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बुधवार, 2 अप्रैल 2014

जसवंत युवा आर्मी कार्यकारिणी का विस्तार

जसवंत युवा आर्मी कार्यकारिणी का विस्तार




बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थक जसवंत युवा आर्मी ने जिला कार्यकारिणी का विस्तार किया ,जिलाअध्यक्ष इस्लाम खान बासनपीर ने बताया कि कार्यकारिणी में जीतेन्द्र फुलवरिया , छगन सिंह चौहान ,को महासचिव राजू वडेरा को सुरेश तिवारी को कोषाअध्यक्ष ,मगाराम माली को सचिव ,सतपाल चारण को कार्यालय मंत्री ,चेतनराम मेघवाल ग्रामीण बाड़मेर अध्यक्ष ,इब्राहिम रहमा को गागरिया ,प्रेम सिंह राजपुरोहित को चौहटन हिमां खान को धनाऊ ,सुरेश वाघेला को सेड़वा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया

जसवंत सिंह गुरूवार को चौहटन और सेड़वा में सभाओ को सम्बोधित करेंगे

जसवंत सिंह गुरूवार को चौहटन और सेड़वा में सभाओ को सम्बोधित करेंगे

बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह गुरूवार को चौहटन और सेड़वा में आम सभा को सम्बोधित करेंगे ,


जसवंत युवा आर्मी के जिला अध्यक्ष इस्लाम खान बासनपीर ने बताया कि जसवंत सिंह गुरूवार को दस बजे चौहटन और ग्यारह बजे सेड़वा में आम सभा को सम्बोधित करेंगे ,उन्होंने बताया कि कल शाम धोरीमन्ना में होने वाली आम सभा स्थगित कर दी गयी हें। अब धोरीमना में पांच अप्रेल को ग्यारह बजे आम सभा का आयोजन किया जायेगा

मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

जसवंत सिंह शिव विधानसभा में लेंगे सभाए ,समर्थको ने किया स्वागत



जसवंत सिंह शिव विधानसभा में लेंगे सभाए


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह बुधवार से चुनावी अभियान का आगाज़ करेंगे। जसवंत सिंह के प्रवक्ता बद्री शरद ने बताया कि जसवंत सिंह बुधवार को ग्यारह बजे शिव मुख्यालय ,एक बजे हरसाणी ,दो बजे गड़रा रोड ,सवा चार बजे सेलाउ में आम सभाओ को सम्बोधित करेंगे ,उन्होंर बताया देरासर और रामसर में उनके समर्थको द्वारा स्वागत कार्यक्रम रखा गया हें जिसमे शिकरकट करेंगे ,उन्होंने कहा कि गुरूवार को जसवंत सिंह ग्यारह बजे चौहटन ,एक बजे सेड़वा ,दो बजे धोरीमन्नामें सभाओ को सम्बोधित करेंगे।


जसवंत सिंह पहुंचे बाड़मेर समर्थको ने किया स्वागत


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह सात दिवसीय जैसलमेर दौरे के बाद बुधवार को दोपहर बाद बाड़मेर पहुंचे ,जंहा जैसलमेर रोड पर जसवंत समर्थको ने जोश और उत्साह के साथ उनका स्वागतत किया ,जसवंत युवा आर्मी के जिला अध्यक्ष इलाम खान ,महेंद्र सिंह तारातरा ,हिन्दू सिंह तामलोर,बालम सिंह आगोर , सहित सेकड़ो कार्यकर्ताओ ने जसवंत तुम संघर्ष करो हैम तुम्हारे साथ हें ,जैसलेर में सात बाड़मेर में डाटा जैसे नारे लगाए। जसवंत सिंह ने कार्यकर्ताओ का उत्साह वर्धन करते हुए चुनावो तक जोश बरकरार रखने का कहा


जसवंत के कार्यकर्ताओ ने वार्डो में जनसम्पर्क किया


बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में जसवंत समर्थको और जसवंत युवा आर्मी ने बाड़मेर शहर के विभिन वार्डो में जनसम्पर्क कर जसवंत सिंह को समर्थन का आह्वान किया। इसी तरह केप्टन हीर सिंह भाटी ,कान सिंह ,रामाराम सुथार। धर्माराम प्रजापत ,पारस मॉल जैन उम्मेदाराम दरजी सरपंच आती ने चुली ,आटी गर्ल ,गिरल आदि गाँवो में जनसम्पर्क कर जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा

चित्रा सिंह अब्दुल गफूर का सहयोग मांगने पहुंची

चित्रा सिंह अब्दुल गफूर का सहयोग मांगने पहुंची


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के लिए समर्थन मांगने चित्रा सिंह बुधवार को बाड़मेर राजनीती के दिग्गज अब्दुल हादी के पुत्र अब्दुल गफूर के घर बुरहान का टला पहुंची। चित्र सिंह जसवंत सिंह समर्थको के साथ गफूर के घर पहुंचे तथा उनसे जसवंत सिंह के लिए समर्थन और अब्दुल हादी परिवार का आशीर्वाद माँगा। चित्र सिंह ने कहा कि अब्दुल हादी परिवार से उनके पारिवारिक ताल्लुकात हें उनसे मिलाने आई हूँ इसके कोई राजनैतिक मायने नहीं हें

चित्रा सिंह का चौहटन के सरहदी गाँवो का तूफानी दौरा

चित्रा सिंह का चौहटन के सरहदी गाँवो का तूफानी दौरा
बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में चित्र सिंह ने चौहटन विधानसभा के सरहदी गाँवों कोनरा..आलमसर.ईटादा..इब्रिम का तला..रबासर..बुरहान का तला..सांवा...सदराम की बेरी..कुन्दनपुरा..सेड़वा..भंवार...हरपालिया का तूफानी दौरा कर आम जन से जसवंत सिंह के लियए समर्थन माँगा। उनके साथ रतन सिंह बाखासर ,पदम् सिंह बावड़ी ,अशरफ अली ,सुरेन्द्र सिंह दहिया ,रघुवीर सिंह तामलोर ,छुग सिंह गिराब ,सहित सेकड़ो कि तादाद में जसवंत सिंह के समर्थक उपश्थित थे। चित्रा सिंह ने सभाओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय राजनीती में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला हें उन्होंने कहा कि भाजपा पुरानी वाली भाजपा नहीं रही ,भाजपा का कॉंग्रेस्सिकरण हो रहा हें। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह ने भाजपा कि स्थापना के साथ से भाजपा के प्रति निष्ठावान रहे मगर पार्टी के कुछ लोगो ने उनके साथ विश्वाश्घात कर एक कोंग्रेसी नेता को टिकट देकर भाजपा कार्यकर्ताओ के साथ भी विशवास घात लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव स्वाभिमान और अस्तित्व का हें जिसे आप लोगो को बनाये रखना हें। सभा को सम्बोधित करते हुए रतन सिंह बाखासर ने कहा कि हैम हमेशा जसवंत सिंह के साथ रहे हें इस बार भी उनके साथ हें ,उन्होंने कहा कि जिन लोगो के कारन हम भाजपा में आये उन्ही लोगो को भाजपा में लाकर भाजपा के मूल कार्यकर्ताओ को चुनौती दी जा रही हें। अशरफ अली ने कहा कि दुनिआ कि सबसे बड़ी राजनितिक हस्ती जसवंत सिंह चुनाव लड़ रहे हें उन्होंने कहा पार्टी ने जसवंत सिंह का टिकट काट कर कार्यकर्ताओ को का अपमान किया हें इस अपमान का बदला सत्तरह अप्रैल को लेना हें ,उन्होंने कहा कि पार्टी का अस्तित्व कार्यकर्ताओ से से होता हें। कार्यकर्ताओ कि अनदेखी सहन नहीं कि जायेगी। सभाओ को कई वक्ताओ ने सम्बोधित किया

बाड़मेर सरहद का कुख्यात तस्कर नबिया पकड़ा गया ,जाली नोटों का गौरख धंधा

बाड़मेर सरहद का कुख्यात तस्कर नबिया पकड़ा गया ,जाली नोटों का गौरख धंधा 


बाड़मेर जोधपुर के 
किला रोड पर चांदपोल क्षेत्र में अफीम के एक किलो दूध के बदले 98 हजार के नकली नोट देने के मामले में पुलिस ने सोमवार रात बाड़मेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र से कुख्यात तस्कर नबिया  को गिरफ्तार कर लिया। आशंका है कि उसके पास जाली मुद्रा सीमा पार से आई थी। उधर, अदालत ने इस मामले में पहले से गिरफ्तार दो जनों को रिमाण्ड व महिला को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।


पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) हिंगलाजदान के अनुसार रामसर थानान्तर्गत गागरिया गांव निवासी नबिया उर्फ नवाब (58) पुत्र नीरू खां सिंधी को बाड़मेर पुलिस के सहयोग से सीमावर्ती क्षेत्र में पकड़ा गया। देर शाम उसे जोधपुर लाया गया। नबिया ने ही बाड़मेर के पचपदरा थानान्तर्गत भाण्डियावास निवासी किशनाराम विश्नोई  को 98 हजार के नकली नोट दिए थे।

अफीम के एक किलो दूध के बदले ये नोट वह चित्तौड़गढ़ में पारसोली थानान्तर्गत काठुंडा रोड निवासी सवाई गुर्जर (50) पुत्र चुन्नीलाल व उसकी पत्नी शांति (48) को दे रहा था। तीनों को एनडीपीएस एक्ट मामलात की अदालत में पेश करने पर शांति को जेल तथा शेष दोनों को पांच-पांच दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए। सरदारपुरा थानाधिकारी इस्माइल खान को जांच सौंपी गई है।

कमीशन पर ली थी जाली मुद्रा


किशनाराम ने पांच प्रतिशत कमीशन के बदले जाली मुद्रा बाजार में चलाने के लिए ली थी। किशनाराम 98 हजार के ही जाली नोट लाने की जानकारी दे रहा है, जो पुलिस के गले नहीं उतर रही।

नबिया पहले भी नकली नोट के साथ हो चुका है गिरफ्तार

सहायक पुलिस आयुक्त (बोरानाडा) नाजिम अली ने बताया कि आरोपी नबिया वर्ष 2005 में पांच लाख के नकली नोट, चौदह किलो हेरोइन, दो पिस्तौल के साथ गिरफ्तार हो चुका है। उसके आरडीएक्स के साथ भी पकड़े जाने की सूचना है।उसे हत्या के मामले में सजा हो चुकी है, जबकि सवाई गुर्जर को दुष्कर्म के मामले में छह साल की सजा हो चुकी है। दोनों जमानत पर रिहा हैं। उसके खिलाफ चांदी की तस्करी का मामला भी दर्ज है।


नबिया की सीमा पार रिश्तेदारी है। ऎसे में आशंका है कि वह जाली मुद्रा सीमा पार या गुजरात के कच्छ-भुज से लाया होगा। उससे तीन मोबाइल व चार सिम भी मिली हैं। उसके खिलाफ गुजरात के कच्छ में भी जाली मुद्रा का मामला दर्ज होने की संभावना है। जिसकी तस्दीक की जा रही है।

एक माह पूर्व भी 55 हजार रूपए में लिया था दूध


सूरसागर थानाधिकारी मदनलाल बेनीवाल के अनुसार आरोपी किशनाराम ने एक माह पहले भी नबिया से 55 हजार रूपए लिए थे। जिससे उसने सवाई गुर्जर से ही अफीम का एक किलो दूध खरीदा था। हालांकि किशनाराम का कहना है कि वह राशि जाली नहीं थी। सवाई गुर्जर ने भी 55 हजार रूपए के जाली होने या न होने से अनभिज्ञता जाहिर की है।

कर्नल सोनाराम कि उम्मीदवारी खतरे में ?

कर्नल सोनाराम की उम्र 10 साल में 14  साल बढ़ी

कर्नल सोनाराम कि उम्मीदवारी खतरे  में ?

हलफनामे में गलत जानकारी से रद्द हो सकती हे उम्मीदवारी 


बाड़मेर बाड़मेर भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम कि मुश्किलें बढ़ने का संकेत हें। कर्नल द्वारा नामांकन के समय दिए हलफनामो में गलत जानकारी देकर मुशीबत मोल ले ली हें।बताया जा रहा हें कि इस गलत जानकारी के आधार पर लोकसभा चुनाव उम्मीदवार के तौर पर उनका नामांकन पात्र तक खारिज हो सकता 
 और उनको अयोग्य घोषित किया जासकता हें। खुद मुख्य चुनाव आयुक ने इस बात कि पुष्टि कि हें  ंउख्य चुनाव अायुक्त कि माने तो यदि कोई व्यक्ति हलफनामे में दी गयी जानकारी को न्यायलय में चुनौती देता हे तो सम्बंधित उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता हें। 

क्या हें पूरा मामला  

कर्नल सोनाराम कि  लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कर्नल सोनाराम की उम्र पिछले १० साल में 14 साल बढ़ गई। 2004 में सोनाराम 59 वर्ष के थे, जो 2014 में 73 साल के हो गए हैं। वर्ष 2008 में सोनाराम 65 वर्ष के थे। वहीं, जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल ही बढ़ी है। लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए हलफनामों की बी एन टी  ने पड़ताल की तो आयु संबंधी कई रोचक जानकारियां सामने आईं। कुछ नेताओं की उम्र समय से ज्यादा बढ़ी है तो कुछ की कम हुई है।
उम्र समय से ज्यादा बढ़ी
उदयपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा पांच साल में ७ साल बड़े हुए हैं। 2009 के शपथ पत्र के अनुसार मीणा 48 वर्ष के थे, जो 2014 में 55 वर्ष के हो गए। श्रीगंगानगर से भाजपा उम्मीदवार निहालचंद मेघवाल की 2004 से 2009 के बीच उम्र पांच साल बढ़ी, लेकिन 2009 से 2014 के बीच वे छह साल बड़े हो गए।
इनकी उम्र ज्यादा बढ़ती है
नाम 2014 2013 2009 2008 2004
कर्नल सोनाराम 73 72 - 65 59
निहालचंद 43 -- 37 32
सुभाष महरिया 57 57 52 46
रघुवीर मीणा 55 - - 48
इनकी समय से कम रही
जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल बढ़ी है। 2009 में जोशी 59 वर्ष के थे, जो अब 63 के हुए हैं। इसी तरह जोधपुर से चुनाव लड़ रहीं चंद्रेश कुमारी 2009 में 65 वर्ष की थीं जो अब तक 69 वर्ष की ही हुई हैं।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कर्नल सोनाराम की उम्र पिछले १० साल में 14 साल बढ़ गई। 2004 में सोनाराम 59 वर्ष के थे, जो 2014 में 73 साल के हो गए हैं। वर्ष 2008 में सोनाराम 65 वर्ष के थे। वहीं, जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल ही बढ़ी है। लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए हलफनामों की भास्कर ने पड़ताल की तो आयु संबंधी कई रोचक जानकारियां सामने आईं। कुछ नेताओं की उम्र समय से ज्यादा बढ़ी है तो कुछ की कम हुई है।


