नई दिल्ली। लम्बी बहस के बाद राज्यसभा में लोकपाल बिल मंगलवार को पास हो गया है। बिल पास होने की खबर पर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने पूरे देश को बधाई दी है।
बिल पारित होने से पहले राज्यसभा में दिनभर चर्चा और बहस का दौर चला। सदन में कानून मंत्री कपिल सिब्बल बिल की अच्छाईयों का बखान किया वहीं अन्य नेताओं ने भी सार्थक बहस में भाग लिया। उधर,समाजवादी पार्टी ने इस बिल का विरोध किया। लोकपाल बिल पर राज्यसभा में चर्चा शुरू होने के बीच समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि मौजूदा लोकपाल बिल के परिणाम खराब होंगे, इसलिए उनकी पार्टी इसका विरोध कर रही है।
इससे पहले मंगलवार सुबह चर्चा शुरू होने के साथ ही सपा ने इस बारे में हंगामा करना शुरू कर दिया था, जिसे देखते हुए राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। सपा को छोड़कर लगभग सभी दलों ने बिल का समर्थन करने का आश्वासन दिया।
समाजवादी पार्टी ने इस बिल का हर सूरत में विरोध करने की चेतावनी दी है। उधर, बीजेपी समेत तमाम पार्टियां भी विधेयक पास करवाने की वकालत कर रही हैं।
संशोधनों पर हुआ समझौता
वैसे सरकार ने बीजेपी को मनाकर एक मोर्चा फतह किया है। विधेयक पर आए प्रवर समिति के सोलह में से दो संशोधनों को लेकर बीजेपी और सरकार में तनातनी थी। बीजेपी चाहती थी कि सभी 16 संशोधन स्वीकार किए जाएं जबकि सरकार दो संशोधनों को हटाना चाहती थी। अब दोनों पक्षों के बीच एक-एक का मैच फिक्स हो गया है। यानि एक संशोधन माना जाएगा और दूसरा नहीं।
बैठक में नहीं की शिरकत
उधर सरकार लोकपाल विधेयक को अपनी प्राथमिकता बता रही है। सोमवार को हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में विधेयक पर चर्चा हुई। इसके बाद राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने तमाम पार्टियों का रूख जानने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस बैठक में शिरकत न करके अपने तीखे तेवरों का सबूत दे दिया। हालांकि सरकार का दावा है कि समाजवादी पार्टी को मनाने की कोशिश की जा रही है।
बिल पारित होने से पहले राज्यसभा में दिनभर चर्चा और बहस का दौर चला। सदन में कानून मंत्री कपिल सिब्बल बिल की अच्छाईयों का बखान किया वहीं अन्य नेताओं ने भी सार्थक बहस में भाग लिया। उधर,समाजवादी पार्टी ने इस बिल का विरोध किया। लोकपाल बिल पर राज्यसभा में चर्चा शुरू होने के बीच समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि मौजूदा लोकपाल बिल के परिणाम खराब होंगे, इसलिए उनकी पार्टी इसका विरोध कर रही है।
इससे पहले मंगलवार सुबह चर्चा शुरू होने के साथ ही सपा ने इस बारे में हंगामा करना शुरू कर दिया था, जिसे देखते हुए राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। सपा को छोड़कर लगभग सभी दलों ने बिल का समर्थन करने का आश्वासन दिया।
समाजवादी पार्टी ने इस बिल का हर सूरत में विरोध करने की चेतावनी दी है। उधर, बीजेपी समेत तमाम पार्टियां भी विधेयक पास करवाने की वकालत कर रही हैं।
संशोधनों पर हुआ समझौता
वैसे सरकार ने बीजेपी को मनाकर एक मोर्चा फतह किया है। विधेयक पर आए प्रवर समिति के सोलह में से दो संशोधनों को लेकर बीजेपी और सरकार में तनातनी थी। बीजेपी चाहती थी कि सभी 16 संशोधन स्वीकार किए जाएं जबकि सरकार दो संशोधनों को हटाना चाहती थी। अब दोनों पक्षों के बीच एक-एक का मैच फिक्स हो गया है। यानि एक संशोधन माना जाएगा और दूसरा नहीं।
बैठक में नहीं की शिरकत
उधर सरकार लोकपाल विधेयक को अपनी प्राथमिकता बता रही है। सोमवार को हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में विधेयक पर चर्चा हुई। इसके बाद राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने तमाम पार्टियों का रूख जानने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस बैठक में शिरकत न करके अपने तीखे तेवरों का सबूत दे दिया। हालांकि सरकार का दावा है कि समाजवादी पार्टी को मनाने की कोशिश की जा रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें