्ताह में समाजसेवी की अनूठी पहल 
- जिले में पहली बार नव तकनीक के रिफ्लेक्टर लगाये

          
                                                         

 बाड़मेर
जिले भर में बुधवार की रोज यातायात सप्ताह का आगाज हुआ और इस सप्ताह में एक समाजसेवी ने अपनी अनूठी भागीदारी दर्ज करवाई है , जिले भर में रात में अँधेरे और बिना रिफ्लेक्टर के चलते होने वाले हादसों को ध्यान में रखते हुए समाजसेवी प्रकाश माली ने   शहर के हर टेक्टर और भारी वाहनों  के पीछे टेक्नो रिफ्लेक्टर लगाने के अभियन का आगाज किया . एक तरफ जहा गुजरात  राज्य से वडोदरा से मंगवाए गये इन 3 एम् डायमंड ग्रेड रिफ्लेक्टर का उपयोग पहले कभी जिले में नही हुआ है और समाजसेवी ने इसे बाड़मेर में वाहनों के पीछे लगाने के अभियान का आगाज किया हे उन्होंने बताया की उनकी इस पहल के पीछे रात में बिना रिफ्लेक्टर चलने वाले वाहनों के चलते होने वाली दुर्घटनाओ में हो रहे इजाफे की रोकना है . समाजसेवी की इस पहल का स्वागत करते हुए बाड़मेर यातायात प्रभारी उगम राज सोनी ने कहा है की जिस तरह बाड़मेर में यातायात सुधार  के लिए पुलिस प्रयाश कर रही है उसी तरह हर बाड़मेर वासी का यह जिम्मा हे की वह भी व्यवस्था सुधर के लिए अपने प्रयाश करे इसे में माली द्वारा किया गया कार्य सराहनीय होने के साथ साथ लोगो को प्रेणा देने वाला है . 

वृद्ध व विवाहिता ने ईहलीला समाप्त की

वृद्ध व विवाहिता ने ईहलीला समाप्त की

बाटाडू। गिड़ा थाना क्षेत्र के सवाऊ मूलराज गांव में एक वृद्ध ने पानी के टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। स्वरूप सिंह पुत्र चतुरसिंह निवासी सवाऊ मूलराज ने थाने में मामला दर्ज करवाया कि उसके पिता चतुरसिंह (60) पिछले 15 वर्ष से मानसिक रोगी थे। सोमवार रात्रि को खाना खाकर एवं दवाई लेकर सोने के बाद रात के समय में घर के पास स्थित पानी के टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर घटनास्थल पहुंच शव को पानी के टांके से निकालकर पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सुपुर्द किया।

समदड़ी. कस्बे में मंगलवार शाम एक विवाहिता ने फांसी का फंदा लगाकर इहलीला समाप्त कर दी। सकु (19) पत्नी देवेन्द्र ने मंगलवार शाम अपने मकान में फांसी का फंदा लगाकर इहलीला समाप्त कर दी। घटना की मिली जानकारी पर पुलिस ने मौके पर पहुंच शव चिकित्सालय पहुंचाया। बुधवार सुबह शव का पोस्टमार्टम कर इसे परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा। विवाहिता का विवाह दस माह पूर्व हुआ था। इस संबंध में पुलिस थाने मे मामला दर्ज नहीं हुआ था।

जयपुर की महिलाएं सीनियर्स की शिकार

जयपुर की महिलाएं सीनियर्स की शिकार

जयपुर। दिल्ली में गैंगरेप की घटना के बाद देशभर में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर उठ रहे सवालों के बीच एक रिसर्च ने नई बहस छेड़ दी है। आरयू के तहत हुई इस स्टडी में सामने आया है कि जयपुर के कॉरपोरेट जगत में महिलाएं असुरक्षित हैं। इस स्टडी की माने तो कार्यस्थल पर शारीरिक शोषण करने वालों में सीनियर्स सबसे आगे हैं। पिंचिंग, ग्रेबिंग, हगिंग, पेटिंग, ब्रशिंग एगेंस्ट और टचिंग के मामलों में 60 फीसदी महिलाएं सीनियर्स को दोषी बताती हैं। 31 फीसदी महिलाएं साथी कर्मचारियों पर सवाल उठाती हैं, 25 फीसदी अपने जूनियर्स के हाथों शिकार होती हंै। वर्बल एब्युज के मामले में 50 प्रतिशत महिलाएं बॉस के दुर्व्यवहार की शिकार होती हैं।

भेदभाव का अड्डा

कॉरपोरेट जगत की 72 फीसदी महिलाएं काम के चलते खुद को तनाव में महसूस करती हैं। समान शैक्षणिक योग्यता और कार्यकुशलता के बाद भी कॉरपोरेट जगत में महिलाएं भेदभाव का शिकार होती हैं। 48 फीसदी को प्रमोशन में, 34 फीसदी को जिम्मेदारी सौंपने और 18 फीसदी को व्यवहारिकता में भेदभाव महसूस होता है। प्रमोशन में भेदभाव की शिकार 124 महिलाओं का कहना है कि तरक्की के बीच उनका महिला होना आड़े आता है। जबकि 89 महिलाओं ने कहा है कि महिला समझ उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं मिलती।

"बॉस" का खौफ

23 फीसदी महिलाओं को ऑफिस में सस्पेंशन जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है, जिसकी वजह से प्रमोशन रोक लिया गया। कॉरपोरेट जगत में बॉस का खौफ सिर्फ ऑफिस तक ही सीमित नहीं रहा, घर तक भी पहुंच गया है। 26 फीसदी महिलाओं के यहां बॉस का आना-जाना रहता है। यानी ऑफिस का खौफ घर तक पहुंच जाता है। जबकि 34 प्रतिशत के यहां बॉस की एंट्री पार्टीज में होती है।

केबिन में बॉस की एंट्री!

बॉस का दखल ऑफिस में कितना होता है? इस स्टडी में पता चलता है। 50 फीसदी महिलाएं कहती हैं कि कोई काम हो या नहीं, बॉस उनके केबिन में अक्सर आते रहते हैं। 34 फीसदी कहती है कि सिर्फ काम के सिलसिले में ही आते हैं।

विरोध नहीं करती

चौंकाने वाली बात रही कि कामकाजी महिलाओं में 78 फीसदी अपने कानूनी अधिकारों से वाकिफ हैं, लेकिन 11 फीसदी ही उनका सहारा लेती है। जबकि 88 फीसदी महिलाएं कोई विरोध दर्ज नहीं कराती हैं।

क्या है स्टडी

"वीमन इन कॉरपोरेट वल्र्ड ए सोश्योलॉजिकल स्टडी" विषय पर यह स्टडी आरयू के समाजशास्त्र विभाग की पूर्व डीन डॉ. सुषमा सूद के अधीन डॉ. रेखा राठी ने की है। इस स्टडी में कॉरपोरेट कंपनियों की 260 महिलाओं को शामिल किया। शोधकर्ता राठी कहती हैं कि रिसर्च के दौरान यह जाना कि कॉरपोरेट वल्र्ड में महिलाओं में अपने गोल को अचीव करने के लिए पेशन होता है। कॉरपोरेट और दूसरे किसी भी क्षेत्र की महिलाओं की लाइफ अलग-अलग होती है। साथ ही कॉरपोरेट महिलाओं का ऑफिस के साथ-साथ घर में भी शोष्ाण होता है।

रिसर्च स्टडी के आंकड़े:

वर्बल एब्यूजिंग का सामना

51.5 प्रतिशत- बॉस
38.8 प्रतिशत- कलिग
9.6 प्रतिशत- सर्बोडिनेट

फिजिकल वाइलेंस एट वर्क पेलेस

59.6 प्रतिशत- पद में आपसे ऊंचे लोग
30.8 प्रतिशत- आपके बराबर के
9.6 प्रतिशत- आपसे नीचे के लोग

फैमिली स्ट्रक्चर

26 प्रतिशत- ज्वॉइंट फैमिली के साथ
43 प्रतिशत- न्यूक्लियर फैमिली के साथ
18 प्रतिशत- अकेले
13 प्रतिशत- दोस्तों के साथ

मेरिटल स्टेटस

64 प्रतिशत- शादीशुदा
20 प्रतिशत- कुंवारी
11 प्रतिशत- तलाकशुदा
5 प्रतिशत- विधवा

इनकम

3 प्रतिशत- बीस हजार रूपए से कम
49 प्रशित- 20 से 30 हजार रूपए
25 प्रतिशत- 30 से 50 हजार
22 प्रतिशत-50 हजार से ऊपर

एजुकेशन

8 प्रतिशत- ग्रेजुएट
33 प्रतिशत- ग्रेजुएट और एमबीए
42 प्रतिशत- स्नातकोत्तर और एमबीए
17 प्रतिशत- टैक्निकल डिग्री

ओम प्रकाश चौटाला को भेजा तिहाड़ जेल

ओम प्रकाश चौटाला को भेजा तिहाड़ जेल
नई दिल्ली। सीबीआई की विशेष अदालत ने जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला समेत 55 लोगों को दोषी करार दिया है।

कोर्ट के फैसले के बाद ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा गया है। अदालत इस मामले में सभी दोषियों के खिलाफ 22 जनवरी को सजा का ऎलान करेगी। बताया जा रहा है कि चौटाला और उनके बेटे को तीन साल से अधिक की सजा हो सकती है।

सीबीआई ने इस मामले में 62 लोगों को आरोपी बनाया था। ट्रायल के दौरान छह लोगों की मौत हो गई,जबकि एक को कोर्ट ने बरी कर दिया था। मामले की सुनवाई 17 दिसंबर 2012 को पूरी हो गई थी लेकिन अदालत ने फैसला सुनाने के लिए बुधवार का दिन तय किया था।

सीबीआई की विशेष अदालत के जज विनोद कुमार ने बुधवार को चौटाला और उनके बेटे को आईपीसी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया।

चौटाला के अलावा तत्कालीन बेसिक एजुकेशन डायरेक्टर संजीव कुमार,चौटाला के पूर्व विशेष अधिकारी विद्याधर तथा तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी को भी अदालत ने दोषी करार दिया।

साल 1999-2000 में हरियाणा में 3206 शिक्षकों की भर्ती हुई थी। उस वक्त हरियाणा में आईएनएलडी की सरकार थी और ओम प्रकाश चोटाला राज्य के मुख्यमंत्री थे।

आरोप है कि नियम-कायदों को ताक पर रखकर शिक्षकों की भर्ती की गई। शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी कर्मचारी चयन आयोग से लेकर जिला स्तर पर बनाई गई चयन कमिटी को सौंपी गई थी,जिसने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर चयनित उम्मीदवारों की की सूची तैयार की थी।

इसके लिए जिलास्तरीय चयन कमिटी में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनचाहे उम्मीदवारों के चयन के लिए बैठकों में दबाव भी बनाए गए थे।

महिला कैदी को अबोर्शन की इजाजत

महिला कैदी को अबोर्शन की इजाजत
इन्दौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इन्दौर खंडपीठ ने बुधवार को एक महिला कैदी द्वारा गर्भपात कराने की मंजूरी प्रदान कर दी। संभवत: प्रदेश के इतिहास में अपनी तरह का यह पहला मामला है। एकल पीठ के न्यायाधीश एस.सी.शर्मा ने इंदौर जिला जेल की महिला कैदी हल्लो बी की याचिका पर सुनवाई करने के बाद उसे दो विशेषज्ञ चिकित्सको की रिपोर्ट के आधार पर 12 सप्ताह से ज्यादा समय के गर्भ का गिराने की अनुमति प्रदान कर दी।

न्यायालय ने पिछली सुनवाई पर इस मामले मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंससी एक्ट 1971 की धारा 3 (2) बी के तहत 12 से 20 हफ्ते का गर्भ होने के चलते स्थानीय एम.वाई अस्पताल के दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की रिपोर्ट मांगी थी। दो विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर यह अनुमति प्रदान की। न्यायालय ने इसके साथ ही जेल अधीक्षक को आदेशित किया की महिला के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जाएंं और इसकी चार माह के अंदर रिपोर्ट पेश करे।

न्यायालय के इस आदेश को विधि विशेषज्ञ अहम फैसला बता रहे है। वही कानूनविदों के अनुसार संभवत: प्रदेश का अपनी तरह का यह पहला मामला है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले इन्दौर के संयोगितगंज थाने क्षेत्रमें हल्लो बी नामक महिला ने अपने कथित पति उस्मान पटेल की हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल में मेडीकल परीक्षण के बाद पता चला की उसे दो माह का गर्भ है। जिसके बाद उसने जेल अधिकारियों को गर्भ गिराने के लिए आवेदन दिया था।