उम्र समय से ज्यादा बढ़ी

उदयपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा पांच साल में ७ साल बड़े हुए हैं। 2009 के शपथ पत्र के अनुसार मीणा 48 वर्ष के थे, जो 2014 में 55 वर्ष के हो गए। श्रीगंगानगर से भाजपा उम्मीदवार निहालचंद मेघवाल की 2004 से 2009 के बीच उम्र पांच साल बढ़ी, लेकिन 2009 से 2014 के बीच वे छह साल बड़े हो गए। 
कोर्ट कर सकता है डिसक्वालीफाई : जैन

॥शपथ पत्र में गलत जानकारी देना अथवा तथ्य छिपाना गंभीर मामला है। कोई इसे यदि कोर्ट में चुनौती देता है तो गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवार को चुनाव के लिए डिसक्वालीफाई किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग कार्रवाई नहीं कर सकता। वह शपथ पत्र के सारे कॉलम भरे गए कि नहीं, यही देखता है।

-अशोक जैन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
विधानसभा चुनाव में गड़बड़ उम्र थी
चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी कई नेताओं ने अपनी उम्र गलत बताई थी। बानसूर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले रोहिताश्व कुमार की उम्र पांच साल में 23 साल बढ़ गई थी। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में खेल राज्यमंत्री रहे मांगीलाल गरासिया ने पांच साल में अपनी उम्र तीन साल ही बढ़ाई। गहलोत सरकार के मुख्य सचेतक रहे रघु शर्मा ने पांच साल में अपनी उम्र आठ साल बढ़ा दी थी तो भाजपा विधायक अनीता गुर्जर और संजना आगरी की उम्र पांच साल में एक साल छोटी हो गई। सोजत विधायक संजना आगरी ने 2008 में अपनी उम्र 37 साल बताई थी, जो 2013 में 36 साल ही रह गई। इसी तरह अनीता गुर्जर 2008 में 43 वर्ष की थीं, जो 2013 में 42 वर्ष की रह गईं। पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया की उम्र पांच साल तक स्थिर रही। 2008 में सिनोदिया ने अपनी उम्र 67 वर्ष बताई थी, जो 2013 में भी वही रही।

रविवार, 30 मार्च 2014

क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें जसवंत सिंह का चुनाव चित्रा सिंह


जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने ली सभाए

क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें जसवंत सिंह का चुनाव



बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में रविवार को चित्रा सिंह ने इंदिरा कॉलोनी और बायतु के लापुन्दडा में आम सभाओ का आयोजन कर आम जन को जसवंत सिंह को जिताने का आह्वान किया। चित्र सिंह ने सभाओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि जसवंत सिंह को भाजपा ने अपने लोगो कि सेवा करने से रोकने का षड्यंत्र रचा था मगर क्षेत्र कि जनता और कार्यकर्ताओ कि भावनाओ को देख उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णयो लिया। चित्रा सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह का चुनाव क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें ,उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह ने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से चुनाव लड़ने का मानस बनाया था मगर भाजपा ने उनके साथ ठीक नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जसवंत सिंह और क्षेत्र कि जनता का अपमान किया जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा ,उन्होंने कहा कि सत्रह अप्रैल को जनता भाजपा को मुंह तोड़ जवाब देगी। उन्होंने आह्वान किया कि टॉर्च बेटरी के निशाँ पर बटन दबा कर अपने अस्तित्व के लिए जसवंत सिंह को जिताए। सभा को अशरफ अली खिलजी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता के साथ जो कुछ हुआ उसकी निंदा कि जनि चाहिए ,उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह छतीस कौम के चहेते हें ,उन्होंने कहा कि हम भाजपा के वोट पर चोट करेंगे जसवंत सिंह को भारी मत्तो से विजयी बनाएँगे। अशरफ अली ने कहा कि जसवंत सिंह के आने से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। पूनम राम मेघवाल ने कहा कि जिन लोगो ने अनुसूचित जाती के कर्मचारियो के आरक्षण का विरोध करने वालो को वोट नहीं देंगे यह समाज ने तय किया हें


सभाओ में शायर कंवर , सरपंच सोनाराम मेघवाल ,सरपंच विरधाराम दरजी ,महावीर जीनगर , मालकदिन गिड़ा ,सफ़िदिन गिड़ा ,सरपंच पर्वत सिंह भंवर लाल सांसी ,चेतन राम देवासी ,रामाराम मेघवाल ,पदम् सिंह कंवरली ,पटौदी सरपंच हदवंत सिंह ,चुनीलाल ,भेखा सिंह बोड़वा ,कल्याण सिंह गोपड़ी ,लूंण सिंह रेवाड़ा सहित कई जसवंत समर्थक उपस्थित थे।

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर



अब जसवंत की पत्नी ने खोला मोर्चा ,दिया सनसनी खेज बयान ,कहा जब भी मिलेगे नितिन गडकारी तो में उनसे करुँगी झगड़ा ,भाजपा अब चापलूसो की पार्टी ,अब यह इज्ज्त और अस्तित्व की लड़ाई हो गई

बाड़मेर बीजेपी ने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ पार्टी नेता जसवंत सिंह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्होंने शनिवार को नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने कार्रवाई की।पार्टी की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 76 वर्षीय सिंह को छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया। उसके बाद आज जसवंत सिंह की और से कोई प्रतिकिरिया आई लेकिन अब जसवंत सिंह कि पत्नी शीतल कवर ने मोर्चा सँभालते हुए जैसलमेर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा एक सनसनी आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे जब मुझे नितिन गडगरी मिलेगे तो में उनसे लड़ाई करुँगी यह में आपके माध्यम से गडगरी बता देना चाहतु हु अगर निकलना ही था तो वापस क्यों लिया था भाजपा अब मेरी नजरो में गिर चुकी है अब यह हमांरे मान -सामान कि बात है इसलिए हम चुनाव में पूरा दम ख़म दिखाएगे हमने तो सिर्फ अपने घर से टिकट ही तो माग तो इसमें क्या गुना कर दिया हम किसी भी पार्टी में नहीं जा रहे है हमारे पास सपा प्रमुख मुलयाम सिंह से लेकर कई पार्टियो से हमें ऑफर मिला लेकिन हम निर्दलीय ही चुनाव लड़ेगे भाजपा में धर्म कि अहमियत नहीं है

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?


जसवंत के पीर पगारो से बेहतर रिश्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे चुनावो में ?

