बुधवार, 18 दिसंबर 2013

विधानसभा चुनाव किसके खाते में गया 17 करोड़ का पेट्रोल खर्च ?

चुनाव आयोग को धत्ता या जानबूझ कर आँखे मूंद के बेठा आयोग

विधानसभा चुनाव किसके खाते में गया 17 करोड़ का पेट्रोल खर्च  ? 


सबलसिंह भाटी

बाड़मेर जिले में 3 दर्जन से ज्यादा पेट्रोल पम्पों से 5 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक लगभग 15 करोड़ का पेट्रोल बिक गया है । ये सब कुछ पर्चियों के माध्यम से हुआ है. क्या इस पर चुनाव आयोग की नज़र नही पड़ी या फिर जानबूझ कर अनजान बने रहा।
चुनाव आयोग जो निष्पक्ष चुनाव का ढिढोरा पिट रहा है. उसको इसकी निष्पक्ष जाँच करा कर राजनीतिक पार्टियों के खाते में इसका खर्च भी डालना चाहिए। जो चुनावी उम्मीदवार 7 - 8 लाख में चुनाव लड़ने की बात चुनाव आयोग को बता रहे है , उसकी पोल खोलनी चाहिए। अभी चुनाव आयोग जो प्रत्यासियों द्वारा दिखाए गये खर्च को सही मान कर आम जनता की नज़र में बेवकूफ लग रहा है, जब आम जनता में भी ये मत है कि कोई भी चुनाव 5 - 8 करोड़ से कम नही लड़ा जा सकता, उसको चुनाव आयोग 12 - 13 लाख रुपियों में लड़ा गया मान कर अपनी जग हँसाई करा रहा है। अब भी वक्त है की चुनाव आयोग इसकी निष्पक्ष जाँच करा कर अपने को निष्पक्ष साबित कर सकता है। चुनाव आयोग कि आचार संहिता कि खुले आम धज्जिया उड़ी। चुनाव आयोग को शिकायते मिलने के बाद भी कार्यवाही न होना साबित करता हें कि आयोग सब कुछ जानकार भी अनजान बना हुआ हें। इन पेट्रोल पम्पो कि आयोग ऑडिट करले तो सच्चाई सामने आ जायेगी कि एक नंबर के पेट्रोल कि खपत दो नंबर में कैसे हुई। 

मेहता सालिमसिंह ने जैसलमेर के तीन राजकुमारों को मार डाला


मेहता सालिमसिंह ने जैसलमेर के तीन राजकुमारों को मार डाला

लेखक मोहन लाल गुप्ता 


जिस समय जोधपुर, जयपुर, मेवाड़ और बीकानेर आपस में संघर्षरत थे तथा मराठों और पिण्डारियों का शिकार बन रहे थे उस समय जैसलमेर का भाटी राज्य भयानक आंतरिक कलह में उलझा हुआ था। मरूस्थलीय एवं अनुपजाऊ क्षेत्र में स्थित होने के कारण मराठों और पिण्डारियों को इस राज्य में कोई रुचि नहीं थी। इस काल में एक ओर तो राज्य के दीवान और सामंतों के मध्य शक्ति परीक्षण चल रहा था दूसरी ओर जैसलमेर के शासक मूलराज द्वितीय का अपने ही पुत्र रायसिंह से वैर बंध गया था।


महारावल मूलराज ने मेहता टावरी (माहेश्वरी) स्वरूपसिंह को अपना दीवान नियुक्त किया। वह कुशाग्र बुद्धि वाला चतुर आदमी था। महारावल ने राज्य का सारा काम उसके भरोसे छोड़ दिया। जैसलमेर राज्य के सामंत लूटपाट करने के इतने आदी थे कि वे अपने ही राज्य के दूसरे सामंत के क्षेत्र में लूटपाट करने में नहीं हिचकिचाते थे। जब मेहता स्वरूपसिंह ने सामंतों को ऐसा करने से रोकने का प्रयास किया तो सामंत उसकी जान के दुश्मन बन गये। जब सामंतों ने स्वरूपसिंह के विरुद्ध शिकायत की तो महारावल ने स्वरूपसिंह के विरुद्ध कोई भी शिकायत सुनने से मना कर दिया। इस पर सामंतों ने महारावल के पुत्र राजकुमार रायसिंह को स्वरूपसिंह के विरुद्ध षड़यंत्र में शामिल कर लिया।


दीवान स्वरूपसिंह एक वेश्या पर आसक्त था परंतु वह वेश्या सामंत सरदारसिंह पर आसक्त थी। इससे स्वरूपसिंह खिन्न रहता था। अपनी खीझ निकालने के लिये उसने सरदारसिंह को बहुत तंग किया। सरदारसिंह ने युवराज रायसिंह से स्वरूपसिंह की शिकायत की। रायसिंह पहले से ही स्वरूपसिंह से रुष्ट था क्योंकि स्वरूपसिंह ने युवराज का दैनिक भत्ता कम कर दिया था।


