बुधवार, 26 मार्च 2014

मौलाना की गिरफ्तारी से मुश्किल में पड़े मोदी



अहमदाबाद। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ कथित तौर पर मिलकर 2002 के दंगों का बदला लेने के लिए षड्यंत्र रचने के आरोप में अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने हैदराबाद के एक जाने माने उदारवादी मौलाना मोहम्मद अब्दुल कादरी को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तार के बाद मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थक मुस्लिम घबरा गए हैं।
मौलाना की गिरफ्तारी से मुश्किल में पड़े मोदी


चुनावी साल मे हुई यह गिरफ्तारी मोदी द्वारा मुसलमानो को अपनी ओर करने की कोशिशों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार देशभर में मुस्लिम नेताओं से मुलाकात कर उनके डर को दूर कर अपने पक्ष में समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।




मामला 11 साल पुराना है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पिछले साल जून में मौलाना गुजरात आए थे और प्रदेश के दक्षिण इलाके में यह खुले आम घूमे थे। दभेल स्थित इस्लाम की एक बड़ी संस्था के साथ साथ मिफ्ता उल उलूम तराज मदरसा में भी उन्होंने शांति की बात की थी।




मोदी के एक कट्टर समर्थक और जाने माने मुस्लिम नेता ने कहा कि ऎसा नहीं है कि मौलाना साहब भगोड़ा थे। पिछले साल वह गुजरात आए थे और उन्होंने एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। इस गिरफ्तारी से समाज में मोदी के खिलाफ संदेश जाएगा।




उन्होंने कहा, यह गिरफ्तारी हैदराबाद के सांसद असादुद्दीन ओवेसी जैसे कट्टरवादी नेताओं को मोदी पर हमला बोलने के लिए राजनैतिक मुद्दा मिल जाएगा। ऎसे नेता मौलाना साहब की तुरंत रिहाई की मांग करते हुए उन मुस्लिम नेताओं पर भी हमला बोलने का मौका मिल जाएगा जो गुजरात के मुख्यमंत्री के समर्थक हैं।




काफी खुले विचारों वाले माने जाने वाले मौलाना कावी हैदराबाद में मदरसा अशरफुल उलूम के संथापक हैं और उनके बड़े मुफ्ती अब्दुल मुघनी हैदराबाद स्थित जमियत ए उलामा के उपाध्यक्ष हैं।

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