जैसलमेर सुख समृद्धि व लक्ष्मी के लिए दयाड़ो जी को पूजा
जैसलमेर
परंपरा और संस्कृति की नगरी जैसलमेर में दयाड़ो जी का पर्व श्रद्धा एवं लोक आस्था के साथ मनाया गया। महिलाओं का यह त्योहार सुख-समृद्धि और संपन्नता लाने वाला माना गया है। लोक आस्था है कि लक्ष्मी, सुख-संपन्नता व समृद्धि की चाह रखने वाली महिलाओं को दयाड़ो जी का त्योहार मनाना चाहिए। बुधवार को चैत्र वदी दशम के दिन महिलाओं ने ब्रह्मï मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई की और स्नान इत्यादि से निवृत्त होने के बाद नियम-विधान से दयाड़ो जी की पूजा-अर्चना की और महिलाओं ने सामूहिक रूप से कथा वाचन एवं श्रवण किया।
जैसलमेर में महिलाओं के कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। होली के बाद चैत्र के अंधियारे पक्ष की दशम को यह त्योहार मनाया जाता रहा है। दयाड़ो जी का त्योहार हिंदू महिलाएं विधि-विधान के साथ मनाती है। बुधवार को शहर में महिलाओं को सजे-धजे और मंदिर जाते हुए देखा गया। इस दौरान सोनार किले स्थित लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में विशेष भीड़ रही। महिलाओं ने अन्न-धन के प्रतीक लक्ष्मीनाथ बाबे के दर्शन किए और उनसे समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।
ऐसे की महिलाओं ने पूजा
ऐसे की महिलाओं ने पूजा
महिलाओं ने घर की साफ-सफाई करने के बाद दयाड़ो जी की पूजा की। दीवार पर दयाड़ो जी का विग्रह बनाया गया। पूजा के दौरान दीवार पर आयत बनाया गया। इस आयत में 10 महिलाएं बनाई गई। खेजड़ी के नीचे माई और बाबा बनाया गया। माई से आशय लक्ष्मीमाता से है और बाबे से आशय विष्णु भगवान से है। इस आयत में पालना और पालने में झूलता लड़का बनाया गया। साथ ही सूरज-चांद और साखिया (स्वस्तिक) बनाया गया। विधि-विधान से पूजा की गई और दीवार पर बने दयाड़ो जी के चित्र पर के सामने 10 लड्डुओं का भोग लगाया गया। घर-परिवार की महिलाओं ने समूहगत रूप में दयाड़ो जी की कथा का श्रवण किया।
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