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रविवार, 27 सितंबर 2020

एक राजनीती युग का अंत ,जसवंत सिंह पंचतत्व में विलीन ,मानवेन्द्र ने दी मुखाग्नि

 एक राजनीती युग का अंत ,जसवंत सिंह पंचतत्व में विलीन ,मानवेन्द्र ने  दी मुखाग्नि 

जसवंत सिंह के निधन की खबर से पश्चिमी राजस्थान गमगीन ,जोधपुर फार्म हाउस पे हुआ  अंतिम संस्कार  








बाड़मेर पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी  के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक जसवंत सिंह का निधन दिल्ली में होने के बाद उनके पार्थिव शरीर आपणी मिटटी के हवाले  विशेष  जोधपुर लाया गया।  रोड पर पाबूपुरा में स्थित जसवंत सिंह के हाउस पर विधिवत  संस्कार किया गया ,अंतिम संस्कार में जानी मानी शामिल हुई ,जसवंत सिंह के बड़े पुत्र मानवेन्द्र सिंह पूर्व सांसद ,छोटे पुत्र भूपेंद्र सिंह ,पौत्र हमीर सिंह  ने उन्हें मुखग्नि दी।  


जसवंत सिंह के निधन की खबर आने बाद उनके गृह जिले बाड़मेर सहित कर्मस्थली जैसलमेर ,जोधपुर ,जालोर ,पाली जिले गमगीन हो गए ,उनका  पैतृक गांव जसोल पूर्णत बंद रहा , जसवंत सिंह बाड़मेर जिले के जसोल राजपरिवार से थे। आदर्श राजनीतिज्ञ रूप में विश्व्यापी छवि के साथ  जसवंत सिंह को अपने मालाणी क्षेत्र और लोगो से विशेष जुड़ाव था ,लगभग क्षेत्र हर एक को नाम से जानते थे , उनके निधन से क्षेत्र के सिंधी मुस्लिम समुदाय जो उन्हें अपना रहनुमा मानते थे उनके निधन से बहुत दुखी हुए ,पुरे क्षेत्र में शोक की लहर हैं ,बड़ी संख्या में उनके समर्थक उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं,उनके पैतृक गांव जसोल में सन्नाटा पसरा हैं ,  जसवंत सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से जोधपुर लाया जा , करीब सवा बारह बजे जोधपुर एयरपोर्ट उनका पार्थिव शरीर पहुंचेगा ,एयरपोर्ट से उनका पार्थिव शरीर उनके फार्म हाउस पर लाया गया ,जसवंत सिंह को श्रद्धांजलि देने समर्थकों की भारी  भीड़ उमड़ी ,इस मौके पे केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ,उम्मेद सिंह  राठोड ,मदन राठोड,विधायक मीना कंवर ,पब्बा राम विश्नोई ,मेवाराम जैन ,मदन प्रजापत , हेमाराम चौधरी ,महेंद्र विश्नोई सहित कई जन प्रतिनिधि और मोजिज लोग उपस्थित थे ,

जसवंत सिंह  82 साल के थे और पिछले छह साल से कोमा में थे। दिल्‍ली के आर्मी अस्‍पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'पूर्व कैबिनेट मंत्री मेजर जसवंत सिंह (रिटा) का आज सुबह 6.55 बजे निधन हो गया। उन्‍हें जून को भर्ती कराया गया था और सेप्सिस के साथ मल्‍टीऑर्गन डिसफंक्‍शन सिंड्रोम का इलाज चल रहा था। उन्‍हें आज सुबह कार्डियक अटैक  आया। उनका कोविड स्‍टेटस निगेटिव है।

रक्षा के अलावा वित्‍त और विदेश मंत्रालय भी संभाला

भारतीय सेना में मेजर रहे जसवंत सिंह ने बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। बीजेपी की स्‍थापना करने वाले नेताओं में शामिल जसवंत ने राज्‍यसभा और लोकसभा, दोनों सदनों में बीजेपी का प्रतिनिधित्‍व किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली सरकार में उन्‍होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्‍त जैसे मंत्रालयों का जिम्‍मा संभाला। बतौर वित्‍त मंत्री जसवंत सिंह ने स्‍टेट वैल्‍यू ऐडेड टैक्‍स (VAT) की शुरुआत की जिससे राज्‍यों को ज्‍यादा राजस्‍व मिलना शुरू हुआ। उन्‍होंने कस्‍टम ड्यूटी भी घटा दी थी। 2014 में बीजेपी ने सिंह को बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। नाराज जसवंत ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए थे। उसी साल उन्‍हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे।

बीजेपी के संस्थापक सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है. वो काफी लंबे समय से बीमार थे और कोमा में थे. राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव जसोल में जन्मे जसवंत सिंह को पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी का 'हनुमान' कहा जाता था. वो एनडीए सरकार में वित्त, विदेश और रक्षा मंत्री रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं. चाहे पाकिस्तान के साथ से रिश्ते सुधार की बात रही हो या फिर परमाणु परिक्षण के बाद दुनिया के साथ बेहतर संबंध को मजबूत करने की, जसवंत सिंह ने अपना रोल बाखूबी निभाया. 


पाकिस्तान के साथ रिश्ता सुधारना

जसवंत सिंह ने अपने राजनीतिक सफर में पाकिस्तान और बंग्लादेश के साथ रिश्ते सुधराने की हरसंभव कोशिश की थी. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच शांति का उनका सपना भी अधूरा ही रह गया है. इसे लेकर कभी उन्होंने कहा था कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक ही मां की सिजेरियन प्रसव से पैदा हुई संतानें हैं, जिनके बीच आपसी रिश्ते बेहतर होने चाहिए. इस दिशा में उन्होंने हरसंभव कोशिश की थी. 

2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद जब सारी राजनीतिक पार्टियां पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए एकमत थीं. इतना ही नहीं भारतीय सेना भी सीमा पर तैनात की जा चुकी थी, उस दौरान जसवंत सिंह पर आरोप लगे कि उन्होंने ऐसा न होने देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. उन्हें पता था कि युद्ध से दोनों देशों के रिश्ते कभी सुधर नहीं सकते. मुनाबाव-खोखरापार के बीच थार एक्सप्रेस चलवाकर उन्होंने दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की ओर एक कदम बढ़ाया था. यही नहीं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बस को लेकर पाकिस्तान के लाहौर गए थे. 

जुलाई 2001 की आगरा शिखर वार्ता के दौरान जसवंत सिंह एनडीए सरकार के विदेश मंत्री थे. आगरा में अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के चीफ मार्शल लॉ ऑफिसर परवेज मुशर्रफ के बीच वर्ता के दौरान जसवंत सिंह थे. दरअसल, वर्ता के पहले दिन भारत के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने प्रस्ताव दिया था कि अटल और मुशर्रफ के साथ, दोनों देशों के विदेश मंत्री भी बैठेंगे. इसके बाद दोनों देशों के मुखिया के सहित चार लोगों के बीच बातचीत चली और कोशिश भी की गई, लेकिन सफल नहीं हो सकी. 

 परमाणु परिक्षण के बाद दुनिया के साथ संबंध बनाना

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1998 में पोखरण में दो दिनों के अंतराल में 5 परमाणु परीक्षण कर सारी दुनिया को चौंका दिया था. इसके बाद दुनियाभर के तमाम देश भारत के विरोध में खड़े हो गए थे. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और कई पश्चिमी देशों सहित कई देशों में आर्थिक पाबंदी लगा दी थी. देश में विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटा था. प्रतिबंध के चलते देश की आर्थिक हालत बिगड़ गई थी. ऐसे में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने दुनिया को जवाब देने के लिए जसवंत सिंह को आगे किया था. 

परमाणु परिक्षण किये जाने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तो में जो दरार आई, उसे जसवंत सिंह ने अपने कौशल से भरने की कोशिश की. जसवंत सिंह के तत्कालीन अमेरिकन प्रतिरूप स्ट्रोब टैलबोट के मुताबिक वे एक बेहतरीन वार्ताकार और कूटनीतिज्ञ रहे. जसवंत सिंह के कूटनीतिक कौशल का कमाल था कि 2001 के आते-आते ज्यादातर देशों ने सारी पाबंदियां हटा ली थीं.

 विमान हाईजैक के दौरान खुद आगे आए

आतंकियों ने 24 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 को हाईजैक कर लिया था. इसमें 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स सवार थे. कंधार विमान अपहरण कांड के वक्त जसवंत सिंह विदेश मंत्री थे. आतंकियों ने शुरू में भारतीय जेलों में बंद 35 उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की. सरकार इस पर राजी नहीं हुई और बाद में तीन आतंकियों को छोड़ने पर सहमति बनी. तीन आंतकियों को कंधार छोड़ने भी जसवंत सिंह गए थे. 

जसवंत सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि इस फैसले का आडवाणी और अरूण शौरी ने विरोध किया था. लेकिन मौके पर कोई गड़बड़ न हो इसलिए उनका साथ जाना जरूरी था. वे लिखते हैं कि उन्हें मालूम था कि इस फैसले के लिए उन्हें कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा. शुरूआत में जसवंत सिंह भी आतंकियों से किसी भी तरह का समझौता करने के खिलाफ थे. लेकिन बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय के आगे बिलखते अपह्रत यात्रियों के परिजनों को देखकर उनका मन बदल गया.

 राजनीतिक जीवन भ्रष्टाचार से पाक रहा

जसवंत सिंह 1960 में सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक के मैदान में उतरे थे. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वह अपने कैरियर के शीर्ष पर थे. वो पांच बार राज्यसभा और चार बार लोकसभा सदस्य रहे. इतना ही नहीं जसवंत ने एनडीए सरकार में वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन उनके दामन पर एक भी भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा. हालांकि, रक्षा मंत्रालय के बारे में कहा जाता है कि यह ऐसा विभाग है, जिसने भी संभाला उसके दामन पर कालिख जरूर लगी है. वहीं, खुद को लिबरल डेमोक्रेट कहने वाले जसवंत सिंह हमेशा विवादों से घिरे रहे लेकिन उनपर कोई भ्रष्टाचार का आरोप कभी नहीं लगा.

बीजेपी का उदारवादी चेहरा माने जाते थे

जसवंत सिंह भले ही बीजेपी की बुनियाद रखने वाले नेताओं में शामिल रहे हों, लेकिन पार्टी के हिंदुत्व की राजनीति से उन्होंने खुद को दूर रखा था. जयवंत सिंह बीजेपी के उदारवादी चेहरे के तौर पर पूरे जीवन रहे हैं. उन्होंने बीजेपी में रहते हुए अपनी राजनीति अपनी शर्तों पर की. बीजेपी में होते हुए भी वो कभी बाबरी प्रकरण या हिंदुत्व के राजनीतिकरण के पक्षधर नहीं रहे. अपने क्षेत्र और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लोगों का उनको जबर्दस्त आत्मीय समर्थन हासिल था. इसी का नतीजा था कि उनके क्षेत्र के मुसलमान उनके पक्षधर रहे. यहां तक कि कांग्रेस के नेता भी जसवंत सिंह के नाम पर पार्टी से अलग हो जाते थे. एक बीजेपी नेता के लिए इस तरह का समर्थन विरले ही देखने को मिलता है.

जसवंत सिंह जिन्ना पर लिखी अपनी किताब को लेकर बीजेपी से निष्कासित किए गये थे. वे अपनी किताब 'जिन्ना: इंडिया-पार्टीशन, इंडिपेंडेंस' में लालकृष्ण आडवाणी तर्ज पर एक तरीके से जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष होने का सर्टिफिकेट देते नजर आए थे. अपनी किताब में उन्होंने सरदार पटेल और पंडित नेहरू को देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन ये बातें बीजेपी और आरएसएस की सोच से मेल नहीं खाती थीं, जिसके चलते 2009 में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. 


जसवंत सिंह: पूर्व केंद्रीय मंत्री का निधन, बीते 6 साल से थे बीमार,पीएम मोदी ने जताया दुख

 जसवंत सिंह: पूर्व केंद्रीय मंत्री का निधन, बीते 6 साल से थे बीमार,पीएम मोदी ने जताया दुख



पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक जसवंत सिंह का निधन हो गया है। वह 82 साल के थे और पिछले छह साल से कोमा में थे। दिल्‍ली के आर्मी अस्‍पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'पूर्व कैबिनेट मंत्री मेजर जसवंत सिंह (रिटा) का आज सुबह 6.55 बजे निधन हो गया। उन्‍हें जून को भर्ती कराया गया था और सेप्सिस के साथ मल्‍टीऑर्गन डिसफंक्‍शन सिंड्रोम का इलाज चल रहा था। उन्‍हें आज सुबह कार्डियक अटैक  आया। उनका कोविड स्‍टेटस निगेटिव है।'


रक्षा के अलावा वित्‍त और विदेश मंत्रालय भी संभाला

भारतीय सेना में मेजर रहे जसवंत सिंह ने बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। बीजेपी की स्‍थापना करने वाले नेताओं में शामिल जसवंत ने राज्‍यसभा और लोकसभा, दोनों सदनों में बीजेपी का प्रतिनिधित्‍व किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली सरकार में उन्‍होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्‍त जैसे मंत्रालयों का जिम्‍मा संभाला। बतौर वित्‍त मंत्री जसवंत सिंह ने स्‍टेट वैल्‍यू ऐडेड टैक्‍स (VAT) की शुरुआत की जिससे राज्‍यों को ज्‍यादा राजस्‍व मिलना शुरू हुआ। उन्‍होंने कस्‍टम ड्यूटी भी घटा दी थी। 2014 में बीजेपी ने सिंह को बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। नाराज जसवंत ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए थे। उसी साल उन्‍हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे।


 देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह (Jaswant Singh) का आज (रविवार) सुबह निधन हो गया. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे. जसवंत सिंह 82 साल के थे. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे थे. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) समेत राजनीति जगत की कई हस्तियों ने दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के मामलों पर उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने में भी योगदान दिया. मैं हमेशा हमारी बातचीत को याद रखूंगा. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना.'


पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'श्री मानवेंद्र सिंह से बात की और जसवंत सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त किया. जसवंत जी पिछले 6 साल से पूरी बहादुरी से बीमारी से लड़ रहे थे.' मानवेंद्र सिंह जसवंत सिंह के बेटे हैं.


राजनाथ सिंह ने जसवंत सिंह के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, 'अनुभवी भाजपा नेता और पूर्व मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ. उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश की सेवा की. उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया. श्री जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा में के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ. सैन्य अधिकारी व एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने देश की उत्कृष्ट सेवा की. दोनों ही भूमिकाओं में उनकी सूझबूझ ने देश को अनेक बार विषम परिस्थितियों से बाहर निकाला. शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं.'


सोमवार, 21 अक्तूबर 2019

ए कॉल टू ऑनर पर आधारित है ब्लॉक बस्टर वार,पी एम ओ में जासूसी पर आधारित थी जसवंत सिंह की यह पुस्तक*

*ए कॉल टू ऑनर पर आधारित है  ब्लॉक बस्टर वार,पी एम ओ में जासूसी पर आधारित थी जसवंत सिंह की यह पुस्तक*



*जैसलमेर आपको याद होगा जब पूर्व वित्त विदेश रक्षा मंत्री जसवंत सिंह की पुस्तक ए कॉल टू ऑनर प्रकाशित हुई थी बवाल मच गया था।बवाल मचना ही था।पुस्तक पी एम ओ में जासूसी पर आधारित थी।।पुस्तक में बताया गया था कि किस कदर देश के लोग ही देश की जासूसी कर देश के साथ गद्दारी कर रहे है।किस तरह देश के ही चंद गद्दारों में अपना जाल पी एम ओ तक फैला रखा है। गोपनीय खासकर गृह और रक्षा संबंधित रिकॉर्डों की जासूसी हो रही है।इस पुस्तक ने राजनीति को झकझोर के रख दिया था।।तत्कालीन विदेश मंत्री नटवर सिंह ने भी जसवंत सिंह के लिए सुझाव छोड़ा था कि जासूसी करने वालो के नाम उजागर न करे।गोपनीय रखे।मगर जसवंत सिंह जैसे स्वाभिमानी के जमीर को यह गवारा नही हुआ।उन्होंने अपने राजनीति केरियर की परवाह किये बगैर इस पुस्तक को  प्रकाशित किया।जसवंत सिंह कितने दूरदर्शी और परखी है यह अब साबित होता है।।आज इसी पुस्तक पर यशराज बेनर तले बनी फ़िल्म वार देश विदेश में धूम मचा रही है।300 करोड़ कमा कर सब फिल्मों को पीछे छोड़ दिया।।जसवंत सिंह जी की लेखनी यथार्थ परख होती है।।अब भी वक़्त है।वो कल्पनाओं में नही वास्तविकता को समझते है।।इस पुस्तक के प्रकाशित होने के साथ इसे गद्दारों ने बाजार से गायब करवा दिया था।।आज ए कॉल टू ऑनर की डिमांड एकाएक बढ़ गई।।*

मंगलवार, 18 सितंबर 2018

थार की राजनीतिक शख्शियत।। मालाणी के सपूत जसवंत सिंह,देश विदेशों में धाक जमाई,

थार की राजनीतिक शख्शियत।।
मालाणी के सपूत जसवंत सिंह,देश विदेशों में धाक जमाई,




जन्म: 3 जनवरी 1938, जसोल, बाड़मेर, राजस्थान

कार्य-क्षेत्र: राजनेता

जसवंत सिंह एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता हैं। वे अपनी नम्रता और नैतिकता के लिए जाने जाते है। जसवंत सिंह उन गिने-चुने नेताओ में से हैं जिन्हें भारत के रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा जिसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया। जसवंत सिंह एक आदर्शवादी व्यक्ति के रूप में जाने जाते है। जब उन्हें विदेश नीति का कार्यभार सौपा गया था तब उन्होंने बड़ी कुशलता से भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को कम किया था। उनकी लेखनी में उनकी परिपक्वता और आदर्शो के प्रति उनका आदर साफ़ झलकता है। जसवंत सिंह को लोगो से घुलना मिलना पसंद है और वे अस्पताल, संग्रहालय और जल संरक्षण जैसी कई परियोजनाओ के ट्रस्टी भी है। 7 अगस्त 2014 को अपने निवास स्थान पर गिरने के कारण जसवंत सिंह कोमा में चले गए जिसके बाद उनका स्वास्थ्य ख़राब ही चल रहा है।

प्रारंभिक जीवन

जसवंत सिंह का जन्म  जनवरी 1938 को ठाकुर सरदार सिंह और श्रीमती कुंवर बिसवास के  घर राजस्थान के बाड़मेर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण मेयो कोलेज अजमेर और इंडियन मिलिट्री अकादमी, देहरादून से लिया। शिक्षण के अलावा जसवंत सिंह को संगीत सुनना, शतरंज और गोल्फ खेलना पसंद है। जसवंत सिंह एक सफल राजनितिग्य रहे हैं और इसके साथ-साथ उन्होंने पारिवारिक जीवन में भी सामंजस्य बनाये रखा। उनके परिवार में पत्नी शीतल कुमारी और दो बेटे हैं।

राजनैतिक जीवन

जसवंत सिंह ने अपना राजनैतिक जीवन खुद बनाया है। वे वाजपेयी सरकार (16 मई 1996 से 1 जून 1996) में वित्त मंत्री रहे। बाद में वे वाजपेयी सरकार में विदेशी मंत्री थे और एक बार फिर वित्त बने। तहलका खुलासे के बाद उन्हें एन.डी.ए सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया। सन 1998 में भारत द्वारा परमाणु परिक्षण किये जाने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तो में जो दरार आई, उसे जसवंत सिंह ने अपने कौशल से भरने की कोशिश की। जसवंत सिंह के तत्कालीन अमेरिकन प्रतिरूप स्ट्रोब टैलबोट के मुताबिक वे एक बेहतरीन वार्ताकार और कूटनीतिज्ञ हैं। जसवंत सिंह बीजेपी के सर्वाधिक प्रभावशाली नेताओं में से रहे हैं। वे छह बार सांसद रह चुके हैं। संसद में वे आकलन समिति, पर्यावरण- वन समिति और उर्जा समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। जसवंत सिंह योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे। सन 1998 और 1999 में जसवंत सिंह को भारत का विदेशी मंत्री नियुक्त किया गया था। सन 2002 में पुनः उनकी नियुक्ति भारत के वित्त मंत्री के पद पर की गई। जसवंत सिंह ने कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और सुरक्षा एवं विकास के मुद्दों पर कई किताबें लिखी हैं।

