गांधी परिवार ने दबाई 90 करोड़ की जमीन?
नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने गांधी परिवार के ट्रस्ट को मुंबई की 90 करोड़ की बेशकीमती जमीन मुफ्त में दे दी। एक निजी चैनल ने यह खुलासा किया है। चैनल के मुताबिक गांधी परिवार के ट्रस्ट एसोसिएट जर्नल को यह जमीन नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के दफ्तर के निर्माण के लिए दी गई थी लेकिन 30 साल बाद भी जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है।
इस कारण यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या गांधी परिवार ने 90 करोड़ की जमीन दबा रखी है? कहा जा रहा है कि असल में यह जमीन गरीब दलित छात्रों के होस्टल के निर्माण के लिए आवंटित की गई थी। शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया है कि गांधी परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नियमों में ढील दे दी। इस खुलासे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उनका कहना है कि ज्यादा जानकारी जुटाने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करेंगे। चैनल का कहना है कि गांधी परिवार को जमीन देने के लिए लीज की शर्तो का पालन नहीं किया गया। साथ ही भुगतान की शर्तो का भी पालन नहीं किया गया।
हाल ही में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे पर धांधली के आरोप लगाए थे। स्वामी ने आरोप लगाया था कि दो समाचार पत्रों की 1600 करोड़ की संपत्ति हड़पने के लिए दोनों ने धांधली की थी। स्वामी ने कहा था कि कौमी आवाज और नेशनल हेराल्ड की बेशकीमती जमीन को हड़पने के लिए दोनों ने नई कंपनी बना ली।
इसमें सोनिया और राहुल के 76 फीसदी शेयर हैं। इस कंपनी को कांग्रेस ने 90 करोड़ रूपए का कर्ज दिया था। कांग्रेस ने भी कर्ज देने की बात कबूली थी। हालांकि कांग्रेस ने कहा था कि यह लोन बिना ब्याज पर दिया गया था। यह किसी को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं दिया गया था। स्वामी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की थी। वह चुनाव आयोग में गए थे लेकिन आयोग ने कांग्रेस की मान्यता रद्द करने से इनकार कर दिया। अब स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने गांधी परिवार के ट्रस्ट को मुंबई की 90 करोड़ की बेशकीमती जमीन मुफ्त में दे दी। एक निजी चैनल ने यह खुलासा किया है। चैनल के मुताबिक गांधी परिवार के ट्रस्ट एसोसिएट जर्नल को यह जमीन नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के दफ्तर के निर्माण के लिए दी गई थी लेकिन 30 साल बाद भी जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है।
इस कारण यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या गांधी परिवार ने 90 करोड़ की जमीन दबा रखी है? कहा जा रहा है कि असल में यह जमीन गरीब दलित छात्रों के होस्टल के निर्माण के लिए आवंटित की गई थी। शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया है कि गांधी परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नियमों में ढील दे दी। इस खुलासे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उनका कहना है कि ज्यादा जानकारी जुटाने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करेंगे। चैनल का कहना है कि गांधी परिवार को जमीन देने के लिए लीज की शर्तो का पालन नहीं किया गया। साथ ही भुगतान की शर्तो का भी पालन नहीं किया गया।
हाल ही में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे पर धांधली के आरोप लगाए थे। स्वामी ने आरोप लगाया था कि दो समाचार पत्रों की 1600 करोड़ की संपत्ति हड़पने के लिए दोनों ने धांधली की थी। स्वामी ने कहा था कि कौमी आवाज और नेशनल हेराल्ड की बेशकीमती जमीन को हड़पने के लिए दोनों ने नई कंपनी बना ली।
इसमें सोनिया और राहुल के 76 फीसदी शेयर हैं। इस कंपनी को कांग्रेस ने 90 करोड़ रूपए का कर्ज दिया था। कांग्रेस ने भी कर्ज देने की बात कबूली थी। हालांकि कांग्रेस ने कहा था कि यह लोन बिना ब्याज पर दिया गया था। यह किसी को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं दिया गया था। स्वामी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की थी। वह चुनाव आयोग में गए थे लेकिन आयोग ने कांग्रेस की मान्यता रद्द करने से इनकार कर दिया। अब स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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