गुरुवार, 27 मार्च 2014

जैसलमेर सुख समृद्धि व लक्ष्मी के लिए दयाड़ो जी को पूजा


जैसलमेर सुख समृद्धि व लक्ष्मी के लिए दयाड़ो जी को पूजा


  जैसलमेर



परंपरा और संस्कृति की नगरी जैसलमेर में दयाड़ो जी का पर्व श्रद्धा एवं लोक आस्था के साथ मनाया गया। महिलाओं का यह त्योहार सुख-समृद्धि और संपन्नता लाने वाला माना गया है। लोक आस्था है कि लक्ष्मी, सुख-संपन्नता व समृद्धि की चाह रखने वाली महिलाओं को दयाड़ो जी का त्योहार मनाना चाहिए। बुधवार को चैत्र वदी दशम के दिन महिलाओं ने ब्रह्मï मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई की और स्नान इत्यादि से निवृत्त होने के बाद नियम-विधान से दयाड़ो जी की पूजा-अर्चना की और महिलाओं ने सामूहिक रूप से कथा वाचन एवं श्रवण किया।

जैसलमेर में महिलाओं के कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। होली के बाद चैत्र के अंधियारे पक्ष की दशम को यह त्योहार मनाया जाता रहा है। दयाड़ो जी का त्योहार हिंदू महिलाएं विधि-विधान के साथ मनाती है। बुधवार को शहर में महिलाओं को सजे-धजे और मंदिर जाते हुए देखा गया। इस दौरान सोनार किले स्थित लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में विशेष भीड़ रही। महिलाओं ने अन्न-धन के प्रतीक लक्ष्मीनाथ बाबे के दर्शन किए और उनसे समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

ऐसे की महिलाओं ने पूजा

महिलाओं ने घर की साफ-सफाई करने के बाद दयाड़ो जी की पूजा की। दीवार पर दयाड़ो जी का विग्रह बनाया गया। पूजा के दौरान दीवार पर आयत बनाया गया। इस आयत में 10 महिलाएं बनाई गई। खेजड़ी के नीचे माई और बाबा बनाया गया। माई से आशय लक्ष्मीमाता से है और बाबे से आशय विष्णु भगवान से है। इस आयत में पालना और पालने में झूलता लड़का बनाया गया। साथ ही सूरज-चांद और साखिया (स्वस्तिक) बनाया गया। विधि-विधान से पूजा की गई और दीवार पर बने दयाड़ो जी के चित्र पर के सामने 10 लड्डुओं का भोग लगाया गया। घर-परिवार की महिलाओं ने समूहगत रूप में दयाड़ो जी की कथा का श्रवण किया।

जसवंत सिंह के बढ़ते कद से परेशां थे राजनाथ मोदी। जसवंत कि पूरी कहानी

जसवंत सिंह के बढ़ते कद से परेशां थे राजनाथ मोदी। जसवंत कि पूरी कहानी 



बाड़मेर। जसवंत सिंह एक बार फिर अकेले हैं, और इस बार भी बीजेपी ने उनको अकेला कर दिया। टिकट नहीं दिया। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही उन्हें पसंद ना करें। संघ परिवार को खुश रखने की कोशिश में बहुत सारे भाजपाई भी भले ही जसवंत सिंह को हमेशा अपने निशाने पर रखे रहें। और बीजेपी भले ही उनका टिकट काटकर उनकी इज्जत का मटियामेट करने की कोशिश कर ले। लेकिन समूचे देश को अपने जिन नेताओं पर गर्व होना चाहिए, उन इने-गिने सबसे बड़े नामों में जसवंत सिंह का नाम भी सबसे ऊंचे शिखर पर लिखा हुआ हैं। फिर भी बीजेपी ने उनका लोकसभा का टिकट काट दिया है। इस तथ्य और ब्रह्मसत्य के बावजूद कि बाड़मेर में जसवंत सिंह अपनी छवि की वजह से अजेय उम्मीदवार हैं। और देश के किसी भी संसदीय क्षेत्र में दो-सवा दो लाख मुसलमान एकमुश्त किसी भाजपाई के साथ हैं, तो वह अकेले जसवंत सिंह ही हैं। बाडमेर का सबसे बड़ा दर्द यह है कि जसवंत सिंह का टिकट उन कांग्रेसी कर्नल सोनाराम के लिए काटा गया, जिनका इस पूरे जनम में बीजेपी से नाता ही सिर्फ अटलजी से लेकर आडवाणी और नरेंद्र मोदी तक को गालियां देने का रहा। वसुंधरा राजे चुनाव से चार दिन पहले सोनाराम को कांग्रेस से बीजेपी में लाईं और लोकसभा के लिए लड़ने भेज दिया। वसुंधरा के इस अदभुत अंदाज से राजनीति अवाक है। लोग हत्तप्रभ, और बाड़मेर बेबस।
बीजेपी ने सबसे पहले मुरली मनोहर जोशी को बनारस से बेदखल किया। फिर भोपाल से लड़ने की लालकृष्ण आडवाणी की इच्छा पर उनकी इज्जत उछाली। और अब जसवंत सिंह को जोर का झटका बहुत जोर से दिया। यह नए जमाने की नई बीजेपी का नया रिवाज है। कभी संस्कारों वाली पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी का यह नया चेहरा है। माना कि राजनीति में चेहरे बदलते देर नहीं लगती। लेकिन बीजेपी जैसी बेहतर पार्टी में बुजुर्ग चेहरों को बहुत बेरहमी से बदरंग करके उनसे बदला लिया जाएगा, यह किसी को नहीं सुहा रहा है। बीजेपी के बुजुर्ग अपने जीवन के आखरी दिनों में आज सम्मान की खातिर खाक छानते दिख रहे हैं। और बाहर से आए दलबदलुओं का दिल खोलकर स्वागत किया जा रहा है। बीजेपी में बुजुर्गों के अपमान पर उसकी सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे तक को कहना पड़ा कि आडवाणी, जिन्होंने पार्टी को बनाया और उसे प्रतिष्ठा दिलाई, वे भी अपने टिकट के लिए इंतजार करते रहे। यह आडवाणी का अपमान नहीं तो और क्या है।

वैसे तो राजनीति में कोई भी नहीं भूलता। लेकिन पिछली बार 2004 में, शिमला बैठक में जसवंत सिंह को बुलाने, फिर बीच रास्ते में ही रोककर पार्टी से निकाल देने का फरमान सुनाकर बीजेपी ने उनका जो अपमान किया था, उसे जसवंत सिंह शायद भूल गए होंगे। क्योंकि वे बड़े दिलवाले आदमकद के आदमी हैं। कारण था, जसवंत ने अपनी किताब में जिन्ना की तारीफ की थी। लेकिन देश जब-जब चिंतन करेगा, तो जिन्ना के मामले में ज्यादा बड़ा पाप तो लाल कृष्ण आडवाणी का था। क्योंकि जसवंत सिंह ने तो लिखा भर था। आडवाणी तो जिन्ना के देश पाकिस्तान जाकर उनकी मजार पर माथा टेकने के बाद फूल चढ़ाकर यह भी कह आए थे कि जिन्ना महान थे। फिर देर सबेर बीजेपी संघ परिवार की भी अकल ठिकाने आ ही गई। उसे भी मानना पड़ा कि आडवाणी के अपराध के मुकाबले जसवंत के जिन्ना पर विचार अपेक्षाकृत कम नुकसान देह थे। लेकिन ताजा संदर्भ में तो जसवंत सिंह सिर्फ और सिर्फ वसुंधरा राजे की त्रिया हठ वाली राज हठ के शिकार हैं।

राष्ट्रीय परिपेक्ष्य को छोड़कर बात अगर सिर्फ प्रदेश की दीवारों के दाय़रे की करें, तो राजस्थान की राजनीति में अब तक के सबसे बड़े नेताओं के रूप में मोहनलाल सुखाडिय़ा और भैरोंसिंह शेखावत अब इस दुनिया में न होने और खुद के सीएम रहते हुए कांग्रेस का सफाया हो जाने के बावजूद कांग्रेस में सबसे विराट हो जाने वाले अशोक गहलोत आज भी लोगों के दिलों पर छाए हुए हैं। उसी तरह, सबसे बड़े राजनयिक और राजनीतिक के रूप में जसवंत सिंह देश के सामने हैं। लेकिन इस बात का क्या किया जाए कि बीजेपी और व्यक्तिगत रूप से वसुंधरा राजे उनके इस कद का ही कबाड़ा करने पर उतारू हैं। वैसे, अपना मानना है कि जसवंत सिंह राजस्थान के नहीं, पूरे देश में आदमकद के आदमी हैं। और अपना तो यहां तक मानना है कि जसवंत सिंह जैसे नेता को, जीवन के इस अत्यंत ऊंचे और आखरी मोड़ पर आकर बीजेपी से जुड़े भी रहना चाहिए कि नहीं, यह चिंतन का विषय है।

राजस्थान में जिस तरह से वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता में आई, उसी तरह से इस चुनाव के बाद देश में भी सरकार बन गई और अगर बन पाए, तो नरेंद्र मोदी का पीएम बनना उनका निजी पराक्रम होगा। लेकिन वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह के बारे में देश को सिर्फ यह जरूर याद रहेगा कि उंचे कद के आला नेताओं की गरिमा को इन दोनों के काल में जितनी ठेस पहुंची और बीजेपी का संगठन के स्तर पर जितना कबाड़ा हुआ, उतना पार्टी के चौंतीस सालों के इतिहास में कभी नहीं हुआ। वसुंधरा राजे ने भी बड़े नेताओं के मानमर्दन का कोई मौका नहीं छोड़ा। स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत से लेकर, ललित किशोर चतुर्वेदी, हरिशंकर भाभड़ा, भंवरलाल शर्मा, रघुवीर सिंह कौशल जैसों को सार्वजनिक रूप से खंडहर कहने का वसुंधरा राजे ने जो राजनीतिक पाप किया था, उसका हिसाब अभी बाकी है। और यह तो गुलाबचंद कटारिया और घनश्याम तिवारी सहित ओमप्रकाश माथुर की किस्मत बहुत बुलंद है, लेकिन फिर उनको ठिकाने लगाने की वसुंधरा की कोशिशें तो अब भी जारी हैं ही। पार्टी का टिकट कटवाने और न देने का हक हासिल होने के बावजूद देश की राजनीति में आज भी वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह, जसवंत सिंह से बड़े नेता नहीं हैं। और अपना तो यहां तक मानना है कि राजनीति में जसवंत सिंह जैसी विश्व स्तरीय गरिमा प्राप्त करने के लिए इन दोनों को शायद कुछ जनम और लेने पड़ सकते हैं। राजनाथ सिंह ने भी कह दिया है कि बाड़मेर से उम्मीदवार को बदलना अब संभव नहीं है। लेकिन कोई भी इसका असली कारण नहीं बताता कि आखिर जसवंत सिंह को उम्मीदवारी से आउट क्यों किया गया। क्या सचमुच बीजेपी ने अपने बुजुर्गों का सम्मान करना बंद कर दिया है?

भले ही वह समूचे मंत्रिमंडल का फैसला था, फिर भी कुछ लोगों को हक है, तो वे कंधार के कसूर को हमारी विदेश नीति में नीहित कूटनीतिक मजबूरी न मानकर सिर्फ जसवंत सिंह की निजी गलती मानकर उनको कघटरे में खड़ा कर सकते हैं। लेकिन यह तो आपको भी मानना ही पड़ेगा कि उस कटघरे में खड़े होने के बावजूद जसवंत सिंह का कद उनका न्याय करनेवाले किसी भी जज से ज्यादा बड़ा है। जसवंत सिंह प्रभावशाली हैं, शक्तिशाली भी और समर्थ भी। राजनीतिक कद के मामले में उनको विराट व्यक्तित्व का राजनेता कहा जा सकता है। व्यक्तितव अगर विराट नहीं होता, तो दार्जीलिंग के जिन पहाड़ों से उनका जीवन में कभी कोई नाता नहीं रहा, वहां से भी लोगों ने निर्दलीय जिताकर उन्हें संसद में भेजकर अपने पहाड़ों से भी बड़ी उंचाई बख्श दी।

दरअसल, पूरे विश्व के राजनयिक क्षेत्रों में जसवंत सिंह को एक धुरंधर कूटनीतिज्ञ के रूप में देखा जाता है। विदेशी सरकारों के सामने जसवंत सिंह की जो हैसियत है वह एसएम कृष्णा से कई लाख गुना और नटवर सिंह, प्रणव मुखर्जी आदि के मुकाबले कई गुना ज्यादा बड़ी है। भाजपा में तो क्या देश की किसी भी पार्टी में विदेश के मामलों में उनकी टक्कर का कूटनीतिक जानकार नहीं है, यह कांग्रेस भी जानती है, आप भी और हम भी। और राजनीतिक कद नापा जाए, तो वसुंधरा राजे तो खैर उनके सामने कहीं नहीं टिकतीं, राजनाथ सिंह तक राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का बावजूद जसवंत सिंह के मुकाबले बहुत बौने हैं। लेकिन राजनीति का भी अपना अलग मायाजाल होता है। यह बीजेपी का सनातन दुर्भाग्य है या बड़े नेताओं की किस्मत का दुर्योग कि जो लोग कभी उनके दरवाजे की तरफ देखते हुए भी डरते थे, वे आज उन्हें आंख दिखा रहे हैं। लेकिन यह तो बीजेपी की किस्मत की कमजोरी का कमाल ही कहा जा सकता है कि जसवंत सिंह जैसा बहुत बड़ा नेता आज अलग थलग होकर निर्दलीय लड़ने को मजबूर हैं और उनके मुकाबले बहुत बौने लोग बहुत बड़े पदों पर बिराजमान होकर जसवंत सिंह जैसों की किस्मत लिखने के मजे ले रहे हैं। राजनीति भले ही इसी का नाम है। लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास है कि आखिर जसवंत सिंह का कसूर क्या है?

बुधवार, 26 मार्च 2014

जैसलमेर एक्सप्रेस में चोरियों की जांच शुरू

लखनऊ
हावड़ा-जैसलमेर एक्सप्रेस में सोमवार रात दो डिब्बों से कई यात्रियों का सामान गायब होने के मामले में डीआरएम ने जांच शुरू करा दी है। चोरी के साथ ही यात्रियों के हंगामे के दौरान करीब दो घंटे ट्रेन लेट होने के मामले को भी जांच में शामिल किया गया है।

बुधवार को जांच अधिकारियों ने कई कर्मचारियों के बयान लिए। जैसलमेर एक्सप्रेस के एस-5 व एस-6 कोच से कई यात्रियों का सामान चोरी हो गया था। ट्रेन के लखनऊ पहुंचने पर सोमवार रात डेढ़ बजे कई यात्रियों ने हंगामा किया था। इस मामले में डीआरएम जगदीप राय ने स्टेशन प्रबंधक एके दोहरे व आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त एसआर त्रिपाठी को जांच कमिटी में शामिल किया था।

कुछ यात्रियों का आरोप था कि वह जब खाने-पीने का सामान लेने के लिए चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म पर उतरे तो उस दौरान सामान चोरी हुआ था। जबकि जीआरपी व आरपीएफ के लोगों का मानना है कि ट्रेन के लखनऊ पहुंचने से पहले ही यात्रियों का सामान चोरी हो चुका था। रेलवे सुरक्षा बल ने सभी प्लेटफार्मों पर सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं।जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि फुटेज देखने के बाद पता चलेगा कि कौन-कौन से लोग उस प्लेटफार्म पर सामान सहित उतरे थे और उनमें से हंगामा करने वाले यात्री कौन थे। आरपीएफ कंट्रोल में एक हफ्ते तक सीसीटीवी फुटेज आसानी से मिल सकते हैं।

बाड़मेर में जसवंत v/s बीजेपी


बाड़मेर   टिकट बंटवारे से नाराज जसवंत सिंह जहां निर्दलीय मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बने कर्नल सोनाराम ने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से मंगलवार को अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया। बीजेपी ने जसवंत सिंह को दरकिनार करते हुए इस सीट से सोनाराम को उम्मीदवार बनाया। ऐसे में अब यहां जसवंत बनाम बीजेपी का मुकाबला होना तय हो चुका है क्योंकि जसवंत कह चुके हैं कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे। जसवंत सिंह ने मंगलवार को यहां कहा कि लोकतंत्र के लिए 'व्यक्ति पूजा' सही नहीं है और इससे पार्टी को नुकसान होगा। जसवंत ने कहा, 'पार्टी जिस तरह एक व्यक्ति पर पूरा ध्यान लगा रही है, वह सही नहीं है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ऐसा नहीं चल सकता।' जसवंत सिंह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, 'शायद राजनाथ सिंह ने किसी 'योजना' के तहत मुझे पार्टी से दूर किया है। वहीं, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जसवंत सिंह का नाम लिए बगैर कहा, 'टिकट देने का निर्णय पार्टी का है। पार्टी के निर्णय को सभी को स्वीकार करना चाहिए।'
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टिकटों बंटवारे पर कोई विवाद नहीं : जेटली
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

बीजेपी के सीनियर लीडर अरुण जेटली ने कहा है कि एक दो जगह को छोड़कर बाकी कहीं भी टिकट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन लोगों को ही बीजेपी में टिकट विवाद लगता होगा, जो टीवी देखते हैं। जब रिजल्ट आएंगे तो पता चलेगा कि कहीं कोई विवाद था ही नहीं। पार्टी मुख्यालय में उन्होंने कहा कि अब तक पार्टी 400 से ज्यादा सीटों पर अपने कैंडिडेट घोषित कर चुकी है, लेकिन एकाध जगह को छोड़ दें तो कहीं भी विवाद नहीं है। हालांकि उन्होंने जसवंत सिंह के मामले में कुछ नहीं कहा लेकिन इशारों ही इशारों में यह संकेत जरूर दे दिया कि अब पार्टी शायद उनकी मान मनौव्वल न करे। उन्होंने बताया कि अभी भी एनडीए में कई और दलों के आने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश में भी दूसरे दलों से बीजेपी की बातचीत चल रही है और इसी वजह से अब तक बीजेपी ने आंध्रप्रदेश के लिए उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है।




वहीं, जसवंत सिंह को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं देने को 'राजनीतिक मजबूरी' बताया। सिंह ने 'टाइम्स नाउ' को दिए इंटरव्यू में कहा, 'राजनीतिक मजबूरियों के चलते हम इच्छा के बावजूद जसवंत सिंह: टिकट नहीं दे सके। मुझे भी इस बात का दुख है।'

सोनिया के खिलाफ चुनाव में उतर सकती हैं उमा भारती



रायबरेली में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की कोशिश में भाजपा रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ फायरब्रांड हिन्दुत्व नेता उमा भारती को चुनावी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने पुष्टि की है कि दल उमा भारती को झांसी के बजाए उत्तर प्रदेश के रायबरेली से चुनाव लड़ाने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
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भाजपा ने पहले ही उमा भारती के झांसी सीट से लड़ने की घोषणा की है। सूत्रों का कहना है कि भारती के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष को कड़ी चुनौती दी जा सकेगी। कांग्रेस द्वारा वाराणसी सीट से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ किसी लोकप्रिय हस्ती या मजबूत स्थानीय नेता को उतारने का फैसला किए जाने के बाद भागवा पार्टी बदलाव पर विचार कर रही है।

योगगुरु बाबा रामदेव ने भी रायबरेली से उमा भारती की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए इस संबंध में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध किया है। उन्होंने ट्वीट किया था, मैं भाजपा से अपील करता हूं कि वह अपनी मजबूत नेता उमा भारती को रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ उतारे। पार्टी सूत्रों ने पुष्टि की है कि रामदेव ने उमा भारती की उम्मीदवारी के संबंध में भाजपा के शीर्ष नेताओं से बातचीत की है।

मौलाना की गिरफ्तारी से मुश्किल में पड़े मोदी



अहमदाबाद। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ कथित तौर पर मिलकर 2002 के दंगों का बदला लेने के लिए षड्यंत्र रचने के आरोप में अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने हैदराबाद के एक जाने माने उदारवादी मौलाना मोहम्मद अब्दुल कादरी को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तार के बाद मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थक मुस्लिम घबरा गए हैं।
मौलाना की गिरफ्तारी से मुश्किल में पड़े मोदी


चुनावी साल मे हुई यह गिरफ्तारी मोदी द्वारा मुसलमानो को अपनी ओर करने की कोशिशों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार देशभर में मुस्लिम नेताओं से मुलाकात कर उनके डर को दूर कर अपने पक्ष में समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।




मामला 11 साल पुराना है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पिछले साल जून में मौलाना गुजरात आए थे और प्रदेश के दक्षिण इलाके में यह खुले आम घूमे थे। दभेल स्थित इस्लाम की एक बड़ी संस्था के साथ साथ मिफ्ता उल उलूम तराज मदरसा में भी उन्होंने शांति की बात की थी।




मोदी के एक कट्टर समर्थक और जाने माने मुस्लिम नेता ने कहा कि ऎसा नहीं है कि मौलाना साहब भगोड़ा थे। पिछले साल वह गुजरात आए थे और उन्होंने एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। इस गिरफ्तारी से समाज में मोदी के खिलाफ संदेश जाएगा।




उन्होंने कहा, यह गिरफ्तारी हैदराबाद के सांसद असादुद्दीन ओवेसी जैसे कट्टरवादी नेताओं को मोदी पर हमला बोलने के लिए राजनैतिक मुद्दा मिल जाएगा। ऎसे नेता मौलाना साहब की तुरंत रिहाई की मांग करते हुए उन मुस्लिम नेताओं पर भी हमला बोलने का मौका मिल जाएगा जो गुजरात के मुख्यमंत्री के समर्थक हैं।




काफी खुले विचारों वाले माने जाने वाले मौलाना कावी हैदराबाद में मदरसा अशरफुल उलूम के संथापक हैं और उनके बड़े मुफ्ती अब्दुल मुघनी हैदराबाद स्थित जमियत ए उलामा के उपाध्यक्ष हैं।

कांग्रेस प्रत्यासी हरीश चौधरी ने नामांकन दाखिल किया

कांग्रेस प्रत्यासी हरीश चौधरी ने नामांकन दाखिल किया

बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्यासी हरीश चौधरी ने अपना ना मांकन बुधवार को अधिकारी भानु प्रकाश एटूरु के समक्ष पेश किया। इस अवसर पर कांग्रेस विधायक मेवाराम ,जैन पूर्व मंत्री अमिन खान , हेमाराम चौधरी ,रूपाराम धंदे ,शम्मा खान ,उषा जैन सहित कई और कार्यकर्ता उपस्थित थे

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foto....जैसलमेर कि जनता ने जसवंत का किया अभूतपूर्व स्वागत ,धार्मिक स्थलो पर दी धोक







जैसलमेर कि जनता ने जसवंत का किया अभूतपूर्व स्वागत ,धार्मिक स्थलो पर दी धोक


बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले पूर्व केंद्रीय वित् व् विदेश मंत्री जसवंत सिंह जी ने बुधवार सुबह जैसलमेर के आराध्या देव लक्ष्मीनाथ जी मंदिर में भगवान् विष्णु व् लक्ष्मी की आरती में हिस्सा लिया और दर्शन कर चुनाव में विजयी होने की कामना की, उनके साथ में उनकी धर्मपत्नी शीतल कँवर, पुत्र भूपेंद्र सिंह, रिश्तेदार शम्भू सिंह, रणवीर सिंह मौजूद थे, सुनार किले के निवासियो ने उनका भव्य स्वागत किया।

जैसलमेर कि जनता द्वारा अभूतपूर्व स्वागत किया। अपने चुनाव प्रचार से पहले जसवंत सिंह ने लक्ष्मीनाथ जी मंदिर और माता रानी भटियानीजी मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर धोक दी। जैसलमेर शहर में जसवंत सिंह का जगह जगह कार्यकर्ताओ ने स्वागत कर उन्हें भरपूर समर्थन का विश्वास दिलाया

वडोदरा: कांग्रेस प्रत्याशी का लड़ने से इनकार



नई दिल्ली। कांग्रेस अभी वाराणसी में नरेंद्र मोदी के खिलाफ कैंडीडेट ढूंढ ही रही थी कि वडोदरा से मोदी के खिलाफ उसके प्रत्याशी ने भी अपना टिकट सरेंडर कर दिया है। पार्टी ने अब यहा से आनन-फानन में राहुल गांधी के करीबी मधुसूदन मिस्त्री को टिकट दिया है। दूसरी ओर मनीष तिवारी का इस बार चुनाव न लड़ना तय हो गया है और लुधियाना से पार्टी ने उनकी जगह रवनीत सिंह बिट्टू को कैंडीडेट बना दिया है। पार्टी ने करप्शन के आरोपों पर सुरेश कलमाड़ी का टिकट भले ही काट दिया हो लेकिन अशोक चव्हाण से उसे कोई गुरेज नहीं है और नांदेड़ से उसने चव्हाण को उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया है।



कांग्रेस ने वडोदरा सीट पर हुई प्राइमरी में जीत हासिल करने वाले नरेंद्र रावत को टिकट दिया था लेकिन नरेंद्र मोदी के यहां से उम्मीदवार बनने के बाद नरेंद्र रावत ने आज अपना टिकट सरेंडर कर दिया और आलाकमान से अपील की कि यहां से किसी कद्दावर नेता को उम्मीदवार बनाया जाए जो मोदी का मुकाबला करने में सक्षम हो। कांग्रेस ने रावत की जगह अब अपने यूपी प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को उम्मीदवार बनाया है। मिस्त्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे मौका दिया है। मोदी भी लड़ें, मैं भी लड़ूंगा। देखते हैं कौन जीतता है। मिस्त्री ने कहा कि मोदी भला क्यों सेफ सीट ढूंढ रहे हैं। उनको खुद पर भरोसा नहीं है। क्यों नहीं वो साबरकांठा से चुनाव लड़ते। मैं उनकी सीट पर लड़ रहा हूं, वो क्यों नहीं मेरी सीट पर लड़ते। मिस्त्री ने कहा कि वाराणसी से भी मोदी के खिलाफ मजबूत कैंडीडेट आएगा।
दूसरी ओर कांग्रेस ने आज अपने जो उम्मीदवार घोषित किए हैं उनमें लुधियाना से मनीष तिवारी की जगह रवनीत सिंह बिट्टू को टिकट दिया गया है। यानी सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी इस बार चुनाव नहीं लड़ने जा रहे। वहीं पार्टी ने नांदेड़ से आदर्श घोटाले में फंसे अशोक च्वहाण को टिकट थमा दिया है। पार्टी प्रवक्ता अजय माकन का कहना है कि कोई भी कोर्ट या कानून बाध्य नहीं करता कि अशोक चव्हाण चुनाव न लड़ सकें। किसी कोर्ट का ऐसा ऑर्डर नहीं है कि वो चुनाव न लड़ें। कलमाड़ी के खिलाफ चार्जशीट है लेकिन अशोक चव्हाण के खिलाफ कोई चार्जशीट भी नहीं है। चव्हाण के मुद्दे पर मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि सारे नियम हमारे लिए ही थोड़े हैं।

जैसलमेर में जसवंतसिंह कार्यकर्ताओं से मिले बनाई रणनिती

जैसलमेर में जसवंतसिंह कार्यकर्ताओं  से मिले बनाई रणनिती

समर्थको को किया आस्वस्त , हर हाल में लड़ेगे लोकसभा चुनाव
 


जैसलमेर - बाडमेर लोकसभा सीट से भाजपा के बागी उम्मीदवार जसवंतसिंह जैसलमेर आये तथा अपने समर्थको से मिले उन्होंने समर्थको को आस्वस्त करते हुए कहा की वह हर हाल में लोकसभा चुनाव लड़ेगे जैसलमेर पहुँच कर सिंह ने बागी तेवर भी दिखाए

भाजपा से बागी होकर लोकसभा चुनाव में बाडमेर जैसलमेर से ताल ठोकने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतंिसंह कल बाडमेंर में अपने नामांकन व जनसभा के बाद कल रात्रि करीब 11 बजे स्वर्णनगरी जैसलमेर पहुंचे थे । सिंह के साथ आज सवेरे से ही लोगो का मिलने मिलाने का दोर चलता रहा। जसवंत से गांव - गॉव से उनके सर्मथक मिलने पहुचे। ग्रामिणो ने जसवंत से भेट की व अपने सर्मथन का भरोषा दिलाया साथ ही भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने के साथ कांग्रेस छोड भाजपा में आये सोनाराम को टिकट दिये जाने पर रोष व्यक्त किया। जसवंत ने आज सवेरे से अपने क्रार्यक्रताओ की नब्ज टटोली साथ ही भावी चुनावो के प्रचार प्रसार को लेकर रणनिती बनाई।सिंह ने जैसलमेर पहुचकर कर बगावती दिखाते हुवे कहा की में अब खडा हुॅ और 29 तारीख तक देख ले में किसी सुरत में नही बैठुंगा। जैसलमेर के लोगो में सिंह के प्रती उत्साह व सर्मथन पर खुषी जताई व कहॉ मेरा जन्म जैसलमेर में हुआ है यह मेरा घर ननीहाल है इसी के दम पर आगे बढुंगा। आलाकामान से समर्पक के सवाल पर उन्होंने कहा की मेरे साथ नही जनता के साथ धोखा हुआ है जिसे विधानसभा में जनता ने नकारा और जो दल बदल कर मोके की राजनिती कर रहा है उसे में, भाजपा क्रार्यक्रर्ता और जनता कतई कबुल नही करेंगे। उन्होंने कहा की आलाकमान से अब 17 के बाद अब बात करेंगे।

