बुधवार, 3 जुलाई 2013

पुलिस ने सेक्स करते पकड़ा, फिर पॉर्न फिल्म बना इंटरनेट पर डाल दी


पुलिस ने सेक्स करते पकड़ा, फिर पॉर्न फिल्म बना इंटरनेट पर डाल दी

 
ये वाकया इंफाल के पास चूड़चंद्रपुर इलाके का है.पिछले हफ्ते की एक रात थी और इंडियन रिजर्व बटालियन के चार लोग खूगा डैम इलाके में गश्त पर थे. इस इलाके में नागरिकों की एंट्री की मनाही है. गश्त के दौरान इन जवानों ने एक आदमी और औरत को यहां आपत्तिजनक स्थित में पकड़ा.

आरोप है कि पहले इन जवानों ने कपल को पीटा और महिला के साथ छेड़छाड़ की और फिर उन्हें दोबारा सेक्स करने के लिए मजबूर किया. इस दौरान एक जवान ने अपने मोबाइल फोन पर इस एक्ट की फिल्म बना ली. अगले ही दिन उसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया गया और कुछ ही दिनों में यह क्लिप वायरल हो गई.
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इसके बाद स्थानीय लोगों को पता चला कि इस पूरी हरकत के पीछे सुरक्षा बल हैं. प्रदर्शन शुरू हो गए और आंदोलनकारी आईआरबी जवानों की बर्खास्तगी की मांग करने लगे. मामले की सच्चाई चंद्रचूड़पुर इलाके के एक एनजीओ के महिला से पूछताछ के बाद सामने आई. फिर एनजीओ महिला को अपने साथ पुलिस स्टेशन ले गया और शिकायत दर्ज करवाई गई.

पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया. इसकी जानकारी मिलने पर प्रदर्शनकारी थाने पहुंच गए और आरोपियों को उन्हें सौंपने की मांग करने लगे. कुछ ही देर में प्रदर्शन हिंसक हो गया. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए.




 

डूबने से विवाहिता सहित दो की मौत

डूबने से विवाहिता सहित दो की मौत

बाड़मेर ।सरहदी जिले बाड़मेर में बीते चौबीस घंटो में एक विवाहिता सहित दो जनों की पानी में डूबने से मौत हो गई चौहटन थानान्तर्गत बूठ राठौड़ान गांव में एक युवक की कुएं में गिरने से मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मके पर पहुंची और शव को कुएं से बाहर निकलवाया। एएसआई खीमसिंह ने बताया कि बूठ राठौड़ान गांव के निवासी देवचंद ने मामला दर्ज करवाया कि उसका चचेरा भाई द्वारकाराम (27) पुत्र घमुराम मेघवाल मंगलवार दोपहर एक बजे गांव के ओपनवेल पर खड़ा था कि पैर फिसलने से वह अन्दर गिर गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा मृत अवस्था में युवक को बाहर निकलवाया। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इसी तरह पुलिस थाना शिव के अन्तर्गत जोरानाडा गांव की सरहद में सोमवार शाम को टांके में गिरने से विवाहिता की मौत हो गई। गेनाराम पुत्र बस्ताराम निवासी जोरानाडा ने मामला दर्ज करवाया कि सोमवार शाम छह बजे उसकी पत्नी ईनिया (22) पुत्री भोमाराम की टांके से पानी भरते समय पांव फिसलने से अन्दर गिरने के बाद डूबने से मौत हो गई।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। मंगलवार सुबह उपखण्ड अधिकारी मोहनसिंह राजपुरोहित द्वारा मौका स्थिति का मुआयना कर मेडीकल बोर्ड द्वारा शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। शव को परिजन को सुपुर्द कर मामले की जांच उपखण्ड अधिकारी स्वयं कर रहे है।

जेल में फंदा लगाकर झूला दुष्कर्मी



जेल में फंदा लगाकर झूला दुष्कर्मी
भरतपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में सजा भुगत रहे एक कैदी ने बुधवार को जेल में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला डीग कस्बे के उपकारागृह का है। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय राजकीय अस्पताल के शवगृह में रखवाया है। पुलिस के अनुसार करीब तीन महीने पहले पहाड़ी क्षेत्र के मातूकी गांव में एक विवाह कार्यक्रम के दौरान बालिका से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने गोविंदगढ़ निवासी प्रीतम नाम के युवक को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद इस युवक को डीग उपकारागृह मेंं भेज दिया गया। यहां जेल में बुधवार सुबह प्रीतम का शव फंदे से लटका मिलने पर जेल प्रशासन की ओर स्थानीय थाना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को स्थानीय राजकीय अस्पताल में रखवाते हुए मृतक के परिजनों को सूचना दी।

सोमवार, 1 जुलाई 2013

माउंट आबू में दो लड़कियों से रेप

माउंट आबू में दो लड़कियों से रेप
जयपुर। राजधानी से घर छोड़ भागी दो किशोरियों के साथ माउंट आबू में दुष्कर्म का मामला सामने आया है। लड़कियां जिन 2 युवकों के साथ जयपुर से भागी थीं उन्हीं की हवस का शिकार हुई। रविवार रात पुलिस ने लड़कियों का मेडिकल मुआयना कराने के बाद घटनाक्रम की पुष्टि की है।

जयपुर के ज्योति नगर थाना प्रभारी मोहर सिंह पूनिया के अनुसार सहकार मार्ग निवासी 16 वष्ाीüय किशोरी अक्सर फोन पर एक युवक से बात करती थी। इसे लेकर किशोरी की परिजनों से कहासुनी हो गई। नाराज किशोरी अपने यहां काम करने वाली महिला की 13 साल की लड़की को लेकर घर से निकल गई।

दोस्त के साथ पहुंची माउंट आबू

पुलिस के अनुसार लड़की ने घर से निकल कर अपने दोस्त नीतेश को बुला लिया। नीतेश अपने साथ सुशील नाम के लड़के को लेकर सहकार मार्ग पहुंचा। यहां से चारों अजमेर गए। दिनभर घूमने के बाद चारों माउंट आबू पहुंचे। यहां सुशील ने अपने एक मित्र से दो कमरों का मकान किराए पर लेने की बात कही। मकान मिलने के बाद आरोपियों ने किशोरियों को अलग-अलग कमरों में रखकर दुष्कर्म किया।

फरार आरोपी यूपी के हैं

माउंट आबू में लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना की सूचना आरोपियों के मित्र ने किशोरी के घर फोन कर दी। इस दौरान आरोपी मौके से फरार हो गए। आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और जयपुर की किसी फैक्ट्री में काम करते हैं।

बाड़मे भारत चीनी नागरिक से पूछताछ शरू

चीनी नागरिक से पूछताछ शरू  


बाड़मेरभारत पाकिस्तान पश्चिमी सरहद पर बाड़मेर जिले के मुनाबाव में
सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने एक चीनी नागरिक को पाकिस्तान जाने की फ़िराक
में गिरफ्तार किया ,प्रारंभिक पूछताछ के बाद में सीमा सुरक्षा बल ने उसे
गडरा पुलिस को सुपुर्द किया ,आज विभिन सुरक्षा और खुफिया एजेंसिया
उन्ससे संयुक्त पूछताछ करेगी आम तोर पर पाक जाने की फिराक में बगलादेशी
नागरिक और पाकिस्तानी नागरिक पकडे जाते है लेकिन राजस्थान बॉर्डर पर सीमा
इतना नजदीक पहली बार चीनी नागरिक पकडे जाने से सुरक्षा ,BSF खुफिया .CID
और पुलिस के हाथ पैर फुल गए है

राजस्थान के बाड़मेर जिले मुनाबाव अंतर्राष्ट्रीय रेलवे
स्टेशन के पास पाक जाने की फिराक में घूम रहे चीनी नागरिक को बीएसएफ ने
गिरफ्तार किया। पाक सीमा से महज दो किलोमीटर पहले ही बीएसएफ के जवानो ने
इस पकड लिया जिसे बाद बीएसएफ के अधिकारियो ने कई घंटे तक पूछताछ के बाद
बीएसएफ ने चीन नागरिक को पुलिस को सुपुर्द दिया है मुनाबाव रेलवे स्टेशन
के पास बीएसएफ ने सांईसांई चेन निवासी चीन को पकड़ा। जिससे पूछताछ करने
पर बताया कि वे पाक जाने की फिराक में जैसलमेर के म्याजलार गांव से यहां
पहुंचा है। जिसके पास में पाक की वीजा के दस्तावेज भी पाए गए। बाड़मेर
एसपी राहुल कुमार के अनुसार चीन नागरिक मुनाबाव बॉर्डर पर बीएसएफ ने
पकड़ा था उसके पुलिस को सोपा है चीन नागरिक के पास कैमरा मोबाइल साईकल
सहित कई देशो का वीजा ,पासपोर्ट बरामद हुए है अब हम इस मामले को बड़ी
गंभीरता से ले रहे है क्योकि कोई भी विदेशी नागरिक इस बॉर्डर पर बिना
परमिशन के नहीं जा सकता है अब सुरक्षा ,BSF खुफिया .CID और पुलिस पूछताछ
कर रही है

.जब इस चीनी नागरिक से मीडिया ने बातचीत करने की कोशिश की
तो इस चीनी नागरिक कहना है कि में आपसे कोई बातचीत नहीं करुगा

चीनी नागरिक जैसलमेर से सायकिल पर रविवार को शाम को
मुनाबाव पहुंचा ,गस्त कर रहे सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने उसे दबोच लिया
तथा बल मुख्यालय ले जा कर तलाशी ली .तलासी के दौरान उसके पास तीन
पासपोर्ट और पाकिस्तान सहित दो देशों के वीजा मिले. चीनी नागरिक गिरफ्तार
के बाद राजस्थान और गुजरात सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ग्रस्त एका एक बढ़ा दी
है चीनी नागरिक का इस तरह बॉर्डर के इन्ते नजदीक पहुचना सुरक्षा की लिहाज
से बड़ा खतरा माना जा रहे है चीनी नागरिक एजंसिया इस से हर तरीके से
पूछताछ कर इसके यहाँ आने के मकसद के बारे में जानने में जुट गई है

नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म



नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म
बीकानेर। शहर के नोका थाना क्षेत्र के तीन भाइयों ने एक नाबालिग का रेप कर उसे मारने की कोशिश की। पुलिस ने बलात्कार और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार नोका थाना क्षेत्र के मान्याणा गांव की रहने वाली एक लड़की रविवार शाम करीब छह बजे घर से सामान लेने बाजार आई थी। तभी तीन भाइयों ओम प्रकाश,रेखा राम और छगनलाल ने उसका अपहरण कर लिया। वे उसे एक सरकारी मकान में ले गए। वहां दो भाइयों ने उसे पकड़ लिया व एक भाई ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद अभियुक्तों ने उसे मारने का प्रयास किया। सुबह पीडिता अपने घर पहुंची। इस पर उसके परिजन उसे पीबीएम अस्पताल ले गए। अस्पताल में डाक्टरों ने पुलिस को सूचित किया।

मिनी बस पलटी एक दर्जन लोग घायल

मिनी बस पलटी एक दर्जन लोग घायल 




बाड़मेर सरहदी बाड़मेर जिले के शिव तहसील के हरसानी मुंगेरिया गाँवों के बीच एक मिनी बस पलट जाने से एक दर्जन से अधिक लोग घयाल हो गए .घायलों में चार जने गंभीर अवस्था में बाड़मेर जिला मुख्यालय अस्पताल में उओप्चार के लिए रेफर किया हें ,सूत्रानुसार हरसानी से मुंगेरिया यात्रियों को ले जा रही मिनी बस अनियंत्रित होकर पलट गई जिससे उसमे सवार बारह जने घायल हो गए .घायलों को पहले शिव अस्पताल ले जाया गया बाद में गंभीर रूप से घायल चार व्यक्तियों को बाड़मेर रेफर किया .

