गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

मरु महोत्सव का भव्य आगाज राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर



मरु महोत्सव का भव्य आगाज राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर की धरा
जैसलमेर

राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर की धरा पर बुधवार को मरु महोत्सव का भव्य आगाज हुआ। सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर गड़सीसर सरोवर से विशाल आकर्षक शोभा यात्रा निकली जिसमें राज्य भर की संस्कृति की झलक दिखाई दे रही थी। इन्हीं झलकियों के बीच भारतीय सीमा के जांबाज सिपाही सजे धजे ऊंटों पर सवार होकर राष्ट्र की सामरिक शक्ति का संदेश दिया। ऊंटों पर सवार बीएसएफ की माउंटेन बैंड की धुन सभी को आकर्षित कर रही थी। लोक कलाकारों के साथ ही राज्य भर से आए अनेक कलाकारों ने समां बांधा। मि. डेजर्ट प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को देखने के लिए रास्ते भर में भीड़ उमड़ी रही। शोभायात्रा के साथ चल रहे ये प्रतिभागी जैसलमेर की शान को प्रदर्शित कर रहे थे। शोभायात्रा में मंगल कलश लिए बालिकाएं, गैर नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य व मूमल महेन्द्रा की झांकियां भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। यह शोभायात्रा गड़सीसर से रवाना होकर, आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक व हनुमान चौराहा होती हुई पूनम स्टेडियम पहुंची।
 

इससे पूर्व बुधवार की सुबह जैसलमेर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथजी की विधिवत पूजा अर्चना व मंगला भजनों के साथ मरु महोत्सव के सफल आयोजन की कामना की गई। नादस्वरम संस्था के कलाकारों ने शानदार भजनों की प्रस्तुतियां दी। महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका में अधिकारी वर्ग हावी रहा। किसी भी स्थानीय प्रबुद्धजन को निर्णायक नहीं बनाया गया। हर प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका अधिकारियों व उनकी पत्नियों ने निभाई। कार्यक्रम के दौरान लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा।
 

ढोल पर थाप लगाकर मरु महोत्सव 2011 का आगाज
 

मरु महोत्सव के कार्यक्रमों का आगाज पूनम स्टेडियम मैदान में आस्ट्रेलिया से आए विदेशी मेहमान इयान डिकंसन व क्रिस ने ढोल पर थाप लगाकर किया। इस अवसर पर कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक अंशुमन भोमिया, उप निदेशक पर्यटन नंदलाल अलावदा, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक तंवर व सहायक निदेशक पर्यटन विकास पंड्या भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय बालिका उमावि की 101 बालिकाओं ने विभिन्न लोक गीतों के मुखड़ों पर आधारित घूमर नृत्य किया।

सेंटपॉल की झांकी रही प्रथम

आयोजन के तहत प्रतियोगिताओं की शुरुआत राजस्थान की प्रेम कहानी मूमल महेन्द्रा झांकी से हुई। इस प्रतियोगिता में छह झांकियों ने हिस्सा लिया। ऊंट गाड़ों पर सवार इन झांकियों को मंच के आगे से निकाला गया। इसमें सेंटपॉल स्कूल की ओम शिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार राजस्थान बाल भारती की प्रीति भाटिया व आयुष भाटिया द्वितीय व लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय की गुडिय़ा माली व खेताराम चौधरी की झांकी तृतीय रही।
 

जैसलमेर. माउंटन बैंड ने बढ़ाई शोभा यात्रा की शोभा।

जैसलमेर. मूमल महेन्द्रा प्रतियोगिता में विजयी रही ओमशिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी।

जैसलमेर. मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता में विजयी हुए श्यामदेव कल्ला।

जैसलमेर. मरुमहोत्सव के अवसर पर ढोल की थाप के साथ ही मरु मेले का आगाज करते विदेशी पर्यटक।

जैसलमेर. मिस मूमल प्रतियोगिता में विजयी हुई दिव्या जंगा।


विदेशी सैलानियों ने बांधे साफे

विदेशी सैलानियों की साफा बांधो प्रतियोगिता में राजस्थान संस्कृति में रंगने के लिए 10 प्रतिभागियों ने उत्साह से भाग लिया। इन सैलानियों को पर्यटन विभाग के कुंभाराम चौधरी ने साफा बांधने का प्रदर्शन करके दिखाया। इसके बाद विशल बजने के साथ ही विदेशी प्रतिभागी राजस्थानी साफे में इस कदर उलझे कि सभी दर्शकों हंसी छूट गई। यह प्रतियोगिता काफी मनोरंजक रही। प्रतियोगिता में स्पेन की अजरा सांचेज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं विक्टर लेंडर द्वितीय व कार्न तृतीय स्थान पर रहे। स्थानीय लोगों की साफा बांधों प्रतियोगिता में संतोष कुमार माहेश्वरी प्रथम रहे। बृजवल्लभ द्वितीय व एस कुमार हठीला तृतीय स्थान पर रहे।
 

फोटोग्राफी करने की होड़
 

देसी विदेशी सैलानियों में कार्यक्रमों की फोटोग्राफी करने ही होड़ सी मची रही। विदेशी सैलानी तो हर एक दृश्य को लेने के लिए उत्सुक नजर आ रहे थे। शोभायात्रा के रास्ते भर में बड़ी संख्या में सैलानी सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर फोटोग्राफी करते नजर आए। वहीं पूनम स्टेडियम में सैलानी हर एक लम्हे की फोटोग्राफी करने की कोशिश में लगे रहे। मरु महोत्सव के पहले दिन सैलानियों के साथ स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

फिल्मों में काम करने की चाहत - मि. डेजर्ट
 

मि. डेजर्ट 2011 श्यामदेव कल्ला बीकानेर के रहने वाले हैं। 33 वर्षीय कल्ला ने पहली बार मरु श्री प्रतियोगिता में भाग लिया। खिताब हासिल करने के बाद कल्ला ने बताया कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हमारी आन बान शान राजस्थानी वेशभूषा को आज भी जीवित रखने में इस प्रतियोगिता की महत्ती भूमिका है। मैं सभी को यही संदेश देना चाहता हंू कि राजस्थानी संस्कृति को कभी न भूलें। कल्ला ने कहा कि बचपन से ही मुझे कलाकार बनने की इच्छा थी और अब मि. डेजर्ट बनने के बाद मैं राजस्थानी फिल्मों में काम करने की चाहत रखता हंू।
 

सादगी में ही सुंदरता - मिस मूमल
 

जैसलमेर की रहने वाली दिव्या जंगा ने मिस मूमल का खिताब हासिल किया। बीकॉम प्रथम वर्ष की स्टूडेंट व कंपनी सैक्रेट्री की तैयारी कर रही दिव्या ने बताया कि मॉडलिंग व फिल्मों में जाने का नहीं सोचा है। वर्तमान में केवल मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही हंू। उसने अपनी जीत का श्रेय परिजनों के आशीर्वाद को दिया। दिव्या ने कहा कि सादगी से ही खूबसूरती निखरती है और राजस्थान की सुंदरता की झलक यहां की वेशभूषा में देखी जा सकती है।

रामसिंह व गिरधर ने जीती मूंछ प्रतियोगिता

मूंछ प्रतियोगिता में 11 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में ग्रुप केप्टन राजीव रंजन, डीआईजी बीएसएफ बी.आर. मेघवाल व विंग कमांडर अनिल एंगले शामिल थे। इसमें रामसिंह राजपुरोहित व गिरधर व्यास को प्रथम घोषित किया। इसी प्रकार प्रतियोगिता में मनोज कुमार व्यास द्वितीय तथा सुभाष पुरोहित व थिरपालदास खत्री ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
 

हैरतअंगेज करतब दिखाए
 

मरु महोत्सव के पहले दिन सबसे आकर्षक वायुसैनिकों के हैरतअंगेज करतब रहे। भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने छह हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर हर किसी को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। हवाई जहाज से विंग कमांडर बसंतराज के नेतृत्व में सात जवानों ने छलांग लगाई और पैराशूट से पूनम स्टेडियम में निर्धारित स्थान पर उतरे। वायुसैनिकों के एयर ड्रिल कार्यक्रम में हाथों में बंदूकें लिए करतब को भी सराहा गया।
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें