पाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र
जैसलमेर भारत में बसने के लिए पत्नी के साथ यहां आए पाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र तक दे दिया गया। यह मेहरबानी जैसलमेर में प्रशासन गांवों के संग शिविर के दौरान उसके पिता की मृत्यु के तीस साल बाद हुई है। ग्राम पंचायत ने भी प्रमाणित दस्तावेजों के बगैर ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इसका खुलासा सीआईडी (इंटलिजेन्स) की गुप्त जांच रिपोर्ट में हुआ है।
पाकिस्तान में सिंध प्रांत के जिला गोटकी स्थित धारकी निवासी अली अकबर मेहर ने अपने स्थाई आवास के आवेदन के साथ उसके पिता राणे खां की मृत्यु का प्रमाण पत्र भी पेश किया। इसमें राणे खां की मृत्यु जून 1980 में होना दर्शाया गया। यह मृत्यु प्रमाण-पत्र गत 13 दिसम्बर 10 को प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरानजैसलमेर की पंचायत समिति सम के कुण्डा पंचायत की ओर से जारी किया गया।
प्रमाणित दस्तावेज नहीं
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमानुसार मतदाता सूची, वोटर कार्ड, जमाबंदी, राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र होना जरूरी है। प्रमाण-पत्र बनाने के आवेदन के साथ इनमें से एक भी दस्तावेज नहीं पेश किया गया। इससे खुफिया एजेन्सी को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमानुसार मतदाता सूची, वोटर कार्ड, जमाबंदी, राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र होना जरूरी है। प्रमाण-पत्र बनाने के आवेदन के साथ इनमें से एक भी दस्तावेज नहीं पेश किया गया। इससे खुफिया एजेन्सी को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है।
सिर्फ शपथ पत्र ही आधार
शिविर में पेश किया गया आवेदन भी जन्म प्रमाण पत्र प्रारूप में पेश किया गया। इसमें उसने बताया कि उसके पुत्र राणे खां की 5 जून 1980 को मृत्यु हो गई थी। एक अघिवक्ता ने इसे प्रमाणित किया। तहसीलदार जब्बरसिंह के आदेश पर ग्राम सेवक ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जबकि खुफिया जांच में कहीं भी राणे खां की भारत में मृत्यु होना प्रमाणित नहीं हो रहा है।
शिविर में पेश किया गया आवेदन भी जन्म प्रमाण पत्र प्रारूप में पेश किया गया। इसमें उसने बताया कि उसके पुत्र राणे खां की 5 जून 1980 को मृत्यु हो गई थी। एक अघिवक्ता ने इसे प्रमाणित किया। तहसीलदार जब्बरसिंह के आदेश पर ग्राम सेवक ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जबकि खुफिया जांच में कहीं भी राणे खां की भारत में मृत्यु होना प्रमाणित नहीं हो रहा है।
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