नई दिल्ली. सूरजकुंड में शुक्रवार को कांग्रेस के 'संवाद' सत्र में मनमोहन सरकार को कांग्रेस पार्टी के वार झेलने पड़ सकते हैं। पार्टी के नेता सरकार को कुछ अहम मुद्दों पर घेरने के मूड में हैं। होटल राजहंस में चलने वाली बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। सोनिया और राहुल सहित तमाम बड़े कांग्रेसी बस में सवार होकर सूरजकुंड जाएंगे। राजनीतिक व आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा के साथ भावी एजेंडा तय करने के लिए यह बैठक आयोजित की जा रही है। जनवरी में संभावित पार्टी के चिंतन शिविर का एजेंडा संवाद सत्र में तय किया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक में सरकार को संगठन पुरजोर ढंग से मजबूरियां बताएगा। कार्यसमिति के सदस्य सरकार को बताएंगे कि वे संगठन और कार्यकर्ताओं की अनदेखी न करें। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब तक सरकार की ओर से यह दलील दी जाती रही है कि संगठन कमजोर हुआ है। जबकि वास्तविकता यह है कि मंत्री जमीनी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुन रहे हैं। बैठक में कार्यसमिति के सदस्य अपनी शिकायतों के अलावा मंत्रियों को यह भी बताएंगे कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी को जनता से क्या क्या सुनने को मिल रहा है।
सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की सं या नहीं बढ़ाने को लेकर पूर्व पेट्रोलियम मंत्री को निशाना बनाया जा सकता है। अहम योजनाओं का मीडिया के जरिए प्रभावी प्रचार करवाने में विफलता के लिपूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री पर नाराजगी जताई जा सकती है।
पार्टी मंत्रियों से पूछेगी कि 2009 के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदे कैसे पूरे किए जाएंगे जबकि अगले चुनाव में अब सिर्फ डेढ़ साल बाकी है। पार्टी सरकार के सामने उन चुनौतियों को रखेगी जिनका सामना उसे जनता के बीच जाते हुए करना होगा। सरकार पर दबाव होगा कि वह अपने बचे कार्यकाल में किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मुहैया करवाए और खाद की कीमतें नहीं बढऩे दी जाएं। खाद्य सुरक्षा बिल संसद से पास करवाकर उसे मनरेगा की तरह लागू किया जाए और आधार योजना को व्यापक रूप दिया जाए। एक वरिष्ठ नेता ने भास्कर से कहा कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में जरूरी है कि सरकार और पार्टी तालमेल बनाकर चलें।
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