बाड़मेर चुनाव तो भारत में हो रहे हैं लेकिन बॉर्डर के निकट एक लोकसभा क्षेत्र में पाकिस्तान से भी उम्मीद हैं। धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी का जसवंत सिंह के साथ गनिष्ठ सम्बन्ध रहे हें। जसवंत सिंह पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में सर्वाधिक लोकप्रिय एक मात्र भारतीय नेता हें ,2004 के लोक सभा चुनावो में पीर पगारो ने जसवंत सिंह के बाड़मेर से भाजपा प्रत्यासी उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह को खलकर समर्थन दिया था जिसके चलते सरहदी मुस्लिमो ने मानवेन्द्र के पक्ष में खुलकर वोटिंग कर बड़ी जीत दिलाई थी। जसवंत सिंह ने साथ सालो से बंद भारत पाकिस्तान पश्चिमी राजस्थान मुनाबाव खोखरापार सड़कमार्ग खुलवा कर धार्मिक जत्थे के साथ माता हिंगलाज के दर्शन करने गए थे जहा जसवंत सिंह का जोरदार स्वागत सिंध वासियो द्वारा किया गया था ,जसवंत सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान पीर जोगोठ में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी से भी मुलाकात कि थी ,धर्मगुरु द्वारा जसवंत सिंह को दावते खास भी दी गयी थी। बाड़मेर जैसलमेर जिलो कि सरहद पर रह रह लाखों सिंधी मुस्लिम पीर पगारो के मुरीद हें ,वर्त्तमान समय में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी के पुत्र सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद पीर पगारो हें ,इनके जसवंत के साथ बेहतर तालुकात हें।

लोक सभा चुनावो में पीर पगारो का फ़तवा या चिट्ठी आने कि आहात के साथ चुनावी सरगर्मिया तेज हो गयी हें। चूँकि बाड़मेर से इस बार जसवंत सिंह खुद चुनाव लड़ रहे हेनन ,जसवंत सिंह के प्रति सिंधी मुसलमानो में गज़ब का उत्साह हें।

यह उम्मीद वहां बैठे एक धार्मिक नेता से है। उनके मुरीद बॉर्डर के दोनों तरफ हैं। माना जाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र के धार्मिक नेता पीर पागारो के प्रति कुछ लोगों में भारी आस्था है।

ऎसे में उस तरफ से एक इशारे पर ही वोट दिए जाते हैं। हालांकि प्रकट तौर कोई इसे स्वीकार नहीं करता है लेकिन इन वोटों के लिए तगड़े प्रयास किए जाते हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा के बागी उम्मीदवार जसवंत सिंह की इन वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।

कौन है पीर पागारो

पीर पागरो एक धार्मिक पद है। ब्रिटिश काल में इनके नेतृत्व में हुर आंदोलन चला था। विभाजन के बाद इनके हजारों अनुयायी इधर रह गए। सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद मौजूदा पीर पागारो हैं। -
chandan singh bhati

शुक्रवार, 28 मार्च 2014

जसोल में वसुंधरा का हुआ जोरदार विरोध ,गंगाराम को दी शर्धांजलि

जसोल में वसुंधरा का हुआ जोरदार विरोध ,गंगाराम को दी शर्धांजलि 

बाड़मेर राज्य कि मुखिया वसुंधरा राजे अपने एक दिवसीय दौरे पर बाड़मेर पहुंची ,शुक्रवार प्रातः वसुंधरा राजे ने किसान नेता गंगाराम चौधरी के निवास स्थान जाकर उन्हें शरदांजलि दी। वसुंधरा राजे ने बताया कि राजस्थान कि राजनीती में गंगाराम चौधरी एक नायक थे ,उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई हें। बाड़मेर में कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो से मुलाकात कर वसुंधरा राजे जसोल माता रानी भटियाणी के दर्शन के लिए रवाना हो गयी ,वसुंधरा राजे के जसोल पहुंचते ही वसुन्धरे राजे के खिलाफ जोरदार नारे लग गए। भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत सिंह का जसोल गृह गाँव में ,जंहा वसुंधरा राजे का जोरदार विरोध यहाँ कि जनता ने दर्ज कराया। वसुंधरा राजे के खिलाफ लोगो ने वसुंधरा वापस जाओ ,वसुंधरा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी ,जसवंत का अपमान नहीं सहेगा राजस्थान जैसे नारे लगे ,वसुंधरा राजे ने जसोल स्थित माता रानी भटियाणी के मंदिर जाकर दर्शन कर पूजा अर्चना कि। इसके बाद वो आसोतरा ब्रह्मधाम के दर्शन के लिए रवाना हुई।

जैसलमेर जसवंत सिंह को पलकों पर बिठाया लोगो ने



जैसलमेर जसवंत सिंह को पलकों पर बिठाया लोगो ने

लोगो ने उत्साह के साथ कहा अपने खर्चे से करेंगे प्रचार



बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह ने शुक्रवार को माता रानी भटियाणी जन्म स्थल जोगीदास धाम जाकर धोक लगाई ,तथा सफलता कि कामना कि। जसवंत सिंह का लोगो ने जबर्दस्त उत्साह के साथ स्वागत किया। लोगो में जसवंत के प्रति जोरदार उत्साह देखा गया। जोगीदास धाम में जसवंत सिंह ने विशाल आम सभा को भी सम्बोधित किया। सभा को सम्बोधित करते हुए जसवंत सिंह ने कहा कि भाजपा ने म,ऐरे साथ अन्याय किया इसीलिए चुनाव नहीं लड़ रहा ,भाजपा ने कार्यकर्ताओ कि भावनाओ को आहात किया। उन्होंने कहा कि मैं कार्यकर्ताओ का पार्टी में अपमान बर्दास्त नहीं कर पाया ,उन्होंने कहा कि मुझे सीधे सीधे टिकट न देने का कह कर भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता को टिकट दी जाती तो यहस्थति नहीं बनती। जसवंत सिंह ने कहा कि पार्टी में रह कर पार्टी के सिद्धांतो के लिए लड़ाई लड़ना आसान काम नहीं हें। जसवंत सिंह ने राजनाथ सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरा दूसरी बार पार्टी में अपमान हुआ। उन्होंने कहा कि आपकी भावनाए और समर्थन ने मेरा उत्साह वर्धन किया हें।
सभा को सम्बोधित करते हुए आत्मा राम मेघवाल में कहा कि जसवंत सिंह देश का गौरव हें उनका अपमान असहनीय हें ,मालानी केर लोग जसवंत के साथ एक जुट हें ,यह सत्तरह तारिख को दिखा देंगे
सभा को सम्बोधित करते हुए तेजदान देथा ने कहा कि दुनिआ भर में जिस शख्शियत को सलाम किया जाता हें उसकी ही पार्टी में उनका अपमान कर ऐसे नेता को टिकट दी जो पिछले बीस सालो से भाजपा को गालिया दे रहा ,यह जसवंत का ही नहीं कार्यकर्ताओ का अपमान हें।
सभा को रतन सिंह कुंडा ,जालम सिंह हापा ,दलपत सिंह सत्तो ,जनक सिंह सत्तो ,चिंतामन दस ,राजूराम मेघवाल ,फोगे खान फ़क़ीर ,बहादुर खान ,आसु सिंह तेजमालता ,मानाराम दरजी ,वीर सिंह सरपंच ,राम सिंह कुंडा ,हाकम सिंह ,जुगत सिंह सोढा ,फूल सिंह सोढा ,अमरे खान पूर्व सरपंच सहित कई लोगो ने सम्बोधित कर जसवंत सिंह को भारी बहुमत से जितने कि अपील कि।

