गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011
मरु महोत्सव का दूसरा दिन रहा रेगिस्तानी जहाज के नाम पणिहारी मटका रेस एवं देशीविदेशी सेलानियों की रस्साकस्सी रही आकर्षण का केन्द्र
मरु महोत्सव का दूसरा दिन रहा रेगिस्तानी जहाज के नाम
पणिहारी मटका रेस एवं देशीविदेशी सेलानियों की रस्साकस्सी रही आकर्षण का केन्द्र
जैसलमेर ,17 फरवरी। मरु महोत्सव 2011 के कार्यक्रमों की कड़ी में दूसरे दिन गुरुवार को स्वर्ण नगरी जैसलमेर के पास स्थित देदानसर मैदान में रेगिस्तानी जहाज के विभिन्न कार्यक्रम बहुत ही रोचक रहे वहीं महोत्सव में पहली बार लीडर नीतिन खन्ना के निर्देशन में एयरो मॉडल फ्लाईंग प्रदर्शन दर्शकों को मोहित कर गया। समारोह के अवसर पर एयर मार्शल श्री राजवीर, महानिरीक्षक रेल्वे, श्री गोपाल गुप्ता, जिला कलक्टर श्री गिरिराज सिंह कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक श्री अंशुमन भोमिया, स्टेशन कमान्डर एयरफोर्स स्टेशन जैसलमेर ग्रुप केप्टन श्री राजीव रंजन, नगरपालिकाध्यक्ष श्री अशोक तंवर, अतिरिक्त जिला कलक्टर बलदेव सिंह उज्जवल के साथ ही मेला व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारीगण एवं भारी संख्या में देशीविदेशी सैलानी उपस्थित थे।
पणिहारी मटका रेस ने सभी दर्शकों को किया मोहित
मरु महोत्सव के दूसरे दिन पणिहारी मटका रेस प्रतियोगिता से देशीविदेशी महिलाएँ यहां की पणिहारी पेयजल सँस्कृति से रूबरू हुई। पणिहारी मटका रेस में महिलाओं ने दस मीटर पर रखी ई़ाणी को अपने सिर पर रख कर पानी से भरी हुई मटकी को उठाया एवं आगे के लिये दौड़ लगाई। शहरी संस्कृति की महिलाओं के साथ ही विदेशी महिलाऍ भी इसमें शामिल हुई।
पणिहारी मटका रेस में 19 महिलाओं ने भाग लिया। जिसमें ठेठ ग्रामीण परिवेश की बालिका शीला विश्नोई तेज दौड़ती हुई सबसे पहले पहुँची। उसके बाद दूसरे नम्बर पर मीरा मोयल एवं तीसरे नम्बर पर मिस रीना रही। मटका रेस में दौड़ती हुई महिलाऍं जहां पानी से भीग गई वहीं कई महिलाऍ मटका नहीं उठा सकीं। इस पणिहारी रेस को देख कर दर्शकगण अपनी हँसी नहीं रोक सके।
विदेशी मेहमानों ने रस्साकसी में मारी बाजी
देदानसर मैदान में आयोजित भारतीय एवं विदेशी पुरुषों तथा महिलाओं की रस्साकसी भी बहुत ही रोचक एवं आकर्षण का केन्द्र रही। इस बार दोनों वर्ग की प्रतियोगिताओं विदेशी मेहमानों ने बाजी मारी।
पुरुष व महिला रस्साकस्सी प्रतियोगिता में विदेशी पुरुषों एवं महिलाओं ने अपने दमखम का जोर लगा कर लगातार दोनों राऊण्ड में भारतीय मेजबानों को अपनी और खींच कर विजयश्री हासिल की। विदेशी महिलाऍं इस जीत की खुशी से झूम उठी।
ऊँटों के श्रृंगार से रूबरू हुए दर्शक
मरु महोत्सव में गुरुवार को ऊँट श्रृंगार प्रतियोगिता भी बहुत ही आकर्षण का केन्द्र रही एवं दर्शक ऊँट के श्रृंगार से रूबरू हुए। इस प्रतियोगिता में 5 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ऊँंटों को मोरी, गोरबन्ध, कन्ठमाल, लूम, परची, पिलाण, तंग, मोड़, पायल, घूघरा, पूँछ बंधनी इत्यादि श्रृंगारों से ऊँटों को सजाया और उन पर सजेधजे सवार थे।
ऊँंट श्रृंगार प्रतियोगिता के निर्णायक एयर मार्शल राजवीर, रेल्वे आई.जी गोपाल कृष्ण गुप्ता तथा डॉ. शालिनी गुप्ता ने श्रृंगारित ऊँंट को बारीकी से जाँच परख कर होटल पैराडाईज के श्री मीरेखां पतंग द्वितीय ऊँट को प्रथम स्थान पर रखा। इसमें द्वितीय स्थान पर के.के ट्रेवल्स के श्री गिरधरराम का तथा पैराडाईज का ही फतनखां का जॉनी ऊँट तृतीय स्थान पर रहा।
ऊंट की मंथर चाल से दर्शक हुए अभिभूत
शानए-मरूधरा प्रतियोगिता भी रेगिस्तानी जहाज के नाम रही। इसमें 6 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें प्रति प्रतियोगी को मात्र कच्छीबनियान धारण किए हुए उन्हें निर्धारित 100 मीटर की दूरी तय करनी थी। ऊँट सवार ने निर्धारित दूरी पर रखे जूते पहने अपना टेवटा बांधा तथा कुर्ता पहना एवं उसके बाद साफा बांध कर ऊंट पर गद्दी एवं पिलाणा जमा कर उसे तंग से बांध कर मंथर चाल से पहुँचा। यह नजारा इतना मनोहारी और हास्यप्रधान रहा था कि दर्शक हंसहंस का लोटपोट हो गए। इसमें मानाराम का ऊंट सबसे पहले पहुॅचा एवं प्रथम स्थान पर रहा। इसमें चैनाराम द्वितीय एवं बिसनाराम तृतीय स्थान पर रहे।
कैमल पोलो मैच में ऊंटों ने निभाया पूरा साथ, सीमा सुरक्षा बल ने 20 से जीता मैच
कैमल पोलो संघ इण्डिया एवं सीमा सुरक्षा बल की टीमों के मध्य खेले गए कैमल पोलो मैच में अनबोल पशु ऊँट ने पोलो खिलाड़ियों को पूरा साथ दिया। इस पोलो मैच में सीमा सुरक्षा बल की टीम ने 2 गोल दाग कर विजयश्री हासिल की एवं कैमल पोलो एसोसियेशन की टीम को पराजित किया। ऊँट पर सवार पोलो खिलाड़ियों ने बड़ी स्टीक के सहारे अच्छा प्रदर्शन किया।
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प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया पुरस्कृत
विजेताउप विजेता टीमों को शील्ड प्रदान की
जैसलमेर,17 फरवरी। मरु महोत्सव के दूसरे दिवस गुरुवार को देदानसर मैदान में आयोजित हुई विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
ऊँट श्रृंगार प्रतियोगिता के प्रथम विजेता श्री मीराखां ( पैराडाईज ), द्वितीय विजेता श्री गिरधर राम ( के.के.टेवल्स ) तथा तृतीय विजेता फतनखां ( पैराडाईज ) को जिला कलक्टर श्री गिरिराज सिंह कुशवाहा ने पुरस्कार एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए। इसी प्रकार शानए-मरूधरा प्रतियोगिता में प्रथम विजेता रहे मानाराम, द्वितीय विजेता चैनाराम एवं तृतीय विजेता विशनाराम को पुलिस अधीक्षक श्री अंशुमन भोमिया ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।
रस्साकस्सी प्रतियोगिता के महिला टीम विजेता को श्रीमती कुशवाहा ने तथा पुरुष विजेता टीम को गु्रप कैप्टन राजीव रंजन ने स्मृति चिन्ह प्रदान किए। पणिहारी मटका रेस में प्रथम विजेता शीला विश्नोई, द्वितीय विजेता मीरा मोयल एवं तृतीय विजेता मिस रीना को जिला कलक्टर श्री कुशवाहा ने तथा कैमल पोलो मैंच की विजेता टीम सीमा सुरक्षा बल के कप्तान को जिला कलक्टर ने शील्ड प्रदान की एवं उप विजेता टीम कैमल पोलो एसोसिएशन के कप्तान को नगरपालिकाध्यक्ष श्री अशोक तंवर ने शील्ड प्रदान की।
देखते देखते हुजुम उमड़ा बाणे में राजस्थानी भाषा रो हैलो
देखते देखते हुजुम उमड़ा
बाणे में राजस्थानी भाषा रो हैलो
बाड़मेर। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा गुरूवार प्रातः प्रारम्भ किए प्रथम चरण हस्ताक्षर अभियान में बाड़मेर की जनता का राजस्थानी भाषा के प्रति अपार उत्साह सामने आया। देखते देखते इस अभियान को समर्थन के लिए हुजुम उमड़ पड़ा। पार्षद अशोक दर्जी, अरविन्द जागिड़, रमेश मंगलिया, सुरतानसिह, शिक्षक नेता शेरसिह भूरटिया, बालसिह राठौड़, महेन्द्र कुमार चौधरी, नूतनपुरी गोस्वामी, जिला परिषद कोसर बानो, समाजसेवी भाखरसिंह भूरटिया, अभिभाषक सम्पत बोथरा, अलसाराम कुमावत, कैलाशसिंह कोटड़िया, भगवानसिह रोहिली, शेलेन्द्र अरोड़ा, पूर्व पार्षदमोहनसिंह सोा, डॉ. रामेश्वरी चौधरी, दलित नेता लक्ष्मण वडेरा, सुखदेव वैष्णव, उगमसिंह द्रराबा सहित 900 से अधिक लोगो से हस्ताक्षर कर अभियान का आगाज किया। बाणे जिले में राजस्थानी भाषा रो हैलो के प्रथम चारण में दस हजार से अधिक हस्ताक्षर कराए जाने का लक्ष्य समिति द्वारा रखा गया है। बाड़मेर निवासियों ने हस्ताक्षर बैनर पर दिलचस्प नारे भी लिखे जैसे म्हारी रोटी बेटी राजस्थानी म्हारी बोटीबोटी राजस्थानी, मत फैके राजनीति पासा, म्यारी सगली मात्र राजस्थानी भाषा, बिना चैरे किकर करू धड़ री पैचाण राजस्थानी राखिया, रहसी राजस्थानी, सगली भाषा ने मानता राजस्थानी ने टालौ क्यू, म्हारे जुबान पर तालौ क्यू जैसे नारे लिख बाड़मेरवासियों ने अपने दिलों में बसी राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर किए जा रहे सघर्ष में अपना समर्थन दिया।
हस्ताक्षर अभियान के प्रति उत्साह देखते बनता था दुल्हा कपिल वडेरा व ट्राई साईकिल पर आये विकलांग युवा देवाराम सासिया सहित मौलाना कमरूदीन एवं अन्य अल्पसंख्यक नागरिको ने भी अपने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया।
मरु महोत्सव का भव्य आगाज राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर
मरु महोत्सव का भव्य आगाज राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर की धरा
जैसलमेर
राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर की धरा पर बुधवार को मरु महोत्सव का भव्य आगाज हुआ। सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर गड़सीसर सरोवर से विशाल आकर्षक शोभा यात्रा निकली जिसमें राज्य भर की संस्कृति की झलक दिखाई दे रही थी। इन्हीं झलकियों के बीच भारतीय सीमा के जांबाज सिपाही सजे धजे ऊंटों पर सवार होकर राष्ट्र की सामरिक शक्ति का संदेश दिया। ऊंटों पर सवार बीएसएफ की माउंटेन बैंड की धुन सभी को आकर्षित कर रही थी। लोक कलाकारों के साथ ही राज्य भर से आए अनेक कलाकारों ने समां बांधा। मि. डेजर्ट प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को देखने के लिए रास्ते भर में भीड़ उमड़ी रही। शोभायात्रा के साथ चल रहे ये प्रतिभागी जैसलमेर की शान को प्रदर्शित कर रहे थे। शोभायात्रा में मंगल कलश लिए बालिकाएं, गैर नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य व मूमल महेन्द्रा की झांकियां भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। यह शोभायात्रा गड़सीसर से रवाना होकर, आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक व हनुमान चौराहा होती हुई पूनम स्टेडियम पहुंची।
इससे पूर्व बुधवार की सुबह जैसलमेर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथजी की विधिवत पूजा अर्चना व मंगला भजनों के साथ मरु महोत्सव के सफल आयोजन की कामना की गई। नादस्वरम संस्था के कलाकारों ने शानदार भजनों की प्रस्तुतियां दी। महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका में अधिकारी वर्ग हावी रहा। किसी भी स्थानीय प्रबुद्धजन को निर्णायक नहीं बनाया गया। हर प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका अधिकारियों व उनकी पत्नियों ने निभाई। कार्यक्रम के दौरान लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा।
ढोल पर थाप लगाकर मरु महोत्सव 2011 का आगाज
मरु महोत्सव के कार्यक्रमों का आगाज पूनम स्टेडियम मैदान में आस्ट्रेलिया से आए विदेशी मेहमान इयान डिकंसन व क्रिस ने ढोल पर थाप लगाकर किया। इस अवसर पर कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक अंशुमन भोमिया, उप निदेशक पर्यटन नंदलाल अलावदा, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक तंवर व सहायक निदेशक पर्यटन विकास पंड्या भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय बालिका उमावि की 101 बालिकाओं ने विभिन्न लोक गीतों के मुखड़ों पर आधारित घूमर नृत्य किया।
सेंटपॉल की झांकी रही प्रथम
आयोजन के तहत प्रतियोगिताओं की शुरुआत राजस्थान की प्रेम कहानी मूमल महेन्द्रा झांकी से हुई। इस प्रतियोगिता में छह झांकियों ने हिस्सा लिया। ऊंट गाड़ों पर सवार इन झांकियों को मंच के आगे से निकाला गया। इसमें सेंटपॉल स्कूल की ओम शिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार राजस्थान बाल भारती की प्रीति भाटिया व आयुष भाटिया द्वितीय व लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय की गुडिय़ा माली व खेताराम चौधरी की झांकी तृतीय रही।
जैसलमेर. माउंटन बैंड ने बढ़ाई शोभा यात्रा की शोभा।
जैसलमेर. मूमल महेन्द्रा प्रतियोगिता में विजयी रही ओमशिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी।
जैसलमेर. मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता में विजयी हुए श्यामदेव कल्ला।
जैसलमेर. मरुमहोत्सव के अवसर पर ढोल की थाप के साथ ही मरु मेले का आगाज करते विदेशी पर्यटक।
जैसलमेर. मिस मूमल प्रतियोगिता में विजयी हुई दिव्या जंगा।
विदेशी सैलानियों ने बांधे साफे
विदेशी सैलानियों की साफा बांधो प्रतियोगिता में राजस्थान संस्कृति में रंगने के लिए 10 प्रतिभागियों ने उत्साह से भाग लिया। इन सैलानियों को पर्यटन विभाग के कुंभाराम चौधरी ने साफा बांधने का प्रदर्शन करके दिखाया। इसके बाद विशल बजने के साथ ही विदेशी प्रतिभागी राजस्थानी साफे में इस कदर उलझे कि सभी दर्शकों हंसी छूट गई। यह प्रतियोगिता काफी मनोरंजक रही। प्रतियोगिता में स्पेन की अजरा सांचेज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं विक्टर लेंडर द्वितीय व कार्न तृतीय स्थान पर रहे। स्थानीय लोगों की साफा बांधों प्रतियोगिता में संतोष कुमार माहेश्वरी प्रथम रहे। बृजवल्लभ द्वितीय व एस कुमार हठीला तृतीय स्थान पर रहे।
फोटोग्राफी करने की होड़
देसी विदेशी सैलानियों में कार्यक्रमों की फोटोग्राफी करने ही होड़ सी मची रही। विदेशी सैलानी तो हर एक दृश्य को लेने के लिए उत्सुक नजर आ रहे थे। शोभायात्रा के रास्ते भर में बड़ी संख्या में सैलानी सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर फोटोग्राफी करते नजर आए। वहीं पूनम स्टेडियम में सैलानी हर एक लम्हे की फोटोग्राफी करने की कोशिश में लगे रहे। मरु महोत्सव के पहले दिन सैलानियों के साथ स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
फिल्मों में काम करने की चाहत - मि. डेजर्ट
मि. डेजर्ट 2011 श्यामदेव कल्ला बीकानेर के रहने वाले हैं। 33 वर्षीय कल्ला ने पहली बार मरु श्री प्रतियोगिता में भाग लिया। खिताब हासिल करने के बाद कल्ला ने बताया कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हमारी आन बान शान राजस्थानी वेशभूषा को आज भी जीवित रखने में इस प्रतियोगिता की महत्ती भूमिका है। मैं सभी को यही संदेश देना चाहता हंू कि राजस्थानी संस्कृति को कभी न भूलें। कल्ला ने कहा कि बचपन से ही मुझे कलाकार बनने की इच्छा थी और अब मि. डेजर्ट बनने के बाद मैं राजस्थानी फिल्मों में काम करने की चाहत रखता हंू।
सादगी में ही सुंदरता - मिस मूमल
जैसलमेर की रहने वाली दिव्या जंगा ने मिस मूमल का खिताब हासिल किया। बीकॉम प्रथम वर्ष की स्टूडेंट व कंपनी सैक्रेट्री की तैयारी कर रही दिव्या ने बताया कि मॉडलिंग व फिल्मों में जाने का नहीं सोचा है। वर्तमान में केवल मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही हंू। उसने अपनी जीत का श्रेय परिजनों के आशीर्वाद को दिया। दिव्या ने कहा कि सादगी से ही खूबसूरती निखरती है और राजस्थान की सुंदरता की झलक यहां की वेशभूषा में देखी जा सकती है।
रामसिंह व गिरधर ने जीती मूंछ प्रतियोगिता
मूंछ प्रतियोगिता में 11 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में ग्रुप केप्टन राजीव रंजन, डीआईजी बीएसएफ बी.आर. मेघवाल व विंग कमांडर अनिल एंगले शामिल थे। इसमें रामसिंह राजपुरोहित व गिरधर व्यास को प्रथम घोषित किया। इसी प्रकार प्रतियोगिता में मनोज कुमार व्यास द्वितीय तथा सुभाष पुरोहित व थिरपालदास खत्री ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
हैरतअंगेज करतब दिखाए
मरु महोत्सव के पहले दिन सबसे आकर्षक वायुसैनिकों के हैरतअंगेज करतब रहे। भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने छह हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर हर किसी को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। हवाई जहाज से विंग कमांडर बसंतराज के नेतृत्व में सात जवानों ने छलांग लगाई और पैराशूट से पूनम स्टेडियम में निर्धारित स्थान पर उतरे। वायुसैनिकों के एयर ड्रिल कार्यक्रम में हाथों में बंदूकें लिए करतब को भी सराहा गया।
राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर की धरा पर बुधवार को मरु महोत्सव का भव्य आगाज हुआ। सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर गड़सीसर सरोवर से विशाल आकर्षक शोभा यात्रा निकली जिसमें राज्य भर की संस्कृति की झलक दिखाई दे रही थी। इन्हीं झलकियों के बीच भारतीय सीमा के जांबाज सिपाही सजे धजे ऊंटों पर सवार होकर राष्ट्र की सामरिक शक्ति का संदेश दिया। ऊंटों पर सवार बीएसएफ की माउंटेन बैंड की धुन सभी को आकर्षित कर रही थी। लोक कलाकारों के साथ ही राज्य भर से आए अनेक कलाकारों ने समां बांधा। मि. डेजर्ट प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को देखने के लिए रास्ते भर में भीड़ उमड़ी रही। शोभायात्रा के साथ चल रहे ये प्रतिभागी जैसलमेर की शान को प्रदर्शित कर रहे थे। शोभायात्रा में मंगल कलश लिए बालिकाएं, गैर नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य व मूमल महेन्द्रा की झांकियां भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। यह शोभायात्रा गड़सीसर से रवाना होकर, आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक व हनुमान चौराहा होती हुई पूनम स्टेडियम पहुंची।
इससे पूर्व बुधवार की सुबह जैसलमेर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथजी की विधिवत पूजा अर्चना व मंगला भजनों के साथ मरु महोत्सव के सफल आयोजन की कामना की गई। नादस्वरम संस्था के कलाकारों ने शानदार भजनों की प्रस्तुतियां दी। महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका में अधिकारी वर्ग हावी रहा। किसी भी स्थानीय प्रबुद्धजन को निर्णायक नहीं बनाया गया। हर प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका अधिकारियों व उनकी पत्नियों ने निभाई। कार्यक्रम के दौरान लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा।
ढोल पर थाप लगाकर मरु महोत्सव 2011 का आगाज
मरु महोत्सव के कार्यक्रमों का आगाज पूनम स्टेडियम मैदान में आस्ट्रेलिया से आए विदेशी मेहमान इयान डिकंसन व क्रिस ने ढोल पर थाप लगाकर किया। इस अवसर पर कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक अंशुमन भोमिया, उप निदेशक पर्यटन नंदलाल अलावदा, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक तंवर व सहायक निदेशक पर्यटन विकास पंड्या भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय बालिका उमावि की 101 बालिकाओं ने विभिन्न लोक गीतों के मुखड़ों पर आधारित घूमर नृत्य किया।
सेंटपॉल की झांकी रही प्रथम
आयोजन के तहत प्रतियोगिताओं की शुरुआत राजस्थान की प्रेम कहानी मूमल महेन्द्रा झांकी से हुई। इस प्रतियोगिता में छह झांकियों ने हिस्सा लिया। ऊंट गाड़ों पर सवार इन झांकियों को मंच के आगे से निकाला गया। इसमें सेंटपॉल स्कूल की ओम शिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार राजस्थान बाल भारती की प्रीति भाटिया व आयुष भाटिया द्वितीय व लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय की गुडिय़ा माली व खेताराम चौधरी की झांकी तृतीय रही।
जैसलमेर. माउंटन बैंड ने बढ़ाई शोभा यात्रा की शोभा।
जैसलमेर. मूमल महेन्द्रा प्रतियोगिता में विजयी रही ओमशिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी।
जैसलमेर. मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता में विजयी हुए श्यामदेव कल्ला।
जैसलमेर. मरुमहोत्सव के अवसर पर ढोल की थाप के साथ ही मरु मेले का आगाज करते विदेशी पर्यटक।
जैसलमेर. मिस मूमल प्रतियोगिता में विजयी हुई दिव्या जंगा।
विदेशी सैलानियों ने बांधे साफे
विदेशी सैलानियों की साफा बांधो प्रतियोगिता में राजस्थान संस्कृति में रंगने के लिए 10 प्रतिभागियों ने उत्साह से भाग लिया। इन सैलानियों को पर्यटन विभाग के कुंभाराम चौधरी ने साफा बांधने का प्रदर्शन करके दिखाया। इसके बाद विशल बजने के साथ ही विदेशी प्रतिभागी राजस्थानी साफे में इस कदर उलझे कि सभी दर्शकों हंसी छूट गई। यह प्रतियोगिता काफी मनोरंजक रही। प्रतियोगिता में स्पेन की अजरा सांचेज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं विक्टर लेंडर द्वितीय व कार्न तृतीय स्थान पर रहे। स्थानीय लोगों की साफा बांधों प्रतियोगिता में संतोष कुमार माहेश्वरी प्रथम रहे। बृजवल्लभ द्वितीय व एस कुमार हठीला तृतीय स्थान पर रहे।
फोटोग्राफी करने की होड़
देसी विदेशी सैलानियों में कार्यक्रमों की फोटोग्राफी करने ही होड़ सी मची रही। विदेशी सैलानी तो हर एक दृश्य को लेने के लिए उत्सुक नजर आ रहे थे। शोभायात्रा के रास्ते भर में बड़ी संख्या में सैलानी सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर फोटोग्राफी करते नजर आए। वहीं पूनम स्टेडियम में सैलानी हर एक लम्हे की फोटोग्राफी करने की कोशिश में लगे रहे। मरु महोत्सव के पहले दिन सैलानियों के साथ स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
फिल्मों में काम करने की चाहत - मि. डेजर्ट
मि. डेजर्ट 2011 श्यामदेव कल्ला बीकानेर के रहने वाले हैं। 33 वर्षीय कल्ला ने पहली बार मरु श्री प्रतियोगिता में भाग लिया। खिताब हासिल करने के बाद कल्ला ने बताया कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हमारी आन बान शान राजस्थानी वेशभूषा को आज भी जीवित रखने में इस प्रतियोगिता की महत्ती भूमिका है। मैं सभी को यही संदेश देना चाहता हंू कि राजस्थानी संस्कृति को कभी न भूलें। कल्ला ने कहा कि बचपन से ही मुझे कलाकार बनने की इच्छा थी और अब मि. डेजर्ट बनने के बाद मैं राजस्थानी फिल्मों में काम करने की चाहत रखता हंू।
सादगी में ही सुंदरता - मिस मूमल
जैसलमेर की रहने वाली दिव्या जंगा ने मिस मूमल का खिताब हासिल किया। बीकॉम प्रथम वर्ष की स्टूडेंट व कंपनी सैक्रेट्री की तैयारी कर रही दिव्या ने बताया कि मॉडलिंग व फिल्मों में जाने का नहीं सोचा है। वर्तमान में केवल मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही हंू। उसने अपनी जीत का श्रेय परिजनों के आशीर्वाद को दिया। दिव्या ने कहा कि सादगी से ही खूबसूरती निखरती है और राजस्थान की सुंदरता की झलक यहां की वेशभूषा में देखी जा सकती है।
रामसिंह व गिरधर ने जीती मूंछ प्रतियोगिता
मूंछ प्रतियोगिता में 11 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में ग्रुप केप्टन राजीव रंजन, डीआईजी बीएसएफ बी.आर. मेघवाल व विंग कमांडर अनिल एंगले शामिल थे। इसमें रामसिंह राजपुरोहित व गिरधर व्यास को प्रथम घोषित किया। इसी प्रकार प्रतियोगिता में मनोज कुमार व्यास द्वितीय तथा सुभाष पुरोहित व थिरपालदास खत्री ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
हैरतअंगेज करतब दिखाए
मरु महोत्सव के पहले दिन सबसे आकर्षक वायुसैनिकों के हैरतअंगेज करतब रहे। भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने छह हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर हर किसी को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। हवाई जहाज से विंग कमांडर बसंतराज के नेतृत्व में सात जवानों ने छलांग लगाई और पैराशूट से पूनम स्टेडियम में निर्धारित स्थान पर उतरे। वायुसैनिकों के एयर ड्रिल कार्यक्रम में हाथों में बंदूकें लिए करतब को भी सराहा गया।
बुधवार, 16 फ़रवरी 2011
’’आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी ’
राजस्थानी को मान्यता के लिए संघर्ष जारी
राजस्थान भाषा को मान्यता को लेकर मुहिम तेज, विचार गोष्ठी कागद
बाड़मेर। राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार, राजस्थान साहित्य अकादमी से सम्मानित ओम पुरोहित ने कहा कि राजस्थान की क्षेत्रीय भाषाओं रूपी मोतियो की राजस्थानी रूपी माला में पिरोकर इस मायड भाषा को संविधान की आठवी सूची में शामिल करने तथा मान्यता मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होने कहा कि हर राजस्थानी अपनी मां के आंचल से राजस्थानी भाषा ही सीखता हैं। वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित ग्रुप फोर पिपुल्स एवं कृष्णा संस्था बाड़मेर के तत्वाधान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महावीर नगर में मंगलवार को आयोजित राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर आपणो राजस्थान आपणी राजस्थान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि राजस्थान में प्राथमिक शिक्षा स्तर से ही विद्यालय में राजस्थानी भाषा अनिवार्य करनी चाहिए। उन्होने कहा कि देश के अन्य प्रांतो में क्षेत्रीय भाषा की अनिवार्यता सरकारी नौकरियों में की गई हैं। जब तक राजस्थान में भी सरकार सरकारी नौकरियों मे राजस्थानी भाषा की अनिवार्यता लागू नही करेगी तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होने कहा कि हिन्दी भाषा की उत्पति राजस्थानी से हुई हैं। इस बात का खुलासा विख्यात कवि नामवर ने भी किया। उन्होने बाड़मेर की जनता से आव्हान किया कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए जन जागरण का शंखनाद करे। वरिष्ठ साहित्यकार मोहन प्रकाश शर्मा ने कहा कि मायड भाषा कहलाने वाली राजस्थानी अपनो के बीच अनजानी हो गई हैं। अपनी मायड भाषा जन जन की भाषा होने के बावजुद आठवी सूची में शामिल ना करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। साहित्यकार एवं ए.डी.पी.सी प्रेम प्रकाश व्यास ने कहा कि प्रदेश भर के साहित्य कार, पत्रकार, लेखक एक स्वर मे मायड भाषा को मान्यता दिलाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। इस अवसर पर पार्षद सुरतानसिंह देवडा ने कहा कि राजस्थानी भाषा का मान्यता दिलाने के लिए बाड़मेर की जनता पूरा सहयोग करेगी। विचार गोष्ठी को चंदन सिंह भाटी, हरपालसिंह राव, राजेश जोशी, ताराचंद शर्मा, डॉ. रामेश्वरी चौधरी, भागीरथ विश्नोई, विजय माथुर आदि ने भी संबोधित किया।
हस्ताक्षर अभियान गुरूवार को...राजस्थानी भाषा को आठवी सूची में शामिल कर मान्यता दिलाने के लिए कृष्णा संस्था तथा ग्रुप फोर पीपुल्स गुरूवार को वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद के नेतृत्व में हस्ताक्षर अभियान आरम्भ करेगी। संस्था अध्यक्ष रिडमल सिंह दांता ने बताया कि मायड भाषा के प्रति आमजन को जागरूक करने तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के उद्देश्य से कलेक्टट परिसर के बाहर ’’आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी ’’ को मान्यता दो विषय बैनर पर हस्ताक्षर अभियान आरम्भ किया जाएगा। उन्होने बताया कि जिले भर के निवासी इस वैनर पर हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा कों मान्यता संबंधित संघर्ष को मजबूत करे। वरिष्ठ साहित्य पर ओम पुरोहित कागद ने जिले के निवासियों से आह्वान किया हैं कि मायड भाषा के प्रति अपना फर्ज अदा करे और हस्ताक्षर अभियान को पूर्ण समर्थन दे। हस्ताक्षर अभियान प्रातः दस बजे से शाम छः बजे तक चलेगा।
रविवार, 13 फ़रवरी 2011
थार की प्रेम कहानी कोटड़ा के किले से निकली बाघा भारमली प्रेम कहानी
थार की प्रेम कहानी
कोटड़ा के किले से निकली बाघा भारमली प्रेम कहानी
बाडमेर प्रेम की कथा अकथ है, अनिवर्चनीय है। फिर भी प्रेम कथा विविध प्रकार से कही जाती है, कही जाती थी और की जाएगी। मरुप्रदो की प्रेम गांथाएं मूमल महेन्द्रा, ढोला मारु तथा बाघा भारमली प्रेम का जीवंत उदाहरण है॥ प्रेम भावत और जीवन नियन्तता है। प्रेम एक व्यवस्थित एवं स्थिर मनोदा है। जब एक व्यक्ति का आकशर्ण दूसरे व्यक्ति पर इतना प्रबल हो कि उसकी प्राप्ति, उसका सानिध्य, उसकी रक्षा और उसकी प्रसन्नता में ही सुख की अनुभूति होने लगे तब उस मनोवृति को प्रेम का नाम दिया जाता है। मानव मन की सबसे सुन्दर दुर्बलता प्रेम है।
थार के इस समुन्द्र में कई प्रेम गाथाओं ने जन्म लिया होगा। मगर बाघा भारमली की प्रेम कथा राजस्थान के लोक साहित्यिक के अन्तर्गत अपना विश्ट स्थान रखती है। समाज और परम्पराओं के विपरित बाघा भारमली की प्रेम कथा बाड़मेर के कणकण में समाई है। इस प्रेम कथा को रुठी रानी में अवय विस्तार मिला है। मगर स्थानीय तौर पर यह प्रेम कथा साहित्यकारो द्वारा अपेक्षित हुई है। किन्तु चारण कवियों ने अपने ग्रन्थो में इस प्रेम कथा का उल्लेख अवय किया है। कोटड़ा के किले से जो प्रेम कहानी निकली वह बाघा भारमली के नाम से अमर हुई।
मारवाड़ के पिचमी अंचल बाड़मेरजैसलमेर से सम्बन्धित यह प्रणय वृतान्त आज भी यहां की सांस्कृतिक परम्परा एवं लोकमानस में जीवन्त है।
उपर्युक्त प्रेमगाथा का नायक बाघजी राठौड़ बाड़मेर जिलान्तर्गत कोटड़ा ग्राम का था। उसका व्यक्तित्व शूरवीरता तथा दानाशीलता से विशेश सम्पन्न था। जैसलमेर के भाटियों के साथ उसके कुल का वैवाहिक संबंध होने के कारण वह उनका समधी (गनायत) था।
कथानायिक भारमली जैसलमेर के रावल लूणकरण की पुत्री उमादे की दासी थी। 1536 ई में उमा दे का जोधपुर के राव मालदेव (153162ई) से विवाह होने पर भारमली उमा दे के साथ ही जोधपुर आ गई। वह रुपलावण्य तथा भारीरिकसौश्ठव में अप्सरावत अद्वितीय थी।
विवाहोपरान्त मधुयामिनी के अवसर पर राव मालदेव को उमा दे रंगमहल में पधारने का अर्ज करने हेतु गई दासी भारमली के अप्रतीत सौंदर्य पर मुग्ध होकर मदस्त राव जी रंगमहल में जाना बिसरा भारमली के यौवन में ही रम गये। इससे राव मालदेव और रानी उमा दे में ॔॔रार॔॔ ठन गई, रानी रावजी से रुठ गई। यह रुठनरार जीवनपर्यन्त रही, जिससे उमा दे ॔॔रुठी रानी॔॔ के नाम से प्रसिद्व हुई।
राव मालदेव के भारमली में रत होकर रानी उमा दे के साथ हुए विवासघात से रुश्ट उसके पीहर वालो ने अपनी राजकुमारी का वैवाहिक जीवन निर्द्वन्द्व बनाने हेतु अपने यौद्वा ॔॔गनायत॔॔ बाघजी को भारमली का अपहरण करने के लिए उकसाया। बाघजी भारमली के अनुपम रुपयौवन से माहित हो उसे अपहरण कर कोटड़ा ले आया एवं उसके प्रति स्वंय को हार बैठा। भारमली भी उसके बल पौरुश हार्द्विक अनुसार के प्रति समर्पित हो गई। जिससे दोनो की प्रणयवल्लरी प्रीतिरस से नियप्रति सिंचित होकर प्रफुल्ल और कुसुमितसुरभित होने लगी। इस घटना से क्षुब्ध राव मालदेव द्वारा कविराज आसानन्द को बाघाजी को समझा बुझा कर भारमली को लौटा लाने हेतु भेजा गया। आसानन्द के कोटड़ा पहुॅचने पर बाघ जी तथा भारमली ने उनका इतना आदरसत्कार किया कि वे अपने आगमन का उद्देय भूल अत्यंत होकर वही रहने लगे। उसकी सेवासुश्रूशा एवं हार्दिक विनयभाव से अभिभूत आसाजी का मन लौटने की सोचता ही नही था। उनके भाव विभोर चित्त से प्रेमीयुगल की हृदयकांक्षा कुछ इस प्रकार मुखरित हो उठी
जहं तरवर मोरिया, जहं सरवर तहं हंस।
जहं बाघो तहं भारमली, जहं दारु तहं मंस॥
तत्पचात आसान्नद बाघजी के पास ही रहे। इस प्रकार बाघभारमली का प्रेम वृतान्त प्रणय प्रवाह से आप्यायित होता रहा। बाघजी के निधन पर कवि ने अपना प्रेम तथा भाौक ऐसे अभिव्यक्त किया
ठौड़ ठौड़ पग दौड़, करसां पेट ज कारणै।
रातदिवस राठौड़, बिसरसी नही बाघनै॥
मांजू हत्याकांड: एक और आरोपी गिरफ्तार
मांजू हत्याकांड: एक और आरोपी गिरफ्तार
बाड़मेर. बाड़मेर में गत 31 दिसंबर की रात जोधपुर निवासी दिनेश मांजू की हत्या के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस बहुचर्चित हत्याकांड की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया यह आरोपी जैसलमेर जेल में पहले से ही हत्या के पुराने प्रकरण में सजा काट रहा था।
शुक्रवार को पुलिस उसे जैसलमेर से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर बाड़मेर पहुंची। उल्लेखनीय है कि मांजू हत्याकांड में वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बाड़मेर पुलिस ने सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली ने बताया कि जोधपुर के सूंथला निवासी दिनेश मांजू की हत्या की साजिश रचने में शामिल आरोपी जैसलमेर के ऊजला निवासी इन्द्रदान उर्फ इन्द्रजीत को गिरफ्तार कर बाड़मेर लाया गया है।
इस प्रकरण में वारदात को अंजाम देने से पहले रची गई साजिश में इन्द्रजीत भी शामिल था। उसने ही हत्या के आरोपियों को हथियार उपलब्ध करवाए थे। शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस इस प्रकरण में अब तक सात में से एक नामजद आरोपी कालूपुरी को ही गिरफ्तार कर पाई है। वहीं, बाद में पुलिस जांच में जोड़े गए आरोपियों में गोविंदसिंह गिरफ्तार हो चुका है।
जेल से बाहर आकर रची थी साजिश: दिनेश मांजू की हत्या करने की साजिश जैसलमेर में रची गई थी। इसके लिए जैसलमेर की खुली जेल में सजा काट रहे आरोपी इन्द्रजीत ने जेल से बाहर आकर आरोपियों के साथ पार्टी मनाई। इसी पार्टी में दिनेश मांजू को पकड़ने और उसे ठिकाने लगाने की साजिश रची गई। इतना ही नहीं, इन्द्रजीत ने आरोपियों के लिए हथियारांे का बंदोबस्त भी करवाया। इसके बाद ही आरोपी जैसलमेर से बाड़मेर पहुंचे और वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस हारी तो आई इनाम की बारी: मांजू की हत्या के लगभग डेढ़ माह बाद भी पुलिस मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। हर तरफ हाथ-पांव मारने के बाद भी पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली। जोधपुर रेंज के कई थानों में वांछित तस्कर श्रवण बाबल लगातार पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा है। पूरी रेंज के हजारों पुलिसकर्मी व अधिकारियों की फौज चंद आरोपियों को पकड़ नहीं पा रही है। संभवत: यही वजह है कि इतने दिनों बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़वाने में मदद करने वाले को दो हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है।
अमीन खां के खिलाफ परिवाद दाखिल
बाड़मेर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील पर अशोभनीय टिप्पणी के मामले में शिव विधायक एवं पूर्व मंत्री अमीन खां की मुश्किलें फिलहाल कम नहीं हो रही। उनके खिलाफ अब जोधपुर की एक अदालत में परिवाद दायर हो गया है। पूर्व पार्षद त्रिभुवनसिंह भाटी की ओर से दाखिल परिवाद में अमीन खां पर राष्ट्रपति सरीखे सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को आघात पहुंचाने का आरोप है।
उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124, 153-बी, 500, 501, 503 व 509 के अन्तर्गत परिवाद पेश किया गया है। इसमें राष्ट्रपति के महिला होने के कारण भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509 (महिलाओं के अनादर से सम्बन्घित धारा) का इस्तेमाल हुआ है। अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-3 महानगर की अदालत में दाखिल किए गए परिवाद पर 17 फरवरी को प्रारंभिक सुनवाई होगी।
पत्नी व प्रेमी के खिलाफ युवक की हत्या का मामला
बाड़मेर तेलवाड़ा गांव मे एक युवक की संदिग्ध अवस्था मे मौत के मामले को लेकर उसके पिता ने पुत्रवधु व उसके प्रेमी के खिलाफ सिवाना थाने में हत्या का मामला दर्ज करवाया है। मृतक के गले पर चोट के निशान तथा परिजनों के संदेह को देखते हुए पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया।
सिवाना थाना प्रभारी रामवीरसिंह जाखड़ के अनुसार वगताराम पुत्र जोगाराम निवासी पाणवा जालोर ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके पुत्र सुजाराम (22) को उसकी पत्नी हवली ने अपने प्रेमी दूदिया पुत्र भीमाराम निवासी तेलवाड़ा के साथ मिलकर गला घोटकर हत्या कर दी है। पुलिस ने भादंसं की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। उधर इस मामले को लेकर शुक्रवार दोपहर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह मीणा, पुलिस उप अधीक्षक बालोतरा रामेश्वरलाल मेघवाल ने भी घटना स्थल का मौका मुआयना किया।
बाड़मेर. बाड़मेर में गत 31 दिसंबर की रात जोधपुर निवासी दिनेश मांजू की हत्या के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस बहुचर्चित हत्याकांड की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया यह आरोपी जैसलमेर जेल में पहले से ही हत्या के पुराने प्रकरण में सजा काट रहा था।
शुक्रवार को पुलिस उसे जैसलमेर से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर बाड़मेर पहुंची। उल्लेखनीय है कि मांजू हत्याकांड में वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बाड़मेर पुलिस ने सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली ने बताया कि जोधपुर के सूंथला निवासी दिनेश मांजू की हत्या की साजिश रचने में शामिल आरोपी जैसलमेर के ऊजला निवासी इन्द्रदान उर्फ इन्द्रजीत को गिरफ्तार कर बाड़मेर लाया गया है।
इस प्रकरण में वारदात को अंजाम देने से पहले रची गई साजिश में इन्द्रजीत भी शामिल था। उसने ही हत्या के आरोपियों को हथियार उपलब्ध करवाए थे। शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस इस प्रकरण में अब तक सात में से एक नामजद आरोपी कालूपुरी को ही गिरफ्तार कर पाई है। वहीं, बाद में पुलिस जांच में जोड़े गए आरोपियों में गोविंदसिंह गिरफ्तार हो चुका है।
जेल से बाहर आकर रची थी साजिश: दिनेश मांजू की हत्या करने की साजिश जैसलमेर में रची गई थी। इसके लिए जैसलमेर की खुली जेल में सजा काट रहे आरोपी इन्द्रजीत ने जेल से बाहर आकर आरोपियों के साथ पार्टी मनाई। इसी पार्टी में दिनेश मांजू को पकड़ने और उसे ठिकाने लगाने की साजिश रची गई। इतना ही नहीं, इन्द्रजीत ने आरोपियों के लिए हथियारांे का बंदोबस्त भी करवाया। इसके बाद ही आरोपी जैसलमेर से बाड़मेर पहुंचे और वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस हारी तो आई इनाम की बारी: मांजू की हत्या के लगभग डेढ़ माह बाद भी पुलिस मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। हर तरफ हाथ-पांव मारने के बाद भी पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली। जोधपुर रेंज के कई थानों में वांछित तस्कर श्रवण बाबल लगातार पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा है। पूरी रेंज के हजारों पुलिसकर्मी व अधिकारियों की फौज चंद आरोपियों को पकड़ नहीं पा रही है। संभवत: यही वजह है कि इतने दिनों बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़वाने में मदद करने वाले को दो हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है।
अमीन खां के खिलाफ परिवाद दाखिल
बाड़मेर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील पर अशोभनीय टिप्पणी के मामले में शिव विधायक एवं पूर्व मंत्री अमीन खां की मुश्किलें फिलहाल कम नहीं हो रही। उनके खिलाफ अब जोधपुर की एक अदालत में परिवाद दायर हो गया है। पूर्व पार्षद त्रिभुवनसिंह भाटी की ओर से दाखिल परिवाद में अमीन खां पर राष्ट्रपति सरीखे सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को आघात पहुंचाने का आरोप है।
उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124, 153-बी, 500, 501, 503 व 509 के अन्तर्गत परिवाद पेश किया गया है। इसमें राष्ट्रपति के महिला होने के कारण भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509 (महिलाओं के अनादर से सम्बन्घित धारा) का इस्तेमाल हुआ है। अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-3 महानगर की अदालत में दाखिल किए गए परिवाद पर 17 फरवरी को प्रारंभिक सुनवाई होगी।
पत्नी व प्रेमी के खिलाफ युवक की हत्या का मामला
बाड़मेर तेलवाड़ा गांव मे एक युवक की संदिग्ध अवस्था मे मौत के मामले को लेकर उसके पिता ने पुत्रवधु व उसके प्रेमी के खिलाफ सिवाना थाने में हत्या का मामला दर्ज करवाया है। मृतक के गले पर चोट के निशान तथा परिजनों के संदेह को देखते हुए पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया।
सिवाना थाना प्रभारी रामवीरसिंह जाखड़ के अनुसार वगताराम पुत्र जोगाराम निवासी पाणवा जालोर ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके पुत्र सुजाराम (22) को उसकी पत्नी हवली ने अपने प्रेमी दूदिया पुत्र भीमाराम निवासी तेलवाड़ा के साथ मिलकर गला घोटकर हत्या कर दी है। पुलिस ने भादंसं की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। उधर इस मामले को लेकर शुक्रवार दोपहर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह मीणा, पुलिस उप अधीक्षक बालोतरा रामेश्वरलाल मेघवाल ने भी घटना स्थल का मौका मुआयना किया।
जैसलमेरपाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र
पाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र
जैसलमेर भारत में बसने के लिए पत्नी के साथ यहां आए पाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र तक दे दिया गया। यह मेहरबानी जैसलमेर में प्रशासन गांवों के संग शिविर के दौरान उसके पिता की मृत्यु के तीस साल बाद हुई है। ग्राम पंचायत ने भी प्रमाणित दस्तावेजों के बगैर ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इसका खुलासा सीआईडी (इंटलिजेन्स) की गुप्त जांच रिपोर्ट में हुआ है।
पाकिस्तान में सिंध प्रांत के जिला गोटकी स्थित धारकी निवासी अली अकबर मेहर ने अपने स्थाई आवास के आवेदन के साथ उसके पिता राणे खां की मृत्यु का प्रमाण पत्र भी पेश किया। इसमें राणे खां की मृत्यु जून 1980 में होना दर्शाया गया। यह मृत्यु प्रमाण-पत्र गत 13 दिसम्बर 10 को प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरानजैसलमेर की पंचायत समिति सम के कुण्डा पंचायत की ओर से जारी किया गया।
प्रमाणित दस्तावेज नहीं
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमानुसार मतदाता सूची, वोटर कार्ड, जमाबंदी, राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र होना जरूरी है। प्रमाण-पत्र बनाने के आवेदन के साथ इनमें से एक भी दस्तावेज नहीं पेश किया गया। इससे खुफिया एजेन्सी को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमानुसार मतदाता सूची, वोटर कार्ड, जमाबंदी, राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र होना जरूरी है। प्रमाण-पत्र बनाने के आवेदन के साथ इनमें से एक भी दस्तावेज नहीं पेश किया गया। इससे खुफिया एजेन्सी को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है।
सिर्फ शपथ पत्र ही आधार
शिविर में पेश किया गया आवेदन भी जन्म प्रमाण पत्र प्रारूप में पेश किया गया। इसमें उसने बताया कि उसके पुत्र राणे खां की 5 जून 1980 को मृत्यु हो गई थी। एक अघिवक्ता ने इसे प्रमाणित किया। तहसीलदार जब्बरसिंह के आदेश पर ग्राम सेवक ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जबकि खुफिया जांच में कहीं भी राणे खां की भारत में मृत्यु होना प्रमाणित नहीं हो रहा है।
शिविर में पेश किया गया आवेदन भी जन्म प्रमाण पत्र प्रारूप में पेश किया गया। इसमें उसने बताया कि उसके पुत्र राणे खां की 5 जून 1980 को मृत्यु हो गई थी। एक अघिवक्ता ने इसे प्रमाणित किया। तहसीलदार जब्बरसिंह के आदेश पर ग्राम सेवक ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जबकि खुफिया जांच में कहीं भी राणे खां की भारत में मृत्यु होना प्रमाणित नहीं हो रहा है।
मोहब्बत का जुनून बाड़मेर
मोहब्बत का जुनून
बाड़मेर मोहब्बत का जुनून श्रवण पर इस कदर सवार हुआ कि उसने बचपन की दोस्त अन्य समाज की लड़की से शादी रचा डाली। लव मेरिज के कुछ दिन बाद ही श्रवण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में न्यायालय में दोनों पक्षों के बयानों के बाद पुलिस ने एफआर लगा दी। लेकिन श्रवण ने अपनी प्रेयसी को पाने का प्रयास किया तो समाज की ओर से उसके परिवार को गांव से बदर कर दिया गया। श्रवण ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर नार्को टेस्ट करवाने की मांग की है। शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में श्रवण ने बताया कि वह रानीदेशीपुरा निवासी है। इसी गांव की उसकी बचपन की दोस्त लड़की से उसे मोहब्बत हो गई। इसके बाद दोनों ने रजामंदी से वापी गुजरात में जाकर कोर्ट में शादी रचाई। जहां पर दस दिन तक दोनों साथ रहे। इधर, लड़की के परिवार की ओर से पुलिस थाना समदड़ी में श्रवण के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करवाने पर राजस्थान पुलिस उसे गुजरात से पकड़कर ले आई। जहां 6 नवंबर को एससीजेएम बालोतरा में दोनों के बयान हुए। इसके बाद लड़की के पिता ने 17 नवंबर को लूणी क्षेत्र के जूनाड़ा निवासी धनाराम के साथ उसकी शादी कर दी। श्रवण की ओर से इस शादी पर आपत्ति जताने पर लड़की वालों के समाज के लोगों की ओर से झूठे मामले दर्ज करवाने के साथ उसे प्रताडि़त करने के साथ ही उसके पूरे परिवार को गांव बदर कर दिया।
श्रवण ने जिला पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच करवाने के साथ ही दोनों का नार्कोटेस्ट करवाने की मांग की है।
शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011
मरु महोत्सव16 से 18 फरवरी
मरु महोत्सव16 से 18 फरवरी तक
जैसलमेर। जैसलमेर में पर्यटन विभाग एवं जिला प्रषासन के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 16 से 18 फरवरी तक आयोजित होने वाले मरु महोत्सव को लेकर इन दिनों व्यापक तैयारियां जारी हैं।
पर्यटन स्वागत केन्द्र के सहायक निदेशक विकास पण्ड्या ने बताया कि तीन दिवसीय मरु महोत्सव के समारोहों की श्रृंखला में प्रथम दिवस 16 फरवरी को गडसीसर से शहीद पूनमसिंह स्टेडियम तक भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसमें सीमा सुरक्षा बल के सजे धजे ऊँट, मरुश्री व मूंछ प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगी शरीक होंगे। सिर पर मंगल कलष धारण किये हुए स्कूली छात्राएँ इसमें शामिल होंगी। मूमल महेन्द्रा की सजी हुई झांकियों के साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा आमंत्रित कलाकारों के समूह अपनी कला का प्रदर्षन करते हुए शामिल होंगे।
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में मरु समारोह उद्घाटन के साथ ही श्रीमती किषनी देवी मगनीराम मोहता राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, जैसलमेर की बालिकाओं द्वारा घूमर नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। उसके बाद मूमल महेन्द्रा, साफा बाँध, मिस मूमल, मिस्टर डेजर्ट व मूँछ प्रतियागिताएँ विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में शाम को उत्तर मध्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद के 105 कलाकारों द्वारा ’सप्तरंग’ कार्यऋम प्रस्तुत किया जाएगा। इनमें देश के विभिन्न हिस्सों से मशहूर कलाकार अपना फन दिखाएंगे।
तीन दिवसीय मरु महोत्सव के दूसरे दिन 17 फरवरी को सुबह देदानसर मैदान में ऊँट श्रृंगार, शान ए मरुधर, रस्सा कस्सी, पणिहारी मटका रेस, केमल पोलो मैच की प्रतियोगिताएँ होंगी। इनके साथ ही भारतीय वायुसेना दल के सदस्यों द्वारा पैराड्रोपिंग शो का प्रदर्षन किया जायेगा।
शाम को शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा ऊँटों के विभिन्न करतबों (केमल टेटू शो) का आयोजन किया जायेगा। इनमें राजस्थान व गुजरात के विख्यात कलाकारों द्वारा लोक नृत्य व गायन कार्यऋमों का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा।
तीन दिवसीय मरु महोत्सव तीसरे व अन्तिम दिन 18 फरवरी को सम सेण्ड ड्युन्स पर ऊँट दौड प्रतियोगिता का आयोजन तथा भारतीय वायु सेना के जांबाजों द्वारा पैराड्रोपिंग शो का प्रदर्षन किया जायेगा। इसके बाद राजस्थान के विख्यात कलाकारों द्वारा लोक गायन व नृत्य कार्यऋम प्रस्तुत किया जायेगा। भव्य आतिषबाजी के साथ ही मरु महोत्सव का समापन हो जाएगा।
जैसलमेर का तीन दिवसीय मरु महोत्सव अन्तर्राष्ट्रीय पहचान रखता है और इसमें बडी संख्या में देशी विदेशी मेहमानों का पर्यटन कुंभ जुटता है।
पर्यटन स्वागत केन्द्र के सहायक निदेशक विकास पण्ड्या ने बताया कि तीन दिवसीय मरु महोत्सव के समारोहों की श्रृंखला में प्रथम दिवस 16 फरवरी को गडसीसर से शहीद पूनमसिंह स्टेडियम तक भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसमें सीमा सुरक्षा बल के सजे धजे ऊँट, मरुश्री व मूंछ प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगी शरीक होंगे। सिर पर मंगल कलष धारण किये हुए स्कूली छात्राएँ इसमें शामिल होंगी। मूमल महेन्द्रा की सजी हुई झांकियों के साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा आमंत्रित कलाकारों के समूह अपनी कला का प्रदर्षन करते हुए शामिल होंगे।
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में मरु समारोह उद्घाटन के साथ ही श्रीमती किषनी देवी मगनीराम मोहता राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, जैसलमेर की बालिकाओं द्वारा घूमर नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। उसके बाद मूमल महेन्द्रा, साफा बाँध, मिस मूमल, मिस्टर डेजर्ट व मूँछ प्रतियागिताएँ विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में शाम को उत्तर मध्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद के 105 कलाकारों द्वारा ’सप्तरंग’ कार्यऋम प्रस्तुत किया जाएगा। इनमें देश के विभिन्न हिस्सों से मशहूर कलाकार अपना फन दिखाएंगे।
तीन दिवसीय मरु महोत्सव के दूसरे दिन 17 फरवरी को सुबह देदानसर मैदान में ऊँट श्रृंगार, शान ए मरुधर, रस्सा कस्सी, पणिहारी मटका रेस, केमल पोलो मैच की प्रतियोगिताएँ होंगी। इनके साथ ही भारतीय वायुसेना दल के सदस्यों द्वारा पैराड्रोपिंग शो का प्रदर्षन किया जायेगा।
शाम को शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा ऊँटों के विभिन्न करतबों (केमल टेटू शो) का आयोजन किया जायेगा। इनमें राजस्थान व गुजरात के विख्यात कलाकारों द्वारा लोक नृत्य व गायन कार्यऋमों का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा।
तीन दिवसीय मरु महोत्सव तीसरे व अन्तिम दिन 18 फरवरी को सम सेण्ड ड्युन्स पर ऊँट दौड प्रतियोगिता का आयोजन तथा भारतीय वायु सेना के जांबाजों द्वारा पैराड्रोपिंग शो का प्रदर्षन किया जायेगा। इसके बाद राजस्थान के विख्यात कलाकारों द्वारा लोक गायन व नृत्य कार्यऋम प्रस्तुत किया जायेगा। भव्य आतिषबाजी के साथ ही मरु महोत्सव का समापन हो जाएगा।
जैसलमेर का तीन दिवसीय मरु महोत्सव अन्तर्राष्ट्रीय पहचान रखता है और इसमें बडी संख्या में देशी विदेशी मेहमानों का पर्यटन कुंभ जुटता है।
बुधवार, 9 फ़रवरी 2011
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं
. राजस्थान सरकार में पंचायत राजय मंत्री अमीन खान नें सारी मर्यादाओं को ना केवल ताक में रखा ,बल्कि क्षत्रिय समाज पर अगंली उठाई,ऐसे मंत्री को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं,मंत्री के इस बयान की कडी आलोचना होनी चाहिऐ,साथ ही मुख्यमंत्री आोक गहलोत को तत्काल ऐसे बडबोले मंत्री को हटा देना चाहिऐ
देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं। इसी वफादारी के नतीजे में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें राष्ट्रपति बना दिया। यह चौंकाने वाला बयान राजस्थान के पंचायती राज और वक्फ राज्यमंत्री आमीन खां ने मंगलवार को दिया।
मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011
Sundha mountain temple of goddessesChamunda Devi,
Sundha mountain temple of goddessesChamunda Devi,
At 1220 m height in the Aravalli ranges there on Sundha mountain is temple of goddessesChamunda Devi, a very sacred place for devotees. It is 105 km from district headquarter and 35 km. from sub divisional Bhinmal. This place lies in Raniwara Teshil in the mid-east of Malwara to Jaswantpura Road near Dantlawas village.
