गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

देखते देखते हुजुम उमड़ा बाणे में राजस्थानी भाषा रो हैलो



देखते देखते हुजुम उमड़ा
बाणे में राजस्थानी भाषा रो हैलो
बाड़मेर। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा गुरूवार प्रातः प्रारम्भ किए प्रथम चरण हस्ताक्षर अभियान में बाड़मेर की जनता का राजस्थानी भाषा के प्रति अपार उत्साह सामने आया। देखते देखते इस अभियान को समर्थन के लिए हुजुम उमड़ पड़ा। पार्षद अशोक दर्जी, अरविन्द जागिड़, रमेश मंगलिया, सुरतानसिह, शिक्षक नेता शेरसिह भूरटिया, बालसिह राठौड़, महेन्द्र कुमार चौधरी, नूतनपुरी गोस्वामी, जिला परिषद कोसर बानो, समाजसेवी भाखरसिंह भूरटिया, अभिभाषक सम्पत बोथरा, अलसाराम कुमावत, कैलाशसिंह कोटड़िया, भगवानसिह रोहिली, शेलेन्द्र अरोड़ा, पूर्व पार्षदमोहनसिंह सोा, डॉ. रामेश्वरी चौधरी, दलित नेता लक्ष्मण वडेरा, सुखदेव वैष्णव, उगमसिंह द्रराबा सहित 900 से अधिक लोगो से हस्ताक्षर कर अभियान का आगाज किया। बाणे जिले में राजस्थानी भाषा रो हैलो के प्रथम चारण में दस हजार से अधिक हस्ताक्षर कराए जाने का लक्ष्य समिति द्वारा रखा गया है। बाड़मेर निवासियों ने हस्ताक्षर बैनर पर दिलचस्प नारे भी लिखे जैसे म्हारी रोटी बेटी राजस्थानी म्हारी बोटीबोटी राजस्थानी, मत फैके राजनीति पासा, म्यारी सगली मात्र राजस्थानी भाषा, बिना चैरे किकर करू धड़ री पैचाण राजस्थानी राखिया, रहसी राजस्थानी, सगली भाषा ने मानता राजस्थानी ने टालौ क्यू, म्हारे जुबान पर तालौ क्यू जैसे नारे लिख बाड़मेरवासियों ने अपने दिलों में बसी राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर किए जा रहे सघर्ष में अपना समर्थन दिया।
हस्ताक्षर अभियान के प्रति उत्साह देखते बनता था दुल्हा कपिल वडेरा व ट्राई साईकिल पर आये विकलांग युवा देवाराम सासिया सहित मौलाना कमरूदीन एवं अन्य अल्पसंख्यक नागरिको ने भी अपने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया।

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