रविवार, 30 मार्च 2014

मुख्यमंत्री के दौरे का खर्च पार्टी प्रत्यासी के खाते में जोड़ने का लिखा

मुख्यमंत्री के दौरे का खर्च पार्टी प्रत्यासी के खाते में जोड़ने का लिखा 


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के चुनाव अभिकर्ता राजेंद्र सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पात्र लिख कर भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम के समर्थन में धार्मिक स्थलो पर कि यात्रा का खर्च प्रत्यासी के खर्चे में जोड़ने कि मांग कि हें ,राजेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जैन धर्म स्थल नाकोडा ,नागाणा ,आसोतरा सहित कई धार्मिक स्थलो का दौरा कर आम जन से भाजपा को जितने कि अपील कि थी ,उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अघोषित कार्यक्रम में उन्होंने धार्मिक स्थलो पर वोट मांग आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया हें ,उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा उपयोग में लाये गए हेलिकॉप्टर और सुरक्षा सम्बंधित व्यय को भाजपा प्रत्यासी के चुनावी व्यय में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा कि स्टार प्रचारक हें उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दुरूपयोग पार्टी पक्ष में मतदान करने कि अपील कर किया।

क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें जसवंत सिंह का चुनाव चित्रा सिंह


जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने ली सभाए

क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें जसवंत सिंह का चुनाव



बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में रविवार को चित्रा सिंह ने इंदिरा कॉलोनी और बायतु के लापुन्दडा में आम सभाओ का आयोजन कर आम जन को जसवंत सिंह को जिताने का आह्वान किया। चित्र सिंह ने सभाओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि जसवंत सिंह को भाजपा ने अपने लोगो कि सेवा करने से रोकने का षड्यंत्र रचा था मगर क्षेत्र कि जनता और कार्यकर्ताओ कि भावनाओ को देख उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णयो लिया। चित्रा सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह का चुनाव क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें ,उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह ने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से चुनाव लड़ने का मानस बनाया था मगर भाजपा ने उनके साथ ठीक नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जसवंत सिंह और क्षेत्र कि जनता का अपमान किया जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा ,उन्होंने कहा कि सत्रह अप्रैल को जनता भाजपा को मुंह तोड़ जवाब देगी। उन्होंने आह्वान किया कि टॉर्च बेटरी के निशाँ पर बटन दबा कर अपने अस्तित्व के लिए जसवंत सिंह को जिताए। सभा को अशरफ अली खिलजी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता के साथ जो कुछ हुआ उसकी निंदा कि जनि चाहिए ,उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह छतीस कौम के चहेते हें ,उन्होंने कहा कि हम भाजपा के वोट पर चोट करेंगे जसवंत सिंह को भारी मत्तो से विजयी बनाएँगे। अशरफ अली ने कहा कि जसवंत सिंह के आने से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। पूनम राम मेघवाल ने कहा कि जिन लोगो ने अनुसूचित जाती के कर्मचारियो के आरक्षण का विरोध करने वालो को वोट नहीं देंगे यह समाज ने तय किया हें


सभाओ में शायर कंवर , सरपंच सोनाराम मेघवाल ,सरपंच विरधाराम दरजी ,महावीर जीनगर , मालकदिन गिड़ा ,सफ़िदिन गिड़ा ,सरपंच पर्वत सिंह भंवर लाल सांसी ,चेतन राम देवासी ,रामाराम मेघवाल ,पदम् सिंह कंवरली ,पटौदी सरपंच हदवंत सिंह ,चुनीलाल ,भेखा सिंह बोड़वा ,कल्याण सिंह गोपड़ी ,लूंण सिंह रेवाड़ा सहित कई जसवंत समर्थक उपस्थित थे।

घूम-घूमकर अपनी तारीफ कर रहें हैं मोदी: सोनिया



लखीमपुर। असम के लखीमपुर में सोनिया गांधी ने एक चुनावी रैली के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। सोनिया ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि विपक्षी पार्टियों ने जमुना-गंगा तहजीब को कमजोर किया है और आजकल देश में घूम-घूमकर अपनी ही तारीफों के पुल बांध रहे हैं। सोनिया ने असम में गोगोई सरकार की तारीफ करते हुए यूपीए सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। सोनिया ने कहा कि उन्होंने अपने पुराने घोषणापत्र में जो वादे किए वो पूरे भी किए।


सोनिया ने कहा 2009 के घोषणापत्र में जो भी वादे किए थे, सारे पूरे किए। हम 2014 के घोषणापत्र के मामले में भी यही करेंगे और उसके लिए हमें आपका समर्थन चाहिए। सोनिया ने कहा कि हम झूठे वादे नहीं करते। हम जो वादे करते हैं, उसे पूरा करते हैं। कांग्रेस 'हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की' में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले असम और अन्य स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ता देश के लिए बलिदान देते रहे और आजादी के बाद कांग्रेस ही राष्ट्र निर्माण में लगी रही।

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर



अब जसवंत की पत्नी ने खोला मोर्चा ,दिया सनसनी खेज बयान ,कहा जब भी मिलेगे नितिन गडकारी तो में उनसे करुँगी झगड़ा ,भाजपा अब चापलूसो की पार्टी ,अब यह इज्ज्त और अस्तित्व की लड़ाई हो गई

बाड़मेर बीजेपी ने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ पार्टी नेता जसवंत सिंह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्होंने शनिवार को नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने कार्रवाई की।पार्टी की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 76 वर्षीय सिंह को छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया। उसके बाद आज जसवंत सिंह की और से कोई प्रतिकिरिया आई लेकिन अब जसवंत सिंह कि पत्नी शीतल कवर ने मोर्चा सँभालते हुए जैसलमेर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा एक सनसनी आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे जब मुझे नितिन गडगरी मिलेगे तो में उनसे लड़ाई करुँगी यह में आपके माध्यम से गडगरी बता देना चाहतु हु अगर निकलना ही था तो वापस क्यों लिया था भाजपा अब मेरी नजरो में गिर चुकी है अब यह हमांरे मान -सामान कि बात है इसलिए हम चुनाव में पूरा दम ख़म दिखाएगे हमने तो सिर्फ अपने घर से टिकट ही तो माग तो इसमें क्या गुना कर दिया हम किसी भी पार्टी में नहीं जा रहे है हमारे पास सपा प्रमुख मुलयाम सिंह से लेकर कई पार्टियो से हमें ऑफर मिला लेकिन हम निर्दलीय ही चुनाव लड़ेगे भाजपा में धर्म कि अहमियत नहीं है

बाड़मेर से होकर गुजरेगा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनाने का रास्ता

बाड़मेर से होकर गुजरेगा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनाने का रास्ता 

नई दिल्ली। मिशन लोकसभा 2014 के समर से सभी दल जीत के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटे हुए हैं। मतदाता किस दल को अपने सिर आंखों पर बैठाएंगे यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन ओपिनियन पोल के जरिए उनकी संभावित रूझान के संकेत मिल रहे हैं।

मतदाताओं के मूड का आंकलन करने के लिए एबीपी न्यूज-नील्सन ने एक सर्वे कराया है। इस ताजा सर्वे के मुताबिक यूपीए को 119, एनडीए को 233, लेफ्ट को 23 और अन्य को 168 सीटें मिलने की संभावना है। वोटों के मत प्रतिशत की बात करें तो यूपीए को 26 फीसदी, एनडीए को 32 फीसदी, लेफ्ट को पांच फीसदी और अन्य को 37 फीसदी मत मिलने की उम्मीद है।

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक यूपीए को इस्ट में 32, नार्थ में 27, साउथ में 35 और वेस्ट में 25 सीटें मिल सकती हैं। एनडीए को इस्ट में 39, नार्थ में 87, साउथ में 21 और वेस्ट में 86 सीटें मिलती दिख रही हैं। लेफ्ट को इस्ट में 14, साउथ में 9 सीटें मिल सकती हैं. वेस्ट और नार्थ में तो लेफ्ट का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा है। अन्य की बात करें तो इस्ट में 57, नार्थ में 37, साउथ में 69 तो वेस्ट में 5 सीटें मिलने की संभावना है।

दक्षिण भारत में जगन और जयललिता होंगे किंगमेकर

दक्षिण भारत में बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का जादू नहीं चल रहा है। यहां यूपीए अभी भी एनडीए पर भारी दिख रही है। दिल्ली की सत्ता की चाबी जगन-जयललिता और टीआरएस के हाथों में हो सकती है। एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत की कुल 134 सीटों में यूपीए को 35 एनडीए को 21, लेफ्ट को 9 और अन्य को 69 सीटें मिल सकती हैं।

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक कर्नाटक में एक बार फिर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है। कर्नाटक में बीजेपी को 15, कांग्रेस को 10, जेडीएस को 3 सीटें मिलने की संभावनाएं हैं। अब जरा तमिलनाडु पर नजर दौड़ाएं तो यहां सर्वे के मुताबिक एआईएडीएमके को 21, डीएमके को 10, कांग्रेस को 1, बीजेपी को 4 और अन्य को 3 सीटें मिल सकती हैं। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को 9, वाईएसआर कांग्रेस को 17, टीआरएस को 7, टीडीपी को 7 और अन्य को दो सीटें मिल सकती हैं।

केरल में बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सकता है। यहां कांग्रेस को 12 और लेफ्ट को 8 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। अब गोवा पर ताजा सर्वे के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस ड्रॉ नतीजे देंगे। कांग्रेस को 1 तो बीजेपी को भी एक ही सीट मिलने की संभावनाएं हैं।

उत्तर भारत में मोदी की आंधी

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक उत्तर भारत के कुल 151 सीटों में एनडीए को 87, यूपीए को 27 और अन्य को 37 सीटें मिलने की संभावनाएं हैं।

उत्तर प्रदेश में पिछले सर्वे के मुकाबले इस बार मोदी की लहर कुछ कम हो रही है। फिर भी बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आ रही है। यूपी में बीजेपी को 38, बीएसपी को 17, कांग्रेस और उसके गठबंधन दल को 11, एसपी को 12 और अन्य को दो सीटें आ सकती हैं। राजस्थान में बीजेपी बढ़त बनायी हुई है। यहां बीजेपी को 20 तो कांग्रेस को महज पांच सीटों से संतोष करना पड़ सकता है।

हरियाणा में सबसे अहम बात यह है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी खाता भी नहीं खोल पा रही है। यहां भी बीजेपी एक तरफा जंग जीत रही है। बीजेपी को 9 तो कांग्रेस को एक सीट मिलती दिख रही है। उत्तराखंड में बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। यहां बीजेपी सभी पांच सीटें अपने खाते में कर सकती है।

हिमाचल में भी बीजेपी एक तरफा जीत हासिल करते हुए दिख रही है। कुल चार सीटें बीजेपी को मिलती दिख रही हैं। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को तीन बीजेपी को एक और अन्य को दो सीटें मिलती दिख रही हैं।

दिल्ली में लड़ाई केजरीवाल और बीजेपी के बीच मुख्य रूप से लड़ी जा रही है। यहां बीजेपी को 3, आप को 3 और कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है। चंडीगढ़ से आप को खुशखबरी मिल रही है. यहां से एक सीट आप के खाते में जाती दिख रही है।

पश्चिम भारत में मोदी का जादू

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक पश्चिम भारत की कुल 116 सीटों में बीजेपी को 86 तो यूपीए को महज 25 और अन्य को पांच सीटें मिल सकती हैं।
गुजरात में बीजेपी की 21 और कांग्रेस को महज पांच सीटें मिल सकती हैं। मध्य प्रदेश में भी नमो नमो का जादू चल रहा है। यहां बीजेपी को 23 सीटें तो कांग्रेस को 5 और अन्य को एक सीट मिलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

छत्तीसगढ़ में तो नमो के लहर में कांग्रेस का पत्ता ही गोल है। यहां बीजेपी को 9 तो कांग्रेस को महज 2 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र में बीजेपी को 31, कांग्रेस को 13 और अन्य को 4 सीटें मिल सकती हैं। दादर नागर हवेली मे बीजेपी को 1 और दमन और दीव में भी बीजेपी को ही एक सीट जाती दिख रही हैं.

पूर्वोत्तर

एबीपी न्यूज-नील्सन सर्वे के ताजा सर्वे के मुताबिक कुल 142 सीटों में एनडीए को 37, यूपीए को 22, लेफ्ट को 14 तो अन्य को 69 सीट मिल सकती है।

बिहार में नरेंद्र मोदी का जलवा बरकरार नहीं है क्योंकि पिछले सर्वे के बाद से इनकी सीटों की संख्या में कमी आई है लेकिन इसके बावजूद बिहार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आ रही है। बीजेपी और उसके सहयोगियों को 21, कांग्रेस और आरजेडी को 12, जेडीयू को 6 तो अन्य को एक सीट मिलने की संभावना है।

बंगाल में सर्वे के मुताबिक अभी भी ममता बनर्जी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। बंगाल से मोदी को खुशखबरी आ रही है. टीएमसी को 28, लेफ्ट को 10, कांग्रेस को 3 तो बीजेपी को एक सीट मिलने की संभावना है।

ओडिशा की बात करें तो यहां नवीन पटनायक का जादू बरकरार है। बीजेडी को 17 तो बीजेपी को 2 और कांग्रेस को भी दो पर ही संतोष करना पड़ सकता है।

झारखंड में नमो नमो का बयार चल रहा है। बीजेपी को 10, कांग्रेस को एक, जेएमएम को एक और अन्य को दो सीटें मिलने की संभावनाएं हैं। असम से भी बीजेपी को खुशखबरी मिल रही है। यहां से बीजेपी को 3 तो कांग्रेस को 8 और अन्य को तीन सीटें मिल सकती हैं।

भाजपा के मिशन-25 में जसवंत, महरिया का पेच

जयपुर। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में होने वाले 20 सीटों के नामांकन वापसी की प्रक्रिया भले ही शनिवार को पूरी हो गई, लेकिन भाजपा दो सीटों पर अपने बागियों को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
बाड़मेर में भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह और सीकर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया के मैदान में डटे होने से प्रदेश भाजपा के मिशन-25 को झटका लगने की स्थिति बन गई है।

इस चरण में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी, केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, चंद्रेश कुमारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला की पुत्रवधू राजबाला की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। नामांकन वापसी के बाद अब ताकत प्रदर्शन का जोर शुरू होगा। बड़े नेताओं की रैलियां, सभाएं और रोड शो के जरिए मतदाताओं तक नेता पहुंचेंगे।

सीकर में महरिया पर नजर
सीकर में भाजपा के नेता सुभाष महरिया ने टिकट नहीं मिलने के विरोध में ताल ठोकी है। भाजपा ने यहां से सुमेधानंद को तथा कांग्रेस ने रिटायर्ड अधिकारी पी.एस. जाट को टिकट दिया है। महरिया पूरी ताकत से मैदान में हैं, लेकिन टक्कर भाजपा-कांग्रेस में ही रहने की स्थिति अभी बनी हुई है।

बाड़मेर में त्रिकोणीय मुकाबला
बाड़मेर लोकसभा सीट पर जसवंत सिंह ने मुकाबले त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा कर्नल सोनाराम को टिकट देकर जसवंत को बगावत का मौका दिया है। कांग्रेस ने मौजूदा सांसद हरीश चौधरी को मैदान में उतारा है। तीनों ही मैदान मारने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। वसुंधराराजे ने इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा है। जसवंत अपने राजनीतिक जीवन का अंतिम चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि मुस्लिम वोटों के अब तक मिल रहे समर्थन को दोहराया जाएगा।

पायलट को टक्कर दे रहे सांवर लाल
अजमेर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट का सीधा मुकाबला प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री भाजपा के सांवरलाल जाट से हैं। पायलट के लिए सीट बचाना बड़ी चुनौती है। हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान को हार का सामना करना पड़ा था। जाट ने पायलट को इस संसदीय क्षेत्र में पूरी तरह घेरने की रणनीति बना रखी है, ताकि पायलट यहीं उलझ कर रह जाएं और अन्य सीटों पर प्रचार के लिए ना जा सकें।

झुंझुनूं में चतुष्कोणीय संघर्ष
झुंझुनूं में कांग्रेस ने कद्दावर जाट नेता स्वर्गीय शीशराम ओला की बहू राजबाला को मैदान में उतारा है। भाजपा ने सूरजगढ़ से मौजूदा विधायक संतोष अहलावत को टिकट दिया है। नवलगढ़ से मौजूदा विधायक राजकुमार शर्मा भी मैदान में हैं। उनके मैदान में डटे रहने से कांग्रेस को सीधे तौर पर नुकसान की संभावनाएं आंकी जा रही हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के राज कादयान मुकाबले को चतुष्कोणिय बनाने में जुटे हैं।

असंतुष्टों ने हनुमान बेनीवाल को उतारा
नागौर में कांग्रेस ने मौजूदा सांसद ज्योति मिर्धा को फिर मौका दिया है। इसका स्थानीय कार्यकर्ताओं का बड़ा गुट विरोध कर रहा है। भाजपा ने रिटायर्ड अधिकारी सी.आर. चौधरी को टिकट दिया है, वे भी कार्यकर्ताओं का समर्थन पूरी तरह हासिल नहीं कर पा रहे हैं। दोनों ही दलों के असंतुष्टों ने एक होकर निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल को मैदान में उतार दिया। इससे त्रिकोणात्मक संघर्ष बन गया।

भंवरलाल पर बाहरी होने का आरोप
श्रीगंगानगर में भाजपा ने पूर्व सांसद निहालचंद मेघवाल और कांग्रेस ने पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल को टिकट दिया है। भंवरलाल पर बाहरी होने के आरोप लग रहे हैं, जबकि मेघवाल को स्थानीय होने के फायदा मिलने की उम्मीद है। मैदान में जमींदारा और आम आदमी पार्टी भी है, लेकिन जोर नजर नहीं आ रहा है।

कई जगह भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर
जोधपुर में कांग्रेस के टिकट पर केन्द्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी का सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के नए चेहरे गजेन्द्र सिंह शेखावत से और चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का सीधा मुकाबला भाजपा के नए चेहरे सीपी जोशी से है। भीलवाड़ा, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, बांसवाड़ा संसदीय सीटों पर भी भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस में सीधी टक्कर है।

जोशी को नहीं मिल रहा सहयोग
जयपुर सीट से महेश जोशी को कांग्रेस के लोगों का ही पूरा साथ नहीं मिल पा रहा है, वहीं भाजपा ने नए चेहरे रामचरण बोहरा पर दांव खेला है। आम आदमी पार्टी ने डॉ. वीरेन्द्र सिंह को उतारकर मुकाबला रोचक करने का प्रयास किया है, लेकिन इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में ही सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।

पिलानिया बना रहे मुकाबले को रोचक
जयपुर ग्रामीण सीट से भीलवाड़ा सीट छोड़कर आए कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी मैदान में हैं तो भाजपा ने भी अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर बाजी खेली है। नेशनल पीपुल्स पार्टी के मौजूदा विधायक नवीन पिलानिया ने ताल ठोककर संघर्ष को त्रिकोणात्मक दिशा में बढ़ाने का काम किया है।

भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
चूरू में भाजपा ने नए चेहरे राहुल कस्वां को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने भी नए चेहरे प्रताप पूनिया को मौका दिया है। पूनिया को प्रत्याशी घोषित करने का स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक गुट विरोध कर रहा है।

बूटा सिंह भी ताकत दिखाने को तैयार
जालोर में समाजवादी पार्टी के बैनर तले दिग्गज नेता बूटा सिंह के मैदान में होने से संघर्ष त्रिकोणात्मक हो गया। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद देवजी पटेल पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने उदयलाल आंजना को टिकट दिया है। आंजना बाहरी उम्मीदवार हैं और हाल ही विस चुनाव हार चुके हैं। - 

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?


जसवंत के पीर पगारो से बेहतर रिश्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे चुनावो में ?

बाड़मेर चुनाव तो भारत में हो रहे हैं लेकिन बॉर्डर के निकट एक लोकसभा क्षेत्र में पाकिस्तान से भी उम्मीद हैं। धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी का जसवंत सिंह के साथ गनिष्ठ सम्बन्ध रहे हें। जसवंत सिंह पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में सर्वाधिक लोकप्रिय एक मात्र भारतीय नेता हें ,2004 के लोक सभा चुनावो में पीर पगारो ने जसवंत सिंह के बाड़मेर से भाजपा प्रत्यासी उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह को खलकर समर्थन दिया था जिसके चलते सरहदी मुस्लिमो ने मानवेन्द्र के पक्ष में खुलकर वोटिंग कर बड़ी जीत दिलाई थी। जसवंत सिंह ने साथ सालो से बंद भारत पाकिस्तान पश्चिमी राजस्थान मुनाबाव खोखरापार सड़कमार्ग खुलवा कर धार्मिक जत्थे के साथ माता हिंगलाज के दर्शन करने गए थे जहा जसवंत सिंह का जोरदार स्वागत सिंध वासियो द्वारा किया गया था ,जसवंत सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान पीर जोगोठ में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी से भी मुलाकात कि थी ,धर्मगुरु द्वारा जसवंत सिंह को दावते खास भी दी गयी थी। बाड़मेर जैसलमेर जिलो कि सरहद पर रह रह लाखों सिंधी मुस्लिम पीर पगारो के मुरीद हें ,वर्त्तमान समय में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी के पुत्र सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद पीर पगारो हें ,इनके जसवंत के साथ बेहतर तालुकात हें।

लोक सभा चुनावो में पीर पगारो का फ़तवा या चिट्ठी आने कि आहात के साथ चुनावी सरगर्मिया तेज हो गयी हें। चूँकि बाड़मेर से इस बार जसवंत सिंह खुद चुनाव लड़ रहे हेनन ,जसवंत सिंह के प्रति सिंधी मुसलमानो में गज़ब का उत्साह हें।

यह उम्मीद वहां बैठे एक धार्मिक नेता से है। उनके मुरीद बॉर्डर के दोनों तरफ हैं। माना जाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र के धार्मिक नेता पीर पागारो के प्रति कुछ लोगों में भारी आस्था है।

ऎसे में उस तरफ से एक इशारे पर ही वोट दिए जाते हैं। हालांकि प्रकट तौर कोई इसे स्वीकार नहीं करता है लेकिन इन वोटों के लिए तगड़े प्रयास किए जाते हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा के बागी उम्मीदवार जसवंत सिंह की इन वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।

कौन है पीर पागारो

पीर पागरो एक धार्मिक पद है। ब्रिटिश काल में इनके नेतृत्व में हुर आंदोलन चला था। विभाजन के बाद इनके हजारों अनुयायी इधर रह गए। सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद मौजूदा पीर पागारो हैं। -
chandan singh bhati

महिला ने "आप" नेता का मुंह किया काला

अजमेर। आम आदमी पार्टी के अजमेर लोकसभा क्षेत्र प्रत्याशी अजय सोमानी के नामांकन वापस लेने से नाराज कार्यकर्ताओं ने वैशाली नगर एलआईसी कॉलोनी स्थित पार्टी कार्यालय पर सोमानी के विरूद्ध नारेबाजी की। एक महिला कार्यकर्ता ने आवेश में आकर सोमानी के चेहरे पर स्याही पोत दी।
आप ने पिछले दिनों सोमानी को अजमेर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। सोमानी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। शनिवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन वह चुनाव मैदान से हट गए। इसकी भनक लगते ही पार्टी कार्यकर्ता पार्टी के एलआईसी कॉलोनी स्थित कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए।

कार्यकर्ताओं ने सोमानी के खिलाफ नारेबाजी की। सोमानी जैसे ही कार्यकर्ताओं से बात करने बाहर आए। एक महिला कार्यकर्ता किरण शेखावत स्याही लेकर सोमानी की ओर से लपकी। सोमानी ने बचने का प्रयास किया तो किरण ने पीछे से पकड़ कर उनके चेहरे पर स्याही पोत दी। इसके बाद सोमानी एक युवक के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर रवाना हो गए। घटना के बाद किरण ने बताया कि सोमानी ने कार्यकर्ताओं तथा पार्टी के साथ छल किया है। नामांकन वापस लेना उनका व्यक्तिगत फैसला नहीं हो सकता है।

बैठक में हो गए हताश
सोमानी शनिवार सुबह पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां जिला संयोजक राजेन्द्र सिंह हीरा सहित अन्य पदाधिकारी के साथ उन्होंने चर्चा की। सोमानी ने बैठक में ही हताशा भरी बातें करना शुरू कर दिया। एकाएक सोमानी ने नामांकन वापस लेने की बात बैठक में कही। यह सुनते ही हीरा व अन्य पदाधिकारी सकते में आ गए। उन्होंने इस निर्णय के लिए सोमानी को जमकर खरी-खोटी सुनाइ्रü।

इनका कहना है
मंैने नामांकन व्यक्तिगत कारण से वापस लिया है। मेरे परिचित की तबीयत खराब है। उन्हें मेरी आवश्यकता है। इसलिए मैंने नामांकन वापस लिया है।

अजय सोमानी, आप प्रत्याशी
अजय सोमानी के इस निर्णय से कार्यकर्ताओं को आघात पहुंचा है। नामांकन वापस लेने से पहले हमसे चर्चा तक नहीं की गई। डेढ़ माह तक टिकट के लिए पार्टी पदाधिकारियों के चक्कर लगाते रहे। अब बिना पूछे इतना बड़ा निर्णय कर लिया। अब दूसरा उम्मीदवार भी खड़ा नहीं कर सकते हैं। प्रदेश संयोजक को प्रकरण से अवगत करा दिया है। वहां से फिलहाल दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
राजेन्द्र सिंह हीरा, जिला संयोजक, आम आदमी पार्टी - 

बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र जसवंत ने रोचक बनाया चुनाव ,शह और मात का खेल शुरू


बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र जसवंत ने रोचक बनाया चुनाव 

बाड़मेर। क्षेत्रफल के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े और देश के दूसरे बड़े लोकसभा क्षेत्र में शनिवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन बीतने के साथ ही यहां चुनावी बिसात बिछ गई है। चुनाव से पहले ही चर्चाओं में आए इस क्षेत्र पर पूरे देश की नजर मतगणना तक रहेगी। भाजपा से बागी होकर निर्दलीय खड़े हुए अटल-आडवाणी टीम के सदस्य रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह, कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर टिकट लाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी और कांग्रेस के हरीश चौधरी के बीच मुख्य मुकाबला होगा। बाड़मेर संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में तीनों उम्मीदवारों ने एक-दूसरे को शह और मात देने के लिए "प्यादे"बिछाने आरंभ कर दिए हैं। आठ विधानसभा क्षेत्र के मतदाता चुनावी चौसर मे खड़े उम्मीदवारों के भाग्य का 17 अप्रेल को फैसला करेंगे। आठ में से तीन विधानसभा क्षेत्र भारत-पाक के बीच स्थित अन्तरराष्ट्रीय सरहद से सटे हुए हैं।

पड़ोसी पाक की भी नजरें
इस बार चुनाव में इस क्षेत्र पर पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के लोगों की भी नजरे हंै। वे यहां के हर चुनावी घटनाक्रम की बाड़मेर और जैसलमेर में स्थित रिश्तेदारों से जानकारियां ले रहे हैं। दोनों मुल्कों में सरहद पर आपस में कई रिश्तेदार हैं।

जसवंत की बगावत से बनी हॉट सीट
अपना अन्तिम चुनाव बताते हुए गृह क्षेत्र से लड़ने की दुहाई के बावजूद टिकट कटने से आहत दिग्गज भाजपा नेता जसवंत ने बगावत की घोष्ाणा करते हुए निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया। भाजपा के कई नेताओं ने नाम वापसी का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने। जसवंत की बगावत के बाद पार्टीअध्यक्ष राजनाथसिंह और मुख्यमंत्री वसंुधरा राजे पर धोखा देने का आरोप लगाया। जसवंत के पार्टी विरौधी रवैये के बाद पूरे देश की नजरे यहां के क्षेत्र पर हंै।

एक नजर उम्मीदवारों पर

भाजपा-कर्नल सोनाराम

कांग्रेस में तीन बार सांसद और एक बार विधायक। कांगे्रस छोड़कर भाजपा में शामिल।

कांग्रेस-हरीश चौधरी
पिछले चुनाव में मानवेन्द्रसिंह को हरा कर चुने गए। कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय सचिव

बागी-जसवंतसिंह
एनडीए सरकार में वित्त एवं रक्षा मंत्री पद पर रहे। पिछला चुनाव दार्जलिंग से जीते। इस बार गृह क्षेत्र से टिकट मांगा। भाजपा ने टिकट काटा।

देश के सबसे बड़े पांच क्षेत्र
लद्दाख -173286.37
बाड़मेर -71601
कच्छ -41644
अरूणाचल पश्चिम -40572
अरूणाचल पूर्व -39749
देश के सबसे छोटे पांच क्षेत्र
चांदनी चौक -10
कोलकाता नार्थ वेस्ट -13
मुम्बई साउथ -13
मुम्बई साउथ सेन्टर -18
दिल्ली सदर -28
(सभी वर्ग किलोमीटर में)

सात पर जैसलमेर भारी
इस संसदीय क्षेत्र में बाड़मेर जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों का कुल क्षेत्रफल 28,387 वर्ग किमी है जबकि अकेले जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र का क्षेत्रफल 28,875 वर्ग किमी है। - 

शनिवार, 29 मार्च 2014

विरोध के बाद भाजपा ने साबिर अली की सदस्यता रद्द की

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी के खुले विरोध के बाद पार्टी ने जनता दल (यू) से निकाले गए और शुक्रवार को पार्टी में शामिल साबिर अली की सदस्यता शनिवार को रद्द कर दी। विरोध के बाद भाजपा ने साबिर अली की सदस्यता रद्द की
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अली की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है।

उन्होंने कहा कि सिंह ने पार्टी नेताओं को अंदरूनी मामलों को लेकर सार्वजनिक विरोध नहीं करने की हिदायत भी दी है। उल्लेखनीय है कि अली को शुक्रवार को भाजपा में शामिल किए जाने का पार्टी में कड़ा विरोध हुआ था।

नकवी ने टि्वटर पर साबिर को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सरगना यासीन भटकल का दोस्त बताते हुए कहा कि अब माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम को भी भाजपा में स्वीकार किया जाएगा।

उन्होंने अंग्रेजी में लिखा "टेररिस्ट भटकल फ्रेंड हैस ज्वाइनड बीजेपी। सून एक्सपेकप्टिंग दाऊद। मृदुभाषी और मैत्री संबंधों के लिए मशहूर नकवी ने संभवत: पहली बार पार्टी के किसी फैसले पर इतनी कड़ी टिप्पणी की है।

यही नहीं, आरएसएस ने भी नकवी के विरोध का समर्थन करते हुए अली को पार्टी में शामिल किए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी।


हालांकि सूत्रों का कहना है कि अली के ऊपर कोई केस नहीं है और सिर्फ सुनी सुनाई बातों पर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना से लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि जिस तहर नकवी ने साबिर को पार्टी मे लिए जाने के बाद जिस तरह विरोध किया है, उन्हें ऎसा नहीं करना चाहिए था। नकवी द्वारा साबिर की तुलना दाऊद इब्राहिम से किए जाने के बाद पार्टी उनपर भी कार्रवाई करने का मन बना रही है।

गौरतलब है कि साबिर अली के पार्टी मे शामिल होने के बाद शुक्रवार को नकवी ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने अली को आतंकियों का दोस्त करार दिया। उन्होंने कहा, जिस तरह आईएम सरगना के दोस्त साबिर को पार्टी में शामिल किया गया है, उसके बाद देश के वांछित अपराधी दाऊद इब्राहिम को भी पार्टी में शामिल कर लिया जाएगा।

उधर, यह भी खबरें आ रही है कि जिस ट्वीट में मुख्तार अब्बास नकवी ने साबिर को आतंकियों का दोस्त बताया था, उस ट्वीट को हटा लिया गया है। ट्वीट में नकवी ने पार्टी का नाता दाऊद से जोड़ दिया था। इससे पार्टी नाखुशी थी।


साबिर ने खारिज किए आरोप

वहीं, साबिर ने कहा है कि आतंकी भटकल को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। साबिर ने कहा कि भटकल से उनका दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है और उसके साथ संबंध साबित होने पर वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। मीडिया से खास बातचीत में साबिर अली ने कहा, मुझ पर लगे आरोप गलत हैं। भटकल से मेरा दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। भटकल के साथ किसी तरह का रिश्ता साबित होने पर मैं राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लूंगा। साबिर ने भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

अगर लोगों को लगता है कि मेरे आतंककारियों से संबंध हैं तो मेरी सदस्यता को होल्ड पर रखा जाए। एक समिति बनाकर आरोपों की जांच कर ली जाए और अगर आरोप सही पाए गए तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। इस मामले में उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव धर्मेद्र प्रधान को पत्र भी लिखा है।

साबिर ने कहा कि इस मामले में बैठकर बात करने और बेदाग साबित होने तक इंतजार करने तक तैयार हूं।


आरएसएस ने भी किया साबिर को पार्टी में लेने का विरोध

अली को पार्टी में शामिल करने के फैसले को लेकर जहां वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी टि्वटर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, वहीं आरएसएस ने नकवी के विरोध का समर्थन किया है।

संघ नेता राम माधव ने ट्वीट कर कहा कि अली को पार्टी में शामिल करने को लेकर काफी आक्रोश है। वरिष्ठ नेताओं को इस नाराजगी के बारे में अवगत करवा दिया गया है। माधव ने कहा, भाजपा ने काडर के खिलाफ जाकर यह फैसला लिया है। बढ़ते विरोध के बीच, सूत्रों ने बताया कि पार्टी साबिर की सदस्यता रद्द करने पर विचार कर रही है।

नकवी पर भी हो सकती है कार्रवाई

सूत्रों का यह भी कहना है कि सरेआम साबिर को पार्टी में शामिल करने पर नाराजगी जाहिर करने वाले नकवी पर भी पार्टी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।

इससे पहले, अली के पार्टी में एंट्री करने से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भाजपा से नाराज हैं। भाजपा वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर पार्टी के फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की है। अली का नाम लिए बिना नकवी ने ट्वीट किया है कि "आतंकी भटकल के दोस्त ने पार्टी ज्वाइन कर ली है...जल्द ही दाउद भी जुड़ेंगे।"

शुरू में मीडिया को लगा कि नकवी का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है। किसी ने इसे हैक कर ऎसा लिखा होगा। मगर नकवी से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने साफ किया कि उनका अकाउंट हैक नहीं हुआ है। उन्होंने साफ किया कि वे साबिर को भाजपा में लिए जाने के सख्त खिलाफ थे और विरोध स्वरूप ही यह ट्वीट किया है। नकवी ने कहा कि साबिर अली का भाजपा में शामिल होना पार्टी के उस स्टैंड को कमजोर करना है जो कि जिसमें वह आतंकी हरकत करने वालों का विरोध करती है।

साबिर को भाजपा में लिए जाने पर जद-यू ने भी नकवी की जैसी भाष्ाा का इस्तेमाल किया। जद-यू नेता केसी त्यागी बोले-भाजपा तो दाऊद को भी शामिल कर सकती है। हमें अफसोस है कि साबिर हमारी पार्टी में थे।

पहले भी हो चुका है ऎसा विरोध

भाजपा में शामिल हो रहे नए लोगों को लेकर भाजपा में वरिष्ठों के विरोध करने की यह ताजा घटना है। पहले भी कई नेता नए लोगों के पार्टी में शामिल होने का विरोध कर चुके हैं। इनसे पहले पार्टी वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने बीएसआर चीफ बी श्रीरामालु के दोबारा से पार्टी में शामिल होने का विरोध किया था।

मोदी की तारीफ करने पर निकाले गए थे

साबिर अली कुछ दिन पहले तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र और जदयू के सदस्य थे। जब अली ने भाजपा प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की तारिफ की तो उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। मोदी के साथ नीतीश का काफी दिनों से विवाद चल रहा था।

मोदी की तारीफ को ही उनके पार्टी से निकाले जाने की वजह बताई जा रही है। अली उन तीन नेताओं के साथ हैं जिन्हें पार्टी ने दोबारा से राज्यसभा के लिए नामित नहीं किया। जिनका कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है। साबिर अली इससे भी खासे नाराज थे।

संस्कारमय जीवन पर वेदांताचार्य आज देंगे प्रवचन

संस्कारमय जीवन पर वेदांताचार्य आज देंगे प्रवचन


बाड़मेर। ब्रह्मधाम आसोतरा के गादीपति ब्रह्मऋषि तुलसाराम महाराज के परम शिष्य ब्रह्मचारी संत ध्यानाराम महाराज वेदान्ताचार्य रविवार प्रातः बारह बजे राजपुरोहित समाज भवन खेतेश्वर नगर में पहुंच कर युवाओ को संस्कारमय जीवन विषय पर व्याख्यान देंगे। युवा वर्ग को वेदान्ताचार्य जीवन जीने की कला के साथ युवाओ मे संस्कार , आयु, बुद्वि, बल एवं आध्यात्म आदि गुणो का विकास के लिए प्रवचन देंगे। इस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए एडवोकेट गोपाल सिंह राजपुरोहित ने बताया कि वेदांताचार्य के द्वारा युवाओं को पाश्चात्य सभ्यता के अभिभूत होकर रहने से होने वाले सांस्कृतिक ह्वास के बारे में बताया जाएगा साथ ही संस्कारमय जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाड़मेर शहर के अतिरिक्त आसपास के सैकड़ों ग्रामीण क्षेत्रो से युवा वर्ग इस चिंतन कार्यक्रम में मौजूद रहेगा। संत के द्वारा राजपुरोहित समाज के उत्थान में युवाओ की भूमिका के बारे में भी बताया जायेगा। इस आयोजन में बड़ी संख्या में युवाओ के शामिल होने की अपील उन्होंने करते हुए कहा कि युवा इस आध्यात्मिक चिंतन में शामिल होकर इसका लाभ उठायें। कार्यक्रम का आयोजन श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम युवा सेवा संघ मुख्यालय आसोतरा के निर्देशानुसार बाड़मेर शाखा द्वारा आयोजित करवाया जा रहा हैं।

जसवंत सिंह ने परचा रखा कायम। ।लोगो में उत्साह का संचार ,टॉर्च बेट्री मिला चिन्ह


जसवंत सिंह ने परचा रखा कायम। ।लोगो में उत्साह का संचार ,टॉर्च बेट्री मिला चिन्ह


बाड़मेर भाजपा कि वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन यथावत रखा बाड़मेर जैसलमेर कि जनता का विशवास कायम रखा जिससे जसवंत सिंह के समर्थको में उत्साह का संचार हुआ ,पुरे देश कि निगाहें आज बाड़मेर में जसवंत सिंह के रुख पर थी जंहा जसवंत सिंह द्वारा नामांकन वापस लेने कि गरमा रहिउ अफवाहो को विराम दे दिया ,जसवंत सिंह पूरी तरह चुनाव लड़ने के मूड में हें ,जसवंत सिंह ने भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अपना असली नकली भाजपा का मोर्चा खोल रखा हें ,भाजपा द्वारा जसवंत सिंह कि एन वक्त पर टिकट काटकर कांग्रेसी नेता को देने के कारण भाजपा कार्यकर्ता मायूस थे मगर जसवंत सिंह के चुनाव लड़ने के ऐलान से कार्यकर्ताओ के जोश में संचार हुआ ,जसवंत सिंह को चुनाव चिन्ह टॉर्च बेटरी मिला हें ,

बाडमेर में "डोडा पोस्त" भी बना चुनावी मुद्दा

बाडमेर। राजस्थान के सीमावर्ती बाडमेर में लोकसभा चुनाव के दौरान डोडा पोस्त का मुद्दा भी चुनावी मुद्दा बन रहा है। बाडमेर में डोडा पोस्त खाने वालों की संख्या काफी है जिस तुलना में आपूर्ति नहीं हो पाती। सरकारी दुकानों की संख्या भी कम है जहां पर डोडा पोस्त के शौकीनों की लम्बी लम्बी कतारें लग जाती है।
बाडमेर जिले में डोडा पोस्त की कमी नशेडियों के लिए परेशानी बनी हुई है। पिछले कई दिनों से अधिकांश दुकानें या तो बंद हो गई है या फिर डोडा पोस्त पर भी राशनिंग हो गई है। जिससे तलबगारों की जरूरत पूरी नही हो रही है।

कहीं कहींं 100 ग्राम तो कहीं 200 ग्राम डोडा मिल रहा है। जो नशेडियों के लिए नकाफी सिद्ध हो रहा है। पहले जहां एक तलबगार को दो किलो तक डोडा मिलता था अब उसके स्थान पर मात्र दो सौ ग्राम मिल रहा है। जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है।

साधू संतो ने जसवंत सिंह के लिए भरी हुंकार

साधू संतो ने जसवंत सिंह के लिए भरी हुंकार

बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में शनिवार को साधू संतो ने बैठक रख जसवंत सिंह को भारी मतों से विजयी बनाने का आह्वान किया ,साथ ही साधू संतो ने जसवंत सिंह के लिए घर घर जाकर वोट मांगने का निर्णय लिया ,इस अवसर पर चित्रा सिंह भी मौजूद रही।

जसवंत सिंह के शहर कार्यालय का हरिजन बालिका ने किया शुरू

जसवंत सिंह के शहर कार्यालय का हरिजन बालिका ने किया शुरू
बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के बाड़मेर शहर कार्यालय का उद्घाटन शनिवार को सरदार पूरा में हरिजन बालिका के हाथो से फीता कटवा कर उदघाटन करवाया। जसवंत सिंह के मिडिया प्रवक्ता बद्री शारदा ने बताया कि शनिवार प्रातः बालिकाओं द्वारा कार्यालय का उद्घाटन किया गया ,इस अवर पर श्रीमती चित्रा सिंह ,गिरधर सिंह कोटडिया ,मोतीलाल घारू ,हरी सिंह राठोड ,धनराज सोनी ,अशरफ अली बलराम प्रजापत,कैलाश मेहता , रमेश गौड़ ,ओम प्रकाश गोदारा ,गौतम जैन ,सुशीला मेहता ,राकेश जारी ,सुरेन्द्र सिंह दहिया ,महेंद्र सिंह तारातरा , रामदान चारण ,स्वरुप आचार्य ,किशिर सिंह कानोड़ ,रघुवीर सिंह तामलोर ,प्रदीप शर्मा ,अभय सिंह राठोड ,नारायण सिंह ,इंद्रोई हिन्दू सिंह तामलोर , लोकेन्द्र सिंह धीमा ,बच्चू खान ,लोकेश सिंधी, ओम प्रकश त्रिवेदी ,अशोक मुखी ,रावताराम प्रजापत ,इस्लाम खान ,जगदीश राजपुरोहित ,हंसराज वाघेला ,किशन रामावत ,सहित सेकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कार्यालय में सभा को सम्बोधित करते हुए चित्रा सिंह ने कहा कि इस बार मारवाड़ कि इज़ज़त दांव पर हें ,सभी कार्यकर्ता एक जुट होकर जसवंत सिंह को भारी मतों से विजयी बनाना हें ,उन्होंने कहा कि यह लड़ाई असली और नकली भाजपा के बीच कि हें ,साथ ही कार्यकर्ताओ के स्वाभिमान कि लड़ाई हें ,उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पर विशेस दबाव भी आयेंगे लालच भी देंगे मगर हैम वोटो के युद्ध में सच्चाई का साथ देने उतरे हें ,सच्चाई कि जीत होगी ,इस अवसर पर मोटी लाल घारू ने कहा कि जसवंत सिंह जैसी शख्शियत ने मुझे मालानी एक्सप्रेस के उद्घाटन करने का सम्मान दिया था ,उन्होंने कहा कि छतीस कौम मिलकर जसवंत सिंह को भारी मतों से विजयी बनाये ,इस अवसर पर बलराम प्रजापत ,कैलाश मेहता ,सुशीला मेहता सहित कई कार्यकर्ताओ ने सम्बोधित किया ,कार्यक्रम का सञ्चालन रमेश गौड़ ने किया।

जसवंत सिंह ने रामगढ़ मोहनगढ़ का दौरा ,,सभाओ में उमड़ी जनता

जसवंत सिंह ने रामगढ़ मोहनगढ़ का दौरा

जसवंत सिंह को जनता ने दिया भरोसा ,सभाओ में उमड़ी जनता

बाड़मेर पूर्व वित् विदेश मंत्री और बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह ने शनिवार को जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ और रामगढ़ क्षेत्र का दौरा का सघन संपर्क किया। इस दौरान उन्होंने सभाओ को भी सम्बोधित किया। जसवंत कि सभाओ में हज़ारो कि तादाद में जनता उमड़ी। जसवंत सिंह ने मोहनगढ़ में सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब भाजपा पुराणी वाली भाजपा नहीं रही ,पार्टी के सिद्दांत ख़त्म हो रहे हें। पार्टी पर बाहरी पारटॉप का अतिक्रमण हो रहा हें ,भाजपा के इस कदम से कार्यकर्ता हतोत्साहित हें। कार्यकर्ताओ ने अपने खून पसीने से जिस पार्टी को सींचा उस पार्टी में उनकी पूछ ख़त्म हो रही हें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मेरा नहीं मेरे कार्यकर्ताओ का अपमान किया हें ,जसवंत ने कहा उन्होंने राजनितिक जीवन में बहुत कुछ पालिया कोई इच्छा बाकि नहीं ,मेरे लिए टिकट काटने पर चुनाव लड़ना जरुरी इसलिए था कि मेरे साथ मेरे कार्यकर्ताओ का अपमान किया। उन्होंने कहा कि मैं अपना अंतिम चुनाव अपने लोगो के बीच लड़ कर उनकी सेवा करना चाहता था ,कुछ योजनाए थी विकास कि जिस पर काम करना हें। जसवंत सिंह ने कहा कि आपने जो उत्साह दिखाया उसे बरकरार रखे। एक एक वोट बूथ तक लाये। इस अवसर पर जसवंत सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में उपस्थित थे ,सभाओ में जुटी हज़ारो कि तादाद में जनता ने जसवंत को हाथ खड़े कर अपना खुला समर्थन दिया।

शुक्रवार, 28 मार्च 2014

चुनाव जसवंत सिंह नहीं मैं लड़ रहा हूँ..... भगवान सिंह रोलसाहबसर

चुनाव जसवंत सिंह नहीं मैं लड़ रहा हूँ..... भगवान सिंह रोलसाहबसर

बाड़मेर दिग्गज नेता जसवंत सिंह कि भाजपा ने टिकट काट घर बेठे मुसीबत मूल ले ली। आज जसवंत सिंह के पक्ष में क्षत्रिय युवक संघ आया। जसवंत सिंह के समर्थन में बाड़मेर जैसलमेर के राजपूत समाज कि महत्वूपूर्ण बैठक संघ प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहबसर कि उपस्थिति में हुई जिसमे संघ के हज़ारो कार्यकर्ताओ ने भाग लिया ,बैठक में भगवान् सिंह रोलसाहबसर ने कहा कि भाजपा ने जसवंत सिंह का नहीं क्षत्रिय समाज का अपमान किया हें ,उन्होंने आह्वान किया कि इस अपमान का बदला जसवंत सिंह को बड़ी जीत दिला कर लेना हें ,उन्होंने कहा कि अब समाज आर पार कि लड़ाई लड़ेगा , संघ पहली बार राजनीती मैदान में उतर रहा हें ,उन्होंने कहा कि आप समझ लो चुनाव जसवंत सिंह नहीं मैं खुद लड़ रहा हूँ। संघ कार्यकर्ताओ को आह्वान किया कि एक एक वोट छतीस कौम के जसवंत के जुटाओ ,सत्तरह अप्रेल से पहले चैन से मत सॉना ,उन्होंने कहा कि राजपूत समाज का इस्तेमाल अब राजनितिक दल सोच समझ कर करेंगे। रोलसाहबसर के इस बयान के बाद हालत और ख़राब हो गई हें। वसुंधरा राजे कि नींद पहले ही जसवंत सिंह उड़ा चुके हें। भगवन सिंह के इस बयान के बाद राजपूत समाज ना केवल एक जुट हो गया बल्कि छतीस कौम से अपमान के बदले लिए वोट मांगने का भी निर्णय कर भाजपा को चुनौती दे डाली।


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जसवंत कि राह पर चली वसुंधरा राजे ,चार दिन में दूसरी बाड़मेर पहुंची वसुंधरा। । इज़ज़त दांव पर भाजपा कि बाड़मेर में


चार दिन में दूसरी बाड़मेर पहुंची वसुंधरा। । इज़ज़त दांव पर भाजपा कि बाड़मेर में ,जसवंत कि राह पर चली वसुंधरा राजे 

बाड़मेर देष की सबसे रोचक व होटस लोकसभा क्षेत्रों में से एक बाड़मेर जैसलमेर सीट पर अब मुकाबला भाजपा वर्सेस भाजपा ही होने जा रहा हैं। भाजपा के वरिष्ट नेता व पूर्व वितमंत्री व विदेष मंत्री जसवंत सिंह के चुनाव मैदान में डटा रहने के प्रबल आसार के बाद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस सीट पर भाजपा के प्रत्याषी को विजयी बनाने के लिए अपनी मूंछ व प्रतिष्ठा का सवाल बनाते हुवें हर तरह से प्रयास शुरु कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पिछले चार दिनो में दूसरी बार शुक्रवार को बाड़मेर पहुंच गई हालांकि बहाना भाजपा के कद्दावर जाट नेता गंगाराम वौधरी के निधन के कारण शोक संतप्य परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त करना था लेकिन इसके साथ ही वसुंधरा बाड़मेर के उस क्षेत्रों के दौरे पर प्रोग्राम बनाया जहां पर जसवंत सिंह का वर्चस्व हैं तथा 23 मार्च को जसवंत सिंह के इस क्षेत्रों में आगमन के दौरान 23 मार्च को स्वागत हुआ था व भारी जनसमर्थन मिला था।


 वसुंधरा अलग अलग जातियों के उन्ही मन्दिरों में गई जहां जसवंत सिंह गए थे। वसुंधरा ने जसवंत सिंह के पैतृक गांव में जाकर लोगो की रिझाने की कोषिश की लेकिन बताया जाता हैं कि वहां मुख्यमंत्री को इता समर्थन नही मिला तथा जसोल हेपिलेड पर यहां के लोगो ने वसुंधरा के खिलाफ नारेबाजी भी की। वसुंधरा राजे ने अपने बाड़मेर प्रवास के दौरान कई साधु संतो से भेंट कर भाजपा प्रत्याषी कर्नल सोनाराम के समर्थन में आर्षीवाद मांगा।
गत 25 मार्च के बाद वसुंधरा राजे शुक्रवार को सुबह 11 बजे हेलिकोप्टर द्वारा बाड़मेर पहुंची, वहां पर जाटावास में आयोजित भाजपा के वरिष्ट जाट नेता स्वर्गीय गंगाराम चैधरी के निधन पर आयोजित शोक सभा में चित्र पर श्रृद्धासुमन अर्पित कर गंगाराम चैधरी की पौती व भाजपा प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य प्रियंका चैधरी सहित अन्य परिवार जनो से मिलकर संवेदना व्यक्त की, इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रत्याषी कर्नल सोना राम चैधरी, बायतू विधायक कैलाष चैधरी सहित अन्य विधायक व भाजपा के नेता उपस्थित थे। उसके बाद वे चंचल नाथ मठ पहुंची जहां पर उन्होने शंभूनाथ सैलानी महाराज से भेंटकर आर्षीवाद मांगा। बताया जाता हैं कि शंभूनाथ जी के बाड़मेर के साथ पाकिस्तान में भी बड़े अनुयाई हैं तथा जसवंत सिंह की भी उनके प्रति काफी गहरी आस्था व श्रृद्धा हैं। वसुंधरा ने शंभूनाथ से भेटकर भाजपा प्रत्याषी के लिए आर्षीवाद मांगा।
इसके बाद वसुंधरा राजे जसवंत सिंह के पैतृक गांव जसोल पहुंची जहां पर उन्होने राणी भटियाणी देवी मन्दिर में दर्षन कर पूजा अर्चना की, बताया जाता हैं कि जसोल गांव में उन्हें इतना जन समर्थन नही मिला, जसोल हेलिपेड पर कुछ लोगो ने वसुंधरा के खिलाफ नारे भी लगाये।

मुख्यमंत्री जसोल के बाद नाकोड़ा मन्दिर पहुंची, वहां पर दर्षनों के पश्चात मन्दिर परिसर के एक कमरे में एक गुप्त मीटिंग भी की जिसमें मीडिया को अन्दर नही आने दिया। इस बैठक में कर्नल सोना राम चैधरी के अलावा बायतु विधायक कैलाष चैधरी, पचपदरा विधायक अमरा राम चैधरी, सिवाना विधायक सहित भाजपा के कई वरिष्ट नेता मौजूद थे। इस बैठक में इस क्षेत्र में चुनावी रणनीति के संबंध में चर्चा की गई तथा किस तरह मतदाताओं को पोलिंग बूथो तक लाया जाये उसे संबंध में विचार विमर्ष किया।
अलग-अलग जातियों के लोगो को भाजपा के पक्ष में करने की कड़ी में वसुंधरा आसोतरा स्थित ब्रह्मा मन्दिर पहुंची। जहां पर दर्षनों के पश्चात वहां मौजूद खासकर राजपुरोहित समाज के लोगो के साथ अन्य जातियों के लोगो को उन्होने संबोधित करते हुवें कहा कि दो दिन पूर्व राजपुरोहित समाज की तरफ से उन्हें अनुरोध किया गया था कि वे पर यहां आये तभी उन्होने यहां आने का निर्णय लिया। उन्होने कहा कि वे यहां आती रहेगी तथा इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई कसर नही छोड़ेगी। उन्होने राजपुरोहित समाज से भाजपा प्रत्याषी कर्नल सोनाराम चैधरी को जीताने का अनुरोध किया। इस सभा में आहौर जालौर के विधायक शंकर सिंह राजपुरोहित सहित अन्य कई विधायक मौजूद थे। वहां पर एक विषेष बातचीत में वसुंधरा राजे से जब ये पूछा गया कि आप जसवंत सिंह के पैतृक गांव जसोल में आई हैं, आपको कैसा लग रहा हैं तो उन्होने बताया कि उनकी यहां धार्मिक यात्रा थी, वे पहले भी इन मन्दिरों में आती रहती थी, आगे भी आती रहेगी, उनकी इन मन्दिरों के प्रति काफी आस्था भी हैं। इस सभा के बाद उन्होने राजपूत समाज के राठौड़ो की कुल देवी के मन्दिर नागणिचाय देवी के दर्षन कर सुखशांति व भाजपा के विजयी होने की कामना की। उन्होने यहां पर समाज के कई लोगो से भेंट भी की। इसके बाद वे जयपुर के लिए रवाना हो गई।

सनसनीखेज: ओबामा समलैंगिक और उनकी पत्नी एक मर्द!

न्यूयार्क। इंटरनेट पर इन दिनों एक सनसनीखेज स्टोरी वायरल हो रही है जिसने काफी सनसनी मचा रखी है। स्टोरी एक अमरीकन वेबसाइट पर दी गई है जिसमें अमरीका के वीवीआईपी लोगों की सेक्सूअलिटी पर ही प्रश्न उठाए गए हैं।
इनमें खुद अमरीका के प्रेसीडेंट बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल केअलावा टेनिस सनसनी सेरेना विलियम्स का नाम शामिल है।

रिपोर्ट बाकायदा मेडिकल साइंस के हवाले से इस बात का पुख्ता सबूत भी पेश करती दिखाई देती है कि असल में यह सब लोग वह नहीं जो दुनिया के सामने नजर आते हैं। मिशेल के बारे में तो रिपोर्ट ने पूरी जांच पड़ताल कर उसकी पूरी जानकारी हासिल कर पेश की है।

इस स्टोरी में बताया गया है कि अमरीका की फर्स्ट लेडी और अमरीकन प्रेसीडेंट बराक ओबामा की धर्मपत्नी मिशेल ओबामा महिला ने होकर असल में एक मर्द है।

क्या बराक ओबामा समलैंगिक हैं?
वॉनकेट डॉट कॉम वेबसाइट द्वारा जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बराक ओबामा को मिशेल की इस सच्चाई के विषय में पहले से ही पता था। स्टोरी के मुताबिक ओबामा दंपति की दोनों बेटियां भी गोद ली गई हैं। ओबामा के बारे में भी यह स्टोरी आगे बताती है इस खुलासे से तो ऎसा प्रतीत होता है कि वे असल में एक होमोसेक्सुअल हैं जो अपनी सच्चाई को छुपाकर रात में मिशेल नाम के इस पुरूष पार्टनर के साथ रंगरेलियां मनाते होंगे।

मिशेल असल में "माइकल" हैं!
मेडिकेल स्पेशलिस्ट के दावों के साथ यह रिपोर्ट कहती है कि मिशेल के चौड़े कंधे और नुकीले चेहरे की जॉ लाइन किसी पुरूष फुटबाल खिलाड़ी के ही हो सकते हैं। यहां तक कि रिपोर्ट तो मिशेल के प्राइवेट पार्ट के बारे में भी खुलासा कर कहती है कि असल में वह एक मर्द का ही है जो कि मिशेल अक्सर अपने कपड़ों की आड़ में छुपा जाती है।

बताया जा रहा है कि मिशेल ओबामा का असली नाम माइकल लावॉग रोबिंसन है जिसका जन्म 17 जनवरी 1964 को शिकागो में हुआ था।

माइकल के पिता फ्रेजर रोबिंसन एक कुख्यात कोकेन डीलर हुआ करते थे जो कि क्राइम की दुनिया के बेताज बादशाह रिचर्ड जे डेले के लिए काम करते थे। उसकी माता एक वेश्या थी जिसको 1998 में एचआईवी पॉजीटिव बताया गया था।

माइकल अपने स्कूल के जमाने में एक जाना माना एथलीट था जिसे 1982 में ऑरेगान स्टेट की ओर से खेलने के लिए स्कॉलरशिप भी मिली थी।

माइकल ने इस दौरान अपने लाजवाब खेल से खूब झंडे गाड़े लेकिन न जाने क्यों पर कुछ अज्ञात कारणों से माइकल अचानक ही इस स्कूल को छोड़कर कहीं चला गया।

उसके स्कूल के दोस्तों का कहना था कि माइकल अक्सर खुद को मर्द के शरीर में कैद एक औरत बताया करता था। इसके बाद खबर आई कि 13 जनवरी 1983 में माइकल ने जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में जाकर अपना सेक्स बदलवा लिया।

सेक्स बदलवाने के बाद उससे उपजी शर्म से बचने के लिए माइकल ने ऑरेगान स्टेट छोड़कर प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी ज्वॉइन कर ली जहां उसने अपना नया नाम मिशेल रॉबिंसन दर्ज करवाया।

सालों बाद मिशेल की मुलाकात केन्या के नागरिक बराक ओबामा से हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली। इस बीच बराक ओबामा को मिशेल की हकीकत भी पता चल चुकी थी। दोनों ने इसके बाद दो बच्चों को गोद ले लिया।

सेरेना विलियम्स भी एक मर्द!
इसी तरह सेरेना विलियम्स के बारे में यह रिपोर्ट कहती है कि उनके गले की हड्डी यानि कि "आडाम्स एपल" और उन्नत गर्दन की मांसपेश्यिां भी साफ दिखाती हैं कि वे औरत न होकर असल में एक मर्द हैं। - 

आरएसएस भर रहा भाजपा में कूड़ा: जसवंत सिंह



जसवंत सिंह का ख़ास इन्टरव्यू बी बी सी से साभार 


“उम्र सारी कटी इश्क-ए-बुता में मोमिन, आख़िरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमां होंगे” मोमिन की इसी शायरी को दोहरा दिया जसवंत सिंह ने जब हमने उनसे पूछा कि बीजेपी छोड़ने के बाद आपने कांग्रेस का दामन क्यो नहीं थामा.
हाल ही में बाड़मेर से टिकट न मिलने के बाद अपनी पार्टी के खिलाफ़ ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े होकर चर्चा में हैं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता जसवंत सिंह. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में जसवंत सिंह दो बार वित्त मंत्री रहे हैं और एक-एक बार रक्षा और विदेश मंत्री भी. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में बाड़मेर सीट पर उनकी दावेदारी पर कांग्रेस से भाजपा में आए सोनाराम चौधरी को तवज्जो दिए जाने के बाद जसवंत उखड़ गए.



बीबीसी को दिए एक ख़ास साक्षात्कार में संघ का बीजेपी में भूमिका जैसे कई मुद्दों पर बोले साथ ही उन्होने ये भी बताया कि क्यों अभी तक वो नरेंद्र मोदी को लेकर चुप रहे.

वो न सिर्फ राजनाथ सिंह की राजनीतिक विवशता पर बोले बल्कि बीजेपी के प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को भी आड़े हाथों लिया. प्रत्याशियों के चुनाव और सीट के वितरण पर संघ के प्रभाव पर जसवंत सिंह ने कहा कि "संघ इस चुनाव को अहमियत दे रहा है लेकिन इसकी कीमत, सड़क पर से सारा कूड़ा करकट बटोरकर वह उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार बना रहा है."

बीबीसी संवादादाता सुशांत मोहन से बातचीत का विस्तृत ब्यौरा:

जसवंत जी स्वागत है आपका बीबीसी में

शुक्रिया जनाब, आजकल स्वागत का अकाल सा पड़ा हुआ है, इसलिए जहां से भी स्वागत मिल जाए बहुत अच्छा लगता है.

आपके अलावा और भी कई लोग हैं जो पार्टी के टिकट वितरण से परेशान हैं ?

हां परेशान ज़रूर हैं , लेकिन मेरी परेशानी बिलकुल अलग है. मैने बाड़मेर के अलावा चित्तौड़ या जोधपुर से टिकट की मांग की थी लेकिन मुझे टिकट नहीं दिया, कोई बात नहीं, लेकिन उस नेता (सोनाराम चौधरी) को टिकट दे दी जो इतने सालों से हमें गाली देते हुए आए हैं, हमारे ख़िलाफ़ रहे हैं और बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी से हारे हैं, आज उसी नेता को आपने (भाजपा) अपना कैंडिडेट बना लिया. ये तर्क समझ नहीं आया.

जसवंत जी, पार्टी के टिकट वितरण से तो आडवाणी जी भी नाराज़ थे, सुषमा स्वराज भी नाराज़ थीं लेकिन किसी ने पार्टी नहीं छोड़ी. आपने ऐसा कदम क्यों उठाया ?

क्लिक करें(क्यों निकले जसवंत बीजेपी से - पूरा किस्सा यहां पढ़ें)

क्योंकि मेरे पास और कोई उपाय नहीं है. ये चुनाव लड़ने के लिए मैंने बहुत प्रयत्न किया लेकिन मेरी आवाज़ सुनी नहीं और फ़िर एक प्रकार से ढोंग होता कि मैं पार्टी में भी हूं और पार्टी के ख़िलाफ़ चुनाव भी लड़ रहा हूं, ये तर्कसंगत बात नहीं आती.




तो आप कांग्रेस के साथ क्यों नहीं गए, जब कांग्रेस के नेता वहां से यहां आ सकते हैं तो आपने ये विकल्प क्यों नहीं चुना?

(हंसते हुए) ये तो आप अन्याय करेंगे ये प्रश्न पूछकर. कांग्रेस से मेरा क्या लेना-देना. इतने वर्षों में मैं भाजपा के अलावा किसी दल में नहीं गया और सोचा भी नहीं... अब क्या ख़ाक मुसलमां होंगे यहां आकर हम...

जसवंत जी, आप भारतीय जनता पार्टी के बारे में बोले, आप वसुंधरा राजे के बारे में बोले, आप राजनाथ सिंह के खिलाफ़ भी बोले लेकिन आप नरेंद्र मोदी पर अब तक चुप रहे ऐसा क्यों ?

भई उनका रोल क्या रहा है मुझे उसका ज्ञान नहीं और जो चयन हुआ है वो राजस्थान में हुआ है. वसुंधरा राजे, सोनाराम का नाम सेंट्रल कमेटी के सामने लाई और राजनाथ सिंह ने इस पर आखिरी फ़ैसला लिया.

भले ही वो इसे ‘राजनीतिक विवशता’ का नाम दे रहे हैं लेकिन ये विवशता क्या है इसे वो खुल कर नहीं बता सकते. ये उनका फ़ैसला है और अन्य किसी का इसमें हाथ नहीं है.

तो इसका मतलब आप नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हैं, और अगर आप जीते तो भाजपा में वापस लौटेंगे, उन्हें समर्थन देंगे ?

ये बात बहुत दूर की बात है लेकिन मेरी भारतीय जनता पार्टी में लौटने की कोई इच्छा नहीं है.

आप नरेंद्र मोदी के बारे में नहीं बात कर रहे हैं, वो तो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. उनके बारे में क्या राय है आपकी ?

वो भाजपा का चुनाव हैं और पार्टी व्यक्ति विशेष की राजनीति में उलझ गई है. अच्छा होता कि वो इसमें नहीं उलझते.




पार्टी में आपकी न सुने जाने का कारण आपके संघ के साथ तनावपूर्ण संबंधों को भी बताया जा रहा है. क्या ये सही है कि रज्जू भैय्या पर की गई आपकी टिप्पणी का खामियाज़ा आप अब भुगत रहे हैं ?

 

मुझे याद नहीं कि मैंने कब रज्जू भैय्या के खिलाफ़ कुछ कहा. मेरे हमेशा उनसे पारिवारिक संबंध रहे और मेरे किसी पुराने बयान को ढूंढ कर पेश किया गया है जिसका मेरे चुनाव से कोई सरोकार नहीं है. मेरे बारे में फ़ैसला राजनाथ सिंह ने लिया है.

तो आप मानते हैं कि संघ की इस चुनाव में कोई भूमिका नही हैं ?

मैंने सुना है कि आरएसएस इस चुनाव को बहुत महत्ता दे रहा है लेकिन इसके लिए वो क्या कीमत चुका रहे हैं. वो सड़क से सारा कूड़ा करकट उठाकर भाजपा के प्रत्याशियों के रूप में आगे कर रहा है.

राम मंदिर का क्या होगा? क्या अब ये कोई मुद्दा नहीं है ?

मैंने तो आडवाणी जी से पहले ही कहा था कि एक राम मंदिर और बन जाने से या न बनने से भगवान राम की महत्ता बढ़ या घट नहीं जाएगी. ये मुद्दा है ही नहीं और विकास इससे बड़ा मुद्दा है.

क्या ये चुनाव आपके सम्मान का चुनाव है?

ये मेरे सम्मान से ज़्यादा मेरे अस्तित्व का चुनाव है और मेरे क्षेत्र के सम्मान का चुनाव है. मेरा सम्मान इस सबके आगे गौण है.



जसवंत सिंह ने इस पूरी बातचीत के दौरान नरेंद्र मोदी से किसी भी तरह की नाराज़गी से इनकार किया और साथ ही खुद को संघ से अलग जरूर माना लेकिन उनके ख़िलाफ़ नहीं माना.