दोषी अधिकारियों को ही जाँच दर जांच
ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में क्लस्टर में बंदरबांट, जलग्रहण कमेटी के गठन में अनियमितताएं
बाड़मेर. पंचायत समिति बायतु की ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में क्लस्टर आवंटन व स्वीकृति में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। नियमों को ताक पर रखते हुए जलग्रहण समिति का गठन कर दिया गया। इतना ही नहीं तत्कालीन सरपंच ने पंचायत में पहले से क्लस्टर स्वीकृत होने के बावजूद एनओसी जारी कर दी। यही नहीं मामले की जांच जिला परिषद की ओर से उस अधिकारी को सौंप दी गई, जिसके खिलाफ आरोप लगे हैं। बावजूद इसके करोड़ों के काज स्वीकृत कर दिए गए।
ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में आईडब्ल्यूएमपी योजनांतर्गत वर्ष 2009-10 में जलग्रहण परियोजना सिंगोडिय़ा स्वीकृत की गई। इसके तहत करीब 6.70 करोड़ के विकास कार्य करवाए जाने प्रस्तावित हैं। जलग्रहण परियोजना स्वीकृति से पहले सरपंच की ओर से एनओसी जारी की जानी प्रस्तावित थी कि पंचायत क्षेत्र में पहले जलग्रहण परियोजना स्वीकृत नहीं है। इस पर सरपंच ने मनमर्जी से एनओसी जारी कर दी। जबकि ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा के नया बाटाडू में वर्ष 1998-2000 व ग्राम चेनोणियों की ढाणी में वर्ष 2000-2005 में क्लस्टर स्वीकृत था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संयुक्त निदेशक प्रशासन ने अधिशासी अभियंता जिला परिषद को जांच कर रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए थे। मगर अभी तक जांच रिपोर्ट तैयार नहीं की गई। जलग्रहण कमेटी के गठन में अनियमितता बरतने के मामले को लेकर 15 मार्च 2011 को अपर कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला जन अभाव अभियोग निराकरण व सतर्कता समिति ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जांच के आदेश दिए। इस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अधिशासी अभियंता पी.एल. बाजिया को निर्देश दिए तो बाजिया ने उक्त जांच बायतु पंचायत समिति के सहायक अभियंता को सौंप दी। जिनके खिलाफ कमेटी गठन में अनियमितताएं बरतने को लेकर आरोप लगे हैं।
चहेतों पर अफसर मेहरबान: ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में जलग्रहण कमेटी का आनन फानन में गठन किया गया। इस दौरान पूर्व सरपंच के चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कायदे ताक पर रख दिए। परियोजना में शामिल गांवों को छोड़ अन्य गांवों के किसानों को कमेटी में शामिल कर दिया गया। जानकारी के अनुसार कमेटी के रजिस्ट्रेशन में खीमाराम पुत्र मोतीराम को सदस्य मनोनीत करते हुए नया बाटाडू निवासी बताया गया है। जबकि व हरखाली का रहने वाला है। इसी तरह लहरों देवी पत्नी पीराराम को सदस्य मनोनीत किया गया। जबकि वह जलग्रहण परियोजना क्षेत्र के गांव की निवासी नहीं है। इस तरह कई सदस्य तो ग्राम पंचायत क्षेत्र के भी निवासी नहीं है।
पूर्व सरपंच व परियोजना अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज: सामाजिक कार्यकर्ता तेजाराम ने ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में सरकारी योजना के तहत स्वीकृत कार्यों में गबन व अनियमितताओं को लेकर न्यायालय के माध्यम से पुलिस थाना गिड़ा में 7 फरवरी 2012 को तत्कालीन सरपंच राणाराम व परियोजना अधिकारी लेखा सांवर मल के खिलाफ मामला दर्ज करवा रखा है।
बाड़मेर. पंचायत समिति बायतु की ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में क्लस्टर आवंटन व स्वीकृति में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। नियमों को ताक पर रखते हुए जलग्रहण समिति का गठन कर दिया गया। इतना ही नहीं तत्कालीन सरपंच ने पंचायत में पहले से क्लस्टर स्वीकृत होने के बावजूद एनओसी जारी कर दी। यही नहीं मामले की जांच जिला परिषद की ओर से उस अधिकारी को सौंप दी गई, जिसके खिलाफ आरोप लगे हैं। बावजूद इसके करोड़ों के काज स्वीकृत कर दिए गए।
ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में आईडब्ल्यूएमपी योजनांतर्गत वर्ष 2009-10 में जलग्रहण परियोजना सिंगोडिय़ा स्वीकृत की गई। इसके तहत करीब 6.70 करोड़ के विकास कार्य करवाए जाने प्रस्तावित हैं। जलग्रहण परियोजना स्वीकृति से पहले सरपंच की ओर से एनओसी जारी की जानी प्रस्तावित थी कि पंचायत क्षेत्र में पहले जलग्रहण परियोजना स्वीकृत नहीं है। इस पर सरपंच ने मनमर्जी से एनओसी जारी कर दी। जबकि ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा के नया बाटाडू में वर्ष 1998-2000 व ग्राम चेनोणियों की ढाणी में वर्ष 2000-2005 में क्लस्टर स्वीकृत था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संयुक्त निदेशक प्रशासन ने अधिशासी अभियंता जिला परिषद को जांच कर रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए थे। मगर अभी तक जांच रिपोर्ट तैयार नहीं की गई। जलग्रहण कमेटी के गठन में अनियमितता बरतने के मामले को लेकर 15 मार्च 2011 को अपर कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला जन अभाव अभियोग निराकरण व सतर्कता समिति ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जांच के आदेश दिए। इस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अधिशासी अभियंता पी.एल. बाजिया को निर्देश दिए तो बाजिया ने उक्त जांच बायतु पंचायत समिति के सहायक अभियंता को सौंप दी। जिनके खिलाफ कमेटी गठन में अनियमितताएं बरतने को लेकर आरोप लगे हैं।
चहेतों पर अफसर मेहरबान: ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में जलग्रहण कमेटी का आनन फानन में गठन किया गया। इस दौरान पूर्व सरपंच के चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कायदे ताक पर रख दिए। परियोजना में शामिल गांवों को छोड़ अन्य गांवों के किसानों को कमेटी में शामिल कर दिया गया। जानकारी के अनुसार कमेटी के रजिस्ट्रेशन में खीमाराम पुत्र मोतीराम को सदस्य मनोनीत करते हुए नया बाटाडू निवासी बताया गया है। जबकि व हरखाली का रहने वाला है। इसी तरह लहरों देवी पत्नी पीराराम को सदस्य मनोनीत किया गया। जबकि वह जलग्रहण परियोजना क्षेत्र के गांव की निवासी नहीं है। इस तरह कई सदस्य तो ग्राम पंचायत क्षेत्र के भी निवासी नहीं है।
पूर्व सरपंच व परियोजना अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज: सामाजिक कार्यकर्ता तेजाराम ने ग्राम पंचायत सिंगोडिय़ा में सरकारी योजना के तहत स्वीकृत कार्यों में गबन व अनियमितताओं को लेकर न्यायालय के माध्यम से पुलिस थाना गिड़ा में 7 फरवरी 2012 को तत्कालीन सरपंच राणाराम व परियोजना अधिकारी लेखा सांवर मल के खिलाफ मामला दर्ज करवा रखा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें