नागौर।मानवीयता को तार-तार कर देने वाली एक घटना में एक युवक ने दहेज की खातिर पत्नी को जिंदा जलाने का प्रयास किया। विवाहिता ने जैसे-तैसे आग बुझाई तो पति ने उसे रसोईघर में डालकर दरवाजा बंद कर दिया। चार दिन तक बंधक रहने के बाद घायलावस्था में विवाहिता भागकर अपने पीहर पहुंची। मंगलवार को विवाहिता का पिता उसे लेकर इलाज के लिए नागौर के राजकीय अस्पताल पहुंचा।
यहां पुलिस ने विवाहिता के बयान लेकर पति सहित ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व जान से मारने के प्रयास का मामला दर्ज किया है। आरोपि पति फरार है।
पुलिस के अनुसार नागौर के तेलीवाड़ा निवासी रामपाल घांची की पत्नी बाया ने राजकीय अस्पताल में उपचार के दौरान पर्चा बयान देकर बताया कि ससुराल के लोगों द्वारा दहेज की मांग को लेकर प्रताडित करने पर वह अपने पति के साथ करणी कॉलोनी में किराए का मकान लेकर रह रही थी। ससुराल पक्ष के लोगों से अलग होने के बावजूद वे पति के माध्यम से उसे आए दिन प्रताडित करते थे।
गत 11 दिसम्बर की रात वह चाय बना रही थी, इस दौरान पति रामपाल ने उसके कपड़ों में आग लगा दी, जिससे उसके शरीर के कमर से नीचे का हिस्सा काफी जल गया। इसके बाद पति ने उपचार कराने की बजाए उसे रसोईघर में डालकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। चार दिन बंद रहने के बाद वह 16 दिसम्बर की रात को जैसे-तैसे कर घर से निकली और अपने पीहर कुचेरा पहुंचकर परिजनों को आपबीती बताई।
मंगलवार को विवाहिता के पिता बालकिशन घांची उसे लेकर नागौर के राजकीय अस्पताल आया जहां चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। विवाहिता ने अपनी रिपोर्ट में पति के साथ ससूर छोटूराम, सास कमला, देवर कालूराम व बबलू तथा ननद पुष्पा के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के मामले में आरोपी बनाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पिता बोले- पहले भी दिए थे रूपए
विवाहिता के पिता बालकिशन घांची ने बताया कि उसका दामाद दहेज की मांग को लेकर उसकी बेटी को काफी समय से प्रताडित करता रहा है। इससे पहले उसने बेटी के जरिए दामाद को पांच हजार रूपए पहुंचाए थे। इसके बावजूद दामाद बार-बार मायके से रूपए लाने के लिए उसे प्रताडित करता था। विवाहिता के दो बच्चे हैं जिसमें एक 5 वर्ष का बेटा है जो उनके पास ननिहाल में रहता है जबकि एक दो वष्ाü की बेटी है। वह अपने माता-पिता के पास रहती है।
यहां पुलिस ने विवाहिता के बयान लेकर पति सहित ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व जान से मारने के प्रयास का मामला दर्ज किया है। आरोपि पति फरार है।
पुलिस के अनुसार नागौर के तेलीवाड़ा निवासी रामपाल घांची की पत्नी बाया ने राजकीय अस्पताल में उपचार के दौरान पर्चा बयान देकर बताया कि ससुराल के लोगों द्वारा दहेज की मांग को लेकर प्रताडित करने पर वह अपने पति के साथ करणी कॉलोनी में किराए का मकान लेकर रह रही थी। ससुराल पक्ष के लोगों से अलग होने के बावजूद वे पति के माध्यम से उसे आए दिन प्रताडित करते थे।
गत 11 दिसम्बर की रात वह चाय बना रही थी, इस दौरान पति रामपाल ने उसके कपड़ों में आग लगा दी, जिससे उसके शरीर के कमर से नीचे का हिस्सा काफी जल गया। इसके बाद पति ने उपचार कराने की बजाए उसे रसोईघर में डालकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। चार दिन बंद रहने के बाद वह 16 दिसम्बर की रात को जैसे-तैसे कर घर से निकली और अपने पीहर कुचेरा पहुंचकर परिजनों को आपबीती बताई।
मंगलवार को विवाहिता के पिता बालकिशन घांची उसे लेकर नागौर के राजकीय अस्पताल आया जहां चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। विवाहिता ने अपनी रिपोर्ट में पति के साथ ससूर छोटूराम, सास कमला, देवर कालूराम व बबलू तथा ननद पुष्पा के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के मामले में आरोपी बनाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पिता बोले- पहले भी दिए थे रूपए
विवाहिता के पिता बालकिशन घांची ने बताया कि उसका दामाद दहेज की मांग को लेकर उसकी बेटी को काफी समय से प्रताडित करता रहा है। इससे पहले उसने बेटी के जरिए दामाद को पांच हजार रूपए पहुंचाए थे। इसके बावजूद दामाद बार-बार मायके से रूपए लाने के लिए उसे प्रताडित करता था। विवाहिता के दो बच्चे हैं जिसमें एक 5 वर्ष का बेटा है जो उनके पास ननिहाल में रहता है जबकि एक दो वष्ाü की बेटी है। वह अपने माता-पिता के पास रहती है।
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