सीमा की रक्षा के लिए 344 और जवान तैयार सीमा सुरक्षा बल का सरहदी जिले बाड़मेर में पहली बार हुआ दीक्षांत समारोह बाड़मेर सीमा पर देश की रक्षा में बलिदान होना और तिरंगे में लिपटकर घर आना , ये सोच कर ही भारत के युवाओं केबाजू फाडक उठते हैं और आँखों में देश के तिरंगे की तीन रंगी छवि उभर जाती हैं , इसी भावना और कुछ करगुजरने की तमन्ना के साथ सीमा सुरक्षा बल में 344 जवानो ने कड़ी ट्रेनिंग करने के बाद शुक्रवार सुबह शपथ लीकि नभ ,जल और थल जहां भी देश की सीमा हैं वो वहां जाकर देश की रक्षा करने को तैयार हैं ! पेश हैं एक खासरिपोर्ट शुक्रवार की सुबह भारत-पाक सीमा से सटे बाड़मेर की जमीन के लिए कुछ ख़ास बन पड़ी , यह वही जमीन हैं जहांसन 1965 में पडोसी मुल्क की सेना को मुंह की खानी पड़ी थी उसके बाद से यह सीमा सीज कर दी गई और इसकीसुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया सीमा सुरक्षा बल को ! भारत की इस अत्याधुनिक साजो-सामान और हथियारों सेलेस सेना को हर समय विकसित करने के प्रयास किये जाते रहे हैं और इसमें नए जवानो को भी भर्ती किया जातारहा हैं ! इसी कड़ी में पूरे देश के विभिन्न प्रान्तों से चुने गए 344 नौजवान युवाओं को देश की सीमा की रक्षा के लिएउम्दा ट्रेनिंग के दौर से नौ माह तक गुजारा गया , उन्हें इतना तपाया गया कि वो सामान्य युवक से देश केअनुशासित जवान बनाए गये और अब शुक्रवार सुबह से वो पूरी तरह से सेना के अंग बन गए हैं इसके लिए ख़ास तौर पर सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक ऐ,के सिन्हा यहाँ पहुंचे और इन जवानो कीहौसलाफजाई की उन्होंने जवानो की सिपाही के तौर पर पहली परेड की सलामी ली और उनको सेना में शामिलहोने पर बधाई दी ! इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के बाड़मेर सेक्टर मुख्यालय के डीआईजी माधो सिंह चौहान ,डीआईजी आर.एस मेहरवाल समेत बीएसएफ़ के कई अधिकारी शामिल हुए वही बाड़मेर के जिला पुलिस अधीक्षकराहुल बढ़ात भी इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने ! सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक ऐ,के सिन्हा ने इस मौके पर परेड की सलामी ली , कई जवानो जिन्होंने अपनेकर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया उन्हें सम्मानित किया तथा जवानो के नाम सम्बोधन में उन्हें इस महान सेना मेंशामिल होने पर बधाई भी दी !जवानो ने जैसे ही शपथ ली वहां मौजूद हजारों जवानो और जवानों के परिवार जनों ने तालियाँ बजा कर तथा भारतमाता की जय के उदघोष के साथ उनका स्वागत किया ! इस अवसर पर जवानो को भारतीय ध्वज पर हाथ रखवाकर शपथ दिलाई गई कि देश कि रक्षा के लिए वो किसी भी हद तक जाने को हर वक़्त तैयार रहेंगे चाहे उसके लिएउन्हें अपने प्राणों को ही क्यों न न्योछावर करना पड़े ! वहीँ जवानो से जब पुछा गया कि उन्होंने सीमा सुरक्षा बल कोही क्यों चुना तो उनका कहना था कि देश कि रक्षा और रक्षा के लिए मर मिटने का इससे अच्छा जरिया कहीं नहीं हैंइसलिए उन्होंने सीमा सुरक्षा बल में शामिल होकर देश सेवा करना सोचा हैं !इस मौके पर राष्ट्रीय तिरंगे को सलामी देते हुए जवानो ने अंत में सीमा सुरक्षा बल गीत सामूहिक रूप से गाकरसभी को भावविभोर कर कर दिया जवानो को शपथग्रहण करता हुआ देखने के लिए उनके परिजन भी देश के कईराज्यों से यहाँ पहुंचे और शपथ ग्रहण करने के बाद उन्हें गले लगाकर देश की सेवा के लिए देश को समर्पित करदिया !
महिलाओं के डांस ने रूकवाया निकाह बांसवाड़ा। एक दूल्हा गाजे-बाजे के साथ अपनी बारात तो लेकर आया पर उसे बिना दुल्हन के ही लौटना पड़ा। जानकारी के अनुसार शहर के हुसैनी चौक में वहीद खान के घर गुजरात के बड़ौदा जिले के आसोज गांव से रिजवान अली के बेटे नवाज की बुधवार को बारात आई थी। शादी वहीद की बेटी की थी। बाराती नाचते-गाते निकाह स्थान पर पहुंचे। बारात में आई महिलाओं ने सड़क पर डांस किया। महिलाओं के डांस पर निकाह कराने वाले मौलाना भड़क गए। नाराज मौलाना ने निकाह कराने से ही इनकार कर दिया।यह देख कर शादी कराने वाले मौलाना उस्मान साहब ने निकाह कराने से इनकार कर दिया। जब दूल्हे के पिता रिजवान ने निकाह नहीं करने का कारण पूछा तो मौलाना ने कहा कि दो साल पहले पंचो की सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया था कि स्थानीय या बाहर से समाज की जो भी बारात आएगी उसमें बैंड बाजों के आगे महिलाएं डांस नहीं करेंगी। इसलिए मैं यह निकाह नहीं कराऊंगा। दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क दिए। जिसके बाद दूल्हे के गांव जा कर दोनों का निगाह करवाया गया।
सीमा पर घुसपैठ का भारत ने जताया विरोध
बाड़मेर सीमा सुरक्षा बल व पाकिस्तान रेंजर्स की संयुक्त त्रैमासिक बैठक बुधवार को सीमा स्तंभ 814 पर मुनाबाव में आयोजित हुई। इसमें भारतीय दल के प्रमुख ने पाकिस्तानी नागरिकों की ओर से सीमा पर की जाने वाली अवैध घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति जताई। इस पर पाक दल के प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात जवानों को सख्त निर्देश देकर घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही घुसपैठ पर पाबंदी लगाने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
मुनाबाव कांफ्रेंस हॉल में आयोजित इस संयुक्त बैठक की शुरूआत में बीएसएफ के डीआईजी आर.एस. राठौर ने पाकिस्तानी दल का स्वागत किया। पाक दल का नेतृत्व पाक रेंजर्स के डीडीजी ब्रिगेडियर मोहम्मद रफीक खान ने किया। बैठक में सीमा संबंधी मामलों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में भारत की ओर से सीमा के निकट पाक नागरिकों की ओर से मवेशी चराने की आड़ में तस्करी व अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन करने की संभावना पर कड़ी आपत्ति की गई। वहीं पाक रेंजर्स ने बीएसएफ की ओर से लगाई गई फ्लड लाइट्स की रोशनी के पाकिस्तान की जमीन पर पडऩे का मुद्दा उठाया गया। दोनों ही देश के प्रतिनिधियों ने सीमा पर शांति व सौहाद्र्र स्थापित कर सीमा रक्षक बलों के बीच आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिए अपनी सहमति जताई। बैठक के अंत में बीएसएफ व पाक रेंजर्स की ओर से प्रमुख निर्णयों की प्रतिलिपियों पर हस्ताक्षर कर एक-दूसरे को सुपुर्द किए गए। पाक दल का नेतृत्व कर रहे ब्रिगेडियर खान ने बैठक को सफल बताते हुए धन्यवाद दिया। अंत में बीएसएफ के बैंड दल ने धुनें बिखेरी। बैठक में भारत की ओर से डीआईजी राठौर के अलावा डीआईजी हरमिंदर पाल, यू.के. नयाल, आर.के. थापा, एम.एस. चौहान, समादेष्टा आई.के. मेहता, उप समादेष्टा के.सी. यादव व सहायक कमांडेंट आर.के. डागर ने भाग लिया।
भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित अन्य मुद्दों पर किसान पंचायत 22 को बाड़मेर नए भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास व पुनर्बंदोबस्त विधेयक-2011 के विरोध में स्वदेशी जागरण मंच आगामी 22 नवंबर को बाड़मेर में किसान पंचायत आयोजित करेगा। इसमें स्वदेशी आंदोलन के संस्थापक नेता मुरलीधर राव सहित अन्य किसान नेता संबोधित करेंगे। मंच के प्रदेश प्रवक्ता संदीप काबरा ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में इसकी घोषणा करते हुए पंचायत के दौरान होने वाली चर्चा के मुख्य बिंदुओं की जानकारी दी। किसान पंचायत में केंद्र सरकार की नई जल नीति-2012, डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी), तारबंदी की समस्या, भूईयांतरा बंदरगाह, बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय की स्थापना व निजी क्षेत्र में कार्यरत कंपनीज की ओर से किसी प्रकार के सामाजिक सरोकार के कार्य नहीं करने पर इस पंचायत में चर्चा की जाएगी। एफडीआई किसान विरोधी : प्रदेश प्रवक्ता काबरा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 1994 में विश्व व्यापार संगठन के साथ हुए कृषि संबंधी समझौते के कारण देश के किसानों की हालात खस्ता होती जा रही है। 2010 तक 2 लाख 56 हजार 913 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, फिर भी सरकार किसान विरोधी नीतियों को लागू करने में आमादा है। एफडीआई को किसान विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के कुल सड़क मार्ग का महज 2 फीसदी ही नेशनल हाइवे है। ऐसे में एफडीआई कैसे कारगर सिद्ध होगा। इन सबके अलावा बाड़मेर में तेल व लिग्नाइट की खोज के बाद लगातार हो रही भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया से किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। स्वदेशी जागरण मंच ऐसे ही मुद्दों पर देश भर के कई क्षेत्रों में किसान पंचायतों का आयोजन कर जन जागरण और संघर्ष की भूमिका तैयार कर रहा है। इसी को लेकर आगामी 22 नवंबर को बाड़मेर में किसान पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। ये नेता होंगे पंचायत में शामिल : किसान पंचायत में पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल मलिक, मिर्जापुर के पूर्व सांसद वीरेंद्रसिंह चौधरी व राजस्थान के पूर्व मंत्री व कोलायत विधायक देवीसिंह भाटी सहित कई किसान नेता संबोधित करेंगे। वहीं इस पंचायत के लिए क्षेत्र के पूर्व सांसद मानवेंद्रसिंह, पूर्व मंत्री गंगाराम चौधरी व पूर्व मुख्यमंत्री के मॉनिटरिंग सलाहकार लाधूराम बिश्नोई बतौर संरक्षक शामिल होंगे। प्रचार-प्रसार गांव-ढाणियों तक : काबरा ने कहा कि पंचायत को सफल बनाने के लिए मंच के कार्यकर्ता अभी से जुट गए हैं। बाड़मेर व जैसलमेर के सभी गांव-ढाणियों में इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा और हितों की रक्षा के लिए शामिल होने के लिए किसानों से आह्वान किया जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस में स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश आंदोलन प्रमुख गोपालसिंह भाटी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्ण कुमार बिश्नोई, जिला संयोजक राजेंद्रसिंह भिंयाड़ व पुष्पेंद्रसिंह सोढ़ा भी उपस्थित थे।
गांधी परिवार ने दबाई 90 करोड़ की जमीन? नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने गांधी परिवार के ट्रस्ट को मुंबई की 90 करोड़ की बेशकीमती जमीन मुफ्त में दे दी। एक निजी चैनल ने यह खुलासा किया है। चैनल के मुताबिक गांधी परिवार के ट्रस्ट एसोसिएट जर्नल को यह जमीन नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के दफ्तर के निर्माण के लिए दी गई थी लेकिन 30 साल बाद भी जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है। इस कारण यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या गांधी परिवार ने 90 करोड़ की जमीन दबा रखी है? कहा जा रहा है कि असल में यह जमीन गरीब दलित छात्रों के होस्टल के निर्माण के लिए आवंटित की गई थी। शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया है कि गांधी परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नियमों में ढील दे दी। इस खुलासे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका कहना है कि ज्यादा जानकारी जुटाने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करेंगे। चैनल का कहना है कि गांधी परिवार को जमीन देने के लिए लीज की शर्तो का पालन नहीं किया गया। साथ ही भुगतान की शर्तो का भी पालन नहीं किया गया। हाल ही में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे पर धांधली के आरोप लगाए थे। स्वामी ने आरोप लगाया था कि दो समाचार पत्रों की 1600 करोड़ की संपत्ति हड़पने के लिए दोनों ने धांधली की थी। स्वामी ने कहा था कि कौमी आवाज और नेशनल हेराल्ड की बेशकीमती जमीन को हड़पने के लिए दोनों ने नई कंपनी बना ली। इसमें सोनिया और राहुल के 76 फीसदी शेयर हैं। इस कंपनी को कांग्रेस ने 90 करोड़ रूपए का कर्ज दिया था। कांग्रेस ने भी कर्ज देने की बात कबूली थी। हालांकि कांग्रेस ने कहा था कि यह लोन बिना ब्याज पर दिया गया था। यह किसी को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं दिया गया था। स्वामी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की थी। वह चुनाव आयोग में गए थे लेकिन आयोग ने कांग्रेस की मान्यता रद्द करने से इनकार कर दिया। अब स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कल्याणपुर में कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत कार्यकर्ता एकजुट होकर करें जनसंपर्क : पूर्व सांसद
मानवेंद्रसिंह भाजपा के जनजागरण अभियान के तहत बैठक आयोजित डोली में रासायनिक पानी का लिया जायजा पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्रसिंह ने डोली पहुंचकर जोधपुर से आ रहे रासायनिक पानी का जायजा लिया। रासायनिक पानी से निजात पानी की मांग को लेकर युवा मंडल के ग्रामीण अध्यक्ष मुल्तान सिंह राजगुरु ने पूर्व सांसद को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार की ओर से रासायनिक पानी की निकासी को लेकर स्थाई समाधान नहीं करने से डोली वासी परेशान है। इस पर पूर्व सांसद ने जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। कल्याणपुर. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्रसिंह का गुरुवार को कस्बे में आगमन पर स्थानीय कार्यकर्ताओं की ओर से स्वागत किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद ने आगामी चुनावों में संगठन को मजबूर करने का आग्रह किया तथा कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की। इस दौरान सरपंच दौलाराम कुआ, चांद सिंह सरवड़ी, घेवर सिंह राजपुरोहित, लूणचंद बागरेचा, गुमानसिंह, सत्यप्रकाश बागलोप, जबर सिंह राठौड़, मांगूसिंह पंवार, भवानीसिंह राव सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। पचपदरापचपदरा. आयोजित बैठक में मंत्रणा करते पदाधिकारी व कार्यकर्ता। भाजपा ग्रामीण मंडल बालोतरा की ओर से जन जागरण अभियान के तहत बुधवार को विधानसभा मुख्यालय पचपदरा के पुराने पंचायत भवन में बैठक का आयोजन हुआ।
बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्रसिंह ने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। आज देश की साख विश्व स्तर पर कांग्रेस की जन विरोधी नीतियों की वजह से गिर गई है। ऐसी स्थिति में कार्यकर्ता एकजुट होकर आने वाले चुनावों में एक ही नारे के साथ कांग्रेस हटाओ देश बचाओ के साथ जनता तक संदेश पहुंचाए। बैठक को पूर्व गृह राज्य मंत्री अमराराम चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के कारण प्रदेश विकास की दौड़ में अन्य राज्यों में पिछड़ गया है। नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान ने भ्रष्टाचार से चारों तरफ गिरी कांग्रेस को हटाने का आह्वान किया। ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भवानीसिंह टापरा ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि अब आने वाला समय परीक्षा की घड़ी है। ऐसे वक्त में सभी कार्यकर्ताओं की पहचान होती है।
अनुशासित रहते हुए पार्टी हित में जनता से जुड़कर आम समस्या को उठाए, जिससे पुन: पचपदरा विधानसभा में कमल खिल सके। बैठक में किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष हमीरसिंह भायल, जिला मंत्री देवीसिंह, कैलाश चौधरी, पूर्व प्रधान भुरसिंह मंूगड़ा ने भी संबोधित किया। बैठक में कार्यकर्ताओं की ओर से सभी अतिथियों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। बैठक में पूर्व सरपंच धनराज चौपड़ा, पूर्व सरपंच एडवोकेट विजयसिंह राठौड़, बाबूलाल ढेलडिय़ा, कल्याणपुर सरपंच दौलाराम कुआ, पुखराज माली, भाखर राम विश्नोई, खीमाराम पालीवाल, नखतसिंह कालेवा, पूर्व प्रधान नैना राम चौधरी, कल्याणसिंह, नेमीचंद मोखीदेवी, नारायणलाल, हुकमाराम भाटी, नारायणलाल खारवाल, केवलराम भील, भूर सिंह खारवाल, लूण सिंह, नेमीचंद प्रजापत, जगदीश, भवानीसिंह, भंवरसिंह, नेमीचंद आर चौपड़ा, रामनाथ जोगी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
वहीं बैठक में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष पद पर अमित सिंह राठौड़ को मनोनीत किया गया।
मरुभूमि की एक अमर प्रेम-कथा… मूमल
महेन्द्रा
…राजस्थानी सौंदर्य का प्रतीक. अमर प्रेम के प्रतीक मूमल-महेन्द्रा
जैसलमेर। अद्वितीय सौन्दर्य की स्वामिनी मूमल व अदम्य साहस के प्रतीक महिन्द्रा के अटूट प्रेम को हजारों वर्ष बाद भी लोकप्रियता हासिल है। एक-दूसरे से बेइंतहा प्रेम करने वाले इन दीवानों के प्रेम का हालांकिदु:खद अंत हुआ, लेकिन स्वर्णनगरी के भ्रमण को आने वाले देशी-विदेशी सैलानी यहां मूमल की मेड़ी को देखकर उसकी प्रेम कहानी से काफी प्रभावित होते हंै।
मन में प्रेम कथा का विचार कौंधते ही मानस पटल पर प्रेम के पुजारी हीर-रांझा, सोहनी-महीवाल, शीरी फरहाद, जूलियट-सीजलर, लैला-मजनू और बूवना-जलाल का नाम सामने आ जाता है। ऎसे में मरूप्रदेश की मूमल व अमरकोट (पाकिस्तान) निवासी उनके प्रियतम महेन्द्रा की प्रेम कहानी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मूूमल की कलात्मक मेड़ी का बखान लोक गीतों में भी किया जाता है। बुजुर्ग बताते हैं कि जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लौद्रवा (जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर) में शिव मंदिर के समीप व काक नदी के किनारे आज भी मूमल की मेड़ी के अवशेष मौजूद है, जो कि इस अमर प्रेम कहानी के मूक गवाह बने हुए है। यहां आने वाले सैलानी भग्नावशेष के रूप में दिखाई देने वाली मेड़ी को देखकर उन दिनों की कल्पना करते हैं जब रेगिस्तान के मीलों लंबे समंदर को पार कर अमरकोट से महेन्द्रा अपनी प्रियतमा मूमल से मिलने यहां आता था।
यह है कथा
इतिहासविदों व साहित्यकारों ने मूमल-महेन्द्रा की प्रेम कथा को अलग-अलग ढंग से पेश किया है, लेकिन सभी में एक बात सामान्य है कि उनका इस लोक में सुखद मिलन नहीं हो पाया। कहानी कुछ इस प्रकार है कि सुंदरता की स्वामिनी मूमल की ख्याति सुनकर अमरकोट का महेन्द्रा उसकी एक झलक पाने के लिए काक नदी के समीप मूमल के महल के समीप पहुंचा और अपनी सूझबूझ से महल की सभी बाधाओं व भूलभुलैया को पार कर मूमल को अपना दीवाना बना दिया।
महेन्द्रा प्रतिदिन अमरकोट से ऊंट पर सवार होकर सौ कोस दूर स्थित लौद्रवा में मूमल से मिलने उसके महल आता और भोर होने से पहले ही लौट जाता। एक दिन दुर्भाग्यवश देरी से पहुंचे महेन्द्रा ने मूमल को पुरूष वेश में उसकी बहिन सूमल के साथ देखा, जिससे उसके मन में दुर्भावनाओं ने घर कर लिया। उसके बाद वह मूूूमल से मिले बिना ही वहां से लौट गया और फिर लौटकर उसके पास कभी नहीं आया। महेन्द्रा के कई दिनों तक लौद्रवा न आने से मूमल भी विरह वेदना में जलती रही। जब महेन्द्रा का भ्रम दूर हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हालांकि दोनों प्रेमियों इसके बाद कभी मिलन नहीं हुआ, लेकिन उनकी प्रणय कथा सच्चे प्रेमियों के लिए आदर्श बन चुकी है।
सुंदरता का पर्याय
मरूप्रदेश में सुंदर बेटी या बहू को मूमल की उपमा दी जाती है। अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मरू महोत्सव में भी प्रतिवर्ष मिस मूमल सौन्दर्य प्रतियोगिता होती है। इस प्रतियोगिता को जीतने का सपना संजोए न केवल जिले से, बल्कि दूर-दराज की कई युवतियां यहां पहुंचती है।
"कस्टोडियन भूमि की खातेदारी शिविरों में" श्रीगंगानग। कस्टोडियन भूमिधारकों को खातेदारी का काम जनवरी 2013 में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत लगने वाले शिविरों में किया जाएगा। राजस्व एवं जल संसाधन मंत्री हेमाराम चौधरी ने यह जानकारी गुरूवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में दी। वे राजस्व कर्मचारियों की राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन के सिलसिले में यहां आए थे। चौधरी ने बताया कि कस्टोडियन भूमि के धारकों को खातेदारी देने के प्रकरण श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, जयपुर व अलवर जिलों में हैं। राज्य सरकार ने साल भर पहले ऎसी भूमि के धारकों को खातेदारी देने का फैसला किया था, लेकिन इस दिशा में अपेक्षित काम नहीं हो पाया। अब प्रशासन गांवों के संग अभियान में ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऎसे प्रकरणों में टाइटल को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। खातेदारी के लिए कोई सबूत जरूरी होता है, जिनके पास सबूत नहीं उन्हें खातेदारी देना संभव नहीं।कमांड करने पर रोक नहींअनकमांड (असिंचित) भूमि को कमांड (सिंचित) करने पर रोक के संबंध में चौधरी का कहना था कि सरकार की ओर से ऎसी कोई रोक नहीं है। हमारे पास लगातार आवेदन आ रहे हैं, लेकिन अनकमांड को कमांड तभी किया जाता है जब पानी सरप्लस हो। रास्तों से संबंधित प्रकरणों के निपटारे के लिए सरकार के राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 में धारा 251 (ए) जोड़ने पर भी अपेक्षित संख्या मेंं ऎसे विवादों का निपटारा नहीं होने के बारे में उनका कहना था कि यह बात सही है, लेकिन अधिनियम में यह प्रावधान किए जाने के बाद विवादों को निपटारा भी तो हुआ है।ब्याज माफी की छूट बढ़ाईकिसानों के हित में सरकार के फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सिंचित क्षेत्र में ब्याज माफी की छूट फरवरी 2013 तक बढ़ा दी गई है। किस्त नहीं भरने पर जिन किसानों की भूमि खारिज हो गई है, उन्हें बिना ब्याज अदा किए किस्तें भराने पर भूमि को बहाल कर दिया जाएगा बशर्ते वह भूमि किसी और को आवंटित नहीं हुई हो।
नई दिल्ली. सूरजकुंड में शुक्रवार को कांग्रेस के 'संवाद' सत्र में मनमोहन सरकार को कांग्रेस पार्टी के वार झेलने पड़ सकते हैं। पार्टी के नेता सरकार को कुछ अहम मुद्दों पर घेरने के मूड में हैं। होटल राजहंस में चलने वाली बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। सोनिया और राहुल सहित तमाम बड़े कांग्रेसी बस में सवार होकर सूरजकुंड जाएंगे। राजनीतिक व आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा के साथ भावी एजेंडा तय करने के लिए यह बैठक आयोजित की जा रही है। जनवरी में संभावित पार्टी के चिंतन शिविर का एजेंडा संवाद सत्र में तय किया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक में सरकार को संगठन पुरजोर ढंग से मजबूरियां बताएगा। कार्यसमिति के सदस्य सरकार को बताएंगे कि वे संगठन और कार्यकर्ताओं की अनदेखी न करें। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब तक सरकार की ओर से यह दलील दी जाती रही है कि संगठन कमजोर हुआ है। जबकि वास्तविकता यह है कि मंत्री जमीनी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुन रहे हैं। बैठक में कार्यसमिति के सदस्य अपनी शिकायतों के अलावा मंत्रियों को यह भी बताएंगे कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी को जनता से क्या क्या सुनने को मिल रहा है।
सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की सं या नहीं बढ़ाने को लेकर पूर्व पेट्रोलियम मंत्री को निशाना बनाया जा सकता है। अहम योजनाओं का मीडिया के जरिए प्रभावी प्रचार करवाने में विफलता के लिपूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री पर नाराजगी जताई जा सकती है।
पार्टी मंत्रियों से पूछेगी कि 2009 के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदे कैसे पूरे किए जाएंगे जबकि अगले चुनाव में अब सिर्फ डेढ़ साल बाकी है। पार्टी सरकार के सामने उन चुनौतियों को रखेगी जिनका सामना उसे जनता के बीच जाते हुए करना होगा। सरकार पर दबाव होगा कि वह अपने बचे कार्यकाल में किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मुहैया करवाए और खाद की कीमतें नहीं बढऩे दी जाएं। खाद्य सुरक्षा बिल संसद से पास करवाकर उसे मनरेगा की तरह लागू किया जाए और आधार योजना को व्यापक रूप दिया जाए। एक वरिष्ठ नेता ने भास्कर से कहा कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में जरूरी है कि सरकार और पार्टी तालमेल बनाकर चलें।
सर्वे में 4.25 करोड़ की अघोषित आय उजागर जोधपुर। आयकर विभाग की ओर से ज्वैलर्स, पटाखा व जीरा व्यवसाय की चार फर्मो पर की गई सर्वे कार्रवाई गुरूवार को पूरी हुई। सर्वे में चारों फर्मो पर सवा चार करोड़ की अघोषित आय उजागर हुई। चारों व्यवसायियों ने अघोषित आय पर देय कर की 1.30 करोड़ राशि के चेक आयकर विभाग के दल को समर्पित किए। आयकर आयुक्त द्वितीय आर. के. चौबे ने बताया कि विभागीय दलों की शहर में विभिन्न स्थानों पर ज्वैलर्स की दो, पटाखा की एक तथा मण्डोर कृषि उपजमण्डी स्थित जीरा व्यवसाय की एक फर्म पर सर्वे की कार्रवाई दूसरे दिन पूरी हुई। कार्रवाई में ज्वैलर्स की एक फर्म पर 2.25 करोड़, ज्वैलर्स की दूसरी फर्म पर 1.20 करोड़, जीरा व्यवसायी पर 55 लाख तथा पटाखा व्यवसायी पर 20 लाख की अघोषित आय उजागर हुई। संयुक्त आयकर आयुक्त एन.ए. जोशी के नेतृत्व में बुधवार शाम शुरू हुई सर्वे कार्रवाई के दौरान एक ज्वैलर्स फर्म ने 70 लाख, दूसरी ज्वलैर्स फर्म ने 38 लाख, जीरा व्यवसायी ने 16 लाख तथा पटाखा व्यवसायी ने छह लाख की राशि अघोषित आय पर देय कर के रूप में समर्पित की। दो दिन चली कार्रवाई में आयकर अधिकारी श्ौलेन्द्र भण्डारी, सुभाष खर्रा सहित करीब 25 अधिकारी शामिल थे।
दहेज वाली शादियों का बहिष्कार करें! उदयपुर। महिलाओं की समस्याओं का निराकरण किसी जादू की छड़ी से नहीं किया जा सकता, इसके लिए समाजों को पहल करनी होगी। दहेज लेने-देने वाली शादियों का बहिष्कार करना होगा, बाल विवाह में हिस्सा लेने के बजाय समझाइश करनी होगी और उन समस्याओं को दूर करना होगा, जो बाल विवाह का कारण होती हैं। उक्त विचार राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने बुधवार को हिरणमगरी में परिवार परामर्श केन्द्र के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने विवाह पूर्व परामर्श की व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कहते हुए विधायक किरण माहेश्वरी के इस संबंध में सुझाव को आयोग में रखने का संकल्प जताया। उन्होंने शिक्षित महिलाओं को घर में बैठकर साड़ी-ब्लाउज या रोटी-सब्जी की बातें करने के बजाय आस-पास की महिलाओं को समझाने-पढ़ाने का दायित्व लेने की सलाह दी। समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने विवाह विघटन के लगातार बढ़ रहे मामलों का हवाला देते हुए विवाह पूर्व परामर्श केन्द्रों की स्थापना का सुझाव दिया। विशिष्ट अतिथि नगर परिषद् उपसभापति महेन्द्रसिंह शेखावत ने पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण को पारिवारिक विघटन का मूल कारण बताया। शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डॉ. विजयलक्ष्मी चौहान ने परामर्श केन्द्रों को समाज की आवश्यकता बताया। संस्थान अध्यक्ष भोजराज सिंह ने केन्द्र के मार्फत समाज सेवा के प्रयासों का संकल्प जताया। आसरा विकास संस्थान की ओर से संचालित केन्द्र विवाह के बाद होने वाली समस्याओं पर दम्पती व उनके परिवारों की समझाइश करेगा। संचालन रागिनी पानेरी ने किया।
आईपीएस कुलदीप का डीजीपी बनने का रास्ता साफ अहमदाबाद।मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ खुल कर सामने आने वाले गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर पदोन्नत होने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरूवार को इस प्रकरण में गुजरात सरकार की चुनौती को खारिज कर दिया। शर्मा को डीजीपी पद पर पदोन्नति देने के लिए केन्द्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।भारतीय पुलिस सेवा के 1976 बेच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा इन दिनों प्रति नियुक्ति पर ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरएण्डडी) नई दिल्ली में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) पद पर सेवारत हैं। केन्द्र सरकार ने शर्मा को हाल ही में एडीजीपी पद से सशर्त डीजीपी पद पर पदोन्नति दी है, जिसे गुजरात सरकार ने चुनौती दी थी। केन्द्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा कि केन्द्र देश के बेहतरीन आईपीएस अधिकारियों को डीजीपी बनाने का इच्छुक है तथा शर्मा इस श्रेणी के आईपीएस हैं, लेकिन गुजरात सरकार की ओर से सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (केट) के शर्मा की एसीआर को "वैरीगुड" से "आउट स्टेंडिंग" करने के निर्देश को स्वीकार नहीं करना बाधा बना हुआ है।शर्मा ने केट में उनकी एसीआर को डाउनग्रेड किए जाने को चुनौती दी थी। शर्मा के अनुसार पूर्वाग्रह रखते हुए बदनीयत से एसीआर को आउट स्टेडिंग से डाउनग्रेड कर वैरीगुड किया गया था। केट ने माना कि राज्य सरकार ने पूर्वाग्रह रख बदनीयत से शर्मा की एसीआर को डाउनग्रेड किया है।लिहाजा केट ने वैरीगुड एसीआर को आउटस्टेडिंग माना है। केट के निर्णय के चलते शर्मा को डीजीपी पद पर पदोन्नति दी जा सकती है, लेकिन राज्य सरकार ने केट के इस फैसले को चुनौती दी थी। केन्द्र ने मांग की थी कि विचाराधीन मामले पर जल्द फैसला आए ताकि शर्मा को डीजीपी पद पर पदोन्नति दिए जाने का रास्ता साफ हो सके।
मोदी की वैवाहिक स्थिति के बारे में याचिका खारिज अहमदाबाद।गुजरात उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की वैवाहिक स्थिति के बारे में चुनाव आयोग से जांच कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य व न्यायाधीश जेबी पारडीवाला की खंडपीठ ने जिग्नेश गोस्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका पर टिप्पणी की कि इन मुद्दों पर किन कारणों से चुनाव आयोग से स्थिति रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए। ये मुद्दे फिलहाल अपरिपक्व हैं। न्यायालय चुनाव की प्रक्रिया को लेकर तब तक कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है जब तक कोई उल्लंघन नहीं हो रहा हो। याचिका में मोदी के थरूर की पत्नी सुनंदा के 50 करोड़ की गर्ल फ्रैंड के जवाब में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान का हवाला दिया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी अपनी पत्नी का नाम क्यों छिपाते हैं? याचिका के मुताबिक मोदी गत चुनावों में नामांकन पत्रों में वैवाहिक स्थिति के कॉलम रिक्त रखते हैं। गुजरात के साथ-साथ देश की जनता जानना चाहती है कि मोदी विवाहित हैं या अविवाहित। याचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता को पता चला है कि मोदी की पत्नी का नाम यशोदाबेन है और उनसे एक बच्ची भी है जो सुदूर गांव में रहती है जिसे मोदी ने दशकों पहले छोड़ दिया है। इस तरह मोदी अपनी नैतिक व वैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। भारी पड़ा मोदी के पैर छूनानिर्वाचन आयोग ने अवर सचिव भरत वैष्णव को गुरूवार को चुनावी डयूटी से हटा दिया। हाल ही में वैष्णव के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैर छूते हुए की तस्वीर के साथ कांग्रेस ने इस बारे में शिकायत की थी। गुजरात की मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अनिता करवल ने केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के आदेश पर तत्काल प्रभाव से वैष्णव को अवर सचिव के रूप में चुनावी डयूटी के साथ पूर्व पद सेक्शन निर्वाचन अधिकारी से भी हटा दिया है। वैष्णव की नई नियुक्ति का जिम्मा राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के हवाले कर दिया है। करवल के अनुसार कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा को ध्यान में रखते हुए गत मंगलवार को वैष्णव की मोदी के पैर छूते हुए तस्वीर पेश करते हुए उनकी निष्पक्षता पर आशंका व्यक्त की थी।वैसे, प्राथमिक जांच में पता चला कि वैष्णव की मोदी के चरण स्पर्श करते हुई तस्वीर एक साल से ज्यादा पुरानी थी। इससे उपरोक्त विवादित मसले की कांग्रेस की शिकायत को केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के पास मार्गदर्शन के लिए भेजा गया। आयोग ने उस पर विचार करने के बाद गुरूवार को वैष्णव को चुनावी डयूटी से बाहर करने का आदेश दिया है। (का.सं.)मोदी को नहीं था संत सम्मेलन का न्योताअहमदाबाद के छारोड़ी गुरूकुल में आयोजित संत सम्मेलन के आयोजक स्वामी परमानंद के अनुसार मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कार्यक्रम में शिरकत जरूरत की लेकिन इस संदर्भ में कोई अधिकृत न्योता नहीं भेजा गया था। आयोजक स्वामी परमानंद के अनुसार मोदी ने संतो के दर्शन की इ“छा जताते हुए संत सम्मेलन में शिरकत के लिए खुद फोन किया था। मोदी सम्मेलन में स्वेच्छा से बुधवार को कार्यक्रम में शामिल हुए। आयोजकों ने आयोजन स्थल पर मोदी की आरएसएस-विहिप के मोहन भागवत व अशोक सिंघल के साथ किसी राजनीतिक मंत्रणा से भी इनकार किया है। परमानंद ने कहा कि संत सम्मेलन प्लानिंग आठ माह पहले की गई थी।उस समय गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं हुई थी। हिन्दू जागरूकता के उद्देश्य से निर्धारित संत सम्मेलन में आरएसएस, विहिप आदि से जुड़े गणमान्यों के अलावा शीर्ष संत महंतों को आमंत्रित किया गया था। इसका सम्मान करते हुए भागवत एवं सिंघल बुधवार को सम्मेलन में शिरकत करने आए थे। बुधवार को ही मोदी ने भी सम्मेलन में शिरकत की। गुरूवार को परमानंद के साथ बात करने के बाद भागवत व सिंघल से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
पहाड़ी पर मिला नर कंकाल आबूरोड। समीपवर्ती ऋषिकेश मंदिर (उमरनी) के पीछे स्थित पहाड़ी पर पड़ा एक नर कंकाल पुलिस ने गुरूवार सुबह बरामद किया। कंकाल को वहां से लाकर पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मोर्चरी पहुंचा दिया है। पोस्टमार्टम होने के बाद इसका अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा। पुलिस अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि मृतक की मौत हुई या फिर हत्या कर शव वहां डाल दिया गया। पुलिस उपअधीक्षक कैलाशसिंह सांदू ने मौके पर बताया कि कंकाल करीब पच्चीस-तीस वर्षीय युवक का होने का अनुमान हैं। साथ ही युवक की मौत करीब दो माह पूर्व होने का अनुमान है। चूंकि, सिर्फ हडि्डयों का ढांचा ही बचा होने के कारण शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने मृतक की पहचान के प्रयास शुरू कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश मंदिर में गत सोमवार रात को हुई मूर्तियों की चोरी के सिलसिले में पुलिसकर्मियों का दल तलाश में निकला हुआ था। पहाड़ी पर बदबू आने पर वहां देखा तो एक बड़ी शिला से सटकर हडि्डयों का ढांचा पड़ा मिला।कंकाल की स्थिति को देखते हुए प्रथम दृष्टया अनुमान लगाया जा रहा है कि युवक की मौत के बाद जंगली जानवरों ने उसे नोंच लिया होगा। सदर पुलिस को सूचना देने पर पुलिस दल ने वहां से कंकाल को एक बोरे में डालकर पहाड़ी से नीचे उतारा तथा मोर्चरी पहुंचाया।लापता युवक होने की आशंकाडीएसपी सांदू ने बताया कि कंकाल मिलने के स्थान के पास से पुलिस को पेंट, शर्ट, जूते व हाथ घड़ी मिली है। उन्होंने बताया कि लुनियापुरा क्षेत्र से दो महीने पहले एक गोपाल बैरवा नामक युवक के लापता होने का मामला दर्ज है। पुलिस लापता युवक की बॉडी होने की आशंका जता रही है। लापता युवक के पिता गांधीधाम में रहते हैं। पुलिस ने उन्हें सूचित कर दिया है। डीएसपी सांदू ने बताया कि इस मामले में संदेहास्प्रद कुछ लोगों को चिह्नित कर लिया गया है। शिनाख्तगी के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रमुख समेत एक सीमेंट के अधिकारियों के विरूद्ध मामला दर्ज सिरोही । न्यायालय के आदेश पर पिण्डवाड़ा पुलिस ने जेके लक्ष्मी सीमेन्ट कम्पनी के कुछ अधिकारियों व सिरोही जिला प्रमुख के विरूद्ध एससीएसटी का मामला दर्ज किया है।पिण्डवाड़ा थानाधिकारी किशनसिंह राणावत के अनुसार चंवरली निवासी नारायण परिहार ने रिपोर्ट में बताया कि वह जेके लक्ष्मी सीमेन्ट में कर्मचारी था। कम्पनी में अधिकारियों की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को मानसिक रूप से परेशान किया जाता है। इस पर उसने इसका विरोध किया तो इस साल की शुरूआत में द्वेषतापूर्ण तरीके से उसका स्थानांतरण ओडीशा में कर दिया गया। जहां कम्पनी का कोई संस्थान नहीं है।उसके बाद से उसे धमकियां देकर मानसिक रूप से परेशान किया जाने लगा। इस पर उसने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष को शिकायत की। उसने स्वयं की जान को खतरा बताते हुए मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाकर जिला प्रमुख चंदनसिंह देवड़ा, जेके लक्ष्मी सीमेन्ट कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गणपतसिंह राजावत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वाणिज्यिक पी.एल. मेहता, सीनियर जनरल मैनेजर (पीएण्डए) दिनेश पंड्या, सुरक्षा अधिकारी अमित कुमार, टाइम ऑफिसर कांतिलाल दवे, एचआर बालागोपालन समेत लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज करवाया गया है।इन्होंने बताया...हां, जिला प्रमुख व जेके लक्ष्मी सीमेंट के कुछ अधिकारियों के विरूद्ध एससीएसटी के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।- सीताराम मीणा, पुलिस उपअधीक्षक, सिरोहीमैं अभी जयपुर में हूं। इस मामले की मुझे जानकारी नहीं है।- चन्दनसिंह देवड़ा, जिला प्रमुख, सिरोही