गुरुवार, 27 मार्च 2014

जसवंत युवा आर्मी का गठन ,इस्लामखान बासनपीर जिला अध्यक्ष


जसवंत युवा आर्मी का गठन ,इस्लामखान बासनपीर जिला अध्यक्ष


बाड़मेर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित् विदेश मंत्री और बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत सिंह के समर्थको ने जसवंत युवा आर्मी का गठन कर इस्लामखां बासनपीर को जिला अध्यक्ष मनोनीत किया हें।


जसवंत समर्थक युवाओ ने गुरूवार को महावीर पार्क में बैठक आयोजित कर मालानी के सपूत जसवंत सिंह के समर्थन में कमर कस के उतरने का आह्वान किया। युवाओ ने एक प्रस्ताव पारित कर जसवंत युवा आर्मी के गठन का निर्णय लेकर इस्लाम खान बासनपीर को जिला अध्यक्ष मनोनीत किया। इस्लाम खान ने युवाओ को आह्वान किया हें कि जिस प्रकार भाजपा ने मारवाड़ के स्वाभिमान को जसवंत का टिकट काट कर ललकारा हें ,उन्होंने कहा कि जसवंत का अपमान हैम किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान गिरवी रख कर हमें कोई पार्टी कोई प्रधानमंत्री मंजूर नहीं।

जसवंत युवा आर्मी कि कार्यकारिणी का विस्तार शुक्रवार को किया जायेगा।

जसवंत सिंह के बढ़ते कद से परेशां थे राजनाथ मोदी। जसवंत कि पूरी कहानी

जसवंत सिंह के बढ़ते कद से परेशां थे राजनाथ मोदी। जसवंत कि पूरी कहानी 



बाड़मेर। जसवंत सिंह एक बार फिर अकेले हैं, और इस बार भी बीजेपी ने उनको अकेला कर दिया। टिकट नहीं दिया। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही उन्हें पसंद ना करें। संघ परिवार को खुश रखने की कोशिश में बहुत सारे भाजपाई भी भले ही जसवंत सिंह को हमेशा अपने निशाने पर रखे रहें। और बीजेपी भले ही उनका टिकट काटकर उनकी इज्जत का मटियामेट करने की कोशिश कर ले। लेकिन समूचे देश को अपने जिन नेताओं पर गर्व होना चाहिए, उन इने-गिने सबसे बड़े नामों में जसवंत सिंह का नाम भी सबसे ऊंचे शिखर पर लिखा हुआ हैं। फिर भी बीजेपी ने उनका लोकसभा का टिकट काट दिया है। इस तथ्य और ब्रह्मसत्य के बावजूद कि बाड़मेर में जसवंत सिंह अपनी छवि की वजह से अजेय उम्मीदवार हैं। और देश के किसी भी संसदीय क्षेत्र में दो-सवा दो लाख मुसलमान एकमुश्त किसी भाजपाई के साथ हैं, तो वह अकेले जसवंत सिंह ही हैं। बाडमेर का सबसे बड़ा दर्द यह है कि जसवंत सिंह का टिकट उन कांग्रेसी कर्नल सोनाराम के लिए काटा गया, जिनका इस पूरे जनम में बीजेपी से नाता ही सिर्फ अटलजी से लेकर आडवाणी और नरेंद्र मोदी तक को गालियां देने का रहा। वसुंधरा राजे चुनाव से चार दिन पहले सोनाराम को कांग्रेस से बीजेपी में लाईं और लोकसभा के लिए लड़ने भेज दिया। वसुंधरा के इस अदभुत अंदाज से राजनीति अवाक है। लोग हत्तप्रभ, और बाड़मेर बेबस।
बीजेपी ने सबसे पहले मुरली मनोहर जोशी को बनारस से बेदखल किया। फिर भोपाल से लड़ने की लालकृष्ण आडवाणी की इच्छा पर उनकी इज्जत उछाली। और अब जसवंत सिंह को जोर का झटका बहुत जोर से दिया। यह नए जमाने की नई बीजेपी का नया रिवाज है। कभी संस्कारों वाली पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी का यह नया चेहरा है। माना कि राजनीति में चेहरे बदलते देर नहीं लगती। लेकिन बीजेपी जैसी बेहतर पार्टी में बुजुर्ग चेहरों को बहुत बेरहमी से बदरंग करके उनसे बदला लिया जाएगा, यह किसी को नहीं सुहा रहा है। बीजेपी के बुजुर्ग अपने जीवन के आखरी दिनों में आज सम्मान की खातिर खाक छानते दिख रहे हैं। और बाहर से आए दलबदलुओं का दिल खोलकर स्वागत किया जा रहा है। बीजेपी में बुजुर्गों के अपमान पर उसकी सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे तक को कहना पड़ा कि आडवाणी, जिन्होंने पार्टी को बनाया और उसे प्रतिष्ठा दिलाई, वे भी अपने टिकट के लिए इंतजार करते रहे। यह आडवाणी का अपमान नहीं तो और क्या है।

वैसे तो राजनीति में कोई भी नहीं भूलता। लेकिन पिछली बार 2004 में, शिमला बैठक में जसवंत सिंह को बुलाने, फिर बीच रास्ते में ही रोककर पार्टी से निकाल देने का फरमान सुनाकर बीजेपी ने उनका जो अपमान किया था, उसे जसवंत सिंह शायद भूल गए होंगे। क्योंकि वे बड़े दिलवाले आदमकद के आदमी हैं। कारण था, जसवंत ने अपनी किताब में जिन्ना की तारीफ की थी। लेकिन देश जब-जब चिंतन करेगा, तो जिन्ना के मामले में ज्यादा बड़ा पाप तो लाल कृष्ण आडवाणी का था। क्योंकि जसवंत सिंह ने तो लिखा भर था। आडवाणी तो जिन्ना के देश पाकिस्तान जाकर उनकी मजार पर माथा टेकने के बाद फूल चढ़ाकर यह भी कह आए थे कि जिन्ना महान थे। फिर देर सबेर बीजेपी संघ परिवार की भी अकल ठिकाने आ ही गई। उसे भी मानना पड़ा कि आडवाणी के अपराध के मुकाबले जसवंत के जिन्ना पर विचार अपेक्षाकृत कम नुकसान देह थे। लेकिन ताजा संदर्भ में तो जसवंत सिंह सिर्फ और सिर्फ वसुंधरा राजे की त्रिया हठ वाली राज हठ के शिकार हैं।

राष्ट्रीय परिपेक्ष्य को छोड़कर बात अगर सिर्फ प्रदेश की दीवारों के दाय़रे की करें, तो राजस्थान की राजनीति में अब तक के सबसे बड़े नेताओं के रूप में मोहनलाल सुखाडिय़ा और भैरोंसिंह शेखावत अब इस दुनिया में न होने और खुद के सीएम रहते हुए कांग्रेस का सफाया हो जाने के बावजूद कांग्रेस में सबसे विराट हो जाने वाले अशोक गहलोत आज भी लोगों के दिलों पर छाए हुए हैं। उसी तरह, सबसे बड़े राजनयिक और राजनीतिक के रूप में जसवंत सिंह देश के सामने हैं। लेकिन इस बात का क्या किया जाए कि बीजेपी और व्यक्तिगत रूप से वसुंधरा राजे उनके इस कद का ही कबाड़ा करने पर उतारू हैं। वैसे, अपना मानना है कि जसवंत सिंह राजस्थान के नहीं, पूरे देश में आदमकद के आदमी हैं। और अपना तो यहां तक मानना है कि जसवंत सिंह जैसे नेता को, जीवन के इस अत्यंत ऊंचे और आखरी मोड़ पर आकर बीजेपी से जुड़े भी रहना चाहिए कि नहीं, यह चिंतन का विषय है।

राजस्थान में जिस तरह से वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता में आई, उसी तरह से इस चुनाव के बाद देश में भी सरकार बन गई और अगर बन पाए, तो नरेंद्र मोदी का पीएम बनना उनका निजी पराक्रम होगा। लेकिन वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह के बारे में देश को सिर्फ यह जरूर याद रहेगा कि उंचे कद के आला नेताओं की गरिमा को इन दोनों के काल में जितनी ठेस पहुंची और बीजेपी का संगठन के स्तर पर जितना कबाड़ा हुआ, उतना पार्टी के चौंतीस सालों के इतिहास में कभी नहीं हुआ। वसुंधरा राजे ने भी बड़े नेताओं के मानमर्दन का कोई मौका नहीं छोड़ा। स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत से लेकर, ललित किशोर चतुर्वेदी, हरिशंकर भाभड़ा, भंवरलाल शर्मा, रघुवीर सिंह कौशल जैसों को सार्वजनिक रूप से खंडहर कहने का वसुंधरा राजे ने जो राजनीतिक पाप किया था, उसका हिसाब अभी बाकी है। और यह तो गुलाबचंद कटारिया और घनश्याम तिवारी सहित ओमप्रकाश माथुर की किस्मत बहुत बुलंद है, लेकिन फिर उनको ठिकाने लगाने की वसुंधरा की कोशिशें तो अब भी जारी हैं ही। पार्टी का टिकट कटवाने और न देने का हक हासिल होने के बावजूद देश की राजनीति में आज भी वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह, जसवंत सिंह से बड़े नेता नहीं हैं। और अपना तो यहां तक मानना है कि राजनीति में जसवंत सिंह जैसी विश्व स्तरीय गरिमा प्राप्त करने के लिए इन दोनों को शायद कुछ जनम और लेने पड़ सकते हैं। राजनाथ सिंह ने भी कह दिया है कि बाड़मेर से उम्मीदवार को बदलना अब संभव नहीं है। लेकिन कोई भी इसका असली कारण नहीं बताता कि आखिर जसवंत सिंह को उम्मीदवारी से आउट क्यों किया गया। क्या सचमुच बीजेपी ने अपने बुजुर्गों का सम्मान करना बंद कर दिया है?

भले ही वह समूचे मंत्रिमंडल का फैसला था, फिर भी कुछ लोगों को हक है, तो वे कंधार के कसूर को हमारी विदेश नीति में नीहित कूटनीतिक मजबूरी न मानकर सिर्फ जसवंत सिंह की निजी गलती मानकर उनको कघटरे में खड़ा कर सकते हैं। लेकिन यह तो आपको भी मानना ही पड़ेगा कि उस कटघरे में खड़े होने के बावजूद जसवंत सिंह का कद उनका न्याय करनेवाले किसी भी जज से ज्यादा बड़ा है। जसवंत सिंह प्रभावशाली हैं, शक्तिशाली भी और समर्थ भी। राजनीतिक कद के मामले में उनको विराट व्यक्तित्व का राजनेता कहा जा सकता है। व्यक्तितव अगर विराट नहीं होता, तो दार्जीलिंग के जिन पहाड़ों से उनका जीवन में कभी कोई नाता नहीं रहा, वहां से भी लोगों ने निर्दलीय जिताकर उन्हें संसद में भेजकर अपने पहाड़ों से भी बड़ी उंचाई बख्श दी।

दरअसल, पूरे विश्व के राजनयिक क्षेत्रों में जसवंत सिंह को एक धुरंधर कूटनीतिज्ञ के रूप में देखा जाता है। विदेशी सरकारों के सामने जसवंत सिंह की जो हैसियत है वह एसएम कृष्णा से कई लाख गुना और नटवर सिंह, प्रणव मुखर्जी आदि के मुकाबले कई गुना ज्यादा बड़ी है। भाजपा में तो क्या देश की किसी भी पार्टी में विदेश के मामलों में उनकी टक्कर का कूटनीतिक जानकार नहीं है, यह कांग्रेस भी जानती है, आप भी और हम भी। और राजनीतिक कद नापा जाए, तो वसुंधरा राजे तो खैर उनके सामने कहीं नहीं टिकतीं, राजनाथ सिंह तक राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का बावजूद जसवंत सिंह के मुकाबले बहुत बौने हैं। लेकिन राजनीति का भी अपना अलग मायाजाल होता है। यह बीजेपी का सनातन दुर्भाग्य है या बड़े नेताओं की किस्मत का दुर्योग कि जो लोग कभी उनके दरवाजे की तरफ देखते हुए भी डरते थे, वे आज उन्हें आंख दिखा रहे हैं। लेकिन यह तो बीजेपी की किस्मत की कमजोरी का कमाल ही कहा जा सकता है कि जसवंत सिंह जैसा बहुत बड़ा नेता आज अलग थलग होकर निर्दलीय लड़ने को मजबूर हैं और उनके मुकाबले बहुत बौने लोग बहुत बड़े पदों पर बिराजमान होकर जसवंत सिंह जैसों की किस्मत लिखने के मजे ले रहे हैं। राजनीति भले ही इसी का नाम है। लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास है कि आखिर जसवंत सिंह का कसूर क्या है?

रविवार, 23 मार्च 2014

जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब


डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह कि टिकट काटने के बाद पहली बार गृह जिले बाड़मेर कि सीमा में प्रवेश पर हज़ारो समर्थको ने पहुँच जसवंत का उत्साह के साथ स्वागत कर उनके समर्थन में नारे लगाये। जसवंत का उनके समर्थक बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे ,खुली जीप में सवार जसवंत सिंह के साथ करीं आठ किलोमीटर लम्बी वाहन रेली साथ थी ,आठ किलोमीटसर् सड़क मार्ग जसवंत समर्थको से भरा था ,


कद्दावर नेता जसवंत सिंह कि भाजपा द्वारा टिकट काटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए जसवंत सिंह रविवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे बाड़मेर जिले कि सरहद पर पहुंचे जहा अपर जनसमूह ने जसवंत का जोरदार स्वागत कर उनकी हौसला अफजाई कि। यहाँ पहुंचे जसवंत सिंह हज़ारो कि तादाद में समर्थक देख गाड़ गाड़ हो गए ,जसवंत सिंह के काफिले में डोली से पचपदरा तक वाहनो का रेला लगा था ,


