सोमवार, 21 जनवरी 2013

जागरूकता कार्यक्रम चलाने में एनजीओ की सहभागिता जरूरी - श्रीमती दीपक कालरा


स्वयंसेवी संस्थाओं से बालश्रम  रोकथाम में आगे आने का आह्वान
जागरूकता कार्यक्रम चलाने में एनजीओ की सहभागिता जरूरी - श्रीमती दीपक कालरा
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षों ने ली जैसलमेर में बैठक
       

जैसलमेर, 21 जनवरी/ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती दीपक कालरा  ने जैसलमेर सर्किट हाउस में स्वयं सेवी संगठनों के साथ बैठक लेकर बालसंरक्षणशिक्षा का अधिकारकुपोषित बच्चों को पोषण का अधिकार के साथ ही संरक्षण आयोग द्वारा किये जा रहे कार्यो के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य कार्य सरकार द्वारा संचालित नीतियों की प्रभावी मॉनिटरिंग करना है।
       आयोग की अध्यक्ष कालरा ने स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों से कहा कि वे बाल श्रम रोकथाम के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने में पूरा सहयोग दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार लागू होने के बाद जो बच्चे अभी भी शिक्षा से वंचित हैं या निजी विद्यालयों में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है उसके बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अवगत कराएं।
       उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्राें पर बच्चों को दिये जा रहे पौष्टिक आहार के बारे में भी उनसे जानकारी प्राप्त की एवं कहा कि जिले में जहां भी कुपोषित या अतिकुपोषित बच्चे पाए जाए तो उनकी भी सूचना आयोग को दें। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठनाें को भी बालश्रम रोकथामबाल कुपोषण को कम करनेबालश्रम पुनर्वास के संबंध में भी विशेष कार्य करने की जरूरत है तभी हम इस क्षेत्र में सुधार ला सकते हैं।  
       आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि बालश्रम रोकथाम के लिए बाल कल्याण समिति को काफी अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संस्थाओं को भी इस काम के लिए बाल कल्याण समिति को पूरा सहयोग करना चाहिए।
       बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अशोक मोदीसहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने बाल कुपोषण को रोकनेबाल श्रम रोकथाम एवं उनके संरक्षणविशेष योग्य जनाें को शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के संबंध में अपनी ओर से सारगर्भित सुझाव पेश किए।
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