मंगलवार, 25 मार्च 2014

मैंने अपने लिए राजनीति नहीं की, पार्टी ना छोड़े जसवंत: राजे

बाड़मेर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को बाड़मेर में भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम के समर्थन में सभा कर जसवंत सिंह पर पलटवार किया। इस दौरान राजे ने कहाकि,"बाड़मेर से टिकट देने का फैसला पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक के आधार पर लिया गया है।" जसवंत सिंह द्वारा वसुंधरा राजे पर लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए कहाकि,"मैंने कभी अपने लिए राजनीति नहीं की बल्कि राजस्थान के लिए राजनीति की।"मैंने अपने लिए राजनीति नहीं की, पार्टी ना छोड़े जसवंत: राजे
जसवंत सिंह का नाम लिए बिना उन पर निशान साधते हुए राजे ने कहा कि,"परिवार में सबको साथ होना चाहिए। पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए, जो कुछ भी पार्टी करती है उसे स्वीकार करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहाकि,"मैं हमेशा मेरे लोगों के साथ रही हूं और उनके साथ खड़ी रही हूं। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जो भी निर्णय लिया है वह पार्टी में सब पर लागू होता है।"

राजे ने कहाकि," जब हमने शिव विधानसभा सीट से जालम सिंह का टिकट काटा तो उन्होंने कोई विरोध नहीं किया। वाजपेयीजी ने एक बार मुझसे कहा था कि विचारों में भेद हो सकता है लेकिन हमें संगठित रहना चाहिए।"

पार्टी का निर्णय सर्वोपरि उसे मानना चाहिए वसुंधरा राजे

पार्टी का निर्णय सर्वोपरि उसे मानना चाहिए वसुंधरा राजे


बाड़मेर राज्य कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि पार्टी ने जो फैसला किया उसे मन कर पार्टी का सहयोग करे। वसुंधरा राजे बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम चौधरी के समर्थन में आम सभा को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने विधानसभा चुनावो में भी कई वर्त्तमान विधायको के टिकट कट कर दुसरो को दिए। फिर भी वे लोग पार्टी के साथ रहे ,वसुंधरा ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए राजस्थान कि सभी पचीस सीटो पर विजय हासिल करना हें। उन्होंने कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी हें उसे सभी के सहयोग कि जरुरत हें ,उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अभी से जुट जाये और मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए जी जन लगा दे। वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्स्थं में विकास कि लहर हें। विकास को ध्यान में रख कर आम लोगो को राहत देगी ,उन्होंने कहा कि आपसे किया हर वादा पूरा करने का प्राण हें। इस अवसर पर जोधपुर प्रत्यासी गजेन्द्र सिंह ,बाड़मेर प्रत्यासी कर्नल सोनाराम चौधरी ,सहित पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

BJP के कर्नल सोना राम ने बाड़मेर से नामांकन दाखिल किया

बाड़मेर: कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बने कर्नल सोनाराम ने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से आज अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया। बाड़मेर जिला निर्वाचन अधिकारी भानु प्रकाश ने  बताया कि भाजपा के कर्नल सोनाराम ने दो सेट नामांकन के दाखिल किए है।

भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को दरकिनार करते हुए बाड़मेर लोकसभा सीट से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को भाजपा का उम्मीदवार बनाया।

सोनाराम आज अपने सर्मथकों के साथ नामांकन दाखिल करने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। पूर्व सांसद सोनाराम का राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वाकयुद्व चला था और उन्होंने पिछले सप्ताह कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। कर्नल सोनाराम को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर भाजपा में शामिल कर टिकट दिया गया है।

भाजपा द्वारा कर्नल सोनाराम को बाड़मेर सीट का उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज जसवंत सिंह ने कल अपना नामांकन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया था।

जसवंत सिंह के पास हैं 3 अरबी घोड़े और 51 गाय

जसवंत सिंह के पास हैं 3 अरबी घोड़े और 51 गाय

बाड़मेर   बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बाड़मेर संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले जसवंत सिंह के पास तीन अरबी घोड़ों और 51 थारपारकर गायों सहित करीब सात करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह की ओर से नामांकन पत्र में चल और अचल संपत्ति के बारे में यह जानकारी दी गई है।
Jaswant-Singh
शपथ पत्र के मुताबिक सिंह के पास एक ट्रैक्टर, एक फिएट, एक टाटा सफारी और एक टाटा मेरिना कार है और उनकी पत्नि के पास दो टोयटा इन्नोवा के सहित तीन गाड़ियां हैं। निर्वाचन विभाग के सूत्रों के मुताबिक निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत सिंह के पास 49,83,510.08 रुपए कीमत की चल संपत्ति है जिसमें से 51,570 रुपए नकदी है। अचल संपत्ति की कीमत 6,14,50,000 रुपए है। उनकी पत्नि शीतल कुमारी के पास 77,56,480.17 रुपए की चल संपत्ति और 3,62,35,000 रुपए की अचल संपत्ति है।

पूर्व विदेश मंत्री के पास 51 थारपारकर गाय जैसलमेर में और बाडमेर में हैं। तीन अरबी घोडे़ (उनमें से दो सऊदी अरब के राजकुमार ने भेंट किया था जबकि एक का जन्म भारत में हुआ है) हैं, जिनकी कीमत क्रमशः तीन लाख चालीस हजार और तीन लाख रुपए हैं। शपथ पत्र के मुताबिक सिंह और उनकी पत्नी पर कोई लेनदारी नहीं है।

76 साल के पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने बीजेपी की ओर से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। बीजेपी ने अपने सीनियर नेता जसवंत के अनुरोध को दरकिनार करते हुए कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम को बाड़मेर से टिकट दिया। इसी वजह से सिंह ने यह कदम उठाया है।

वसुंधरा ने कहा,जसवंत सिंह ने सीट को लेकर कभी बात नहीं की

जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह पर पलटवार किया है। राजे ने कहा,जसवंत सिंह ने अपने लिए सीट को लेकर कभी उनसे बात नहीं की। बकौल राजे,उन्होंने कभी बात नहीं की। उन्होंने एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने हर चीज को ऎसे ही लिया। अगर कुछ था तो हवा में था। वसुंधरा ने कहा,जसवंत सिंह ने सीट को लेकर कभी बात नहीं की
जसवंत सिंह ने सोमवार को बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद जसवंत सिंह ने एक रैली की। इस दौरान उन्होंने वसुंधरा राजे और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह पर धोखा देने का आरोप लगाया था।

जसवंत सिंह ने कहा था कि पार्टी ने उन्हें तीन सीटों के विकल्प दिए थे। इसके जवाब में वसुंधरा राजे ने पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त की। बाड़मेर से पार्टी उम्मीदवार कर्नल सोनाराम मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इस दौरान वसुंधरा राजे उनके साथ होगी।

मानवेन्द्र बेडरेस्ट पर नहीं जायेंगे वसुंधरा कि रेली में

मानवेन्द्र बेडरेस्ट पर नहीं जायेंगे वसुंधरा कि रेली में 

बाड़मेर। आज बाड़मेर में बीजेपी की जो रैली होने जा रही है। इसे लेकर बीजेपी का विज्ञापन स्थानीय अखबारों में छपा है। इस विज्ञापन में सभा में बोलने वालों की लिस्ट छपी है। इस लिस्ट के मुताबिक जसवंत सिंह के बेटे और बाड़मेर के विधायक मानवेंद्र सिंह भी जनसभा को संबोधित करेंगे।मानवेन्द्र के करीबी सूत्रो के अनुसार मानवेन्द्र बीएड रेस्ट पर हे। चिकित्सको कि सलाह पर। 



ये विज्ञापन बाड़मेर बीजेपी की तरफ से छपवाए गए हैं। इस सभा में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी हिस्सा लेंगी। ये जनसभा बीजेपी उम्मीदवार कर्नल सोनाराम के समर्थन में की जा रही है। सभा वहीं होगी जहां कल जसवंत सिंह की रैली हुई थी।



बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद जसवंत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भर दिया है। बाड़मेर से उनके बेटे मानवेंद्र विधायक हैं। मानवेंद्र दो दिन पहले वसुंधरा की बुलाई बैठक में नहीं पहुंचे थे। तब उन्होंने बीमारी का बहाना बना दिया था, लेकिन अब बीजेपी ने विज्ञापन के जरिए न केवल मानवेंद्र का नाम छापा है, बल्कि सभा को संबोधित करने वालों में उनका नाम भी डाला है।

आज वसुंधरा राजे भी बाड़मेर पहुंच रही है। वो 2 बजे बीजेपी प्रत्याशी कर्नल सोनाराम की सभा में पहुचेंगी। ये सभा बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में हो रही है सभा जहा कल जसवंत सिंह की सभा हुई। इस लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के 8 विधायक हैं। जिनमें से एक जसवंत के बेटे मानवेंद्र भी हैं।

जोधपुर से इंडियन मुजाहिदीन का एक और आतंकी गिरफ्तार

जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के एक और आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। जोधपुर पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी बरकत को गिरफ्तार किया है। जोधपुर से इंडियन मुजाहिदीन का एक और आतंकी गिरफ्तार
आतंकी शाकिब अंसारी की निशानदेही पर बरकत की गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली पुलिस बरकत को ट्रांजिट रिमांड पर लेगी। बरकत जोधपुर की शांतिप्रिय कॉलोनी का निवासी है। बरकत पर विस्फोटक सामग्री मुहैया कराने का आरोप है। शाकिब से पूछताछ कर पुलिस टीम ने बरकत के घर दबिश दी थी, लेकिन बरकत पहले ही फरार हो गया।

बरकत को फरार करने में मदद के आरोप में पुलिस ने शाकिब के परिवार से आदिल को गिरफ्तार किया था। वह इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर है और वर्तमान में एलबीएस स्कूल में पढ़ा रहा है। शाकिब अंसारी जोधपुर की बरकतुल्ला खां कॉलोनी का निवासी है। राजस्थान एटीएस और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रविवार को जयपुर और जोधपुर से पांच आतंकी गिरफ्तार किए गए थे।

जयपुर से तीन आतंकी पकड़े गए थे। तीनों ही यहां से इंजीनियरिंग कर रहे थे और अंतिम वर्ष में थे। ये युवक पढ़ाई की आड़ में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के राजस्थान मॉड्यूल के लिए काम कर रहे थे। पुलिस ने जोधपुर से भी एक आतंकी और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार किया था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार सुबह अजमेर रेलवे स्टेशन से आईएम के वांछित आतंकी वकास को पकड़ा। उसी की सूचना के आधार पर बाकी चारों आतंकी पकड़े गए। पाचों आतंकियों को दिल्ली ले जाकर एनआईए को सौंप दिया गया था,जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।

आतंकी राजस्थान में मुंबई के 26/11 से बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। सूत्रों के मुताबिक निशाने पर जयपुर, जोधपुर के नामचीन बड़े होटलों के अलावा पुष्कर मेला, इजरायली पर्यटक और धार्मिक प्रतिेषान थे। विदेशी पर्यटकों व अति विशिष्ट व्यक्तियों को बंधक बनाने की योजना भी थी।

खुलासा। जसवंत सिंह का टिकट कटवाने में अम्बानी परिवार का षड्यंत्र ?

खुलासा। जसवंत सिंह का टिकट कटवाने में अम्बानी परिवार का षड्यंत्र ?


बाड़मेर जसवंत सिंह कि टिकट बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से कट कर पुरे देश में भाजपा घिर गई हें ,जसवंत कि टिकट काटने पर अब भाजपा के वरिष्ठ नेता अपनी ही पार्टी को घेरने में लग गए हें ,आखिर राजनाथ सिंह और वसुंधरा राजे कि क्या मज़बूरी थी कि उन्होंने केंद्रीय चुनाव समिति में जसवंत कि टिकट का मशाला नहीं रखा तथा राजनाथ और वसुंधरा ने ही सब कुछ कर लिया ,अब बात सामने आ गयी कि जसवंत सिंह कि टिकट कटवाने में अम्बानी और जिंदल औद्योगिक घरानो का हाथ हें। बाड़मेर में तेल गेस और रिफायनरी के बड़े प्रोजेक्ट आये हुए हें ,इन पर अम्बानी और जिंदल ग्रुप कि निगाहे हें ,इन घरानो को जानकारी थी अगर बाड़मेर से जसवंत सिंह सांसद बन गए तो उनके मनसूबे पुरे नहीं होंगे ,चूँकि अम्बानी ग्रुप पचपदरा में प्रस्तावित रिफायनरी लेने के फ़िराक में हें। अटल बिहारी वाजपई सरकार में वित् मंत्री रहते हुए जसवंत सिंह ने अम्बानी ग्रुप के कई अनैतिक कार्यो को रोका था ,अम्बानी समूह जनता हें कि जसवंत सिंह के रहते अम्बानी को बाड़मेर में सफलता नहीं मिलनी हें ,इसी को ध्यान में रख भाजपा के दिग्गज नेताओ के साथ जसवंत को बाड़मेर से आने से रोकने का षड्यंत्र रचा गया ,इस षड्यंत्र में राजनाथ सिंह ने पूरी भूमिका तैयार कि ,राजनाथ के इशारे पर वसुंधरा ने ठेकेदार जन प्रतिनिधि कर्नल सोनाराम चौधरी को बाड़मेर से भाजपा कि और से चुनाव लड़ने को तैयार किया गया ,जसवंत सिंह कि टिकट क्यूँ कटी इसका जवाब भाजपा आज तक नहीं दे पाई ,जबकि सुषमा स्वराज ने भी खुलासा किया था कि जसवंत सिंह कि टिकट चुनाव समिति ने नहीं काटी ,


अम्बानी ग्रुप के इस षड़यंत्र का शिकार हुए जसवंत सिंह के समर्थको में सुगबुगाहट शुरू हो गयी ,आने वाले दिनों में मिडिया जगत इस मुद्दे को जबर्दस्त तरीके से सामने लाएगी। इस मुद्दे पर जसवंत समर्थक खुले आम वक्तव्य देने लगे हें। जसवंत सिंह के समर्थक दुर्जन सिंह भाटी ने बताया कि यह जगजाहिर है कि जसवंत का टिकट अम्बानी और जिंदल समूह ने कटवाया हें। चूँकि सांसद रहते हुए जसवंत सिंह के पुत्र ,मानवेन्द्र सिंह ने जिंदल समूह के राजवेस्ट पवार प्लांट के खिलान भूमि अवाप्ति मुद्दे पर जोरदार आंदोलन किया था। रिफायनरी मुद्दे पर भी उनका स्पष्ट रुख अम्बानी परिवार को परेशां कर रहा था ,इसीलिए उनका टिकट कटवा कर किसी अन्य को दिलाया।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज बाड़मेर में

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज बाड़मेर में


बाड़मेर. भारतीय जनता पार्टी से बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी मंगलवार को पर्चा दाखिल करेंगे। वहीं चौधरी के समर्थन में आदर्श स्टेडियम में आयोजित होने वाली सभा को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया संबोधित करेगी।
भाजपा जिला मंत्री गोविंद मेघवाल ने बताया कि आदर्श स्टेडियम में मंगलवार को भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी के समर्थन में दोपहर 12 बजे सभा का आयोजन होगा। वहीं सभा से पहले चौधरी अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करेंगे। आमसभा को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव, प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, चिकित्सा मंत्री राजेंद्रसिंह राठौड़, भाजपा बाड़मेर जिलाध्यक्ष मेजर परबत सिंह, भाजपा जैसलमेर जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह हमीरा संबोधित करेंगे। सभा में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के समस्त भाजपा कार्यकर्ता भाग लेंगे।

एक विवाह ऎसा भी: यहां होते है शादी से पहले बच्चे

वापी। संस्कारों के बिना समाज अधूरा है। किसी भी जाति-समाज मे सभ्यता के मानदंड भी संस्कारों के बिना पूरे नहीं होते। यदि विवाह का खर्च उठाने का सामथ्र्य न हो तब भी युवा साथ रहकर प्राकृतिक आचरण करते हैं, लेकिन सभ्यता का तकाजा है कि वे अंततोगत्वा विवाह अवश्य करें।
यही कारण है कि दक्षिण गुजरात के कई गांवों में आदिवासी समाज के लोग कई वर्षो तक बिना विवाह साथ रहते तो हैं, मगर बिना विवाह सांसारिक जीवन अधूरा मानते हैं।

इसी अधूरेपन को संपूर्ण करने के लिए सोमवार को तुतरखेड़ गांव में आयोजित सामूहिक विवाह मे 101 ऎसे आदिवासी जोड़ों ने विवाह किया जो कई साल से साथ रह रहे थे और कई बच्चों के माता-पिता बन चुके हैं।

सबसे दिलचस्प यह है कि इनमें से कई ऎसे लोग थे जो खुद तो विवाह कर ही रहे थे, उसी मंडप के नीचे उनके बेटों का विवाह भी हो रहा था। शायद ही कोई दुल्हन ऎसी रही हो, जिसकी गोद में संतान न खेल रही हो। सामूहिक विवाह में 30 से लेकर 50 साल तक के लोगों ने विवाह किया।

वलसाड़ जिले के धरमपुर तालुका के तुतरखेड़ गांव में यह अनोखा विवाह आयोजन सोमवार को हुआ। महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस गांव में विकास कार्य या उसकी बातें बेमानी है। अधिकांश आबादी कुंआरी है। यह लोग शादी तो करना चाहते हैं, मगर वैवाहिक खर्च वहन करने में अक्षम हैं।

उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए चंपक भाई और नाबटुक भाई मोवलिया और उनके मित्र मंडल की ओर पंचायत के सहयोग से सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था, जिसमें 101 जोड़ों ने हिन्दू विधि से वैवाहिक रस्मों को पूरा कर विधिवत सांसारिक जीवन मे प्रवेश किया। इस बारे मे सरपंच केशव जादव का कहना है कि यह मान्यता है कि बिना शादी के मर जाने पर मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती।

बिना शादी के संसार तो शुरू हो जाता है, मगर शादी की रस्म अदा करने की इच्छा मन में हमेशा रहती है। इसके लिए जागरूकता की जरूरत पर बल देते हुए सरपंच ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सामाजिक संस्थाएं इस विस्तार में पहुंचकर यदि मदद करे तो आने वाले समय मे दिक्कत कम हो सकती है। 101 जोड़ों को आयोजक मंडल की तरफ जीवन जरूरी वस्तुएं भी भेंट स्वरूप प्रदान की गई। -