नवनिर्वाचित विधायको को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने का आग्रह ,सभी को पत्र लिखे
बाड़मेर राजस्थान के समस्त नवनिर्वाचित विधायको को राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने पत्र लिख कर विधानसभा में राजस्थानी भाषा में शपथ लेने कि जिद करने का आग्रह किया हें। प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट के निर्देशानुसार विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित समस्त विधायको को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने कि जिद करने का आग्रह किया हें। उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा हें कि आपनै राजस्थान विधान सभा रा सदस्य चुणीजवा री घणी घणी बधाई अर शुभ कामना अरज होवै सा ।आप आपरा मतदाता, राजस्थान प्रान्त , भारत देश , सगळी मानवता अर जीवाजूण रा अंजस जोग प्रतिनिधि इण कार्यकाल में सिद्ध व्हेवो । इसी म्हारी भावना ईश्वर पूरी करै । आपनै परमात्मा इसी सामरथ बक्सावै 'क आप मंसा,वाचा ,कर्मणा सूं जन जन री भावना नै आदर दे सको ।विधायिका ,कार्यपालिका ,न्यायपालिका ,मिडिया री मरजाद नै मानता थका भारत रा संविधान नै सिरोधार्य राख सको । इण भांत आप राजस्थान अर देश रै बहुआयामी विकास री गंगा रा भागीरथ बण सको । आपरौ नाम आपरा गांम ,नगर ,प्रदेश ,अर देश रै वास्तै गरब अर गुमेज रौ कारण बणै,अर इतियास में सोना रा आखरां सूं लिखीजै। आपरी विधान सभा सदस्य रै रूप में शपथ व्हैसी । जो भारत अर दुनियाँ री 22 भाषावां में राजस्थान री विधान सभा में व्है सकै ,पण राजस्थान री मायड़ भाषा राजस्थानी में नीं व्है सकै ,औ राजस्थान री जनता ,जनतंत्र ,संविधान रौ अपमान छै । गुजरात, पंजाब अर दूजा प्रांत री विधानसभा में उठै रा जनप्रतिनिधि आपरी जनता री भाषा में शपथ ले सकै ,तो राजस्थान रा विधायक ,नै आ सुविधा क्यू कोनी ? आप सूं इतिहासिक अरज छै 'क राजस्थान विधानसभा में शपथ री टैम मायड़ भाषा राजस्थानी में शपथ वास्ते अड़ो अर राजस्थान री जनता रा साचा प्रतिनिधि बणो । राजस्थानी भाषा नै संविधान री 8 वी अनुसूची में जोड़वा रा काम नै आगै बधावो । 25 अगस्त 2003 रै दिन राजस्थान विधान सभा सर्व सम्मति सूं एक संकल्प प्रस्ताव पास कर 'र राजस्थानी भाषा री संवैधानिक मान्यता वास्तै केंद्र सरकार नै भेज राख्यो छै । जिण संकल्प में राजस्थान री भावना अर पिछांण जुड़ी थकी छै । राजस्थानी भाषा अर्थात जिणरी डिंगळ -पिंगळ शास्त्रीय कविता शैलियाँ अर ढूंढाड़ी, मेवाड़ी, वागड़ी, ब्रज,हाड़ौती ,माळवी ,पहाड़ी ,मारवाड़ी ,भीली ,खानाबदोशी बोलियां छै । 2011 री जनगणना में 4 करोड़ 83 लाख जणा मातृभाषा राजस्थानी लिखवाई । आप इतियास में अमर काम रा भागी बणो ।घणी घणी बधाई अर मंगळ कामनावां रै साथै ।
बाड़मेर राजस्थान के समस्त नवनिर्वाचित विधायको को राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने पत्र लिख कर विधानसभा में राजस्थानी भाषा में शपथ लेने कि जिद करने का आग्रह किया हें। प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट के निर्देशानुसार विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित समस्त विधायको को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने कि जिद करने का आग्रह किया हें। उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा हें कि आपनै राजस्थान विधान सभा रा सदस्य चुणीजवा री घणी घणी बधाई अर शुभ कामना अरज होवै सा ।आप आपरा मतदाता, राजस्थान प्रान्त , भारत देश , सगळी मानवता अर जीवाजूण रा अंजस जोग प्रतिनिधि इण कार्यकाल में सिद्ध व्हेवो । इसी म्हारी भावना ईश्वर पूरी करै । आपनै परमात्मा इसी सामरथ बक्सावै 'क आप मंसा,वाचा ,कर्मणा सूं जन जन री भावना नै आदर दे सको ।विधायिका ,कार्यपालिका ,न्यायपालिका ,मिडिया री मरजाद नै मानता थका भारत रा संविधान नै सिरोधार्य राख सको । इण भांत आप राजस्थान अर देश रै बहुआयामी विकास री गंगा रा भागीरथ बण सको । आपरौ नाम आपरा गांम ,नगर ,प्रदेश ,अर देश रै वास्तै गरब अर गुमेज रौ कारण बणै,अर इतियास में सोना रा आखरां सूं लिखीजै। आपरी विधान सभा सदस्य रै रूप में शपथ व्हैसी । जो भारत अर दुनियाँ री 22 भाषावां में राजस्थान री विधान सभा में व्है सकै ,पण राजस्थान री मायड़ भाषा राजस्थानी में नीं व्है सकै ,औ राजस्थान री जनता ,जनतंत्र ,संविधान रौ अपमान छै । गुजरात, पंजाब अर दूजा प्रांत री विधानसभा में उठै रा जनप्रतिनिधि आपरी जनता री भाषा में शपथ ले सकै ,तो राजस्थान रा विधायक ,नै आ सुविधा क्यू कोनी ? आप सूं इतिहासिक अरज छै 'क राजस्थान विधानसभा में शपथ री टैम मायड़ भाषा राजस्थानी में शपथ वास्ते अड़ो अर राजस्थान री जनता रा साचा प्रतिनिधि बणो । राजस्थानी भाषा नै संविधान री 8 वी अनुसूची में जोड़वा रा काम नै आगै बधावो । 25 अगस्त 2003 रै दिन राजस्थान विधान सभा सर्व सम्मति सूं एक संकल्प प्रस्ताव पास कर 'र राजस्थानी भाषा री संवैधानिक मान्यता वास्तै केंद्र सरकार नै भेज राख्यो छै । जिण संकल्प में राजस्थान री भावना अर पिछांण जुड़ी थकी छै । राजस्थानी भाषा अर्थात जिणरी डिंगळ -पिंगळ शास्त्रीय कविता शैलियाँ अर ढूंढाड़ी, मेवाड़ी, वागड़ी, ब्रज,हाड़ौती ,माळवी ,पहाड़ी ,मारवाड़ी ,भीली ,खानाबदोशी बोलियां छै । 2011 री जनगणना में 4 करोड़ 83 लाख जणा मातृभाषा राजस्थानी लिखवाई । आप इतियास में अमर काम रा भागी बणो ।घणी घणी बधाई अर मंगळ कामनावां रै साथै ।
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