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सेल्फ पीस जिला कलेक्टर बाड़मेर ....जनता की अनदेखी ...सरकारी कार्यक्रमों की अनदेखी



सेल्फ पीस जिला कलेक्टर बाड़मेर ....जनता की अनदेखी ...सरकारी कार्यक्रमों की अनदेखी



बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर का दुर्भाग्य हें की पिछाक्ले आठ माह से उनकी समस्याओं की सुनवाई जिला कलेक्टर नहीं कर रहे .रिजर्व नेचर के कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू अपने आप को जनता और मिडिया से दूर रखना पसंद करने से आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा वहीं जनता की समस्याओं को जिला कलेक्टर के पास ले जाने वाली मीडिया कलेक्टर की बेरुखी से हैरान हें .अपनी मनमर्जी के चलते कलेक्टर ने राज्य सरकार की महत्वपूर्ण कार्यक्रम जन सुनवाई और रात्रि चोपाल जैसे कार्यक्रम बंद कर जनता को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया .मजे की बात बाड़मेर के गूंगे जन प्रतिनिधि कलेक्टर के इस क्रिकलाप को चुपचाप सहन कर रहे हें ,बाड़मेर में अब तक जितने भी जिला कलेक्टर आये सभी ने स्थानीय जनता के साथ अपने आप को जोड़े रखा ,मगर वर्तमान जिला कलेक्टर ने अपने आपको जनता और मिडिया से बहूत दूर रखा .उन्हें कार्यभार संभाले लगभग आठ माह से अधिक समय हो गया मगर उन्होंने जिले के पांच गाँवो का दौरा तक नहीं किया .और तो और जिले की यात्रा पर आने वाले प्रभारी मंत्रियो ,और जिले के मंत्रियों सहित स्थानीय विधायको को भी तवज्जो नहीं देते ,साथ ही प्रशासनिक अधिकारीयों और कार्मिको के साथ दूरी बना के राखी .उन्हें जिले में चल रहे विकास कार्यों की तक जानकारी नहीं हें ,चुनावी साल में ऐसे कलेक्टर से सरकार को नुक्सान हो।सरकारी कार्यक्रमों की अभी जिले में धूम मची हें मगर किसी भी कार्यक्रम में कलेक्टर महोदय शिरकत नहीं करते .चाहे सरकारी चेक बांटने हो या कोई लोकार्पण सभी से अपने आप को अलग रखते हें .मीडिया से तो मानो उनकी जन्मजात दुश्मनी हो .कलेक्टर चेंबर के बहार खड़े पहरेदारो को कलेक्टर की सख्त हिदायत हें की कोई मिदिअकर्मि उनके चेंबर में ना आये .मिलाने जाने वाले मिडिया कर्मी हमेशा खली हाथ वापस आते हें ,गरीब जनता गाँवों से यह उम्मीद लेकर आते हें की अपनी समस्याओं को कलेक्टर के समक्ष रखेंगे मगर उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ता हें .उनके कार्यकाल में एक बार भी मिडिया से बातचीत या प्रेस मीटिंग नहीं हुई ,कई मौकों पर राज्य सरकार के आदेशानुसार उन्हें मिडिया के साथ वार्ता कर योजनाओं की जानकारी देनी थी मगर उन्होंने मिडिया से कभी बात नहीं की ,सरकारी योजनाओ के क्रियान्वयन में बाड़मेर जिला कलेक्टर के रवये से पिछड़ रहा हें .समझ नहीं आ रहा अशोक गहलोत जैसा मुख्यमंत्री ऐसे कलेक्टर को कैसे सहन कर रहे हें


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chandan singh bhati


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exclusiv news पचपदरा रिफायनरी ..पर चन्दन सिंह भाटी की खास रिपोर्ट

लूण की खान पर तेल का तालाब

जिस पचपदरा में तेल रिफाइनरी स्थापित की जा रही है वह साइबेरियाई पक्षियों की सबसे बड़ी सैरगाह है।

exclusiv news   पचपदरा रिफायनरी ..पर चन्दन सिंह भाटी की खास रिपोर्ट 


तब भी ब्रिटिश हुकुमत ही इसके पीछे थी, अब एक ब्रिटिश कंपनी इसके पीछे है। पचपदरा के धुंधले इतिहास और सुनहरे भविष्य के बीच संतुलन साधने के लिए बिना ब्रिटेन को बीच में लाये बात पूरी नहीं हो सकती। उस वक्त जब देश में गांधी जी का नमक आंदोलन नहीं हुआ था तब से पहले की बात है। बाड़मेर का यह पचपदरा इलाका एक असफल नमक आंदोलन चला चुका था। बंगाल को शुद्ध नमक खिलाने के नाम पर जब अंग्रेजी हुकूमत ने ब्रिटिश नमक का बाजार खोलने की शुरूआत की तो वे पचपदरा के इसी सांभर इलाके में आये थे, भारी मशीनरी के साथ। उनकी भारी मशीनरी और नमक के भारी उत्पादन दोनों की ही उस वक्त सफल नहीं हो पाये तो उसका कारण यह था कि मशीन से पैदा किये गये सांभर नमक को पचपदरा की खुदरा खानों से निकला नमक चुनौती दे रहा था। स्वाभाविक था कि अंग्रेजों ने पचदरा की 'पड़तल' खानों को बंद करने की कोशिश की। इसके जवाब में यहां के नमक उत्पादकों ने कलकत्ते जाकर अंग्रेजी हुकुमूत को असफल चुनौती दी थी, नमक के साथ। लेकिन न कलकत्ते में यहां के नमक कारोबारी सफल हो सके और न पचपदरा में अंग्रेजी हुकूमत।
गांधी जी से भी पहले नमक का यह पहला 'संघर्ष' इतिहास की किताबों में भी ठीक से भले ही कलमबंद नहीं हो पाया, लेकिन आज भी आप पचपदरा आयें तो धुंधले रूप में ही सही इतिहास के इस अनोखे संघर्ष के अवशेष मौजूद हैं। चारों तरफ दूर-दूर तक बियाबान के बीच बसे सांभरा में अंग्रेजों के जमाने में एक टीले पर बनाया गया नमक विभाग का दफ्तर और कॉलोनी आज भी मौजूद है। तब अंग्रेजों का हाकम यहां बैठता था। नमक की पहरेदारी करने के लिए चौकियां बनी हुई थीं। घोड़ों पर पहरेदारी होती थी। भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने तो 1992 में नमक की खदानों में काम करने वाले 'खारवालों' को सरकार ने पट्टे देकर मालिक बना दिया और विभाग का दफ्तर भी शिफ्ट कर दिया। तब से आलीशान दफ्तर का भवन, डाक बंगला और करीब 70 क्वार्टर वाली कॉलोनी वीरान पड़ी है। इनमें भी 35 ठीक-ठाक हैं, बाकी खंडहर हो चुके हैं। यहीं पर एक खजाना कक्ष बना हुआ है। इसमें सलाखों के भीतर एक तहखाने में यह खजाना आज भी इतिहास का गवाह बना हुआ है। लोहे की मोटी चद्दर से बना है भारी भरकम दरवाजा। इस पर आज भी इंग्लैंड का बना ताला ही लटक रहा है। खजाना खाली है यहा भरा, यह तो पता नहीं लेकिन मकड़ियों के जाल ने इन्हें पुरातन अवशेष में जरूर तब्दील कर दिया है।
लेकिन इतिहास में अवशेष हो जाने के बाद भी पचपदरा की पड़तल खानों (नमक की वे खान जिसमें एक बार नमक निकाल लेने के बाद उन्हें बंद कर दिया जाता है।) से निकलनेवाले नमक की गुंजाइश ही कायम नहीं है, जिस सांभर में अंग्रेजी हुकूमत अपने मशीनों का अवशेष पीछे छोड़ गई थी, उस सांभर में मशीनों के वे अवशेष भी जंग लगे हथियारों की तरह आज भी देखे जा सकते हैं। सिर्भ सांभरा माता का भव्य मंदिर ही नमक की समृद्धि से ही समृद्ध नहीं हुआ था, बाड़मेर का यह पूरा इलाका कभी राजसी वैभव लिए था तो उसका कारण कुछ और नहीं बल्कि सांभर नमक ही था।
आश्चर्यजनक रूप से पचपदरा में रिफाइनरी का स्वागत वे तीन हजार खारवाल भी कर रहे हैं जो नमक के कारोबारी है, यह जानते हुए कि रिफाइनरी आने से सांभर नमक का कारोबार बर्बाद हो जाएगा। सांभरा के गणपत खारवाल कहते हैं, नमक के काम में तो मुश्किल से दो सौ रुपए दिहाड़ी मिलती है, वह भी साल में आठ माह से ज्यादा नहीं। रिफाइनरी लगने से गांव वालों को कम से कम रोज अच्छी मजदूरी तो मिलेगी।
सांभर नमक अपनी विशिष्टता के लिए जाना जाता है। सांभर नमक वह नमक है जो नमक होते भी नमक नहीं होता है। हिन्दू समाज में सांभर नमक को इतना पवित्र माना जाता है कि व्रत त्यौहार में इस नमक को इस्तेमाल किया जाता है। जोधपुर के पास नमक की सांभर झील अगर अपने सांभर नमक के लिए दुनियाभर में विख्यात है तो बाड़मेर का सांभरा इलाका भी अपने नमक के उत्पादन और कारोबार के लिए ही जाना जाता है। सांभरा गांव और पचपदरा क्षेत्र में पानी को सुखाकर नमक नहीं तैयार किया जाता बल्कि यह देश का संभवत: एकमात्र ऐसा इलाका है जहां खदानों से खोदकर नमक निकाला जाता है। जमीन से निकले इस नमक को शायद इसीलिए विशिष्ट नमक माना जाता है। लेकिन नमक की इस विशिष्टता पर अब जल्द ही तेल का तालाब तैर जाएगा और तेल की धार बह निकलेगी।
परियोजना से जुड़ी हर बात पूरी हो चुकी है। घोषणा भी हो चुकी है और अतीत में खो चुके पचपदरा इलाके में प्रापर्टी डीलर अभी से सक्रिय हो गये हैं। इसी जून महीने में राजस्थान सरकार की 26 फीसदी हिस्सेदारी वाली इस परियोजना को हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन द्वारा लगाने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है। संभावना है कि जुलाई महीने में किसी भी वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस इलाके का दौरा करके परियोजना की आधारशिला रख देंगी। हालांकि अभी भी स्पष्ट तौर पर यह तो पता नहीं चल पाया है कि इस परियोजना में ब्रिटिश कंपनी केयर्न की कितनी हिस्सेदारी है लेकिन इस बात की संभावना बताई जा रही है कि एचपीसीएल की सहयोगी कंपनी एमआरपीएल में राजस्थान सरकार के अलावा केयर्न की भी हिस्सेदारी है। वैसे इस परियोजना को पचपदरा लाने के पीछे केयर्न का बड़ा अहम रोल है। इस रिफाइनरी के लिए जो कच्चे तेल की सप्लाई है उसमें बड़ी हिस्सेदारी केयर्न की ही होगी। केयर्न अपने दो तेल पाइपलाइनों मंगला और भाग्यम के जरिए जामनगर में रिलायंस की रिफाइनरी के अलावा इस परियोजना को भी कच्चा तेल सप्लाई करेगी।
बाड़मेर में पचपदरा से पहले 37,230 करोड़ रूपये की यह परियोजना यहां से करीब चालीस किलोमीटर दूर लगनेवाली थी। लेकिन जमीन के विवाद के चलते आखिरकार कंपनी ने अपना इरादा बदल दिया और वह रिफाइनरी परियोजना को पचपदरा के पास ले आई। परियोजना के लिए कंपनी को 3700 एकड़ जमीन की जरूरत है जो उसे आराम से पचपदरा में मिल रही है। पहले के परियजना स्थल लीलारा से उलट यहां परियोजना मुख्य बस्ती से छह किलोमीटर दूर बनाई जा रही है जिससे कम से कम इंसानों के विस्थापित होने का कोई खतरा नहीं है। शायद इसीलिए यहां के लोग चाहते हैं कि रिफाइनरी की परियोजना यहीं लगे ताकि इस इलाके में राजसी ठाट बाट दोबारा लौट आये। राजसी ठाट बाट जब आयेगा तब लेकिन जिस तरह से इलाके में प्रापर्टी के कारोबारी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं उससे इतना तो साफ दिख रहा है सरहदी जिले का उपेक्षित सा यह नमक उत्पादक इलाका अचानक ही चर्चा में आ गया है। शाम होते ही पचपदरा में जगह जगह प्रापर्टी डीलर जमा हो जाते हैं और जमीन के सौदों को अंजाम देने लगते हैं।
लेकिन प्रापर्टी के इस संभावित कारोबार में क्या सचमुच पचपदरा को इस रिफाइनरी से सिर्फ फायदा ही फायदा होनेवाला है। शायद ऐसा नहीं है। भले ही नमक के कारोबार की उपेक्षा के कारण लंबे समय से उपेक्षित इस इलाके में रिफाइनरी के कारण रूपये की रौनक लौट आई है लेकिन रिफाइनरी के कारण इस इलाके की जैव विविधता और सबसे अधिक साइबेरियाई पक्षियों को बड़ा खतरा पैदा हो गया है। पचपदरा क्षेत्र में प्रति वर्ष हज़ारों की तादाद में प्रवासी पक्षी साइबेरियन क्रेन जिसे स्थानीय भाषा में कुरजां कहते हैं, वे आती हैं। इस क्षेत्र को कुरजां के लिए सरंक्षित क्षेत्र घोषित करने की कार्यवाही चल रही थी। सँभारा, नवोड़ा बेरा, रेवाडा गाँवों के तालाबों पर कुरजां अपना प्रवासकाल व्यतीत करते हैं। और केवल साइबेरियाई पक्षियों की ही बात नहीं है। पचपदरा में वन्यजीवों की भरमार है, विशेषकर चिंकारा और कृष्णा मृग बहुतायत में पाये जाते हैं. इसीलिए पचपदरा से आगे कल्यानपुर डोली को आखेट निषेध क्षेत्र घोषित कर रखा हैं। तेल रिफाइनरी के आने के बाद इन वन्यजीवों और दुर्लभ पक्षियों की क्या दशा या दुर्दशा होगी इसके बारे में सोचने की फुर्सत न तो सरकार को है, न कंपनी को और न ही प्रापर्टी डीलरों को।
वन्यजीव, दुर्लभ साइबेरियाई पक्षियों से ज्यादा इस वक्त इस पूरे इलाके में दुकान, मकान, होटल बनाने की चिंता है। रियल एस्टेट और ट्रांसपोर्ट में उभर रही संभावनाओं के कारण हर आदमी की आंख में अपने लिए वैभवशाली भविष्य की चमक साफ दिखाई दे रही है। शायद यही कारण है कि पचपदरा से लेकर बागुन्दी और जोधपुर तक जमीनों की कीमतों में उछाल आ गया है। इस उछाल का फायदा जिन्हें मिलेगा वे उछल रहे हैं लेकिन उन मूक पशु पक्षियों का भविष्य संकट में है जो न तो अपने लिए खुद कोई आंदोलन कर सकते हैं और जिनके लिए यहां आंदोलन करनेवाला कोई दिखाई नहीं दे रहा। सब सांभर नमक पर की खान पर तेल का तालाब बनाने में व्यस्त हैं।
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chandan singh bhati 

nehru nagar barmer rajasthan

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रविवार, 30 जून 2013

जैसलमेर सृजनधर्मी आनंद जगाणी




इन्द्रधनुषी व्यक्तित्व से झरता है आनंद



किसी एक व्यक्तित्व में इन्द्रधनुषी रंगों और रसों से भरी बहुआयामी प्रतिभाओं का दर्शन करना हो तो उसके लिए एक ही नाम काफी है और वह हैं जैसलमेर की सरजमीं के रत्न श्री आनंद जगाणी।
अपने भीतर व्यापक ऊर्जाओं और हुनरों को समेटे हुए श्री आनंद जगाणी कवि, लेखक, साहित्यकार, मंच संचालक, उद्घोषक, रंगकर्मी और कर्मचारी नेता से लेकर समाजसेवी की भूमिकाओं में हर किरदार को बखूबी जीते हैं। मरु अंचल की लोकस्पर्शी परंपराओं में श्री आनंद जगाणी जानी-मानी हस्ती हैं जिन्हें परिवेशीय विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों में मुखर अभिव्यक्ति के साथ देखा जा सकता है।


रचनात्मक गतिविधियों की धड़कनजैसलमेर में आयोजित होने वाले हर तरह की साहित्यिक-सांस्कृतिक, धार्मिक और रचनात्मक गतिविधियों के साथ ही राजकीय समारोहों और सामाजिक-राष्ट्रीय सरोकारों भरे कार्यक्रमों में कभी उद्घोषक के रूप में, कभी संभागी और कभी मंच संचालक के रूप में श्री आनंद जगाणी को अपने हुनर का आकर्षण और आनंद बिखेरते हुए प्रभावी भूमिका में सहज ही देखा जा सकता है। सहज, सरल एवं सौम्य व्यक्तित्व के धनी श्री जगाणी की छोटी सी मुस्कान भी आत्मीयता का सुकून देने के साथ जाने बहुत कुछ कह जाती है।
विरसत में मिले साहित्यिक संस्कार
पेशे से लेखाकार जगाणी की साहित्य और सांस्कृतिक गतिविधियों में बाल्यकाल से गहरी अभिरुचि रही है। जैसलमेर में रम्मत, लोक कला के प्रसिद्ध कलाकार एवं हर दिल अजीज इनके पिताश्री श्री मुकनलाल जगाणी ’मुकना भा’ व माता श्रीमती विमला देवी के संस्कारों तथा सुविख्यात लोक नाट्य रम्मत ’सती सावित्री’ के लेखक नाना श्री सुगनलाल व्यास से मिली विरासत के कारण आनंद जगाणी को बचपन से ही रंगकर्म व सांस्कृतिक-साहित्यिक क्षेत्र में अभिरुचि रही। विद्यालय स्तर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं शहर में आयोजित होने वाली रामलीला में वे प्रारंभ से ही भाग लेते रहे हैं। रामलीला में आप भगवान लक्ष्मण जी की भूमिका निभा चुके हैं।
छात्र जीवन से अग्रणी
स्वर्णनगरी जैसलमेर शहर के जगाणी पाड़ा निवासी श्री आनंद जगाणी छात्र जीवन से ही विद्यालयों में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं। स्काउट एवं एन.एस.एस. सेवाओं से भी आप सक्रिय रूप से जुड़े रहे। कॉलेज जीवन में आपने छात्र राजनीति में भी अहम् भूमिका निभाई व एस.बी.के राजकीय महाविद्यालय में उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़कर विजयश्री का वरण किया। वे साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में हमेशा ही अग्रणी रहे हैं। जैसलमेर जिले के 825 वें स्थापना दिवस (वर्ष 1978) के उपलक्ष में और वर्ष 1990 में जिला स्तर पर आयोजित हुए अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन के दौरान भी आपने विशेष भूमिका निभाई व इन विराट आयोजनों के सह संयोजक भी रहे।
काव्य और व्यंग्य विधाओं में गहरी पैठ
साहित्य एवं कला में गहरी रुचि के कारण श्री जगाणी का झुकाव कविता एवं व्यंग्य लेखन की ओर हुआ। अब तक आपकी दो पुस्तकें ’हिवड़े री हूक’ ( राजस्थानी कविता संग्रह) व ‘बहस जारी है’( व्यंग्य संग्रह ) प्रकाशित हो चुकी है। इनके द्वारा लोककला रम्मत शैली में ’बाबा रामदेव’ रम्मत भी लिखी जा चुकी है, जिसका मंचन किया जाना है। आपका एक कविता संग्रह ’ काश मैं गरीब होता ’’ व व्यंग्य संग्रह ’ मंच के माफिया’ प्रकाशनाधीन है।
हिन्दी व राजस्थानी भाषा में गद्य और पद्य दोनों पर आपका समान अधिकार है। एक जुलाई 1ज962 को जैसलमेर में जन्मे श्री आनंद जगाणी सन 1980 से निरंतर साहित्य साधना में रमे हुए हैं।
ओजस्वी मंच संचालक के रूप में खासी पहचान
मंच संचालक एवं उद्घोषक के रूप में भी आपकी विशिष्ट पहचान है। पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरोसिंह शेखावत के जैसलमेर में नागरिक अभिनंदन समारोह व पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल के मुख्य आतिथ्य में हुए जैसलमेर के 850 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन आप द्वारा सफलतापूर्वक एवं गरिमामय तरीके से किया गया था। आप विगत वर्ष 1991 से अपने वरिष्ठ साथी एवं रचनाधर्मी गुरुजी श्री मनोहर महेचा के सान्निध्य में राष्ट्रीय पर्वो स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस समारोहों के जिला स्तरीय कार्यक्रमों का बखूबी संचालन कर रहे हैं।
जैसलमेर शहर में प्रति वर्ष आयोजित होने वाली जानी-मानी हिन्दी बॉलीवुड संगीत की दुनिया की हस्तियां जगविख्यात गायक स्व. मोहम्मद रफी नाईट हो चाहे संगीतकार किशोरकुमार नाईट और मुकेश नाईट की शुरूआत आप द्वारा ही की गई। इनके द्वारा मुकेश नाईट -शो का संचालन भी किया जा रहा है।
मायड़ भाषा के लिए संघर्ष
राजथानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के आप जिला संयोजक भी हैं। वहीं वर्ष 2004 से 2007 तक राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर की वित्त उप समिति के सदस्य रहे हैं तथा वर्तमान में श्री जगाणी अकादमी की आयोजन उप समिति के सदस्य हैं।
साहित्यिक क्षेत्र में सतत् एवं सक्रिय रहने पर गत वर्ष जैसलमेर के मनाए गए 857 वें स्थापना दिवस पर आपको महारावल हरिराज साहित्य पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा भी श्रेष्ठ उद्घोषक के रूप में प्रशंसा-पत्र प्रदान किया जाकर सम्मान दिया गया। जैसलमेर में हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों के साथ ही श्री जगाणी ने जयपुर में आयोजित प्रथम विश्व राजस्थानी भाषा सम्मेलन में भी हिस्सा लिया गया।
संगठन कौशल ने दिया नेतृत्व
साहित्यकार, कवि एवं उद्घोषक के अलावा जगाणी कर्मचारी हितों के लिए संघर्ष करने में सदैव अग्रणी रहे हैं। वर्षो तक जैसलमेर कोषालय में अपनी सेवाएँ देने वाले जगाणी एकाउन्टेंट एसोसियेशन के तीन बार जिलाध्यक्ष, दो बार प्रान्तीय प्रतिनिधि रहे हैं। वर्तमान में आप एकाउन्टेंट एसोसियेशन के प्रदेश सचिव हैं।
आकाशवाणी केन्द्र से भी आपका गहरा जुड़ाव रहा है। आकाशवाणी द्वारा आयोजित नाट्य महोत्सव, बाड़मेर और जयपुर में आप प्रस्तुति दे चुके हैं तथा आकाशवाणी जैसलमेर में समय-समय पर कृषि कार्यक्रम का भी प्रस्तुतीकरण कर चुके हैं। आपके द्वारा लिखित ’’ तनोट माता के भजनों ’’ की ओडियो कैसेट भी रिलीज हो चुकी है।
 

breaking news बाड़मेर पाकिस्तान सीमा में जाने का प्रयास करते चीनी नागरिक गिरफ्तार

बाड़मेर पाकिस्तान सीमा में जाने का प्रयास करते  चीनी नागरिक गिरफ्तार



बाड़मेर भारत पाकिस्तान पश्चिमी सरहद पर बाड़मेर जिले के मुनाबाव में सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने एक चीनी नागरिक को पाकिस्तान सीमा में घुसाने का प्रयास करते गिरफ्तार किया ,प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे गडरा पुलिस को सुपुर्द किया ,जन्हा सोमवार को विभिन सुरक्षा और खुफिया एजेंसिया उन्ससे संयुक्त पूछताछ करेगी ,
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार चीनी नागरिक जैसलमेर से सायकिल पर रविवार को शाम को मुनाबाव पहुंचा ,गस्त कर रहे सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने उसे दबोच लिया तथा बल मुख्यालय ले जा कर तलाशी ली .तलासी के दौरान उसके पास तीन पासपोर्ट और पाकिस्तान सहित दो देशों के वीजा मिले .सूत्रानुसार उसके कब्ज़े से संदिग्ध वस्तुए भी मिली हें ,सोमवार को उससे संयुक्त पूछताछ की जायेगी

एलएसी के नजदीक पकड़े गए तीन चीनी

एलएसी के नजदीक पकड़े गए तीन चीनी
लेह। भारतीय सेना के जवानों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब तीन चीनी मूल के नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से राजनीतिक नक्शे बरामद हुए हैं जो अरब भाषा में थे।

पकड़े गए लोगों की पहचान अदिल,सलामो और अब्दुल खालिद के रूप में हुई है। तीनों 12 जून को भारतीय सीमा में पकड़े गए थे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इनकी पहचान करने में 10 दिन लग गए। तीनों सुन्नी मुस्लिम हैं और इनकी उम्र 18 से 23 के बीच है।

तीनों का रंग गोरा है लेकिन इनकी भाषा समझ में नहीं आ रही। तीनों में से एक के एक ही आंख है। तीनों फिलहाल मुरगो पोस्ट की कस्टडी में हैं। इनकी भाषा समझने की कोशिश की जा रही है। ये जो भाषा बोल रहे हैं वह चीनी या पीओके में बोली जाने वाली बाल्की से मिलती जुलती नहीं है।

यह भी पता नहीं चल पाया है कि तीनों कहां से आए हैं। एलसी से नजदीक का रिहायशी इलाका काराकोरम रेंज में ही है। अधिकारियों का मानना है कि तीनों या तो राखी नल्लाह,जीवन नल्लाह या फिर दौलत बेग ओल्डी के उत्तर से घुसे हैं।

15 अप्रेल को चीनी सैनिक दौलत बेग ओल्डी इलाके में घुस आए थे। 21 दिन बाद 15 मई को चीनी सैनिक वापस अपनी सीमा में गए थे। सूत्रों के मुताबिक तीनों से तब तक पूछताछ नहीं की जा सकती जब तक उन्हें लेह गांव में नहीं लाया जाता। वहां अनुदावक इनकी भाषा को समझने की कोशिश करेंगे।

50 विलेजर्स की वेबसार्इट का लोकापर्ण - चयन परीक्षा का आयोजन

50 विलेजर्स की वेबसार्इट का लोकापर्ण - चयन परीक्षा का आयोजन
समर एज्युकेशन एवं मोटीवेशन केंप के समापन में ड‚. आर के माहेश्वरी का बहुमान


बाड़मेर। 50 वीलेजर्स ट्रस्ट बाड़मेर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ड‚. आर के माहेश्वरी पूर्व पीएमओ राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर का बहुमान किया गया। ड‚. महबुब अली प्राचार्य नवोदय ने साफा पहनाकर, ड‚. मूलचंद ने माल्यार्पण कर, ड‚. गोरधनसिंह ने स्मृति चित्र एवं ड‚. हरदान सारण ने स्मृति चिन्ह भेंट कर बहुमान किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में ड‚. महेन्æ चौधरी ने ड‚. आर के माहेश्वरी के जीवन पर प्रकाश डाला। उनके कायोर्ं की सराहना करते हुए उन्होने कहा कि ड‚. माहेश्वरी का जीवन हमारे लिए अनुकरणीय हैं एवं बाड़मेर चिकित्सा के विकास की एक मजबूत नींव हैं। हम समस्त बाड़मेर की जनता उनकी आभारी रहेंगे। कार्यक्रम के 50 विलेजर्स के लिए अपना योगदान देने के लिए भामाशाहों का भी सम्मान किया गया। भामाशाहों में सोनाराम चौधरी, पंकज चितारा, जीयाराम बाना, आदर्श चौधरी, नवल किशोर, ड‚. मूलचंद, ड‚. हरीश जांगीड़, ड‚. हरीश चौहान, ड‚. हनुमान बैनिवाल, ड‚. देवेन्æ चौधरी, ड‚. हनुमान सारण, नानगाराम, किशनाराम, खेताराम फड़ोदा, सादुलाराम सियोल, दमाराम सारण, ड‚. रतनाराम, ड‚. लोंग मोहम्मद, ड‚. विकास कड़वासरा आदि को ड‚. आर के माहेश्वरी एवं ड‚. गोरधनसिंह द्वारा स्मृति चिन्ह देकर उनका बहुमान किया गया।
50 विलेजर्स द्वारा आयोजित चयन परीक्षा के परिणाम की घोषणा जोगेन्æ बेनिवाल, हेमराज खत्री, सुरेन्æ परमार, द्वारा की गर्इ एवं इन गुरुजनों को स्मृति चिन्ह देकर ड‚. गोरधनसिंह ने सम्मानित किया।
50 विलेजर्स की बेवसार्इट का लोकापर्ण ड‚. आर के माहेश्वरी एवं ड‚. महबुब अली प्राचार्य नवोदलय विधालय पचपदरा ने किया। '''.50‡्रँीƒ„.ू³मे पर संस्थान से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम के अंत में ड‚. ओमप्रकाश डूडी द्वारा एक व्यä एिक पौधा की तर्ज पर टूवर्डस ग्रीन बाड़मेर थीम को लेकर पौधों को वितरित किया गया। मंच संचालन ड‚. सुरेन्æसिंह और ड‚. भरत सहारण ने किया। धन्यवाद ज्ञापित ड‚. हरदान ने किया।

बालिकाआें को शिक्षा से जोड़े: धनदे



बालिकाआें को शिक्षा से जोड़े: धनदे
-मेघवाल समाज के अधिवेशन में अतिथियाें ने बालिकाआें की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा के बिना किसी तरह का विकास नहीं हो सकता। उन्हाेंने विधार्थियाें एवं युवाआें से प्रतियोगी परीक्षाआें की तैयारी पूर्ण समर्पण भाव से करने का आहवान किया।

बाड़मेर। बालिका शिक्षा मौजूदा समय की जरूरत है। बालिका शिक्षा के बिना विकास अधूरा है। समाज की मुख्य धारा से जुड़ने एवं सर्वागीण विकास के लिए बालिकाआें को शिक्षा से जोड़ना होगा। बालिकाआें को शिक्षा से जोड़ने के साथ सामाजिक कुरीतियाें को छोड़ने की पहल करनी होगी। यह बात जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जयपुर के मुख्य अभियंता रूपाराम धनदे ने मेघवाल समाज शैक्षणिक एवं शोध संस्थान के वार्षिक अधिवेशन के दौरान कही।

मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए धनदे ने कहा कि कोर्इ भी समाज बालिका शिक्षा के बगैर आगे नहीं बढ़ सकता। उन्हाेंने संस्थान के शैक्षणिक विकास के प्रयासाें की सराहना करते हुए कहा कि बाड़मेर में बालिका छात्रावास के लिए जमीन आवंटित की जा चुकी है। उनकी मंशा है कि अगला अधिवेशन बालिका छात्रावास में हो। उन्हाेंने इस दौरान बालिका छात्रावास निर्माण के लिए 1 लाख रूपए देने की घोषणा की। साथ ही स्वर्गीय तनेराम मेघवाल की स्मृति में उनकी पत्नी की ओर से भी एक लाख रूपए देने की मंशा जतार्इ। उन्हाेंने कहा कि सामाजिक विकास के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। सामाजिक कुरीतियाें पर अंकुश लगाने के साथ शिक्षा से जुड़ना होगा। उन्हाेंने कहा कि शिक्षा से जुड़े बगैर कोर्इ भी तबका प्रगति नहीं कर सकता।

इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा.एम.आर.गढवीर ने कहा कि सबके प्रयासाें की बदौलत आज मेघवाल समाज शैक्षणिक एवं शोध संस्थान के जरिए समाज को नर्इ दिशा देने के साथ प्रतिभाआें को प्रोत्साहित करने का काम हो रहा है। उन्हाेंने वार्षिक अधिवेशन के दौरान प्रतिभाआें को सम्मानित करने के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इससे प्रतिभाआें को प्रोत्साहन मिलता है। साथ ही दूसरे विधार्थियाें में भी उत्साह का संचार होता है।