चूंकि मामला जेल मैन्युअल से अलग था इसलिए विधिक राय के लिए भेज दिया। जहां से यह मामला पहले निचली अदालत जाने पर महिला कैदी को गर्भपात कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया। जिस पर महिला कैदी ने वकील शन्नो गुप्ता खान माध्यम से उच्च न्यायालय यह याचिका दायर की। याचिका में महिला कैदी ने कहा कि उसे बेचा गया था और उसके पेट में पल रहा गर्भ किसका है उसे पता नहीं है। वह इस अवैध संतान को जन्म नहीं देना चाहती है इसलिए उसे स्वेच्छा से गर्भपात कराने की अनुमति न्यायालय प्रदान करें।

मंगलवार, 15 जनवरी 2013

"सर्द हवा" में अलर्ट सरहद के रखवाले

"सर्द हवा" में अलर्ट पश्चिमी सरहद के रखवाले

बाड़मेर । राजस्थान फ्रंटियर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल का वार्षिक अभ्यास "सर्द हवा" सोमवार रात शुरू हो गया। यह अभ्यास उन दिनों में होता है जब उत्तर भारत कड़ाके की ठंड व कोहरे की चपेट में होता है। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर की घटना को लेकर उत्पन्न तनाव के बीच शुरू हुए अभ्यास के लिए सीमा चौकियों पर जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। वाहिनी मुख्यालयों पर तैनात अधिकारियों को भी सीमा पर भेज दिया गया है। खुफिया एजेंसियों के पाक प्रशिक्षित आतंककारियों के भारत में घुसपैठ करने की आशंका जताए जाने पर सीमा सुरक्षा बल ने सीमा पर पहले से ही हाई अलर्ट घोषित किया हुआ है।


बाड़मेर सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक  ने बताया कि 28 जनवरी तक चलने वाले अभ्यास के दौरान बल के जवानों की विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता की परख होती है। रात्रि में घने कोहरे के बीच जब हाथ को हाथ दिखाई नहीं देता तब बल के जवान तारबंदी के साथ-साथ गश्त करते हुए सीमा पार की हर हलचल पर नजर रखते हैं। चौहान ने बताया कि अभ्यास के दौरान जवान तारबंदी के आसपास उन झाड़-झंखाड़ों की सफाई करेंगे जो सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखने में बाधक बनते हैं।

पैदल गश्त पर जोर

रात्रि के समय सीमा की चौकसी के लिए सीमा सुरक्षा बल को थर्मल इमेजर व नाइट विजन जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया हुआ है। लेकिन कोहरे के समय इन उपकरणों की क्षमता पर असर पड़ता है। ऎसे में तारबंदी के साथ पैदल गश्त बढ़ा दी गई है। इसके अलावा नाकों की संख्या भी बढ़ाई गई है। गश्ती और नाकापार्टी एक-दूसरे से समन्वय रखते हुए सीमा की चौकसी करते हैं।

दुनिया भर में अनूठे हैं गजेटेड़ हनुमानजी....जैसलमेर जिले में


दुनिया भर में अनूठे हैं गजेटेड़ हनुमानजी....जैसलमेर जिले में


अब तक आपने सरकारी तंत्र में अफसरों की गजेटेड़ या नॉन गजेटेड़ (राजपत्रित अथवा अराजपत्रित) किस्मों के बारे में सुना होगा। मगर अब ऐसे हनुमानजी महाराज का पता चला है जो 'गजेटेड़' हैं। जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थित मन्दिर में विराजित बजरंग बली 'गजेटेड़ हनुमान' के नाम से जाने और पूजे जाते हैं। जन-जन में इनके प्रति अगाध आस्था और श्रृद्धा भाव हिलोरें लेता है। पूरी दुनिया में यह अपनी तरह के अन्यतम हनुमान हैं।

राजस्थान के ठेठ पश्चिम में मरुस्थलीय जैसलमेर जिले में गजेटेट हनुमान जी का मन्दिर भक्तों की आस्था का बड़ा भारी केन्द्र है। यह मंदिर जैसलमेर शहर में मुख्य डाकघर के सामने पुराने बिजली घर स्थित जोधपुर विद्युत वितरण निगम कार्यालय परिसर में है जहाँ हनुमान भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
सदियों पुरानी है हनुमान प्रतिमा
निज मन्दिर में गजेटेड़ हनुमानजी की पाँच फीट की भव्य मूर्ति सदियों पुरानी बतायी जाती है। जिस स्थान पर मन्दिर बना है वहाँ पहले घना जंगल था जहाँ इस प्राचीन मूर्ति की तपस्वियों और सिद्ध संतों द्वारा एकान्त सेवन के साथ ही पूजा-अर्चना की जाती रही।
शहर का विस्तार होने से हनुमान भक्तों का ध्यान इस ओर गया। बाद में मन्दिर बनाया गया जो अब लगातार विस्तार पाता जा रहा है। मन्दिर के गर्भगृह में भगवान श्री हनुमानजी के सम्मुख पिछले ढाई दशक से अखण्ड दीपक जल रहा है। निज मन्दिर के द्वार के समीप गोवद्र्धन(शिलालेख स्तंभ) है जिससे इस क्षेत्र की प्राचीनता का बोध होता है।

हिन्दुस्तान का यह पहला हनुमान मंदिर है जिसमें बिराजित हनुमान जी महाराज गजेटेड़ यानि राजपत्रित हैं। हनुमान भक्तों की गजेटेड़ हनुमान पर अटूट आस्था है। भक्तों का मानना है कि हनुमानजी हर किसी की मुराद जरूर पूरी करते हैं। चूंकि बिजली विभाग के परिसर में हैं अत: इन हनुमानजी को भक्तगण 'करंट बालाजी' के नाम से भी पुकारते हैं। इन भक्तों की पक्की मान्यता है कि जो भी भक्त हनुमान दादा के दरबार में आ जाता है, हनुमानजी उनकी सारी मनोकामनाएं करंट की मानिंद पूर्ण करते हैं।
सरकारी नुमाइन्दों ने बनाया गजेटेड़

हनुमानजी को गजेटेड़ क्यों कहा जाता है और वे गजेटेड़ कब बने, इसका कोई धार्मिक या शास्त्रीय प्रमाण तो नहीं मिलता लेकिन माना जाता है कि ज्यादातर सरकारी लोगों की आवाजाही तथा चमत्कारिक प्रतिमा की वजह से उन्हें यह नाम मिला। गजेटेड़ होने की वजह से ख़ासकर राज-काज से जुड़े कामों में हनुमान जी विशेष मदद करते हैं। यही कारण है कि यहाँ आने वाले हनुमान भक्तों में सरकारी सेवाओं में जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या भी खूब रहती है।

हनुमान मन्दिर में पिछले 25 बरस से पूजा करते आ रहे मुख्य पुजारी किशनलाल के अनुसार वर्षों पूर्व हनुमान भक्त शिक्षक एवं ज्योतिषाचार्य हेमराज व्यास ने यहाँ बड़े-बड़े अफसरों की श्रद्धा को देख इसे गजेटेड हनुमान नाम दे दिया, तभी से यह नाम चल निकला है।

बरसों पहले तक जैसलमेर मूल शहर से बाहर होने की वजह से शहरी लोगों का आवागमन यहाँ कम था। जबकि कलक्ट्री-कचहरी और दूसरे सरकारी दफ्तरों के यह खूब करीब है और इस वजह से हनुमान उपासक कई गजेटेट ऑफिसर यहाँ नियमित रूप से दर्शन करने के लिए आते रहते।
एकांत में होने की वजह से दशकों पूर्व छोटे से स्थल में बिराजमान हनुमान जी के दर्शन व पूजन के लिए पास के दफ्तरों में काम करने वाले सरकारी लोगों का आना-जाना बढऩे लगा। इन लोगों के लिए यही पड़ोसी भगवान हुआ करते थे जहां फुर्सत पाकर शोर-शराबे से दूर तल्लीनता से उपासना हो सकती थी। इनमें कई भक्तगण यहीं बैठकर हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकाण्ड आदि करते।
ट्रांसफर-प्रमोशन और नौकरी का सुकून मिलता है यहाँ

