राजे निर्विवाद, सीएम पर फैसला अभी नहीं
नई दिल्ली। राजस्थान भाजपा में मची कलह पर पार्टी केंद्रीय नेतृत्व सोमवार को भी कोई फैसला लेने के बजाय मामला टालने की कोशिश करता ही नजर आया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी चाहती है कि 24-25 मई को मुंबई में राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक मामले को किसी तरह ठंडे बस्ते में डाला जाए। जयपुर में जहां वसुंधरा ने विधायकों से इस्तीफा न देने की अपील की, वहीं राजे विरोधी खेमा भी सक्रिय हो उठा। पहले इस्तीफा देने वाली राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी ने अब इससे इनकार किया है।
नितिन गडकरी ने ली महासचिवों की बैठक
पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने दिल्ली पहुंचते ही पार्टी महासचिवों की बैठक ली। पार्टी की तरफ से भले ही इस बैठक को रूटीन बताया गया। लेकिन संकेत हैं कि बैठक में राजस्थान के घमासान पर चर्चा की गई। हालांकि, केन्द्रीय नेतृत्व ने भ्रम की स्थिति दूर करने का प्रयास जरूर किया।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने ब्रीफिंग में कहा कि वसुंधरा राजे ही प्रदेश में पार्टी की निर्विवाद नेता हैं, मगर मुख्यमंत्री के लिए उम्मीदवार पर फैसला अभी नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय नेतृत्व ने वसुंधरा से कहा है कि प्रदेश में वही पार्टी का चेहरा हैं और विवाद को तूल नहीं दिया जाना चाहिए। बताया जाता है कि राजे ने अरूण जेटली व अन्य नेताओं से बात की।
बंद करें इस्तीफों का सिलसिला-राजे
जयपुर . प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने अपने समर्थकों से इस्तीफों का दौर बंद करने की अपील की है। राजे ने कहा कि यह परिवार का मसला है, जिसे मिलकर हल कर लेंगे।
अब तक 61 विधायकों के इस्तीफे : जेल में बंद राजेन्द्र राठौड़ ने भी सोमवार को राजे को त्यागपत्र भिजवाया। राजे के समर्थन में इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 61 हो गई है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा है कि उन्हें कोई इस्तीफा नहीं मिला है।
48 पूर्व सांसद व विधायक भी साथ में
राजे के समर्थन में सोमवार को 44 पूर्व विधायक, 4 पूर्व सांसदों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे सौंपे। पार्टी की जिला इकाइयों व मोर्चो के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे भिजवाए हैं। सोमवार को भी राजे के सरकारी आवास पर सुबह से गहमागहमी रही।
राजे विरोधी खेमा हुआ सक्रिय
राजे विरोधी माना जाने वाला खेमा भी सोमवार को सक्रिय हो गया। खेमे से जुड़े नेताओं की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामदास अग्रवाल के घर पर बैठक हुई। इसमें विधायक दल के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष गुलाब चंद कटारिया व ललित किशोर चतुर्वेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत शामिल हुए।
पार्टी को नहीं मिले इस्तीफे
प्रदेशाध्यक्ष चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में अग्रवाल के घर हुई बैठक के बारे में इतना ही कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि पार्टी के सामने जो चिंता है उसका समाधान निकाला जाना चाहिए। चतुर्वेदी ने किसी भी विधायक या पदाधिकारी का इस्तीफा मिलने से साफ इनकार करते हुए कार्यकर्ताओं से त्यागपत्र न देने की अपील की है। सवालों के जवाब में उनका कहना था कि मीडिया में कोई बात कहने के बजाय पार्टी फोरम पर करनी चाहिए। उन्होंने कहा, संगठन विरोधी बयानों पर पार्टी ने प्रसंज्ञान लिया है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, कटारिया की यात्रा के मामले में अब कोई विवाद नहीं बचा है।
इस्तीफे जैसी कोई बात नहीं-माहेश्वरी
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी के तेवर सोमवार को कुछ नरम दिखे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की अनुशासित सिपाही हैं। "पत्रिका" से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह कहना कि अध्यक्ष नितिन गडकरी की टीम में फूट पड़ गई है, बेबुनियाद है। वे राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं और जिम्मेदारियों को समझती हैं। इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऎसी बात ही नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा में किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। जो विवाद है उन्हें बातचीत से सुलझा लिया जाएगा। राजस्थान का मामला पूरी तरह से पार्टी का अंदरूनी मामला है। अरूण जेटली से हुई मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज पार्टी महासचिवों की बैठक थी, जिसमें वे भाग लेने के दिल्ली आई थी। इसी दौरान उन्होंने जेटली समेत कई नेताओं से मुलाकात की। इन मुलाकातों का राजस्थान विवाद से कोई लेना देना नहीं है।
नई दिल्ली। राजस्थान भाजपा में मची कलह पर पार्टी केंद्रीय नेतृत्व सोमवार को भी कोई फैसला लेने के बजाय मामला टालने की कोशिश करता ही नजर आया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी चाहती है कि 24-25 मई को मुंबई में राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक मामले को किसी तरह ठंडे बस्ते में डाला जाए। जयपुर में जहां वसुंधरा ने विधायकों से इस्तीफा न देने की अपील की, वहीं राजे विरोधी खेमा भी सक्रिय हो उठा। पहले इस्तीफा देने वाली राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी ने अब इससे इनकार किया है।
नितिन गडकरी ने ली महासचिवों की बैठक
पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने दिल्ली पहुंचते ही पार्टी महासचिवों की बैठक ली। पार्टी की तरफ से भले ही इस बैठक को रूटीन बताया गया। लेकिन संकेत हैं कि बैठक में राजस्थान के घमासान पर चर्चा की गई। हालांकि, केन्द्रीय नेतृत्व ने भ्रम की स्थिति दूर करने का प्रयास जरूर किया।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने ब्रीफिंग में कहा कि वसुंधरा राजे ही प्रदेश में पार्टी की निर्विवाद नेता हैं, मगर मुख्यमंत्री के लिए उम्मीदवार पर फैसला अभी नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय नेतृत्व ने वसुंधरा से कहा है कि प्रदेश में वही पार्टी का चेहरा हैं और विवाद को तूल नहीं दिया जाना चाहिए। बताया जाता है कि राजे ने अरूण जेटली व अन्य नेताओं से बात की।
बंद करें इस्तीफों का सिलसिला-राजे
जयपुर . प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने अपने समर्थकों से इस्तीफों का दौर बंद करने की अपील की है। राजे ने कहा कि यह परिवार का मसला है, जिसे मिलकर हल कर लेंगे।
अब तक 61 विधायकों के इस्तीफे : जेल में बंद राजेन्द्र राठौड़ ने भी सोमवार को राजे को त्यागपत्र भिजवाया। राजे के समर्थन में इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 61 हो गई है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा है कि उन्हें कोई इस्तीफा नहीं मिला है।
48 पूर्व सांसद व विधायक भी साथ में
राजे के समर्थन में सोमवार को 44 पूर्व विधायक, 4 पूर्व सांसदों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे सौंपे। पार्टी की जिला इकाइयों व मोर्चो के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे भिजवाए हैं। सोमवार को भी राजे के सरकारी आवास पर सुबह से गहमागहमी रही।
राजे विरोधी खेमा हुआ सक्रिय
राजे विरोधी माना जाने वाला खेमा भी सोमवार को सक्रिय हो गया। खेमे से जुड़े नेताओं की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामदास अग्रवाल के घर पर बैठक हुई। इसमें विधायक दल के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष गुलाब चंद कटारिया व ललित किशोर चतुर्वेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत शामिल हुए।
पार्टी को नहीं मिले इस्तीफे
प्रदेशाध्यक्ष चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में अग्रवाल के घर हुई बैठक के बारे में इतना ही कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि पार्टी के सामने जो चिंता है उसका समाधान निकाला जाना चाहिए। चतुर्वेदी ने किसी भी विधायक या पदाधिकारी का इस्तीफा मिलने से साफ इनकार करते हुए कार्यकर्ताओं से त्यागपत्र न देने की अपील की है। सवालों के जवाब में उनका कहना था कि मीडिया में कोई बात कहने के बजाय पार्टी फोरम पर करनी चाहिए। उन्होंने कहा, संगठन विरोधी बयानों पर पार्टी ने प्रसंज्ञान लिया है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, कटारिया की यात्रा के मामले में अब कोई विवाद नहीं बचा है।
इस्तीफे जैसी कोई बात नहीं-माहेश्वरी
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी के तेवर सोमवार को कुछ नरम दिखे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की अनुशासित सिपाही हैं। "पत्रिका" से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह कहना कि अध्यक्ष नितिन गडकरी की टीम में फूट पड़ गई है, बेबुनियाद है। वे राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं और जिम्मेदारियों को समझती हैं। इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऎसी बात ही नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा में किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। जो विवाद है उन्हें बातचीत से सुलझा लिया जाएगा। राजस्थान का मामला पूरी तरह से पार्टी का अंदरूनी मामला है। अरूण जेटली से हुई मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज पार्टी महासचिवों की बैठक थी, जिसमें वे भाग लेने के दिल्ली आई थी। इसी दौरान उन्होंने जेटली समेत कई नेताओं से मुलाकात की। इन मुलाकातों का राजस्थान विवाद से कोई लेना देना नहीं है।