शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

दहेज वाली शादियों का बहिष्कार करें!

दहेज वाली शादियों का बहिष्कार करें!

उदयपुर। महिलाओं की समस्याओं का निराकरण किसी जादू की छड़ी से नहीं किया जा सकता, इसके लिए समाजों को पहल करनी होगी। दहेज लेने-देने वाली शादियों का बहिष्कार करना होगा, बाल विवाह में हिस्सा लेने के बजाय समझाइश करनी होगी और उन समस्याओं को दूर करना होगा, जो बाल विवाह का कारण होती हैं।

उक्त विचार राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने बुधवार को हिरणमगरी में परिवार परामर्श केन्द्र के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने विवाह पूर्व परामर्श की व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कहते हुए विधायक किरण माहेश्वरी के इस संबंध में सुझाव को आयोग में रखने का संकल्प जताया। उन्होंने शिक्षित महिलाओं को घर में बैठकर साड़ी-ब्लाउज या रोटी-सब्जी की बातें करने के बजाय आस-पास की महिलाओं को समझाने-पढ़ाने का दायित्व लेने की सलाह दी।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने विवाह विघटन के लगातार बढ़ रहे मामलों का हवाला देते हुए विवाह पूर्व परामर्श केन्द्रों की स्थापना का सुझाव दिया। विशिष्ट अतिथि नगर परिषद् उपसभापति महेन्द्रसिंह शेखावत ने पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण को पारिवारिक विघटन का मूल कारण बताया। शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डॉ. विजयलक्ष्मी चौहान ने परामर्श केन्द्रों को समाज की आवश्यकता बताया।

संस्थान अध्यक्ष भोजराज सिंह ने केन्द्र के मार्फत समाज सेवा के प्रयासों का संकल्प जताया। आसरा विकास संस्थान की ओर से संचालित केन्द्र विवाह के बाद होने वाली समस्याओं पर दम्पती व उनके परिवारों की समझाइश करेगा। संचालन रागिनी पानेरी ने किया।

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