युवराज को दीवान से रुष्ट जानकर, दीवान से असंतुष्ट सामंत, रायसिंह की शरण में आ गये तथा स्वरूपसिंह को पद से हटाने का षड़यंत्र करने लगे। 10 जनवरी 1784 को युवराज रायसिंह ने भरे दरबार में दीवान स्वरूपसिंह का सिर काट डाला। अपने पुत्र का यह दु:साहस देखकर महारावल रायसिंह दरबार छोड़कर भाग खड़ा हुआ और रनिवास में जाकर छुप गया। महारावल को इस प्रकार भयभीत देखकर सामंतों ने रायसिंह को सलाह दी कि वह महारावल की भी हत्या कर दे और स्वयं जैसलमेर के सिंहासन पर बैठ जाये।


युवराज ने पिता की हत्या करना उचित नहीं समझा किंतु सामंतों के दबाव में उसने महारावल को अंत:पुर में ही बंदी बनाकर राज्यकार्य अपने हाथ में ले लिया। अपने पिता के प्रति आदर भाव होने के कारण युवराज स्वयं राजगद्दी पर नहीं बैठा। लगभग तीन माह तक महारावल रनिवास में बंदी की तरह रहा। एक दिन अवसर पाकर महारावल के विश्वस्त सामंतों ने अंत:पुर पर आक्रमण कर दिया तथा महारावल मूलराज को मुक्त करवा लिया। महारावल को उसी समय फिर से राजगद्दी पर बैठाया गया। उस समय युवराज रायसिंह अपने महल में विश्राम कर रहा था। जब महारावल का दूत युवराज के राज्य से निष्कासन का पत्र लेकर युवराज के पास पहुँचा तो युवराज को स्थिति के पलट जाने का ज्ञान हुआ।


महारावल ने क्षत्रिय परम्परा के अनुसार राज्य से निष्कासित किये जाने वाले युवराज के लिये काले कपड़े, काली पगड़ी, काली म्यान, काली ढाल तथा काला घोड़ा भी भिजवाया। युवराज ने अपने पिता की आज्ञा को शिरोधार्य किया तथा काला वेश धारण कर अपने साथियों सहित चुपचाप राज्य से निकल गया। उसने जोधपुर के राजा विजयसिंह के यहाँ शरण प्राप्त की।


महारावल मूलराज ने फिर से राजगद्दी पर बैठकर पूर्व दीवान स्वरूपसिंह के 11 वर्षीय पुत्र सालिमसिंह को राज्य का दीवान बनाया। मेहता सालिमसिंह ने कुछ समय तक बड़ी शांति से राज्य कार्य का संचालन किया। जैसलमेर के इतिहास में मेहता सालिमसिंह का बड़ा नाम है। जैसे ही सालिमसिंह वयस्क हुआ, उसके और सामंत जोरावरसिंह के बीच शक्ति परीक्षण होने लगा। जोरावरसिंह ने ही महारावल को अंत:पुर से मुक्त करवाकर फिर से राजगद्दी पर बैठाया था किंतु सालिमसिंह ने महारावल से कहकर जोरावरसिंह को राज्य से निष्कासित करवा दिया। जोरावरसिंह युवराज रायसिंह के पास चला गया।

शिक्षक ने किया छात्रा से दुष्कर्म

भीलवाड़ा। सरकारी स्कूल के शिक्षक भवनेश कुमार उर्फ बबलू तोमर ने अपनी मां के निजी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा की अस्मत लूट ली। जान से मारने की धमकी देते हुए गत तीन माह से उसने पीडिता का यौन शोषण किया। गर्भपात से छात्रा की हालत बिगड़ने से घटना का खुलासा हुआ। मंगलवार को पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया।

आसींद पुलिस उपाधीक्षक सौभाग्य सिंह ने बताया कि पंचायत समिति रोड स्थित शिशु ज्ञान केन्द की संचालिका सुनीता तोमर के पुत्र भवनेश कुमार उर्फ बबलू तोमर के खिलाफ आसींद निवासी पीडिता के पिता ने दुष्कर्म की रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री कक्षा दसवीं की छात्रा है।

आरोपी ने ट्यूशन के बहाने तीन माह पूर्व स्कूल के प्रथम मंजिल स्थित कक्ष में उसके साथ जबरन दुष्र्कम किया। इसके बाद उससे दुष्कर्म करता रहा। इससे वो गर्भवती हो गई, आरोपी ने उसे गर्भपात की गोली दे दी। पांच दिन पूर्व परीक्षा के दौरान पीडिता की हालत बिगड़ गई और स्कूल में ही गर्भपात हो गया। गत दिनों लावारिस हालात में कस्बे में मिले भू्र्रण को लेकर पूर्व में ही प्रकरण दर्ज है। इसी प्रकरण में आरोपी को नामजद कर लिया है। आरोपी कांवलास स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक है।

सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, मॉडल अरेस्ट

हैदराबाद। आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद में पश्चिम जोन कार्यबल के अधिकारियों ने एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करके दो दलालों, दक्षिण भारतीय सिनेमा के जूनियर कलाकार कोलकाता की दो और हैदराबाद की एक मॉडल तथा कुरनूल की कुछ लड़कियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर शहर के लक्ष्मीनगर इलाके के एक अपार्टमेंट में सोमवार रात छापा मारकर जूनियर कलाकार और माडलों को गिरफ्तार किया। यह रैकेट वाई पूर्णचंद्र रेड्डी और उसका सहयोगी सुरेश चलाता था। सभी लड़कियों को नारी निकेतन भेज दिया गया।

हिन्दूपथ - राणा साँगा (1509-1528)

हिन्दूपथ - राणा साँगा (1509-1528)

महाराणा साँगा का जन्म 12 अप्रेल 1482 को तथा राज्याभिषेक 24 मई 1509 को हुआ। ये महाराणा कुंभा के पौत्र तथा महाराणा रायमल के पुत्र थे।

1518 मेँ राणा सांगा ने मालवा के शासक मोहम्मद खिलजी द्वितीय को गागरोण के युद्ध मेँ पराजित किया।

राणा साँगा ने 1518 मेँ खातोली युद्ध और 1519 मेँ बाङी के युद्ध मेँ इब्राहीम लोदी की मियाँ मक्कन की अगुवाई वाली सेना को पराजित किया।

खानवा का युद्ध 17 मार्च 1527 को हुआ था। महाराणा साँगा ने खानवा के युद्ध से पहले पाती परवन नामक राजपूती परंपरा के तहत राजस्थान के प्रत्येक सरदार व महाराणा को अपनी ओर से युद्ध मेँ शामिल होने का निमंत्रण दिया। साँगा अंतिम हिन्दू राजा था , जिसके सेनापतित्व मेँ सब राजपूत जातियाँ विदेशियोँ को भारत से निकालने के लिए सम्मिलित हुई। इसलिए सांगा को हिन्दूपथ/हिन्दुपात कहते है।

बाबर ने मुस्लिम सैनिकोँ की धार्मिक भावनाओँ को उत्तेजित करने हेतु खानवा व चन्देरी के युद्ध मेँ जिहाद का नारा दिया।

खानवा के युद्ध मेँ बाबर की विजय का प्रमुख कारण तोपखाना था। उसके तोपची का नाम मुस्तफा अली था।

खानवा के युद्ध के बाद घायल सांगा को बसवा(दौसा) मेँ लाया गया , अपने सरदारोँ द्वारा जहर दिये जाने के कारण राणा सांगा की मौत हुई। उनका अंतिम संस्कार यही पर किया गया।

सांगा का समाधि स्थल (छतरी) मांङलगढ मेँ है , जिसका निर्माण जगनेर के अशोक परमार ने करवाया था।

पत्नी को दहेज के लिए जिंदा जलाने का प्रयास

नागौर।मानवीयता को तार-तार कर देने वाली एक घटना में एक युवक ने दहेज की खातिर पत्नी को जिंदा जलाने का प्रयास किया। विवाहिता ने जैसे-तैसे आग बुझाई तो पति ने उसे रसोईघर में डालकर दरवाजा बंद कर दिया। चार दिन तक बंधक रहने के बाद घायलावस्था में विवाहिता भागकर अपने पीहर पहुंची। मंगलवार को विवाहिता का पिता उसे लेकर इलाज के लिए नागौर के राजकीय अस्पताल पहुंचा।

यहां पुलिस ने विवाहिता के बयान लेकर पति सहित ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व जान से मारने के प्रयास का मामला दर्ज किया है। आरोपि पति फरार है।


पुलिस के अनुसार नागौर के तेलीवाड़ा निवासी रामपाल घांची की पत्नी बाया ने राजकीय अस्पताल में उपचार के दौरान पर्चा बयान देकर बताया कि ससुराल के लोगों द्वारा दहेज की मांग को लेकर प्रताडित करने पर वह अपने पति के साथ करणी कॉलोनी में किराए का मकान लेकर रह रही थी। ससुराल पक्ष के लोगों से अलग होने के बावजूद वे पति के माध्यम से उसे आए दिन प्रताडित करते थे।


गत 11 दिसम्बर की रात वह चाय बना रही थी, इस दौरान पति रामपाल ने उसके कपड़ों में आग लगा दी, जिससे उसके शरीर के कमर से नीचे का हिस्सा काफी जल गया। इसके बाद पति ने उपचार कराने की बजाए उसे रसोईघर में डालकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। चार दिन बंद रहने के बाद वह 16 दिसम्बर की रात को जैसे-तैसे कर घर से निकली और अपने पीहर कुचेरा पहुंचकर परिजनों को आपबीती बताई।


मंगलवार को विवाहिता के पिता बालकिशन घांची उसे लेकर नागौर के राजकीय अस्पताल आया जहां चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। विवाहिता ने अपनी रिपोर्ट में पति के साथ ससूर छोटूराम, सास कमला, देवर कालूराम व बबलू तथा ननद पुष्पा के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के मामले में आरोपी बनाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पिता बोले- पहले भी दिए थे रूपए


विवाहिता के पिता बालकिशन घांची ने बताया कि उसका दामाद दहेज की मांग को लेकर उसकी बेटी को काफी समय से प्रताडित करता रहा है। इससे पहले उसने बेटी के जरिए दामाद को पांच हजार रूपए पहुंचाए थे। इसके बावजूद दामाद बार-बार मायके से रूपए लाने के लिए उसे प्रताडित करता था। विवाहिता के दो बच्चे हैं जिसमें एक 5 वर्ष का बेटा है जो उनके पास ननिहाल में रहता है जबकि एक दो वष्ाü की बेटी है। वह अपने माता-पिता के पास रहती है।

संतान नहीं होने पर विवाहिता की हत्या!

भीनमाल(जालोर)। नासोली गांव में शादी के आठ साल बाद भी संतान नहीं होने पर एक विवाहिता को सोमवार देर रात केरोसिन डालकर जलाने का मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर पति, ससुर, सास व ननद के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

पुलिस निरीक्षक भवानीसिंह ने बताया कि गुजरात के बनासकांठा जिले के वाव निवासी जगदीश पुत्र पूनमाराम लखारा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बहन अम्बा (28 ) की शादी आठ साल पूर्व नासोली निवासी शांतिलाल लखारा के साथ हुई थी। शादी के बाद संतान नहीं होने पर सोमवार रात पति शांतिलाल, ससुर बगदाराम, सास अणसीदेवी व ननद मंगलादेवी ने उसकी बहन को केरोसिन उड़ेलकर जला दिया। पुलिस ने चारों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

आने वाला साल कैसा रहेगा आपके लिए देखिये अपना राशिफल। ।मेष राशि 2014

आने वाला साल कैसा रहेगा आपके लिए देखिये अपना राशिफल। ।मेष राशि 2014 


मेष (21 मार्च से 20 अप्रैल): आर्थिक दृष्टि से मजबूती वाला सा

साल 2013 जितना आपकी व्यक्तिगत जिंदगी की दृष्टि से महत्व रखता है, उतना ही स्वास्थ्य, करियर-कारोबार, परिवार और प्रेम-संबंध पर असर डालने वाला भी होगा। कुछ कार्य अवश्य पूरे होंगे तो कई कार्यों को पूरा करने के लिए आप पर विशेष दबाव बनेगा। जून, अगस्त और अक्टूबर माह में अनावश्यक यात्रा करनी पड़ सकती है। इनसे बचना आपके लिए अच्छा रहेगा।

इसी तरह जून और अक्टूबर माह संपत्ति की खरीद के लिए अच्छा समय नहीं है। इस दौरान प्रॉपर्टी के लिहाज से ग्रहों की दशा आपने पक्ष में नहीं बन रही है। आपको अपना व्यक्तित्व संवारने और सहेजने के कुछ मौके मिलने वाले हैं। 

व्यक्तिगत जिंदगीः यह साल परिवार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। खुशनुमा माहौल बना रहेगा। परिवार के सदस्यों की जरूरतें पूर्ति करने से संबंधित आपसे कई अपेक्षाएं होंगी, जिन्हें आप प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने में सफल रहेंगे।

स्वास्थ्यः पूरे साल आप में किसी भी तरह की अस्वस्थता नहीं आएगी। पूरी तरह से सेहतमंद और चुस्त-दुरूस्त बने रहेंगे। फिर भी आपको अपनी सेहत के प्रति लापरवाही बरतना ठीक नहीं होगा। खाने-पीने में सावधानी रखनी होगी। साथ ही मानसिक संतुष्टि के लिए योग-ध्यान और पूजा-पाठ का सहारा सही होगा। 

करियर-कारोबारः आप जिस भी कार्यक्षेत्र में हो इस साल के शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन यह चिंतित करने वाली बात नहीं है। काम पर ध्यान केंद्रित कर बाधाओं को दूर कर न केवल सफलता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अच्छे नतीजे भी पा सकते हैं। यानी इस साल आपकी कार्यशैली खास स्थान रखती है। करियर को पंख लग सकता है। कारोबारी या नौकरी के मामले में तरक्की मिलेगी। आर्थिक दृष्टि से मजबूती वाला साल होगा।