इनमें कई सारे ऐसे होते जो अपने ट्राँसफर, प्रमोशन के लिए हनुमान जी से प्रार्थना करते। कई सरकारी अधिकारी ऐसे भी होते, जिन्हें सजा के तौर पर दूरस्थ जैसलमेर दिखा दिया जाता है, इनके लिए यही हनुमानजी आशा की किरण साबित हुए थे। इस वजह से ये सरकारी नुमाइन्दे यहीं आकर मिन्नतें करते व हनुमान जी की साधना करते। इनकी मनोकामनाएँ पूरी होती रही। इसकी चर्चा एक से लेकर दूसरे अफसरों तक होने लगी। इससे सरकारी क्षेत्र के लोगों का विश्वास गजेटेड़ हनुमानजी पर जमता गया। इस वजह से हनुमानजी गजेटेड हनुमान के रूप से प्रसिद्ध हो गये।
कृपा बरसाते हैं राम-लक्ष्मण-जानकी

गजेटेड़ हनुमान मन्दिर परिसर में ही राम मन्दिर बना हुआ है जिसमें भगवान श्रीराम, भगवती सीता तथा लक्ष्मण की श्वेत पाषाण से बनी मनोहारी मूर्तियाँ हैं जिनके सम्मुख विनय मुद्रा में बैठे हुए हनुमानजी की आकर्षक मूर्ति है। कई भक्त ऐसे हैं जो अपने कर्मयोग की शुरूआत गजेटेड़ हनुमान मन्दिर से करते हैं। यहां हनुमानजी, भैरव तथा राम दरबार के दर्शन के बाद ही वे अपने काम-धंधों की ओर रुख करते हैं।
नींव से निकली भैरव प्रतिमा
मन्दिर प्रवेश करते ही वाम पाश्र्व में पौन फीट की भैरवमूर्ति है जिसके पास अखण्ड दीपक है। भैरव की यह प्राचीन मूर्ति शहर में किसी सेठ के घर नींव खोदते वक्त निकली थी जिसे यहाँ लाकर प्रतिष्ठित किया गया। यहीं एक्वेरियम में श्रीराम सेतु की पानी में तैर रही वाली एक शिला आकर्षण जगाती है।
हर कोना दर्शाता है हनुमानजी की लीलाओं को
पूरा मन्दिर परिसर हनुमानजी की लीलाओं भरे चित्रों और रामायण की चौपाइयों से अटा पड़ा है। मन्दिर के बाहर पवित्र शमी का प्राचीन वृक्ष होने के साथ ही अब पीपल, तुलसी आदि भी पल्लवित हो रहे हैं।
दूर-दूर तक मशहूर हैं गजेटेड़ हनुमान

जैसलमेर शहर के निरंन्तर विस्तार से अब यह मंदिर शहर के बीच प्रतीत होता है। भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी और कालान्तर में विकास व विस्तार के चलते अब गजेटेड़ हनुमान मंदिर दर्शनीय श्रृद्धास्थल के रूप में बदल गया हैं।
मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों का जमघट लगा रहता है। इन दोनों ही दिनों में हनुमानजी का विशेष श्रृंगार होता है। मंगल-शनि को वाद्यों की संगत पर सुन्दरकाण्ड व हनुमानचालीसा के सामूहिक पारायण के साथ ही वर्ष में अनेक अवसरों पर अखण्ड रामायण पारायण और अन्य वृहत हनुमान उपासनापरक अनुष्ठानों का आयोजन होता है जिनमें बड़ी संख्या में हनुमान भक्त हिस्सा लेते हैं।
देशी-विदेशी सैलानी भी पहुँचते हैं शरण में

हर वर्ष हनुमान जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय विशाल समारोह होता है जिनमें रामचरित मानस का अखण्ड पारायण, हनुमान पंचामृत स्नान, कलश-शोभायात्रा, हनुमान यज्ञ तथा विशेष श्रृंगार, श्रीराम भण्डारा आदि का आयोजन जैसलमेर की धार्मिक परम्परा में शामिल है। जैसलमेर शहर भर से भक्त यहाँ उमड़ते हैं।
भक्तों की अगाध श्रद्धा और आस्था के कारण गजेटेड़ हनुमान अब जैसलमेर के हनुमान तीर्थ के रूप में दूर-दूर तक मशहूर हो चुका है। भक्तों ने हनुमान धाम के रूप में इसके विकास में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। जैसलमेर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक भी अब गजेटेड़ हनुमानजी आकर अपने आपको धन्य मानते हैं।