जब वे विदेश मंत्री थे तब दो आतंकवादियों को कन्धहार, अफ़ग़ानिस्तान, सुरक्षित पहुँचाने के उनके फैसले की विविध राजनैतिक पक्ष द्वारा कड़ी आलोचना भी हुई थी। दो आतंकवादियो को इंडियन एयरलाइन्स के हवाई जहाज को अपहरण कर बंधक बनाये हुए यात्रिओं के बदले भारत सरकार द्वारा छोड़ दिया गया था। सन 2009 में जसवंत सिंह ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग सीट से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था। अगस्त 2009 में पार्टी से निष्कासित होने के बाद 25 जून 2010 को जसवंत सिंह बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी और लाल कृष्ण अडवाणी की उपस्थिति में फिर से बीजेपी में शामिल कर लिए गए।

हादसे के बाद से स्वास्थ्य लाभ ले रहे

अगस्त 2014 में दिल्ली स्थित अपने मकान में स्लिप हो गए।इस हादसे में वे कोमा में चले गए।।दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उनका उपचार चला।।नरेंद्र मोदी सहित देश बिदेश के कई हस्तियां उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने अस्पताल पहुंचे।।फिलवक्त दिल्ली में ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

पुरुस्कार और सम्मान

अपने कार्यकाल के दौरान अपरिमित योगदान के लिए, जसवंत सिंह को 2001 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार प्रदान किया गया था

टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)

1938: बाड़मेर, राजस्थान में जन्म

1960: भारतीय सेना में अधिकारी

1996: अटल बिहारी बाजपयी की अल्पकालीन सरकार में वित्त मंत्री रहे

1980: राज्य सभा में प्रवेश किया

1986: राज्यसभा में दूसरी बार चुने गए, लोक लेखा समिति, राज्यसभा सभ्य, विशेषाधिकार

सम्बन्धी समिति, राज्यसभा सदस्य,  लोक कार्य समिति, राज्यसभा

1987: परामर्शक समिति, पंजाब राज्य, के सदस्य

1989: विधायिका कानून, 1987

1990: 9वी लोक सभा में चुनाव जीते

1991:  अनुमान समिति के अध्यक्ष, 10वी लोक सभा में फिर चुनाव जीते (दुसरी अवधि),

पर्यावरण और वन समिति के अध्यक्ष

1992: सुरक्षितता और बैंकिंग लेन-देन में अनियमितता जांचने के लिए बनाई गई संयुक्त

संसदीय समिति के सभ्य बने

1993: उर्जा समिति के अध्यक्ष बने

1996: 11वी लोक सभा में चुनाव जीता (तीसरी अवधि), केन्द्रीय वित्त मंत्री बने

1998: योजना आयोग के उपाध्यक्ष चुने गए

1998: राज्यसभा में तीसरी बार चुने गए

1998: केन्द्रीय केबिनेट में विदेशी मामलो के मंत्री बने

1998: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स (समकालीन अधिकार)



1998: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, भूतल परिवहन (समकालीन अधिकार)

2004: राज्यसभा में चौथी बार चुने गए

2004: केन्द्रीय केबिनेट रक्षा मंत्री (समकालीन अधिकार)

2004: वित्त मंत्री और कंपनी अफेयर्स मंत्री, भारत सरकार

2004: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, वित्त मंत्रालय

2004: राज्यसभा में पांचवी बार चुने गए

2004: नेता विपक्ष, राज्यसभा

2004: विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण और वन्य समिति के सदस्य

2004: राष्ट्रीय नेताओ और सांसदों के छाया चित्र और स्मारक संसद भवन में प्रतिष्ठापन करने

हेतु बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य

2004: सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य

2004: चौथी बार लोक सभा चुनाव जीते. लोक लेखा समिति के अध्यक्ष,

लोक लेखा समिति के सदस्य बने

शनिवार, 24 अक्तूबर 2015

बाड़मेर जसवंत समर्थको का आक्रोश बरकरार दूसरे दिन भी वसुंधरा राजे के पुतले जलाये

बाड़मेर जसवंत समर्थको  का आक्रोश बरकरार दूसरे दिन भी वसुंधरा राजे के पुतले जलाये 


बाड़मेर पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद तो अस्वस्थता के चलते दिल्ली हैं मगर उनके समर्थको में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रति आक्रोश बरकरार हैं ,मुख्यमंत्री की यात्रा के पहले दिन आधा दर्जन से अधिक स्थानो पर पुतले जला कर रोस व्यक्त किया श आज दूसरे दिन शहर के गांधी चौक में जसवंत सिंह के समर्थको ने बड़ी संख्या में एकट्रिओट होकर वसुंधरा राजे का पुतला फूंका ,जसवंत सिंह जिंदाबाद के नारे लगाये ,

शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

बाड़मेर जसवंत समर्थको का आक्रोश फूटा ,जगह जगह मुख्यमंत्री के पुतले फूंके

बाड़मेर जसवंत समर्थको का आक्रोश फूटा ,जगह जगह मुख्यमंत्री के पुतले फूंके 


बाड़मेर राज्य की मुखिया वसुंधरा राजे के खिलाफ आज जसवंत समर्थको का आक्रोश जबरदस्त तरीके से फूटा ,जिले में कई स्थानो पर जसवंत समर्थको ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुतले फूंके ,पुतले फूंकने से पहले गाजे बाजे के साथ शव यात्रा भी निकली ,बाड़मेर शहर में राजकीय महाविद्यालय के आगे सेकड़ो समर्थको ने एकत्रित होकर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका तथा जसवंत सिंह जिंदाबाद के नारे लगाये ,स्वाभिमान अमर रहे के नारे भी लगाये ,बायतु क्षेत्र के परेउ ,रामसर ,गडरा शिव सहित कई स्थानो पर पुतले फूंके 

शुक्रवार, 8 अगस्त 2014

ब्रेकिंग न्यूज़। जसवंत सिंह के स्वास्थ्य में कुछ सुधार ,नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार किया फोन ,जेटली ने चिकितसकों के साथ की मीटिंग

ब्रेकिंग न्यूज़।  जसवंत सिंह के स्वास्थ्य में कुछ सुधार ,नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार किया फोन ,जेटली ने चिकितसकों के साथ की मीटिंग 


दिल्ली आई सी यू आर आर अस्पताल में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह की हालत में कुछ सुधर हुआ ,वाही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जसवंत सिंह के उपचार में जुटे चिकितसकों के साथ अहम बैठक कर जसवंत  स्वास्थ्य  को जल्द  रिकवर करने को कहा हैं। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने  भी चिकित्सको को आवश्यक  निर्देश दिए ,इधर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अस्पताल पहुँच मानवेन्द्र सिंह से जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी ली ,राजस्थान के भाजपा के कई सांसद और सरकार में मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर अरुण चतुर्वेदी सहित कई नेता अस्पताल पहुँच जसवंत सिंह की कुषलक्षेमं पूछी ,

