शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

सीमा की रक्षा के लिए 344 और जवान तैयार

सीमा की रक्षा के लिए 344 और जवान तैयार

सीमा सुरक्षा बल का सरहदी जिले बाड़मेर में पहली बार हुआ दीक्षांत समारोह 
बाड़मेर सीमा पर देश की रक्षा में बलिदान होना और तिरंगे में लिपटकर घर आना , ये सोच कर ही भारत के युवाओं केबाजू फाडक उठते हैं और आँखों में देश के तिरंगे की तीन रंगी छवि उभर जाती हैं , इसी भावना और कुछ करगुजरने की तमन्ना के साथ सीमा सुरक्षा बल में 344 जवानो ने कड़ी ट्रेनिंग करने के बाद शुक्रवार सुबह शपथ लीकि नभ ,जल और थल जहां भी देश की सीमा हैं वो वहां जाकर देश की रक्षा करने को तैयार हैं ! पेश हैं एक खासरिपोर्ट 
शुक्रवार की सुबह भारत-पाक सीमा से सटे बाड़मेर की जमीन के लिए कुछ ख़ास बन पड़ी , यह वही जमीन हैं जहांसन 1965 में पडोसी मुल्क की सेना को मुंह की खानी पड़ी थी उसके बाद से यह सीमा सीज कर दी गई और इसकीसुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया सीमा सुरक्षा बल को ! भारत की इस अत्याधुनिक साजो-सामान और हथियारों सेलेस सेना को हर समय विकसित करने के प्रयास किये जाते रहे हैं और इसमें नए जवानो को भी भर्ती किया जातारहा हैं ! इसी कड़ी में पूरे देश के विभिन्न प्रान्तों से चुने गए 344 नौजवान युवाओं को देश की सीमा की रक्षा के लिएउम्दा ट्रेनिंग के दौर से नौ माह तक गुजारा गया , उन्हें इतना तपाया गया कि वो सामान्य युवक से देश केअनुशासित जवान बनाए गये और अब शुक्रवार सुबह से वो पूरी तरह से सेना के अंग बन गए हैं 

इसके लिए ख़ास तौर पर सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक ऐ,के सिन्हा यहाँ पहुंचे और इन जवानो कीहौसलाफजाई की उन्होंने जवानो की सिपाही के तौर पर पहली परेड की सलामी ली और उनको सेना में शामिलहोने पर बधाई दी ! इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के बाड़मेर सेक्टर मुख्यालय के डीआईजी माधो सिंह चौहान ,डीआईजी आर.एस मेहरवाल समेत बीएसएफ़ के कई अधिकारी शामिल हुए वही बाड़मेर के जिला पुलिस अधीक्षकराहुल बढ़ात भी इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने !

सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक ऐ,के सिन्हा ने इस मौके पर परेड की सलामी ली , कई जवानो जिन्होंने अपनेकर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया उन्हें सम्मानित किया तथा जवानो के नाम सम्बोधन में उन्हें इस महान सेना मेंशामिल होने पर बधाई भी दी !

जवानो ने जैसे ही शपथ ली वहां मौजूद हजारों जवानो और जवानों के परिवार जनों ने तालियाँ बजा कर तथा भारतमाता की जय के उदघोष के साथ उनका स्वागत किया ! इस अवसर पर जवानो को भारतीय ध्वज पर हाथ रखवाकर शपथ दिलाई गई कि देश कि रक्षा के लिए वो किसी भी हद तक जाने को हर वक़्त तैयार रहेंगे चाहे उसके लिएउन्हें अपने प्राणों को ही क्यों न न्योछावर करना पड़े ! वहीँ जवानो से जब पुछा गया कि उन्होंने सीमा सुरक्षा बल कोही क्यों चुना तो उनका कहना था कि देश कि रक्षा और रक्षा के लिए मर मिटने का इससे अच्छा जरिया कहीं नहीं हैंइसलिए उन्होंने सीमा सुरक्षा बल में शामिल होकर देश सेवा करना सोचा हैं !




इस मौके पर राष्ट्रीय तिरंगे को सलामी देते हुए जवानो ने अंत में सीमा सुरक्षा बल गीत सामूहिक रूप से गाकरसभी को भावविभोर कर कर दिया जवानो को शपथग्रहण करता हुआ देखने के लिए उनके परिजन भी देश के कईराज्यों से यहाँ पहुंचे और शपथ ग्रहण करने के बाद उन्हें गले लगाकर देश की सेवा के लिए देश को समर्पित करदिया !

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