मंगलवार, 2 अगस्त 2016

बाड़मेर.'मेरे साथ दुष्कर्म किया, पिता को मार डाला, नहीं रखना चाहती उसकी औलाद'



बाड़मेर.'मेरे साथ दुष्कर्म किया, पिता को मार डाला, नहीं रखना चाहती उसकी औलाद'


उसने मेरा कर मेरे साथ दुष्कर्म किया। बाद में मेरे ताऊ की पुत्री का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे बेच डाला। फिर उसने मेरे पिता की हत्या कर दी। दुष्कर्म के कारण मैं गर्भवती हो गई। मैं नाबालिग थी, मुझे समझ में ही नहीं आया कि क्या करूं? दुष्कर्म के दर्द व पिता की मौत के गम से उबर ही नहीं पाई थी कि मुझे एक बच्ची हो गई। अब बच्ची 11 महीने की हो गई है। मैं उसे नहीं रखना चाहती।




मेरे खुद के मां-बाप नहीं है। भाई छोटे हैं, मैं खुद ही पेट नहीं पाल सकती तो इस बच्ची का भरण-पोषण कैसे करूं? मेरे साथ दुष्कर्म करने वाले व मेरे पिता को मारने वाले की औलाद मैं नहीं रखना चाहती। मेरी सरकार से गुजारिश है कि वह इस बच्ची को अनाथ आश्रम अथवा शिशु गृह में अपने संरक्षण में ले और उसका लालन-पालन करे। यह कहना है बाड़मेर जिले की एक नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता का, जो अब बालिग तो हो गई है, लेकिन सब कुछ गंवाने के बाद।

पशु चराते वक्त किया अपहरण

नाबालिग पीडि़ता की ओर से पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 18 अक्टूबर 2013 को वह अपने घर से कुछ दूर पशु चरा रही थी कि एक वाहन में सवार होकर आए विजयसिंह निवासी अर्थण्डी व उसके साथियों ने उसका अपहरण कर लिया। वह उसे जयपुर ले गए, वहां उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। 5 नवम्बर 2015 को उसे वहां से निकलने का अवसर मिला तो वह वापस अपने गांव चली आई। पुलिस ने अपहरण व दुष्कर्म की धाराओं व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मामले की जांच के बाद विजयसिंह के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया, जो विचाराधीन है।

अपहरण व वापसी के बीच दो वारदातें

दुष्कर्म पीडि़ता के अपहरण व वापसी के बीच विजयसिंह ने इसी परिवार के साथ दो वारदातों को अंजाम दिया। दो मई 2015 को उसने पीडि़ता के ताऊ की पुत्री का अपहरण किया और उसे बेच दिया। इस पर उसके खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। इस मामले में भी विजयसिंह के खिलाफ चालान हुआ। 12 जुलाई 2015 की रात विजयसिंह व उसके साथियों ने पीडि़ता के पिता का अपहरण कर उसकी हत्या कर शव गाड़ दिया। कुछ समय बीतने पर वारदात का खुलासा हुआ। पुलिस ने विजयसिंह को गिरफ्तार कर लिया, जो अभी तक जेल में ही है।

माता-पिता दोनों जिंदा, फिर भी अनाथ

दुष्कर्म पीडि़ता व दुष्कर्मी दोनों ही जिंदा है, जो 11 माह की मासूम बच्ची के जैविक माता-पिता हैं। पिता दुष्कर्म व हत्या के जुर्म में जेल में है तो इस मासूम की मां अब इसे अपने पास रखना नहीं चाहती। एेसे में इस अजीबोगरीब मामले में माता-पिता के जीवित होते हुए भी मासूम बच्ची अनाथ होने वाली है। हालांकि अनाथालय में उन्हीं बच्चों को लिया जाता है जिनके माता-पिता जीवित न हो।

पालन-पोषण की जिम्मेदारी सरकार की

पीडि़ता नाबालिग थी, उसका अपहरण व दुष्कर्म हुआ। नाबालिग अवस्था में अनचाहे गर्भ के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। लिहाजा इस बच्चे के पालन-पोषण की जिम्मेदारी सरकार की बनती है। इस मामले में बच्ची को सरकार अपने संरक्षण में लें और किसी केयर होम में उसका पालन-पोषण करवाए।

-राजेश विश्नोई, अधिवक्ता

इस मामले का परीक्षण करवाएंगे

हम इस मामले का परीक्षण करवाएंगे। जिस पर दुष्कर्म का आरोप है, वह इस महिला का पति है। आरोपित की पहली पत्नी के बच्चों ने भी परिवाद दे रखे हैं। महिला आयोग में यह मामला है। अभी तो परीक्षण ही करवा रहे हैं।

- सुधीर कुमार शर्मा, जिला कलक्टर, बाड़मेर

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