जसवंत सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना दुआओ का क्रम जारी

जसवंत सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना दुआओ का क्रम जारी 


बाड़मेर :- पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह गुरुवार रात अपने घर में गिर गये थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. धौलाकुआं के आर्मी अस्पताल में जसवंत सिंह को भर्ती कराया गया है.जसवंत सिंह को आईसीयू में भर्ती कराया गया है.और जहा उनका इलाज चल रहा है. अभी तक आई खबरों के मुताबिक जसवंत सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है जिस के चलते शुक्रवार को बाड़मेर में .जसवंत सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना के लिए जसवंतसिंह समर्थको ने हवन किया। इस दौरान सभी ने उनके स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु होने की कामना की। शुक्रवार को जसवंतसिंह समर्थक सफेद आकड़ा महादेव मंदिर में इकट्ठा हुए। वहां उन्होंने जसवंत सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए सामूहिक रूप से हवन यज्ञ किया।इसी तरह मुस्लिम भाइयो ने खुदा से जसवंत सिंह  शीघ्र स्वस्थ होने की दुआएं की गयी ,जैसलमेर में भी जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की कामना को लेकर शिव का महाभिषेक किया। थार क्षेत्र के साथ  पूरे राजस्थान में जसवंत सिंह के लिए दुआएं मांगी  जा रही हैं 

जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सको

जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सको



दिल्ली पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सको का दल करेगा करेगा। केन्द्रय स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल पहुँच जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी अस्पताल के चिकित्सको और उनके परिजनों से ली , स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स से चिकित्सको की टीम उनकी स्वास्थ्य की देखभाल के लिए बुलाने के आदेश दिए।


जसवंत सिंह जी के लिए एम्स दिल्ली के विशेषग्य चिकित्सको की टीम देखभाल के लिए तैनात। जसवंत सिंह बेहोशी की हालत में मगर शरीर की हार्ट और पल्स सामान्य काम कर रही हें। जसवंत सिन्ह्ह को देखने लोकसभा अध्यक्ष ।केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ।अमर सिंह अरुण सौरी सहित सेकड़ो नेता कुशल क्षेम जानने अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने  अस्पताल पहुँच जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी  ली। 

बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम पहुंचे आर्मी अस्पताल ,जसवंत सिंह की कुशलक्षेम पुछि

बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम पहुंचे आर्मी अस्पताल ,जसवंत सिंह की कुशलक्षेम पुछि

बाड़मेर क्षेत्रीय सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने दिल्ली स्थित आर्मी अस्पताल पहुँच आई सी यू में भर्ती जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी उनके परिजनों से मिलकर ली। कर्नल ने जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह से ली। उलेखनीय हे की जसवंत सिंह के सामने भाजपा से कर्नल चुनाव लड़े और जीते थे ,कर्नल ने जसवंत सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

बुधवार, 30 जुलाई 2014

बाड़मेर जसवंत सिंह के सुझाव पर राज्य सरकार ने मरू विकास बोर्ड के गठन की घोषणा की

जसवंत सिंह के सुझाव पर 
  
राज्य सरकार ने मरू विकास बोर्ड के गठन की घोषणा की ,बोर्ड का मुख्यालय बाड़मेर में रहेगा


बाड़मेर पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह द्वारा पूर्व में राज्य सरकार को मरू क्षेत्र के विकास के लिए मरू विकास बोर्ड के गठन के सुझाव को मान बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मरू विकास बोर्ड के गठन की घोषणा की साथ ही इस बोर्ड का मुख्यालय बाड़मेर में रहेगा। पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने गत बार बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मरू क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए मरू विकास बोर्ड के गठन का सुझाव दिया था ताकि विकास से पिछड़े क्षेत्रो को विकाश शील किया जा सके। मरू विकास बोर्ड के गठन से मरू क्षेत्र के समस्त जिलो को सीधा फायदा होगा। 

मंगलवार, 24 जून 2014

बाड़मेर भाजपा न घर के रहे न घाट के पार्टी के प्रति वफ़ादारी महँगी पड़ी


बाड़मेर भाजपा न घर के रहे न घाट के पार्टी के प्रति वफ़ादारी महँगी पड़ी

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में लोकसभा चुनावो में पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह के मैदान में उतरने के बाद आये चक्रवात में पार्टी के प्रति वफ़ादारी दिखने वाले भाजपा की जिला संघठन को चुनावो में जीत के बाद भी पूरी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर पार्टी नेता की स्थति न घर के न घाट के वाली हो गयी हैं ,पार्टी के प्रति वफ़ादारी के बदले उन्हें पार्टी से पद गंवाने पड़े ,दबी जुबान में लोग कहते हैं  की पार्टी के लोगो ने जसवंत सिंह का साथ नहीं दिया इसीलिए उन्हें पद गंवाना पड़ा ,भाजपा जिला अध्यक्ष सहित पार्टी के कई अग्रिम संघठनो के नेता पार्टी प्रत्यासी कर्नल सोनाराम के पक्ष में काम कर रहे थे ,इन लोगो ने ईमानदारी से अपना काम पार्टी हिट में किया ,मगर कांग्रेस संस्कृति से भाजपा में आये कर्नल सोनाराम ने इनकी वफ़ादारी पर शक करते हुए इनकी शिकायत चुनाव परिणाम से पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और दी की इन लोगो ने अप्रत्यक्ष रूप से जसवंत सिंह का साथ दिया ,नए नवेले उम्मीदवार कर्नल सोनाराम की बात मन प्रदेश इकाई ने आनन फानन में जिला कार्यकारिणी भांग कर बाड़मेर से अस्तित्व ही ख़त्म कर दिया क्यूंकि पूर्व में पार्टी के जिन लोगो ने बागी जसवंत सिंह का साथ खुले में दिया उन्हें पहले ही निष्कद्शित कर दिया ,जबकि जिला संघठन के परीति के साथ होते हुए भी उन्हें हटाने से कार्यकर्ता मायूस हैं ,कार्यकर्ताओ को अब लगने लगा हे की संघठन पर कांग्रेसनीत लोगो का कब्ज़ा होने जा रहा हैं।जीत के बाद भाजपा संसद ने भाजपाईयों से दूरी बने राखी हैं वाही कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ से नज़दीकियां बना राखी हैं। अब भांग जिला संघठन के पदाधिकारी पछता रहे हैं की उन्होंने जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता का साथ छोड़ कर्नल का साथ देकर गलती की थी ,बहरहाल वफ़ादारी के बड़कले पद गंवाने की यह पहली अनूठी घटना राजनीती में हुई ,इस सदमे से संघठन उबार नहीं पा रहा हैं ,

मंगलवार, 27 मई 2014

मोदी राजस्थान में तालमेल के लिए करेंगे ओम माथुर की ताज़पोशी ?

मोदी राजस्थान में तालमेल के लिए करेंगे ओम माथुर की ताज़पोशी ?


