बाड़मेर। परिजनों का आरोप- डॉक्टर नहीं आए, प्रसूता कराहती रही
बाड़मेर.राजकीय चिकित्सालय में मंगलवार सुबह जननी केन्द्र में भर्ती हुई एक महिला को 7 घंटे बाद भी चिकित्सकीय उपचार नहीं मिला। उसका निजी चिकित्सालय में प्रसव करवाने के लिए चिकित्सक पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है। इधर, संबंधित डॉक्टर का कहना है कि सुबह जांच कर ली थी। परिजनों को कहा था कि मैं आ रहा हूं, लेकिन वो कब निजी अस्पताल ले गए, पता नहीं।
जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में परिजनों ने उल्लेख किया कि लीलसर निवासी इमियों पत्नी बांकाराम को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार सुबह जननी केन्द्र में भर्ती करवाया गया। यहां कार्यरत स्टाफ ने कहा कि प्रसव में देरी है। सुबह आठ बजे चिकित्सकों के राउण्ड पर आने पर जांच होगी। आउटडोर समय में किसी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने गर्भवती की जांच नहींं की।
गर्भवती महिला की सुबह 12 बजे दर्द के मारे हालत खराब होने पर स्टाफ ने चिकित्सक को कॉल किया, लेकिन डॉ. जगराम मीणा के नहीं पहुंचने पर महिला के परिजन उसे निजी वाहन से चिकित्सक के घर पर ले गए। जहां पर चिकित्सक ने पीडि़ता की जांच कर दो घंटे बाद ऑपरेशन की बात कही। इस पर परिजन गर्भवती को लेकर चिकित्सालय पहुंच गए। इसके बाद महिला की हालत बिगडऩे पर परिजन उसे आनन-फानन में निजी चिकित्सालय ले गए। वहां एडमिट करने के 10 मिनट बाद ही प्रसव हो गया।
कार्रवाई की मांग
इस संबंध में पार्षद बांकाराम सियाग के नेतृत्व में मरीज के परिजनों ने मंगलवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर चिकित्सक व ड्यूटी स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
आरोप : 5 हजार रुपए में ऑपरेशन
सुबह 5 बजे भर्ती होने के बावजूद दोपहर तक पीडि़ता को चिकित्सक ने देखा तक नहीं। परिजनों ने आउटडोर समय पूरा होने के बाद घर पर चिकित्सक की ओर से 5 हजार रुपए में ऑपरेशन से प्रसव करवाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
नगाराम, पीडि़ता का जेठ
जिम्मेदारों का बयान : जांच करेंगे
यह मामला मेरे ध्यान में नहीं है। यदि शिकायत मिलती है तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
डॉक्टर का कहना : मैंने जांच की थी
सुबह 8:30 बजे जांच की थी। बताया था कि यह साधारण प्रसव है और समय लगेगा। दोपहर 12 बजे मरीज के परिजन आए थे। मैं खाना खा रहा था। उन्हें मैंने अस्पताल के लेबर रूम में चलने को कहा था। उसके बाद कोई कॉल नहीं आया।
- डॉ. जगराम मीणा, प्रभारी, जननी केन्द्र
बाड़मेर.राजकीय चिकित्सालय में मंगलवार सुबह जननी केन्द्र में भर्ती हुई एक महिला को 7 घंटे बाद भी चिकित्सकीय उपचार नहीं मिला। उसका निजी चिकित्सालय में प्रसव करवाने के लिए चिकित्सक पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है। इधर, संबंधित डॉक्टर का कहना है कि सुबह जांच कर ली थी। परिजनों को कहा था कि मैं आ रहा हूं, लेकिन वो कब निजी अस्पताल ले गए, पता नहीं।
जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में परिजनों ने उल्लेख किया कि लीलसर निवासी इमियों पत्नी बांकाराम को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार सुबह जननी केन्द्र में भर्ती करवाया गया। यहां कार्यरत स्टाफ ने कहा कि प्रसव में देरी है। सुबह आठ बजे चिकित्सकों के राउण्ड पर आने पर जांच होगी। आउटडोर समय में किसी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने गर्भवती की जांच नहींं की।
गर्भवती महिला की सुबह 12 बजे दर्द के मारे हालत खराब होने पर स्टाफ ने चिकित्सक को कॉल किया, लेकिन डॉ. जगराम मीणा के नहीं पहुंचने पर महिला के परिजन उसे निजी वाहन से चिकित्सक के घर पर ले गए। जहां पर चिकित्सक ने पीडि़ता की जांच कर दो घंटे बाद ऑपरेशन की बात कही। इस पर परिजन गर्भवती को लेकर चिकित्सालय पहुंच गए। इसके बाद महिला की हालत बिगडऩे पर परिजन उसे आनन-फानन में निजी चिकित्सालय ले गए। वहां एडमिट करने के 10 मिनट बाद ही प्रसव हो गया।
कार्रवाई की मांग
इस संबंध में पार्षद बांकाराम सियाग के नेतृत्व में मरीज के परिजनों ने मंगलवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर चिकित्सक व ड्यूटी स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
आरोप : 5 हजार रुपए में ऑपरेशन
सुबह 5 बजे भर्ती होने के बावजूद दोपहर तक पीडि़ता को चिकित्सक ने देखा तक नहीं। परिजनों ने आउटडोर समय पूरा होने के बाद घर पर चिकित्सक की ओर से 5 हजार रुपए में ऑपरेशन से प्रसव करवाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
नगाराम, पीडि़ता का जेठ
जिम्मेदारों का बयान : जांच करेंगे
यह मामला मेरे ध्यान में नहीं है। यदि शिकायत मिलती है तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
डॉक्टर का कहना : मैंने जांच की थी
सुबह 8:30 बजे जांच की थी। बताया था कि यह साधारण प्रसव है और समय लगेगा। दोपहर 12 बजे मरीज के परिजन आए थे। मैं खाना खा रहा था। उन्हें मैंने अस्पताल के लेबर रूम में चलने को कहा था। उसके बाद कोई कॉल नहीं आया।
- डॉ. जगराम मीणा, प्रभारी, जननी केन्द्र