Many tourists from Gujarat and Rajasthan visit it. The environment here is fresh and attractive. The waterfalls flow whole year and the hotel at the valley made in yellow sandstone of Jaisalmer attracts everyone.
Architecture
Sundha temple is made up of white marble, the pillars reminds the art of Abus’s Dilwara temple pillars. A very beautiful idol of goddess Chamunda is present under the huge stone. Here Chamunda’s head is worshipped. It is said that the trunk of mother Chamunda are established in Korta and legs in Sundarla Pal (Jalore). In front of mother Chamunda a BhurBhuva Swaweshwar Shivling is established. In the main temple duo idol of Shiva and Parvati Ganesh’s idol are considered very old and extinct.
History
In the temple premises there are three historically significant inscriptions that highlight the history of the region. First inscription is from AD 1262, which describes victory of Chauhans and downfall of Parmaras. The second inscription is from 1326, and the third one is from 1727.
The Sundha inscriptions are of peculiar importance in historical sense—like the Harishen inscription or Delhi’s Mehrulli pillar inscription. Sundha inscriptions throw light on the history of India.
Wildlife sanctuary
There is a wildlife sanctuary nearby covering an area of 107 square kilometers. Korta is a historic place and has developed in a major tourist attraction. Korta has lot to offer, from its rich history, culture, tradition and the warm hospitality of locals. korta is a true insight of rural India. Places to visit, Temples as old as 10th Century, Marsh Crocodile century, Shepard's Hamlets & many more.
Kortaescape is a retreat. Perfect place to relax and enjoy the vacation for nature enthusiasts. Kortaescape is a serene farm surrounded by famous Aravali range of mountain, there are 11 beautiful cottages with all modern amenities. Being a base camp for Korta Stables, Ashwarohi Safari, Korta Jeep Safaris.
Kortaescape provides many activities in and around Kortaesacpe.
Activity includes village walk, visit to temple, meeting the local tribes, try hands-on pottery, day excursion on horse-back, jeep safari, and night out in the wilderness or trekking in the Arravali hills (The oldest mountain range in the world). It's an ideal choice of adventurous people who can have the taste of wilderness under open sky with all the comforts. “A blend of adventure and luxury”.
Kortastud was established in the year 2008, to continue the age old tradition of breeding Marwari Horses by Mr. Siddharth Singh (Sid). He belongs to a noble family, who holds the pride of being one of the oldest & best breeders of “Marwari Breed of Horses” in the region. The horses from the family stables have been proven champions in different disciplines for many years.
We are located in North West of Rajasthan on a farm, where we cater for horses and riders with excellence in perfection. Over the years Korta Stud team has been responsible for training, breeding, sourcing, producing and caring for horses whose blood lines have been proven and have competed successfully.
Curtsey KORTASTUD.
Fairs
बाडमेर सहकारी भण्डार में 1करोड 27 लाख का गबन
बाडमेर सहकारी भण्डार में 1करोड 27 लाख का गबन
बाडमेर बाडमेर जिले के सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डार में एक करोड 27 लाख के गबन का मामला सामनें आया हैं।विभाग द्घारा इस मामले की पुश्टि के साथ ही विभाग नें राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 57 के तहत दर्ज कर लिया हैं।इस मामलें में विभाग द्घारा तत्कालीन व्यवस्थापक और लेखापाल को गबन का दोशी ठहराया गया हैं।
सयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियॉ जसेधपुर उमराव सिंह चारण नें बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी नें सहकारी दपभोक्ता होलसेल भण्डार बाडमेर की ऑडिट रिपोर्ट में वशर 200809 के पैरा 19:2;7 (6) के अनुसार कस्टमर चारा लेनदारी के लि लेखापाल पुखराज दवे तथा तत्कालीन व्यवस्थापक प्रेमसिंह चौधरी के विरूद्ध एक करोड सताइस लाख रूप्ये के गबन करने का मामला दर्ज किया गया हैं।
उनहोने बताया कि इन दोनों नें संस्था के उपनियमों तथा जिला कलेक्टर के निर्दों के विरूद्ध जाकर स्वयं सेवी संस्थाओं को अपने अधिकार क्षैत्र से बाइर जाकर चारा वितरण किया।जिसकी वसूली के प्रयास तक नही किए गयें।चारण के अनुसार कमटी ने निर्णय लिया कि आडिट रिपोर्ट कें अनुसार वशर 200809 के पैरा 19,2,7(6) में आऐं तथ्यों के अनुसार भण्डार के इन दोनों कर्मचारियों नें 1,27,14,269 रूप्यें की राी का गबन होना सपश्ट होता हैं।गौरतलब हैं कि भण्डार द्घारा अकाल राहत के तहत जिला प्रासन द्घारा पाुओं की सहायतार्थ चलाऐं पु िविरों में स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से चारा बडी मात्रा में आपूर्ति किया गया था।सवयं सेवी संस्थाओं द्घारा भूंगतान कर दिया गयाएमगर उक्त भुगतान भण्डार में जमा नही कराया।करोडो रूप्यों की उधारी वसूली कें जब भण्इार नें संस्थाओं के विरूद्ध नोटिस निकाले तब संस्थाओं द्घारा अवगत कराया गया कि वें अपना भुगतान कर चुके हैं।भण्उार के इन कर्मचारियों सक्रीनिंग कमेटी के समक्ष बयान तथा अपना पक्ष रखनें का पूर्ण अवयर दिया गयाएजिसमें तत्कालीन व्यवस्थापक नें अपना पक्ष रखा मगर लेखापाल नें अपना कोई पक्ष कमेटी के सामने नहीं रखा।जिससे अपरोक्त राी का गबन और अनियमितताऐं स्पश्ट सामने आई।इनके खिलाफ विभाग नें मामला दर्ज कर बयाज सहित वसूली की कार्यवाही आरम्भ कर दी हैं।
सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डार व्यवस्थापक अर्जुन सिंह ने बताया कि भण्डार के पास चारा आपूर्ति का समस्त रिकार्ड अपलब्ध ही नही हैं।सवयं सेवी संस्थाओं नें स्पश्ट कहा कि इनके द्घारा भुगतान किया जा चुका हैं।विभाग ने तत्कालीन व्यवस्थापक और लेखापाल को गबन का दोशी ठहराया हैं।उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया हैं।
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