प्रेम-संबंधः इस साल जीवनसाथी के साथ ज्यादा लगाव की जरूरत महसूस होगी। प्रेम और रोमांस में नयापन लाने की कोशिश जारी रहेगी। रोमांस में कमी का असर आपकी जिंदगी के दूसरे हिस्से पर भी पड़ सकता है। रिश्तों की मजबूती के लिए आपसी समझ और संतुलित बात-व्यवहार की जरूरत है। छोटी-छोटी खुशियों के पलों को सहेजना और एक-दूसरे को सम्मान देने के मौके को हाथ से नहीं निकलने देना होगा।

भाग्यशाली अंकः 3
भाग्यशाली रंगः हल्का लाल 
भाग्यशाली माहः मार्च, मई और सितंबर

गुजरात का मां अम्बाजी मंदिर

या देवीसर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै-नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः...

शक्ति के उपासकों के लिए इस बार वेबदुनिया लाया है गुजरात का अम्बाजी मंदिर। माँ अम्बा-भवानी के शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर के प्रति माँ के भक्तों में अपार श्रद्धा है। यह मंदिर बेहद प्राचीन है। मंदिर के गर्भगृह में माँ की कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है। यहाँ माँ का एक श्री-यंत्र स्थापित है। इस श्री-यंत्र को कुछ इस प्रकार सजाया जाता है कि देखने वाले को लगे कि माँ अम्बे यहाँ साक्षात विराजी हैं। नवरात्र में यहाँ का पूरा वातावरण शक्तिमय रहता है।

 शक्तिस्वरूपा अम्बाजी देश के अत्यंत प्राचीन 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। वस्तुतः हिंदू धर्म के प्रमुख बारह शक्तिपीठ हैं। इनमें से कुछ शक्तिपीठ हैं- काँचीपुरम का कामाक्षी मंदिर, मलयगिर‍ि का ब्रह्मारंब मंदिर, कन्याकुमारी का कुमारिका मंदिर, अमर्त-गुजरात स्थित अम्बाजी का मंदिर, कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर, प्रयाग का देवी ललिता का मंदिर, विंध्या स्थित विंध्यवासिनी माता का मंदिर, वाराणसी की माँ विशालाक्षी का मंदिर, गया स्थित मंगलावती और बंगाल की सुंदर भवानी और असम की कामख्या देवी का मंदिर। ज्ञात हो कि सभी शक्तिपीठों में माँ के अंग गिरे हैं। 

यह मंदिर गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग बारह सौ साल पुराना है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम 1975 से शुरू हुआ था और तब से अब तक जारी है। श्वेत संगमरमर से निर्मित यह मंदिर बेहद भव्य है। मंदिर का शिखर एक सौ तीन फुट ऊँचा है। शिखर पर 358 स्वर्ण कलश सुसज्जित हैं


मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर गब्बर नामक पहाड़ है। इस पहाड़ पर भी देवी माँ का प्राचीन मंदिर स्थापित है। माना जाता है यहाँ एक पत्थर पर माँ के पदचिह्न बने हैं। पदचिह्नों के साथ-साथ माँ के रथचिह्न भी बने हैं। अम्बाजी के दर्शन के उपरान्त श्रद्धालु गब्बर जरूर जाते हैं।

अम्बाजी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार संपन्न हुआ था। वहीं भगवान राम भी शक्ति की उपासना के लिए यहाँ आ चुके हैं। हर साल भाद्रपदी पूर्णिमा के मौके पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं


विशेष आकर्षण- नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्र पर्व में श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहाँ माता के दर्शन के लिए आते हैं। इस समय मंदिर प्रांगण में गरबा करके शक्ति की आराधना की जाती है। समूचे गुजरात से कृषक अपने परिवार के सदस्यों के साथ माँ के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं।

व्यापक स्तर पर मनाए जाने वाले इस समारोह में ‘भव’ और ‘गरब’ जैसे नृत्यों का प्रबंध किया जाता है। साथ ही यहाँ पर ‘सप्तशत’ (माँ की सात सौ स्तुतियाँ) का पाठ भी आयोजित किया जाता है। भाद्रपदी पूर्णिमा को इस मंदिर में एकत्रित होने वाले श्रद्धालु पास में ही स्थित गब्बरगढ़ नामक पर्वत श्रृंखला पर भी जाते हैं, जो इस मंदिर से दो मील दूर पश्चिम की दिशा में स्थित है। प्रत्येक माह पूर्णिमा और अष्टमी तिथि पर यहाँ माँ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

कैसे पहुँचें- अम्बाजी मंदिर गुजरात और राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है। आप यहाँ राजस्थान या गुजरात जिस भी रास्ते से चाहें पहुँच सकते हैं। यहाँ से सबसे नजदीक स्टेशन माउंटआबू का पड़ता है। आप अहमदाबाद से हवाई सफर भी कर सकते हैं। अम्बाजी मंदिर अहमदाबाद से 180 किलोमीटर और माउंटआबू से 45 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

सोनिया देश की"मां",कोर्ट कल देगी फैसला

अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के थानागाजी की अदालत ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी को देश की मां बताने के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान के मामले में दायर याचिका पर बुधवार को फैसला देगी।
न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील गोयल ने याचिकाकर्ता कौशल भारद्वाज से करीब डेढ़ घंटे तक इस प्रकरण में बहस की। न्यायाधीश इस पर बुधवार को निर्णय देंगे। भारद्वाज ने 12 दिसम्बर को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर कर यह आरोप लगाया था कि विदेश मंत्री और कांग्रेस के नेता सलमान के बयान से मेरी भावना आहत हुई है जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी को देश की मां बताया था।

मालूम हो कि सलमान खुर्शीद ने सोनिया गांधी के संबंध में इस बयान के बाद विपक्षी भी कहने लगे थे कि कांग्रेस में अब चापलूसी की सियासत चरम पर आ गई है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हम जिसको अपना अध्यक्ष मानते हैं, पूरी तरह से उसके निर्णयों को स्वीकार करते हैं। हमारी पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी जो निर्णय लेती हैं, वह सर्वमान्य होता है। खुर्शीद यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी सिर्फ राहुल गांधी की मां नहीं हैं, वे हमारी भी मां हैं और पूरे देश की मां हैं।

नवनिर्वाचित विधायको को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने का आग्रह ,सभी को पत्र लिखे

नवनिर्वाचित विधायको को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने का आग्रह ,सभी को पत्र लिखे

बाड़मेर राजस्थान के समस्त नवनिर्वाचित विधायको को राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने पत्र लिख कर विधानसभा में राजस्थानी भाषा में शपथ लेने कि जिद करने का आग्रह किया हें। प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट के निर्देशानुसार विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित समस्त विधायको को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने कि जिद करने का आग्रह किया हें। उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा हें कि आपनै राजस्थान विधान सभा रा सदस्य चुणीजवा री घणी घणी बधाई अर शुभ कामना अरज होवै सा ।आप आपरा मतदाता, राजस्थान प्रान्त , भारत देश , सगळी मानवता अर जीवाजूण रा अंजस जोग प्रतिनिधि इण कार्यकाल में सिद्ध व्हेवो । इसी म्हारी भावना ईश्वर पूरी करै । आपनै परमात्मा इसी सामरथ बक्सावै 'क आप मंसा,वाचा ,कर्मणा सूं जन जन री भावना नै आदर दे सको ।विधायिका ,कार्यपालिका ,न्यायपालिका ,मिडिया री मरजाद नै मानता थका भारत रा संविधान नै सिरोधार्य राख सको । इण भांत आप राजस्थान अर देश रै बहुआयामी विकास री गंगा रा भागीरथ बण सको । आपरौ नाम आपरा गांम ,नगर ,प्रदेश ,अर देश रै वास्तै गरब अर गुमेज रौ कारण बणै,अर इतियास में सोना रा आखरां सूं लिखीजै। आपरी विधान सभा सदस्य रै रूप में शपथ व्हैसी । जो भारत अर दुनियाँ री 22 भाषावां में राजस्थान री विधान सभा में व्है सकै ,पण राजस्थान री मायड़ भाषा राजस्थानी में नीं व्है सकै ,औ राजस्थान री जनता ,जनतंत्र ,संविधान रौ अपमान छै । गुजरात, पंजाब अर दूजा प्रांत री विधानसभा में उठै रा जनप्रतिनिधि आपरी जनता री भाषा में शपथ ले सकै ,तो राजस्थान रा विधायक ,नै आ सुविधा क्यू कोनी ? आप सूं इतिहासिक अरज छै 'क राजस्थान विधानसभा में शपथ री टैम मायड़ भाषा राजस्थानी में शपथ वास्ते अड़ो अर राजस्थान री जनता रा साचा प्रतिनिधि बणो । राजस्थानी भाषा नै संविधान री 8 वी अनुसूची में जोड़वा रा काम नै आगै बधावो । 25 अगस्त 2003 रै दिन राजस्थान विधान सभा सर्व सम्मति सूं एक संकल्प प्रस्ताव पास कर 'र राजस्थानी भाषा री संवैधानिक मान्यता वास्तै केंद्र सरकार नै भेज राख्यो छै । जिण संकल्प में राजस्थान री भावना अर पिछांण जुड़ी थकी छै । राजस्थानी भाषा अर्थात जिणरी डिंगळ -पिंगळ शास्त्रीय कविता शैलियाँ अर ढूंढाड़ी, मेवाड़ी, वागड़ी, ब्रज,हाड़ौती ,माळवी ,पहाड़ी ,मारवाड़ी ,भीली ,खानाबदोशी बोलियां छै । 2011 री जनगणना में 4 करोड़ 83 लाख जणा मातृभाषा राजस्थानी लिखवाई । आप इतियास में अमर काम रा भागी बणो ।घणी घणी बधाई अर मंगळ कामनावां रै साथै ।

विधवा महिला को निर्वस्त्र कर खंभे से बांधा

उदयपुर। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के नरसिंहपुरा गांव में सम्पत्ति विवाद के चलते परिवारजनों ने एक विधवा महिला को निर्वस्त्र कर संभे से बांध दिया। इसके अलावा आरोपियों ने विधवा महिला से मारपीट भी की। इस दौरान गांव का कोई भी व्यक्ति छुड़ाने के लिए बीच में नहीं आया। कुछ देर बाद पीडिता की पुत्रवधू ने उसे खंभे से खोला और घर लेकर गई। आरोपियों ने पीडिता की पुत्रवधू से भी मारपीट की। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। विधवा महिला को निर्वस्त्र कर खंभे से बांधा
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ी सादड़ी थानान्तर्गत नरसिंहपुरा गांव में मंगलवार सुबह पीडिता किसी काम से गांव में जा रही थी। इसी दौरान उसका ससुर प्रभुलाल, देवर सुरेश और ननद पुष्पा आए और बाल पकड़ कर उसे घर के अंदर ले गए। इसके बाद उन्होंने पीडिता से जमकर मारपीट की और उसे निर्वस्त्र कर दिया। आरोपी यहीं नहीं रूके और उन्होंने पीडिता को घर के बाहर खंभे से बांध दिया। गौरतलब है कि पीडिता के पति की मौत हो चुकी है। इस दौरान गांव का कोई भी व्यक्ति पीडिता को छुड़ाने नहीं आया।

कुछ देर बाद पीडिता की पुत्रवधू ने हिम्मत कर उसे खंभे से खोला और घर के अंदर लेकर गई। इस दौरान आरोपियों ने उससे भी मारपीट की। इस संबंध में बड़ी सादड़ी थाने में मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने पीडिता का मेडिकल कराया है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर नहीं हैं।

राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल-18दिसम्बर 2013

राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल-18दिसम्बर 2013

वेतन समझौता तुरन्त करो-बैकिग सुधारों पर रोक लगाओ

आल इणिडया बैंक एम्पालायज एसोसिऐषन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड महेष मिश्रा एवं उपमहा सचिव कामरेड एलएन जालानी से प्राप्त यूनार्इटेड फारम आफ बैक युनियन के आहवान पर राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न बैंको के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा वैतन समझौता तुरन्त करने एवं कथित बैकिग सुधारों के नाम पर श्रम संगठनों को तोड़ने के विरोध में आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत जिला बाड़मेर में भी यूनार्इटेड फारम आफ बैंक यूनियन्स द्वारा समस्त अधिकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होगें।

जिला सचिव नंद किषोर खिची ने प्रेस विज्ञपित जारी कर बताया कि स्थानीय स्टेट बैंक आफ बीकानेर एण्ड जयपुर मुख्य शाखा स्टेषन रोड़ बाड़मेर के सामने प्रात: 10:15 बजे दिनांक 18.दिसम्बर 2013 को नारेबाजी एवं प्रदर्षन कर केन्द्रीय सरकार एवं भारतीय बैंक संघ के विरोध में जुलुस निकालकर अपना रोष व्यक्त करेगें। उपाध्यक्ष स्वरूप दर्इया,सताराम चौधरी, श्यामनदास सिंधी, वरिष्ठ कर्मचारी नेता खेतसिंह, कोषाध्यक्ष हुकमसिंह चौधरी, आदि ने सयुक्त प्रेस विज्ञपित जारी कर अवगत कराया कि विभिन्न बैंको एवं शाखाओं के कर्मचारी प्रात: 10:15 बजे से इस राष्ट्रीय आहवान को सफल बनाने में एकजुट रहेगें। इस दौरान विभिन्न ग्रामीण बैंकों के अधिकारी कर्मचारी भी हड़ताल में सरीक होगे। सचिव नन्दकिषोर खिची, खेताराम,कालूराम, लूणकरण परमार, आदि ने जिले बाड़मेर की समस्त शाखाओं में पूर्णतया हड़ताल की सूचनाएं प्रेषित की है। इस राष्ट्रव्यपी हड़ताल के तहत रोकड़ लेन-देन के साथ-साथ जिले में समाषोधन (किलयरिंग)कार्य बंद रहेगा जिससे करोड़ा का लेन-देन बाधित रहेगा, निजी बैंक हड़ताल से पृथक रहेगें।