बाड़मेर भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के साथ सारे देश के खिले चेहरों के बीच राजस्थानवासियो मुरझाए चेहरों से निराशा झलक रही थी ,मोदी की सरकार से बड़ी आस लगाए बैठी राज्य की मुखिया वसुंधरा राजे को ऐसा भान नहीं था की मोदी सरकार में राजस्थान को ऐसे छिटक दिया जायेगा। राजस्थान से जीते पचीस सांसदों में से मात्र एक निहाल चंद मेघवाल को जगह मिली। जबकि आस की थी काम से काम चार मंत्री राजस्थान से केंद्र में होंगे। मोदी ने ऐसा क्यों किया यह गर्भ में हे ,मगर इतना तय हो गया की वसुंधरा राजे ने मिशन 25 के लिए जीतनी म्हणत की उस पर पानी जरूर फिर गया। राजस्थान में 163 विधायक हे मौजूदा समय में जिनमे से अधिकांस संघ पृष्ठ भूमि से। हैं वसुंधरा राजे की इन संघिष्ठ नेताओ से पटरी काम बैठती हैं ऐसे में मोदी वसुंधरा राजे को विशेष तव्वजो देने के पक्ष में नहीं थे। /मोदी आगामी दिनों में अपने चहेते संघ पृष्ठ भूमि के नेता को राजस्थान की कमान सौंपना चाहेंगे चाहे वो सरकार की हो या संघठन की ,इस समय ओम प्रकाश मथिर नरेंद्र मोदी के सबसे नजदीक और विश्वसनीय हैं। सूत्रों की मने तो मोदी राजस्थान में राजे एकल शक्ति को बाँट सकते हैं। माथुर को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती हैं। एक दो माह में यह बदलाव तय मन जा रहा हैं। मोदी ने पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के निष्काषित नेता जसवंत सिंह को सभी नियम टाक में रख चिट्ठी लिख उनसे सरकार और योगदान मांग नयी पहल की जो वसुंधरा राजे के लिए बड़ा झटका थी। मोदी जसवंत सिंह को अपने साथ लेकर राजस्थान की बागडौर ओम माथुर को सौंप सकते हैं। खबर हे की राजस्थान में बदलाव तेजी से होगा।

गुरुवार, 8 मई 2014

हथाई। ……। भीतरघात क शिकार हुई भाजपा बाड़मेर में ,लहर के भरोसे जीत के कयास




हथाई। ……।  भीतरघात क शिकार हुई भाजपा बाड़मेर में ,लहर के भरोसे जीत के कयास

बाड़मेर सरहदी लोक सभा क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर मे असलि और नकली भजपा कि लड़ाई क क़िस्से सोलाह मइ को खतम होगा। बाड़मेर जैसलमेर की जनता ने किसे असली भजपा और किसे नकली भजपा मान यह तय होगा। अलबत्ता चुनाव परिणाम से पहले भाजपाई यह मन रहे हैं कि जसवंत सिंह सित नीकाल रहे हं तो भजपा प्रत्याशि कर्नल सोनाराम समर्थक यह मान रहे हैं कि जाट मतदाताओ के एक मुष्ट और मोड़ी लहर से उनकि जीत होंगी। भाजपा से निष्काषित निर्दलीय जसवंत सिंह समर्थको क मनन ह कि जसवंत सिंघ को पेंतीस कौम से भरपुर वोट मिले जो उनकि बडी जीट क ईशारा हेन। जसवंत सिंह को भाजपा कि भीतरघात क जोरदार फयडा मिल्ने कि संभावनाए बताई जा रही हैं वही भाजपा के भीतरघात से भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम को नुक्सान कि संभावनाए बताई जा रही हैं। राजीनीतिक विश्लेषकों का मनन ह कि निर्दलीय का पलड़ा भारी हैं क्यूंकी उन्हे मुस्लिम मतदाताओं सहित अनुसूचित जाति जन जति ,मॉली ,कुम्हार ,जैन ,रवारी ,विश्नोइ ,राजपूत ,दर्ज़ी ,ब्रह्मण मतदाताओ क खुला साथ मिला वाहि भजपा के वॉट भि उनकी खाते मे गये ,कर्नल सोनाराम को भाजपा के तीस फीसदी वोट मिलने कि सम्भावना ह। कांग्रेस प्रत्यासी हरीश चौधरी अपनी ज़मानत बच ले गनीमत होंगी ,जसवंत सिंह और वसुंधरा राजे के बीच यह चुनाव था। वसुंधरा राजे ने अपना सियासी जोर आजमाइश जसवंत सिंह को हराने मे कि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित करीब सव सौ नेताओ और मंत्रीयो क बाड़मेर मे जमावडा रह। .

 
अनावश्यक नेता जमावड़े के करन भि कर्नल को नुक्सान हुआ। भाजपा के स्थानीय नेताओ को इन नेताओ कि आवभगत से फ़ुरसत नहि मिलति कि चुनव प्रचार करे। करनाल को हराने के लिये कांग्रेस के छोटे बड़े नेता सहित पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आजमाइश करके गये। अशोक गहलोत इशारो ही इशारों मे अपने को कांग्रेस उम्मीद्वार को जाट मतदाताओ द्वारा वोट नहि देने कि सताती मे जसवंत सह्योग करने क कह गये थे जीसका हि असर था कि कॉंग्रेस्स के कई नेता जसवंत सिंह के साथ खड़े थे वाही भाजपा के नेता अन्दर हि अन्दर जसवंत को मदद कर थे। इधर अपने भरोसे के मंत्री बाड़मेर कर्नल सोनाराम के सहयोग के लिये भेजे उनमे से अधिकाँश ने कर्नल को सहयोग देने मे रुचि नहि दिखाई , गजेन्द्र सिंह खींवसर ,वासुदेव देवनानी ,गुलाब चन्द कटारिया ,सुरेन्द्र गोयल ,किशन राम नांई ,यूनस खान ,जनार्दन सिंह गेहलोत सहित कई नाम हे जो खाना पूर्ति पूरती करते नज़र आये। सौलह मई को परिणाम आने ह जिला प्रषासन तणाव मे हैन सूरक्षा के व्यपक बंदोबस्त किये हैं। ताकि जिले का बिगड़े