मुख्य वक्ता प्रो.ताराराम ने मेघवाल समाज के अतीत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेघवाल समाज का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। मेघवाल समाज को अपने अतीत को पहचाते हुए विकास की मुख्य धारा में शामिल होने के प्रयास करने होंगे। उन्हाेंने कहा कि युवाआें पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करें। उन्हाेंने समाज के साहितियक सृजन की जरूरत जतार्इ। आरपीएस सुनील के पंवार ने प्रतियोगी परीक्षाआें की तैयारी के गुर बताते हुए कहा कि अगर सच्ची लगन से प्रयास किया जाए तो कोर्इ भी सफल होने से नहीं रोक सकता। उन्हाेंने कहा कि शुरूआती दौर से प्रतियोगी परीक्षाआें की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। आवासन मंडल के अधिशाषी अभियंता केवलाराम परिहार ने शिक्षा की जरूरत जताते हुए कहा कि समय के साथ चलने की जरूरत है। मौजूदा दौर टेक्नोलाजी एवं शिक्षा से जुड़ने का है। ऐसे में शिक्षा पर अधिकाधिक बल देने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि आदूराम मेघवाल, उदाराम मेघवाल, मूलाराम मेघवाल ने संस्थान के प्रयासाें की सराहना करते हुए कि सबको मिलकर बालिका शिक्षा एवं छात्रावास निर्माण के लिए प्रयास करने होंगे। संस्थान के कोषाध्यक्ष हजारीराम बालवा ने बताया कि इस दौरान आर्इआर्इटी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा में चयनित प्रतिभाआें को तनेराम मेघवाल स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली प्रतिभाआें एवं भामाशाहाें का सम्मान किया गया। वार्षिक अधिवेशन में डा.बी.एल.मंसूरिया, जोगाराम मेघवाल, सरपंच देवाराम, नदंकिशोर, पूर्व सरपंच तिलाराम, सवार्इराम बृजवाल, आसूराम मेघवाल, पूर्व सरपंच जेसाराम, रेडाणा सरपंच पदमाराम समेत कर्इ गणमान्य नागरिक उपसिथत थे। समारोह का संचालन चूनाराम पूनड़ ने किया।

निरीक्षण में मिली अनियमितताएं,मेट को हटाया,जेटीए को नोटिस



निरीक्षण में मिली अनियमितताएं,मेट को हटाया,जेटीए को नोटिस
- नोखड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक एवं मेल नर्स लंबे समय से अनुपसिथत मिले। ग्रेवल सड़काें की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश।

बाड़मेर,30 जून। सिणधरी पंचायत समिति की सांजटा ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत चल रही ग्रेवल सड़काें की आकसिमक जांच के दौरान अनियमितताएं पाए जाने पर मेट को तत्काल हटा दिया गया। वहीं निरीक्षण में लापरवाही बरतने पर कनिष्ठ तकनीकी सहायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निरीक्षण के दौरान श्रमिकाें को पांच-पांच के गु्रप में कार्य करवाने के निर्देश दिए गए। अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने रविवार को सिणधरी पंचायत समिति की सांजटा एवं नोखड़ा ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत चल रहे कार्यों का आकसिमक निरीक्षण किया।

ग्राम पंचायत सांजटा में ग्रेवल सड़क निर्माण सांजटा से बेरड़ो की ढाणी तक चल रहे कार्य पर नियोजित 102 में से 51 श्रमिक ही मौके पर मिले। यहां पांच-पांच के गु्रप में कार्य नहीं कराया जा रहा था। मौके पर मस्टररोल नहीं होने एवं अन्य अनियमितताएं बरतने पर मेट जोगाराम को तत्काल हटा दिया गया। वहीं कनिष्ठ तकनीकी सहायक बाबूलाल को इस कार्य का एक बार भी निरीक्षण नहीं करने एवं कार्य की गुणवत्ता सही नहीं होने की वजह से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी ग्राम पंचायत में ग्रेवल सड़क आबादी भूमि से विलेज तलिया तक चल रहे कार्य पर 83 में से 42 श्रमिक मौके पर मिले। मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने सहायक अभियंता सुमेरसिंह एवं अन्य कार्मिकाें को ग्रेवल सड़काें की गुणवत्ता सुधारने एवं इनकी पटरी निर्माण भी कराने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत नोखड़ा में अपूर्ण ग्रेवल सड़क शशि नाडी से सांजटा संपर्क सड़क तक कार्य पर 95 में से 65 श्रमिक मौके पर मिले। नाइयो की नाडी खुदार्इ कार्य पर 59 में से 49 श्रमिक मौके पर मिले। यहां श्रमिकों को नाडी की पाल की दूसरी तरफ खोदी गर्इ मिटटी डालने के निर्देश दिए गए, ताकि बारिश के दौरान मिटटी बहकर वापिस तालाब में नहीं आए। इसी तरह गुणेश नाडा खुदार्इ कार्य पर 65 में से 47 श्रमिक एवं गंवार्इ नाडी नोखड़ा खुदार्इ कार्य पर 62 में 60 श्रमिक उपसिथत मिले। इस दौरान सहायक अभियंता सुमेरसिंह, सरपंच वागाराम खत्री, ग्रामसेवक मुकनाराम, ग्राम रोजगार सहायक सुखदेव भी उपसिथत थे।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी गुगरवाल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नोखड़ा का आकसिमक निरीक्षण किया। इस दौरान डा.रामसिंह यादव 22 जून एवं पुरखाराम चौधरी मेल नर्स प्रथम 17 जून से अनुपसिथत पाए गए। उपसिथति रजिस्टर में इनकी अनुपसिथति इन्द्राज करते हुए इनके खिलाफ कार्यवाही के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए। इस दौरान डा.राजेश गुर्जर ने बताया कि चिकित्सालय में जेएसवार्इ में निर्मित वार्ड को पिछले दो साल से हैड ओवर नहीं किया गया है। इसके अलावा अस्पताल की छत बारिश के दौरान टपकती है। इसकी वजह से स्टाफ एवं मरीजाें को खासी परेशानी होती है। इस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग को अधिकारियाें को इस समस्या समाधान के लिए निर्देशित किया गया।

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