शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

"कस्टोडियन भूमि की खातेदारी शिविरों में"

"कस्टोडियन भूमि की खातेदारी शिविरों में"

श्रीगंगानग। कस्टोडियन भूमिधारकों को खातेदारी का काम जनवरी 2013 में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत लगने वाले शिविरों में किया जाएगा। राजस्व एवं जल संसाधन मंत्री हेमाराम चौधरी ने यह जानकारी गुरूवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में दी। वे राजस्व कर्मचारियों की राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन के सिलसिले में यहां आए थे।

चौधरी ने बताया कि कस्टोडियन भूमि के धारकों को खातेदारी देने के प्रकरण श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, जयपुर व अलवर जिलों में हैं। राज्य सरकार ने साल भर पहले ऎसी भूमि के धारकों को खातेदारी देने का फैसला किया था, लेकिन इस दिशा में अपेक्षित काम नहीं हो पाया। अब प्रशासन गांवों के संग अभियान में ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऎसे प्रकरणों में टाइटल को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। खातेदारी के लिए कोई सबूत जरूरी होता है, जिनके पास सबूत नहीं उन्हें खातेदारी देना संभव नहीं।

कमांड करने पर रोक नहीं
अनकमांड (असिंचित) भूमि को कमांड (सिंचित) करने पर रोक के संबंध में चौधरी का कहना था कि सरकार की ओर से ऎसी कोई रोक नहीं है। हमारे पास लगातार आवेदन आ रहे हैं, लेकिन अनकमांड को कमांड तभी किया जाता है जब पानी सरप्लस हो। रास्तों से संबंधित प्रकरणों के निपटारे के लिए सरकार के राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 में धारा 251 (ए) जोड़ने पर भी अपेक्षित संख्या मेंं ऎसे विवादों का निपटारा नहीं होने के बारे में उनका कहना था कि यह बात सही है, लेकिन अधिनियम में यह प्रावधान किए जाने के बाद विवादों को निपटारा भी तो हुआ है।

ब्याज माफी की छूट बढ़ाई
किसानों के हित में सरकार के फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सिंचित क्षेत्र में ब्याज माफी की छूट फरवरी 2013 तक बढ़ा दी गई है। किस्त नहीं भरने पर जिन किसानों की भूमि खारिज हो गई है, उन्हें बिना ब्याज अदा किए किस्तें भराने पर भूमि को बहाल कर दिया जाएगा बशर्ते वह भूमि किसी और को आवंटित नहीं हुई हो।

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