जसवंत सिंह का डोली ,सरवड़ी ,कल्याणपुरा ,धावा ,अराबा ,पटाऊ ,नागाणा में भी हज़ारो कि टाडा में समर्थक पहुंचे ,जसवंत सिंह ने कुल देवी नागनेशिया माता मंदिर में धोक लगा नागाणा माता का आशीर्वाद भी लिया ,जसवंत सिंह का पचपदरा पहुँचाने पर खारवाल समाज द्वारा स्वागत किया गया ,जसवंत सिंह के रोड शो में उमड़े जन समूह ने उनकी लोकप्रियता के संकेत विरोधियो को दे दिए ,

'अस्तित्व खो रहा तिलवाड़ा पशु मेला'




बालोतरा सा'ब मेळा रो पूरो ही मटीयामेट हो ग्यो है, अठे बरसों सूं आवों हो पर अबे कसम खावों के अगली बार आवों तो राम दुहाई...ये पीड़ा है विश्व विख्यात श्रीमल्लीनाथ तिलवाड़ा अश्व मेले में पहुंचे पशुपालकों की। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते साल दर साल यह मेला अपना अस्तित्व खोने लगा है। जहां पहले इस मेले में पूरे देशभर से पशुपालक पहुंचते थे और विदेशों से भी पर्यटक उम्दा नस्ल के अश्व खरीदने व देखने पहुंचते थे। अब अव्यवस्थाओं के चलते मेला एक चौथाई ही नहीं भरता। दशकों से आ रहे कई पशुपालक पहुंचते हैं, उनकी इतनी बुरी गत होती है कि वे कसम खाते हैं कि अगली बार नहीं आएंगे। मेले में अब तक करीब पांच सौ पशु व सैकड़ों पशुपालक पहुंच चुके है। रविवार से पशु पालन विभाग की ओर से यहां चौकियां स्थापित की जाएगी और 27 मार्च को झंडारोहण होगा।    शनिवार को मेले में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पशुपालकों की दयनीय स्थिति सामने आई।

पशुपालक खरीदते हैं दो रुपए लीटर पानी : 

करीब दो दशकों से हर बार मेले में आने वाले पाली जिले से यहां पहुंचे पशुपालक काजीखां कहते हैं पशुपालन विभाग की ओर से अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हमे 50 लीटर का जरीकेन यहां एक सौ रुपए में खरीदकर खुद की व पशुओं की प्यास बुझानी पड़ रही है। ऐसे में मेला बहुत ही महंगा साबित हो रहा है। मेलों की ऐसी बुरी गत के चलते अब तो पशुपालन से ही मोहभंग होने लगा है।
तावड़े तपों हों, पाणी ने तरस ग्या
पाली के पास ही रावलसा से आए जसराज पुरोहित तो जैसे बिफर ही गए। पुरोहित यहां 22 वर्षों से आ रहे हैं। वे कहते हैं, हर साल अव्यवस्थाएं बढ़ ही रही है। सरकार एक तरफ पशुपालकों को बढ़ावा देने की बात करती है और यहां तो परेशान किया जा रहा है। पुरोहित कहते हैं न पानी की व्यवस्था है और न ही चारे की। जबकि पहले रियायती दरों पर चारा मिलता था, बकायदा बिजली-पानी की व्यवस्था रहती थी।
कब कोई लूट ले : मेड़ता से आए किशनाजी प्रजापत तो दो दिन पूर्व मेले में हुई जहरखुरानी की घटना से घबराए हुए हैं। वे कहते हैं मेले में चल एटीएम लगाने की मांग हर बार उठती है, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। पशुपालन विभाग के अधिकारी गौर ही नहीं करते। यदि जिम्मेदार विभाग किसी बैंक से बात करे तो यहां चल एटीएम की व्यवस्था आराम से हो जाए।
वे कहते हैं यहां हर पशु व्यापारी खरीद-फरोख्त के लिए आता है तो लाजमी है लाखों रुपए पास में होते हैं। ऐसे में हर वर्ष यहां जहरखुरानी की घटनाएं बढ़ गई है। इससे गरीब पशु पालक तो लुटता ही है, किसी की जान तक जा सकती है।

पानी के कार्यादेश हो गए हैं, रियायती दर पर चारा
॥पानी सप्लाई के कार्यादेश आज ही हुए हैं। शाम को पानी के टैंकर पहुंचा दिए थे। रियायती दर पर चारे के लिए को-ऑपरेटिव सोसायटी व्यवस्था करती है, इसके लिए कल ही बात करेंगे।
बीआर जेदिया,
जिला पशुपालन अधिकारी, बाड़मेर

गुरुवार, 20 मार्च 2014

बाड़मेर भाजपा लोकसभा चुनाव कार्यालय पर जड़े ताले ,कर्नल का जोरदार विरोध

बाड़मेर भाजपा लोकसभा चुनाव कार्यालय पर जड़े ताले ,कर्नल का जोरदार विरोध


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी बाड़मेर जिला संघठन ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा बाड़मेर जैसलमेर संसदीय सीट के लिए कांग्रेस नेता कर्नल सोनाराम चौधरी कि उम्मीदवारी घोषित करने के प्रयासो के खिलाफ एक माह पूर्व खोले गए लोकसभा चुनाव कार्यालय पर ताले ठोक दिए तथा संगठन के समस्त पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने कर्नल कि उम्मीदवारी का जोरदार विरोध करते हुए संगठन से इस्तीफे देने का ऐलान कर दिया ,
बाड़मेर से भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह टिकट मांग रहे थे उनकी उम्मीदवारी तैसिडा थी इसी बीच वसुंधरा राजे ने कांग्रेस के जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी को भाजपा में शामिल करा उन्हें बाड़मेर से टिकट देने का अनुमोदन केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रख दिया ,केंद्रीय चुनाव समिति ने कर्नल का टिकट रोक दिया ,मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस कदम कि भाजपा के पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने निंदा कर कर्नल कि उम्मीदवारी का जोरदार विरोध किया ,गुरूवार शाम पांच बजे लोकसभा चुनाव कार्यालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य स्वरुप सिंह राठोड ,दिलीप पालीवाल के नेतृत्व में बैठक का आयोजन कर कर्नल कि दावेदारी को ,किया राठोड ने कहा कि जो व्यक्ति पिछले बीस सालो से भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ता आया हो उसे तुरंत टिकर देना कार्यकर्ताओ का अपमान हें। कर्नल कि उम्मीदवारी किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं। उन्होंने दो टूक शब्दो में कहा कि बाड़मेर को सिर्फ जसवंत सिंह उम्मीदवार चाहिए ,पार्टी जसवंत सिंह को टिकर देती हें तो ठीक वर्ना पूरा संगठन जसवंत सिंह को निर्दलीय जितने में साथ खड़ा रहेगा ,सभी पदाधिकतरियो और कार्यकर्ताओ ने एक राय होकर कार्यालय पर ताले जड़ दिए ,भाजपा के वरिष्ट नेता दिलीप पालीवाल ने कहा कि जसवंत सिंह कि उम्मीदवारी कि घोषणा के बाद ही कार्यालय के ताले खुलेंगे।

मंगलवार, 18 मार्च 2014

अपने ऊपर दर्ज मामलो से बचने के लिए भाजपा में गए कर्नल अमिन खान


पूर्व मंत्री अमिन खान ने कर्नल पर लगाये आरोप
अपने ऊपर दर्ज मामलो से बचने के लिए भाजपा में गए कर्नल अमिन खान 

बाड़मेर बाड़मेर जिले के अल्पसंख्यक खुर्राट नेता और पूर्व मंत्री अमिन खान ने कांग्रेस के दिग्गज जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी के भाजपा में शामिल होने को मौकापरस्ती बताया ,उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नल पर कई मामले दर्ज हें। उन मामलो से बचने के लिए वो भाजपा में शामिल हुए हें। उन्होंने बताया कि कर्नल के भाजपा में जेन से कांग्रेस मजबूत होगी। उलेखनीय हें बाड़मेर जैसलमेर से तीन मर्तबा सांसद रहने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी कि चौथी जीत को अमिन खान कि नाराजगी ने रोका था ,कर्नल के खिलाफ मुस्लिम मतदाताओ ने जमकर भाजपा को वोट कर कर्नल को झटका दिया था। मुस्लिमो कि कर्नल से नाराजगी अभी भी जारी हें।

फोटो। …। बाड़मेर होली के रंग बाड़मेर पुलिस के संग









फोटो। …। बाड़मेर होली के रंग बाड़मेर पुलिस के संग 

बाड़मेर एक दिन पूर्व पूरी सुरक्षा मुहैया कराकर लोगों को होली का आनंद दिलाने वाले पुलिसकर्मियों ने दूसरे दिन मंगलवार को पुलिस लाइंस में जमकर होली खेली। पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा ,अतिरिक्त अधीक्षक रघुनाथ गर्ग ,उप अधीक्षक ओम प्रकाश गौतम  ने पुलिसकर्मियों को गुलाल लगाए और शुभकामनाएं दी।


सुबह करीब 9  बजे पुलिस लाइंस का माहौल होली के रंग में डूबा हुआ था। हर किसी के चेहरे पर लाल, हरा, गुलाबी रंग लगा था। ढोलक की थाप और फाग गीतों पर नृत्य करते जवानों ने माहौल को और खुशनुमा बना दिया। अधिकारियो ने  ने पुलिस जवानों को अबीर लगाए, गले मिले और शुभकामनाएं दी। शाम को हुई सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने अपने गीत संगीत से भरपूर मनोरंजन किया।  

foto...लोकसंस्कृति जीवित हो उठी सनावड़ा गेर मेला में


लोकसंस्कृति जीवित हो उठी सनावड़ा गेर मेला में 







सनावड़ा गेर मेले में उमड़ा हुजुम

-होली के दूसरे दिन गेर मेले का आयोजन, हजारों की संख्या में दर्शकों की भीड़ के बीच लाल-सफेद आंगी पहने कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां

बाड़मेर. एशियाड में धूम मचा चुके सनावड़ा गेर नृत्य की प्रस्तुति होली के दूसरे दिन धुलण्डी के अवसर पर सनावड़ा गेर मेले में हुई। विशेष पोशाक पहने सैकड़ों कलाकारों ने ढोल व थाली की थाप पर मनमोहक अंदाज में गेर नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मेले में बाड़मेर जिलेभर से हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी।

गेर मेले में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ के बीच लाल-सफेद आंगी पहने कलाकार गोल घेरे में डांडियों को टकराते हुए थिरकते नजर आए। मेले में युवाओं के साथ बुजुर्ग कलाकारों में भी जोश कम नही था। रंग बिरंगी आंगी पहने हाथों में डांडिया लिए गोल घेरे में नृतकों ने लय व ताल के साथ डांडियों की डंकार से सनावड़ा गूंज उठा।

167 सालों से गेर मेले का आयोजन:

167 वां गेर मेला धुलण्डी के दिन दोपहर 3 बजे से प्रारंभ हुआ। इस दौरान गेर नृतक चार दिशाओं में गेर खेलते हुए मैदान में पहुंचे। चार दिशाओं में पंक्तिबंद्ध नृत्य करते हुए गोल घेरा बना दिया। देखते ही देखते गैरिये थाली की टंकार और ढोल की थाप पर गोल घेरे में पारंपरिक अंदाज में थिरकते लगे। कभी खड़े होकर तो कभी योग मुद्रा में नृतकों ने अपना प्रदर्शन किया।

आसपास के गांवों से गेरियों ने भाग लिया:

गेर मेले में जाखड़ों की ढाणी, सनावड़ा, मूढ़ों का तला, रामदेरिया, जेठाणी जाखड़ों की ढाणी, सादुलानियों का तला, सुथारों का तला, कुम्हारों का तला, अणदे का तला, नवा तला, पिंडेलों का तला सहित 15-20 गांवों से गेर कलाकारों ने भाग लिया। दर्शकों की भारी भीड़ के कारण पर्याप्त जगह नहीं होने पर दर्शक मकान, पेड़ व पोल पर चढक़र गेर मेले का आनंद लिया। जेठाणी जाखड़ों का तला पर पहली बार गेर नृत्य की शुरूआत हुई, जहां दर्शकों ने उत्साह के साथ गेर नृत्य की प्रस्तुति दी। इस दौरान नानगाराम मायला, प्रेमाराम, तगाराम, चैनाराम, कुंभाराम मूढ़, खेराजराम, लाखाराम, सहित कई युवाओं ने उत्साह के साथ भाग लेते हुए गेर नृत्य की प्रस्तुति दी।

यह है कलाकरों की वेशभूषा:

गेर नृतक आंगी, बागी घाघरा, कमर कड़बंदा, पांवों में घुंघरु और विभिन्न रंगों में लाल पीला साफा पहने हुए थे। साफों में कलंकी लगाए, गले में कांच कशीदाकारी की बनी हुई पेसी पहने हुए थे। थाली और ढोल बजाने के तौर तरीकों के आधार पर ही गैरियों ने नृत्य की प्रस्तुतियां दी। थाली और ढोल की थाप के साथ ही गैरियों ने नृत्य प्रारंभ कर दिया। जैसे ही थाली की टंकार प्रथम बार बंद होकर पुन: शुरु होती है तो गेर नृतक खड़े होकर खेलने की बजाय योग मुद्रा की स्थिति में आ गए। जब दूसरी बार थाली की टंकार बंद होकर पुन: शुरू होती है तो हेरी नृत्य शुरु हो गया।

नहीं पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी:

गेर मेले में इस बार कोई बड़ा प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। प्रशासनिक उदासीनता के कारण दर्शकों में निराशा नजर आई। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कन्हैयालाल रैगर, एडीओ महेंद्र शर्मा, पीराराम शर्मा, सदर थानाधिकारी आंनदसिंह, जिला परिषद सदस्य गोपालसिंह, सरपंच गंगादेवी चौधरी, पूर्व सरपंच कुंभाराम जाखड़, खीयाराम जाखड़ सहित कई बड़े-बुजुर्ग व युवाओं का सहयोग रहा। वहीं शंकरलाल देवपाल, भैरूलाल जैन, युद्धिष्टर, भीम भारती स्वामी, डूंगराराम सारण, लूणकरण बोथरा, भोमाराम मूढ़, ईशराराम, चौखाराम सहित कई लोगों का मेले में सहयोग रहा।