राज्यसभा में लोकपाल बिल पास

नई दिल्ली। लम्बी बहस के बाद राज्यसभा में लोकपाल बिल मंगलवार को पास हो गया है। बिल पास होने की खबर पर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने पूरे देश को बधाई दी है।
बिल पारित होने से पहले राज्यसभा में दिनभर चर्चा और बहस का दौर चला। सदन में कानून मंत्री कपिल सिब्बल बिल की अच्छाईयों का बखान किया वहीं अन्य नेताओं ने भी सार्थक बहस में भाग लिया। उधर,समाजवादी पार्टी ने इस बिल का विरोध किया। लोकपाल बिल पर राज्यसभा में चर्चा शुरू होने के बीच समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि मौजूदा लोकपाल बिल के परिणाम खराब होंगे, इसलिए उनकी पार्टी इसका विरोध कर रही है।

इससे पहले मंगलवार सुबह चर्चा शुरू होने के साथ ही सपा ने इस बारे में हंगामा करना शुरू कर दिया था, जिसे देखते हुए राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। सपा को छोड़कर लगभग सभी दलों ने बिल का समर्थन करने का आश्वासन दिया।


समाजवादी पार्टी ने इस बिल का हर सूरत में विरोध करने की चेतावनी दी है। उधर, बीजेपी समेत तमाम पार्टियां भी विधेयक पास करवाने की वकालत कर रही हैं।

संशोधनों पर हुआ समझौता

वैसे सरकार ने बीजेपी को मनाकर एक मोर्चा फतह किया है। विधेयक पर आए प्रवर समिति के सोलह में से दो संशोधनों को लेकर बीजेपी और सरकार में तनातनी थी। बीजेपी चाहती थी कि सभी 16 संशोधन स्वीकार किए जाएं जबकि सरकार दो संशोधनों को हटाना चाहती थी। अब दोनों पक्षों के बीच एक-एक का मैच फिक्स हो गया है। यानि एक संशोधन माना जाएगा और दूसरा नहीं।

बैठक में नहीं की शिरकत

उधर सरकार लोकपाल विधेयक को अपनी प्राथमिकता बता रही है। सोमवार को हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में विधेयक पर चर्चा हुई। इसके बाद राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने तमाम पार्टियों का रूख जानने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस बैठक में शिरकत न करके अपने तीखे तेवरों का सबूत दे दिया। हालांकि सरकार का दावा है कि समाजवादी पार्टी को मनाने की कोशिश की जा रही है।

लूट के बाद व्यापारी की हत्या, बेटा घायल

गंगापुरसिटी। गंगापुरसिटी की संजय कॉलोनी में सोमवार रात बदमाशों ने लूट के बाद एक फल व्यापारी की हत्या कर शव को नाली में फेंक दिया। साथ ही उसके पुत्र को घायल कर बदमाश 5100 रूपए लूट ले गए।
कोतवाली के थानाधिकारी राजवीर सिंह चौधरी ने बताया कि मृतक व्यापारी करौली जिले के सूरौठ निवासी कल्लू (45) पुत्र जीवन है। उन्होंने बताया कि व्यापारी कल्लू अपने पुत्र छिद्दा के साथ फल खरीदने के लिए आगरा-कोटा पैंसेजर ट्रेन से गंगापुरसिटी आया था।

रात के 12.30 बजे ट्रेन से उतरकर कोली पाड़ा स्थित अपने रिश्तेदार के घर सोने जा रहा था। इसी दौरान बदमाशों ने फल व्यापारी पिता-पुत्र को पकड़ लिया। इसी दौरान कल्लू की बदमाशों ने धारदार हथियार से सिर में चोट मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। चिकित्सक एसडी शर्मा ने बताया कि मृतक के सिर में धारदार हथियार के चोटों के निशान थे। उन्होंने बताया कि मृतक की श्वांस की नली से कीचड़ निकला था।

आगे-पीछे से घेरकर मारा
मतृक के पुत्र छिद्दा ने बताया कि वह अपने पिता के साथ फल खरीदने के लिए आया था। ट्रेन से उतरने के बाद रिश्तेदार के घर सोने जा रहे थे।

इसी दौरान संजय कॉलोनी में सेठी हॉस्पिटल के पास चार बदमाशों ने आगे-पीछे से घेर लिया। उनसे रूपए मांगे, जब उन्होंने रूपए देने से मना कर दिया तो पहले उसकी (छिद्दा) की लात-घूसे पिटाई की तथा चाकू हमला कर दिया।

साथ ही जेब से रूपए निकाल लिए। इस पर कल्लू बचाने दौड़ा तो बदमाशों ने उसे छोड़ कल्लू पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इससे डरकर वह चिल्लाने लगा तथा पड़ोस के घरों में आवाज देने गया, लेकिन कोई नहीं जागा।

जब वापस आया तो कल्लू का शव नाली में पड़ा हुआ था तथा जेब से रूपए गायब थे। रात में कल्लू को अस्पताल लेकर आए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।