सोमवार, 14 अप्रैल 2014

जसवंत सिंह की आंधी आने वाली हैं शगुन ऐसे हैं

जसवंत सिंह की आंधी आने वाली हैं शगुन ऐसे हैं
बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री और संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में उनकी पुत्र वधु चित्रा सिंह ने सोमवार को धोरीमना क्षेत्र के दर्जनो गाँवों का दौर कर जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा। चित्रा सिंह ने सोमवार को उण्डखा ,मीठड़ा ,मांगता ,नेडी नाड़ी ,कोजा ,भारथे की , राणासर ,खारी ,अरणियाली ,सदा बेरी ,में सभाओ को सम्बोधित करते हुए कहा की बाड़मेर की जसवंत सिंह को जो समर्थन दिया उससे साफ़ लगता हैं की जसवंत सिंह के आंधी मतपेटियों में बंद होने वाली हैं ,जनता अपना मानस बना चुकी हैं ,उन्होंने कहा की राज्य सरकार जसवंत सिंह को रोकने के लिए भाजपा के नेताओ और मंत्रियो की फौज बाड़मेर जैसलमेर में तैनात कर दी इसके बावजूद बाड़मेर जैसलमेर की जनता की भावना जसवंत सिंह के प्रति काम नहीं कर पाये ,उन्होंने कहा की वसुंधरा राजे जितना दबाव जसवंत सिंह के समर्थको पर बना रही हैं कार्यकर्ता और दृढ होते जा रहे हैं ,उन्होंने कहा की कार्यकर्ता पार्टी की हैं ,शरीर में से जान निकाल दो क्या बचेगा ,यह स्थति भाजपा की हो गयी हैं ,उन्होंने आह्वान किया की सतरह अप्रैल को टॉर्च बैटरी पर बटन दबा कर जसवंत सिंह को भारी मतों से विजयी बनाये। उण्डखा सभा को सम्बोधित करते हुए कैप्टन हीर सिंह भाटी ने कहा की जसवंत सिंह के प्रति जज्बा पैदा हो गया हैं। जसवंत लहर आंधी में बदल गयी हैं ,गाँव गाँव ढाणी ढाणी जसवंत सिंह को समर्थनमिल रहा हैं। उन्होंने कहा की जसवंत सिंह इस धरा में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रहे हैं। आप लोग मतदान के लिए जरूर जाए। उन्होंने कहा की जातिगत भवन से ऊपर उठकर जसवंत सिंह को विजयी। बने इस अवसर पर रिडमल सिंह दांता ,प्रेम सिंह ,हरी सिंह सहित छत्तीस कौम के लोग उपस्थित थे

चित्रा सिंह ने शहर में माँगा समर्थन
बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने बाड़मेर शहर के दान जी की होदी ,आचार्यो का वास , मंदिर हिंगलाज के पास ,और तन सिंह चौराहा के पास बड़ी सभाओ को सम्बोधित करते हुए जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा ,चित्रा सिंह ने आम मतदाताओ को भरोसा दिलाया की जसोल परिवार आपकी सेवा में तत्पर रहेगा।

foto..बाड़मेर की जनता का जसवंत को सलाम ,रोड शो में जसवंत सिंह के साथ उमड़ा जान सैलाब











foto..बाड़मेर की जनता का जसवंत को सलाम ,रोड शो में जसवंत सिंह के साथ उमड़ा जान सैलाब

बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री और निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के सोमवार शाम आयोजित रोड शो में उमड़े जन सैलाब ने जसवंत सिंह को सलाम किया। सोमवार शाम पांच बजे जसवंत सिंह ने अम्बेडकर चौराहा पर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पहार चढ़ा कर श्र्रदांजली अर्पित कर महावीर सर्किल पर रोड शो के लिए पहुंचे। महावीर सर्किल पर जसवंत सिंह के हज़ारो की संख्या में समर्थक पीत पताका लेकर स्वागत के लिए उमड़ पड़े। जसवंत सिंह के समर्थन में रोड शो में बड़ी संख्या में समर्थको के चलते सडको पर पाँव रखने की जगह नहीं बची ,जसवंत सिंह ने महावीर सर्किल से अपना रोड शो बाड़मेर की पावन धरा को नमन कर शुरू किया ,जसवंत सिंह के समर्थक जोश के साथ नारे लगा पीत पताकाए फहरा रहे थे। जसवंत सिंह महावीर सर्किल पर जसवंत सिंह का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया ,जसवंत सिंह के लिए खास तोर से रथ तैयारकिया गया जिसमे होकर जसवंत सिंह आम जनता का अभिवादन कर वोट की अपील कर रहे थे ,मांगणियार लोक खान के गए लोक गीत जसवंत महिमा ने पुरे वातावरण को जसवंत मय कर दिया । बाड़मेर शहर में पहली बार ऐतिहासिक रोड शो ने विरोधियो के माथे पर चिंता की लकीरे पैदा कर दी। जसवंत सिंह के समर्थन में युवाओ का जोश और उत्साह देखते बनता था। युवा जोशीले नारे लगा रहे थे। जसवंत सिंह का बाड़मेर की जनता ने जगह जगह पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया ,जसवंत के स्वागत में बाड़मेर की जनता हाथो में मालाये लेकर जनता कतार बध खड़ी ,जनता ने जसवंत सिंह का भव्य स्वागत कर समर्थन दिया ,जसवंत सिंह रोड शो में भरी भीड़ देख गदगद हो रहे थे ,ग्रामीण अंचलो से शहरी क्षेत्र लोग हज़ारो की समर्थक उपस्थित थे। जसवंत का रोड शो ढाणी बाज़ार ,पीपली चौक ,लक्ष्मी बाज़ार ,सब्जी मंडी ,गांधी चौक ,अहिंसा चौरहा ,हॉस्पिटल रोड , राय कॉलोनी ,और तन सिंह सर्किल तक चला ,विभिन समाजो और व्यापर वर्ग के संघठनो ने जसवंत सिंह का भव्य स्वागत किया ,

नरेंद्र मोदी के बयान से भाजपा में खलबली ,जसवंत समर्थको में नया जोश

नरेंद्र मोदी के बयान से भाजपा में खलबली ,जसवंत समर्थको में नया जोश


बाड़मेर एक निजी चैनल में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और लोक प्रिय नरेंद्र मोदी को अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह के खेल और षड़यंत्र का सारा मामला समझ में आ गया। नरेंद्र मोदी ने जनता की अदालत में स्पष्ट कहा की जसवंत सिंह की टिकट काटने की मैं कैसे जुर्रत कर सकता हूँ ,लाल क्रिंष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह की अंगुली पकड़ कर मैंने राजनीती सीखी हैं ,जसवंत मेरे आदर्श हैं ,नरेंद्र मोदी के इस बयान ने भाजपा और वसुंधरा राजे की नींद उड़ा दी ,कल तक मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाले भाजपा कार्यकर्ता मोदी के इस सन्देश को समझ गए ,भाजपा के कांग्रेसी प्रत्यसि का साथ छोड़ जसवंत की राह में लौट आये ,जसवंत मई हुए बाड़मेर जैसलमेर के क्षेत्रो में नरेंद्र मोदी की बालोतरा सभा चर्चा में हैं ,इस सभा में पहली बार नरेंद्र मोदी ने अपने प्रत्यासी के लिए वोट नहीं मांगे। पहली बार नरेंद्र मोदी ने कहा की मुझ पर विशवास हो तो वोट देना नहीं तो मत देना। जब नरेंद्र मोदी को भी पता हैं की उनका प्रत्यासी भरोसे लायक नहीं हैं ,नरेंद्र मोदी जसवंत के गाँव के समीप सभा ले रहे थे मगर उन्होंने जसवंत के शब्द नहीं बोला। उन्होंने अपनी पार्टी के प्रत्यासी का नाम तक नहीं लिया उन्हें वोट देने की अपील करना तो दूर की बात थी। नरेंद्र मोदी की अनुभवी नज़रो ने कांग्रेसी भीड़ और थोड़े बहुत नरेंद्र मोदी भक्तो के बुझे चेहरों का भांप लिया।

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

जसवंत सिंह ने तोड़ी चुपी कहा अटल जी थे बहुत दुखी ,

कांग्रेस ने वाजपेयी के बहाने नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना पर जसवंत सिंह ने तोड़ी चुपी कहा अटल जी थे बहुत दुखी ,

बाड़मेर अटल जी के इस्तीपे जसवंत सिंह ने कहा ऐसे कई बातो का मै गवाह हु लेकिन इस बात का खुलास करने का यह सही समय नहीं है
चुनावी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की सराहना करते हुए सवाल किया कि भाजपा के सबसे दिग्गज नेता गुजरात दंगों के परिप्रेक्ष्य में जिस व्यक्ति को हटाना चाहते थे, वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कैसे हो सकता है।वाजपेयी ने उस समय मनाली में कहा था कि कुछ लोग उन्हें (मोदी को) हटाना चाहते हैं और मैं भी वही राय रखता हूं। कांग्रेस ने कहा कि जसवंत सिंह ने इसकी पुष्टि की जो राजग सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। सिंह ने कहा था कि वाजपेयी ने यहां तक धमकी दे डाली थी कि भाजपा यदि मोदी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तो वह इस्तीफा दे देंगे। इस पुरे मामले के आज सामने आने के बाद भाजपा से निष्कासित वरिष्ठ नेता ने जसवंत सिंह ने सनसनी खेज बयान देते हुए इस बात की पुष्टि कर दी है कि अटल जी गुजरात देंगे में मोदी की भूमिका को लेकर से बहुत दुखी थे इस बात का जिक्र अटल जी ने मुझसे कई बार किया था लेकिन उस समय पार्टी का मिजाज कुछ और था जहा तक अटल जी के इस्तीफे की बात है तो ऐसे कई बातो का मै गवाह हु लेकिन इस बात का खुलास करने का यह सही समय नहीं है
बाईट ,… जसवंत सिंह ,भाजपा के वरिष्ठ निष्काषित नेता

जसवंत सिंह ने कहा जनता के साथ खड़ा रहूँगा सुख दुःख में





जसवंत सिंह ने कहा जनता के साथ खड़ा रहूँगा सुख दुःख में

विशाला में उमड़ा जन सैलाब ,

बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्यासी पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने कहा की बाड़मेर की जनता का मैं ऋणी हो गया हूँ आपने जो मान सम्मान और इज़्ज़त बक्शी आपका तहे दिल से शुक्र गुजार हूँ। जसवंत सिंह बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र के गंवाई कसबे विशाला में बड़ी सभा को सम्बोधित कर रहे थे। जसवंत सिंह को को सुनाने उनके समर्थक हज़ारों की तादाद में विशाला पहुंचे। सभा में पहुंचे लोग उत्साह से लबरेज थे ,जसवंत सिंह के विशाला पहुँचाने पर जसवंत सिंह का लोगो ने इक्यावन किलो के पुष्पहार पहना कर स्वागत किया ,विशाला की और से सरपंच बलवंत सिंह भाटी ने साफा पहनकर इस्तकबाल किया। जसवंत सिंह सभा में समर्थको की उपस्थिति देखा काफी खुश लग रहे थे। जसवंत सिंह ने भादरेश और चुली में भी सभाओं को सम्बोधित किया
सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा की पार्टी ने मेरा दमन जरूर छोड़ा मगर मेरे लोगो ने जिस तरह मेरा साथ दिया मैं नतमस्तक हूँ। उन्होंने कहा की राज्य की मुखिया महारानी अब मेरे परिवार के पीछे पड़ी हैं ,मेरे कार्यकर्ताओ को परेशान किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा की संकट की घडी हैं हिम्मत मत हराना। आपका उत्साह मेरा हौंसला बढ़ता हैं। यह उत्साह सतरह अप्रैल तक बने रखे। उन्होंने कहा की मैं आपके सुख दुःख का भागिदार हूँ। आपकी सेवा में खड़ा रहूंगा। जसवंत सिंह अपने भाषण के दौरान भावुक हो गए ,उन्होंने स्पष्ट कहा की आप मुझे दिल्ली जीता कर भेज दो बाकी मैं कर लूंगा। जसवंत सिंह ने कहा की आपकी समस्याओं से मैं वाकिफ हूँ ,क्षेत्र के विकास का वादा करता हूँ। उन्होंने कहा की भाजपा ने जो किया आपको पता हैं ,उनके द्वारा किये अपमान का चुकारा करणा जरुरी हैं। जसवंत सिंह ने कहा की यह मेरा इस क्षेत्र से पहला और अंतिम चुनाव हैं। आपके विशवास का कायल हूँ। आप मेरे पर भरोसा रखे। सभा को सम्बोधित करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य स्वरुप सिंह राठोड ने कहा की भाजपा की नीति और नियत में फर्क आ गया हैं ,उन्होंने कहा की जिस व्यक्ति ने अपनी पूरी उम्र भाजपा को उसके साथ सही नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया की सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग हो रहा वाही कार्यकर्ताओ पर दबाव बनाया जा रहा हैं ,उन्होंने कहा की सरकार ने जसवंत सिंह के लिए पूरी सरकार यही बिठा दी हैं। मगर वो जनता को कैसे रोकेंगे जिनके दिलो में जसवंत सिंह बस्ते हैं। सभा को युसूफ खान शेर अली ,बलराम प्रजापत ,राम सिंह बोथिया ,रिडमल सिंह दांता ,अशरफ अली ,तेजदां चारण,सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर मौलवी हनीफ गड़ीसर ,दुरजन सिंह ,हत्थे सिंह ,हिन्दू सिंह ,गौतम चंद जैन ,मोहिब खान ,हाजी रहमतुल्लाह ,अर्जुन प्रजापत सहित सेकड़ो जसवंत समर्थक उपस्थित थे।

जसवंत सिंह के प्रचार में महिला सेना उतरी

जसवंत सिंह के प्रचार में महिला सेना उतरी

बाड़मेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी पूर्व विदेश मंत्री के समर्थन में शुक्रवार को महिला समर्थको ने प्रचार की संभाल ली ,करनी महिला मंडल , इंद्रा कोलानी के नेतृत्व में महिलाओ ने जसवंत सिह के समर्थन में प्रचार रैली निकाल आम जन से जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा। किया ।जसवंत सिंह के समर्थन में इंदिरा कॉलोनी ,पुलिस लाइन ,स्टेशन रोड ,विवेकानंद चौराहा ,गांधी चौराहा ,सहित विभिन मार्गो से रैली निकाल जसवंत के समर्थन में नारे लगा वोट देने की अपील की।

उनके साथ महिला मडल अध्यक्ष सायर कंवर चारण ,छात्रा सघ अध्य्क्ष सोनु सिंह राठोड चुली , बबरी देवी ,पूनम बचिया ,शांति देवी ,जिमा देवी ,उगम कंवर ,हवा देवी ,पेमी देवी ,रानी देवी ,समदा देवी ,सुमन बचिया ,चेन कंवर भाटी सहित सेकड़ो महिला समर्थक रैली में उपस्थित थे।